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सड़क सुरक्षा पर 21+ सर्वश्रेष्ठ नारे

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Road safety slogans in Hindi

यह तो हम सभी जानते हैं कि वाहन चलाते वक्त सावधानी बरतनी अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन फिर भी हम अपने  घरों से टाइम पर नहीं निकलते हैं जिससे गंतव्य स्थान पर पहुंचने की इतनी जल्दी होती है कि हम अपना वाहन इतनी तेज स्पीड चलाते हैं कि, गाड़ी का जरा सा भी संतुलन बिगड़ जाने से उसे संभाल नहीं पाते, और हादसे का शिकार हो जाते हैं, जिससे शारीरिक पीड़ा तो होती ही है।

वहीं कई बार तो लोग इस तरह के सड़क हादसों में अपनी जान गवां बैठते हैं। इसलिए सड़क सुरक्षा सभी के लिए बेहद जरूरी हैं, वहीं वाहन चलाते वक्त पूरी तरह से अलर्ट रहना चाहिए, नहीं तो थोड़ी सी भी चूक की आपको बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

इसलिए हम आपको अपने इस पोस्ट पर सड़क सुरक्षा पर कुछ स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनसे आपको सड़क सुरक्षा के महत्व को समझने तो आसानी मिलेगी ही साथ ही अगर आप इन स्लोगन को फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सऐप समेत अन्य सोशल साइट्स पर अपलोड करेंगे तो अन्य लोग भी रोड सेफ्टी के प्रति जागृत होंगे और सड़क हादसों से लगातार हो रही मौतों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

सड़क सुरक्षा पर 21+ सर्वश्रेष्ठ नारे – Road Safety Slogan in Hindi

Road Safety Slogans

“वाहन धीमा चलाये, अपना कीमती जीवन बचाये।

जन-जन का अब सिर्फ एक ही नारा, सड़क सुरक्षा नियमों को है अपनाना।

“खुद की जिंदगी को अगर है बढ़ाना, हमेशा सुरक्षा नियमों को अपनाना।

Road Safety Slogans gif

“दुघर्टना से देर भली।

सेफ रहें, और सुरक्षित रहें।

“सज्जन व्यक्ति वही, जो सेफ्टी अपनाए सही।

वाहनों में ओवरलोड करें, और अपनी जान का जोख जोखिम भरे।

slogans on road safety in Hindi

“मत करो इतनी मस्ती, जिंदगी नहीं हैं सस्ती।

सुरक्षा से जो भी नाता तोड़ेगा, वह एक दिन दुनिया को छोड़ेगा।

“एक भूल करे भारी नुकसान, छीने खुशियां और मुस्कान।

अगर आप सड़क सुरक्षा नियमों का सम्मान, फिर न होगी दुर्घटना और नहीं होगे आप परेशान।

Road Safety Slogans and Posters

वहीं आज की युवा पीढ़ी वाहन चलाते वक्त बेइंतहा लापरवाही बरत रही हैं, जिसकी वजह है कि आज सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है।

वहीं इसकी एक मुख्य वजह वाहन चालकों द्धारा यातायात के नियमों का भली प्रकार से पालन न करना, नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाना, ईयरफोन लगाकर गाडी़ चलाना या फिर गाड़ी में लाउड म्यूजिक चलाने की वजह से ड्राइविंग पर ध्यान नहीं देना, और गलत दिशा में गाड़ी चलाना समेत ओवरलोड वाहन चलाना आदि है।

आज कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता है कि जब सड़क हादसों की खबर न्यूजपेपर और टीवी चैनलों में न दिखाई दें, इसलिए सड़क सुरक्षा को लेकर सभी को जागरुक करना बेहद आवश्यक है, खासकर आज की युवा पीढ़ी को यातायात नियमों के बारे में जागरुक करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि वो दिखावे के चक्कर में न सिर्फ बेहद तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं बल्कि तरह-तरह के खतरनाक बाइक स्टंट आदि कर अपनी जान जोखिम में डालने से जरा भी नहीं कतराते।

वहीं ”दुर्घटना से देर भली”, ”सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” जैसे तमाम सड़क सुरक्षा स्लोगनों में माध्यम से सड़क हादसों पर नियंत्रण लगाने में आसानी होगी। इसके साथ ही परिवहन विभाग को भी इस दिशा में बेहद ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कई ऐसे सड़क मार्ग है, जिनकी हालत बेहद दयनीय है, वहीं देश में कई सड़कें तो ऐसी हैं, जो हादसों को दावत दे रही हैं, जिनमें यही समझना काफी मुश्किल होता है, कि गड्ढ़ों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे हैं।

road safety slogans and posters

“अपनी सुरक्षा अपने हाथ, तभी सुरक्षा रहेगी आपके सभी के साथ।

तभी तो बनेगा बेहतर हर दिन, जब बर्तोगे सुरक्षा हर दिन।

“हादसों पर लगेगा ताला, जब सब पहनोगे सुरक्षा की माला।

अगर आर कथनोदे रखोगे सड़क सुरक्षा का ध्यान, यही ज्ञान दिलाएगा आपको जीवन दान।

slogans on road safety

“जन भली की गाड़ी भली, सड़क कहती की सुरक्षा भली।

सुरक्षित जीवन का अर्थ है, सुरक्षा के बिना सब व्यर्थ है।

“सड़क दुर्घटना से अगर है बचना, तो हमेशा हेलमेट पहने रहना।

तभी होगा आपका सारा काम, जब होगा सुरक्षा पर हमारा ध्यान।

Road safety slogans in English

“सुरक्षित अपना जीवन।

उन्नत भविष्य की सिर्फ यही पुकार, बिन सुरक्षा सब बेकार।

“लापरवाही से वाहन न चलाएं अपना व अपने परिवार का जीवन बचाएं।

सुन लो ये अनमोल वचन, सदा सड़क पर रखो ध्यान, तेरा एक परिवार है, जिसकी बसी है तुझमें जान।

Road safety slogan in Hindi

“हैलमेट लगाओ, जान बचाओ।

सड़क सुरक्षा का ज्ञान, मिलता है जीवन दान।

“यातायात नियमों का पालन करें, दुर्घटना से बचें रहें।

सुरक्षा नियमों को फॉलो करे और न हीं कटौती और नहीं होगे आप परेशान।

Road safety slogans in English

  • Start early Drive slowly Reach safely.
  • Better late than never.

More Slogans: Safety slogan in Hindi

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लिंगराज मंदिर, जहां भगवान शिव और विष्णु दोनों की एक साथ होती है पूजा

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Lingaraja Temple History in Hindi

लिंगराज मंदिर उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख और प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर से लाखों भक्तों आस्था जुड़ी हुई है।

इस मंदिर से तमाम मान्यताएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। लिंगराज मंदिर की प्रसिद्धि और महत्व की वजह से हर साल लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शंकर और विष्णु के हरिहर स्वरुप के दर्शन कर अभिभूत होते हैं।

यह मंदिर न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व की वजह से, बल्कि अपनी अद्भुत बनावट की वजह से भी काफी प्रसिद्ध है। यह उड़ीसा राज्य के प्रमुख आर्कषणों में से एक है।

भगवान शिव के हरिहर स्वरुप को समर्पित लिंगराज मंदिर को सोमवंशी सम्राज्य के राजा जाजति केशती द्धारा बनवाया गया था।इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मंदिर में सिर्फ हिन्दू धर्म के लोग ही दर्शन कर सकते हैं, अन्य धर्म के लोगों को इस मंदिर में आने की अनुमति नहीं है।

वहीं यहां शिवरात्रि के दिन पर विशेष उत्सव होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है, आइए जानते हैं, भुवनेश्वर के इस प्राचीनतम लिंगराज मंदिर के निर्माण, इतिहास, वास्तुकला एवं इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं और उत्सवों के बारे में –

भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर “लिंगराज मंदिर” – Lingaraja Temple HistoryLingaraja Temple

लिंगराज मंदिर का निर्माण एवं इसका इतिहास – Lingaraja Temple History

भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरो में से एक इस लिंगराज मंदिर के वर्तमान स्वरुप को करीब 11 शताब्दी (1090 से 1104 ईसवी के बीच) में बनवाया गया था।

हालांकि, कुछ इतिहासकारों एवं विद्दानों की माने तो यह मंदिर 6 वीं शताब्दी के बाद से ही आस्तित्व में आ गया था, क्योंकि 7वीं सदी के संस्कृत लेखों में इस मंदिर का जिक्र किया गया है।

वहीं महान इतिहासकार फग्युर्सन का मानना था कि, इस मंदिर का निर्माण काम ललाट इंदु केशरी ने 615 से 657 ईसवी के बीच करवाया था। इसके बाद जगमोहन (प्रार्थना कक्ष) एवं मुख्य मंदिर और मंदिर के टावर का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था, जबकि लिंगराज मंदिर के भोग-मंडप का निर्माण 12वीं सदी में किया गया है।

इतिहासकारों के मुताबिक सोमवंशी सम्राज्य के शासक जाजति प्रथम ने, जब अपनी राजधानी राजस्थान के जयपुर से उड़ीसा प्रांत के भुवनेश्वर में स्थानांतरित की थी, तब उन्होंने करीब 11 सदीं में इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

यह भारत का ऐसा इकलौता मंदिर है, जहां भगवान शंकर और भगवान विष्णु दोनों के ही रुप इस मंदिर में बसते हैं।

लिंगराज मंदिर से जुड़ी लोकप्रिय पौराणिक कथा – Lingaraj Temple Information

अपने धार्मिक महत्व एवं बेहतरीन कारीगिरी के लिए पूरे देश में विख्यात लिंगराज मंदिर से कई मान्यताएं एवं पौराणिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शिव की अर्धांगिनी देवी माता पार्वती ने लिट्टी और वसा नाम के दो महापापी राक्षसों का वध भुवनेश्वर के इसी स्थान पर किया था।

और इस युद्ध के बाद जब देवी पार्वती को प्यास लगी, तब भगवान शिव यहां अवतरित हुए और सभी नदियों के योगदान से बिंदू सरस झील का निर्माण किया जो कि बिन्दुसागर सरोवर के नाम से जाना जाता है, इस सरोवर के पास ही लिंगराज का यह अद्भभुत एवं विशालकाय मंदिर स्थित है।

लिंगराज मंदिर की अद्भुत संरचना एवं अनूठी वास्तुकला – Lingaraj Temple Architecture

भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर अपने अनूठी वास्तुकला और अद्भुत बनावट के लिए भी जाना जाता है। भगवान शंकर को समर्पित यह मंदिर कलिंग वास्तुशैली और उड़ीसा शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।

अपनी अनुपम स्थापत्य कला के लिए मशहूर लिंगराज मंदिर को गहरे शेड बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया है। करीब 2,50,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में बना यह अद्भुत मंदिर का मुख्य द्धार पूर्व की तरफ है, जबकि अन्य छोटे उत्तर और दक्षिण दिशा की तरफ मौजूद हैं।

भव्य बिंदू सागर झील के पास बना यह मंदिर किले  की दीवारों से घिरा हुआ है, इसकी दीवारें सुंदर मूर्तियों से सुशोभित हैं तथा इस पर अति सुंदर नक्काशी की गई है।

भारत के शानदार मंदिरों में से एक लिंगराज के मंदिर की ऊंचाई 55 मीटर है। मुख्य मंदिर के विमान से गौरी, गणेश और कार्तिकेय के तीन छोटे मंदिर भी जुड़े हुए हैं।

इसके अलावा यह मंदिर हिन्दू देवी-देवताओं के करीब डेढ़ सौ छोटे-छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है। मंदिर के चार प्रमुख हिस्से हैं- जिनमें से गर्भ गृह, यज्ञ शैलम, भोग मंडप और नाट्यशाला शामिल हैं।

लिंगराज मंदिर में शिवरात्रि का विशेष उत्सव – Lingaraj Temple Festival

भारत के इस प्रसिद्द मंदिर में हिन्दुओं के कई पवित्र त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है। त्योहोरों के दौरान भक्तों की जमकर भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा, चंदन यात्रा और महाशिवरात्रि का पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस मौके पर लिंगराज मंदिर की रौनक देखते ही बनती है। भगवान हरिहर को समर्पित इस मंदिर में फाल्गुन महीने में महाशिवरात्रि का त्योहार बनाया जाता है। इस दिन इस मंदिर में प्रतिष्ठित शिव प्रतिमा को विशेष तौर पर सजाया जाता है।

महाशिवरात्री के दिन लिंगराज को धतूरा, बेलपत्र, भांग भी चढ़ाया जाता है। इस दिन भक्तजन पूरे दिन उपवास करते हैं और भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करते हैं। इस दिन सभी भक्त भगवान शिव की साधाना में डूबे नजर आते हैं। शिवरात्रि का मुख्य उत्सव रात के दौरान होता है, जब भक्तजन लिंगराज मंदिर के शिखर पर  महादीप को प्रज्जवलित करने के बाद अपना व्रत खोलते हैं।

महाशिवरात्रि के अलावा भगवान शंकर के इस प्रसिद्ध मंदिर में चंदन समारोह एवं चंदन यात्रा का उत्सव भी बेहद धूमधाम से किया जाता है। चंदन समारोह इस मंदिर में करीब 22 दिन तक चलने वाला महापर्व है।

इस पावन अवसर पर मंदिर के देवताओं,सेवादारों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए चंदन का लेप लगाया जाता है। इसके अलावा चंदन समारोह के दौरान नृत्य आदि भी आयोजन किया जाता है, जिसमें महिलाएं प्रसन्न होकर शिव भक्ति के गानों पर पारंपरिक नृत्य  करती हैं।

अपनी अद्भुत कारीगिरी के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध इस लिंगराज मंदिर में अष्टमी के दिन निकलने वाली रथयात्रा भी यहां की काफी मशहूर है।

इस रथयात्रा के दौरान यहां मंदिर के सभी देवी-देवताओं को खूबसूरत रथ में बिठाकर रामेश्वर के देवला मंदिर ले जाया जाता है। इन मौकों पर लिंगराज मंदिर का आर्कषण दो गुना बढ़ जाता है।

लिंगराज मंदिर में जाने के कुछ नियम – Lingaraj Temple Rules

भगवान विष्णु और भगवान शिव को सर्मपित लिंगराज मंदिर में जिस तरह गैर हिन्दुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। उसी तरह यहां कई अन्य नियमों का पालन किया जाता है, जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं-

  • लिंगराज मंदिर में गैर हिन्दूओं का प्रवेश वर्जित है।
  • पूरे देश भर में अपनी महत्वता के लिए प्रसिद्द लिंगराज मंदिर में कैमरा, मोबाइल और चमड़े की बनी बेल्ट, बेग समेत कई वस्तुओं को ले जाने पर सख्त मनाहीं है।
  • इस मंदिर पर किसी भी तरह की फोटोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
  • इस मंदिर में जाने वाले हिन्दू भक्तों को मंदिर की सेवा करने वाले सेवादारों से दूर रहना चाहिए क्योकं यह भक्तजानों से ज्यादा पैसा खीचने की फिराक में रहते हैं।

लिंगराज मंदिर के दर्शन और बिन्दु सरोवर में स्नान करने का महत्व:

लिंगराज मंदिर में जो भी भक्त आकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें यहां आकर पूजा करने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है।

इस मंदिर में प्रतिष्ठित लिंगराज के दर्शन के साथ यहां बिन्दु सरोवर में स्नान करने को लेकर भी काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से भक्तों की सभी शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती हैं

लिंगराज मंदिर में दर्शन के लिए कैसे पहुंचे – How To Reach Lingaraj Temple

लिंगराज मंदिर में दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहां वायु, रेल और सड़क तीनों मार्गों द्धारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

आपको बता दें कि लिंगराज मंदिर के पास सबसे नजदीक एयरपोर्ट भुवनेश्वर एयरपोर्ट है, जिसकी मंदिर से दूरी करीब 4 किलोमीटर है। भुवनेश्वर भारत के सभी राज्यों एवं प्रमुख शहरों से ट्रेन और बस सुविधा से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, यहां के लिए सभी प्रमुख शहरों से अच्छी बसें चलती हैं।

नोट: भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर के बारे में सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से ये लेख लिखा है। इस लेख में दिए बातोँ पर आप विश्वास करे या अंधविश्वास ये आपपर निर्भर करता है।

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Save Girl Slogans in Hindi –बेटी बचाओं….

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Save Girl in Slogans in Hindi

Save girl child slogans in Hindi

Save Girl Slogans in Hindi – बेटी बचाओं पर नारे

चाहे मुन्ना चाहे मुनिया, एकही बच्चे की प्यारी दुनिया।

खुशहाल बालिका भविष्य देशका।

Beti Bachao Slogan

दहेज़ लेना देना सामाजिक अपराध है।

Slogan on save girl child gif

बेटी है तो कल है।

Slogan on save girl child

बेटी हैं कुदरत का उपहार, जीने का इसको दो अधिकार।

Hindi quotes on save girl child

बेटी को मरवाओगे तो दुल्हन कहा से लाओगे।

Beti Bachao Slogan gif

माँ चाहिए…. पत्नी चाहिए…. बहन चाहिए…. फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए ?

Save girl child slogan

बहुत सरल है पेट में करना मुझ पर वार, हिम्मत है तो ए माँ! मुझको पैदा करके मार।

लक्ष्मी-नारायण, राधे-श्याम, सीता-राम, गौरी-शंकर, – जब पुजीनीय भी पहले नारी…. फिर नर, तो फिर क्यों नहीं देते लड़कियों को जन्म का अवसर।

माँ चाहे तो तू मुझे प्यार ना देना, चाहे तो दुलार ना देना, कर सको तो इतना करना जन्म से पहले मुझे मार ना देना।

नारी तूही घर का गहना, तुझमे ही माँ, बीबी और बहना।
save girl child quotes Images

Beti Bachao Slogan – Nare

  1. Chahe Munna Chahe Munniya, Aak Hi Bacche Ki Pyari Duniya.
  2. Khushahal Balika Bhavishya Deshka.
  3. Dahej Lena Dena Samajik Aparadh Hain.
  4. Beti Hain To Kal Hain.
  5. Beti Hain Kudarat Ka Upahar, Jine Ka Isako Do Adhikar.
  6. Beti Ko Maronge To Dulhan Kaha Se Laonge ?
  7. Maa Chahiye…. Patni Chahiye…. Bahan Chahiye…. Fir Beti Kyo Nahi Chahiye ?
  8. Bahut saral hain pet me karana mujhapar war, himmat hain to ye maa! mujhako paida karke maar.
  9. Lashmi – Narayan, Radhe – Sham, Sita – Ram, Gauri – Shankar, Jab pujaniy bhi pahale nari… phir nar, to kyo nahi dete betiyo ko janm ka avasar.
  10. Maa chaahe to tu mujhe pyar naa dena, chahe to tu dular na dena, par janm se pahale mujhe maar naa dena.
  11. Nari tu hi ghar ka gahana, tujhame hi maa, bibi or bahna.

Save girl child slogan in English

  • A Daughter is one of the most beautiful gifts.
  • When You Kill A Girl You Kill Many Others.
  • Life Is Beautiful & Fulfilling If Supported By Your Mother, Sister, Wife & Daughter. So Save The Girl Child.
  • No Girl So No Mother ultimately No Life.

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भारत के ऐतिहासिक स्थल | Historical places in India information

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Historical places in India

दोस्तों भारत एक प्राचीनतम और महान सभ्यता का देश हैं। यहा महान राजा और योद्धाओं ने अपनी छाप अपनी वास्तु से छोड़ी हैं। उनके महान निर्माणकार्य आज भी उसी शान से इतिहास को बया करते हैं। और इसिलये सारी दुनिया को भारत  का आकर्षण हमेशा से रहा। तो आईये पढ़ते हैं भारत के ऐतिहासिक स्थलो के बारे में –

Historical places in India

भारत के ऐतिहासिक स्थल – Historical places in India information

यहा नाचे Historical places in India की सूचि दी हैं। अगर आपको किसी Historical places के बारे में पढ़ना हैं तो उस के नाम पर क्लिक करे।

  • भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

    भारत के इतिहास में कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया गया है, जिनकी वजह से भारत को एक अलग पहचान मिली है।

    इन ऐतिहासिक इमारतों से न सिर्फ इतिहास की महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी जुड़ी हुई है, बल्कि यह भारत की अद्भुत और प्राचीन शिल्प कौशल का परिचय भी देती हैं। साथ ही भारत के ऐतिहासिक महत्व को बढ़ावा देती हैं।

    वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में भारत के कुछ प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है

    ताजमहल

    ताजमहल, भारत के मुख्य ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों में से एक है। यह भारत की शान का प्रतीक है।

    ताजमहल अपनी बेमिसाल खूबसूरती और अद्भुत संरचना के कारण दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में स्थित है, इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था।

    इसलिए इसे प्रेम और मोहब्बत का प्रतीक भी माना जाता है।  ताजमहल के अद्भुत सौन्दर्य को देखने दुनिया के कोनेकोने से लोग आते हैं। वहीं ताजमहल की वजह से  भारत में टूरिज्म को भी काफी बढ़ावा मिला है। ताजमहल की भव्यता और इसके अद्भुत आर्कषण की वजह से इसे विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

    ताजमहल के निर्माण, इसके इतिहास एवं इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/taj-mahal-history-in-hindi-language-with-information/

    कुतुब मीनार

    भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार देश के प्रमुख ऐतिहासिक एवं मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मुगलकाल में बनी एशिया की सबसे ऊंची मीनार है।

    इसकी अद्भुत बनावट और आर्कषण की वजह से इसे यूनेस्कों की विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्धारा शुरु करवाया गया था, जिसको अंतिम रुप फिरोज शाह तुगलक ने दिया था।

    वहीं इसके बाद 1508 ईसवी में आए भयंकर भूकंप की वजह से इसकी इमारत काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद सिकंदर लोदी ने कुतुबमीनार की मरम्मत करवाई थी।

    करीब 73 मीटर ऊंची इस मीनार के परिसर कुतुब कॉम्लेक्स को भी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की साइट में शामिल किया गया है।कुतुबमीनार के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/qutub-minar-history-in-hindi/

    चारमीनार

    भारत के मुख्य ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों की लिस्ट में चारमीनार का नाम सबसे ऊपर आता है। यह भारत के मुख्य आर्कषणों में से एक है, जो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित है।

    यह एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसने हैदराबाद को पूरे देश में एक अलग पहचान दिलवाई है। इसकी भव्यता को देखने दुनिया के कोनेकोने से लोग आते हैं, यह अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ऐतिहासिक इमारत है।

    इसकी अद्भुत संरचना एवं उत्कृष्ट वास्तुशिल्प की वजह से यह इमारत देश के 10 मुख्य ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। 

    इस भव्य ऐतिहासिक स्मारक को कुतुब शाह ने उस दौरान बनवाया था, जब उन्होंने अपनी राजधानी गोलकुंडा से हैदराबाद स्थानांतरित किया था। चारमीनार से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/charminar-history-in-hindi-language/

    लाल किला

    भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला भारत का गौरव है। यह देश की आजादी का प्रतीक है। मुगलकाल में बनी यह अद्भभुत इमारत अपनी भव्यता और अद्धितीय आर्कषण की वजह से पूरी दुनिया में जानी जाती है।

    इसकी बेमिसाल खूबसूरती के लिए इसे यूनस्को द्धारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया गया है। यह भारत के प्रमुख ऐतिहासिक में पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी भव्यता एवं बनावट को देखने दुनिया के कोनेकोने से लोग आते हैं।

    आपको बता दें कि यह विश्व के उत्कृष्ट एवं भव्य किलों में से एक है। इस शाही किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने शासनकाल के दौरान करवाया था, यह किला मुगलकालीन वास्तुकला और सृजनात्मकता का अनुपम उदाहरण है।

    लाल किले का निर्माण, इसका इतिहास एवं इससे जुड़ी अन्य रोचक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करिए

    https://www.gyanipandit.com/lal-kila-red-fort-history-in-hindi/

    आगरा का किला

    उत्तरप्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह किला भारत के मुख्य ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह अपनी अद्धितीय संरचना और सुंदर बनावट की वजह से पूरे देश में मशहूर है।

    इस किले को मुगलों के मुख्य निवास स्थान के साथसाथ किलाअकबरी, किला रूज, और आगरा का लाल किले के रुप में जाना जाता है। इस भव्य किले का निर्माण शक्तिशाली मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था।

    यह मुगलकालीन वास्तुशैली का अति उत्कृष्ट मनूना है। अपनी अद्भुत बनावट और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस स्मारक को यूनेस्को द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

    आगरा के किले के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/agra-fort-history-information-in-hindi/

    इंडिया गेट

    दिल्ली में स्थित इंडिया गेट भारत की मुख्य ऐतिहासिक एवं शहीद स्मारक के रुप में जाना जाता है। यह देश के राष्ट्रीय स्मारकों में से एक है। इसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारकके रुप में भी जाना जाता हैं।

    इस भव्य इमारत का निर्माण इंडियन ब्रिटिश आर्मी के उन सैनिकों के सम्मान और उन्हें श्रंद्धाजली देने के लिए किया गया है, जो कि पहले विश्व युद्द एवं तीसरे एंग्लोंअफगान युद्द के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे।

    इंडिया गेट हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली मेजबानी के लिए भी विख्यात है। करीब 42 मीटर ऊंचे इस विशाल गेट को फांसीसी स्मारक आर्क डीट्रायोम्फ की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। 

    इंडिया गेट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/india-gate-history-in-hindi/

    हवा महल

    राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में स्थित हवा महल भारत की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है, जिसे इसकी शाही बनावट की वजह से जाना जाता है। अपनी अद्धितीय बनावट के लिए मशहूर यह विशाल महल राजपूतों की शान का भी प्रतीक माना जाता है।

    यह विशाल किला राजस्थान के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध आर्कषणों में से एक है। इसे पैलेस ऑफ विंड्सके तौर पर भी जाना जाता है। इस विशाल महल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विश्व की बिना किसी नींव के बिना बनी सबसे ऊंची इमारतों में से एक है।

    पिंक सिटी में स्थित यह महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों के इस्तेमाल कर बनाया गया है। इस भव्य महल के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें

    https://www.gyanipandit.com/jaipur-hawa-mahal-history-in-hindi/

    जल महल

    राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित हवा महल अपने ऐतिहासिक महत्व और आर्कषण की वजह से पूरे देश में मशहूर है। यह राजस्थान के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी अद्धितीय संरचना एवं भव्य् बनावट को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

