आज के इतिहास में यानि 30 जुलाई के इतिहास में बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाएं, आज ही के दिन कई महान व्यक्ति इस धरती पर आये और कई महान लोगों ने आज ही दिन इस दुनिया को अलविदा कहा आज हम इस पोस्ट में आज के इतिहास में यही सारी बाते जानेंगे।
30 जुलाई का इतिहास – 30 July Today Historical Events
30 जुलाई की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of July 30
इंडोनेशिया में नीदरलैंड का राजनैतिक एंव साम्राज्यवादी प्रभाव 1602 में आरंभ हुआ।
मैरीलैंड में बाल्टीमोर शहर की स्थापना 1729 में हुई।
माल्दन द्वीप की खोज 1825 को हुई।
अमेरिका के हवाई में अंग्रेजी भाषा का पहला अखबार 1836 में प्रकाशित हुआ।
राइट भाईयों ने 1909 में सेना के लिए पहला विमान बनाया था।
एनबीसी रेडियो पर देथ वैली डेज का पहला प्रसारण 1930 को हुआ।
अमेरिका के लास एंजिल्स में दसवें आधुनिक ओलंपिक खेल की शुरुआत 1932 में हुई।
जर्मन की सेना ने 1942 में बेलारूस के मिंस्क में 25000 यहूदियों की हत्या की।
एक्सपोर्ट रिस्क इंस्योरेंस कोर्पोरेशन आफ इंडिया (प्राइवेट) लिमिटेड की स्थापना 1957 में हुई।
फुटबॉल का विश्वकप 1930 में शुरू हुआ था और इंग्लैंड ने इसे 1966 में पहली बार जीता।
वनूआटो देश को 1980 में स्वतंत्रता मिली।
सोवियत संघ ने 1982 में भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
चिली ने 1989 को अपने संविधान में संशोधन किया।
तीन बार लगातार फ्रांस का भ्रमण करने वाले लांस अर्मस्ट्रांग 2000 में पहले अमेरिकी बनें।
संयुक्त राष्ट्र ने 2000 में इस्रायल द्वारा ख़ाली किये क्षेत्रों में शांति सेना की तैनाती प्रारम्भ की।
श्रीलंका सरकार ने 2001 में मुक्ति चीतों पर से प्रतिबंध हटाने से इन्कार किया।
कनाडा ने 2002 में अलकायदा सहित सात संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (मनोनीत) शौकत अजीत 2004 में हुए आत्मघाती हमले में बाल-बाल बचे।
हालीवुड अभिनेत्री पामेला एडंरसन ने 2006 में गायक किड रॉक से विवाह किया।
चीनी वैज्ञानिकों ने 2007 में झेंगझाऊ में लगभग 50 लाख साल पुरानी चट्टानों की खोज की।
नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला को 2008 में कोलम्बो में आयोजित सार्क शिखर सम्मेलन में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मिली।
सायना नेहवाल (बैडमिंटन) को 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न तथा सुनील छेत्री (फुटबॉल), झूलन गोस्वामी (क्रिकेट), राजीव तोमर (कुश्ती), संदीप सिंह (हॉकी) सहित 15 खिलाड़ियों को 29 अगस्त को अर्जुन पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई।
पश्चिम कांगो में 2010 में स्थित बाडुडु प्रांत में बहनेवाली कांगो नदी की शाखा कसाई नदी में एक नौका दुर्घटना में 140 से अधिक लोग डूब गए
भारत में पावर ग्रिड की बड़ी खराबी के कारण 2012 में 30 करोड़ लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा था।
आंध प्रदेश में 2012 को एक रेलगाड़ी में आग लग जाने से 32 लोगों की मौत हुई और 27 घायल हुए।
30 जुलाई को जन्मे व्यक्ति – Born on 30 July
भारत की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और पद्म भूषण सम्मानित मुत्तू लक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1886 को हुआ था।
20वीं सदी के जानेमाने चिंतक, इतिहासवेत्ता, संस्कृतज्ञ तथा सौंदर्यशास्त्री गोविन्द चन्द्र पाण्डे का जन्म 1923 को हुआ था।
हॉलीवुड अभिनेता और कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर आरनोल्ड श्वार्जनेगर का जन्म 1947 को हुआ था।
30 जुलाई को हुए निधन – Died on 30 July
18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवियों में से एक थॉमस ग्रे का निधन 1771 में आज ही के दिन हुआ था।
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नए बिजनेस को सफल बनाने के लिए बाजार के वातावरण और प्रतिद्धंदियों को समझना बेहद जरूरी है। भारत में आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है, रोजाना नई-नई कंपनियां का विस्तार हो रहा है। लेकिन उनमें से कुछ स्टार्टअप ही ऐसे हैं जिन्होनें न केवल कुछ ही समय में अपनी पहचान बनाई है बल्कि करोड़ों लोगों को फायदा भी पहुंचाया है।
इसके साथ ही ऐसे स्टार्टअप आज मिलियन डॉलर कमा रहे हैं। किसी भी स्टार्टअप के लिए शुरुआत में ही सफल होना वाकई तारीफे काबिल है।भारत में कई दिग्गज ऐसे हैं जिनके दिमाग में आइडिया आया और इस आइडिया को उन्होनें बिजनेस का रूप दे दिया और वे आज काफी सफल हैं। इसी के साथ भारत देश-विदेशों में आर्थिक विकास के लिए पहले नंबर हैं।
हम आपको भारत के सबसे अच्छे स्टार्टअप के बारे में बता रहे हैं। जिन्होनें महज कुछ ही समय में सफलता हासिल कर ली है और बाकी लोगों के लिए मिसाल कायम की है। भारत के टॉप स्टार्टअप इस प्रकार हैं-
भारत के कुछ टॉप स्टार्टअप – Top startups in India
“Ola Cabs”
Ola Cabs आज जो सबसे बड़ी परिवहन नेटवर्क कंपनी बन चुकी है। ओला कैब सबसे अच्छी ऑनलाइन टैक्सी और कार ऐग्रीगेटर सर्विस है। इसके साथ ही ओला दूसरी ट्रांसपोर्ट ऐप ऊबर को मार्केट में कड़ी टक्कर दे रही है।
ओला कैब एक स्मार्टफोन ऐप है जो की आज ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में डाउनलोडेड है। इस ऐप की मद्द से कुछ ही मिनट में टैक्सी सर्विस का आप फायदा ले सकते हैं। एक क्लिक पर ग्राहक ओलाकैब से टैक्सी सर्विस को अपनी लोकेशन पर बुला सकता है।
ओलाकैब ने वाकई यात्रा को बड़ा आसान और सुगम बना दिया है। ओला कैब एक ऐसी टैक्सी सर्विस है जिसमें दूरी और किराए को लेकर काफी पार्दशिता है। इसी के साथ इसमें यात्रा को ट्रैक करने का भी विकल्प है।
इस मॉडर्न ऐप ने वाकई यात्रा से जुड़ी लगभग सारी समस्याओं को दूर करने में लोगों की काफी मदत की है और सस्ते दामों पर टैक्सी सर्विस उपलब्ध करायी हैं।
ओला कैब की शुरुआत 3 दिसम्बर, 2010 को IIT बॉम्बे में पढ़ने वाले छात्र भविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने की थी। ओला कैब अपनी सर्विस करीब भारत के 110 शहरों में दे रही है और इसके पास करीब 6,00000 वाहन हैं। वहीं ओला कैब ने ऑटो सर्विस देना भी शुरू कर दिया है जिससे कंपनी का रेवन्यू दिन पर दिन काफी बढ़ता जा रहा है।
“PayTm”
पेटीएम भारत का सबसे बड़ा सफल स्टार्टअप है। यह एक ई-कॉमर्स पेमेंट सिस्टम और डिजिटल वॉलेट कंपनी है। जिसे साल 2010 में विजय शेखर शर्मा ने लॉन्च किया था जो कि नोएडा से संबंधित है। पेटीएम स्मार्ट फोन पर डाउनलोड की जाने वाली सबसे पसंदीदा ऐप बन गई है।
पेटीएम एप की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है क्योंकि पेटीएम जहां डिजिटल इंडिया का सबसे अच्छा उदाहरण पेश करता है वहीं पेटीएम पेमेंट ट्रांसफर से लेकर बिल का भुगतान करना, मोबाइल रिचार्ज करना या अन्य बैंकिंग सुविधाएं काफी आसान बना दी हैं इसी के साथ पेटीएम ने बिजनेस में पार्दशिता में भी लाने में काफी मदत की है। जिसके माध्यम से आदान-प्रदान में नजर रखी जा सकती है।
जहां पेटीएम ने पेमेंट ट्रांसफर को सफल बना दिया है वहीं दूसरी तरफ पेटीएम दूसरी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी टक्कर दे रही है। इलैक्ट्रॉनिक्स का सामान हो, कपड़ों की खरीददारी करनी हो या फिर जरूरत का अन्य सामान खरीदना हो आप पेटीएम की मद्द से आसानी से खरीद सकते हैं। बिजनेस के लेन-देन में भी पेटीएम काफी सहायक है।
अभी हाल ही में जब मोदी सरकार ने नोटबंदी का एलान किया था तब पेटीएम ने डिजिटल पेमेंट के जरिए लोगों को काफी सुविधा प्रदान की थी। वहीं जनवरी, 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम की नेट वर्थ करीब 10 बिलियन थी। इस तरह पेटीएम भारत का सफल स्टार्टअप बन चुका है।
“Flipcart”
Flipcart भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स बैंगलोर की कंपनी है। जिसे साल 2007 में सचिन बंसल और बिनी बंसल ने स्थापित किया था। शुरूआती दौर में कंपनी ने ऑनलाइन किताबें बेचने से शुरू किया था फिर बाद में इस ई-कॉमर्स कंपनी ने इलैक्ट्रॉनिक्स, गैजट्स, कपड़े, फैशन, लाइफस्टाइल से जुड़े प्रोडक्ट भी बेचना शुरु कर दिया और इस तरह से कंपनी दूसरी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन गई।
और अब ये दूसरी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन और स्नेपडील को बड़ी टक्कर दे रही है। वहीं फ्लिपकार्ट का ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में साल 2017 तक करीब 39।5 प्रतिशत शेयर था जबकि मई, 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट के 77 प्रतिशत खरीद लिए, वॉलमार्ट ने फ्लिपकोर्ट से 1।07 लाख करोड़ रूपये में खरीद कर फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया है।
आपको बता दें कि, फ्लिपकार्ट अपने ग्राहकों को ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर प्रोडक्ट उपलब्ध करवाता है इसके साथ ही कंपनी की पेमेंट पॉलिसी, डिलीविरी सर्विस और रिटर्न पॉलिसी अच्छी होने की वजह से ज्यादातर लोग ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट से सामान खरीदना पसंद करते हैं।
ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने लोगों को ऑनलाइन सुविधा देकर कई समस्याओं का हल कर दिया है। इसी के साथ फ्लिपकार्ट लोगों के बीच काफी लोकप्रिय होती जा रही है। फ्लिप कार्ट की इनकम भी तेजी से बढ़ रही है। इस तरह ये सफल स्टार्टअप के रूप में सामने आई है।
“Make My Trip”
मेक माई ट्रिप एक ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी है जिसने यात्रा से जुड़ी समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की है। इस ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी के माध्यम से लोग आसानी से अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं।
मेकमाईट्रिप की सहायता ऑनलाइन फ्लाइट टिकट, ऑनलाइन होटल बुक किए जा सकते हैं इसके साथ ही मेक माई ट्रिप के माध्यम से लोग अपना हॉली-डे पैकेज भी आसानी से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
भारत के 47 शहरो में मेक माई ट्रिप ट्रेवल कंपनी 51 रिटेल स्टोर को भी चला रहा है। जिसकी वजह इसने महज कुछ ही समय में लोगों के बीच अपनी जगह बना ली और आज सफल स्टार्टअप के रूप में स्थापित हो गई है।
साल 2000 में मेक माई ट्रिप को दीप कारला ने लॉन्च किया था। शुरूआती दौर में इस कंपनी को भारत में इतना अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था लेकिन बाद में कंपनी की इनकम बढ़ती चली गई और 2016- 2017 में कंपनी का रेवन्यू बढ़कर करीब 62 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया आज जहां ये कंपनी कई हजार लोगों का रोजगार उपलब्ध करवा रही है वहीं कई लोग इस मेक माई ट्रिप के जरिए अपनी ट्रिप को और भी रोमांचक बना रहे हैं।
“OYOROOMS”
Oyo rooms सस्ते दामों पर होटल बुकिंग करवाने के लिए मशहूर है। जिसे साल 2013 में रितेश अग्रवाल ने स्थापित किया था। 21 साल की उम्र में रितेश ने लगभग 400 करोड़ की कंपनी बनाकर बाकी दूसरे बिजनेसमैन को हैरान कर दिया था। Oyo rooms भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है। Oyo rooms के 230 शहरो में करीब 8500 होटेल हैं।
Oyorooms दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलोर समेत मेट्रो सिटी में होटल बुकिंग करने की सुविधा प्रदान करता है। Oyo rooms की खासियत यह है कि ये कम बजट में अच्छी सुविधा प्रदान करता है, लोग सस्ते दामों पर अच्छे होटल बुक कर सकते हैं। साल 2017 के मुताबिक कंपनी का रेवन्यू करीब 400 मिलियन डॉलर था जो कि अब बढ़ चुका है साथ ही कंपनी ने जनवरी, 2018 में इसके रूम की संख्या भी बढ़ा दी है।
“Wow! Momo”
Wow Momo भी एक अच्छे सफल स्टार्टअप के तौर पर उभर कर सामने आ रही है। Wow Momo एक फूड चैन ( आहार श्रंखला ) है जो कि काफी तेजी से विकास कर रही है और अच्छी कमाई कर रही है।
Wow Momo की ब्रांच दिल्ली, चेन्नई, कोच्ची समेत कई बड़े शहरों में हैं। Wow Momo एक शाकाहारी रेस्टोरेंट के रूप में मशहूर है ये बर्गर, तिब्बती फूड अपने ग्राहकों को उपलब्ध करवाता है।
Wow! Momo रेस्टोरेंट की स्थापना साल 2008 में की गई थी जिसका हेडक्वार्टर कोलकाता में है। सागर दरयानी और बिनोद कुमार ने Wow Momo रेस्टोरेंट की स्थापना की थी। वहीं कंपनी के रेवन्यू की बात करें तो साल 2017-2018 में इस रेस्टोरेंट का रेवन्यू 300 करोड़ था।
“Zomato”
जोमेटो ऑनलाइन होटल की लोकेशन ढूंढने में मद्द करता है। पिछले कई दिनों से जोमेटो ऐप तेजी से डाउनलोड की जा रही है। ऑनलाइन ऐप के जरिए लोग रेस्टोरेंट के रेट और फूड क्वालिटी के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं।
जोमेटो सर्विस साल 2008 में दीपिन्दर गोयल और पंकज चड्डा ने लॉन्च की थी। जोमेटो के जरिए 23 देशों की रेस्टोरेंट सर्विसेज का पता लगाया जा सकता है जिसमें ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड स्टेट भी शामिल हैं।
महज कुछ ही सालों में जोमेटो ने लोगों की बीच अपनी पकड़ बना ली है। जोमेटो फूडीवे (foodiebay) के नाम से शुरू की गई थी बाद में इसका नाम बदलकर जोमेटो कर दिया गया।
आपको बता दें कि जोमेटो में एक महीने में करीब 90 मिलियन डॉलर से ज्यादा यूजर्स विजिट करते हैं और इसकी संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जोमेटो की सालाना आय करोड़ो मिलियन डॉलर है।
रोजाना मार्केट में कई कंपनी खुलती और बंद होती हैं लेकिन कुछ ही कंपनी अपनी पकड़ लोगों के बीच बना पाती हैं और सफल हो पाती हैं। इसी तरह सफल स्टार्टअप के बारे में लिखा गया है जिन्होनें बेहद कम समय में अच्छी कमाई की है। जो कि वाकई सराहनीय है।
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इतिहास में 31 जुलाई यानि आज के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनायें दर्ज है, आज हम उन्ही महत्वपूर्ण घटनाओं पर नजर डालेंगे।