    18वीं सदी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्धितीय ने इस अद्भतु महल का निर्माण जयपुर के मानसरोवर के बीच में करवाया था। इस किले का मनमोहक नजारा यहां आने वाले सभी पर्यटकों का मन मोह लेता है।

    राजस्थान के इतिहास को समेटे हुए  यह किले पांच मंजिला है। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/jal-mahal-history-in-hindi/

    सांची स्तूप

    मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित सांची स्तूप भारत की मुख्य ऐतिहासिक स्मारको में से एक है, जिसे अपने अद्भुत बनावट एवं उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए पूरी दुनिया भर में जान जाता है।

    इस अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व की वजह से यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक के पास भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं।

    भारत की सबसे प्राचीन संरचना सांची स्तूप को तीसरी सदी में सम्राट अशोक महान द्धारा बनवाया गया था। सांची स्तूप से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/sanchi-stupa-history-in-hindi/

    खजुराहो के मंदिर

    मध्यप्रदेश के खजुराहो के मंदिर अपनी अनूठी मूर्तिकला और अनुपम शिल्पकारी के लिए पूरे विश्व भर में विख्यात है। यह भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का विशाल समूह है।

    इन मंदिरों की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सैलानियों के मुख्य आर्कषण का केन्द्र है। खजुराहों के मंदिरों को अपनी भव्यता और आर्कषण की वजह से यूनेस्कों की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।

    आपको बता दें कि खजुराहों के विश्व प्रसिद्ध मंदिर मुख्य रुप से जैन और हिन्दू धर्म के मंदिरों का समूह है, जिनका मंदिर चंदेल सम्राज्य के शासन के समय में किया गया है। इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/khajuraho-temple-history-in-hindi/

    रानी की वाव

    रानी की वाव भारत के गुजरात शहर के पाटन गांव में स्थित है। इस प्राचीन ऐतिहासक इमारत का निर्माण 11वीं सदी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव की याद में उनकी पत्नी रानी उदयमती ने करवाया था।

    सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस बावड़ी को इसकी अद्भुत एवं विशाल संरचना की वजह से यूनेस्को द्धारा साल 2014 में विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया है।

    यह अपने आप में एक अनूठी संरचना है, जो कि भूमिगत पानी के स्त्रोतों से थोड़ी अलग है। इस विशाल ऐतिहासिक संरचना के अंदर 500 से भी ज्यादा मूर्तिकलाओं का बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शन किया गया है।

    रानी की वाव के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/rani-ki-vav-patan-history-in-hindi/

    कोणार्क सूर्य मंदिर

    कोणार्क का सूर्य मंदिर देश की सबसे प्राचीन और मुख्य ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह अपनी अद्भुत बनावट, भव्यता और आर्कषण की वजह पूरी दुनिया भर में मशहूर है।

    सूर्य देवता को समर्पित यह भव्य मंदिर उड़ीसा के पुरी जिले के कोणार्क कस्बे में स्थित है। रथ आकार में बने होने की वजह से इस मंदिर को भगवान का रथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

    इसके साथ ही इस मंदिर से  एक ऊंचा काला टॉवर भी दिखाई देता है, जिसकी वजह से इसे ब्लैक पैगोडा नाम से जाना जाता है। इसकी बेमिसाल खूबसूरती एवं अद्भुत महत्व की वजह से कोणार्क का सूर्य मंदिर को साल 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया  गया है। इस मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/konark-sun-temple-history-in-hindi/

    बीबी का मकबरा

    महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित इस मकबरे को दक्कन के ताजसे नाम से जाना जाता है। इस मकबरे का निर्माण मुगल औरंगजेब के शहजादे आजमशाह ने अपनी मां बेगम रबिया की याद में बनवाया है।

    दुनिया के सात अजबूों में से एक ताजमहल से प्रेरित होकर बनवाए गए इस ऐतिहासिक इमारत को गरीबों का ताजमहलके नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस मकबरे के मुख्य गुंबद को छोड़कर अन्य हिस्सा प्लास्टर से तैयार किया गया है।

    इसके निर्माण में कई गई खर्च कटौती से न तो इसकी चमक आगरा के ताजमहल जैसी है और न ही यह पूरी तरह संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है।लेकिन फिर भी, यह स्मारक भी विशिष्ट मुगल वास्तुकला का एक अनुपम उदाहरण है। बीबी के मकबरा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें –

    https://www.gyanipandit.com/bibi-ka-maqbara-history-in-hindi/

    हुमायूं का मकबरा

    राजधानी दिल्ली में स्थित हुंमायूं का मकबरा भारत के प्रमुख ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मुगल शासक हुमायूं की कब्र है, जिसे उनकी पत्नी हमादा बानू बेगम के द्धारा बनवाया गया है।

    यह मकबरा भारत का पहला गार्डन मकबरा है, जिसके निर्माण में लाला पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अद्भुत संरचना और आर्कषण की वजह से  इसे यूनेस्को द्धारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है।

    यह मुगलकालीन वास्तुशैली से निर्मित मुख्य इमारतों में से एक है। इसकी खूबसूरती को देखने काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। हुमायूं के मकबरा से जुड़ी रोचक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/humayun-tomb-in-hindi-history/

    ग्वालियर का किला

    मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित ग्वालियर का किला देश के सबसे प्राचीन एवं प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। इसका निर्माण 8 वीं सदी में राजा मान सिंह तोमर द्धारा किया गया है।

    करीब 35 मीटर ऊंचाई वाला यह भव्य किला 10 वीं सदी के पहले से भी आस्तित्व में है। इस ऐतिहासिक किले पर कई राजाओं ने शासन किया।

    इतिहासकारों की माने तो इस विशाल किले का निर्माण गुजरी महल का रानी मृगनयनी द्धारा करवाया गया था। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/gwalior-fort-history-information-in-hindi/

    आमेर का किला

    राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर की अरावली पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह किला राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य किलों में से एक है, जो कि अपनी अद्भुत बनावट एवं खूबसूरत संरचना के लिए पूरे देश भर में मशहूर है।

    इस विशाल किले के आर्कषण को देखने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। इस अद्भुत किले का निर्माण राजा मान सिंह द्धारा हिन्दू-राजपूताना वास्तुशैली से किया गया है।

    यह विशाल दुर्ग सृजानात्मक हिन्दू वास्तुशैली का अनूठा उदाहरण है। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/history-of-amer-fort-in-hindi-amer-ka-kila/

    अंजताएलोरा की गुफाएं

    महराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता और एलोरा की गुफाएं दुनिया भर में अपनी अद्भुत चित्रकारी  और शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध है। इन गुफाओं की अद्भुत बनावट को देखकर हर कोई इनका कायल हो जाता है।

    इन विश्व प्रसिद्ध गुफाओं में हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रण के अद्भुत नमूने देखने को मिलते हैं। इन गुफाओं में पत्थरों में बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है, वहीं इसकी अद्धितीय कारीगिरी और शिल्पकारी के लिए इसे यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

    बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर बनाई गईं अजंता की गुफाओं में जहां 30 गुफाओं का बेजोड़ समूह है , तो वहीं एलोरा की गुफाओं में 34 मोनैस्ट्रीज और मंदिर है, जो कि पहाड़ के किनारे करीब 2 किलोमीटर के हिस्से में फैले हुए हैं।

    इन अद्भुत गुफाओं का निर्माण 5वीं से 10वीं सदी के बीच किया गया था। इन गुफाओं के बारे में और अधिक जानकारी के लिए क्लिक करिए इस लिंक पर-

    https://www.gyanipandit.com/ajanta-caves-history-in-hindi-information/

    कमल मंदिर

    दिल्ली में स्थित कमल मंदिर (लोटस टेम्पल) अपनी कमल के फूल की आकृति के लिए पूरी दुनिया भर में जाना जाता है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी खूबसूरती को निहारने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

    इसकी अदभुत वास्तुकला और अनूठी शिल्पकारी के चलते यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शुमार किया गया है। लोटस टेम्पल की सबसे खास बात यह है कि यहां हर मजहब के लोग प्रार्थना करने आ सकते हैं।

    वहीं यह विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां न तो किसी भगवान की प्रतिमा रखी गई है, और ना ही यहां किसी तरह की पूजा-अर्चना की जाती है।

    यहां लोग सिर्फ अपने मन की शांति के लिए आते हैं और घंटों बैठकर यहां की खूबसूरती का आनंद उठाते हैं।

    कमल मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/lotus-temple-history-in-hindi/

    फतेहपुर सीकरी

    आगरा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी मुगलों की राजधानी रह चुका है। इस शाही शहर की खास बात यह है  कि यह पूरा शहर ही लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।

    आपको बता दें कि फतेहपुर सीकरी की स्थापना 16वीं सदी में मुगल सम्राट अकबर द्धारा की गई थी। फतेहपुर सीकरी मुख्य रुप से ऐतिहासिक स्मारक बुलंद दरवाजा और जोधाबाई के महल, जामा मस्जिद और सलीम चिश्ती के मकबरे के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है।

    फतेहपुर सीकरी में एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारते बनी हुई हैं, जो कि मुगलकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। यह स्थान अपने आर्कषण और भव्यता की वजह से अकबर की स्थापत्य कला का एक अच्छा सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

    फतेहपुर सीकरी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/fatehpur-sikri-history-in-hindi/

    स्वर्ण मंदिर अमृतसर

    अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर भारत के प्रमुख ऐतिहासिक और मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपनी अद्भुत बनावट और रहस्यों के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर हैं।

    यह सिख धर्म का मुख्य धार्मिक स्थान भी है, जिसकी खूबसूरत शिल्पकारी और वास्तुकला देखते ही बनती है। विश्व प्रसिद्ध इस गोल्डन टेम्पल का इस्तेमाल सोने की धातु का इस्तेमाल कर किया गया है।

    इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है, यहां मत्था टेकने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इसे हरमिंदर साहेब और श्री दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है।

    स्वर्ण मंदिर से जुड़ी रोचक बात यह है कि यहां दुनिया की सबसे बड़ी किचन है, जहां रोजना करीब 1 लाख से भी ज्यादा लोगों को लंगर करवाया जाता है।

    स्वर्ण मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/golden-temple-history-in-hindi/

    गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई

    मुंबई के ताज होटल के सामने स्थित गेटवे ऑफ इंडिया भारत की प्राचीन एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।

    अंग्रेजों के समय में बना यह भव्य गेट भारत के मुख्य आर्कषण का केन्द्र भी है, इसे देखने दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं और इसकी सुंदरता की तारीफ करते हैं।

    आपको बता दें कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इस विशाल गेट का निर्माण प्रवेश और निकास के उद्देश्य से साल 1924 में किया गया था। भारत की आजादी के बाद आखिरी ब्रिटिश जहाज इसी गेट से होकर गुजरा था।

    26 मीटर ऊंचे इस ऐतिहासिक स्मारक को अरब सागर से समुद्री मार्ग से आने वाले जहाजों आदि के लिए भारत का द्धार भी कहा जाता है। यह ऐतिहासिक स्मारक ताकत, शक्ति और शांति का अद्भुत चित्रण है।

    गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/gateway-of-india/

    मैसूर पैलेस

    भारत के कर्नाटक में स्थित मैसूर पैलेस भी भारत की सबसे प्राचीनतम और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जो कि अपनी भव्यता और आर्कषण की वजह से पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

    इसे सौंदर्य को देखने हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। इस शाही किले को अंबा विलास पैलेस के नाम से जाना जाता है।

    यह विशाल पैलेस कर्नाटक के टूरिज्म को तो बढ़ावा देता ही है, इसके साथ ही देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शित करता है।

    मैसूर पैलेस की दीवारों पर बनी चमत्कारिक तस्वीरें और स्वर्ण राजसिंहासन इसकी सबसे बड़ी विशेषता हैं।

    मैसूर पैलेस के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/mysore-palace-history-in-hindi/

    गोल गुम्बद कर्नाटक

    भारत के कर्नाटक राज्य के बीजापुर में स्थित गोल गुंबद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा और भारत का पहला सबसे बड़ा मकबरा है।

    यह प्राचीन और भव्य गुंबद भारत के पर्यटकों के मुख्य आर्कषण का केन्द्र है, जिसे दक्खिन वास्तुकला का विजय स्तंभ के रुप में भी जाना जाता है।

    आदिलशाही वंश के सातवें शासक और बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिलशाह के इस अनूठे और निहायती खूबसूरत मकबरे को बनने में करीब 20 साल का समय लगा था।

    देश के इस सबसे विशाल मकबरे की विशेषता यह है कि इसकी गैलरी में 7 बार आवाज गूंजती है और एक तरफ से बिल्कुल साफ आवाज सुनाई देती है।

    गोल गुंबद के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/gol-gumbaz-information/

    विक्टोरिया मेमोरियल

    पश्चिम बंगाल में स्थित विक्टोरिया मेमोरियल रानी विक्टोरिया को समर्पित एक बेहद आर्कषक एवं भव्य ऐतिहासिक स्मारक है, जो कि भारत के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।

    ब्रिटिश और मुगल वास्तुशैली से बने इस भव्य स्मारक का निर्माण ब्रिटिश सम्राज्य की सफलता का जश्न मनाने के लिए किया गया था।  इस शानदार ऐतिहासिक स्मारक पर विजय दूत की प्रतिमा बनी हुई है।

    कोलकाता में स्थित यह स्ममारक मुगल, ब्रिटिश, पाश्चात्य वास्तुशैली से बना अद्भुत स्मारक है। इस स्मृति स्मारक को ताजमहल की तर्ज पर सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया है।

    विक्टोरिया मेमोरियल के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें-

    https://www.gyanipandit.com/victoria-memorial-in-hindi/

    जैसलमेर किला

    राजस्थान के जैसलमेर में स्थित जैसलमेर किला अपनी अद्भुत बनावट और अद्धितीय वास्तुशिल्प के लिए पूरी दुनिया भर में विख्यात है। इसकी खूबसूरती को निहारने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।

    यह किला विश्व के सबसे बड़े किले एवं राजस्थान के प्रमुख आर्कषणों में से एक है। इस विशाल दुर्ग के अंदर बेहद सुंदर हवेलियां, बड़े-बड़े भवन एवं मंदिर आदि बने हुए हैं, जो कि इस किले को अन्य किलों से अलग बनाती हैं।

    इस किला का ऐतिहासिक महत्व होने के साथ-साथ यह अपने भारतीय, इस्लामी और फारसी वास्तुशैली के बेजोड़ मिश्रण के लिए भी जाना जाता है।

    जैसलमेर के किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए-

    https://www.gyanipandit.com/jaisalmer-fort-history-in-hindi/

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50 + Latest (2019) स्वछता पर नारे – Slogans On Cleanliness

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Slogans On Cleanliness

साफ-सुथरे और स्वच्छ समाज में ही स्वस्थ दिमाग विकसित होता है और एक स्वस्थ दिमाग ही देश के विकास में पूर्ण रुप से सहयोग दे सकता है। अर्थात स्वच्छता न सिर्फ व्यक्ति के विकास में मद्द करती है, बल्कि देश को भी तरक्की की ओर भी अग्रसर करती है। इसलिए हम सभी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए।

वहीं एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के मकसद से हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी साल 2014 में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर  स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सफाई के प्रति जागरूक हो सकें और गंदगी को समाज से पूरी तरह दूर कर सकें।

वहीं इस तरह के अभियान में स्वच्छता पर लिखे गए कुछ स्लोगन के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग भी हिस्सा ले सकें, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में स्वच्छता पर कुछ स्लोगन –Slogans On Cleanliness उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनसे आपके अंदर अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने की भावन विकसित होगी।

वहीं अगर आप स्वच्छता अभियान (Swachata Abhiyan) पर लिखे गए इन नारों को सोशल साइट्स पर शेयर करेंगे तो अन्य लोग भी स्वच्छ भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकेंगे।

Swachh Bharat Swasth Bharat

स्वच्छता पर नारे – Slogans On Cleanliness

Slogans on cleanliness in Hindi

स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत।
Swachh Bharat Swasth Bharat

गांधी जी के सपनों का भारत बनाएंगे, हम सब मिलकर चारो तरफ स्वच्छता फैलाएंगे।
Gandhi Ji Ke Sapanon Ka Bharat Banaenge, Ham Sab Milakar Charo Taraph Swachhata Phailaenge.

आओ मिलकर सभी चलाओ जोरों से स्वच्छता अभियान, तभी तो बनेगा हमारा देश महान।
Ao Milakar Sabhi Chalao Joron Se Swachhata Abhiyan, Tabhi To Banega Hamara Desh Mahan.

Quotes on Swachata in Hindi

गन्दगी फैकने से वातावरण ही नहीं, आत्मा मैली होती है.
Gandagi Faikane Se Vatavaran Hi Nahi, Atma Meili Hoti Hai.

स्वच्छ भारत है एक बड़ा अभियान, आपस में सब मिलकर करें अपना योगदान।
Swachchh Bharat Hai Ek Bada Abhiyan, Apas Mein Sab Milakar Karen Apana Yogadan.

भारत सरकार का इरादा, सम्पूर्ण स्वच्छता का वादा।
Bharat Sarakar Ka Irada, Sampoorn Swachhata Ka Vada.

Slogan on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

साफ सुथरा मेरा मन, देश मेरा सुन्दर हो, प्यार फैले सड़को पर, कचरा डिब्बे के अन्दर हो।
Saf Suthara Mera Man, Desh Mera Sunder Ho, Pyar Faile Sadako Par, Kachara Dibbe Ke Ander Ho.

साथी रे हाथ से हाथ मिलाना है, और गंदगी को एकदम दूर भगाना है।
Sathi Re Hath Se Hath Milana Hai, Aur Gandagi Ko Ekadam Door Bhagana Hai.

भारत में आई स्वच्छता की क्रांति, अब दूर होगी अन्य देशों की भ्रान्ति।
Bharat Mein Ai Swachhata Ki Kranti, Ab Door Hogi Any Deshon Ki Bhranti.

Swachh Bharat Sundar Bharat

धरती, पानी, हवा, रखो साफ. वरना आने वाली पीढ़ी नहीं करेंगी माफ़.
Dharati, Pani, Hava Rakho Saf. Varana Ane Vali Pidhi Nahi Karengi Maf.

हम सबका अब यही सपना, स्वच्छ भारत हो अपना।
Ham Sabaka Ab Yahi Sapana, Svachchh Bharat Ho Apana.

मै शपथ लेता हु की मै स्वय स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा, हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रम।
Me Shapath Leta Hu Ki Me Swayam Swachata Ke Prati Sajag Rahunga Aur Uske Liye Samay Dunga, Har Varsh 100 Ghante Yani Har Saptah Do Ghante Shram.

Swachh Bharat Drawing Pictures

स्वछता मैं ईश्वर बसा होता हैं।
Swachata Me Eshawar Basa Hota Hai.

cleanliness slogans in hindi

सभी रोगों की एक दवाई घर मे रखो साफ सफाई।
Sabhi Rogoki Ki Ek Davai Ghar Me Rakho Saf Safai.

सब मिलकर गंदगी को दूर भगाओ, भारत को स्वच्छ बनाओ।
Sab Milakar Gandagi Ko Door Bhagao, Bharat Ko Svachchh Banao.

Swachh Bharat Abhiyan

धरती माता करे पुकार, आस-पास का करो सुधार.
Dharti Mata Kare Pukar, As – Pas Ka Karo Sudhar.cleanliness slogans in hindi

जन जन का नारा है, भारत को स्वच्छ बनाना है।
Jan Jan Ka Nara Hai, Bharat Ko Svachchh Banana Hai.

हाथ से हाथ मिलाना है, गन्दगी नहीं फैलाना है, स्वच्छता को हमेशा के लिए अपनाना है।
Hath Se Hath Milana Hai, Gandagi Nahin Phailana Hai, Swachhata Ko Hamesha Ke Lie Apanana Hai.

क्लीन इंडिया हिंदी स्लोगन – Clean India Slogan in Hindi

हर किसी की जिंदगी में स्वच्छता काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी को अपने आसपास के वातावरण, अपने घर, स्कूल, ऑफिस अथवा सार्वजनिक स्थलों को साफ बनाए रखने में अपना पूरा  सहयोग करना चाहिए, क्योंकि गंदे परिवेश में डेंगू, हैजा, मलेरिया, पीलिया समेत तमाम तरह की घातक और जानलेवा बीमारियां जन्म लेती हैं और सिर्फ साफ-सफाई रखकर ही इस तरह की संक्रामक और जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है।

इसलिए साफ-सफाई रखना सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए, वहीं साफ-सफाई की आदत सभी परिवारों में अपने बच्चों के अंदर बचपन से ही डालनी चाहिए, ताकि स्वच्छ और स्वस्थ समाज का विकास हो सके, वहीं स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर मोदी सरकार ने इस दिशा में सरहानीय कदम उठाया है।

इसलिए इस तरह के स्लोगन के माध्यम से आप खुद भी साफ-सफाई की बेहतरीन आदत डालिए और दूसरों लोगों को भी साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित करिए के अंदर साफ-सफाई रखने की भावना विकसित कीजिए, और ज्यादा से ज्यादा इस तरह के स्लोगन शेयर कीजिए और स्वच्छता बनाए रखने में आप सभी मिलकर सहयोग दीजिए।

Swachata Slogan in Hindi

करें हम ऐसा काम, बनी रहेगी देश की शान।
Kare Hum Aisa Kam, Bani Rahengi Desh Ki Shan.

जहां भी रहती है साफ सफाई, वहीं होती है अच्छे मन से पढाई।
Jahan Bhi Rahati Hai Saph Saphai, Vahin Hoti Hai Achchhe Man Se Padhai.

सुनो गौर से भारतवासियों, गंदगी को दूर भगाओ और अपने देश को स्वस्थ बनाओ।
Suno Gaur Se Bharatavasiyon, Gandagi Ko Door Bhagao Aur Apane Desh Ko Svasth Banao.

Clean India Drawing Images

मेरा शहर साफ हो इसमे हम सब का हाथ हो।
Mera Shahar Saf Ho Isame Ham Sab Ka Hath Ho.

दवाई से अब सभी नाता तोड़ो, सफाई से अपना नाता जोड़ो।
Davai Se Ab Sabhi Nata Todo, Saphai Se Apana Nata Jodo.

आओ मिलकर सब साफ-सफाई का काम करें, दुनिया के हर कोने में देश का नाम करें।
Ao Milakar Sab Saph-Saphai Ka Kam Karen, Duniya Ke Har Kone Mein Desh Ka Nam Karen.

Slogans on Swachh Bharat in Hindi

हम सबने आपस में मिलकर ठाना है, स्वच्छ भारत बनाना है।
Ham Sabane Apas Mein Milakar Thana Hai, Svachchh Bharat Banana Hai.

कदम से कदम मिलाना है, भारत को स्वच्छ बनाना है।
Kadam Se Kadam Milana Hai, Bharat Ko Svachchh Banana Hai.

स्वच्छता अपनाओ, और देश को विकास के पथ पर लाओ।
Swachhata Apanao, Aur Desh Ko Vikas Ke Path Par Lao.

स्वच्छ भारत अभियान पर स्लोगन – Swachh Bharat Abhiyan Slogan

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के मकसद से बड़े स्तर पर शौचालयों का निर्माण किया गया, साथ ही ग्रामीण इलाकों के रहन-सहन का स्तर सुधारने और लोगों को  स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिए स्वच्छता कार्यक्रमों भी चलाए गए, वहीं ऐसे कार्यक्रमों को स्वच्छता पर नारों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।

जिससे लोगों का ध्यान इस तरफ आर्कषित हो सके, और सभी लोग मिलजुल कर महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने में अपना योगदान दे सकें।

Slogans on cleanliness

हम सब का एक ही नारा, साफ सुथरा हो देश हमारा।
Hum Sab Ka Ak Hi Nara, Saf Suthara Ho Desh Hamara.

गांधीजी के स्वच्छ भारत सपने को सब आपस में मिलकर करों साकार, ताकि देश में ही स्वच्छता की भरमार।
Gandhiji Ke Svachchh Bharat Sapane Ko Sab Apas Mein Milakar Karon Sakar, Taki Desh Mein Hi Swachhata Ki Bharamar.

स्वच्छता का करें मिलकर सभी पालन, स्वच्छ हो हर घर आंगन।
Swachhata Ka Karen Milakar Sabhi Palan, Svachchh Ho Har Ghar Angan.

Slogans on Cleanliness in Hindi

सभी रोगों की सिर्फ एक ही दवाई, हर तरफ रखो साफ सफाई।
Sabhi Rogon Ki Sirph Ek Hi Davai, Har Taraph Rakho Saph Saphai.

सभी मिलकर स्वच्छता का कर्म अपनाओ, इसे अपना धर्म बनाओ।
Sabhi Milakar Swachhata Ka Karm Apanao, Ise Apana Dharm Banao.

cleanliness slogans in hindi

स्वच्छता का दीप जलाएंगे, चारो तरफ उजियाला फैलाएंगे।
Swachhata Ka Dip Jalaenge, Charo Taraph Ujiyala Phailaenge.

अगले पेज पर और भी एक से बढ़कर एक Cleanliness Slogan….

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दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali

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Slogan on Diwali in Hindi

सुख, समृद्दि,जोश, उमंग, मिठास और आपसी प्रेम-भाईचारे का त्योहार है,  जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे हर्ष और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाते हैं। असत्य पर दीपावली सत्य की जीत के इस त्योहार को लोग अपने-अपने रीति-रिवाज और परंपरा के साथ मनाते हैं।

प्रकाश के इस पर्व दीपावली में  कुछ लोग पटाखे जलाते हैं, और जमकर आतिशबाजी करते हैं, जिससे बर्दाश्त नहीं करने वाला शोर-शरावा तो होता ही है, साथ ही इसका हमारी सेहत पर भी काफी बुरा असर पड़ता है।

क्योंकि आतिशवाजी से प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है, जो कि तमाम तरह की बीमारियों को जन्म देता है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए हम सभी को समझना चाहिए कि जब प्रकाश के इस पर्व में दीपक से रोशनी फैल सकती है।

तो फिर हम लोग पटाखों का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि पर्यावरण को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है, वहीं ऐसा करने से खुशियों के इस त्योहार दीपावली को हम प्रदूषण मुक्त भी मना सकेंगे, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको इकोफ्रैंडली दीपावली मनाने के लिए कुछ स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप सभी लोग भी पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण के प्रति जागरुक होंगे और पर्यावरण को पूरी तरह सुरक्षित बनाए रखने में अपना सहयोग देंगे।

दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali

Slogan on Diwaliजब हो प्रदूषण मुक्त दीवाली, लायें हर जगह खुश-हाली।

diwali slogan 6

जब दियों से हो सकता है उजियारा तो क्यूँ ले हम पटाकों का सहारा।

diwali slogan 14

सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाएं प्रकृति की सुंदरता बनाए।

Diwali par Slogan

कार्तिक माह की अमावस्या की घोर अंधेरी रात में प्रकाश के पर्व दिवाली को मनाया जाता है। इस रोशनी के पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं लेकिन दीपावली को लेकर में अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में मिट्टी के दीपक जलाए थे, और घोर अंधेरी रात भी रोशनी से जगमगा उठी थी, तभी से इसे प्रकाश के पर्व के रुप में में मनाया जाने लगा। सबसे ज्यादा प्रचलित यह है कि इस दिन भगवान राम,  महापापी और विनाशकारी राक्षस रावण का वध कर अपने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास काटने के बाद अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, इसलिए इस दिन उनके लौटने की खुशी

diwali slogan

दिवाली का जश्न मनाएं पर्यावरण सुरक्षित बनाएं।

diwali slogan

हवा और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सुरक्षित दिवाली मनाएं।

diwali slogan

ग्रीन दिवाली मनाएं पटाखे से बचें प्रकृति का जश्न मनाएं।

diwali slogan 3

इस दिवाली में पटाखे नहीं पेड़ लगाओ।

Slogan on Diwali in Hindi

हालांकि, बदलते वक्त के साथ इस त्योहार को मनाने का तरीका भी बदल गया है, अब बड़े पैमाने पर लोग दीपक की जगह कैंडल का इस्तेमाल करने लगे हैं तो वहीं घर के बाहर आतिशबाजी करना लोगों के बीच एक ट्रेंड बन गया है, लेकिन आतिशबाजी से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर अगर सजग नहीं हुए तो इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसलिए लोगों के बीच शांतिपूर्ण और साफ-सुथरी दीपावली मनाने का संदेश फैलाने की  जरुरत है, यह संदेश आप इकोफ्रैंडली दीपावली मनाने को लेकर लिखे गए इन स्लोगन के माध्यम से पहुंचा सकते हैं।

diwali slogan 15

चलो सोना और फूल के साथ घर भरें, विस्फोटक और धुएं से नहीं।

diwali slogan 13

यह दीवाली ने अपने अहंकार के पटाखे को जलाओं।’

diwali slogan 4-1

आओं सब मिलकर वातावरण को बचाएं रोके उसको जो हमारी विरासत को निगल जाएँ।

चिड़िया हमें हसाएं रे, बरखा हम सब को भायें रे, सारा जग हरा भरा हो जाएँ रे, प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाकर आओं कुदरत को बचाएं रे!

हम वातावरण को बचायेंगे, तभी तो वातावरण हमें बचायेंगा !! Wishing you a Safe and green Diwali!

इस दिवाली के त्यौहार में दियें से सजाएं घर को और दिलों को रोशन करे दिए की रोशनी से ! इस दिवाली ना कहियें फटाकों को और मनाएं Green and Safe Diwali!!!

आइए रोशनी के त्योहार को दीये के साथ मनाएं और शोर के साथ नहीं। पटाखों को नहीं कहें और ग्रीन दिवाली मनाएं। शुभ दीपावली।

आओं हम साथ मिलकर ये वादा कर ले अपने साथ की यह खुशियों को त्यौहार मनायेंगे बिना पटाकों के साथ! शुभ दिवाली।

हम सब ने मिलकर ठाना है, फटाकें नहीं जलाना हैं, प्रकृति को बचाना हैं, दिल से दिल को मिलाना हैं, इस साल इको फ्रेंडली दिवाली मनाना हैं।

दिवाली पर लेख:

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100% New व्हाट्सअप स्टेटस हिंदी

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Whatsapp status in Hindi

आजकल व्हाट्सऐप पर स्टेटस अपलोड करना एक ट्रेंड बन गया है, वहीं अगर आप भी इस ट्रेंड को फॉलो करते हैं,और व्हाट्सऐप स्टेटस के माध्यम से लोगों को अपने व्यक्तित्व का परिचय करवाना चाहते हैं, तो यहां आप बिल्कुल सही जगह पर हैं।

क्योंकि आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से कुछ लेटेस्ट और ट्रेंडी व्हाट्सऐप स्टेटस उपलब्ध करवाएंगे, जिसके माध्यम से आपको अपनी भावनाओं को तो लोगों के सामने व्यक्त करने का मौका मिलेगा ही साथ ही अपनी साहित्यिक कौशल का प्रदर्शन करने का भी अवसर प्राप्त होगा, तो आइए जानते हैं ऐसे रोचक व्हाट्सऐप स्टेटस के बारे में-

बेस्ट व्हाट्सअप स्टेटस हिंदी – Best Whatsapp Status in Hindi

Whatsapp Status Attitude

“नफरत करके किसी की एहमियत क्यों बढ़ानी, माफ करके उसको शर्मिंदा कर देना भी बुरा नहीं।
Napharat Karake Kisi Ki Ehamiyat Kyon Badhani, Maph Karake Usako Sharminda Kar Dena Bhi Bura Nahin.

बुरे वक़्त में भी एक एक अच्छी बात होती है, जैसे ही ये आता है, नाम के दोस्त विदा होता जाते हैं।
Bure Vaqt Mein Bhi Ek Ek Achchhi Bat Hoti Hai, Jaise Hi Ye Ata Hai, Nam Ke Dost Vida Hota Jate Hain.

whatsapp status in hindi funny

“दुनिया में सिर्फ एक दिल ही है, जो बिना आराम किए बिना भी काम करता है, इसलिए उसे खुश रखो, चाहे वो अपना हो या फिर अपनों का हो।
Duniya Mein Sirph Ek Dil Hi Hai, Jo Bina Aram Kie Bina Bhi Kam Karata Hai, Isalie Use Khush Rakho, Chahe Vo Apana Ho Ya Phir Apanon Ka Ho.

दोस्ती वो नहीं जो जान देती है, दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है, अरे सच्ची दोस्ती तो वो है.. जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।
Dosti Vo Nahin Jo Jan Deti Hai, Dosti Vo Bhi Nahin Jo Muskan Deti Hai, Are Sachchi Dosti To Vo Hai.. Jo Pani Mein Gira Hua Ansoo Bhi Pahachan Leti Hai

whatsapp status in hindi love shayari

“अब हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद भी कर दो, क्योंकि जिस दिन हम बदमाश हो गए… कयामत आ जाएगी।
Ab Hamari Sharaphat Ka Phayada Uthana Band Bhi Kar Do, Kyonki Jis Din Ham Badamash Ho Gae… Kayamat A Jaegi.

यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते है, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाते हैं।
Yadi Ap Gusse Ke Ek Kshan Mein Dhairy Rakhate Hai, To Ap Duhkh Ke Sau Din Se Bach Jate Hain.

Nice Status

वहीं कुछ व्हाट्सऐप स्टेटस ऐसे होते हैं, जिन्हें पढ़कर इंसान के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है, और अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है, इसके साथ ही व्यक्ति अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए अपने लक्ष्य पर अच्छी तरह फोकस कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के स्टेटस मनुष्य के अंदर नई ऊर्जा भरने का काम करते हैं।

कुछ लोग महान व्यक्तियों द्धारा कहे गए प्रेरक वाक्यों को भी अपने व्हाट्सऐप स्टेटस के लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि ऐसे विचारों में जीवन को सार्थक बनाने के संदेश छिपा होता हैं, जिसे अगर व्यक्ति अपने जीवन में अमल कर ले तो उसकी तरक्की निश्चित ही है।

Funny Whatsapp Status Images

“हम वो हैं जो कभी भी नहीं सुधरेंगे, या तो ब्लॉक कीजिए या फिर बर्दाश्त कीजिए।
Ham Vo Hain Jo Kabhi Bhi Nahin Sudharenge, Ya To Blok Kijie Ya Phir Bardasht Kijie.

नोटों पे फोटो हमारा भी होता लेकिन लोगों के जेब में रहना हमारी आदत नहीं।
Noto Pe Photo Hamara Bhi Hota Lekin Logo K Jeb Me Rhena Hamari Adat Nahi.

whatsapp status in hindi life

“अपनी बात इतनी मधुर रखो कि अगर खुद भी वापस लेनी पड़े तो कड़वी ना लगे।
Apani Bat Itani Madhur Rakho Ki Agar Khud Bhi Vapas Leni Pade To Kadavi Na Lage.

छोटी सी जिंदगी है, ख़ुशी से जियो, भुला दो सारे गम, दिल से जियो, अपने लिए न सही, अपनों के लिए जिओ।
Chhoti Si Jindagi Hai, Khushi Se Jiyo, Bhula Do Sare Gam, Dil Se Jiyo, Apane Lie Na Sahi, Apanon Ke Lie Jio.

love status in hindi for girlfriend

“रिश्ता भले ही कोई भी हो, उसे मजबूर नहीं बल्कि मजबूत होना चाहिए।
Rishta Bhale Hi Koi Bhi Ho, Use Majaboor Nahin Balki Majaboot Hona Chahie.

“बात” उन्हीं की होती है, जिनमें कोई “बात” होती है..!
“Bat” Unhin Ki Hoti Hai, Jinamen Koi “Bat” Hoti Hai..!

Best Whatsapp Status in Hindi

“बस सिर्फ इतना ही चाहिए तुझसे ए जिंदगी, कि जमीन पर जब मै बैठूं तो लोग उसे मेरा बड़प्पन कहें, औकात नहीं।
Bas Sirph Itana Hi Chahie Tujhase E Jindagi, Ki Jamin Par Jab Mai Baithoon To Log Use Mera Badappan Kahen, Aukat Nahin.

मुझे खैरात में मिली खुशियाँ अच्छी नहीं लगती, मैं अपने गमो में भी रहता हूँ नवाबो की तरह।
Mujhe Khairat Mein Mili Khushiyan Achchhi Nahin Lagati, Main Apane Gamo Mein Bhi Rahata Hoon Navabo Ki Tarah.

Whatsapp Status Sad

 

“हम जरा सा खफा क्या हुए तुमसे, कि जिसे देखो वो तुम्हारा हो गया।
Ham Jara Sa Khapha Kya Hue Tumase, Ki Jise Dekho Vo Tumhara Ho Gaya.

विश्वास बहुत छोटा शब्द है, उसको पढने में तो एक सेकेंड लगता है, सोचो तो मिनट लगता है, समझो तो दिन लगता है, पर साबित करने में तो पूरी जिंदगी लग जाती है।
Vishvas Bahut Chhota Shabd Hai, Usako Padhane Mein To Ek Sekend Lagata Hai, Socho To Minat Lagata Hai, Samajho To Din Lagata Hai, Par Sabit Karane Mein To Poori Jindagi Lag Jati Hai.

Fadu Status For Whatsapp In Hindi

व्हाट्सऐप स्टेटस अपने मन की भड़ास निकालने का भी एक अच्छा माध्यम है, हर व्यक्ति के जिन्दगी में कुछ ऐसे मौके आते हैं, जब वे चाहकर भी सामने वाले से कुछ नहीं कह पाते हैं, और उस बात को अपने मन में लेकर उसके बारे में सोचते रहते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ता है और उनका स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है, ऐसे में व्हाट्सऐप स्टेटस किसी करीबी दोस्त की तरह काम करता है, क्योंकि इससे आप अपनी मन की भड़ास भी निकाल सकते हैं और हल्का महसूस करत हैं।

Good status for whatsapp in Hindi

“चलो अब थोड़ा सुकून से जिया जाए, और दिल दुखाने वालों से थोड़ा दूर रहा जाए।
Chalo Ab Thoda Sukoon Se Jiya Jae, Aur Dil Dukhane Valon Se Thoda Door Raha Jae.

“लोग हमारे बारे में क्या सोचते होंगे, अगर ये भी हम ही सोचेंगे, तो फिर लोग क्या सोचेंगे?
Log Hamare Bare Mein Kya Sochate Honge, Agar Ye Bhi Ham Hi Sochenge, To Phir Log Kya Sochenge?

whatsapp status in hindi attitude for boy

“दुनिया में ऐसी तो कोई भी मुसीबत नहीं है, जो कि आपके मन से ज्यादा शक्तिशाली हो।
Duniya Mein Aisi To Koi Bhi Musibat Nahin Hai, Jo Ki Apake Man Se Jyada Shaktishali Ho.”

“जीत हासिल करनी हो तो काबिलियत बढाओ,किस्मत से रोटी तो कुत्तेको भी नसीब होती है भाई!!
Jit Hasil Karani Ho To Kabiliyat Badhao,Kismat Se Roti To Kutteko Bhi Nasib Hoti Hai Bhai!!

whatsapp status in hindi attitude

“हर किसी को हमेशा यह सोचना चाहिए कि, गलती किसी की भी हो, लेकिन रिश्ता तो अपना होता है।
Har Kisi Ko Hamesha Yah Sochana Chahie Ki, Galati Kisi Ki Bhi Ho, Lekin Rishta To Apana Hota Hai.

अब के ज़माने में वफ़ा की तलाश न कर मेरे दोस्त, वो वक्त और था जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे।
Ab Ke Zamane Mein Vafa Ki Talash Na Kar Mere Dost, Vo Vakt Aur Tha Jab Makan Kachche Aur Log Sachche Hua Karate The.

Whatsapp Status in Hindi Life

“डरे हुए लोग ही अकसर अल्फाजों के पीछे छुपते हैं।
Dare Hue Log Hi Akasar Alphajon Ke Pichhe Chhupate Hain.

न फिक्र कर कि “ज़माना क्या सोचेगा…!!” ज़माने को अपनी ही फिक्र से फुर्सत कहां हैं।
Na Phikr Kar Ki “Zamana Kya Sochega…!!” Zamane Ko Apani Hi Phikr Se Phursat Kahan Hain

Whatsapp Status Attitude

वहीं कुछ व्हाट्सऐप स्टेटस से आपके एटीट्यूड का भी पता चलता है, वहीं इस तरह के स्टेटस से आप दूसरो पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं और अपने स्टेटस से उन्हें इम्प्रेस कर सकते हैं।

व्हाट्सऐप स्टेटस के माध्यम से न सिर्फ आप अपनी खुशी जाहिर कर सकते हैं, बल्कि कठिन समय में अपनी भावनाओं को व्यक्त कर अपने दर्द को भी हल्का कर सकते हैं। इसके साथ ही व्हाट्सऐप स्टेटस से लोगों की जिंदगी में चल रही हलचल के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।

Whatsapp Status Images

“मेरी हिम्मत को कभी भी मत आंकना दोस्तों, मै वो हूं जो टूटे हुए धागों को जोड़कर ख्वाब बुन लेता हूं।
Meri Himmat Ko Kabhi Bhi Mat Ankana Doston, Mai Vo Hoon Jo Toote Hue Dhagon Ko Jodakar Khvab Bun Leta Hoon.

यदि कोई तुम्हे नज़र अंदाज कर दे तो बुरा मत मानना, लोग अक्सर बर्दास्त से बहार महँगी चीज को नजर अंदाज कर देते हैं।
Yadi Koi Tumhe Nazar Andaj Kar De To Bura Mat Manana, Log Aksar Bardast Se Bahar Mahangi Chij Ko Najar Andaj Kar Dete Hain.

“जो आपसे दिल से बात करते हो उनको कभी दिमाग से जवाब नहीं देना.
Jo Apase Dil Se Bat Karate Ho Unako Kabhi Dimag Se Javab Nahin Dena.

Whatsapp Status in Hindi Love

“हमें तो हमेशा से ही पता था कि तुम बेवफा हो, बस तुझसे टूट के प्यार करते रहे, कि शायद तुम्हारी फितरत बदल जाए।
Hamen To Hamesha Se Hi Pata Tha Ki Tum Bevapha Ho, Bas Tujhase Toot Ke Pyar Karate Rahe, Ki Shayad Tumhari Phitarat Badal Jae.

इस दुनिया में बिना स्वार्थ के सिर्फ माता-पिता ही प्यार करते हैं।
Is Duniya Mein Bina Svarth Ke Sirph Mata-Pita Hi Pyar Karate Hain.

“खेल ताश का हो या जिंदगी का, अपना इक्का तब ही दिखाना जब सामने बादशाह हो।
Khel Tash Ka Ho Ya Jindagi Ka, Apana Ikka Tab Hi Dikhana Jab Samane Badashah Ho.

Awesome status for whatsapp in Hindi

“न कोई सजा और न ही कोई माफी, हमसे जलने वालों के लिए, तो सिर्फ हमारी सेल्फी ही है काफी।
Na Koi Saja Aur Na Hi Koi Maphi, Hamase Jalane Valon Ke Lie, To Sirph Hamari Selphi Hi Hai Kaphi.

मैंने भी बदल दिए है, ज़िन्दगी के उसूल, अब जो याद करेगा सिर्फ वही याद रहेगा।
Mainne Bhi Badal Die Hai, Zindagi Ke Usool, Ab Jo Yad Karega Sirph Vahi Yad Rahega.

“हमें बेवकूफ बनाने की कोशिश जरुर करो, पर समजो मत…
Hamen Bevakooph Banane Ki Koshish Jarur Karo, Par Samajo Mat…

whatsapp status in hindi love

“तुमसे इश्क हैं या नहीं ये मुझे नहीं पता लेकिन तुम्हें मुस्कराते देख कर एक अजीब सा सुकून मिलता है।
Tumase Ishk Hain Ya Nahin Ye Mujhe Nahin Pata Lekin Tumhen Muskarate Dekh Kar Ek Ajib Sa Sukoon Milata Hai.

पगली अपने #पापा को बोल #Whats App और FACEBOOK खोल के देखो.. #जमाई_राजा सुपरस्टार है #सुपरस्टार॰॰॰
Pagali Apane #Papa Ko Bol #Whats App Aur Facebook Khol Ke Dekho.. #Jamai_Raja Suparastar Hai #Suparastar॰॰॰

Good Status For Whatsapp In Hindi

“मंज़िल तो मिल ही जाएगी भटकते हुए ही सही, गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं।
Manzil To Mil Hi Jaegi Bhatakate Hue Hi Sahi, Gumarah To Vo Hain, Jo Ghar Se Nikale Hi Nahin.

इससे पहले कि आपको बदलना पड़े, आप खुद ही बदल जाइये.
Isase Pahale Ki Apako Badalana Pade, Ap Khud Hi Badal Jaiye.

“किसी को हराना बहुत आसान है, लेकिन किसी को जीतना बहुत मुश्किल।
Kisi Ko Harana Bahut Asan Hai, Lekin Kisi Ko Jitana Bahut Mushkil.

पैर में मोच और छोटी सोच इन्सान को कभी आगे नहीं बढ़ने देते।
Pair Mein Moch Aur Chhoti Soch Insan Ko Kabhi Age Nahin Badhane Dete.

“मोग्याम्बो खुश हुआ….
Mogyambo Khush Hua….

Awesome Status For Whatsapp In Hindi

“मुझे ‘नहीं’ और ‘ना’ ये शब्द सुनाई नहीं देता….
Mujhe ‘Nahin’ Aur ‘Na’ Ye Shabd Sunai Nahin Deta….

धुप मैं तो काच के तुकडे भी चमकते हैं, पर हिरे की पहचान तो अंधेरे मैं होती हैं.
Dhup Main To Kach Ke Tukade Bhi Chamakate Hain, Par Hire Ki Pahachan To Andhere Main Hoti Hain.

“माँ कसम, बढ़िया जिंदगी हैं.
Man Kasam, Badhiya Jindagi Hain.

जिसका कोई नहीं, उसका Google हैं यारो
Jisaka Koi Nahin, Usaka Googlai Hain Yaro

“मेरे बारे मै इतना मत सोचो, पागल हो जाओंगे.
Mere Bare Mai Itana Mat Socho, Pagal Ho Jaonge.

राजनीती साधुओं के लिए नहीं होती.
Rajaniti Sadhuon Ke Lie Nahin Hoti.

“तेरा Ego तो 2 दिन की कहानी हैं, पर मेरी अकड़ खानदानी हैं.
Tera Ego To 2 Din Ki Kahani Hain, Par Meri Akad Khanadani Hain.

जीने की एक रह है, मरने की सौ.
Jine Ki Ek Rah Hai, Marane Ki Sau.

“छोटी बातो में बड़ा होना ही सच्चा बड़प्पन हैं.
Chhoti Bato Mein Bada Hona Hi Sachcha Badappan Hain.

इस दुनिया मैं कोई भी स्थायी नहीं हैं. सब राही हैं…..
Is Duniya Main Koi Bhi Sthayi Nahin Hain. Sab Rahi Hain…..

“आपका आज का दिन मंगलमयी हो,,,, और कल का भी.
Apaka Aj Ka Din Mangalamayi Ho,,,, Aur Kal Ka Bhi.

मैं चाहू जो करू….मेरी मर्जी !
Main Chahoo Jo Karoo….Meri Marji !

Nice Friendship Status For Whatsapp

“हम-हम हैं, तुम-तुम हो, ना हम कम हैं, ना तुम कम हो…
Ham-Ham Hain, Tum-Tum Ho, Na Ham Kam Hain, Na Tum Kam Ho…

मित्र वो हैं, जिसके शत्रु वही हैं, जो आपके शत्रु है….
Mitr Vo Hain, Jisake Shatru Vahi Hain, Jo Apake Shatru Hai….

“दिल दोस्ती दुनियादारी, हमारा Whatsapp ग्रुप हैं सबसे भरी.
Dil Dosti Duniyadari, Hamara Whatsapp Grup Hain Sabase Bhari.

भाई तू फिकर मत कर.
Bhai Too Phikar Mat Kar.

Funny Whatsapp Status In Hindi

“भाई जिगर चाहिए, टाइम बर्बाद करने के लिये, डरपोक हैं वो लोग जो Online आने से डरते हैं.
Bhai Jigar Chahie, Taim Barbad Karane Ke Liye, Darapok Hain Vo Log Jo Onlinai Ane Se Darate Hain.

अच्छे अच्छे खाते है हमें देखकर झटके, क्योकि अपना स्टाइल है सबसे झटके.
Achchhe Achchhe Khate Hai Hamen Dekhakar Jhatake, Kyoki Apana Stail Hai Sabase Jhatake.

“देख लड़की! तू खाना खा, बस…. भाव मत खा.
Dekh Ladaki! Too Khana Kha, Bas…. Bhav Mat Kha.

एक तो मैं बहुत Ziddi हु…. और उपर से Badtamij भी.
Ek To Main Bahut Ziddi Hu…. Aur Upar Se Badtamaiaij Bhi.

“खास एकता देखी है लोगों में…. उठे हुए को गिराने में और मुर्दों को उठाने में.
Khas Ekata Dekhi Hai Logon Mein…. Uthe Hue Ko Girane Mein Aur Murdon Ko Uthane Mein.

मेरी अक्कड़ खानदानी है, मत कर घमंड तू तेरा Ego तो बस 2 दिन की कहानी है.
Meri Akkad Khanadani Hai, Mat Kar Ghamand Too Tera Aigo To Bas 2 Din Ki Kahani Hai.

“तू जीतनी English बोलती है, उससे ज्यादा तो हम English पी जाते है.
Too Jitani Ainglish Bolati Hai, Usase Jyada To Ham Ainglish Pi Jate Hai.

इज्जत किया करों हमारी दोस्त…. वरना, *Girl Friend पटा लेगे तुम्हारी….
Ijjat Kiya Karon Hamari Dost…. Varana, * Girl Friend Pata Lege Tumhari….

“देख भाई: तू तेरे ATTITUDE की फोटो खींच कर OLX पर बेच दे, क्योंकि पुरानी चीज को हम पसंद नहीं करतें”
“Dekh Bhai: Too Tere Attitudai Ki Photo Khinch Kar Olx Par Bech De, Kyonki Purani Chij Ko Ham Pasand Nahin Karaten”

रोज स्टेट्स बदलने से जिंदगी नहीँ बदलती, जिंदगी को बदलने के लिए अपना भी एक स्टेट्स होना जरुरी हे
Roj Stets Badalane Se Jindagi Nahin Badalati, Jindagi Ko Badalane Ke Lie Apana Bhi Ek Stets Hona Jaruri He

Whatsapp Status

“मेरी ताकद का अंदाज मेरे जोर से नही, दुश्मन के शौर से पता चलता है….!!!!
Meri Takad Ka Andaj Mere Jor Se Nahi, Dushman Ke Shaur Se Pata Chalata Hai….!!!!

हथियार तो हम शोक से रखते हे, वरना… खौफ के लिए तो बस हमारा नाम ही काफी हे।
Hathiyar To Ham Shok Se Rakhate He, Varana… Khauph Ke Lie To Bas Hamara Nam Hi Kaphi He.

“फिकर करो उसकी जो आप की फिकर करे, वैसे तो ज़िन्दगी में बहुत हैं हमदर्द।
Fikar Karo Uski Jo Apki Fikar Kare, Vaise To Zindgi Mai Bahut Hai Hamdard.
मुझे इतना भी मत घुमा ए मेरी जिंदगी, मै तो छोटासा शायर हूँ, “किसी गाड़ी का टायर” नही.
Mujhe Itana Bhi Mat Ghuma E Meri Jindagi, Mai To Chhotasa Shayar Hoon, “Kisi Gadi Ka Tayar” Nahi.

बादशाह नहीं बाजीगर कहते है लोग, क्यूकी हम रानियो के आगे झुका नहीं करते!
Badashah Nahin Bajigar Kahate Hai Log, Kyooki Ham Raniyo Ke Age Jhuka Nahin Karate!

“तु अपने घर में “परी” है। तो क्या हुआ ? हम भी अपने महोले के “नवाब” है।
Tu Apane Ghar Mein “Pari” Hai. To Kya Hua ? Ham Bhi Apane Mahole Ke “Navab” Hai.

कोई ना दे खुश रहने की दुआ हमें, फिर भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट देते है…I
Koi Na De Khush Rahane Ki Dua Hamen, Phir Bhi Koi Bat Nahin Vaise Bhi Ham Khushiyan Rakhate Nahin, Bant Dete Hai…I

“हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए, न की सिर्फ सुख.
Hamara Dhyey Saty Hona Chahie, Na Ki Sirph Such.

दिल में आ सकता हु, दिमाग में मुश्किल है.
Dil Mein A Sakata Hu, Dimag Mein Mushkil Hai.