31 जुलाई का इतिहास – 31 July Today Historical Events
31 जुलाई की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of July 31
क्रिस्टोफर कोलंबस अपनी तीसरी यात्रा के दौरान 1498 में त्रिनिदाद द्वीप पर पहुंचे।
मुगल सम्राट औरंगजेब ने 31 जुलाई 1658 को स्वयं को मंगोल का राजा घोषित किया।
ऑस्ट्रेलिया में दक्षिण पूर्व क्वीलस्लैंड ग्रैडचेस्टर शहर में विश्व की पहली छोटी रेल लाइन 31 जुलाई 1865 को शुरू हुई।
मद्रास प्रेसीडेंसी क्लब ने 31 जुलाई 1924 में रेडियो प्रसारण संचालित करने का बीड़ा उठाया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 31 जुलाई 1933 में हमेशा के लिए साबरमती आश्रम छोड़ा।
ब्रिटिश सरकार ने 1940 में उग्र क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक उधम सिंह को लंदन में फांसी दी।
भारत में सबसे पहली राज्य परिवहन सेवा पश्चिम बंगाल में (कलकत्ता) राज्य परिवहन निगम की स्थापना 31 जुलाई 1948 में की गई।
भारत और नेपाल ने 1950 में शांति और मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किए।
अपोलो-15 अंतरिक्ष यात्रियों ने 1971 में इलेक्ट्रिक का साढ़े 6 घंटे की यात्रा की थी।
सोवियत संघ ने 31 जुलाई 1982 में परमाणु परीक्षण किया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश और तत्कालीन सोवियत रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने 1991 में सामरिक शस्त्र कटौती संधि पर हस्ताक्षर किए।
सितार वादक पंडित रविशंकर मैग्सेसे 1992 में पुरस्कार से सम्मानित।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में 31 जुलाई 1992 को थाईलैंड का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से 113 लोगों की जानें गईं।
भारत के पहले तैरते हुए समुद्री संग्रहालय का कलकत्ता (अब कोलकाता) में 31 जुलाई 1993 को उद्घाटन हुआ।
सार्क का दसवां शिखर सम्मेलन 1998 में श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में सम्पन्न।
लोकसभा ने 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया।
इस्रायल और फ़िलिस्तीन के सुरक्षा मंत्रियों की बैठक 2003 को येरूशलम में समाप्त।
आर्थिक सहयोग मंच बिम्सटेक का नाम 2004 में बदलकर ‘बंगतक्षेस’ किया गया।
उज़बेकिस्तान ने 2005 में अमेरिका को अपने सैनिक अड्डे हटा लेने का आदेश दिया।
श्रीलंका में 2006 को युद्ध विराम समझौता समाप्त, एलटीटीई के साथ संघर्ष में 50 लोग मारे गये।
फिदेल कास्त्रो ने 2006 में अपने भाई को सत्ता सौंपी।
मूल के अमेरिकी डॉक्टर सुधीर पारिख को 2007 में पाल हैरिस अवार्ड प्रदान किया गया।
थाइलैंड की एक अदालत ने 2008 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री थॉक्सिन शिनावात्रा की पत्नि को कर चोरी के मामले में दोषी पाये जाने पर तीन वर्ष की सज़ा सुनाई।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा 2007 में लगाए गए आपातकाल को असंवैधानिक करार दिया।
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह में 2010 को बाढ़ से 800 से अधिक लोगों की मौत हुई।
मध्य रूस के निज्नी नोवगोरोद, वोरोनेज, मास्को और र्याजन के इलाकों में 2010 को लगी आग के कारण 29 लोगों की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेय ने
दस हजार शमनकर्मीयों सहित सेना बुलाई।
बिलियर्ड प्रशिक्षक सुभाष अग्रवाल को 2010 में द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चुना गया।
ब्राजीलिया में हो रहे 34वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व धरोहर समिति ने जयपुर के 18वीं सदी के जंतर-मंतर को 2010 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया।
ब्रिटेन के साउथेम्पटन शहर समिति ने 2010 में अपनी महिला कर्मचारियों को मिनी स्कर्ट पहन कर काम पर नहीं आने के निर्देश दिए।
प्रो. अशोक सेन को 2012 में पहले यूरी मिलनर फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज़ (मौलिक भौतिकी पुरस्कार) के नौ विजेताओं में से एक विजेता घोषित किया गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पश्चिम अफ्रीका में 2014 को इबोला से 57 से अधिक लोगों की मौत हुई।
31 जुलाई को जन्मे व्यक्ति – Born on 31 July
प्रसिद्ध हिन्दी कहानीकार और उपन्यासकार प्रेमचंद का जन्म 1880 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ दामोदर धर्मानंद कोसांबी का जन्म 1907 को हुआ था।
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया का जन्म 1916 को हुआ था।
अमेरिकी लेखक बिल केसिंग का जन्म 1922 को हुआ था।
प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री मुमताज़ का जन्म 1947 को हुआ था।
31 जुलाई को हुए निधन – Died on 31 July
स्वतंत्रता सेनानी और समाज सेवक आशुतोष दास का निधन 1941 में हुआ।
बीसवीं शताब्दी के भारतीय सांस्कृतिक उन्नयन में विशेष योगदान देने वाले विद्वान श्रीपाद दामोदर सातवलेकर का निधन 1968 को हुआ था।
हिंदी फिल्मों के महान पार्श्र्व गायक मोहम्मद रफी का दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन 1980 को हुआ था।
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महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं। कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं रह गया जहां महिलाओं ने खुद को साबित नहीं किया हो अगर देखा जाए तो बिजनेस के क्षेत्र में भी महिलाएं पुरुषों को टक्कर दे रही हैं।
बिजनेस की दुनिया में स्टार्टअप की शुरुआत करके उन्होनें न सिर्फ खुद को साबित किया है बल्कि अपनी शक्ति भी दिखा चुकी हैं। महिला व्यापारी सफल स्टार्टअप के लिए अपने नए और अभिनव विचारों के साथ आगे आयी हैं और व्यापार के काफी अच्छी कमाई भी की हैं। साथ ही ये महिलाएं स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में पैमाने का महत्व बढ़ा रही है रही हैं जो आम तौर पर नए-वर्चस्व वाली कंपनियों को भी कॉम्पटीशन दे रही हैं।
सक्सेस स्टार्टअप की सक्सेस महिलाएं – Women Entrepreneurs in India
हम आपको सफल स्टार्टअप के बारे में बताने जा रहे हैं जो महिलाओं ने अपने कौशल और प्रतिभा के बल पर शुरू किए और वे सफल हो गईं और एक नए भारत को दर्शाती हैं।
रिचा कार ( Zivame )
रिचा कार ने लेडीज इनर वियर की ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी Zivame खोलकर एक उदाहरण पेश किया है। इसके साथ ही Zivame कंपनी के जरिए अलग-अलग ब्रांड की इनरवियर को एक ही प्लेटफॉर्म में ग्राहकों को उपलब्ध करवाया है।
रिटेल स्टोर्स में ग्राहकों को इनरवियर की स्टाइल सीमित मिलती हैं जबकि ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी Zivame ऐसी कंपनी है जहां ग्राहक अपनी पसंद के अलग-अलग स्टाइल के इनरवियर ऑनल ऑर्डर कर सकते हैं।
ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी Zivame साल 2011 में स्थापित की गई थी जिसके बाद से इसने काफी सफलता हासिल की है। अच्छी डिलीविरी सर्विस, रिटर्न पॉलिसी की वजह से लोग Zivame से शॉपिंग करना पसंद करते हैं।
आपको बता दें कि रिचा कार ने शुरुआत में इस कंपनी में 30 लाख रुपए का निवेश किया था। और आज ये कंपनी अरबों रुपए कमा रही है। ये सब रिचा कार की कड़़ी मेहनत का ही नतीजा है।
मनीषा रायसिंहानी, सह-संस्थापक और सीटीओ, ( LogiNext )
मनीषा रायसिंहानी ने एशिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली LogiNext कंपनी में अपना अहम योगदान दिया है। ये एशिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली सास कंपनियों में से एक है। LogiNext रसद और क्षेत्र कार्यबल संचालन के प्रबंधन और अनुकूलित करने में होने वाली समस्याओं का हल निकालने में मदद करती है।
आपको बता दें कि LogiNext की बाजार में भी अच्छी खासी हिस्सेदारी है और ये रीयल-टाइम रूट प्लानिंग एल्गोरिदम और रीयल-टाइम वर्कफोर्स प्रदर्शन विश्लेषण के साथ टूल प्रदान करने में खासियत के लिए जाना जाता है।
कनिका टेकरीवाल, संस्थापक, जेटसेटगो ( JetSetGo )
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बाद जहां इंसान टूट जाता है और खुद को असहाय महसूस करने लगता है लेकिन कनिका टेकरीवाल ने कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का डटकर सामना किया और तो और उन्होनें अपने नेक विचारों से JetSetGo की स्थापना कर बाकी लोगों के लिए मिसाल कायम की है।
JetSetGo एक विमान एग्रीगेटर है इसके साथ ही ये चार्टर्ड विमानों के लिए भारत का पहला बाजार है। जो कि अपने ग्राहकों को व्यापारिक विजिट हो या फिर डेस्टीनेशन वेडिंग हो इसके लिए हेलीकॉप्टर और निजी जेट बुक करने की अनुमति देती है।
साथ ही, यह अपने ग्राहकों को विमान और चार्टर के लिए इनबिल्ट मार्केटप्लेस के साथ क्लाउड-आधारित शेड्यूलिंग, एयरक्राफ्ट मैनेजमेंट और उन्नत ट्रिप-प्राइसिंग क्षमताओं के साथ-साथ विमानों को चार्टर करने की भी अनुमति देता है। इसके साथ ही JetSetGo को भारतीय आसमान का ऊबर भी कहा जाता है।
फल्गुनी नायर, संस्थापक और सीईओ, न्याका ( Nykaa )
आज कल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी को बाजार जाकर सामान खरीदने का टाइम नहीं मिलता है लेकिन इसके लिए अब उन्हें अपनी छुट्टी का इंतजार नहीं करना पड़ता या फिर बाजार जाने के लिए खासकर टाइम निकालने की भी जरूरत नहीं होती वो इसलिए कि फल्गुनी नायर ने इसे काफी आसान बना दिया है जी हां अगर आप मेकअप का सामान खरीदना चाहते हैं तो ई-कॉमर्स और ब्यूटी ऑनलाइन स्टोर न्याका से ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा लेते हैं।
साल 2012 में फल्गुनी नायर ने ऑनलाइन मेकअप स्टोर न्याका की स्थापना की और मेकअप खरीदने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया। इसके साथ ही उन्होनें एक पूर्व निवेश बैंकर से सफल व्यापारी के रूप में जगह बनाई है।
ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्टस खरीदने के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाकर फाल्गुनी नायर ने बाकी लोगों के लिए मिसाल कायम की है।
नैय्या सग्गी, सीईओ और संस्थापक, बेबी चक्र ( BabyChakra )
नैय्या सग्गी ने बेबी चक्र की स्थापना कर कई माता-पिता की समस्याओं का हल कर दिया है। इसके साथ ही ये कंपनी काफी अच्छी कमाई भी कर रही है।
आपको बता दें कि नैय्या सग्गी की बेबी चक्र कंपनी करीब 30 मिलियन माता-पिता की डॉक्टरों, अस्पतालों, प्लेस्कूल, गतिविधियों, घटनाओं और उत्पादों पर फैसला लेने में मदद करता है।
शुभरा चड्डा – चुंबक( Chumbak)
शुभरा चड्डा ने यूनीक गिफ्ट के लिए ई-कॉमर्स कंपनी चुंबक ( Chumbak) की शुरुआत की। ये वेबसाइट अपने ग्राहकों को सस्ते दामों पर अच्छे और यूनीक गिफ्ट देने में उनकी मदत करती है।
आपने देखा होगा कि जब लोग किसी को गिफ्ट देते हैं या तो वे कन्फ्यूज रहते हैं कि उन्हें क्या देना चाहिए या फिर उन्हें देने के लिए यूनीक गिफ्ट नहीं मिलता इस सारी समस्याओं का हल शुभरा चड्डा ने निकाला है।
जिसकी मदत से अब लोग आकर्षक और यूनीक गिफ्ट खरीद सकते हैं। वहीं ये वेबसाइट कई डिस्काउंट ऑफर भी अपने ग्राहकों को देती है यही वजह है कि आज कंपनी की सेल काफी अच्छी है और करोड़ों रुपए की कमाई कर रही है।
राधिका अग्रवाल ने साल 2011 में ई-कॉमर्स कंपनी शॉपक्लूस की सह- स्थापना की। शॉपक्लूस अपने ग्राहकों को सस्ते दामों पर लाइफस्टाइल, फैशन, इलैक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, घरेलू सामान समेत कई चीजें उपलब्ध करवाता है।
लोग शॉपक्लूस के माध्यम से ऑनलाइन सामान खरीद सकते हैं। वहीं शॉपक्लूस लोकल और नॉनब्रांडेड बाजार में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में शॉपक्लूस भारत का पहला और पूरी तरह से प्रबंधित मार्केट प्लेस बन चुका है जिसमें करीब 7 मिलियन से ज्यादा लोग हर महीने विजिट करते हैं और तो और ये भारत के 9 हजार शहरों, कस्बों और गांवों में अपनी सर्विस उपलब्ध करवा रहा है।
आपको बता दें कि इससे पहले राधिका अग्रवाल सिलिकॉन वैली पर आधारित खुद का फैशन ब्लॉग चलाती थी इसके साथ ही उन्होने पहले पहले कॉर्पोरेट निंग में अपने कॉर्पोरेट मुख्यालय में नॉर्डस्ट्रॉम के साथ काम किया था।
राधिका अग्रवाल ने पास वाशिंगटन विश्वविद्यालय से एमबीए किया है और इनके पास एडवरटाइजिंग और पब्लिक रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की है और आज वे एक सफल व्यापारी हैं ।
रश्मी दागा, संस्थापक, फ्रेशमेनू ( FreshMenu )
रश्मी दागा ने फ्रेशमेनू की स्थापना कर बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है। आपको बता दें कि फ्रेशमेनू एक ऑनलाइन रेस्टोरेंट हैं जहां से ग्राहक ऑनलाइन खाना ऑडर कर सकते है वहीं फ्रेशमेनू अपने ग्राहकों को 45 मिनट के अंदर खाना की डिलीवरी करवाता है।
फ्रेशमेनू में घर जैसा खाना तैयार किया जाता है साथ ही फ्रेशमेनू की कुशल रसोई टीम है। फ्रेशमेनू ऐप लोगों में खासा पसंद किया जा रहा है क्योंकि ये अपने ग्राहकों को उचित दामों पर अच्छी सर्विस देता है साथ ही कंपनी करोड़ों रुपए कमा रही है इस तरह रश्मी दागा की कंपनी दिन पर दिन सफलता की ऊंचाईयों को छू रही है और रश्मी एक सफल बिजनेस वुमन बनकर सामने आयी हैं।
साइरी चहल, शीरोस ( Sheroes )
साइरी चहल, www.sheroes.in की फाउंडर हैं। शीरोस महिलाओं के रोजगार के लिए चलाया जाने वाला एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। ये प्लेटफॉर्म महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिलाएं स्वास्थ्य, करियर, रिश्तों और उद्यमशीलता जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में संलग्न होती हैं। आपको बता दें कि, सामुदायिक सदस्य SHEROES ऐप पर एक सुरक्षित चैट हेल्पलाइन पर परामर्शदाताओं से बात कर सकते हैं आपको बता दें कि। ये देश में सबसे ज्यादा प्रतिक्रियाशील हेल्पलाइनों में से एक है।
उपसना ताकू, सह-संस्थापक, ( MobiKwik )
उपासना ताकु ने MobiKwik की स्थापना की जो कि भारत के डिजिटल भविष्य में एक अहम भूमिका निभा रही हैं। MobiKwik भारत की मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज साइट है।
उपासना ताकु की वर्तमान ज़िम्मेदारी MobiKwik के विकास को एक वित्तीय वितरण केंद्र में ले जाना है। जो वित्तीय जरूरतों और कई भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करती है और MobiKwik प्लेटफॉर्म पर भुगतान, उधार, बचत और निवेश जैसी सभी वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं।
Swati Bhargava, Co-founder, CashKaro
CashKaro।com की सह संस्थापक स्वाती भार्गव हैं जो कि कैश बैक साइट की स्थापना की। CashKaro.com दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट कम्पनियों में से एक है। ये व्यापार पूंजी-समर्थित कैशबेक साइट भी है आपको बता दें कि कैश करो साइट ने न सिर्फ कूपन कोड और कैशबेक के जरिए नए मार्केट का विकास किया बल्कि इसे सफलता की नई ऊंचाईयों तक भी पहुंचाया। ये साइट ऑफलाइन खुदरा व्यापारियों को भी बचत प्रदान करती है।
महिला हो या पुरुष अगर किसी काम को पूरी ईमानदारी और सच्ची लगन से किया जाए तो सफलता जरूर हासिल होती है इन महिलाओं ने भी इस बात को साबित कर दिखाया है और अपने बिजनेस को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाकर बाकी लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है।
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सब लोग 1 अगस्त को सिर्फ वैलेंटाइन दिवस के रूप में ही जानते हैं लेकिन इस दिन देश विदेश के इतिहास में बहुत सी महत्वपूर्ण घटित-घटनाएँ हैं जो हमें जरुर जाननी चाहिए, साथ में ही उन महान लोगों के नाम जो आज के ही दिन यानि 1 अगस्त के दिन इस दुनिया में आये थे और उन महान लोगों के नाम जिन्होंने आज के दिन इस दुनिया को अलविदा कहा।
1 अगस्त का इतिहास – 1 August Today Historical Events
1 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 1
प्रसिद्ध खोजी नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस वेनेजुएला के इस्ला सांता में 1498 को उतरा।
स्वीज़रलैंड की स्वतंत्रता को 1648 में औपचारिकता दी गयी और आज के दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया।
नए लंदन ब्रिज को 1831 में यातायात के लिए खोल दिया गया।
ग्रेट ब्रिटेन में अंतर्देशीय डाक सेवा 1883 में शुरू की गयी।
पाकिस्तान की राजधानी कराची से 1960 को बदलकर इस्लामाबाद कर दिया गया।
दुर्बा बनर्जी विश्व की पहली कमर्शियल महिला पायलट 1975 में बनीं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने 1992 में विजाग स्टील प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया।
हब्बल दूरबीन ने 1995 में शनि के एक और चन्द्रमा की खोज की।
ईरान में 2000 को महिलाएं भी इमाम बनीं।
श्रीलंका ने 2004 में प्रेमदासा स्टेडियम में आयोजित फ़ाइनल मैच में भारत को 25 रनों से हराकर एशिया कप जीत लिया। सनत जयसूर्या ‘मैन आफ़ द सिरीज’ बने।
जापान ने 2006 में दुनिया की पहली भूकम्प पूर्व चेतावनी सेवा शुरू की।
क्यूबा के नेता फिदेल कास्त्रो 2006 को अपनी सारी शक्ति अपने भाई राउल को दे दिया।
वियतनाम के हनोई शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलम्पियाड (आई.एम.ओ.) में भारतीय दल के छ: सदस्यों ने 2007 में तीन रजत पदक जीते।
अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बोर्ड ने 2008 में भारत के विशेष निगरानी समझौते को हरी झंडी दी।
अनुषा रिजवी द्वारा निर्देशित किसानों की आत्महत्या और मीडिया तथा राजनीतिक ड्रामे पर आधारित पीपली लाइव को 2010 में 31वें डरबन अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव
में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया।
फिलीपीन्स, ताईवान तथा चीन में 2012 को साओला तूफान में 82 लोगों की मौत तथा डेढ लाख लोग बेघर हुए।
1 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 1 August
उत्तर प्रदेश के प्रथम राज्यपाल हरकोर्ट बटलर का जन्म 1869 को हुआ था।
स्वतंत्रता सेनानी पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्म 1882 को हुआ था।
प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू का जन्म 1899 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मुहम्मद निसार का जन्म 1910 को हुआ था।
प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता एवं फ़िल्म निर्माता-निर्देशक भगवान दादा का जन्म 1913 को हुआ था।
अमरीकी टेनिस खिलाड़ीजैक क्रेमर का जन्म 1921 में हुआ।
वेस्ट इंडीज के पूर्व क्रिकेटर फ्रैंक वोरेल का जन्म 1924 को हुआ था।
सऊदी अरब के राजा शाह अब्दुल्ला का जन्म 1924 में हुआ।
जानी मानी हिंदी फ़िल्म अभिनेत्री मीना कुमारी का जन्म 1932 को हुआ था।
प्रसिद्ध साहित्यकार गोविन्द मिश्र का जन्म 1939 को हुआ था।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अरुण लाल का जन्म 1955 को हुआ था।
युगल टेनिस खिलाड़ी मार्टिन डैम का जन्म 1972 में हुआ।
1 अगस्त को हुए निधन – Died on 1 August
मुग़ल दरबार में बादशाह अकबर के प्रसिद्ध कवियों में से एक उर्फ़ी शीराजी का निधन 1591 को हुआ था।
पंजाब के महाराज रणजीत सिंह की पाँचवी रानी तथा उनके सबसे छोटे बेटे दलीप सिंह की माँ ज़िन्दाँ रानी का निधन 1863 को हुआ था।
हिन्दी के महान् और प्रथम तिलिस्मी लेखक बाबु देवकीनन्दन खत्री का निधन 1913 को हुआ था।
विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक और भारतीय राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक का निधन 1920 को हुआ था।
भारत में जन्मे प्रसिद्ध बांग्ला तथा अंग्रेज़ी लेखक और विद्वान नीरद चन्द्र चौधरी का निधन 1999 को हुआ था।
बंगाली तथा अंग्रेजी लेखक निरद.सी. चौधरी का निधन 1999 को हुआ था।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध शायर अली सरदार जाफ़री का निधन 2000 को हुआ था।
सऊदी अरब के बादशाह फहद बिन अब्दुल अजीज का निधन 2005 को हुआ था।
भारतीय राजनेता हरकिशन सिंह सुरजीत का निधन 2008 को हुआ था।
1 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important events and festivities of 1 August
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महात्मा गांधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था जिन्हें कौन एक अच्छे नेता के रूप में नहीं पहचानता, जिन्होनें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
महात्मा गांधी, जो कि न सिर्फ एक अच्छे नेता थे बल्कि एक अच्छे लेखक भी थे। जिन्होनें कई किताबें लिखी। महात्मा गांधी का सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। लेकीन महात्मा गांधी ने कभी लिखना नहीं छोड़ा उन्होनें जिंदगी के हर उतार-चढ़ाव का अपनी किताबों में बखूबी उल्लेख किया है यही नहीं महात्मा गांधी जी ने भारत को आजाद कराने की लड़ाई, सत्याग्रह आंदोलन का भी अपनी किताबों मे बखूबी वर्णन किया है।
Mahatma Gandhi Books
महात्मा गांधी जी की द्वारा लिखी कुछ किताबें – Mahatma Gandhi Books
इसके साथ ही महात्मा गांधी जी ने हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया और नवजीवन में संपादक के तौर पर काम किया। वे इन समाचार पत्रों के माध्यम से बहस, संवादों के जरिए अपने विचारों को आगे बढ़ाते थे। इसके अलावा उन्होनें लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रोजाना किसी समाचार पत्र या फिर किसी व्यक्ति विशेष के बारे में लिखा करते थे। गांधी जी ने अपनी आत्मकथा भी लिखी थी।
महात्मा गांधी के द्वारा लिखी गईं पुस्तकों की सूची इस प्रकार है –
हिन्द स्वराज – लेखक : महात्मा गांधी (1909)
महात्मा गांधी ने हिन्द स्वराज पर पुस्तक लिखी। हिन्द स्वराज में उन्होनें अपने राजनीतिक जीवन के बारे में उल्लेख किया है साथ ही हिन्द स्वराज गांधी जी के महत्वपूर्ण कामों में से भी एक हैं। हिन्द स्वराज में गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता और पश्चिमी सभ्यताओं की आलोचनाओं के लिए एक गाइड प्रदान करते हैं।
आपको बता दें कि गांधी जी की पुस्तक हिन्द स्वराज को अंग्रेजों ने भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। महात्मा गांधी ने हिन्द स्वराज को साल 1909 में लिखा जब भारत में ब्रिटिश शासनकाल खत्म हो रहा था।
Satyagraha in South Africa (1924, English Translation 1928) “दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह”
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह पुस्तक महात्मा गांधी के द्धारा लिखी गई प्रिय पुस्तकों में एक हैं। इस पुस्तक में दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के संघर्ष के वर्णन किया गया है साथ ही ये पुस्तक, ब्रिटिशों के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के अहिंसक प्रतिरोध का एक आत्मकथात्मक खाता भी है।
ये पुस्तक हिन्द स्वराज की तुलना में काफी बड़ी है। इस पुस्तक में 50 छोटे अध्याय हैं और करीब 300 लंबे पेज हैं।
मेरे सपनों का भारत (India of my Dreams)
मेरे सपनों का भारत महात्मा गांधी के द्धारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकों में से एक है। इस पुस्तक में महात्मा गांधी के लेखन और भाषणों के अनुच्छेदों का संग्रह हैं। भारतीय संस्कृति के अलग-अलग पहलूओं और विरासत के बारे में इस पुस्तक में विस्तार से वर्णन किया गया है।
साथ ही गांधी जी की ये किताब पूर्ण स्वतंत्र और स्वतंत्र भारत की कल्पना पर आधारित है। गांधी जी की इस पुस्तक में बदलते सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की तुलना बखूबी की गई है साथ ही महात्मा गांधी ने इस किताब के माध्यम से अपने बेहतरीन अनुभवों को भी साझा किया है।
आपको ये भी बता दें कि, इस पुस्तक के लेखक महात्मा गांधी ने ऐसे भारत की कल्पना की है जो कि स्वतंत्र और मजबूत है। इसके साथ ही इस किताब में महात्मा गांधी ने स्वराज के विचार और दर्शन के बारे में भी चर्चा की है।
उन्होनें लिखा की जब तक कोई बुरा बर्ताव नहीं किया जाता तब तक अधिकार का विरोध करने के लिए क्षमता का अधिग्रहण नहीं होता है। ‘मेरे सपनों का भारत’ पुस्तक वाकई कई लोगों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है।
Village Swaraj by Mahatma Gandhi ( ग्राम स्वराज)
ग्राम स्वराज भी महात्मा गांधी के द्वारा लिखी गई काफी मशहूर पुस्तकों में से एक हैं। इस किताब में महात्मा गांधी ने ग्राम पंचायतों के संगठन के माध्यम से आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के विकेन्द्रीकरण पर भी गांधी ने विचार दिए हैं, ताकि लोगों के बीच सामूहिक गतिविधि की क्षमता विस्तार रूप में फैल सके।
ग्राम स्वराज पुस्तक में गांधी जी ने कृषि, गांव उद्योग, पशुपालन, परिवहन, बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता समेत ग्रामीण जीवन के अलग-अलग पहलूओं पर अपने विचार रखें हैं। वहीं ये पुस्तक गांधी जी की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है और लोगों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी है।
An Autobiography or The Story of My Experiments with Truth (1927) (“एक आत्मकथा या सत्य के साथ मेरे प्रयोग की कहानी”)
एक आत्मकथा और सत्य के साथ मेरी प्रयोग की कहानी, महात्मा गांधी के द्धारा लिखी गई मशहूर पुस्तक है। महात्मा गांधी की ये पुस्तक काफी पढ़ी जाती है। आपको बता दें कि एक आत्मकथा या सत्य के साथ मेरी प्रयोग की कहानी पुस्तक, महात्मा गांधी के द्धारा लिखी गई किताबों में सबसे लंबी किताब है जिसमें 181 अध्याय हैं और करीब 600 लंबे पेज हैं।
इस किताब में गांधी जी ने 1920 तक अपने जीवन का व्यक्तिगत और अध्यात्मिक वर्णन किया है। इसके साथ ही उन्होनें इस किताब में अपने जीवन से जुड़ी कुछ मुख्य ऐतिहासिक घटनाओं का भी वर्णन किया है। महात्मा गांधी ने ‘एक आत्मकथा, या सत्य के साथ मेरे प्रयोग की कहानी’ पुस्तक में राजनीति, धर्म, नैतिकता और आहार के बारे में अपनी मान्यताओं के विकास की पड़ताल की है।
इसके साथ ही महात्मा गांधी ने इस किताब में अपने जीवन के सिद्धान्तों के बारे में और उन्होनें अपने कठोर दृढ़संकल्प और आत्मविश्वास के बारे में भी वर्णन किया है। वहीं महात्मा गांधी की ये पुस्तक लोगों के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाती है।
रचनात्मक कार्यक्रम- इसका अर्थ और स्थान ( Constructive Program- Its Meaning and Place)
रचनात्मक कार्यक्रम, महात्मा गांधी के द्वारा बनाया गए एक शब्द है। यह एक समुदाय के अंदर संरचनाओं, प्रणालियों, प्रक्रियाओं या संसाधनों का निर्माण करने के लिए अहिंसक कार्रवाई का वर्णन करता है।
यह पुस्तक सफल संस्थानों के निर्माण को समझने में उपयोगी साबित होती है जो विघटनकारी नहीं हैं और इसके साथ ही निर्माण करने की क्षमता भी है। महात्मा गांधी ने इस पुस्तक के माध्यम से अपने मूल सिद्धांत पर किसी समुदाय में सुधार करने की कोशिश की है।
महात्मा गांधी द्वारा लिखी गईं बाकी पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं –
एक आत्मकथा – सत्य के साथ मेरे प्रयोग की कहानी
हिंद स्वराज या भारतीय गृह नियम
स्वास्थ्य की कुंजी
ये महात्मा गांधी के लेखन की संकलन हैं-
ए गांधी एंथोलॉजी – भाग 1 ( A Gandhi Anthology – Part I )
ए गांधी एंथोलॉजी – भाग II (A Gandhi Anthology – Part II)
All Men Are Brothers ( ऑल मैन आर ब्रदर्स)
रचनात्मक कार्यक्रम – इसका अर्थ और स्थान ( Constructive Programme – Its Meaning And Place)
गांधी से एपिग्राम्स ( Epigrams From Gandhi )
नैतिक धर्म – Ethical Religion
येरावदा मंदिर (आश्रम पर्वत) से – From Yeravda Mandir (Ashram Observances)
मोहन माला (एक गांधीवादी रोज़री) – Mohan Mala (A Gandhian Rosary)
शिक्षा पर मेरे विचार- My Views on Education
चयनित पत्र- Selected Letters
गांधी से चयन ( Selections From Gandhi)