“और घाव मत दो मुझें, पहले ही अबतक भरे नहीं.
Aur Ghav Mat Do Mujhen, Pahale Hi Abatak Bhare Nahin.

प्यार करो तो सच्चा, वरना अकेले रहना ही अच्छा!!
Pyar Karo To Sachcha, Varana Akele Rahana Hi Achchha!!

“दुनिया का ये पुराना वसूल हे, जब तक काम हे, तब तक नाम हे.
Duniya Ka Ye Purana Vasool He, Jab Tak Kam He, Tab Tak Nam He.

मरने का मज़ा तो तब ही है, जब मरनेवाला भी जनाजे पे आकर रोये.
Marane Ka Maza To Tab Hi Hai, Jab Maranevala Bhi Janaje Pe Akar Roye.

“मौत तो नाम से ही बदनाम है.. असली तकलीफ तो ज़िन्दगी देती है.. !!
Maut To Nam Se Hi Badanam Hai.. Asali Takaliph To Zindagi Deti Hai.. !!

चिंता ना करो.. सदा खुश रहो.
Chinta Na Karo. Sada Khush Raho.

WhatsApp Status in English

  • Mistakes Are Proof That You R Trying And Trying….!!
  • Please…. Don’t Copy My Style !!!
  • I Am Always Right,,,, Any Problem ???
  • Now Only WHATSAPP….
  • Don’t Say No, JUST Do It !
  • I Am Always Busy, Try Your Luck….
  • Life Is Game… So Play It
  • Not Always “Available”.. Try Your Luck….
  • R U Reddy ? To Chalo Ab So Jao….

More :

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The post 100% New व्हाट्सअप स्टेटस हिंदी appeared first on ज्ञानी पण्डित - ज्ञान की अनमोल धारा.

महान उपन्यासकार एवं कहानीकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

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Suryakant Tripathi Nirala in Hindi

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में एक माने जाते हैं। उन्होंने हिन्दी साहित्य में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। वे प्रख्यात कवि, उपन्यासकार, निबंधकार एवं कहानीकार थे।

वे हिन्दी साहित्य के ऐसे कवि थे। जिन्होंने अपनी कविताओं और रचनाओं से लोगों पर काफी प्रभाव डाला था। आइए जानते हैं इस महान कवि के जीवन से जुड़े कुछ महत्पूर्ण एवं खास तथ्यों के बारे में-

महान उपन्यासकार एवं कहानीकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला – Suryakant Tripathi Nirala Biography in Hindi

Suryakant Tripathi Nirala

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के बारे में एक नजर में – Suryakant Tripathi Nirala Information In Hindi

पूरा नाम (Name) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म (Birthday) 21 फ़रवरी, 1896, मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
पिता (Father Name) पं. रामसहाय तिवाारी
पत्नी (Mother Name) मनोहरा देवी
मृत्यु (Death) 15 अक्टूबर, सन् 1961, प्रयाग, भारत

सूर्यकांत त्रिपाठी जी का प्रारंभिक जीवन, परिवार एवं शिक्षा – Suryakant Tripathi Nirala History

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी पश्चिम बंगाल के महिषादल रियासत के मेदिनीपुर जिले में 21 फरवरी साल 1896 को जन्में थे। उनके पिता पंडित रामसहाय एक सरकारी अधिकारी थे। वहीं सूर्यकांत त्रिपाठी जी के जन्म के तीन साल बाद ही उनकी मां का देहांत हो गया था, जिसके बाद उनकी परिवरिश उनके पिता जी ने की थी।

सूर्यकांत त्रिपाठी बचपन से ही होनहार और गंभीर स्वभाव के बालक थे, जिन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा बंगाल में रहकर ही की। वहीं 10वीं पास करने के बाद वे घर पर रहकर ही संस्कृत, अंग्रेजी साहित्य आदि पढ़ते थे। वहीं हाईस्कूल के बाद वे उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ आ गए थे। आपको बता दें कि सूर्यकांत त्रिपाठी जी की पकड़ न सिर्फ हिन्दी में बल्कि अंग्रेजी, बंगला और संस्कृत भाषा में के वे बेहद अच्छे जानकार थे।

वे अपने स्कूल के दिनों में पढ़ने के साथ-साथ खेल-कूद गतिविधियों में भी हिस्सा लेते थे। यही नहीं कविताएं लिखने के साथ-साथ उनकी संगीत में भी विशेष रुचि थी। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि बचपन में उनका पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं लगता था, इसलिए उनके पिता उनसे सख्ती से भी पेश आते थे।

सूर्यकांत त्रिपाठी जी का विवाह एवं संघर्ष – Suryakant Tripathi Nirala Life Story

जब सूर्यकांत त्रिपाठी जी महज 15 साल के थे, तभी बालविवाह की प्रथा के तहत उनकी शादी रायबरेली के डलमऊ में रहने वाले रामदयाल की बेटी मनोहरा देवी से कर दी गई। मनोहरा देवी एक बेहद सभ्य, सुशील और शिक्षित और सुंदर महिला थीं। वहीं सबसे खास उनमें यह थी, उन्हें संगीत की भी अच्छी जानकारी थी, जिसकी वजह से निराला जी भी उनको अत्याधिक पसंद करते थे।

यही नहीं अपनी पत्नी के कहने पर ही उन्होंने बंग्ला की बजाय हिंदी भाषा में कविताएं लिखना शुरु किया था। उनका वैवाहिक जीवन काफी अच्छा चल रहा था कि कुछ समय बाद ही महामारी के चलते उनकी पत्नी का देहांत हो गया। यही नहीं इस दौरान महामारी फैलने से उनके परिवार के चाचा, भाई और भाभी का भी देहांत हो गय। जिससे उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, हालांकि इतनी कठोर और गमगीन परिस्थितियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, वे तमाम तरह के संघर्षों को झेलते हुए वे अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ते रहे।

इस कठिन परिस्थिति में भी उन्होंने कई प्रकाशकों के साथ एक प्रूफ रीडर के रुप में काम किया और अपने सुंयक्त परिवार की जिम्मेदारी निभाई। हालांकि, इस दौरान उन्हें तमाम आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।

सूर्यकांत त्रिपाठी जी का करियर – Suryakant Tripathi Nirala Career

छायावादी युग के 4 स्तंभों में से एक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने अपनी सबसे पहली नौकरी साल 1918 से 1922 तक करीब चार साल महिषादल राज्य की सेवा कर की। इसके बाद वे संपादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद जैसे कामों से जुड़े। करीब 1 साल तक 1923 तक उन्होंने कोलकाता से प्रकाशित ”समन्वय” में संपादन का काम किया।

इसी दौरान उन्होंने ”मतवाला” के संपादक मंडल में भी अपनी सेवाएं दीं। फिर वे उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में गंगा पुस्तक माला कार्यालय में उनकी पोस्टिंग हुई और इस संस्था से निकलने वाली मासिक पत्रिका ”सुधा” से वे 1935 तक जुड़े रहे।

साल 1942 से अपने जीवन के आखिरी पल तक वे इलाहाबाद में रहे और यहीं रहकर उन्होंने स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कई ऐसी रचनाएं लिखीं, जिसकी वजह से उन्हें न सिर्फ हिन्दी साहित्य में उच्च कवि का दर्जा मिला, बल्कि वे हिन्दी साहित्य में छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कार्य – Suryakant Tripathi Nirala work

निराला ने महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पन्त और जयशंकर प्रसाद के साथ मिलकर छायावाद अभियान का बीड़ा उठाया था। निराला के परिमल और अनामिका को वास्तविक छायावाद हिंदी साहित्य का नाम दिया गया है। अपने जीवन काल में उन्हें ज्यादा पहचान नही मिली थी। उनकी कविताओ का प्रकार उस समय काफी क्रांतिकारी था, लेकिन उनके स्वभाव के चलते उनकी ज्यादातर कविताए प्रकाशित नही हो पाई।

अपने छंदों से उन्होंने सामाजिक शोषण के खिलाफ आवाज भी उठाई थी। अपने कार्यो में उन्होंने वेदांत, राष्ट्रीयता, रहस्यवाद और प्रकृति के प्यार का खासा मिश्रण किया है। उनकी रचनाओ का विषय हमेशा से ही ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक, सामाजिक और राजनीतिक रहा है। उन्होंने ही अपनी कविताओ में सौन्दर्य दृश्य, प्राकृतिक प्रेम और आज़ादी जैसी चीजो को शामिल किया है।

इसके बाद छायावादी युग में उन्हों कविताओ के नए रूप को उजागर किया। सरोज स्मृति नाम की उनकी कविता काफी प्रसिद्ध है, जिसमे उन्होंने अपनी बेटी के प्रति उमड़े प्यार और भावनाओ का वर्णन बड़ी खूबसूरती से किया है। आधुनिक हिंदी गद्यों में मुक्त छंदों के उपयोग करने का श्रेय भी निराला को ही जाता है।

निराला की बहुत सी कविताओ को बाद में बहुत से विद्वानों ने रूपांतरित भी किया है। रूपांतरित की गयी कविताओ में दी रिटर्न ऑफ़ सरस्वती: चार हिंदी कविताए, प्यार और युद्ध: छायावाद संकलन शामिल है।

सूर्यकांत त्रिपाठी जी का साहित्यिक सफर – Suryakant Tripathi Nirala Books

प्रख्यात कवि सूर्यकांत त्रिपाठी जी ने साल 1920 के आसपास अपने लेखन काम की शुरुआत की। उन्होंने अपनी पहली कविता ”जन्मभूमि” लिखी। उनका पहला कविता संग्रह अनामिका थी।

प्रसिद्ध रचनाएं – Suryakant Tripathi Nirala Poems

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने अपनी रचनाओं से हिन्दी साहित्य को एक नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है। उनकी महान रचनाओं की वजह से उन्हें हिन्दी साहित्य के छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है, इन स्तंभों में जयशंकर प्रसाद एवं महादेवी वर्मा भी शामिल हैं। आपको बता दें कि सूर्यकांत जी की रचनाएं पाठक पर गहरा असर छोड़ती थी। वे अपनी रचनाओं को भावनात्मक तरीके से लिखते थे।

हालांकि, वे एक खड़ी बोली के कवि थे, लेकिन ब्रजभाषा और अवधि भाषा में भी वे कविताएं लिख लेते हैं। उन्होंने अपनी कविताओं में यथार्थ को दिखाया है और कल्पनाओं का सहारा बेहद कम लिया है। वे हिन्दी में मुक्तछंद के प्रवर्तक भी माने जाते थे। सूर्यकांत जी ने अपनी रचनाओं में प्रेम, देश-प्रेम, आध्यात्मिकता, संवेदना, सहानुभूति, सामाजिक रूढ़ियों का विरोध और प्रकृति के प्रति प्रेम झलकता है।

उनकी सबसे पसंदीदा रचना ‘जुही की कली’ है, जो कि उन्होंने साल 1916 में की गई है।  ‘सरस्वती’ ‘मर्यादा’ की फाइलों से हिन्दी सीखने वाले छायावादी युग के महान कवि सुर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ‘की काव्य प्रतिभा मतवाला’ से प्रकाश में आई। इसके अलावा निराला जी ने प्रौढ़ कृतियों की सर्जना के सात कई व्यंगात्मकक कविताएं भी लिखी है, जिनमें से कुछ उनके ”काव्य संग्रह अनामिका” में संग्रहित किए गए है।

साल 1938 में उनके द्धारा रचित अनामिका का प्रकाशन हुआ था।  वहीं अनामिका में संग्रहीत ज्यादातर रचनाएं कलात्मक प्रौढ़ता की घोतक है। राम की शक्तिपूजा, रेखा, सरोजस्मृति आदि उनकी सबसे पसंदीदा और प्रख्यात रचनाएं हैं । इनके अलावा उनके द्धारा लिखी गई कुछ प्रसिद्ध रचनाएं इस प्रकार हैं-

सुर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का कविता संग्रह – Suryakant Tripathi Nirala Ki Rachnaye

  • ‘जुही की कली’
  • परिमल
  • अनामिका
  • गीतिका
  • कुकुरमुत्ता
  • नए पत्ते
  • तुलसीदास
  • जन्मभूमि
  • अन्य रचनाएं- अपरा, अर्चना,बेला, अणिमा, आराधना, अर्चना आदि शामिल है।

उपन्यास:

  • अप्सरा
  • निरुपमा
  • चमेली
  • कारनामे
  • काले
  • उच्चश्रंखला
  • प्रभावती
  • अल्का

निबंध संग्रह:

  • संघर्ष
  • चाबुक
  • प्रबंध प्तिमा
  • चयन

कहानी संग्रह:

  • बीवी
  • देवी
  • लिली
  • शकुल की बीवी

निबन्ध-आलोचना:

रवीन्द्र कविता कानन, चाबुक, चयन, संग्रह, प्रबंध प्रतिमा, प्रबंध पद्म

पुराण कथा:

रामायण की अन्तर्कथाएं , महाभारत आदि.

बालोपयोगी साहित्य:

भक्त प्रहलाद , भीष्म, महाराणा प्रताप, ईसप की नीतिकथाएँ, भक्त ध्रुव, सीखभरी कहानियां आदि.

अनुवाद:

रामचरितमानस (विनय-भाग)  (खड़ीबोली हिन्दी में पद्यानुवाद), श्रीरामकृष्णवचनामृत (तीन खण्डों में), विष वृक्ष, कृष्णकांत का वसीयतनामा, कपालकुंडला, दुर्गेश नन्दिनी, राजयोग (अंशानुवाद)देवी चौधरानी, राजरानी, युगलांगुलीय, चन्द्रशेखर, रजनी, राज सिंह, भारत में विवेकानंद, आनंद मठ (बाङ्ला से गद्यानुवाद), परिव्राजक आदि।

रचनावली:

निराला रचनावली नाम से 8 खण्डों में पूर्व प्रकाशित एवं अप्रकाशित सम्पूर्ण रचनाओं का सुनियोजित प्रकाशन (प्रथम संस्करण-1983)

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी एवं महादेवी वर्मा जी का संबंध:

सूर्यकांत त्रिपाठी जी छायावादी युग की महान कवियित्री महादेवी वर्मा जी को अपनी बहन मानते थे एवं वे उनके सबसे करीबी भी माने जाते थे।

एक वाक्या के मुताबिक साल 1950 से 1951 के बीच जब निराला जी रक्षाबंधन के दिन इलाहाबाद पहुंचे तो उनके पास रिक्शा वाले को देने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी बहन महादेवी वर्मा जी के दरवाजे पर रुककर उनसे 12 रुपए मांगे जिसके पास उन्होंने 2 रुपए रिक्शा वाले को दे दिए और बाकी के दस रुपए महादेवी वर्मा जी को राखी बंधवाने के दे दिए। इस तरह उन्होंने राखी के दिन अपनी बहन से ही पैसे लेकर उनसे राखी रांखी बंधवाई थी।

यही नहीं निराला जी ने महान कवियित्री महादेवी वर्मा जी को ”हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती” की उपाधि भी दी थी।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की मृत्यु – Suryakant Tripathi Nirala Death

हिन्दी साहित्य के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने 15 अक्टूबर, साल 1961 को प्रयाग में अपनी आखिरी सांस ली। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी को भारतीय संस्कृति के द्रष्टा कवि के रुप में भी जाना जाता है। उन्होंने समाजिक रुढियों का जमकर विरोध किया है।

हिन्दी साहित्य के छात्रावादी युग के प्रमुख कवि निराला जी आज हमारे बीच जरूर नहीं है, लेकिन अपनी रचनाओं के माध्यम से वे आज भी हम सभी के दिलों में जिंदा है और सभी के ह्रद्य में उनके प्रति सम्मान की भावना है। हिन्दी साहित्य में उनके द्धारा दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। निराला जी के द्धारा लिखी गई कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं-

”तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा

पत्थर की, निकलो फिर गंगा-जलधारा

गृह-गृह की पार्वती

पुन: सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती

उर-उर की बनो आरती

भ्रान्तों की निश्चल ध्रुवतारा तोड़ो,

तोड़ो, तोड़ो कारा।।”

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महान गणितज्ञ आर्यभट की जीवनी | Aryabhatta Biography In Hindi

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Aryabhatta ka Jeevan Parichay

आर्यभट्ट भारत के एक महान गणतिज्ञ थे, जिन्होंने शून्य और पाई की खोज की थी। वे एक अच्छे खगोलशास्त्री भी थे, जिन्होंने विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, उनकी प्रसिद्धि न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी फैली थी। आर्यभट्ट के द्धारा की गई खोजों ने विज्ञान और गणित के क्षेत्र में एक नया आयाम प्रदान किया है और इसे आसान बना दिया है।

आपको बता दें कि बीजगणित (एलजेबरा) का इस्तेमाल करने वाले आर्यभट्ट पहले शख्सियत थे। ऐसा माना जाता है कि ‘निकोलस कॉपरनिकस’ से करीब 1 हजार साल पहले ही आर्यभट्ट ने यह अविष्कार कर लिया था कि पृथ्वी गोल है और वह सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाती है।

यही नहीं आर्यभट्ट जी ने अपने नाम पर आर्यभट्टीय ग्रंथ की रचना की थी। उनके इस ग्रंथ में अंकगणित, बीजगणित और त्रिकोणमति गणित को समझाने की कोशिश की गई है साथ ही खगोल को समाहित को भी किया गया है। आइए जानते है भारत के महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट जी की अविष्कार और उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण खोजों के बारे में –

महान गणितज्ञ आर्यभट की जीवनी – Aryabhatta Biography In Hindi

Aryabhatta Biography In Hindi

आर्यभट्ट जी के जीवन के बारे में एक नजर में- Aryabhatta Information

नाम (Name) आर्यभट्ट
जन्म (Birthday)  476 ईसवी अश्मक, महाराष्ट्र, भारत
मृत्यु (Death) 550 ईसवी
कार्य (Work) गणितज्ञ, ज्योतिषविद एवं खगोलशास्त्री
पढ़ाई (Education) नालंदा विश्वविद्यालय
प्रसिद्ध रचनायें आर्यभटीय, आर्यभट्ट सिद्धांत
महत्वपूर्ण योगदान पाई एवं शून्य की खोज

आर्यभट्ट जी का जन्म और शुरुआती जीवन – Aryabhatta History

महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी का जन्म के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग मत है। कई इतिहासकार उनका जन्म  476 ईसवी में कुसुमपुर ( आधुनिक पटना) में बताते हैं, तो कई इतिहासकार उनका जन्म महाराष्ट्र के अश्मक में बताते हैं। वहीं ऐसा माना जाता है कि आर्यभट्ट पटना की मुख्य नालंदा यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे।

महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की प्रसिद्द रचनाएं – Aryabhatta Books

आर्यभट्ट ने अपनी जीवनकाल में कई महान ग्रंथों की रचना की थी, जिनमें से उनके आर्य़भट्टीय, तंत्र, दशगीतिका और आर्यभट्ट सिद्धांत प्रमुख थे। हालांकि, उनकी आर्यभट्ट सिंद्धात नामक ग्रंथ एक विलुप्त ग्रंथ है। जिसके सिर्फ 34 श्लोक ही वर्तमान में उपलब्ध है।

इतिहासकारों की माने तो आर्यभट्ट के इस ग्रंथ का सबसे अधिक इस्तेमाल सातवीं सदी में किया जाता था। यह उनका सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ था, जिसमें उन्होंने अंकगणित, बीजगणित, त्रिकोणमति की व्याख्या बेहद खूबसूरत तरीके से की थी। इसके अलावा इस ग्रंथ में वर्गमूल, घनमूल, सामान्तर श्रेणी समेत कई समीकरणों को भी आसान भाषा में समझाया गया है।

उनके इस ग्रंथ में कुल 121 श्लोक हैं, जिन्हें अलग-अलग विषयों के आधार पर गीतिकापद, गणितपद, कालक्रियापद एवं गोलपद में बांटा गया है। आर्यभट्ट के इस ग्रंथ में 108 छंद है, उनके इस ग्रंथ को ”आर्यभट्टीय” नाम से संबोधित करते हैं।

महान खगोल वैज्ञानिक आर्यभट्ट का ”आर्यभट्ट सिद्धान्त” – Aryabhatta Theorem

महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट की यह प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है। इसमें उन्होंने शंकु यंत्र, बेलनाकार यस्ती यंत्र, जल घड़ी, छाया यंत्र, कोण मापी उपकरण, छत्र यंत्र और धनुर यंत्र/चक्र यंत्र आदि का उल्लेख किया है।

आर्यभट्ट जी गणित और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान – Aryabhatta Contribution

महान वैज्ञानिक और गणतिज्ञ आर्यभट्ट जी ने अपने महान खोजों और सिद्धान्तों से विज्ञान और गणित के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने शून्य, पाई, पृथ्वी की परिधि आदि की लंबाई बताकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कुछ महत्वपूर्ण खोज इस प्रकार हैं-

  • पाई का मान- आर्यभट्ट जी ने दशमलव के चार अंकों तक पाई का मान बताया है। उन्होंने पाई का मान 62832/20000 = 3.1416 के बराबर बताया।
  • त्रिकोणमिति में आर्यभट्ट जी का योगदान- आर्यभट्ट जी का त्रिकोणमिति के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने अपने इस ग्रंथ में आर्य सिद्धांत में ज्या, कोज्या, उत्क्रम ज्या, व्युज्या की परिभाषा बताई।
  • शून्य की खोज- आर्यभट्ट ने शून्य की खोज कर गणित में अपना अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • बीजगणित में घनों और वर्गों के जोड़ के सूत्र का अविष्कार किया।
  • खगोल विज्ञान के क्षेत्र में आर्यभट्ट जी ने अपना अहम योगदान दिया है, उन्होंने यह सिद्द किया है कि पृथ्वी अपने अक्ष पर निरंतर रुप से घूमती है, जिसकी वजह से आसमान में तारों की स्थिति में बदलाव होता है । इसके साथ ही आर्यभट्ट जी ने यह भी बताया है कि पृथ्वी को अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा करने में करीब 23 घंटे, 56 मिनट और 1 सेकंड का समय लगता है।
  • आर्यभट्ट जी ने सूर्य से ग्रहों की दूरी बताई, जो कि वर्तमान माप से मिलती-जुलती है। वहीं आज पृथ्वी से सूर्य की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर मानी जाती है, इसे एक 1 (AU) भी कहा जाता है।
  • पृथ्वी की परिधि की लंबाई की गणना- आर्यभट्ट जी ने पृथ्वी की लंबाई 39,968.05 किलोमीटर बताई थी, जो कि इसकी वास्तविक लंबाई (40,075.01 किलोमीटर) से महज 2 प्रतिशत ही कम है। वहीं आज के विज्ञान में इसे अभी भी आश्चर्यजनिक रुप से देखा जाता है।
  • इसके अलावा आर्यभट्ट जी ने वायुमंडल की ऊंचाई 80 किलोमीटर बताई। हालांकि, इसकी वास्तविक ऊंचाई 1600 किलोमीटर से भी ज्यादा है, लेकिन इसका करीब 99 फीसदी हिस्सा 80 किलोमीटर की सीमा तक ही सीमित है।
  • आर्यभट्ट जी ने एक साल की लंबाई 365.25868 दिन के बराबर बताई थी, जोकि वर्तमान गणना 365.25868 के काफी निकटतम है।
  • महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की खगोलीय गणना ने ”जलाली कैलेंडर” बनाने में मद्द की थी।

आर्यभट्ट उपग्रह एवं आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान – Aryabhatta Satellite

19 अप्रैल, 1975 को भारत सरकार ने अपने पहला उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़ा था, जिसका नाम उन्होंने महान गणितज्ञ और खगोल वैज्ञानिक आर्यभट्ट जी के नाम पर रखा था। यही नहीं इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) द्धारा वायुमंडल के संताप मंडल में जीवाणुओं की खोज की गई थी।

जिनमें से एक प्रजाति का नाम बैसिलस आर्यभट्ट रखा गया था, जबकि भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल में आर्यभट्ट के सम्मान में एक वैज्ञानिक संस्थान का नाम ”आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान” रखा गया है।

आर्यभट्ट जी की मृत्यु – Aryabhatta Death

गणित और विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आर्यभट्ट जी ने लगभग 550 ईसा पूर्व में अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी।

आर्यभट्ट जी के बारे में रोचक तथ्य – Facts About Aryabhatta

  • आर्यभट्ट दुनिया के सबसे बुद्दिमान व्यक्तियों में शुमार है, जिन्होंने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था,उन्होंने वर्तमान वैज्ञानिक दुनिया के लिए एक आश्चर्य प्रकट किया था। वहीं उनकी रचनाओं का इस्तेमाल ग्रीक और अरब देशों द्धारा और अधिक विकसित करने के लिए किया गया था।
  • आर्यभट्ट जी ने खगोलशास्त्र, गोलीय त्रिकोणमिति से संबंधित अपनी प्रसिद्ध रचना ‘आर्यभाटिया’ को कविता के रुप में लिखा है। यह प्राचीन भारत की सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा किताबों में से एक है। आपको बता दें कि उन्होंने अपनी इस प्रसिद्ध रचना में अंकगणित, बीजगणित और त्रिकोणमिति के 33 महत्वपूर्ण नियम बताए हैं।
  • महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट ने पाई का मान (3.1416) को दशमलव के चार अंकों तक ही सही बताया था।
  • महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट जी ने दशगीतिका हिस्से में पहले पांच ग्रहों की गणना एवं हिन्दू कालगणना और त्रिकोणमिति की चर्चा की है।
  • कालक्रिया में आर्यभट्ट जी ने हिन्दुकाल की गणना समेत ग्रहों की जानकारी दी थी।
  • गणितपाद में उन्होंने अंकगणित, बीजगणित और रेखागणित पर संपूर्ण जानकारी प्रदान की थी।
  • आज पूरी दुनिया में पढ़ी जाने वाली त्रिकोणमिति की खोज आर्यभट्ट ने की थी।
  • आर्यभट्ट दुनिया के एक ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण लगने की भी खोज की थी। इसके साथ-साथ ग्रहण लगने का समय निकलने का फॉर्मूला और ग्रहण कितनी देर तक रहेगा, इसके बारे में भी बताया था।
  • शून्य की खोज करने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी का मानना था कि सौर मंडल के केन्द्र में स्थित है, पृथ्वी समेत अन्य ग्र्ह इसके परिक्रमा करते हैं।

महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट जी ब्रम्हांड को अनादि-अनंत मानते थे। वहीं भारतीय दर्शन के मुताबिक इस सृष्टि का निर्माण वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी और आकाश इन पांच तत्वों को मिलकर हुआ है, जबकि आर्यभट्ट जी आकाश को इन पंचतत्व में शामिल नहीं करते थे।

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ओसामा बिन लादेन की जीवनी – Osama Bin Laden History

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Osama Bin Laden History in Hindi

पूरे विश्व में आंतक फैलाने और आम जनता के मन में दहशत पैदा करने वाले आंतकवादी ओसामा बिन लादेन को उसकी क्रूरता और आतंकवादियों हमलों के लिए जाना जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9 सितंबर साल 2011 में हुए दर्दनाक आतंकवादी हमले के बाद ओसामा बिन लादेन पूरी दुनिया में कुख्यात हो गया था।

वहीं इस दर्दनाक आतंकी हमले के बाद विश्व के कई आतंकवादियों को हौसला मिला था। हालांकि, आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को बाद में अमेरिकी नौ सेना द्धारा 2 मई, 2011 को एक खूफिया मिशन के तहत मार दिया गया था।

आइए जानते हैं दुनिया के इस सबसे खतरनाक दहशतगर्दियों में से एक ओसामा बिन लादेन के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में-

ओसामा बिन लादेन की जीवनी – Osama Bin Laden History in Hindi

Osama Bin Laden

ओसामा बिन लादेन के जीवन के बारे में एक नजर में – Osama Bin Laden Information

पूरा नाम (Name) ओसामा बिन मोहम्मद बिन अवद बिन लादेन
जन्म (Birthday) 10 मार्च, 1957, सऊदी अरब
पिता (Father Name) मुहम्मह बिन अवद बिन लादेन
माता (Mother Name) हमीदा अल-अट्टास
मृत्यु (Death) 2 मई, 2011, एबोटाबाद, खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान

ओसामा बिन लादेन का प्रारंभिक जीवन, शिक्षा एवं विवाह – Osama Bin Laden Biography

ओसामा बिन लादेन, 10मार्च, 1957 को सऊदी अरब के रियाद में एक अरबपति रईस के घर जन्मा था। उसके पिता मोहम्मद बिन लादेन एक निर्माण व्यवसायी थे, जिनके सऊदी अरब के शाही परिवार से काफी अच्छे संबंध थे। लादेन, मोहम्मद बिन लादेन के 52 संतानों में में से 17वीं संतान थे।

लादेन की मां का नाम हमीदा था, जो कि उनके पिता की 10वीं पत्नी थी। वहीं लादेन के पैदा होने के कुछ दिनों बाद ही उनके पिता ने उनकी मां से तलाक ले लिया था। इसके बाद उनकी मां ने मोहम्मद बिन लादेन के एक सहयोगी मोहम्मद-अल-अट्टास से निकाह कर लिया था। आपको बता दें कि ओसामा बिन लादेन के पिता ने 10 शादियां की थी, जिनमें से उनकी मां हमीदा इकलौती सीरियन महिला थीं, बाकी सऊदी अरब की रहने वाली थीं।

ओसामा बिन लादेन ने अपनी शुरुआती पढाई इलाइट सेक्यूलर, अल थैगर मॉडल स्कूल (élite secular Al-Thager Model School )से की थी। इसके बाद उसने सऊदी अरब के किंग अब्दुलअजीज यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की। यही नहीं ओसामा बिन लादेन ने 1979 में सिविल इंजीनियरिंग और 1981 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की कई डिग्रियां भी प्राप्त की थी। 

वो अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों के दौरान कई तरह के टैरिटेबल और रिलिजियस प्रोग्राम्स में भी हिस्सा लेता था। ओसामा बिन लादेन जब महज 17 साल का था, तब उसका विवाह सीरिया की नजवा घोनम के साथ हुआ था। इसके अलावा भी उसने कई और शादियां की थी। हालांकि उनकी पहली शादी ज्यादा दिनों तक चल नहीं सकी थी।

उसने अमेरिका में हुए 9/11 हमले से पहले ही उनसे तलाक ले लिया था। इसके बाद ओसामा बिन लादेन ने साल 1983 में खादिजा शरीफ से शादी कर ली थी, लेकिन उसकी यह शादी भी ज्यादा नहीं चल सकी उसने 1990 में अपनी खादिजा बेगम से तलाक ले लिया और फिर साल 1985 में खैरिया सबर के साथ शादी की।

इसके अलावा उसने साल 1987 में सिहम सबर और साल 2000 में अमल-अलसदाह के साथ शादी की थी। ओसामा बिन लादेन को  अपनी सभी पत्नियों से करीब 26 बच्चे पैदा हुए थे। वहीं लादेन के करीब 11 बच्चे अमेरिका में 9/11 हमले के बाद इरान भाग गए थे।

मकतब -अल-खिदमत संस्था की स्थापना – Maktab Faiz Ul Quran

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान चला गया जहां उसकी मुलाकात अब्दुल्ला आजम से हुई। इसके बाद साल 1984 में आतंक का आंका ओसामा बिन लादेन ने अब्दुल्ला आजम के साथ मिलकर मकतब-अल-खिदमत नामक एक संस्था बनाई, जिसमें लड़ने के लिए हथियार और पैसा सब अरब देशों से अफगानिस्तान आता था।

यही नहीं ओसामा बिन लादेन ने आंतक को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान में सोवियत समर्थित शासन को खत्म करने के मकसद से पाकिस्तान में अपने कैंप भी लगाए थे, जिसमें मुस्लिम देशों से आए लोगों को  ट्रेनिंग भी दी थी। इसके अलावा उसने जाजी की लड़ाई समेत कई बड़ी लड़ाइयों में हिस्सा लिया था।

अलकायदा की स्थापना – Al qaeda Established

साल 1988 में मकतब-अल-खिदमत से अलग होने के बाद ओसामा बिन लादेन ने सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध के अलावा पश्चिमीकरण की ओर लादेन की बढ़ती  नफरत की वजह से आतंकवादी संगठन अल-कायदा की स्थापना की थी। उसके इस संगठन में मिस्त्र के इस्लामिक जिहाद के कई दिग्गज नेता भी शामिल थे।

वहीं इस संगठन में कई बड़े नेताओं के साथ मिलकर यह भी तय किया गया था कि अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हट जाने पर पूरा पैसा जिहाद के कामों में लगाया जाएगा। वहीं जिस समय अफगानिस्तान से सोवियत यूनियन हटाई गई थी, उस दौरान सऊदी अरब में सद्दाम हुसैन तानाशाह था, जो कि लादेन के उग्र इस्लामी भाषणों के चलते इस बात से भयभीत रहता था कि उसकी वजह से उसका सम्राज्य खतरे में नहीं पड़ जाए, इसलिए वह ओसामा बिन लादेन को अधिकतर चुप रखने का प्रयास करता था।

साल 1990 में जब ईराक ने कुवैत पर हमला कर दिया था, उस दौरान सद्दाम हुसैन ने ओसामा बिन लादेन की मद्द की बजाय अमेररिका से मद्द मांगी थी, जिसके बाद अपमानित महसूस होकर लादेन ने यह प्रण लिया था कि, वो एक दिन अलकायदा को अमेरिका से भी ज्यादा महान बनाएगा।

ओसामा बिन लादेन के विवाद एवं हमले:

  • अपने आतंकी संगठन अलकायदा की शक्ति को और अधिक बढ़ाने एवं इसे मजबूत बनाने के मकसद से इसके बाद लादेन सऊदी अरब छोड़कर ज्यादा से ज्यादा लड़ाकों को लेने के मकसद से सुडान चला गया। इसके बाद अलकायदा ने साल 1992 यमन के एक गोल्ड मोहर होटल में अपना पहला धमाका करवाया। जिसमें एक ऑस्ट्रेलियन यात्री और एक यमन यात्री की मौत हो गई थी।
  • इसके बाद साल 1993 में ओसामा बिन लादेन ने न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर पहली बार बम बिस्फोट किया था। इस धमाके में करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि डेढ़ हजार लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
  • इसके बाद साल 1995 में मिस्त्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की हत्या करने की नाकाम कोशिश की।
  • साल 1998 में ओसामा बिन लादेन के आतंकी संगठन अल-कायदा ने नैरोबी, दार एस सलाम, तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर भयंकर हमले किए, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी और 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
  • इसके बाद करीब 11 सितंबर, साल 2001 को अल-कायदा संगठन ने अमेरिका की दो सबसे बड़ी इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन को निशाना बनाया । उसने अमेरिका के 2 प्लेन हाइजैक कर आत्मघाती तरीके से उड़ा दिया था। लादेन ने यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 और अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कॉम्प्लेक्स के टॉवर्स पर बुरी तरह से आत्मघाती हमलों से क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस आत्मघाती हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई और हजारों बेकसूर लोग बुरी तरह घायल हो गए। इस हादसे में कम से कम 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। यह आतंकी हमला ना सिर्फ अमेरिका का बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास का सबसे बड़े आतंकवादी हमला बन गया। इस हमले ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों को हिलाकर रख दिया था। अमेरिका में हुए 9/11 के आतंकी हमले के बाद ओसामा बिन लादेन मोस्टवांटेड बन गया था, जिसके बाद वो करीब 10 सालों तक दुनिया की नजरों से बचता रहा। इस दौरान अमेरिका ने उसे ढूंढने के कई प्रयास किए। यही नहीं अमेरिका ने  उसकी खोज में करीब 25 मिलियन डॉलर की इनामी राशि भी रखी।

11 सिंतबर, साल 2001 का हमले के बाद, उनकी पत्नियों में से एक के अनुसार, लादेन साल 2002 में पाकिस्तान के पेशावर में अल-कायदा के एक घर में अपनी पत्नियों और बच्चों को ले गया था। जून 2005 में, लादेन अपने परिवार के साथ एबोटाबाद चला गया।

इसके बाद करीब 10 अगस्त साल 2010 में लादेन को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास अबोत्ताबाद के एक कंपाउंड में ढूंढ लिया गया था और कई महीनों तक ड्रोन के जरिए उस पर नजर रखी गई। इसके बाद 2 मई साल 2011 में  उस कंपाउंड को  संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्यों के विशेष संचालन बलों और नौसेना के जवानों ने घेर लिया और इस आंतक  के आंका ओसामा बिन लादेन को गोलियों से भुन दिया।

इसके बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस विश्व के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की हत्या की अधिकारिक रुप से घोषणा की।

ओसामा बिन लादेन से जुड़े रोचक तथ्य – Facts about Osama Bin Laden

  • ओसामा बिन लादेन के पिता मुहम्महद बिन अवद बिन लादेन एक निर्माण व्यपारी था एवं वे सऊदी के शाही परिवार के बहुत करीबी मित्र थे। साल 1967 में, सऊदी अरब में एक हवाई जहाज हादसे में उनके पिता की मौत हो गई थी।
  • आतंकवादी ओसामा बिन लादेन सुत्री मुस्लिम समुदाय से थे। उन्हें बचपन में ”यंग लॉयन” कहा जाता था।
  • ओसामा बिन लादेन के बारे में सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि वे एक पढे-लिखे आतंकी थी जिनके पास कई डिग्रियां थी, यही नहीं उनकी धार्मिक अध्ध्यन करने में भी रुचि थी।
  • ओसामा बिन लादेन जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे पश्चिमी विचारधारा को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। लादेन को साम्यवाद, समाजवाद, लोकतंत्र, समलैंगिकता, जुआ, नशे की लत आदि सम्मिलत हैं।
  • ओबामा 24 बच्चों का पिता था, उसने करीब 10 शादियां की थी। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी ओसामा बिन लादेन नहीं चाहता था कि उसके बच्चे आतंकवादी बनें।
  • साल 1978 में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर धावा बोला था, उस दौरान ओसामा बिन लादेन मुजाहिदीन के साथ मिल गया था। वहीं इसी दौरान उसकी सोच बदल गई थी।
  • लादेन का सोचना यह था कि सऊदी अरब के शासकों ने अमेरिकी सेना को सऊदी की जमीन पर आने की इजाजत दी है। इसी से क्रोधित होकर ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था।
  • सबसे चर्चित आंतकवादियों में से एक ओसामा बिन लादेन, साल 1979 में सोवियत संघ का विरोध करने के लिए अफगानिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान गए थे, जहां उन्होंने सोवियत संघ के खिलाफ जिहादी आंदोलन का पूर्ण समर्थन दिया। यही नहीं इस आंदोलन के दौरान उन्होंने अपने पिता की कंपनी से धन समेत अन्य जरुरतों को भी पूरा किया।  यही नहीं सेंट्रल इंटेलिटेंस एजेंसी ने भी इस आंदोलन के दौरान ओसामा बिन लादेन समेत चरमपंथी इस्लामी समूहों का भी समर्थन दिया और अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए भारी मात्रा में हथियार भेजे एवं काफी धन भेजकर भी मद्द की।
  • सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध के अलावा पश्चिमीकरण की ओर लादेन की बढ़ती नफरत की वजह से साल 1988 में अल-कायदा की स्थापना की थी। करीब 1990 के दशक में ओसामा बिन लादेन अमेरिकियों के कट्टर दुश्मन बन गए थे, जिसके चलते उन्होंने नागरिकों समेत अमेरिकियों को मारने की घोषणा भी की थी।
  • आतंकवाद संगठन अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को मुस्लिमों के लिए संगीत बिल्कुल पसंद नहीं था, इसका उसने विरोध भी किया था।
  • ओसामा बिन लादेन के कई बॉडीगार्ड थे, इसके साथ-साथ उनके पास AK-47, पीके मशीन गन, स्टिंगर मिसाइल समेत कई आधुनिक शस्त्र भी थे।
  • आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शायरी और कविताएं लिखने का काफी शौक था, उसने कई शायरी और कविताएं लिखीं थीं। इसके अलावा ओसामा बिन लादेन को वॉलीबॉल खेलना भी काफी अच्छा लगता था।
  • 9/11 अमेरिकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को न सिर्फ कविताओं और शायरी का शौक था, बल्कि वह भांग की खेती भी करने का शौकीन था, उसने अपनी जीवन में कई सालों तक भांग की खेती की थी।
  • यही नहीं ओसामा बिन लादेन एक अय्याश आतंकी थी, जिसे पोर्न मूवीज देखने का भी काफी शौक था, एबटाबाद में उसके घर से मिली हार्ड डिस्क में ढेरों डाउनलोड पोर्न मूवीज मिलीं थीं।
  • 11 सितंबर, 2001 में अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन की अगुवाई में अमेरिका में हुए आतंकी हमलों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। इन भयावह हमलों में करीब 3 हजार बेकसूर लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। वहीं इस हमले के बाद ओसामा बिन लादेन अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड बन गया था। यही नहीं FBI ने उसे ढूढंने वाले व्यक्ति के लिए करीब 25 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा था।
  • इसके बाद 2 मई, साल 2011 को संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्यों के विशेष संचालन बलों और नौसेना के जवानों ने लादेन को गोली मार दी थी और इस तरह आंतक के आंका ओसामा का अंत हो गया था।

जरुर पढ़े:

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नवजोत सिंह सिद्धू सुविचार | Quotes By Navjot Singh Sidhu In Hindi

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Quotes by Navjot Singh Sidhu in Hindi

नवजोत सिंह सिद्धू – Navjot Singh Sidhu भारत के पूर्व क्रिकेटर, बाद में उन्होंने क्रिकेट पर कमेंट्री करना शुरू किया उसके बाद राजनीति में भी आये लेकिन उन्हें अपनी सही पहचान एक टीवी कलाकार के रूप में मिली.. उनकी शायरी और सुविचार काफी प्रसिद्ध है… और शायरी करने का अंदाज उससे भी जादा… यह आपके लिए उनके कुछ चुनिंदा सुविचार…

नवजोत सिंह सिद्धू सुविचार – Navjot Singh Sidhu Quotes in Hindi

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“शादी के बाद दूसरे की बीवी ज्यादा खूबसूरत लगती है।”

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“सफलता के मार्ग पर कोई बिना एक-दो पंक्चर के नहीं चलता।”

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“अनुभव वो कंघी है जो ज़िन्दगी आपको तब देती है, जब आप गंजे हो जाते हैं।”

Quotes By Navjot Singh Sidhu

“विकेट पत्नियों की तरह होते हैं। आप कभी नहीं जानते की उनसे क्या उम्मीद की जाये।

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“एक गिरा हुआ प्रकाशस्तंभ किसी चट्टान से भी अधिक खतरनाक होता है।”

“जब आप एक राक्षस के साथ भोजन कर रहे हो तो आपके पास एक लम्बा चम्मच होना चाहिये।”

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“उम्र ,जवानी के जोश को ठंडा करने में सबसे कारगर है।”

Quotes By Navjot Singh Sidhu In Hindi

“तीसरा अंपायर उतनी ही जल्दी बदलना चाहिये जितने जल्दी की आप बच्चे की लंगोट बदलते है।”

“आपको अपनी बेल्ट को कसने या पैंट को गवाने में से एक को चुनना पड़ेगा।”

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“समुद्र शांत हो तो कोई भी जहाज चला सकता है।”

“जो कभी पासा नही फेकता वो कभी छक्का मारने की उम्मीद ही नही कर सकता।”

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“बिना जोखिम के कुछ नही मिलता और जोखिम वही उठाते है जो साहसी होते है।”

More Quotes Collection: 

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अपनी अद्भुत कलाकृति और अद्धितीय संरचना के लिए मशहूर ”रानी की वाव”

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Rani Ki Vav in Hindi

अपनी अद्भभुत संरचना और बेमिसाल खूबसूरती के लिए विश्व भर में विख्यात रानी की वाव भारत के गुजरात शहर के पाटन गांव में स्थित है। यह भारत की सबसे प्राचीनतम और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। गुजरात में सरस्वती नदी के तट पर बना यह एक भव्य सीढ़ीनुमा कुआं है, जिसकी इमारत सात मंजिला है।

अपने प्रकार की यह इकलौती बावड़ी ”रानी की वाव” चारों तरफ से बेहद आर्कषक कलाकृतियों और मूर्तियों से घिरी हुई है। इस ऐतिहासिक बावड़ी का निर्माण 11वीं सदी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव की याद में उनकी पत्नी रानी उदयमती ने करवाया था। सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस बावड़ी को इसकी अद्भुत एवं विशाल संरचना की वजह से यूनेस्को द्धारा साल 2014 में विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया है।

यह अपने आप में इसकी अद्धितीय और अनूठी संरचना है, जो कि भूमिगत पानी के स्त्रोतों से थोड़ी अलग है। इस विशाल ऐतिहासिक संरचना के अंदर 500 से भी ज्यादा मूर्तिकलाओं का बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शन किया गया है। इस ऐतिहासिक बावड़ी को साल 2018 में RBI द्धारा जारी 100 रुपए के नए नोट पर भी प्रिंट किया गया है, तो आइए जानते हैं दुनिया भर में मशहूर इस बावड़ी के इतिहास और इससे जुड़ो रोचक तथ्यों के बारे में-

अपनी अद्भुत कलाकृति और अद्धितीय संरचना के लिए मशहूर ”रानी की वाव” – Rani Ki Vav In Hindi

Rani ki vav
Rani ki vav

रानी की वाव की संक्षिप्त जानकारी एक नजर में- Rani Ki Vav Information

कहां स्थित है पाटन जिला, गुजरात (भारत)
कब हुआ निर्माण  1063 ईसवी में
किसने करवाया निर्माण रानी उदयमति(सोलंकी राजवंश की रानी )
वास्तुकला मारू–गुर्जर स्थापत्य शैली
प्रकार   सांस्कृतिक, बावड़ी
युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल 22 जून 2014

रानी की वाव का निर्माण एवं इसका इतिहास – Rani Ki Vav History In Hindi

अपनी अनूठी वास्तुशैली के लिए विश्व भर में मशहूर यह विशाल रानी की वाव गुजरात के पाटन शहर में स्थित है। इस भव्य बावड़ी का निर्माण सोलंकी वंश के शासक भीमदेव की पत्नी उदयमति ने 10वीं-11वीं सदी में अपने स्वर्गवासी पति की स्मृति में करवाया था। करीब 1022 से 1063 के बीच इस 7 मंजिला बावड़ी का निर्माण किया गया था।

आपको बता दें कि सोलंकी राजवंश के शासक भीमदेव ने वडनगर गुजरात पर 1021 से 1063 ईसवी तक शासन किया था। अहमदाबाद से करीब 140 किलोमीटर की दूरी पर बनी यह ऐतिहासिक धरोहर रानी की वाव प्रेम का प्रतीक मानी जाती है।

ऐसा माना जाता है कि इस अनोखी बावड़ी के निर्माण पानी का उचित प्रबंध करने के लिए किया गया था, क्योंकि इस क्षेत्र में वर्षा बेहद कम होती थी, जबकि कुछ लोककथाओं के मुताबिक रानी उदयमती ने जरूरतमंद लोगों को पानी प्रदान कर पुण्य कमाने के उद्देश्य से इस विशाल बावड़ी का निर्माण करवाया था।

सरस्वती नदी के तट पर स्थित यह विशाल सीढ़ीनुमा आकार की बावड़ी कई सालों तक इस नदीं में आने वाली बाढ़ की वजह से धीमे-धीमे मिट्टी और कीचड़ के मलबे में दब गई थी, जिसके बाद करीब 80 के दशक में भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग ने इस जगह की खुदाई की। काफी खुदाई करने के बाद यह बावड़ी पूरी दुनिया के सामने आई।

और अच्छी बात यह रही कि सालों तक मलबे में दबने के बाद भी रानी की वाव की मूर्तियां, शिल्पकारी काफी अच्छी स्थिति में पाए गए।

रानी की वाव की अद्भुत बनावट एवं संरचना – Rani Ki Vav Architecture

गुजरात में स्थित ”रानी वाव” 11 वीं सदी की वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। इस बावड़ी का निर्माण मारू-गुर्जर स्थापत्य शैली का इस्तेमाल कर किया गया है। इस जल संग्रह प्रणाली के इस नायाब नमूने को इस तरह बनाया गया है कि इसमें यह जल संग्रह की उचित तकनीक, बारीकियों और अनुपातों की अत्यंत सुंदर कला क्षमता की जटिलता को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित करती हैं।

सीढ़ियों वाली इस भव्य बावड़ी की पूरी संरचना भू-स्तर के नीचे बसी हुई है, जिसकी लंबाई करीब 64 मीटर, चौड़ाई करीब 20 मीटर है, जबकि यह 27 मीटर गहरी है। यह अपने समय की सबसे प्राचीनतम और अद्भुत स्मारकों में से एक है। इस बावड़ी की दीवारों पर बेहतरीन शिल्पकारी और सुंदर मूर्तियों की नक्काशी की गई है।

इसके साथ ही इस विशाल बावड़ी की सीढ़ियों पर बनी उत्कृष्ट आकृतियां यहां आने वाले सैलानियों का मन मोह लेती हैं। आपको बता दें कि अपने प्रवेश द्धारा से लेकर अपनी गहराई तक यह अनूठी बावड़ी पूरी तरह से उत्कृष्ट शिल्पकारी से सुसज्जित है। इस विशाल बावड़ी की अद्भुत संरचना और अद्धितीय शिल्पकारी अपने आप में अनूठी है।

सबसे खास बात यह है कि यह बावड़ी बाहरी दुनिया के कटे होने की वजह से काफी अच्छी परिस्थिति में है।

भगवान विष्णु से संबंधित है बावड़ी की मूर्तियां और कलाकृतियां:

सीढ़ियों वाली सात मंजिलीं इस अनूठी बावड़ी की दीवारों पर सुंदर मूर्तियां और कलाकृतियों की अद्भुत नक्काशी की गई है। इस अनूठी बावड़ी में 500 से ज्यादा बड़ी मूर्तियां हैं, जबकि 1 हजार से ज्यादा छोटी मूर्तियां हैं। औधें मंदिर के रुप में डिजाइन की गई इस बावड़ी में भगवान विष्णु के दशावतारों की मूर्तियां बेहद आर्कषक तरीके से उकेरी गईं हैं।

यहां विष्णु भगवान के नरसिम्हा, वामन, राम, वाराही, कृष्णा  समेत अन्य प्रमुख अवतार की कलाकृतियां उकेरी गईं हैं। इसके अलावा इस विशाल बावड़ी में माता लक्ष्मी, पार्वती, भगवान गणेश, ब्रह्रा, कुबेर, भैरव और सूर्य समेत तमाम देवी-देवताओं की कलाकृति भी देखने को मिलती है।

इसके अलावा इस भव्य बावड़ी पर भारतीय महिला के 16 श्रंगारों को परंपरागत तरीके से बेहद शानदार ढंग से दर्शाया गया है। यहीं नहीं इस बावड़ी के अंदर कुछ नागकन्याओं की भी अद्भुत प्रतिमाएं देखने को मिलती है। 100 रुपए के नोट में छपी इस ऐतिहासिक ‘रानी की वाव’ में हर स्तर पर स्तंभों से बना हुआ एक गलियारा है, जो कि वहां के दोनों तरफ की दीवारों को जोड़ता है।

वहीं इस आर्कषक गलियारे में खड़े होकर रानी के वाव की अद्भुत सीढ़ियों का नजारा ले सकते हैं। अपने प्रकार की इस इकलौती बावड़ी को कलश के आकार में ढाल दिया है। इस अद्भुत बावड़ी की दीवारों पर बने ज्यामितीय और रेखाचित्र देखते ही बनते हैं।

रानी की वाव का गहरा कुंआ – Rani Ki Vav Step Well

गुजरात में सरस्वती नदी के तट के किनारे स्थित विश्व प्रसिद्ध रानी की वाव के सबसे अंतिम स्तर पर एक गहरा कुआं है, जिसे ऊपर से भी देखा जा सकता है। इस कुएं के अंदर गहराई तक जाने के लिए सीढ़ियां निर्मित की गई हैं, लेकिन अगर इसे ऊपर से नीचे की तरफ देखते हैं तो यह दीवारों से बाहर निकले हुए कुछ कोष्ठ की तरह नजर आते हैं, जिनका पहले कभी किसी तरह की वस्तु आदि रखने के लिए उपयोग किया जाता था।

इस अनूठी बावड़ी की सबसे खास बात यह है कि इस वाव के गहरे कुएं में अंदर तक जाने पर शेष शैय्या पर लेटे हुए भगवान विष्णु की अद्भूत मूर्ति देखने को मिलती है, जिसे देखकर यहां आने वाले पर्यटक अभिभूत हो जाते हैं एवं इसे धार्मिक आस्था से भी जोड़कर देखा जाता है।