गांधी के अनुसार गीता- The Gita According To Gandhi
महात्मा गांधी का मन – The Mind Of Mahatma Gandhi
शाकाहार के नैतिक आधार- The Moral Basis Of Vegetarianism
गीता की अध्यापन – The Teaching Of The Gita
गांधी के शब्द – The Words Of Gandhi
नई शिक्षा के लिए – Towards New Education
सरपरस्ती -Trusteeship
चरित्र और राष्ट्र निर्माण – Character & Nation Building
गीता पर व्याख्यान – Discourses On Gita
गांधी जी उम्मीदें – Gandhiji Expects
भारत का मेरा सपना – India Of My Dream
औद्योगिक और कृषि जीवन और संबंध – Industrial And Agrarian Life And Relations
स्वास्थ्य की कुंजी – Key To Health
हे भगवान – My God
मेरा धर्म – My Religion
सच्चाई भगवान है – Truth is God
प्रकृति इलाज – Nature Cure
पंचायत राज – Panchayat Raj
भगवान के लिए मार्ग – Pathway To God
दुआ – Prayer
रामानमा – Ramanama
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह – Satyagraha In South Africa
आत्म संयम बनाम,आत्म भोग – Self Restraint Vs Self Indulgence
हिंदू धर्म का सार – The Essence of Hinduism
कानून और वकील – The Law And The Lawyers
गीता का संदेश – The Message Of Gita
सांप्रदायिक सद्भावना का रास्ता- The Way To Communal Harmony
नोट: अगर आपके पास महात्मा गांधी की और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Mahatma Gandhi Books in Hindi इस article में जरुर शामिल करेगें।
2 अगस्त यानि हम सब इस दिन को इतिहास में आज के दिन और भी महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी होंगी उन्ही महत्त्वपूर्ण घटनाओं के बारेमें जानकारी हम आपके लिए लाये हैं।
2 अगस्त का इतिहास – 2 August Today Historical Events
2 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 2
मुर्शिदाबाद पर 1763 को कब्जा करने के बाद ब्रिटिश सेना का पश्चिम बंगाल के गिरिया में मीर कासिम से युद्ध हुआ।
नीदरलैंड की सेना ने 1831 में दस दिनों के अभियान के बाद बेल्जियम पर कब्जा किया।
ब्रिटिश सरकार ने 1858 में गवर्मेंट ऑफ इंडिया एक्ट पारित किया।
ब्रितानी संसद ने 1858 में ईस्ट इंडिया कंपनी से भारतीय प्रशासन अपने हाथों में लेने वाला विधेयक पारित किया।
लंदन में विश्व का प्रथम भूमिगत ट्यूब रेलवे टावर सबबे 1870 में शुरु हुआ।
चीन में 1922 को समुद्री तूफान टाइफून से लगभग साठ हजार लोगों की मृत्यु हो गई।
संयुक्त राज्य अमेरिका के 29वें राष्ट्रपति वारेन जी हार्डिंग की 1923 में कार्यालय में मृत्यु।
पॉजीट्रान, इलेकट्रॉन का एक कण, की कार्ल डी एंडीसन द्वारा 1932 में खोज की गई।
जर्मन राष्ट्रपति पॉल फॉँ हिंडेनबर्ग का 1934 में निधन के बाद हिटलर के मंत्रिमंडल ने नए चुनाव करवाने के बजाय राष्ट्रपति के पद को रिक्त रखकर समस्त शक्तियां राष्ट्रप्रमुख को हस्तांतरित करने का कानून पास किया।
ब्रिटिश सरकार ने 1935 में भारत सरकार अधिनियम पारित कर बर्मा और अदन को भारत से अलग किया।
विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1939 में परमाणु हथियार अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करने के लिए राष्ट्रपति रूजवेल्ट को पत्र लिखा।
तुर्की ने 1944 में जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध तोड़े।
सोवियत संघ ने 1955 में परमाणु परीक्षण किया।
श्रीमती सी बेलियप्पा मुतम्मा 1970 में भारत की पहली महिला राजदूत बनीं, जिन्हें हंगरी का राजदूत बनाया गया।
इटली में 1980 को बम धमाका, 85 लोगों की मौत हो गई।
यूरो अदालत ने 1984 में फ़ोन टैपिंग की आलोचना की।
अमेरिका में 1985 को जंबो जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसमें 130 लोग मारे गये।
विश्वनाथ आनंद 1987 में विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले एशियाई बने।
ईराक द्वारा कुवैत पर 1990 को अधिकार एवं वहाँ के अमीर का सऊदी अरब पलायन।
चीन ने 1999 में लम्बी दूरी (8000 किमी।) की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया।
पाकिस्तान से भारत से चीनी आयात को 2001 में मंजूरी दी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2003 में लाइबेरिया में संघर्ष विराम लागू करने के लिए सेना भेजने की अनुमति दी।
अमेरिका की लिंडसे डेवनपोर्ट ने 2004 में रूस की मिस्कीनी की हराकर सान डियागो टेनिस चैम्पियनशिप का महिला एकल ख़िताब जीत लिया।
जाफना के दक्षिणी द्वीप कियुशु में 2007 को सुबह आये भयानक तूफ़ान उगासी ने व्यापक पैमाने पर क्षति पहुँचायी।
सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ने 2008 में हांगकांग में अपनी पहली शाखा खोली। सुधीर कुमार चतुरर्वेदी ने पावर ग्रिड कार्पोरेशन के नये अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में अपना कार्यभार संभाला।
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में 2010 को मौनसून की वर्षा से आई बाढ़ में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
तादातोशी अकिबा सहित 7 व्यक्तियों को 2010 में फिलीपींस की राजधानी मनीला में 2010 का रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।
लंदन ओलम्पिक 2012 में भारत ने कुल 6 पदक जीते जिसमें 2 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं।
एकाधिकार विरोधी कानूनों के उल्लंघन के आरोप में 2013 को चीन में हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर 85 हजार यूराे डालर का जुर्माना लगाया गया।
2 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 2 August
भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्हें ‘रसायन विज्ञान के जनक माने जाने वाले प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म 2 अगस्त 1861 को हुआ था।
मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रवि शंकर शुक्ल का जन्म 1877 में हुआ।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ के अभिकल्पक पिंगलि वेंकय्या का जन्म 2 अगस्त 1878 को हुआ था।
रोमुलो गालेगास का जन्म 1884 में हुआ।
भारत के प्रसिद्ध उद्यमियों में से एक जी.पी. बिड़ला का जन्म 1922 में हुआ
जाने माने कवि एवं गीतकार उमाकांत मालवीय का जन्म 1931 को हुआ था।
ग्यारहवीं, और बारहवीं लोकसभा के सदस्य धीरेन्द्र अग्रवाल का जन्म 1955 को हुआ था।
गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का जन्म 1956 में हुआ।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अरशद अयूब का जन्म 1958 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर एम.वी.श्रीधर का जन्म 1966 को हुआ था।
पश्चिम भारतीय क्रिकेटर फिलो वालेस का जन्म 1970 को हुआ था।
2 अगस्त को हुए निधन – Died on 2 August
स्टीम इंजन के आविष्कारक डेनिस पापेन का निधन 1714 को हुआ था।
इतालवी संगीतकार, गायक एनरिको कारूसो का निधन 1921 में हुआ।
हिंदी चलचित्र अभिनेता, गायक, (दहेज) करन दीवान का निधन 1979में हुआ।
पद्म भूषण से सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार रामकिंकर बैज का निधन 1980 में हुआ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा गुजरात के मनोनीत राज्यपाल देवेन्द्र नाथ द्विवेदी का निधन 2009 में हुआ।
भारतीय सिनेमा के अभिनेता कमल कपूर का निधन 2010 को हुआ था।
2 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important events and festivities of 2 August
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कई लोग बहुत ही छोटी उम्र में काफी समझदार हो जाते है और अपनी जिम्मेदारी को समझकर उसे निभाने की पूरी कोशिश करते है। क्यों की वह जानते है की कुछ बदलाव लाना है तो दुसरो पर जिम्मदारी नहीं दे सकते। इसके लिए खुद को काम करना होगा। ऐसी सोच रखनेवाले लोग जिंदगी में हमेशा कामयाब होते है।
स्मृति ईरानी का जीवन परिचय – Smriti Irani Biography
एक ऐसी ही व्यक्ति के बारे आज हम आपको बताने जा रहे है जिसमे अपने परिवार को संभालने के लिए बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। उस इन्सान ने ना केवल अभिनय के क्षेत्र में पहचान बनायीं बल्की राजनीत में भी अपने काबिलियत पर बड़ी उपलब्धि हासिल की।
जिस व्यक्ति के बारे में यहापर बताया जा रहा वह आज हमारे देश की कपड़ा मंत्री है। देश की कपड़ा मंत्री का नाम लेने पर अब आप जान ही गए होंगे की यहापर किसकी बात हो रही है। हम बात कर रहे है देश की कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की। तो चलिए जानते है उनकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
स्मृति ईरानी का जन्म दिल्ली में एक मध्यम वर्ग परिवार में 23 मार्च 1976 में हुआ। उनके पिताजी पंजाबी और माँ बंगाली है। उन्हें दो बहने है और स्मृति ईरानी सबसे बड़ी है।
अपना परिवार चलाने के लिए उन्होंने 10 की पढाई के बाद ही काम करना शुरू कर दिया था। वह शुरू में सौंदर्य उत्पाद का प्रचार करती थी उसके लिए उन्हें रोजाना 200 रुपये मिलते है। लेकिन उनके नसीब में कुछ और ही लिखा था।
ग्लैमर की दुनिया से वह काफी प्रभावित हुई थी और उसके बाद उन्होंने फैसला लिया की उन्हें आगे बढ़ना है, मध्यम वर्ग से उन्हें छुटकारा पाना है।
1998 में उन्होंने फैसला लिया की उन्हें मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है लेकिन वह अंतिम मुकाबले में पहुच ही नहीं पायी। आखिरकार उन्होंने मुंबई में जाकर एक नए करियर की शुरुवात करने का फैसला लिया। खुद के जरूरतों के पूरा करने के लिए उन्होंने मैकडोनाल्ड में भी काम किया। उसी दौरान उन्होंने मनोरंजन जगत में ऑडिशन देना शुरू कर दिया था।
स्मृति ईरानी ने 2001 में जुबिन ईरानी नामक पारसी व्यवसायी से शादी की। शादी के बाद उन्हें दो बच्चे हुए अक्तूबर 2001 में उन्होंने एक लड़के को जन्म दिया उसका नाम जोहर है। उसके दो साल बाद उन्हें एक लड़की हुई जिसका नाम जोइश है।
स्मृतो ईरानी का करियर – Smriti Irani Career
स्मृति ईरानी को करियर में कामयाबी तक पहुचने के लिए बड़ी तकलीफों का सामना करना पड़ा तब जाकर उन्हें एक बार ‘उह ला ला ला’ का एपिसोड को होस्ट करने का मौका मिला। उस शो में उन्हें मशहूर अभिनेत्री नीलम कोठारी की जगह पर काम करने का मौका मिला था।
उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड कर देखा ही नहीं साथ ही उस शो को करने के बाद वह काफी मशहूर हो चुकी थी और खास तौर पर मशहूर निर्माता एकता कपूर भी उनके अभिनय से काफी प्रभावित हो चुकी थी। उसके बाद उन्हें स्टार प्लस पर “क्यों की सास भी कभी बहु थी” जैसे सुपरहिट टीवी शो में काम करने का मौका मिला।
उसके बाद स्मृति ईरानी बहुत ही मशहूर हो गई और सभी लोग उन्हें पहचानने लगे थे। उस सीरियल में तुलसी का किरदार निभाने के लिए स्मृति ईरानी को कई सारे पुरस्कार मिले।
सीरियल में काम करने के अलावा उन्होंने उनकी कंपनी उग्राय एंटरटेनमेंट के माध्यम से कई सारे शो किए।
उन्होंने 2008 में ‘यह है जलवा’ जैसे डांस रियलिटी शो को भी होस्ट किया था। सब टीवी पर एक मणिबेन डॉट कॉम (2009-2010) नाम की कॉमेडी सीरियल आती थी। उस सीरियल के माध्यम से उन्होंने यह भी साबित कर दिया की वह एक अच्छी कॉमेडियन का किरदार भी निभा सकती है।
स्मृति ईरानी बंगाली फ़िल्म में भी काम कर चुकी है।
धीरे धीरे स्मृति ईरानी का राजनीती में आने लगी और माँ जन संघ की सदस्य बनी और उनके दादा आरएसएस के स्वयंसेवक थे।
2003 में ही स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश किया था। उसके कुछ अलगे सालों में ही स्मृति ईरानी महाराष्ट्र युवा संघ की उपाध्यक्ष बन गयी। 2004 के आम चुनाव में उन्होंने चांदनी चौक निर्वंचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे लेकिन वह कपिल सिब्बल के विरुद्ध चुनाव में गिर गयी।
लेकिन उस चुनाव को लड़ने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की इसीलिए चुनाव में हार का सामना करने के बाद भी स्मृति ईरानी को केंद्रीय समिति का कार्यकारी सदस्य बनाया गया। धीरे धीरे स्मृति ईरानी आगे बढ़ते चली गयी। कुछ समय बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया और 2010 में पार्टी के महिला संघ का अध्यक्ष चुना गया।
उनके पार्टी के प्रति समर्पण और नेतृत्व को देखकर बीजेपी ने उन्हें 2014 के आम चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ लड़ने के लिए टिकेट दिया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन उस चुनाव में स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा मगर वह उस चुनाव में काफी कम वोटो से हार गयी थी।
उनकी काबिलियत को देखकर उन्हें नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया और इसीके साथ ही वह कैबिनेट की सबसे युवा सदस्य बन गयी। कुछ साल के बाद मंत्रिमडल में कुछ बदलाव किये गए और 5 जुलाई को स्मृति ईरानी को कपडा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौपी गयी।
स्मृति ईरानी को मिले हुए पुरस्कार – Smriti Irani Award
स्मृति ईरानी को ‘क्यों की सास भी कभी बहु थी’ सीरियल में तुलसी का किरदार निभाने के लिए लगातार चार सालों तक ‘इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड’ दिए गए। 2001, 2002, 2003 और 2004 सालों के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था। यही अकादमी पुरस्कार उन्हें 2010 में भी दिया गया।
स्मृति ईरानी को 2002, 2003 और 2006 में ‘इंडियन टेली अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया है।
उन्हें 2005 में ‘ग्रेट वीमेन अचीवर्स अवार्ड्स’ से भी सम्मानित किया जा चूका है।
गर्व इंडियन टीवी अवार्ड्स ने भी उन्हें 2014 में ‘बेस्ट टीवी पर्सनालिटी ऑफ़ द डिकेड अवार्ड’ से सम्मानित किया है।
स्मृति ईरानी केवल देश की केवल मंत्री ही नहीं बल्की इसके पहले उन्होंने टीवी पर भी बतौर अभिनेत्री के रुप में काम भी किया है। उन्होंने अपने जीवन के दोनों किरदार बखूबी निभाए।
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लोग अक्सर सोचते हैं की बीकॉम के बाद कोई अच्छा विकल्प नहीं है तो ऐसा नहीं है क्योंकि बीकॉम उच्च डिग्री और अच्छी जॉब के कई विकल्प खोल देता है। जिससे छात्र या तो मास्टर्स कर एक अच्छी नौकरी पा सकते हैं या फिर CA, CS, अकाउंटेंट, टैक्स कंसल्टेंट और ऑडिटर बनकर अपना करियर संवार सकते हैं।
बीकॉम ग्रेजुएशन के बाद छात्र अक्सर कोर्सेस का चयन करने को लेकर काफी भ्रमित रहते हैं। जबकि इस क्षेत्र में अच्छा करियर बनाने के लिए कुछ कोर्स ऐसे हैं जिन्हें कर लेने से आगे के कई विकल्प खुल जाते हैं। वहीं इन कोर्सेस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि। ये कोर्स कम समय अवधि के और कम बजट में भी छात्र कर सकते हैं और अपने करियर को संवार सकते हैं। उनमें कुछ कोर्स और करियर विकल्प इस प्रकार हैं जो काफी कॉमन भी हैं।
बीकॉम के बाद करिअर के लिए बेहतरीन कोर्सेस – Professional Courses after B.com
चार्टेड अकांटेंट (CA)
बीकॉम के बाद करियर के लिए सबसे पहले किसी भी छात्र के दिमाग में चार्टेड अकांउटेंट बनने का विकल्प सामने आता है। आपको बता दें कि सीए की परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकांउटेंट की तरफ से कंडक्ट करवाई जाती है जिसके लिए छात्रों को दी हुई समय अवधि में परीक्षाएं पास करने की जरूरत होती है।
छात्रों को सीए के लिए सीपीटी (CPT), आईपीसीसी (IPCC), और फाइनल सीए (CA) के पेपर पास करने होते हैं इसके बाद वे चार्टेड अकांटेंट बनते हैं।
वहीं अगर किसी छात्र ने ग्रेजुशन की पढ़ाई पूरी कर ली है तो वे सीधे तौर पर आईपीसीसी का पेपर देने के लिए योग्य होते हैं जो कि दो ग्रुप में होते हैं।
एक ग्रुप पास करने के बाद छात्र ढाई साल के लिए सीए की आर्टिकलशिप के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। वहीं दोनों ग्रुप पास करने के बाद और आर्टिकल शिप पूरी करने के बाद छात्र फाइनल सीए का पेपर दे सकते हैं। इसके बाद फाइनल सीए के लिए छात्र को फिर से दो ग्रुप की परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद वे सीए बन जाते हैं और गर्व के साथ अपने नाम के आगे सीए लगा सकते हैं।
मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ( MBA in Finance)
बीकॉम के बाद उच्च शिक्षा के लिए अक्सर MBA करने की भी राय दी जाती है। MBA में अच्छा करियर बनाना इंस्टीट्यूट या कॉलेज की विश्वसनीयता पर निर्भर करता है अगर आप IIM से MBA कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपको सफलता मिलना तय है।
लेकिन अगर आप साधारण कॉलेज या फिर ऐसे कॉलेज से MBA करने के बारे में सोचते हैं जो कि उतना प्रसिद्ध नहीं है तो आपके लिए MBA करने नौकरी पाना काफी कठिन साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि CAT का रिजल्ट निर्धारित करता है कि आपको किस कॉलेज से MBA करना है। MBA दो साल के लिए होता है जिसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में आसानी से जॉब कर सकते हैं।
मास्टर्स ऑफ कॉमर्स (M.Com)
अगर किसी छात्र का बीकॉम हो गया है और वे मास्टर डिग्री हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले उनके दिमाग में एमकॉम (M.Com) करने का आइडिया आता है।
M.Com 2 साल का कोर्स होता है, जिसे छात्र किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कर सकते हैं। M.Com में छात्रों को मुख्य रूप से अकाउंटिंग, बिजनेस, फाइनेंस, इकोनोमिक्स, स्टेटिक्स, टैक्सेशन, मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट विषयों की जानकारी दी जाती है। जिससे की छात्रों को इन क्षेत्रों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके और वे इन क्षेत्रों में अपना करियार संवार सकें।
कम्पनी सेकरेटरी CS
बीकॉम करने वाले छात्रों के बीच कंपनी सेकेरेटरी का कोर्स काफी प्रचलित है ज्यादातर छात्र या तो बीकॉम की पढ़ाई करते समय या फिर पढ़ाई होने के बाद CS यानि की कंपनी सचिव का कोर्स करते हैं। आपको बता दें कि CS का कोर्स CA और ICWAI के कोर्स से एकदम अलग कोर्स है।
CS का कोर्स व्यापार औऱ उसकी गुणवत्ता विश्लेषण के कानूनी पहलूओं के बारे में छात्र को ज्ञान का बोध करवाता है। CS का कोर्स करने वाले छात्रों को किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को सही राय देने के लिए तैयार किया जाता है इसके साथ ही CS करने वाले छात्र किसी कंपनी में कार्य कारी सचिव से लेकर MD और CEO तक का कार्यभार संभाल सकते हैं।
कंपनी के सचिव बनने के लिए छात्र को फाउंडेशन, एक्जीक्यूटिव और फाइनल कोर्स को पास करने की जरूरत है वहीं सीएस कोर्स में करियर बनाने के कई अवसर प्राप्त होते है ये कोर्स करने वालों छात्रों के लिए करियर की असीम संभावनाएं है।
बीकॉम के बाद करें ये कोर्सेस
हमने आपको ऊपर बीकॉम के बाद कुछ ऐसे कोर्सेस के बारे में बताया जो कि ज्यादातर छात्र करना पसंद करते हैं लेकिन अब हम आपको बीकॉम के बाद के कुछ ऐसे कोर्सेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते लेकिन इन कोर्सेस के बाद करियर की अपार संभावनाएं खुल जाती है। कोर्सेस की लिस्ट इस प्रकार है –
CMA- सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट
सीएमए अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कोर्स है जिसे छात्र बीकॉम के बाद कर सकते हैं। CMA का कोर्स, इंस्टीटयूट ऑफ सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट की तरफ से करवाया जाता है। ये कोर्स संयुक्त राज्य में काफी पसंद किया जाने वाला कोर्स है और करीब 100 देशों में ये कोर्स करवाया जाता है।
पिछले कुछ सालो में ICMA से कई छात्रों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। अगर आप बीकॉम के बाद CMA का कोर्स पूरा कर लेते हैं तो आप कम से कम 33.33 प्रतिशत किसी गैर प्रमाणित लेखाकर से ज्यादा कमा सकते हैं। CMA काफी व्यापक कोर्स है जिसे आप बीकॉम के बाद आसानी से कर सकते हैं।
ACCA
अगर आप बीकॉम करने के बाद अपने करियर को लेकर भ्रमित हैं लेकिन आप अकाउंटिंग प्रोफेशनल बनने के बारे में सोच रहे हैं तो ACCA का कोर्स आपके लिए ही है। ACCA को एसोसिशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स से मान्यता दी गई है।
जो की काफी समय से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है। आपको बता दें कि करीब 4 लाख 36 हजार विद्यार्थी ACCA से उत्तीर्ण हो चुके हैं। ACCA 180 से ज्यादा देशों में करवाया जाने वाला कोर्स है। ये कोर्स कम बजट वाला कोर्स है। ये कोर्स वे छात्र भी कर सकते हैं जो कि आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं और अपना करियर ऑडिट और टैक्स में आसानी से बना सकते हैं।
CPA
सीपीए भी बीकॉम के बाद किए जाने वाले सबसे अच्छा अंतराष्ट्रीय स्तर का कोर्स है। ये CA की तरह फायदा पहुंचाने वाला कोर्स है। जो लोग सरकारी उपक्रमों में अपना करियर बनाना चाहते हैं वो लोग CPA का कोर्स कर सकते हैं।
CPA को अमेरिकन इंस्टीट्यूट की तरफ से चलाया जाता है। AICPA के अनुसार, जो लोग CPA करते हैं उनकी सैलरी में भी अंतर होता है, वे गैर प्रमाणित लेखाकार से 15 प्रतिशत से ज्यादा सैलरी पा सकते हैं।
अगर आर सीपीए बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक 14 घंटे की विशाल परीक्षा देनी होगी जिसके लिए चार विषय में उत्तीर्ण होना जरूरी है। अगर आप सीपीए के लिए परीक्षा दे रहे हैं तो आपको लेख परीक्षा और सत्यापन, वित्तीय लेखांकन और रिपोर्टिंग, विनयमन और बिजनेस इनवायोमेंट कंसेप्ट इन चार विषय की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होगा इसके साथ ही चारों विषयों का औसत प्रतिशत करीब 47 प्रतिशत होना चाहिए।
इसके अलावा बीकॉम में ग्रेजुएशन के बाद छात्र अपना करियर नीचे दिए गए विकल्प चुनकर भी बना सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं-
Banker
बैंकर की जॉब ऐसी जॉब है जिसे बीकॉम ग्रेजुएट के बाद छात्र कर सकता है। किसी भी बैंक की बेवसाइट में रजिस्टर करके या फिर रोजगार से संबंधित एडवरजाइमेंट को देखकर आप बैंकर की जॉब ले सकते हैं।
कर सलाहकार (Tax Consultant)
टैक्सेशन यानि की कर लगाना जो कि आप कॉलेज में सीखते हैं, बीकॉम के बाद आप कर सलाहकार के तौर पर किसी कंपनी में काम कर सकते हैं और कुछ अनुभव हासिल कर सकते हैं इसके बाद कर सलाहकार का काम आप घर बैठ कर भी कर सकते हैं या फिर अपनी फर्म शुरू कर सकते हैं।
Human Resource ( मानव संसाधन)
बीकॉम से ग्रेजुएशन करने के बाद आप HR के तौर पर काम कर सकते हैं या फिर हयूमन रिसॉर्स से मास्टर कर सकते हैं इसके बाद वे एक स्वतंत्र HR के तौर पर काम कर सकते हैं।
सरकारी नौकरी
बीकॉम ग्रेजुएशन के बाद छात्र प्रतियोगी परीक्षाएं देकर सरकारी नौकरी पा सकते हैं। छात्र अपनी किस्मत सिविल सर्विस, पब्लिक सेक्टर या सरकारी बैंक में भी आजमा सकते हैं।
अकांटेंट- (मुनीम/ लेखापाल)
बीकॉम के बाद छात्र के लिए करियर बनाने के कई विकल्प है। छात्र ग्रेजुएशन के तुरंत बाद अकांटेंट के तौर पर काम कर सकते हैं। बीकॉम के छात्रों के लिए अकाउंटेंट के कई विकल्प हैं। देखा जाए तो अकांटेंट की जॉब एक ऐसी जॉब है जिसकी हर क्षेत्र में जरूरत है सभी कंपनियों को अपने बिजनेस को चलाने और बिजनेस में फायदा नुकसान पर नजर रखने के लिए अकांटेंट की जरूरत होती है।
बीकॉम का क्षेत्र काफी बड़ा क्षेत्र हैं इस क्षेत्र में करियर बनाने के कई विकल्प हैं। लेकिन छात्रों को अपनी रूचि और योग्यता के अनुसार ही करियर विकल्पों को चुनना चाहिए ताकि वे इस फील्ड में करियर बनाने में सफल हो सकें।
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देश विदेश के इतिहास में 4 अगस्त को यानि आज के दिन कई महत्वपूर्ण घटनाये दर्ज है। आज उन्हीं महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेमें जानेंगे।
इतिहास में 4 अगस्त के दिन क्या हुआ था – What Happened on August 4
4 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 4
केस्सिओपिया में सुपरनोवा 1181 में देखा गया।
एवेशम की लड़ाई में ब्रिटेन के प्रिंस एडवर्ड ने 1265 में साइमन डी मोंटफोर्ट को हराया।
जोहान मॉरिशस डच 1636 में ब्राजील के गवर्नर बनाये गये।
नीदरलैंड और इंग्लैंड के बीच 1666 में समुद्री लड़ाई हुई।
सिस्टोवा समझौते के बाद ऑटोमन और हब्सबर्ग के बीच 1791 मेंयुद्ध की समाप्ति हुई।
ब्रिटिश रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1870 में हुई।
कोलंबिया ने 1886 में संविधान अंगीकार किया।
प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी ने 1914 में बेल्जियम और ब्रिटेन ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सेना ने 1915 में वारसॉ पर क़ब्ज़ा कर लिया।
यूरोपीय देश बेल्जियम में 1930 को बाल मजदूर कानून बनाया गया।
भारत शासन अधिनियम 1935 को महारानी की स्वीकृति मिली।
जापान में सुप्रीमकोर्ट की स्थापना 1947 में की गई।
पाकिस्तानी सरकार ने 1954 में हफीज़ जालंधरी द्वारा लिखे गए गीत ‘पाक सरज़मीन’ को राष्ट्रगान के रूप में अपनाने पर सहमति दी।
भारत का पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर ‘अप्सरा’ में 1956 को शुरू हुआ।
दक्षिणी चीन में 1964 को टोनकन खाड़ी में अमरीका और वियतनाम की युद्ध के दौरान अमरीका को पराजय हुई। अमरीका ने इसी बहाने उत्तरी वियतनाम के साथ युद्ध आरंभ कर दिया।
विश्व के सबसे लम्बे नागार्जुन सागर बांध का निर्माण 1967 में हुआ।
अमरीका ने 1967 को नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
मोहम्मद ख़ातेमी 1997 में ईरान के राष्ट्रपति बने।
चीन ने 1999 में अमेरिकी सेना के विमानों की नियमित उड़ानों को हांगकांग में उतरने की अनुमति देने से इंकार किया।
रूस व उत्तरी कोरिया में 2001 को सामरिक समझौता हुआ।
‘नासा’ ने 2004 में एल्टिक्स सुपर कम्प्यूटर केसी को ‘कल्पना चावला’ नाम दिया।
नासा ने 2007 में मंगल ग्रह की खोज के लिए फ़ीनिक्स मार्स लैंडर नामक एक अमरीकी अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया गया।
सरकार ने 2008 में भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) को नवरत्न का दर्जा प्रदान किया।
4 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 4 August
मेवाड़ के शासक और महाराणा प्रताप के पिता राणा उदयसिंह का जन्म 1522 ई. को हुआ था।
संगीतज्ञ लुईस लुली का जन्म 4 अगस्त 1664 को हुआ था।
भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध मराठा वीर सदाशिवराव भाऊ का जन्म 4 अगस्त 1730 ई. को हुआ था।
ब्रिटेन के प्रख्यात कवि परसी बीश शेली (Percy Bysshe Shelley) का जन्म 1792 को हुआ।
आयरलैंड के गणितज्ञ विलियम रोवन हैमिल्टन का जन्म 1805 को हुआ था।
प्रसिद्व भारतीय वकील और सामाजिक कार्यकर्ता फिरोजशाह मेरवानजी मेहता का जन्म 1845 को हुआ था।
बच्चों के लिए खूबसूरत कहानियां लिखने वाले हैन्स क्रिश्चियन एंडरसन का जन्म 1875 को हुआ था।
साहित्यकार इन्दु प्रकाश पाण्डेय का जन्म 1924 को हुआ था।
अभिनेता, गायक, निर्देशक किशोर कुमार का जन्म 1929 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर नरेन तमहाने का जन्म 1931 को हुआ था।
अमेरिका के प्रथम अश्वेत एवं 44 वें राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा का जन्म 1961 को हुआ था।
4 अगस्त को हुए निधन – Died on 4 August
भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पुरातत्त्व के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान काशी प्रसाद जायसवाल का निधन 1937 को हुआ था।
उड़ीसा की महिला मुख्यमंत्री तथा लेखिका नंदिनी सत्पथी का निधन 2006 को हुआ था।
4 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important day of August 4
If you have any errors or if there is some other information in it, then please tell us, if you are good about our history, that is, about the history of 4 August.