विश्व ऐतिहासिक धरोहर के रुप में रानी की वाव – Rani Ki Vav World Heritage Site

सात मंजिला इस ऐतिहासिक और विशाल बावड़ी को इसकी अनूठी शिल्पकारी, अद्भुत बनावट एवं इसकी भव्यता के साथ भूमिगत जल के उपयोग एवं बेहतरीन जल प्रबंधन कि व्यवस्था के चलते इसके वर्ल्ड हेरिटेज साइट यूनेस्कों ने साल 2014 में इसे विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है।

रानी की वाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य – Facts About Rani Ki Vav

  • गुजरात के पाटन में स्थित यह ऐतिहासिक बावड़ी ”रानी की वाव’ दुनिया की ऐसी इकलौती बावड़ी है, जिसें अपनी अद्भुत संरचना और अनोखी बनावट एवं ऐतिहासिक महत्व के चलते वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया था। यही नहीं विश्व प्रसिद्ध यह वावड़ी इस बात का भी प्रमाण है कि प्राचीन भारत में वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम कितना बेहतरीन और शानदार था।
  • प्रेम का प्रतीक मानी जाने वाली इस विशाल बावड़ी का निर्माण करीब 10-11वीं सदी में सोलंकी राजवंश की रानी उदयमती ने अपने स्वर्गवासी पति भीमदेव सोलंकी (सोलंकी राजवंश के संस्थापक) की याद में करवाया था।
  • सरस्वती नदी के तट पर स्थित इस बावड़ी के बारे में यह भी कहा जाता है कि कई सालों तक बाढ़ की वजह से यह बावड़ी धीमी-धीमे कीचड़, रेत और मिट्टी के मलबे में दबती चली गई और फिर 80 के दशक के अंतिम सालों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस जगह की खुदाई की पूरी तरह से यह बावड़ी पूरी दुनिया के सामने आई और खास बात यह रही कि कई सालों तक मलबे में दबे रहने के बाबजूद भी इस भव्य रानी की वाव की मूर्तियां, शिल्पकारी बेहतर स्थिति में मिले।
  • मारु-गुर्जर स्थापत्य शैली में बनी यह बावड़ी करीब 64 मीटर ऊंची, 20 मीटर चौड़़ी और करीब 27 मीटर गहरी है, जो कि करीब 6 एकड़ के क्षेत्रफल में फैली हुई है। यह अपने प्रकार की सबसे विशाल और भव्य संरचनाओं में से एक है।
  • यह विश्वप्रसिद्ध सीढ़ीनुमा बावड़ी के नीचे एक छोटा सा गेट भी है, जिसके अंदर करीब 30 किलोमीटर लंबी एक सुरंग बनी हुई है, जो कि पाटण के सिद्धपुर में जाकर खुलती है। ऐसा माना जाता है कि, इस रहस्यमयी सुरंग पाटन के सिद्धपुर में जाकर खुलती है। पहले इस खुफिया रास्ते का इस्तेमाल राजा और उसका परिवार युद्ध एवं कठिन परिस्थिति में करते थे। फिलहाल अब इस सुरंग को मिट्टी और पत्थरों से बंद कर दिया गया था।
  • अपनी अनूठी संरचना और अद्भुत बनावट के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध गुजरात की यह बावड़ी भूमिगत जलसंसाधन एवं भंडारण प्रणाली का एक उत्कृष्ट नमूना है।
  • विश्व प्रसिद्ध रानी की वाव के बारे में सबसे ऐतिहासिक और रोचक तथ्य यह है करीब 50-60 साल पहले इस बावड़ी के आसपास तमाम तरह के आयुर्वेदिक पौधे थे, जिसकी वजह से रानी की वाव में एकत्रित पानी को बुखार, वायरल रोग आदि के लिए काफी अच्छा माना जाता था। वहीं इस बावड़ी के बारे में यह मान्यता भी है कि इस पानी से नहाने पर बीमारियां नहीं फैलती हैं।
  • गुजरात के पाटन में स्थित इस अनूठी बावड़ी की इसकी अद्भुत बनावट और भव्यता की वजह से 22 जून, साल 2014 में यूनेस्कों ने विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है।
  • 11 वीं सदी की वास्तुशैली की इस उत्कृष्ट ऐतिहासिक कृति के अंदर भगवान विष्णु से संबंधित बहुत सारी कलाकृतियां और सुंदर मूर्तियां बनी हुई हैं। यहां पर भगवान विष्णु के दशावतार के रुप में कई मूर्तियां बनी हुई हैं, जिनमें से मुख्य रुप  से नरसिम्हा, कल्कि राम, वामन, कृष्णा वाराही और दूसरे मुख्य अवतार भी शामिल हैं। इसके अलावा इस भव्य बावड़ी में मां दुर्गा, लक्ष्मी, भगवान गणेश, शिव, ब्रह्रा जी, सूर्य समेत कई देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हुई हैं।
  • गुजरात में स्थित रानी की वाव में 500 से भी ज्यादा विशाल मूर्तियां और करीब एक हजार से ज्यादा छोटी मूर्तियां पत्थरों पर बेहद शानदार ढंग से उकेरी गई हैं। इस बावड़ी में की दीवारों और खंभों की शिल्पकारी और नक्काशी यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ लुभाती है।
  • 7 मंजिला इस बावड़ी का चौथा तल सबसे गहरा बना हुआ है, जिसमें से एक 9.4 मीटर से 9.5 मीटर के आयताकार टैंक तक जाता है।
  • विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल यह अनूठी बावड़ी में भारतीय महिलां के परंपरागत सोलह श्रंगार को भी मूर्तियों के जरिए बेहद शानदार तरीके से प्रदर्शित किया गया है।
  • अपनी अनूठी मूर्तिकला के लिए विश्व भर में विख्यात इस अद्भुत बावड़ी में 11वीं और 12वीं सदी में बनी दो मूर्तियां भी चोरी कर ली गईं थी, इनमें से एक मूर्ति गणपति और दूसरी ब्रह्म-ब्रह्राणि की थीं।
  • इस सात मंजिली सीढ़ीनुमा बावड़ी मुख्य रुप से पीने के पानी के उचित प्रबंध के लिए बनवाई गई थी, हालांकि इसके निर्माण के पीछे कई लोककथाएं भी प्रचलित हैं, जिनमें से एक कथा के मुताबिक, रानी उदयमति ने इस विशाल बावड़ी का निर्माण इसीलिए करवाया क्योंकि वे जरूरतमंद लोगों को पानी पिलाकर पुण्य-धर्म कमाना चाहती थीं।
  • सात मंजिला इस अनूठी बावड़ी में पहले सीढि़यों की कतारों की संख्या 7 हुआ करती थीं, जिसमें से अब 2 गायब हो चुकी हैं।
  • इस ऐतिहासिक बावड़ी की देखरेख का जिम्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की है। यह भव्य रानी की वाव गुजरात के भूकंप वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए भारतीय पुरातत्व को इसके आपदा प्रबंधन को लेकर हर समय सतर्क रहना पड़ता है।
  • अपनी कलाकृति के लिए मशहूर इस विशाल ऐतिहासिक बावड़ी को साल 2016 में दिल्ली में हुई इंडियन सेनीटेशन कॉन्फ्रेंस में ”क्लीनेस्ट आइकोनिक प्लेस” पुरस्कार से नवाजा गया है।
  • साल 2016 में भारतीय स्वच्छता सम्मेलन में गुजरात के पाटन में स्थित इस भव्य रानी की वाव को भारत का सबसे स्वच्छ एवं प्रतिष्ठित स्थान का भी दर्जा मिला था।

जल संग्रह प्रणाली के इस नायाब नमूने रानी की वाव को जुलाई, 2018 में  RBI ने अपने नए 100 रुपए के नोट पर प्रिंट किया है।

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केवलादेव नेशनल पार्क

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Keoladeo Ghana National Park

राजस्थान का केवलादेव नेशनल पार्क यहाँ के अन्य नेशनल पार्क से बिलकुल अलग है। इस नेशनल पार्क की कई सारी विशेषताए है। पहली बात यह है की यह पार्क पक्षियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। पूरी दुनिया के पक्षी यहापर देखे जाते है।

इसके अलावा यहापर कुछ जंगली प्राणी भी देखे जाते है। यहाँ की सबसे खास बात यह है की यहापर बड़े बड़े अजगर दिखाई देते है। इस नेशनल पार्क में भगवान शिव का मंदिर होने की वजह से इसे यह नाम दिया गया। इस मंदिर की जानकारी भी निचे विस्तार में दी गयी है।

Keoladeo National Park in Hindi

केवलादेव नेशनल पार्क – Keoladeo National Park in Hindi

केवलादेव घाना नेशनल पार्क आगरा और जयपुर इन दो बड़े शहरों के बिच में स्थित है और यह राजस्थान में है। इस नेशनल पार्क को भरतपुर पक्षी अभयारण्य भी कहा जाता है और यह नेशनल पार्क देश की राजधानी दिल्ली से केवल 190 किमी की दुरी पर स्थित है।

यह नेशनल पार्क सबसे अधिक पक्षियों के लिए जाना जाता है जो राजस्थान के भरतपुर में स्थित है। देश में सबसे ज्यादा पक्षी इस नेशनल पार्क में पाए जाते है यहापर 230 से भी अधिक प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते है।

इस नेशनल के मैदानों के उची उची घास है साथ ही जमीन में नमी होने के कारण यह जगह पक्षियों के लिए सही मानी जाती है। ठंडी के दिनों में यहापर अन्य देशो से भी पक्षी आते है। पुरे भारत में पक्षी देखने के लिए इससे और अच्छी जगह कही हो ही नहीं सकती।

केवलादेव नेशनल पार्क के वन्यजीव:

पुरे एशिया में पक्षियों के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेशनल पार्क माना जाता है। इस पार्क में पक्षियों की 380 से भी अधिक प्रजातिया पायी जाती है। इनमे कुछ साइबेरियन क्रेन भी मौजूद है। जंगली बिल्ली, नीलगाय, सांबर, सुनहरा रंग का सियार, हैना, काला हिरण और जंगली भालू के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

भगवान शिव के मंदिर केवलादेव के नाम से इस जगह को यह नाम दिया गया था साथ ही यहाँ का जंगल काफी घना होने की वजह से इसे यह नाम दिया गया। ठंडियो के दिनों में यहापर महाकाय अजगर भी दिखाई देते है।

इस पार्क को नवम्बर से मार्च के बिच में भेट देनी चाहिए।

यह नेशनल पार्क भरतपुर शहर में स्थित है। इस शहर में होने की वजह से इसे भरतपुर पक्षी अभयारण्य भी कहा जाता है। पुरे राजस्थान के पक्षियों की सबसे ज्यादा प्रजातिया पायी जाती है। इस पार्क में घुमने के लिए ठंडी के दिनों में आना चाहिए।

लेकिन ठंडी के दिनों में यहापर सावधानी से घूमना चाहिये क्यों की इस समय यहापर अजगर भी दिखाई देते है। इसीलिए घूमते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

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लोकप्रिय त्यौहार दिवाली पर कवितायेँ…

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Poem on Diwali in Hindi

सबसे पहले तो सभी को दिवाली की शुभकामनायें! – Happy Diwali दीवाली बेहद लोकप्रिय त्योहार हैं। कार्तिक महीने अमावस्या के दिन मनाई जाने वाली दीपावली का पर्व हिन्दु धर्म में धूमधाम से मनाया जाता है। यह सुख-समृद्धि और खुशियों का त्योहार है। इस महापर्व पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी के पूजन करने का विशेष महत्व है।

इस त्योहार को मनाने के पीछे कई सांस्कृतिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, इसलिए हर धर्म के लोगों के लिए इस पर्व का खास महत्व है।

और इस अद्भुत त्योहार में हर कोई अपने दिल की बात अपने प्रियजनों तक Diwali SMS, Diwali Massage, Diwali Greeting या फिर कवितायों के जरिये पहुचाता हैं। इस पर्व का महत्व समझाने के लिए यहां हम आपको कुछ कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप व्हाट्सऐप, फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर कर सकते हैं।

Poem on Diwali in Hindiलोकप्रिय त्यौहार दिवाली पर कवितायेँ – Poem on Diwali

Diwali par Kavita

प्रदुषण मुक्त दिवाली

हर घर दीप जग मगाए तो दिवाली आयी हैं,
लक्ष्मी माता जब घर पर आये तो दिवाली आयी हैं!
दो पल के ही शोर से क्या हमें ख़ुशी मिलेंगी,
दिल के दिए जो मिल जाये तो दिवाली आयी हैं !
घर की साफ सफ़ाई से घर चमकाएँ तो दिवाली आयी हैं,
पकवान – मिठाई सब मिल कर खाएं तो दिवाली आयी हैं!
फटाकों से रोशनी तो होंगी लेकिन धुँआ भी होंगा,
दिए नफ़रत के बुज जाएँ तो दिवाली आयी हैं!
इस दिवाली सबके लिए यही सन्देश हैं की
इस दिवाली हम लक्ष्मी का स्वागत दियों के करे,
फटाकों के शोर और धुएं से नहीं
इस बार दिवाली प्रदुषण मुक्त मनायेंगे!

Deepavali Poem

प्रकाश का यह पर्व प्यार, स्नेह और खुशियों का त्योहार है। इस पर्व का सभी लोग पूरी साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह त्योहार न सिर्फ हिन्दू बल्कि जैन, बौद्ध, आर्य समेत अन्य धर्मों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।

इसलिए इस त्योहार की  गरिमा को बनाए रखना जरूरी है। वहीं इन कविताओं के माध्यम से दीपावली पर्व के मायनों को सच्चे अर्थों में समझा जा सकता है।

हैं रोशनी का यह त्यौहार

हैं रोशनी का यह त्यौहार,
लाये हर चेहरा पर मुस्कान….
सुख और समृध्दि की बहार,
समेट लो सारी खुशियां ……
अपनों का प्यार और साथ,
इस पवन अवसर पर ….
आप सब को दिवाली की शुभकानाएँ!!!!

Diwali Poem

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान राम 14 साल का वनवास काटने के बाद अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उन्हीं की स्वागत की खुशी में इस पर्व को मनाया जाने लगा है।

रोश्नी के यह पर्व दीपावली सभी के जीवन में खुशहाली, कीर्ति, वैभव आदि देने वाला है। इस पर्व को महत्व को समझने के लिए यहां हम कुछ कविताएं उपब्ध करवा रहे हैं, जिसे आप सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

आयी दिवाली आयी

रात अमावस की तो क्या,
घर घर हुआ उजाला, सजे कोना कोना दिपशिखा से!
मन मुटाव मत रखना भाई, आयी दिवाली आयी !
झिलमिल झिलमिल बिजली की, रंगबी रंगी लड़िया
दिल से हटा दो फरेब की फुलझड़िया!
दिवाली पर्व हैं मिलन का, नजर पड़े जिस और देखो
भरे हैं खुशियों से चेहरे !
चौदह बरस बाद लौटे हैं, सिया लखन रघुराई
दिवाली का दिन हैं जैसे, घर में हो कोई शादी!

Poem on Diwali 4

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला दीपोत्सव के पर्व के दिन हर तरफ रोश्नी की चकाचौंध देखते ही बनती है। इस मौके पर घरों की सुंदर-सुंदर सजावट होती है।

इस दौरान लोग एक-दूसरे से इस पर्व की बधाई देते हैं और उनका मुंह मीठा करवाते हैं एवं अपने मित्रों, करीबियों आदि की खुशहाली की कामना करते हैं।वहीं अगर आप भी अपनी यह दीवाली कुछ अलग मनाना चाहते हैं, तो इन कविताओं को शेयर करिए और अपनी दीवाली को और अधिक उत्साहपर्ण बनाइए।

दिवाली

प्रभु राम चंद्र जी सीता जी संग आयोध्या लौट के आये
आयोध्या वासियो ने ख़ुशी में घी के दीये जलाये
दिवाली का पर्व चलो मिलकर सब मनायें
पटाखों का धुंआ नहीं दीपमाला जलायें
रंगों भरी रंगोली हो, मिठाई से भरी थाली हो
दोस्तों से मिलें, उपहार दे और लें
करें दान आज के वार
आप सबको मुबारक हो दिवाली का त्यौहार

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दिवाली पर निबंध | Essay on Diwali

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Essay on Diwali in Hindi

दिवाली त्योहार का आनंद लेने के लिए कुछ दिन की छुट्टी दी जाती हैं लेकिन कई स्कूलों में दिवाली के समय एक छोटासा होमवर्क भी देते हैं। और यह होमवर्क बच्चे ख़ुशी ख़ुशी करते भी हैं। वो होमवर्क हैं दिवाली पर निबंध लिखना। आज कल के बच्चों को दीवाली के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए बच्चों को समझने के लिए और दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali लिखने के लिए इस निबंध के ज़रिये हम आपकी थोड़ी मदत कर देते हैं।

हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार दीपावली पर हम आपको अलग-अलग शब्द सीमा पर कुछ निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं।

Essay on Diwali in Hindiदिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

भारत में साल भर बहुत से त्योहार मनाये जाते हैं, जहां सभी धर्मों के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुसार अपने विभिन्न त्योहारों का जश्न मनाते हैं। “दिवाली” हिन्दू धर्म के लोगों का सबसे मशहूर, महत्वपूर्ण, पारंपरिक और सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है, जो हर साल रिश्तेदारों, परिवार, मित्रों और पड़ोसियों के साथ मिलकर बहुत उत्साह से मनाते हैं। यह रोशनी का त्योहार या दीपावली के रूप में भी जाना जाता है।

यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ‘कार्तिक’ के महीने में मतलब अक्तूबर या नवम्बर के महीने में आता है।

दिवाली में हर घर में दीपक से सजाये जाते है। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक -दूसरे को बधाई देता है।

दिवाली त्यौहार धनत्रयोदशी यानि धन तेर के साथ शुरू होता है, और नरक चतुर्दशी,लक्ष्मी पूजा (दिवाली), गोवर्धन पूजा और भाईदूज के साथ खतम होता हैं।

भारत में हर त्यौहार और उत्सव किसी कारण या एक किंवदंती के साथ जुड़ा हुआ है वैसे ही इस त्यौहार के पीछे भी एक कहानी हैं दीवाली का त्यौहार भगवान् श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास को पूरा करने के बाद, अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने राज्य अयोध्या को वापसी की याद दिलाता है। अयोध्या के लोगों ने मिट्टी के दियें लगाकर राज्य को रोशन करके अपने राजा का स्वागत किया।

दीवाली उत्सव की तैयारी – Diwali celebration

दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक-दूसरे को बधाई देता है। बच्चे खिलौने और पटाखे खरीदते हैं। दीवाली के कुछ दिन पहले दिवाली के लिए लोग अपने घरों, दुकानों को सफाई और चित्रित करते हैं। वे इस अवसर पर नए कपड़े, उपहार, बर्तन, मिठाई आदि खरीदते हैं। इसे नई दुकानों, घर, व्यवसाय और साझेदारी आदि के उद्घाटन के शुभ अवसर माना जाता है।

धन तेरस – Dhanteras

धन तेरस को घर के लिए कोई वस्तु, और सोने, चांदी आदि खरीदने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। लोग इस दिन को नए व्यापार शुरू करने के लिए शुभ मानते हैं।

नरक चतुर्दशी – Narak Chaturdashi

इस दिन था जिस पर राक्षस नरकासुर भगवान कृष्ण द्वारा मारा गया था जो कि अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।

लक्ष्मी पूजा – Lakshmi Pooja

लक्ष्मी पूजा यह दिन दिवाली का महत्वपूर्ण दिन माना जाता हैं इस दिन रंगोली और दियें की रोशनी के साथ घर और मंदिर को सजाकर लोग अपने घरों और दुकानों और व्यावसायिक स्थानों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा शाम को करते हैं।

लक्ष्मी धन की देवी है और गणेश को शुभ शुरुआत के देवता के रूप में माना जाता है। लोग सड़कों, बाजारों, घरों और परिवेश में समृद्धि और कल्याण की इच्छा के लिए तेल से भरे प्रकाश की मिट्टी के साथ दिवाली का स्वागत करते हैं। इस अवसर पर पटाखे मुख्य आकर्षण हैं। पड़ोसियों, मित्रों और रिश्तेदारों को घरों और मिठाई वितरण में पकाया स्वादिष्ट भोजन दिवाली उत्सव का हिस्सा हैं। दिवाली की रात को लोग अपने घरों के दरवाजे खुल गए क्योंकि वे देवी लक्ष्मी की यात्रा की उम्मीद करते हैं।

गोवर्धन पूजा और बलिप्रतिपदा – Govardhan Puja / Balipratipada

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र को पराजित किया और इंद्र द्वारा आयोजित भारी बारिश से अपने ग्रामीणों और मवेशियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया।

उत्तर भारत में गोबर, गन्ने, किताबें, हथियार और उपकरण आदि इस अवसर पर शाम को पूजा करते थे।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में लोग इस दिन बलिप्रतिपदा के रूप में मनाते हैं जो दानव राजा बाली के ऊपर विष्णु के बौना वामन अवतार की विजय का स्मरण करता है।

भाईदूज – Bhai Dooj

भाईदूज त्योहार भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक है। बहन अपने भाई को तिलक और नारियल और मिठाई की पेशकश करती है जहां भाई अपनी बहन को उपहार देता है।

दीवाली के अवसर पर हर समुदाय और उम्र के लोगों में उत्साह से भरा होता है। विभिन्न संस्कृतियों द्वारा उसी त्यौहार के उत्सव के विभिन्न तरीकों से और अधिक सुंदर बना दिया जाता है।

स्कूल, कॉलेज में कुछ दिनों की छुट्टिया दी जाती हैं ताकि बच्चे त्योहार का आनंद उठा सकें। बैंक नई योजनाएं और ब्याज दरों की पेशकश करते हैं हर साल इस अवसर पर भारी बजट नई फिल्में जारी की जाती हैं।

दीपावली पर निबंध – Diwali Par Nibandh

प्रस्तावना-

सुख-समृद्दि और उन्नति के इस पर्व  को मनाने के पीछे सबसे प्रचलित मान्यता यही है कि इस दिन भगवान राम अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, जिसके जश्न में इसे प्रकाशोत्सव के रुप में मनाते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करने का काफी महत्व है।

दीपावली का अर्थ – Diwali Meaning

दीपावली एक संस्कृत शब्द है, जो कि दो शब्दों से मिलकर बना है, दीप और आवली। दीप का अर्थ है प्रकाश या रोशनी और आवली का मतलब से पंक्ति या लाइन। इस तरह दीपावली का मतलब है रोशनी की पंक्ति।

दीपावली को प्रकाश का पर्व और दीपोत्सव भी कहा जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला यह खास पर्व लोगों को अंधेरे से प्रकाश की तरफ जाने की सीख देता है।

इस पर्व को न सिर्फ हिन्दू धर्म के लोग बल्कि सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी अपनी-अपनी मान्यता के मुताबिक हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस पावन पर्व का अलग-अलग धर्मों में अपना अलग-अलग महत्व है।

दीपावली कब मनाई जाती है – When Is Diwali Celebrated

हिन्दुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दीपावली का पावन पर्व हिंदू कैलेंडर के मुताबिक प्रकाश का पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन धूमधाम से मनाया जाता है।

इस महापर्व के दिन अमावस्या की घोर अंधेरी रात असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।हर जगह रोश्नी की चकाचौंध देखने को मिलती है। यह त्योहार अधिकतर हर साल अक्टूबर या फिर नवम्बर महीने के बीच में पड़ता है।

यह त्योहार सुख-समृद्धि और खुशहाली का त्योहार है, जो कि 5 दिनों तक चलता है, यह महापर्व धनतेरस वाले दिन से शुरु होकर भाईदूज पर खत्म होता है

दीपावली क्यों मनाई जाती है – Why Is Diwali Celebrated

दीपों का उत्सव दीवाली का मनाने की पीछे कई ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। जिसकी वजह से हर साल इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।

दीपावली मनाने के पीछे सबसे प्रचलित कथा यह है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन अयोध्या के राजा भगवान राम अपना 14 साल का कठिन वनवास काटकर वापस अयोध्या लौटे थे, जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, जिससे अमावस्या की घोर अंधेरी रात्रि में भी अयोध्या नगरी प्रकाश से जगमगा उठी थी।

वहीं इस दिन के बाद से ही इस प्रकाशोत्सव को मनाने की परंपरा शुरु की गई।

इस दिन हिन्दू धर्म के लोग अपने घरों में गणेश-लक्ष्मी और सरस्वती जी का विशेष पूजन करते हैं एवं सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना करते हैं।

दीपावली कैसे मनाई जाती है – How Celebrated Diwali

दीपावली का त्योहार हिन्दुओं के सबसे बड़े और प्रमुख त्योहारों में से एक है, इस त्योहार के मौके पर खास कार्यक्रमों एवं उत्सवों का आयोजन होता है।

इस दिन को लेकर लोग कई दिन पहले से ही तैयारियां करने लगते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में खास तरीके की साज-सजावट करते हैं एवं 5 दिनों तक मनाया वाला यह पर्व धनतेरस से शुरु होकर भाई दूज के पर्व पर खत्म होता है।

धनतेरस में दीपावली का महापर्व धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस के दिन लोग अपने-अपने घरों में नए बर्तन, सोने-चांदी का सामान या फिर अन्य वस्तु खरीदकर लाते हैं, ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन वस्तुएं घर में खरीद कर लाने से घर में धन की बढ़ोतरी होती है।

दीपावली से एक दिन पहले छोटी दिवाली के एक दिन पहले लोग सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर सूर्य देवता की पूजा करते हैं।

इसके बाद दीपावली के दिन लोग घरों में माता लक्ष्मी और गणेश पूजन करते हैं एवं विद्या की देवी सरस्वती जी का भी पूजन करने का भी इस दिन खास महत्व है।

इसके बाद गोर्वर्धन के दिन लोग अन्नकूट बनातें और दीपावली के आखिरी दिन भाई दूज वाले दिन बहनें, अपने भाई की लंबी उम्र और सलामति की दुआ करती हैं।

दीपावली के पर्व के दौरान बाजारों में खास रौनक देखने को मिलती है। इस मौके पर ग्राहकों को खास तरीके के ऑफर भी उपलब्ध करवाए जाते हैं।

जगह-जगह पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर लोग विशेष तरीके से आतिशबाजी भी करते हैं, एवं अपने रिश्तेदारों, पड़ोसी, दोस्तों और अन्य पारिवारिक सदस्यों को गिफ्ट्स आदि देकर इस पर्व की बधाई देते हैं।