हर कोई इन्सान जिंदगी में कुछ बनना चाहता है। कुछ बनकर दिखाना उसका सपना होता है। हर किसीका सपना अलग होता है। लेकिन कोई भी सपना मेहनत के बगैर पूरा नहीं हो सकता। अपना सपना पूरा करने के लिए चुनौतीयो का सामना करना पड़ता है। एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में हम यहापर आपको जानकारी देने वाले है जिसे अपने मंजिल तक पहुचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनका नाम है फिल्मो की मशहूर अभिनेत्री अमीषा पटेल – Amisha Patel।
अमीषा पटेल के बारेमें कुछ ऐसी बातें जो हमें पता नहीं – Amisha Patel Biography
अमीषा पटेल का जन्म 9 जून 1975 को मुंबई में हुआ। उन्होने मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कोनोन स्कूल में पढाई की। पाच साल की उम्र से ही उन्होंने भरतनाट्यम सिखा और वह एक अच्छी भरतनाट्यम की डांसर भी है। बचपन में वह एक काफी बुद्धिमान छात्रा रह चुकी है। बायोजेनेटिक इंजीनियरिंग की पढाई करने के लिए वह अमेरिका भी गयी थी। लेकिन जैसा उन्होंने सोचा था वैसा हुआ नहीं लेकिन उन्होंने मासचुसेट्स के टफ यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पढाई की।
मास्टर डिग्री में उन्हें गोल्ड मैडल भी मिल चूका है और मुंबई में वापस आने के बाद उन्हें एक अच्छी कंपनी में आर्थिक विश्लेषक की नौकरी भी मिल गयी थी।
उसके बाद में उन्हें मॉर्गन स्टैनले से जॉब की अच्छी ऑफर भी आयी थी लेकिन वह अभिनेत्री बनना चाहती थी इसीलिए उन्होंने जॉब करने से इंकार कर दिया।
सत्यदेव दुबे के थिएटर में वह एक्टिंग सीखती थी। उनके मातापिता पुराने विचारो के होने की वजह से अमीषा पटेल को उनके पहले उर्दू शो में काम करने लिए कई बार माता पिता से विनती करनी पड़ी। वह काफी खुबसूरत होने की वजह से उन्हें कई सारे मॉडलिंग के ऑफर आते रहते थे। उन्होंने कई सारे ब्रांड के लिए काम भी किया है। उन्होंने कैडबरी, बजाज, लक्स, फेयर एंड लवली जैस प्रसिद्ध ब्रांड्स के लिए भी काम किया है।
अमीषा पटेल का करियर – Ameesha Patel Career
अमीषा पटेल एक मशहूर मॉडल और अभिनेत्री है। वह मुख्य रूप से बॉलीवुड में काम करती है लेकिन उन्होंने इसके साथ में कुछ तेलुगु और तमिल फिल्मो में भी काम किया है।
उन्होंने अपने करियर की शुरुवात हृतिक रोशन के साथ एक रोमांटिक थ्रिलर फ़िल्म “कहो ना प्यार है” से की थी। वह फ़िल्म सुपरहिट फ़िल्म साबित हुई थी और उस फिल्म ने अमीषा पटेल को बहुत ही कम समय में स्टार बना दिया।
उसके बाद उन्होंने सनी देओल के साथ एक और सुपरहिट फ़िल्म “ग़दर” में भी काम किया था। वह फ़िल्म उनके करियर की सबसे कामयाब और सुपरहिट फ़िल्म मानी जाती है। इस फ़िल्म को बॉलीवुड जगत की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म माना जाता है।
“ग़दर” फ़िल्म के लिए अमीषा पटेल को फिल्मफेयर का बेस्ट परफॉरमेंस अवार्ड्स भी दिया गया था। 2002 में रिलीज़ हुई हमराज फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया था।
उन्होंने भूलभुलैया फ़िल्म में अक्षय कुमार के साथ में भी काम किया था। रेडिफडडॉट कॉम ने उन्हें 2001 में साल के सबसे टॉप अभिनेत्री में स्थान दिया था। अमीषा पटेल को बॉलीवुड की ‘सबसे आकर्षक अभिनेत्री’ का सम्मान भी मिल चूका है।
उन्होंने ग़दर, कहो ना प्यार है, हमराज, अजय देवगण के साथ परवाना, हे बेबी, रेस 2 जैसी कई सारी फिल्मो में काम किया। इन फिल्मो में काम करने के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार, स्टार स्क्रीन पुरस्कार, जी सिने पुरस्कार, आईआईऍफ़ए पुरस्कार, स्टारडस्ट पुरस्कार, सनसुई पुरस्कार और बॉलीवुड मूवी पुरस्कार मिल चुके है।
अमीषा पटेल की कुछ खास बाते – Interesting fact about Ameesha Patel
अमीषा पटेल ने पाच साल की उम्र से ही भरतनाट्यम सीखना शुरू कर दिया था और वह एक भरतनाट्यम की एक अच्छी डांसर भी है।
पढाई पूरी करने के बाद अमीषा पटेल खान्द्वाला सिक्योरिटीज लिमिटेड में आर्थिक विश्लेषक पद पर काम करती थी।
अमीषा पटेल ने कई सारे प्रसिद्ध भारतीय ब्रांड्स के लिए भी मॉडलिंग की है जैसे की बजाज, सेवाश्रम, फेयर एंड लवली, कैडबरी, जय लाइम, फेम, लक्स आदी।
अमीषा पटेल को फिल्मो में काम करने का मौका तब मिला जब राकेश रोशन ने अमीषा पटेल के पिताजी से कहो ना प्यार है फ़िल्म में अमीषा के लिए ऑफर दी थी, क्यों की अमीषा पटेल के पिताजी और राकेश रोशन बचपन के दोस्त थे।
उन्हें अभिनेत्री बनने से पहले उनके परिवार ने कड़ा विरोध किया। उनके परिवार के लोग उन्हें अभिनेत्री बनने से रोकना चाहते थे। लेकिन उन्होंने भी हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने के लिए हर तरह से कोशिश की। और वो आज बहुत ही कम समय में मशहूर अभिनेत्री बन गयी।
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दोस्तों, हम हर बार सुनते हैं की हमारा इतिहास बहुत पुराना हैं, लेकिन हमें हमारे देश और दुनिया के इतिहास की पूरी जानकारी नहीं इसलिए हम यहाँ हमारा एक छोटासा प्रयास कर रहे हैं जो आपको पुरे देश और दुनिया की इतिहास की और आज के इतिहास की जानकारी मिल सके ताकि आपका ज्ञान और बढ़ सके।
तो चलिए दोस्तों आज जानते हैं 5 अगस्त के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेंमे, उन लोगों के जन्मदिन के बारेमें जिन्होंने दुनिया में आकर बहुत बड़ा नाम किया साथ ही उन मशहूर लोगों के बारेंमे जो इस दुनिया से चले गए।
5 अगस्त का इतिहास – Today in History August 5
5 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 5
फ्रांसीसी और तुर्की की सेना ने 1543 में नाइस पर कब्जा जमाया।
फ्रांसीसी सेना ने 1654 को स्टेन पर कब्जा किया।
पहला स्पेनिश जहाज सेन कार्लोस ने 1775 में सेन फ्रेंसिस्को खाड़ी में प्रवेश कियाा।
पश्चिम बंगाल के राजा महाराजा नंदकुमार को 1775 में कलकत्ता अब कोलकाता में फांसी दी गई ब्रिटिश शासन के द्वारा भारत में धोखधड़ी के लिए दी गई यह अंतिम फांसी थी।
डच और अंग्रेज सेनाओं के बीच डोगर बैंक में 1781 को युद्ध हुआ।
जापान ने 1874 में इंग्लैंड की तर्ज पर डाक बचत प्रणाली शुरू की।
जापान में 1882 को मार्शल ला लगाया गया।
कार का अविष्कार करने वाले कार्ल बेंज ने 1888 में अपनी पहली कार का पेटेंट 1886 में करवाया था।
रूस और जापान के शांति वार्ताकारों के बीच 1905 को पहली बैठक अमेरिका के राष्ट्रपति रुजवेल्ट के न्यूयॉर्क स्थित घर पर हुई।
जापान में टोक्यो के गिंजा में 1912 को पहली टैक्सी सेवा शुरू हुई।
क्यूबा, उरुग्वे, मैक्सिको और अर्जेंटीना ने 1914 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तटस्थ रहने की घोषणा की।
मांटेनेग्रो ने 1914 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ऑस्टि्रया हंगरी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
जर्मनी की सेना 1915 में पॉलेंड की राजधानी वारसा में घुसी।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वार्सा पर 1915 में जर्मनी का अधिकार हो गया इससे पहले यह क्षेत्र रुस के अधिकार में था।
अमेरिका और जर्मनी ने 1921 में बर्लिन शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
हेनरी सुलिवान 1923 में इंग्लिश चैनल को पार करने वालेे पहलेेे अमेरिकी बने।
फ्रांस और जर्मनी के बीच व्यापार समझौते पर 1926 को हस्ताक्षर किए गए।
अमरीकी हवाई जहाज ने 1945 में जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था।
इंडोनेशिया में 1947 को हॉलैंड ने राजनीतिक कार्यवाइ बंद की।
इक्वाडोर की राजधानी क्विटो में 1949 को आये 6.7 की तीव्रता वाले भूकंप से छह हजार लोगों की मौत।
अफ़्रीक़ी देश बोरकिनाफ़ासो ने 1960 में अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
यूरी गैगेरीन के ऐतिहासिक उपक्रम के चार महीने के बाद सोवियत संघ ने 1961 में अपने दूसरे अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में उतारा था।
न्यायमूर्ति लीला सेठ 1991 में दिल्ली हाईकोट में जज बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
अटलांटा शताब्दी ओलम्पिक का सिडनी में 1996 को मिलने का वादा के साथ सम्पन्न।
चीन और ताइवान के बीच 1999 में तनाव चरम पर।
गोंजालो लोजाडा 2002 में बालोविया के नये राष्ट्रपति चुने गये।
भारत के अंडमान निकोबार द्वीप से 2008 को 176 मील उत्तर-पूर्व में हिंद महासागर में 5.5 तीव्रता के भूकंप का झटका महसूस किया गया।
केन्या के 70% नागरिकों ने 2010 को जनमत संग्रह में लोकतांत्रिक सुधारों के अंतर्गत नया संविधान बनाने का समर्थन किया।
कश्मीर (भारत) के लेह में 2010 को बादल फटने से तथा उसके बाद आई बाढ़ में 115 लोगों की मृत्यु हो गई।
कराची (पाकिस्तान) में 2010 को एमक्यूएम के विधायक रजा हैदर की हत्या के बाद चार दिनों से जारी जातीय हिंसा में 70 लोगों की हत्या कर दी गई।
नासा के वैज्ञआनिकों ने 2011 में साइंस पत्रिका में मंगल ग्रह पर बहता पानी होने का दावा किया।
नासा द्वारा बृहस्पति का अध्ययन करने के लिए 2011 में अंतरिक्ष शोध यान जूनो छोड़ा गया।
भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने 2013 को जर्मनी में संपन्न हुए विश्वकप में इंग्लैंड को 3-2 (1-1) से हराकर कांस्य पदक जीता।
5 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 5 August
फ्रांस कथाकार गाय दी मोपासां का जन्म 5 अगस्त 1850 को हुआ था।
उड़ीसा के प्रमुख राष्ट्रवादी आचार्य प्यारे मोहन का जन्म 5 अगस्त 1852 को हुआ था।
मराठी साहित्यकार एवं प्रसिद्ध समाजसेवी दत्तो वामन पोतदार का जन्म 1890 को हुआ था।
चाँद पर कदम रखने वाले दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग का जन्म 1890 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा का जन्म 5 अगस्त 1901 को हुआ था।
मद्रास विधान सभा के सदस्य बी। जी। रेड्डी का जन्म 1907 को हुआ था।
प्रसिद्ध कवि शिवमंगल सिंह सुमन का जन्म 1915 को हुआ था।
हिन्दी के प्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल का जन्म 1947 को हुआ था।
फ्रांस राजनीतिज्ञ मरिन ले पेन का जन्म 1968 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद का जन्म 1969 को हुआ था।
बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री काजोल का जन्म 1975 को हुआ था।
भारतीय फिल्म अभिनेता वत्सल सेठ का जन्म 1980 को हुआ था।
बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा का जन्म 1987 को हुआ था।
5 अगस्त को हुए निधन – Died on 5 August
जर्मन समाजशास्त्री एवं दार्शनिक फ्रेडरिक एंजेल्स का निधन 5 अगस्त 1895 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और असम के प्रथम मुख्यमंत्री रहे गोपीनाथ बोरदोलोई का निधन 5 अगस्त 1950 को हुआ था।
अमरीका अभिनेत्री मर्लिन मुनरो का निधन 1962 को हुआ था।
बुल्गारिया के 36वें प्रधानमंत्री रहे टोडर ज़िकोव का निधन 1998 को हुआ था।
भारत के महान् और ख्यातिप्राप्त क्रिकेटर लाला अमरनाथ का निधन 2000 को हुआ था।
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट, जिन्होंने ‘चाचा चौधरी’ कार्टून चरित्र बनाया प्राण कुमार शर्मा का निधन 2014 को हुआ था।
5 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important day of August 5
“जिन्दगी एक इम्तिहान है, जिसका पाठ्यक्रम पता नहीं होता और जिसके सवाल भी तय नहीं होते न कोई मॉडल पेपर होता है”
ये बात सूधा मूर्ति के द्वारा कही गई है, सुधा मूर्ति जिन्होनें अपनी सादगी और समझदारी के बल पर सफलता हासिल की है। इसके साथ ही वे आज लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुईं हैं।
एक कहावत है कि –
“अंधेरे में रहने के बजाय एक दीया रोशन करना कहीं बेहतर है।”
सुधा मूर्ति की जिंदगी की कहानी भी इसी एक पंक्ति के इर्दगिर्द सिमटी हुई है। उन्होनें अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखें है और काफी जोखिमों के बाद जीत हासिल की है।
Sudha Murty Books
सुधा मूर्ति के द्वारा लिखी गईं किताबें – Sudha Murthy Books
सुधा मूर्ति एक बेहद प्रभावशाली लेखिका भी हैं और सुधा मूर्ति ने अपने जिंदगी के अनुभवों को किताबों के माध्यम से साझा किया है। उन्होंने आम आदमी की पीड़ाओं को अभिव्यक्ति देते हुए आठ उपन्यास भी लिखे हैं। इन सभी उपन्यासों में महिला किरदारों को बेहद मजबूत और सिद्धांतों पर अडिग दर्शाया गया है।
इसके अलावा उन्होनें तकनीकी किताबें, यात्रा, छोटी कथाओं के संग्रह और गैर-काल्पनिक टुकड़े, और बच्चों के लिए भी अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में किताबें लिखी हैं।
आपको बता दें कि सुधा मूर्ति की किताबों का अनुवाद सभी मुख्य भारतीय भाषाओं में किया गया है। सुधा मूर्ति को साहित्य के लिए नारायण अवॉर्ड और साल 2006 में पदम श्री से भी नवाजा जा चुका है, इसके अलावा कर्नाटक सरकार ने भी साल 2011 में सुधा मूर्ति को कन्नड़ साहित्य में उत्कृष्टता के लिए अटिमाबे पुरस्कार से सम्मानित किया था।
यहां हम आपको सुधा मूर्ति द्वारा लिखी गईं कुछ पुस्तकों के बारें में बताने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं –
Mahashweta ( महाश्वेता )
सुधा मूर्ति के द्धारा लिखी गई महाश्वेता पुस्तक उनके द्धारा लिखी गई प्रिय पुस्तकों में से एक है। ये पुस्तक एक भ्रम और विश्वासघात से प्रभावित दुनिया में साहस और लचीलापन की एक प्रेरणादायक कहानी है।
महाश्वेता पुस्तक में अनुपमा नामक लड़की की कहानी का वर्णन किया गया है, जिसका विवाह तब होता है जब उसे ल्यूकोडरर्मा बीमारी बारे में पता चलता है, इस कहानी में अनुपमा अपने पति द्वारा छोड़ी गई विवाहित महिला है जो कि सामाजिक कलंक पर काबू पाने के लिए बॉम्बे चली जाती है जहां उसे सफलता, सम्मान और एक नया जीवन मिलता है।
Wise And Otherwise (वाइज एंड अदरवाइज)
वाइज एंड अदरवाइज सुधा मूर्ति की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है। यह एक गैर कथा पुस्तक है जिसमें वास्तविक जीवन की घटनाओं के पचास विगेट्स का संग्रह है सुधा मूर्ति ने इस पुस्तक में देश भर के लोगों के बारे में कुछ जबरदस्त और आंखें खोलने वाली कहानियों का उल्लेख किया है।
इसके साथ ही इस पुस्तक में एक उदारता के अविश्वसनीय उदाहरणों का भी उल्लेख किया गया है। आपको बता दें कि, ये पुस्तक साल 2002 में प्रकाशित की गई थी।
सुधा मूर्ति की वाइज एंड अदरवाइज पुस्तक ने अंग्रेजी में 30,000 से ज्यादा कॉपियां बेची हैं और इस पुस्तक का सभी मुख्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
Grandma’s Bag Of Stories (ग्रांडमाज बैग ऑफ स्टोरीज)
सुधा मूर्ति जी के ये पुस्तक दादा-दादी के कहानियों के रहस्यमय पात्रों और जानवरों की यादें ताजा करती है। ये कहानी आद, कृष्णा, रघु और मीना शिगगांव में अपने अजजी और अजजा के घर पहुंचने से शुरू होती है।
वे गर्मियों में अपने अजजी को सुनते हैं क्योंकि वह कहानियों का बड़ा बैग खोलती है। वह राजाओं और धोखाधड़ी, राजकुमारी और प्याज, बंदरों और चूहों और बिच्छुओं और छिपा खजाने की कहानियां सुनाया करती थीं।
How I Taught My Grandmother to Read and Other Stories (हाउ आई टॉट माय ग्रांडमदर टू रीड एंड अदर स्टोरीज)
हाउ आई टॉट माय ग्रांडमदर टू रीड एंड अदर स्टोरीज, सुधा मूर्ति द्धारा लिखी गईं प्रिय पुस्तकों में से एक है। ये पुस्तक 25 अर्ध-आत्मकथात्मक छोटी कहानियों का संग्रह है। इस पुस्तक में सभी कहानियां बेहद सरल और दिल को छू जाने वाली है।
सुधा मूर्ति ने इस पुस्तक में ये भी उल्लेख किया कि उन्होनें अभी अपनी दादी को पढ़ाने के लिए कैसे पढ़ा और उनकी दादी ने कैसे उस बारह वर्षीय लेखक से वर्णमाला सिखाने के लिए कहा। इस पुस्तक में सुधा मूर्ति ने जेआरडी टाटा के साथ अपने मुठभेड़ के बारे में भी लिखा है।
इस किताब की सभी कहानियां अपने पाठकों को प्रेरणा देती हैं। लेखिका ने इस पुस्तक में सरल और मनोरंजक तरीके से कहानियों का वर्णन किया है जिसे काफी पसंद किया जाता है।
Gently Falls the Bakula by Sudha Murty (जेन्टली फॉल्स द बकुला बाई सुधा मूर्ती)
सुधा मूर्ति की ये किताब सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली पुस्तकों में से एक है। ये पुस्तक दो शत्रुतापूर्ण समुदायों से संबंधित हैं और श्रीकांत और श्रीमति के विवाह की कहानी है जो कि महत्वाकांक्षा और आत्म-रुचि के रूप में अपना रास्ता खो देता है।
आपको बता दें कि ये सुधा मूर्ती के द्धारा लिखा गया उनका पहला उपन्यास है जो कि आधुनिक मूल्यों और कार्य नैतिकता की जांच को चौंकाने वाला प्रासंगिक है।
Dollar bahu by sudha murthy (डॉलर बहू: लेखक- सुधा मूर्ति)
“डॉलर बहू” पुस्तक में एक ऐसी कहानी का वर्णन किया गया है जिसमें लोग एक-दूसरे को कैसे देखते हैं ये बताया गया है। इस कहानी में विनीता एक बैंक क्लर्क गिरीश से शादी करती है और बैंगलोर में अपने परिवार के साथ रहने लगती है। वह अपने पति, ससुर और सांस गोरम्मा की देखभाल करते हुए अपने नए परिवार को अच्छी तरह से समायोजित करती है, लेकिन बाद में विनीता की उसके पति के बड़े भाई की पत्नी ‘डॉलर बहू’ से तुलना की जाती है।
जिसके बाद धीरे-धीरे वह बीमार पड़ने लगती है। इसके बाद गोरम्मा अपने अमेरिका में रह रहे बेटे और बहू के पास जाने का फैसला करती है। जहां वह गौर करती है कि भारतीय मध्यम श्रेणी के जीवन को नियंत्रित करने वाले सख्त मानदंडों से दूर कितना स्वतंत्र जीवन हो सकता है, लेकिन वह यह भी समझने लगती है कि केवल डॉलर ही भारत में उसके प्यार और सम्मान को नहीं खरीद सकता है, इस कहानी में प्यार और विश्वास से कैसे रिश्तों को जीता जा सकता है इसका बखूबी वर्णन किया गया है।
The Day I Stopped Drinking Milk (द डे आई स्टॉप्ड ड्रिंकिंग मिल्क)
द डे आई स्टॉपड ड्रिंकिंग मिल्क सुधा मूर्ति के हार्दिक अनुभवों का संग्रह है, उन्होनें ये पुस्तक तब लिखी जब उन्होनें ग्रामीण और शहरी भारत की सड़कों को परख लिया। इस पुस्तक में सुधा मूर्ति ने भारत में पुरुषों और महिलाओं के रोजमर्रा की जिंदगी को छोटी कहानियों में लिखा है।
द डे आई स्टॉपड ड्रिंक मिल्क, पुस्तक सुधा मूर्ति की ओडिशा की यात्रा और उन गरीब जनजातियों के बारे में लिखी गई कहानी है जिनसे वो ओडिशा में मिली थी।
The Old Man and His God: Discovering the Spirit of India (द ओल्ड मैन एंड हिज गॉड: डिस्कवरिंग द स्पिरिट ऑफ इंडिया)
सुधा मूर्ति की इस पुस्तक में सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय में लोगों की उदारता और स्वार्थता की कहानियों का उल्लेख किया गया है।
जिसमें महिलाओं को दुनिया के सामने बोलने के लिए काफी संघर्ष कर रही है और जिनकी कोई सुनता भी नहीं है इसके साथ ही युवा पेशेवर की कहानियां है। सुधा मूर्ति जी की ये पुस्तक काफी पसंद की जाने वाली पुस्तक है।
House of Cards (हाउस ऑफ कार्डस्)
हाउस ऑफ कार्ड्स सुधा मूर्ति के द्वारा लिखी गई प्रिय पुस्तकों में से एक है। ये पुस्तक में गांव के जीवन की सादगी और शहर के जीवन की जटिलता के संघर्ष का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में मृदुला नामक एक पात्र की कहानी है जिसमें मृदुला को एक सरल ऊर्जावान गांव की लड़की के रूप में लिया गया है और वो डॉक्टर संजय से शादी करने के बाद बैंगलोर चली जाती है।
ये कहानी पारिवारिक जीवन के बारे में है और वे शहर में स्थिति में कैसे बढ़ते हैं, लेकिन वे उनके संबंध में मतभेदों को ढूंढना शुरू करते हैं।
सुधा मूर्ति के द्धारा लिखी गईं सभी पुस्तकों की सूची इस प्रकार है –
How I Taught My Grandmother to Read- हाउ आई टॉट माई ग्रांडमदर टू रीड
Something Happened on the Way to Heaven- समथिंग हैपन्ड ऑन द वे टू हेवन
The Old Man and His God: Discovering the Spirit of India- दि ऑल्ड मैन एंड हिज गॉड : डिस्कवरिंग द स्पिरिट ऑफ इंडिया
The Day I Stopped Drinking Milk- द डे आई स्टॉप्ड ड्रिंकिंग मिल्क
Wise and Otherwise – वाइज एंड अदरवाइज
Gently Falls the Bakula – जेन्टली फॉल्स द बकुला
The Accolades Galore- द एकोलेड्स गेलोर
The Bird with Golden Wings: Stories of Wit and Magic- द बर्ड विद गोल्डन विंग्स : स्टोरीज ऑफ विट एंड मेजिक
Dollar Bahu- डॉलर बहू
Grandma’s Bag of Stories (children’s fiction)- ग्रांडमांस बैग ऑफ स्टोरीज
The Magic Drum And Other Favourite Stories (children’s stories)- द मैजिक ड्रम एंड अदर फेवरिट स्टोरीज
House of Cards- हाउस ऑफ कार्ड्स
The Mother I Never Knew (two novellas)- द मदर आई नेवर न्यू ( टू नोवेल्स)
Three thousand stitches- थ्री थाउसंड स्टिचज
The Man from the Egg- द मैन फ्रॉम द ऐग
Here, There, Everywhere- हेयर, देयर और ऐवरीव्हेयर
अगर आपको किताबें पढ़ने का शौक है तो आपको सुधा मूर्ति की किताबें जरूर पड़नी चाहिए क्योंकि ये किताबें न सिर्फ आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं।
Please Note : सुधा मूर्ति के द्वारा लिखी गईं किताबें – Sudha Murthy Books in Hindiइस लेख में कुछ चुनिन्दा किताबे यहाँ दी है। पर ये किताबे आपको उतनाही पसंद आयेगी इसका कोई दावा हम नहीं करते। ये लेख मात्र Books के बारे में जानकारी देने हेतु है। पर एक बात साथ में ये भी बता दे की Book पर खर्च किये पैसे कभी भी बर्बाद नहीं होते। नोट : अगर आपके पास और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Sudha Murthy books in Hindi इस Article में जरुर शामिल करेगें।
वर्ष 2000 में फिजी के प्रधानमंत्री महेन्द्र चौधरी के ख़िलाफ़ तख्तापलट के मामले में उपराष्ट्रपति जोपे सेनीलोली को 2004 में 4 वर्ष की जेल।
दोनों देश 2005 में सीमा पर साझा गस्त तेज करने पर सहमत।
मध्य त्रिनिदाद में एक पुराने हिन्दू मन्दिर को 2007 में क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
हंगरी के वैज्ञानिकों ने 2007 में लगभग 80 लाख साल पुराने देवदार के वृक्ष का जीवाश्म प्राप्त करने का दावा किया।
सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) को 2008 में अन्ध्र प्रदेश के कृष्णा पट्टनम में 880 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल बॉयलर लगाने का आर्डर मिला जो इस श्रेणी का पहला आर्डर है।
जम्मू-कश्मीर में 2010 को अचानक आई बाढ़ से कम से कम 255 लोग मारे गए।
थाईलैंड में 2011 को प्यूइआ थाई दल की यिंगलुक शिनवात्रा शु्रिवार देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में 2011 को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 31 अमेरिकी और सात अफगानी सैनिकों की मौत हो गई।
नासा का क्यूरिओसिटी रोवर 2012 में मंगल ग्रह पर पहुंचा।
ऑस्ट्रिया द्वारा रूस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा 1914 में की।
जापानी नगर हिरोशिमा पर 1945 में अमेरिका ने पहला परमाणु बम गिराया।
We hope you have been satisfied with the information given above, if not, then please tell us through the please Comment and if you have more information about the history of the 6th August, then also tell us through the comments. will do.
परिवर्तन दुनिया का नियम है और कुदरत के इस नियम को कोई बदल नहीं सकता। पहले ज़माने में लोग ज्ञान पाने के लिए गुरु के आश्रम में जाते थे, कुछ समय बाद लोग किताबो के माध्यम से ज्ञान अर्जित करते थे। लेकिन धीरे धीरे समय बदलता गया और इस चक्र में कई सारे बदलाव हुए।
आजकल लोग किसी भी बात की जानकारी पाने के लिए क़िताबे खोलकर नहीं देखते, सभी लोग आजकल इंटरनेट की मदत से ही सारी जानकारी हासिल करते है। यह सब विज्ञान का आविष्कार है।
लेकिन कभी सोचा है की कंप्यूटर पर इतनी सारी जानकारी देने का काम कौन करता है। कंप्यूटर के अन्दर ऐसी कौनसी चीज है जो हमें बिना देरी किये कोई भी जानकारी सही तरीके से देती है। कौन सा ऐसा व्यक्ति है जिसने ऐसा सोचा होगा की दुनिया की सारी जानकारी हमें एक बटन क्लिक करने पर आसानी से मिल सके।
गूगल का अविष्कार करने वाले लैरी पेज – Larry Page Biography
आज हम उसी इन्सान की बात बताने वाले है जिसने इस अविष्कार से पूरी दुनिया को बदल दिया। उस इन्सान का नाम है लैरी पेज जिसने दुनिया के सबसे बड़े अविष्कार की खोज की और उसे गूगल नाम दे दिया। आज कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं होगा की जिसे गूगल मालूम नहीं होगा।
ल्यारी पेज जैसे महान इंसान ने इस गूगल सर्च इंजन की शुरुवात की। इस महान व्यक्ति का अबतक का सफ़र कैसा रहा इसकी जानकारी हम आपको देने जा रहे है।
लैरी पेज बायोग्राफी – Larry Page life Information
लैरी पेज एक व्यवसायी और कंप्यूटर वैज्ञानिक है जिन्होंने अपने स्कूल के मित्र सेर्गे ब्रिन के साथ में मिलकर सन 1998 में दुनिया के सबसे बड़े गूगल जैसे सर्च इंजन की शुरुवात की थी।
मिशिगन में 26 मार्च 1973 में जन्म हुए लैरी पेज के माता पिता कंप्यूटर एक्सपर्ट्स थे। उन्होनें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढाई की। उसी यूनिवर्सिटी में उनकी मुलाकात सर्गी ब्रिन से हुई।
दोनों ने साथ में मिलकर एक ऐसा सर्च इंजन बनाया जिसमे सभी तरह से पेजेस एक के बाद एक दिखाई देते थे और उसे उन दोनों ने गूगल नाम दे दिया। 1998 में शुरू हुआ यह “गूगल” नाम का सर्च इंजन आज दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे मशहूर सर्च इंजन बन चूका है।
गूगल की स्थापना और उसका विस्तार – Google Installation
जब लैरी पेज 1995 में स्टैनफोर्ड में उनकी पी एच डी के रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तब उनकी मुलाकात उनके साथी शोधकर्ता सर्गी ब्रिन से मुलाकात हुई। 1996 तक उन्होंने एक सर्च इंजन भी बनाया था उसे शुरुवात में ‘BackRub’ नाम भी दिया था। कई महीनो तक उसे स्टैनफोर्ड के सर्वर पर भी चलाया गया।
लेकिन सितम्बर 1998 में उनके प्रोजेक्ट का नाम बदलकर ‘गूगल’ रखा गया और उसे ही कंपनी बनाया गया।
2001 में एरिक श्मिट को कंपनी का सीईओ पद पर नियुक्त किया गया और पेज और ब्रिन क्रमशः उत्पाद और प्रौद्योगिकी के अध्यक्ष बने।
2004 में गूगल ने ऑरकुट नाम की एक सोशल नेटवर्किंग नाम की साईट भी शुरू की और साथ ही गूगल डेस्कटॉप सर्च की भी शुरुवात की। उसी साल गूगल ने अपने कंपनी की इनिशियल पब्लिक ओफ्फेरिंग (आईपीओ) भी लोगो के सामने रखी जिसकी वजह से पेज और ब्रिन करोड़पति बन गए।
समाज की सेवा करने के लिए और समय पड़ने पर समाज को मदत करने के लिए गूगल डॉट ओआरजी ( google. org) नाम की एक शाखा भी शुरू की गयी थी।
2005 का साल गूगल के लिए बहुत ही अच्छा साबित हुआ। गूगल मैप्स, ब्लॉगर मोबाइल, गूगल रीडर और आईगूगल 2005 में ही रिलीज़ किये गए। उसके अगले साल ही गूगल ने यूटयूब को भी खरीद लिया और जीमेल में चाट नाम का फीचर भी शामिल कर दिया।
सन 2007 में गूगल ने चाइना मोबाइल और सेल्सफ़ोर्स डॉट कॉम के साथ में मिलकर साझेदारी में काम करना शुरू किया। केनिया और रवांडा के हजारों बच्चो को मुफ्त में पढ़ाने के लिए गूगल एप्स की जरुरत थी उसके लिए भी गूगल ने कई सारी साझेदारी पर हस्ताक्षर किये।
2011 में लैरी पेज गूगल के नए सीईओ नियुक्त किये गए और पूर्व सीईओ एरिक श्मिट कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाये गए।
लैरी पेज बचपन से ही कंप्यूटर के काफी नजदीक रहे। क्यों उनके घर में सभी लोग पढ़े लिखे थे और खास बात यह है की उनकी माँ और पिताजी दोनों भी कंप्यूटर के क्षेत्र में ही काम करते थे। उन्हें बचपन से ही कंप्यूटर से लगाव था। इसलिए आगे चलकर उन्होंने कंप्यूटर में ही इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
वह जब कॉलेज में पढ़ रहे थे तो उस समय भी वह किसी ना किसी प्रोजेक्ट पर काम करते थे। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने गूगल सर्च इंजन को बनाने का सोचा था और उसमे वह सफल भी रहे लेकिन फर्क सिर्फ़ इतना था की उस समय उन्होंने सर्च इंजन को नाम नहीं दिया था।