आधुनिकता का रुप लेती दिवाली

जहां आजकल हर त्योहार आधुनिकता का रुप ले रहे हैं, उसी तरह दीवाली ने भी वर्तमान स्वरुप अपना लिया है। जहां पहले दीपावली के मौके पर लोग अपने-अपने घरों को मिट्टी के दीपक से सजाते थे।

वहीं आज उन दीपकों की जगह कैंडल और चाइनीज लाइटों ने ले ली हैं। यही नहीं दीपावली आज के समय में शान-ओ-शौकत के दिखावे का त्योहार भी बन गया है।

लोग एक-दूसरे को दिखावे के चक्कर घर की सजावट आदि में बेफिजूल खर्च करते हैं। इसके अलावा दिवाली के मौके पर होने वाली आतिशबाजी से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है।

इसके साथ ही पैसों की बर्बादी भी होती है। दिवाली के दिन प्रदूषण काफी बढ़ जाता है, जिसका स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।

वहीं हम सभी को पटाखों की जगह नए पेड़-पौधे लगाने आदि का संकल्प लेना चाहिए और हरित इको-फ्रैंडली दिवाली मनानी चाहिए।

उपसंहार

दीपावाली का त्योहार सभी के जीवन में खुशियां और नई उमंग लेकर आता है और नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली पर निबंध – Essay On Diwali In Hindi With Headings

प्रस्तावना

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला दीपावली का पर्व न सिर्फ हिन्दू धर्म के लिए बल्कि जैन, बुद्द, आर्य, सिख आदि धर्मों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस पर्व को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।

दीपावली पर गणेश और महालक्ष्मी जी का विशेष पूजन – Lakshmi Puja In Diwali

दीपों के त्योहार दीपावली के पावन पर्व के मौके पर धन,कीर्ति और यश की देवी मता लक्ष्मी और बुद्दि के देवता भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।इस दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके लिए विशेष आरती, भक्ति गीत और मंत्र आदि का उच्चारण करते हैं।

वहीं इस मौके पर लोग अपने घरों में माता लक्ष्मी और गणेश जी का खास पूजन करते हैं। माता लक्ष्मी और गणेश जी का खास श्रंगार कर लोग उन्हें मिठाईयां और पुष्प आदि अर्पण करते हैं।

धन की देवी माता लक्ष्मी के इस दिन पूजन करने का विशेष महत्व है,मान्यता है अगर मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं जो घऱ में धन आदि की वर्षा होती है।

पांच दिन का सबसे बड़ा त्यौहार है दीपावली-

हिन्दु धर्म के सबसे प्रमुख पर्वों में से एक दीपावली का पर्व पांच दिनों तक चलने वाला महापर्व है, यह पर्व धनतेरस से शुर होकर भाई दूज तक चलता है, इन सभी दिनों का अपना अलग-अलग महत्व है, इससे की पौराणिक और धार्मिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।

धनतेरस:

धन और समृद्धि के इस पर्व को माता-लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है। इस दिन नए बर्तन, सोने-चांदी का सामान या फिर अन्य वस्तुओं का खरीदना भी काफी शुभ माना गया है।

नरक चतुर्दशी होती है छोटी दीपावली:

दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व होता है, जिसमें सूर्योदय से पहले उठकर सूर्यदेव की पूजा की जाती है।

दीपावली के सुख-समृद्धि की माता लक्ष्मी का पूजन:

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीवाली होती है, जिसमें माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी का रीति-रिवाज से पूजन किया जाता है।

गोवर्धन पूजा:

दीपावली के एक दिन बाद छप्पन भोग लगाकर गोवर्धन की पूजा होती है। इस दिन लोग अन्नकूट बनाते हैं और अपने परिवारजनों के साथ भोजन करते हैं।

भाई दूज:

ये इस महापर्व का आखिरी दिन होता है। इस दिन बहन- अपने भाई को तिलक करती है और अपनी भाई की लंबी उम्र और उसकी सलामति की दुआ करती है।

दीपावली के महापर्व का महत्व – Importance Of Diwali Festival In Hindi

दीपावली हिन्दू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है। इस धर्म के लोगों को लिए दीपावली का विशेष महत्व है। इस पर्व को विजय के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है।

यह पर्व न सिर्फ आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने में मद्द करता है। बल्कि इस आर्थिक दृष्टि से भी यह पर्व काफी महत्वपूर्ण है। इस पर्व के मौके पर ज्यादातर लोग खऱीददारी करते हैं।

लोग नए कपड़े, ज्वैलरी, साज-सज्जा का सामान समेत  कई बड़ी वस्तुओं एवं आतिशबाजी आदि की भी इस दौरान खरीददारी करते हैं, दरअसल इस पर्व पर खरीददारी और खर्च को शुभ माना जाता है।

जिसके चलते इस मौके पर दुकानदारों को काफी मुनाफा होता है। इसके अलावा इस पर्व पर साफ-सफाई होने से यह पर्व तमाम तरह की फैलने वाली बीमारियों से भी बचाता है।

इस तरह दीपावली का पर्व धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक सभी तरह से काफी महत्वपूर्ण है।

सफाई का प्रतीक है दीपावली का महापर्व:

हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार दिवाली स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है। इस पर्व के मौके पर लोग अपने-अपने घरों की सफाई कई दिन पहले से ही करने लग जाते हैं।

सभी लोग अपने घर को चमकाते हैं और सुंदर-सुंदर साज-सज्जा करते हैं। इस मौके पर लोग अपने घरों में नई-नई चीजें भी लाते हैं और लाइटिंग आदि लगाते हैं।

इको-फ्रैंडली दीवाली मनाने का ले संकल्प – Eco Friendly Diwali

हिन्दू धर्म के इस पावन पर्व को हम सभी को हरित दीवाली के रुप में मनाना चाहिए। इस मौके पर आतिशबाजी नहीं कर सभी को घर में नए पेड़-पौधे लगाने चाहिए, क्योंकि आतिशबाजी से होने वाला प्रदूषण से स्वास्थय पर बुरा असर पड़ता है।

उपसंहार

दीपों का त्योहार दीपावली के पर्व पर हम सभी को इको-फैंडली दीवाली मनाने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि इस मौके पर की गई आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

दीपावली पर निबंध – Deepawali Essay In Hindi

प्रस्तावना

कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला दीवाली का पर्व पर समृद्धि और खुशहाली का पर्व है। इस पर्व को भारत में नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

दीवाली पर रीति-रिवाज परंपरा:

दीपावली के पहले दिन धनतेरस को माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती जी का पूजन किया जाता है। इस मौके पर लोग अपने-अपने घरों में नया सामान खरीदकर लाते हैं, क्योंकि इस दिन धन खर्च आदि करना भी शुभ माना गया है।

इसके बाद नरक चतुर्दशी यानि कि छोटी दिवाली के भगवान कृष्ण की पूजा-आराधना की जाती है, ऐसा माना जाता है, इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।

इस दिन लोग सुबह जल्द तेल से स्नान कर देवी काली की पूजा-आराधना करते हैं, और उन्हें कुमकुम आदि लगाते हैं। वहीं फिर दीपावली के दिन अधिष्ठात्री देवी माता लक्ष्मी, बुद्दि के देव भगवान गणेश और विद्या की देवी सरस्वती मां का विशेष पूजन होता है।

इसके बाद दीपावली के चौथे दिन यानि की गोर्वधन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की आराधना की जाती  और इस दिन लोग अपने -अपने घरों में अन्नकूट आदि बनाती है।

इसके बाद भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक कर उनके अच्छ स्वास्थ्य और लंबी उम्र कामना करती हैं।

दीपावली पर मनाए जाने वाला उत्सव:

सुख-समृद्धि का यह त्योहार पांच दिनों का पर्व होता है। यह पर्व धनतेरस से शुरु होकर भाई दूज के त्योहार पर खत्म होता है। दीपावली के पावन पर्व पर हर तरफ रोश्नी की जगमगाहट और चकाचौंध दिखाई देती है।

इस मौके पर बाजारों की रौनक देखते ही बनती है। इसके अलावा दिवाली के पावन पर्व पर कई जगहों पर मेला आदि का भी आयोजन किया जाता है। भगवान श्री राम के वनवास के बाद अयोध्या वापसी की खुशी में मनाए जाने वाले इस पर्व में धन और यश की देवी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

अलग-अलग देशों की दीवाली:

कार्तिक मास की अमावस्या की घोर अंधेरी रात्रि को मनाया जाने वाले इस प्रकाशोत्सव को न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में में धूमधाम से मनाया जाता है – ब्रिटेन, मलेशिया और मॉरीशस में हिन्दुओं एववं भारतीयों की संख्या काफी अच्छी होने की वजह से इन देशों में इस पर्व को हर्षोल्लस और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार के प्रमुख लाभ:

आर्थिक दृष्टि से यह त्योहार काफी महत्वपूर्ण है, इस मौके पर छोटे-छोटे व्यापारियों की भी अच्छी कमाई हो जाता है।

यह त्योहार स्वच्छता का प्रतीक है, इसे मौके पर सभी लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, जिससे कई गंभीर बीमारी आस-पास भी दस्तक न दे सेकें।

यह त्योहार आपसी प्रेम, सौहार्द और भाईचारा देखने को मिलता है।

छोटी सोच से दीवाली से होने वाले कई नुकसान:

  • वर्तमान युग में मनाई जाने वाले दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी से प्रदूषण फैलता है जिससे स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर होता है।
  • अलग-अलग तरह की लाइटों की सजावट में बिजली की बर्बादी होती है।
  • साफ-सफाई के बहाने लोग काफी पानी की बर्बादी करते हैं।
  • दिखावे के चक्कर में लोग फिजूल खर्च करते हैं।

उपसंहार

दीपावली आपसी भाईचारा, सोहार्द और एकता का त्योहार है। इस दिन लोग अपने परिवारजन, और खास लोगों के साथ मिलकर अपने रिश्तों को मजबूत बनाते हैं और मन-मुटाव भी दूर करते हैं

दीवाली पर निबंध – Deepawali Par Nibandh

कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व से की सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई। इसलिए इस पर्व के अलग-अलग धर्मों के लिए अपना महत्व है।

दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथा – Story Of Diwali

  • भगवान राम की विजय और अयोध्या वापसी:

हिन्दुओं के इस सबसे प्रमुख त्योहार दीवाली को मनाने के पीछे हिन्दू धर्म भगवान राम की विजय और अयोध्या वापसी की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।

जिसके मुताबिक कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर वापस अयोध्या नगरी लौटे थे, अपने राजा के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत के लिए दीप जलाए थे।

जिससे अमावस्या की अंधेरी रात भी प्रकाश से जगमगा उठी थी, तभी से यह दीपों का त्योहार प्रकाशोत्सव मनाया जाता है।

  • समुद्रमंथन से मां लक्ष्मी और कुबेर का प्रकट होना:

प्रकाशोत्सव का पर्व, दीपावली मनाने के पीछे एक यह भी पौराणिक कथा जुड़ी हुई है कि कार्तिक मास के अमावस्या के दिन देवताओं और राक्षसों द्धारा समुद्रमंथन के समय माता लक्ष्मी, दूध के समुद्र से ब्रहा्ण्ड में प्रकट हुई थी।

तभी से माता लक्ष्मी के जन्मदिवस के रुप में इस पर्व को मनाए जाने की परंपरा शुरु हुई।इस मौके पर हिन्दु धर्म के लोग अपने-अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का विशेष पूजन करते हैं।

  • भगवान कृष्ण ने किया था नरकासुर का वध:

हिन्दू धर्म में दीपावाली का पावन उत्सव मनाने के पीछे यह भी पौराणिक कथा जुड़ी हुई है कि भगवान कृष्ण ने नर्कासुर का वध किया था।

महादैत्य नरर्कासुर महिलाओं को बंधी बनाकर उन पर अत्याचार करता था जिसके बाद भगवान कृष्ण ने उसका अंत कर सभी महिलाओं की जान बचाई थी तभी से दीपावली के इस पावन पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रुप में मनाया जाताहै।

  • 12 सालों के बाद पांडवों की हस्तिनापुर वापसी:

हिन्दू महाकाव्य के मुताबिक दीपावली मनाने की एक मुख्य यह भी है कि, कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन, पांडव अपने राज्य से निष्कासन के 12 साल बाद अपने राजधानी हस्तिनापुर लौटे थे।

जिसके बाद पांडवों के राज्यों के लोगों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है।

  • विक्रमादित्य का राज्याभिषेक:

हिन्दुओं के महान राजा विक्रमादित्य का कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन राजतिलक हुआ था। तभी से लोगों ने इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरु कर दी थी।

  • महर्षि दयानंद ने किया था निर्वाण प्राप्त:

यह दिन आर्य समाज के लिए बेहद खास दिन होता है, आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद जो कि महान हिन्दू सुधारक के साथ-साथ आर्य समाज के संस्थापक थे।

उन्होंने कार्तिक के महीने की अमावस्या के के दिन निर्वाण प्राप्त किया था। उसी दिन से दीपावली के पर्व को मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है

  • महावीर ने इस दिन ही त्यागा था अपना शरीर:

जैन धर्म के लोगों के लिए भी दीपावली के त्योहार का खास महत्व है। दरअसल महावीर जैन ने इस दिनबिहार के पावापुरी में अपनी शरीर त्याग दिया था

उपसंहार-

दीपावली के इस पर्व को आपस में मिलजुल कर प्रेम, सोहार्द और भाईचारे के साथ मनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही आतिशबाजी करने से बचना चाहिए ताकि प्रदूषण फैलने से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।

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महाराजा अग्रसेन का जीवन परिचय | Maharaja Agrasen History in Hindi

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Maharaja Agrasen History

महाराजा अग्रसेन जी की ख्याति अग्रवाल समाज अथवा वैश्य समाज के जनक के रुप में फैली हुई है। क्षत्रिय कुल में जन्में अग्रसेन जी को पशुओं की बलि आदि देने से घोर नफरत थी, इसलिए उन्होंने अपना क्षत्रिय धर्म छोड़कर वैश्य धर्म स्वीकार किया था। अपनी दया और करुणा के लिए पहचाने जाने वाले महाराजा अग्रसेन जी ने व्यापारियों के राज्य अग्रोहा की स्थापना की थी। वहीं अग्रवाल समाज के सभी 18 गोत्रों का जन्म इन 18 पुत्रों के नाम पर किया गया था। आइए जानते हैं महाराजा अग्रसेन जी के जीवन एवं उनके जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में-

अग्रवाल समाज के जनक महाराजा अग्रसेन जी की जीवनी – Maharaja Agrasen History in Hindi

Maharaja Agrasen

महाराजा अग्रसेन जी के बारे में एक नजर में – Maharaja Agrasen Biography in Hindi

जन्म 3130+ संवत 2073( विक्रम संवत शुरु होने से करीब 3130 साल पहले)
पिता महाराजा वल्लभसेन
माता भगवती देवी
विवाह
  • माधवी( पहली पत्नी)
  • सुंदरावती (दूसरी पत्नी)
संतान 18 पुत्र
अग्रसेन जयंती आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (नवरात्री के पहले दिन)

महाराजा अग्रसेन जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन – Maharaja Agrasen Biography In Hindi

अग्रवाल समाज के पितामह महाराजा अग्रसेन जी का जन्म द्धापर युग के आखिरी चरण में अश्विन शुक्ल प्रतिपदा यानि नवरात्रों के पहले दिन हुआ था, उनके जन्मदिवस को अग्रवाल समाज द्धारा धूमधाम से अग्रसेन जयंती के रूप में मनाया जाता है। महाराजा अग्रसेन प्रताप नगर के राजा वल्लभ और माता भगवती  के यहां सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल में उनके बड़े पुत्र के रुप में जन्में थे, जिन्होंने बाद में अग्रवाल समाज का निर्माण एवं अग्रोहा धाम की स्थापना की थी। महाराजा अग्रसेन जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि, उनके जन्म के समय में ही महान गर्ग ॠषि ने उनके पिता महाराज वल्लभ से यह कहा था, कि वे आगे चलकर बहुत बड़े शासक बनेगें और उनके राज्य में एक नई शासन व्यवस्था उदय होगी एवं युगों-युगों तक उनका नाम अमर रहेगा। वहीं आगे चलकर ऐसा ही हुआ और आज तक महाराजा अग्रसेन जी को याद किया जाता है। आपका बता दें कि महाराजा अग्रसेन बेहद दयालु और करुणामयी स्वभाव वाले व्यक्ति थे, जिनके ह्रदय में मनुष्य समेत पशु-पक्षी एवं जानवरों के लिए भी करुणा भरी हुई थी, यही वजह थी कि उन्होंने धार्मिक पूजा-अनुष्ठानों में पशु बलि आदि को गलत करार दिया था एवं अपना क्षत्रिय धर्म त्याग कर वैश्य धर्म की स्थापना की थी। इसके अलावा वे हमेशा अपनी प्रजा की भलाई के बारे में सोचने वाले महान राजा थे, जिनकी प्रसिद्धि एक प्रिय राजा के रुप में फैली हुई थी।

अग्रेसन महाराज जी का विवाह – Maharaja Agrasen Life History

महाराजा अग्रसेन जी की पहली शादी राजा नागराज की पुत्री राजकुमारी माधवी से हुई थी। उनकी यह शादी स्वयंवर के माध्यम से की गई, राजा नागराज के यहां आयोजित इस स्वंयवर में राजा इंद्र ने भी हिस्सा लिया था। वहीं स्वयंवर के दौरान राजकुमारी माधवी जी के द्धारा महाराजा अग्रसेन जी को अपने वर के रुप में चुनने से राजा इंद्र को काफी अपमानित महसूस हुआ और इससे क्रोधित होकर उन्होंने प्रतापनगर में बारिश नहीं करने का आदेश दिया जिससे प्रतापनगर में भयंकर अकाल के हालत बन गए एवं चारों तरफ त्राहिमाम मच गया, प्रजा भूख-प्यास से तड़पने लगी। जिसे देखकर महाराज अग्रेसन और उनके भाई शूरसेन ने अपने प्रतापी और दिव्य शक्तियों की से  राजा इंद्र से घमासान युद्द कर अपने राज्य प्रतापनगर को भयंकर अकाल जैसे महासंकट से उबारने का फैसला लिया। वहीं इस युद्द में महाराजा अग्रसेन का पलड़ा भारी था, लेकिन महाराजा अग्रसेन की विजय सुनिश्चित होने के बाबजूद भी देवताओं ने नारदमुनि के साथ मिलकर महाराजा अग्रसेन और इंद्र के बीच सुलह करवा दी। लेकिन इसके बाबजूद भी प्रतापनगर की जनता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं। इंद्र  एक के बाद एक नई मुसीबत खड़ी कर प्रतापनगर की जनता का जीना मुहाल कर रहे थे, जिसे देखते हुए महाराजा अग्रसेन ने हरियाणा और राजस्थान के बीच में सरस्वती नदीं के किनारे स्थित अपने राज्य प्रतापनगर को इंद्र के कुप्रभाव से बचाने के लिए भगवान शंकर और माता लक्ष्मी की कड़ी तपस्या की। महाराजा अग्रेसन की इस तपस्या के दौरान  इंद्र ने कई तरह की परेशानी खड़ी करने की कोशिश की, लेकिन महाराजा अग्रसेन की कड़ी तपस्या से देवी लक्ष्मी प्रसन्न हुईं। इसी दौरान महाराजा अग्रसेन ने देवी लक्ष्मी लक्ष्मी को इंद्र की समस्या के बारे में बताया। जिसके बाद देवी लक्ष्मी ने अग्रसेन जी को सलाह दी कि अगर वे कोलापुर के राजा महीरथ (नागवंशी) की पुत्री से विवाह कर लेंगे तो उन्हें उनकी सभी शक्तियां प्राप्त हो जाएंगी, जिसके चलते इन्द्र को महाराजा अग्रसेन से आमना-सामना करने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा। इस तरह महाराजा अग्रसेन ने  राजकुमारी सुंदरावती से दूसरा विवाह कर प्रतापनगर को संकट से बचाया। इसके साथ ही देवी लक्ष्मी में उनसे यह भी कहा कि वे निडर होकर बिना किसी भय के नए राज्य की स्थापना करें।

अग्रोहा की स्थापना – Agroha

माता लक्ष्मी के आदेशानुसार प्रतापनगर के प्रिय राजा महाराजा अग्रसेन एक नए राज्य के लिए जगह का चयन करने के लिए  अपनी रानी के साथ भारत भ्रमण पर निकल पड़े। उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान एक समय में, उन्हें अपनी इस यात्रा के दौरान  कुछ बाघ शावक और भेड़िया शावकों को एक साथ देखा और इसे उन्होंने शुभ संकेत एवं बहादुरी की कर्मभूमि समझते हुए चुना और अपने नए राज्य अग्रोहा की स्थापना की। आपको बता दें कि शुरुआत में कुछ ॠषि मुनियों और ज्योतिषियों की सलाह पर उन्होंने अपने नये राज्य का नाम अग्रेयगण रखा, जिसे बाद में अग्रोहा कर दिया गया। आपको बता दें कि अग्रोहा हरियाणा प्रदेश के हिसार के पास स्थित है, यहां माता लक्ष्मी का विशाल मंदिर जहां देवी बेहद आर्कषक रुप में विराजमान हैं। इस संस्कृति की स्थापना से ही जिसे अग्रोहा नाम से जाना जाता है। वर्तमान में अग्रोहा का काफी विकास हो रहा है। यहां महाराजा अग्रसेन और माता वैष्णव देवी का भी एक भव्य मंदिर है।

अग्रवाल समाज (वैश्य जाति का जन्म) के पितामह के रुप में महाराजा अग्रसेन – Agarwal Samaj

क्षत्रिय कुल में जन्में महाराजा अग्रसेन ने पूजा एवं धार्मिक अनुष्ठानों में पशु बलि की निंदा करते हुए अपना धर्म त्याग दिया था एवं  नए वैश्य ( अग्रवाल समाज) की स्थापना की थी, और इस तरह वे अग्रवाल समाज के जनक बने ते, हालांकि अग्रवाल समाज की उत्पत्ति तो हो गई थी, लेकिन शुरुआत में यह पूर्ण रुप से व्यवस्थित नहीं थे, इसे व्यवस्थित करने के लिए 18 यज्ञ किए गए थे, और फिर उनके आधार पर गौत्र बनाए थे। अग्रसेन महाराज के 18 पुत्र: अग्रसेन महाराज के 18 पुत्र थे, उन सभी पुत्रों का यज्ञ का संकल्प दिया गया, जिन्हें 18 ऋषि मुनियों ने पूरा करवाया। यज्ञ में बैठे सभी 18  गुरुओं के नाम पर ही अग्रवंश (अग्रवाल समाज) की स्थापना हुई। वहीं 18 वें यज्ञ में जब पशु बलि की बात आई तब प्रतापनगर के अग्रोहा धाम के संस्थापक महाराजा अग्रसेन ने  इस बात का जमकर विरोध किया और इस तरह आखिरी युद्द में पशु बलि देने से रोक दिया। अग्रवाल समाज के सभी 18 गोत्रों के नाम इस प्रकार हैं- अग्रवाल समाज के 18 गोत्र – Agarwal Samaj Gotra List क्रमांक   गोत्र  वास्तविक गोत्र  भगवान 1एरोन/एरन     और्वा                   इन्द्रमल 2  बंसल           वत्स्य      विशिष्ट 3 बिंदल/विंदल    विशिस्थ    वृन्देव 4 भंडल              धौम्या    वासुदेव 5 धारण/डेरन     धन्यास धवंदेव 6 गर्ग/गर्गेया   गर्गास्य पुष्पादेव 7गोयल/गोएल/      गोमिल    गेंदुमल गोएंका 8 गोयन/गंगल      गौतन        गोधर 9जिंदल              जेमिनो     जैत्रसंघ 10 कंसल       कौशिक      मनिपाल 11कुछल/कुच्चल कश्यप   करानचंज 12मधुकुल/मुद्रल  मुद्रल        माधवसेन 13 मंगल         मांडव         अमृतसेन 14मित्तल         मैत्रेय         मंत्रपति 15नंगल/नागल   नागेंद   नर्सेव 16 सिंघल/सिंगला  शंदल्या  सिंधुपति 17 तायल              तैतिरेय      ताराचंद 18 तिंगल/तुंघल     तांडव तम्बोल्कारना इस तरह अग्रवाज समाज (वैश्य समाज ) की उत्पत्ति हुई , यह समाज प्रमुख रुप से व्यापार के लिए जाना जाता है।

अग्रसेन महाराज का ”एक ईंट और एक रुपया” का  सिद्दांत – Maharaja Agrasen Sidhanta

महाराजा अग्रसेन का ”एक ईट और एक रुपया” का सिद्धांत काफी प्रचलित है। दरअसल, एक बार अग्रोहा में अकाल पड़ने से चारों तरफ भूखमरी, महामारी जैसे विकट संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। वहीं इस विकट समस्या का हल निकालने के लिए जब अग्रसेन महाराज अपनी वेष-भूषा बदलकर नगर का भ्रमण कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। ऐसे में समस्या का समाधान ढूंढने के लिए अग्रसेन जी वेश बदलकर नगर भ्रमण कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक परिवार में सिर्फ 4 लोगों का भी खाना बना था, और उस परिवार में एक मेहमान के आने पर खाने की समस्या उत्पन्न हो गई, तब परिवार के सदस्यों ने अपनी-अपनी थालियों से थोड़ा-थोड़ा खाना निकालकर आए मेहमान के लिए पांचवी थाली परोस दी। इस तरह मेहमान की भोजन की समस्या का समाधान हो गया। इससे प्रभावित होकर अग्रवाल समाज के संस्थापक महाराजा अग्रसेन ने ‘एक ईट और एक रुपया’ के सिद्धांत की घोषणा की। उन्होंने अपने  इस सिद्धांत के मुताबिक नगर में आने वाले हर नए परिवार को नगर में रहने वाले हर परिवार की तरफ से एक ईट और एक रुपया देने के लिए कहा। ताकि नगर में आने वाला नया परिवार, नगर में पहले से रह रहे  हर एक परिवार से प्राप्त  ईटों अपने घर का निर्माण कर सकें एवं उन रुपयों से अपना बिजनेस स्थापित कर सकें। इस सिद्धांत की घोषणा के बाद महाराजा अग्रसेन जी को समाजवाद के प्रणेता के रुप में नई पहचान मिली। महाराजा अग्रसेन जी को उनके करुणामयी स्वभाव, समाजवाद के प्रवर्तक, युग पुरुष और राम राज्य के समर्थक के रुप में जाना जाता है।  उनके द्धारा समाज के लिए किए गए महान कामों के लिए उन्हें युगो-युगांतर तक याद किया जाएगा।

महाराजा अग्रसेन को मिले सम्मान और पुरस्कार – Maharaja Agrasen Award

प्रतापनगर के महाराजा अग्रसेन जी ने न सिर्फ व्यापार करने वाला अग्रवाल अथवा वैश्य समाज की उत्पत्ति की, बल्कि अपने महान विचारों एवं महान कामों के बल पर समाज को एक नई दिशा दी। वहीं महाराज अग्रसेन ने सभी को व्यापार एवं समाजवाद का महत्व भी समझाया। भारत सरकार ने 24 सितंबर , 1976 को उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। इसके अलावा भारत सरकार ने 1995 में महाराज अग्रसेन उनके सम्मान में एक जहाज लिया था।

अग्रसेन महाराजा जी के जीवन का आखिरी समय – Maharaja Agrasen Death

अग्रवाल समाज एवं अग्रोहा धाम की स्थापना कर करीब 100 साल तक शासन करने के बाद राजा अग्रसेन ने अपना कार्यभार अपने सबसे बड़े एवं बुद्धिमान पुत्र विभु को सौंप दिया और अपने जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए वे खुद वन की तरफ प्रस्थान कर गए। आपको बता दें कि उनके करुणा भाव, कर्मठता, क्रियाशीलता एवं न्यायप्रियता की वजह से उन्हें समाज में भगवान का दर्जा दिया गया। यही नहीं महाराजा अग्रसेन जी जैसे महान शासक पर भारतेन्दु हरिश्चनद्र जी द्धारा कई किताबें भी लिखीं गईं। हमेशा जनता की भलाई में काम करने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी ऐसे शासक थे, जिन्होंने लोगों को न सिर्फ आर्थिक नीतियों का महत्व समझाया, बल्कि 29 सितंबर, साल 1976 में महाराजा अग्रसेन जी ने अग्रोहा को धार्मिक धाम बनाया वहीं वर्तमान में काफी संख्या में लोग यहां आते हैं। यहां अग्रसेन जी का मंदिर भी बनवाया गया था, जिसकी स्थापना साल 1959 में बसंतपंचमी के दिन की गई थी, यह तीर्थ अग्रवाल समाज के प्रमुख तीर्थों में से एक है, यहां हर साल हजारों की संख्या में इस समाज के लोग आते हैं।

अग्रसेन जयंती – Maharaja Agrasen Jayanti

अग्रवाल समाज के संस्थापक महाराजा अग्रेसन जी के जन्मदिवस को जयंती के रुप में धूमधाम से मनाया जाता है। आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात नवरात्रि के पहले दिन अग्रसेन जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस दिन तरह-तरह के आयोजन किए जाते है एवं विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। महाराजा अग्रसेन की जयंती को लेकर अग्रवाल समाज के लोग कई दिन पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं। इस दौरान कई भजन-कीर्तन एवं नाट्य प्रतियोगिताओं समेत कई विशाल कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इस दौरान पूरे शहर से भव्य रैली निकाली जाती है, जिसमें अग्रवाल समाज के लोग हिस्सा लेते हैं।

अग्रसेन महाराज के प्रसिद्ध स्लोगन – Agrasen Maharaj Slogan

  • नये समाज का निर्माण किया, जनक-पिता बनकर आपने, वैश्य जातिका निर्माण किया, आगे बढने का आपने विचार दिया। जय अग्रसेन, जय अग्रोहा।
  • जिसके ह्रदय में दूसरे का हित बसता है, उनको जगत में कुछ भी दुर्लभ नहीं है, जो अपने जैसा दूसरों को भी सुखी, देखने की कामना रखते है, उनके पास रहने से विद्या प्राप्त होती है और अज्ञान का अंधकार दूर होता है।।
  • बांध कर पगड़ी, जब महाराजा अग्रसेन जी तैयार होते, उठाकर तलवार जब घोड़े पर सवार होते, देखते सब लोग और कहते कि काश हम भी अग्रवाल होते।
  • आपने पशु-बली को रोका, हर किसी को इसके लिए टोका, परम्परा को आपने झुठलाया नए, न्यारे समाज को बना डाला।
  • हे अग्रसेन महाराज आपको हमारा सादर नमन हो शत-शत प्रणाम एक ईंट और एक रूपया है आपका नारा दिल से हम सब करते आपका जयकारा।
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Swami Vivekananda Thoughts |स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक सुविचार

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Swami Vivekananda Thoughts

स्वामी विवेकानंद जी जिन्होंने पूरी दुनिया को अपने विचारों से प्रेरणा दी हैं। आज हम यहाँ उन्हीं के लिखें गए कुछ कथन दे रहे हैं जो आपको प्रेरणा देंगे।

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक सुविचार | Swami Vivekananda Thoughts In Hindi

swami vivekananda quotes in hindi for youth

“विकास ही जीवन है और संकोच ही मृत्यु। प्रेम ही विकास है और स्वार्थपरता ही संकोच। अतएव प्रेम ही जीवन का एकमात्र नियम है। जो प्रेम करता है, वह जीता है, जो स्वार्थी है, वह मरता है। अतएव प्रेम के लिए ही प्रेम करो, क्योंकि प्रेम ही जीवन का एकमात्र नियम है।

“भारत को कम से कम अपने सहस्त्र तरुण मनुष्यों की बलि की आवश्कता है, पर ध्यान रहे-‘मनुष्यों की बलि (दान) ‘पशुओं’ की नहीं।

swami vivekananda thoughts on love

“मुक्ति उसी के लिए है, जो दुसरों के लिए सब कुछ त्याग देता है और दुसरे, जो दिन-रात ‘मेरी मुक्ति,  मेरी मुक्ति’ कहकर माथापच्ची करते रहते हैं। वे वर्तमान और भविष्य में होने वाले अपने सच्चे कल्याण की सम्भावना को नष्ट कर यत्र-तत्र भटकते फिरते हैं। मैंने स्वयं अपनी आंखों ऐसा अनेक बार देखा है।

Saying of Swami Vivekananda

“यदि हम अपनी प्रार्थना में कहें कि भगवान ही हम सबके पिता हैं और अपने दैनिक जीवन में प्रत्येक मनुष्य को अपना भाई न समझें, तो फिर उसकी सार्थकता ही क्या?

Saying of Swami Vivekananda in Hindi

“कुछ मत मांगो, बदले में कुछ मत चाहो। तुम्हे जो देना है, दे दो, वह तुम्हारे पास लौटकर आएगा-पर अभी उसकी बात मत सोचो। वह वर्धित होकर-सह्स्त्रगुना वर्धित होकर वापस आएगा-पर ध्यान उधर न जाना चाहिए। तुम में केवल देने की शक्ति है। दे दो, बस बात वहीं पर समाप्त हो जाती है।

Swami Vivekananda sayings for youth

“महान बनो। त्याग बिना कोई भी महान कार्य सिध्द नहीं हो सकता। इस जगत की सृष्टि के लिए स्वयं उन विराट पुरुष भगवान को भी अपनी बलि देनी पड़ी। आओ, अपने एश-आराम, नाम-यश, एश्वर्य, यहां तक कि अपने जीवन को भी निछावर कर, मानव-श्रुंखला का एक सेतु निर्माण कर डालो, ताकि उस पर से होकर लाखों जीवात्माएं इस भवसागर को पार कर लें।

swami vivekananda thoughts on success in hindi

“एक समय आता है, जब मनुष्य अनुभव करता है कि थोड़ी-सी मनुष्य की सेवा करना लाखों जप-ध्यान से कहीं बढ़कर है। – स्वामी विवेकानंद

Thoughts by Swami Vivekananda

“प्राचीन धर्मों ने कहा, “वह नास्तिक है, जो भगवान् में विश्वास नहीं करता।” नया धर्म कहता है, “नास्तिक वह है जो स्वयं पर विश्वास नहीं करता।”

suvichar of swami vivekananda in hindi

“वेदान्त परमात्मा के सर्वव्यापक होने से भी आगे की बात समझाता है। वेदान्त के अनुसार, यह समूची सृष्टि परमात्मा का ही विभिन्न नाम-रूपों में प्रकट होना है। तभी तो सच्चा वेदांती सृष्टि के जड़-चेतन से आत्मवत् प्रेम करता है।

swami vivekananda quotes in hindi

“धर्म-ग्रंथ जिन सद्गुणों को अपनाने की बात करते हैं, वे अनायास उससे प्रवाहित होते हैं, जो वेदांत का आचरण करता है।

suvichar of swami vivekananda

“वेदांत का आचरण सहज रूप से समस्त निराशाओं, चिंताओं, विषादों, तनावों से आपको सदा-सदा के लिए मुक्त करता है।

Thoughts by Swami Vivekananda in Hindi

“यदि केवल तुम जान लेते कि तुम कौन हो ! तुम आत्मा हो, तुम ईश्वर हो। यदि कोई अधार्मिक बात है, तो वह है तुमको मनुष्य कहना।

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मुहम्मद युनुस के अनमोल विचार…

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Quotes By Muhammad Yunus

मुहम्मद युनुस एक बांग्लादेशी सामाजिक उद्योगपति, बैंकर, अर्थशास्त्री और सिविल सोसाइटी के नेता थे जिन्हें ग्रामीण बैंक की खोज और माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस की योजना बनाने के लिये नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यहापर मुहम्मद युनुस – Muhammad Yunus के कुछ अच्छे विचार दिये है, जरुर पढ़े और आगे share करे।

मुहम्मद युनुस के अनमोल विचार – Quotes By Muhammad Yunus in Hindi

MUHAMMAD YUNUS QUOTES 14

“सभी इंसान जन्मजात उद्यमी होते हैं। कुछ लोंगो को यह क्षमता दिखाने का मौका मिलता है। कुछ लोंगोको कभी नहीं मिलता, उन्हें कभी नहीं पता चला की उसमे ये क्षमता है।”

MUHAMMAD YUNUS QUOTES 5

“जहाँ प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है वहीँ वास्तव में मायने ये रखता है कि हम इसका करते क्या हैं।

MUHAMMAD YUNUS QUOTES

“मेरी सबसे बड़ी चुनौती लोगों की सोच बदलना रही है। हमारी ही सोच हम पर अजीब चालें खेलती है। हम चीजों को उस तरह से देखते हैं जिस तरह हमारे दिमाग ने हमारी आँखों को देखने का आदेश दिये है।”

muhammad yunus quotes

“गरीबी इंसानो पर एक बाहरी, कृत्रिम थोपी हुई चीज है। यह इंसान में जन्मजात नहीं है और चूँकि ये बाहरी चीज है, इसे बिलकुल हटाया जा सकता है। बस ऐसा करने का ही सवाल है।”

muhammad yunus quotes

“पैसा बनाना एक खुशी है। और यह एक बहुत बड़ा  प्रोत्साहन है। अन्य लोगों को खुश करना बहुत बड़ी खुशी है।

muhammad yunus quotes

“खुब जियो ग्रामीण बैक, गरीब महिलाओं की शक्ति प्रबल रहे।

muhammad yunus quotes

“बदलाव ही आपके तीव्र प्रयास का परिणाम है।”

muhammad yunus quotes

“व्यापार समस्याओं को हल करने की बहुत सुंदर व्यवस्था है, लेकिन हम उस उद्देश्य के लिए इसका इस्तेमाल कभी नहीं करते। हम केवल पैसे बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। यह हमारे स्वार्थ को तो संतुष्ट करता है लेकिन सामूहिक हित को नहीं।”

muhammad yunus quotes on life

“हम विद्यार्थियों को जॉब और करियर के लिये तैयार करते है लेकिन हम कभी उन्हें यह सोचना नही सिखाते की वो अपने दिमाग में किस तरह की दुनियाँ का निर्माण कर सकते है।”

muhammad yunus quotes on life

“मनुष्यों में भारी लचीलापन है।

muhammad yunus thoughts in hindi

“सत्य तो ये है की गरीब जिंदा है और यही उनकी क्षमता का सबसे बड़ा सबुत है।”

muhammad yunus thoughts

“मनुष्य सिर्फ पैसा कमाने से कहीं बढ़कर हैं।

muhammad yunus thoughts

“सभ्यता ने हमें भारी सफलताये दी हैं : चंद्रमा पर जाने की प्रौद्योगिकी। लेकिन इसी सभ्यता ने हमें ऋण, पर्यावरण संकट, और कई तरह के संकट में डाला है। हमें ऐसी सभ्यता की ज़रुरत है जहाँ हम इन चीजों को अलविदा कह सकेँ।”

muhammad yunus thoughts

“गरीबी सभी मानव अधिकारों की अनुपस्थिति के समान है। घोर गरीबी से उत्पन्न कुंठा, दुश्मनी और क्रोध किसी भी समाज में शांति बने रहने नहीं दे सकते।”

muhammad yunus thoughts

“हम एक गलत पूंजीवादी व्यवस्था बना ली है। हम मनुष्य को एक आयामी मानते हैं, हम मानते हैं कि वे बस पैसा बनाते हैं, इसीलिए हमने पैसों पर केंद्रित एक दुनिया बना ली है।

More Quotes in Hindi

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Swami Vivekananda Quotes |स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ विचार

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Swami Vivekananda Quotes

यह स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ सुविचार दिये है। जो प्राचीन काल से युवको को प्रेरित करते रहे है। जब कभी भी आप थके हुए हो तो रुकना नही चाहिये, जब तक की आप अपने उद्देश्य को हासिल नहीं कर लेते हो। तभी आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने की ख़ुशी मिलेगी। इसीलिये जागो और आगे बढ़ो। आपका लक्ष्य आपके आने का इंतज़ार कर रहा है, जाओ और उसे हासिल करो। ~ Swami Vivekananda

तब तक मत रुको, जब तब लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। ~ Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ विचार – Swami Vivekananda Quotes In Hindi

Swami Vivekananda Quotes for students

“संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।

अगर धन दुसरो की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा ये सिर्फ बुरे का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।

Swami Vivekananda Quotes

Swami Vivekananda Quotes gif

“अपने लक्ष्य को अपनी कबीलियत के स्तर से निचा न रखे। बल्कि, अपने काबिलियत के स्तर को अपने लक्ष्य के जितना बड़ा बनाने की कोशिश करे।

“जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

सत्य को हजारो तरीको से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक तरीका सत्य ही होंगा।

“जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नही तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।

Swami Vivekananda motivational quotes

“किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

Swami Vivekananda on relationship and love

“जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है लेकिन जो भी रिश्ते हैं, उनमें जीवन का होना जरूरी है|

Swami Vivekananda Quotes for youth

“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।

Swami Vivekananda Quotes

“बल ही जीवन है और दुर्बलता मृत्यु।

प्राचीन धर्मो ने कहा, “वह नास्तिक है, जो भगवान में विश्वास नहीं करता।” नया धर्म कहता है, “नास्तिक वह है जो खुद पर विश्वास नहीं करता।”

Swami Vivekananda on youth

“यह गरीबी जो मैं सहन कर रहा हूँ ये मेरे ही कामों का परिणाम है, और ऐसी कई चीज़ें है जो ये बताती है की मेरी इस परिस्थिति को मेरे सिवा और कोई नहीं बदल सकता।

Swami Vivekananda quotes for students

Swami Vivekananda quotes on education for students

“हम जितना अध्ययन करते हैं, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है।

swami vivekananda quotes in hindi for youth

“नास्तिक वह है, जो अपने आप में विश्‍वास नहीं करता।

हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।

Swami Vivekananda Quotes In Hindi

“सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नहीं छोड़नी चाहिए।

हम जो बोते है वहो काटते है। हम हमारी किस्मत के खुद ही निर्माता है। हमारी परिस्थिती के लिए हम किसी को भी दोषी नहीं ठहरा सकते या किसी की भी स्तुति नहीं कर सकते।

swami vivekananda quotes in hindi for students

“लगातार अच्छे विचार करते रहे बुरे विचारों को मन से निकलने का यही एक उपाय हैं।

आस्था, हमदर्दी -जोशीली आस्था और जोशीली हमदर्दी! जीवन कुछ भी नहीं, मृत्यु कुछ भी नहीं, भूख कुछ भी नहीं, ठंडी कुछ भी नहीं। जब तक भगवान आपकी प्रशंसा न करे तब तक तेज़ी से आगे बढ़ते रहो, भगवान हम सामान्य लोगो का ही है। कौन असफल हुआ, कौन आगे बढ़ा, कौन निचे गिरा कभी भी जीवन में ये देखने के लिए आगे पीछे मत मुड़ो। जब तक हमारी सास चल रही है तब तक बिना रुको लक्ष्यप्राप्ति के लिए आगे बढ़ो। यदि कभी गिरते हो तो उठो और फिर से आगे बढ़ो।

Swami Vivekananda Quotes

“दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव में अपने आप के प्रति सच्चे रहना, अपने आप पर विश्वास रखो हमेशा।

मेरे बच्चो महसूस करना सीखो: गरीबो के लिए महसूस करो, अज्ञानीयो के लिए महसूस करो, दलितों के लिए महसूस करो। जब तक आपका दिल नहीं रुकता तब तक महसूस करते रहो और तब तक सोचते रहो जब तक लोग आपको पागल नहीं कहते। अपनी आत्मा का भगवान से संबंध बनाने की कोशिश करो। तभी आपके अंदर एक अपार शक्ति विकसित होगी जिससे आप जरुरतमंदो की सहायता कर सको।

swami vivekananda quotes on love

“अनुभवों से ही इंसान सब कुछ सीखता है। हम जीवन में हो रहे बहुत सी गतिविधियों के पीछे के कारण को जान सकते है लेकिन किसी शब्द के पीछे की सत्यता को अनुभवों से ही जाना जा सकता है।

swami vivekananda quotes on life

“ब्रह्माण्ड की सारी शक्तिया हमारे ही भीतर है। वो तो हम ही है जो उस शक्तियों को अँधेरा समझकर हात आखो पर रखकर रोने लगते है।

ये दुनिया सबसे बड़ी व्यायामशाला है जहा हम अपने आप को ताकतवर बनाने के लिए आते है।

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रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए रिश्तों पर उद्धरण…

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Relationship Quotes in Hindi

दोस्तों, जीवन में अकेला रहना नामुमकिन हैं। इसलिए भगवान् ने हमें कुछ रिश्ते हमारे जन्म से पहले ही मिले होते है और कुछ बादमें, लेकिन इस रिश्तों को निभाना ये हमारे हाथ में है। आज हम आपके लिए रिश्तों पर उद्धरण – Relationship Quotes लाये हैं जिसे पढ़कर आप अपने रिश्तें को और भी मजबूत बना सकेंगे –

Relationship quotes

रिश्तों पर उद्धरण – Relationship Quotes in Hindi

“रिश्ता दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं, नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए मन में नहीं।

जहाँ सफ़ाई देनी पड़ जाये हर बार वो रिश्ते कभी गहरे नहीं होते।

“अगर दो व्यक्ति के कभी लड़ाई न हो, तो समझ लेना की, रिश्ता मन से नहीं दिमाग से निभाया जा रहा हैं।

अपने रिश्ते को बारिश की तरह ना बनाए, जो आई और गयी बल्कि रिश्ते ऐसे बनाए जो हवा की तरह हमेशा आपके संग रहे।

“सबसे सुंदर रिश्ता दो आँखों का होता हैं, जिंदगी भर एक एक दूसरें को देखें बिना एक साथ खुलते हैं और एक साथ ही बंद होते है, एक साथ रोते हैं और एक साथ सोते है हमेशा।

कोई भी रिश्ता तोड़ने से पहले एक बार स्वयं को पूछ ले की आज तक इस रिश्ते क्यों निभा रहे थे ?

“नाता वो नहीं जिसमें रोज बात हो, नाता वो भी नहीं, जिसमें रोज साथ हो, नाता तो वो है जिसमें, कितनी भी दूरियां में हमेशा उनकी याद हो।

सच्चे नाते की खूबसूरती एक दुसरे की गलतियों को बर्दाश्त करने में है क्योकि बिना कमी का कोई व्यक्ति तलाश करोगे तो अकेले रह जाओंगे।

“कोई भी रिश्ता बनाना इतना आसान हैं जैसे मिट्टी पर मिट्टी लिखना पर उसे निभाना उतनाही मुश्किल है जैसे पानी पर पानी से पानी लिखना।

प्यार से बने रिश्ते तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो रिश्ते नहीं टूटेंगे लेकिन स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो वो रिश्ते कभी नहीं बनते।

“अहम् दिखा कर रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये।

रिश्ते नाते वो होते हैं जिसमें शब्द कम लेकिन समझ ज्यादा हो, जिसमें तकरार कम और प्यार ज्यादा हो, जिसमें आशा कम और भरोसा ज्यादा हो।

“अच्छे लोगों का हमारे जीवन में आना भाग्य की बात हैं लेकिन उन्हें संभाल कर रखना वो हमारे हुनर की बात हैं।

काँच और रिश्ता दोनों ही बड़े नाजुक होते है, दोनों में सिर्फ़ एक ही फर्क़ है काँच गलती से टूट जाता है और रिश्ता गलतफहमीयों से।

“जीवन में रिश्ता होना जरुरी है लेकिन उस रिश्ते में जीवन होना जरुरी है।

कभी भी दूसरो के आदर्श रूप को प्रस्तुत न करे। वे कभी आपकी आशाओ पर खरे नही उतरेंगे। अपने रिश्तो को ज्यादा परखने की कोशिश न करे और रिश्तो में खेल खेलना बंद करे। क्योकि एक बढ़ते रिश्ते को खरेपन से ही पाला जा सकता है।

“यदि हम ढूंढे तो जिंदगी में एक बहोत बुरा सच है, की वही लोग आपको चोट पहुचाते है जिन्हें आप सबसे ज्यादा प्यार करते है।

एक दोस्त वह होता है जो आपके दिल के अंदर के गीत को जानता है और जब आप शब्द भूल जाते हो तब वो वही गाना गाता है।

“जिंदगी में हमें दुनिया के सभी लोगो से प्यार करना चाहिये। क्योकि शत्रु लोग शत्रुओ से भरी दुनिया में ही रहते है। वैसे ही प्यारे लोग प्यारी दुनिया में ही रहते है।

क्षमा करने से निश्चित ही आपका भूतकाल तो नही बदलेंग लेकिन भविष्य जरुर बदल सकता है।

“यदि तुम 100 तक जिओगे तो मै 99 दिन जीना चाहूँगा, ताकि मै तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकू।

जिन्होंने हमें खुशिया दी हमें उनका शुक्रियादा करना चाहिये, क्योकि वे उन मालियों की तरह होते है जो अपने अस्तित्व भर से बाग़ को हरा-भरा कर देते है।

“प्रत्येक दोस्त हमारे भीतर एक दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है, जबतक दोस्त नही आते तबतक उस दुनिया का जन्म ही नही होता और उनके आने से ही एक नयी दुनिया जन्म लेती है।

एक प्यारा रिश्ता वह होता है जिसे किसी एक का प्यार उसे मुक्त बनाता है, और प्यार मतलब – मेरे साथ हँसो लेकिन मुझपर कभी नही, मेरे साथ रोओ लेकिन मेरी वजह से कभी नही, जिंदगी से प्यार करो तभी तुम खुदसे प्यार कर सकोंगे तो तभी तुम्हे कोई प्यार करेंगा। ऐसे रिश्ते दिलो में प्यार लेकर बसते है जहा नफरत और जलन के लिये कोई जगह ही नही होती।

“एक सच्चा दोस्त वह होता है जो पूरी दुनिया के चले जाने जे बाद भी आपके साथ होता है।

वो व्यक्तित्व की मीटिंग दो केमिकल पदार्थ के सम्बन्ध की तरह होती है, यदि उनमे कोई अभिक्रिया होगी तो दोनों रूपांतरित होंगे।

“एक रिश्ता भी इसी की तरह होता है। रिश्ते को भी आज़ादी और सम्मान के साथ धीरे पकड़ना चाहिये, तभी रिश्ता बना रहेंगा। लेकिन यदि आप रिश्ते को अधिकारिक रूप से जोर से पकड़ने की कोशिश करोगे तो आप उन रिश्तो को खो दोंगे।

जब कभी भी आप रिश्तो में किसी का विरोध करते हो तो एक ही ऐसी बात है जो आपके रिश्ते को टूटने से बचाती है। और वह है आपका रवैया।

“जब आप लोगो के परफेक्ट होने की आशा छोड़ देते हो तब आप उन्हें उनके वास्तविक रूप में ही पसंद करने लगते हो।

यदि आप प्यार करने लायक बनना चाहते हो तो प्यार करो और प्यारे बनो।

“हो सकता है की लोग आपके द्वारा कहे गये शब्द भूल जाये लेकिन वे ये बात कभी नही भूलते की आपने उनको कैसा महसूस करवाया।

लोग इसलिये अकेले हो जाते है क्योकि वे बांध (पुल) बनाने की बजाये दीवारे बनाते है।

“खुशियों को बाटते समय दोगुना बाटिये, और चिंता को बाटते समय आधे से भी आधा बाटिये।

रिश्तो में रोज़ खुश रहकर आप अपनी हिम्मत को नही बढ़ा सकते। इसे आप बुरी परिस्थितियों का और चुनौतियों का सामना करके ही बढ़ा सकते हो।

“सुन्दर आँखों के लिये दूसरो की अच्छाई को देखे, सुन्दर होठो के लिये दयालुता भरे शब्द ही बोले और संतुलन बनाये रखने के लिये ऐसे ज्ञान को लेकर चले जिसमे आप कभी अकेले न हो।

दूसरो में रूचि लेकर आप दो महीने में ही बहोत से दोस्त बना सकते हो और दूसरो को खुद में रूचि दिलवाकर आप दो साल में भी बहोत कम दोस्त बना सकोंगे।

“मेरी आज्ञा के बिना कोई भी मुझे दुःखी नही कर सकता।

रिश्तो में बड़ी चुनौतिया तब आती है जब बहोत से लोग कुछ पाने के इरादों से रिश्ते बनाते है, ऐसे लोग उन लोगो को ढूंडते है जो उन्हें अच्छा महसूस करवा सके। असल में रिश्ते को अंत तक ले जाने का रास्ता यही है की अपने रिश्ते में कुछ लेने की बजाये देने के बारे में सोचना चाहिये।

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