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7 अगस्त के इतिहास में बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी, बहुत से महान लोगोने 7 अगस्त के दिन जन्म लिया और साथ ही बहुत से महान व्यक्ति आज ही दिन इस दुनिया से चले गयें, आज हम उसी घटनाओं पर फिर से एक नजर डालेंगे।
7 अगस्त का इतिहास – 7 August ka Itihas
7 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 7
प्रसिद्ध न्यूटन ने 1668 में ट्रिनीटी कॉलेज कैंब्रिज से मास्टर डिग्री हासिल किया।
ब्रिटेन म्यूजियम की स्थापना 1753 में पार्लियामेंट एक्ट के तहत की गई।
उचित वक्ता 1880 को पण्डित दुर्गाप्रसाद मिश्र द्वारा प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1905 में ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार किया।
रूस ने 1914 में पूर्वी परूसिया पर हमला किया।
51 फीट लंबाई, 8 फीट ऊंचाई और पांच टन के वजन वाले पहले इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर का निर्माण 1944 में हुआ।
मुंबई नगर निगम को 1947 में बिजली और परिवहन व्यस्था औपचारिक रूप से हस्तांतरित हुई।
अमेरिका ने 1957 में नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
लैंसिंग, मिशिगन में 1966 को नस्लभेदी दंगे भडक़े।
गीत सेठी 1985 में विश्व अमेचर बिलियड्र्स चैंपियनशिप जीतने वाले तीसरे भारतीय बने।
अमेरिका ने 1990 में सऊदी अरब में सेना तैनात कर ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड की शुरूआत की।
इजरायल और जॉर्डन के बीच पहली टेलीफोन सेवा 1994 में शुरु हुई।
अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा 13 हज़ार वर्ष पूर्व पृथ्वी पर गिरे उल्का पिंड के अवशेषों से मंगल ग्रह पर एक कोशिका वाले जीवों के होने की संभावना का पता 1996 को
चला।
केन्या एवं तंजानिया की राजधानियों में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर 1998 में आतंकवादी हमले में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ ने 1999 में एक बार फिर भारत से वार्ता की पेशकश की।
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा 2000 में एक क़ानून पर हस्ताक्षर कर अपनी शक्ति का विस्तार।
बगदाद में जार्डन दूतावास के बाहर 2003 में हुए कार बम विस्फोट में 12 लोगों की मृत्यु।
इस्रायल के वित्तमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 2005 में अपने पद से इस्तीफ़ा दिया।
नाइजीरिया के ओकेन में चर्च में तीन बंदूकधारियों ने 2012 में हमला कर 19 लोगों की हत्या की।
पाकिस्तान के कराची शहर में बाजार में 2013 को हुए बम विस्फोट में 11 लोगों की मौत।
7 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – 7 August Famous Birthdays
ईसवी को इटली के शायर और लेखक फ़्रैन्सिसको पेटर्क का जन्म 1304 में हुआ।
प्रख्यात कलाकार तथा साहित्यकार अवनीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म 1871 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध विद्वान वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म 1904 को हुआ था।
प्रसिद्ध भारतीय कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन का जन्म 1925 को हुआ था।
दक्षिण अफ्रीका की अभिनेत्री चार्लीज थेरोन का जन्म 1975 को हुआ था।
7 अगस्त को हुए निधन – 7 August Famous Deaths
रूस के लेखक थिएटर ड्रामों के निदेशक इस्टानिस्ला विस्की का निधन 1938 में हुआ।
भारतीय लेखक, नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ ठाकुर का निधन 1941 को हुआ था।
चौथी लोकसभा के सदस्य पी. सी. अदिचन का निधन 1976 को हुआ था।
हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध गीतकार गुलशन बावरा का निधन 2009 को हुआ था।
तमिलनाडु राजनीती के भीष्म पितामह करुणानिधि का 2018 को निधन।
भारत में कई सारे राज्य है और बहुत से केन्द्रशासित प्रदेश है। उनकी अपनी अलग पहचान है, अपनी एक अलग संस्कृति है। भारत में कुछ राज्य बहुत ही बड़े है जैसे की राजस्थान और कुछ राज्य बहुत ही छोटे है जो मैप पर बड़ी मुश्किल से मिल पाते है जैसे की गोवा। कुछ ऐसे ही छोटे राज्यों में त्रिपुरा – Tripura का नाम भी लिया जाता है। इसकी खास बात यह है की भारत के मैप पर इसे ढूंढने में काफी तकलीफ होती है। आज हम आपको इसी छोटे लेकिन महत्वपूर्ण राज्य की जानकारी देनेवाले है।
त्रिपुरा राज्य का इतिहास और जानकारी – Tripura History Information
भारत के उत्तर पूर्वी सीमा के सात राज्यों में त्रिपुरा भी शामिल है। त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। इस राज्य के उत्तर पश्चिम और दक्षिण दिशा में बांग्लादेश है। राज्य के पूर्वी इलाके में मिजोरम और आसाम है। अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है।
त्रिपुरा राज्य का इतिहास – Tripura History
महाभारत, कई सारे धार्मिक पुराण और अशोक सम्राट के समय में मिले शिलालेख में भी त्रिपुरा का वर्णन किया गया है। प्राचीन समय में त्रिपुरा को किरात देश कहा जाता था क्यों की एक समय मे यहापर किरात राज्य हुआ करता था।
कई सदियों तक इस राज्य पर त्विप्रा राज्य का शासन था लेकीन किस समय में था इसके बारे में किसी को कुछ ज्ञात नहीं। राजमाला की किताब जिसे त्रिपुरी राजाओ ने पहली बार 15 वी सदी में लिखा था, उसमे कुल 179 राजा की पूरी जानकारी दी है और उसमे कृष्णा किशोर माणिक्य (1830-1850) की भी पूरी जानकारी दी है।
समय के साथ साथ इस राज्य की सीमाए हर समय में बदलती गयी। इस राज्य के दक्षिण में सुंदरबन के जंगल पूर्व में बर्मा यानि की आज का म्यांमार और उत्तर में कमार्पुरा राज्य स्थित है। इस राज्य पर मुस्लीम शासको ने 13 सदी के शुरुवात से ही कई हमले किये जिसकी वजह से 1733 में इस राज्य पर पूरी तरह से मुस्लीम लोगो का शासन था लेकिन पहाड़ी इलाके में वह कभीभी राज्य नहीं कर सके। त्रिपुरी राज्य में किसे राजा बनाना है इसपर मुगलों का पूरा प्रभाव था।
जब भारत पर अंग्रेजो ने कब्ज़ा कर लिया था उस वक्त त्रिपुरा एक रियासत राज्य बन गया था। अंग्रेजो के समय में यह एक टिप्पेरा जिला था और कुछ लोग इसे चकला रोषनाबाद (अब यह बांग्लादेश का जिला है ) भी कहते थे। इसके अलावा यहापर एक टिप्पेरा पहाड़ी भी है जिसके नाम पर से इसे राज्य का नाम दे दिया गया।
जब राजा कृष्ण माणिक्य का शासन था उस समय उदयपुर त्रिपुरा की राजधानी थी लेकिन बाद में 18 वी सदी में राजा ने पुराने अगरतला को त्रिपुरा की राजधानी घोषित कर दिया। 19 वी सदी में एक बार फिर राजधानी को बदलकर नयी अगरतला को राजधानी घोषित कर दिया गया।
अंग्रेजो की व्यवस्था को आदर्श मानकर बीर चन्द्र माणिक्य ने कई सारे बदलाव किये जिसमे उसने अगरतला नगर निगम की स्थापना भी की।
1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद में टिप्पेरा जिला पूर्व पाकिस्तान के कब्जे में चला गया था और 1949 तक टिप्पेरा पहाड़ी रीजेंसी कौंसिल के हात में ही थी।
9 सितम्बर 1949 को त्रिपुरा की महारानी ने भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जिसके कारण यह भारत का पार्ट सी राज्य बना दिया गया। नवम्बर 1956 में इसे बिना किसी नियम बनाये देश का केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था और जुलाई 1963 में इसका मंत्रिमंडल भी चुना गया था।
आजादी मिलने के बाद में इस राज्य के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया। इस राज्य को देश के अन्य राज्यों से जोड़ने के लिए यातायात पर विशेष ध्यान दिया गया। इस राज्य को दो होस्सो में बाटने से पहले कोलकाता और अगरतला के बिच में केवल 350 किमी (220 मील) की दुरी थी लेकिन बाद में पूर्व पाकिस्तान बनने के बाद में इन दो शहरों की दुरी 1700 किमी (1100 मिल) हो गयी थी।
1971 में जब भारत पाकिस्तान के बिच लड़ाई हुई तो उस वक्त इस राज्य का बहुत सारा हिस्सा पाकिस्तानी सेना ने अपने कब्जे में लिया था। लेकिन लड़ाई ख़तम होने के बाद में सभी उत्तरी सीमा के राज्यों की फिर से एक बार रचना की गयी 21 जनवरी 1972 को तीन नए राज्यों का निर्माण किया गया।
इन तीन नए राज्यों में मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा का निर्माण किया गया। आजादी मिलने के बाद में सभी लोग पूर्व पाकिस्तान छोड़कर त्रिपुरा में रहने आये थे उनमे अधिकतर हिन्दू बंगाली लोग आते थे।
पूर्व पाकिस्तान में अधिकतर मुस्लीम लोग रहते थे इसीलिए उनसे बचने के लिए हिन्दू बंगाली लोग 1949 के बाद बड़ी संख्या में इस राज्य में आये थे। त्रिपुरा में लगातार हिन्दू लोगो की संख्या बढ़ने के कारण यहाँ के स्थानीय त्रिपुरी लोग और हिन्दू बंगाली लोगो के बिच में संघर्ष जारी रहा जिसकी वजह से कई बार हिंसा भी होती थी।
इसीलिए यहाँ के लोगो की सुरक्षा के लिए जनजाति जिला कौंसिल की स्थापना भी की गयी थी जो होने वाली हिंसा को रोक सके। इसीलिए 2016 में भी यह त्रिपुरा राज्य काफी शांततापूर्ण राज्य माना जाता है।
त्रिपुरा राज्य की संस्कृति – Culture of Tripura State
त्रिपुरा की संस्कृति काफी समृद्ध है। इस राज्य में करीब 19 जनजातीय है और आज भी जंगलो में रहना पसंद करती है। त्रिपुरी, रंग, चकमा, गारो, कुकी, उचोई, मणिपुरी और मिज़ो जैसी जनजातीय आज भी अधिकतर जंगलो में रहना पसंद करती है।
यहापर अधिकतर बंगाली हिन्दू लोग अधिक संख्या में रहते है और त्रिपुरा की संस्कृति पर बगांली हिन्दू लोगो का ज्यादातर प्रभाव भी देखने को मिलता है क्यों की यहापर एक समय में त्रिपुरी राजा के दरबार में बंगाली साहित्य और बंगाली भाषा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता था। आज इस राज्य में हिन्दू, मुस्लीम, बौद्ध और ख्रिश्चन सभी धर्म के लोग एक साथ मिलजुलकर रहते है।
संगीत और नृत्य किसी भी संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग होता है। यहापर सुमुई नाम का वाद्य काफी इस्तेमाल किया जाता है जो किसी बासुरी की तरह ही दीखता है। यहाँ के लोग ख़म का इस्तेमाल करते है जिसे हम ढोल भी कहते है।
सरिंदा और चोंग्प्रेंग जैसे वाद्य भी यहाँ के लोग संगीत और नृत्य के समय इस्तेमाल करते है। यहाँ के लोगो की अपनी अपनी अलग परम्परा है और उसे वह उनके गीत और नृत्य के माध्यम से संभालकर रखने की कोशिश करते है और शादी, धार्मिक विधि और त्यौहार के समय उनका प्रदर्शन करते है। यहाँ के त्रिपुरी लोगो का गरिया नृत्य एक तरह का धार्मिक नृत्य होता है।
यहा के रिंग लोगो का होजगिरी नृत्य काफी प्रसिद्ध है और उस नृत्य में लडकिया मटके पर नृत्य करती है। इस राज्य में कई तरह के नृत्य पाए जाते है जैसे की त्रिपुरी लोगो का लेबंग नृत्य, चकमा लोगो का बिझु नृत्य, गारो लोगो का वान्गला नृत्य, हलम कुकी लोगो का हैहक़ नृत्य और मोग लोगो का ओवा नृत्य।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से त्रिपुरा बहुत ही सम्रुद्ध राज्य माना जाता है। यहाँ की संस्कृति में कई सारी लोककथा, किम्वदंती, गीत, कहानिया और पहेलिया देखने को मिलती है। इन सभी कहानियों को रोज के अनुभवों के आधार पर ही बनाया गया है जिसमे देवी, देवता, राक्षस, चुड़ैल, इतिहास, वनस्पति, जानवर, आकाशगंगा सभी का वर्णन देखने को मिलता है।
यहाँ के हर समाज के लोग अपने परिसर को साफ़ सुथरा रखने में काफी सावधानी बरतते है और पर्यावरण पर विशेष ध्यान देते है।
यहाँ के कुछ लोग मिल्की वे आकाशगंगा को मौत का रास्ता भी मानते है, आकाश में जो इन्द्रधनुष दीखता है उसे देखकर ऐसा लगता है की वह किसी सरोवर का पानी पिने के लिए जमीन पर आया है, तूफान और आंधी वहा आते है जहा राक्षस रहते है।
इस राज्य में कई तरह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगह है जिन्हें देखने के लिए लोग अक्सर जाते है। उनकोती पत्थर की नकाशी के लिए, निलमहल का पानी के ऊपर बनाया हुआ महल, उज्जवंता का महल पुस्तकालय यहाँ की सबसे प्रसिद्ध जगह मानी जाती है।
त्रिपुरा राज्य की भाषाए – Languages of Tripura State
उत्तर पूर्वी भारत में विशेषरूप से कोकबोरोक और बंगाली भाषा बोली जाती है। लेकिन इसके अलावा भी अन्य भाषाए भी बोली जाती है। अधिकारिक कामो के लिए लोग इंग्लिश भाषा का इस्तेमाल करते है।
लेकिन यहाँ के स्थानीय लोग अधिकतर कोकबोरोक भाषा ही बोलते है। यहाँ रहने वाले जनजाति के लोग ज्यादातर सबरूम और चक्र जैसी बंगाली भाषा का ही इस्तेमाल करते है। कुछ लोग रंखाल और हलम भाषा में भी बात करते है।
त्रिपुरा राज्य का पर्यटन – Tourism of Tripura State
त्रिपुरा जैसे छोटेसे राज्य में देखने जैसे कई सारी जगह है जो पर्यटन का मुख्य आकर्षण बन चुकी है। यहापर कई सारे शानदार महल (अगरतला के उज्जयानता महल और कुंजबन महल, मेलाघर का नीरमहल जल सरोवर), पत्थर पर नक्काशी की बनायीं गयी मुर्तिया (कैलाशाहर के नजदीक की उनकोती, अमरपुर के नजदीक की देब्तापुरा और बेलोनिया की पिलाक) और उदयपुर का माता त्रिपुरिश्वरी मंदिर (51 पिठस्थानो में से एक) है।
यहापर कई सारे जल सरोवर भी है जैसे की जिनमे कुछ प्राकृतिक है और कुछ लोगो ने खुद बनाये है। गंदाचेरा का दुम्बूर सरोवर, मेलाघर का रुद्रसागर सरोवर, अमरसागर, जगन्नाथ दिघी, उदयपुर का कल्याण सागर आदि। यहाँ पर कई सारे पहाड़ी इलाके भी जिन्हें देखनेके लिए लोग काफी दूर से आते है जैसे की मिजोरम की सीमा पर स्थित जामपुई पहाड़ी, सिपहिजाला का अभयारण्य, गुमटी, रोवा और तृषा।
मनु ,बारामुरा और अम्बास इलाके में वन विभाग ने भी कुच्ज उद्यान बनाये है। उज्जयानता महल, राज्य का संग्रहालय, हेरिटेज पार्क, जनजाति संग्रहालय, सुकांता अकादमी, एम बी बी कॉलेज, लक्ष्मीनारायण मंदिर, उमा महेश्वर मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, बेनुबन बिहार, गेदुमियन मश्चिद, मलांचा निवास, रविन्द्र कानन, पुर्बसा, हस्तशिल्प डिजाइनिंग सेण्टर, चौदाह देवियों का मंदिर, पोर्तुगीज चर्च आदी अगरतला के मुख्य आकर्षण केंद्र है।
यह राज्य भारत के एक छोर पर होने के कारण बाहर के लोग राज्य में बड़ी आसानी से जा सकते है। इसे रोकने के लिए कई सारी सुविधाए की गयी है। इस राज्य का निर्माण कुछ ही सालों पहले हुआ है लेकिन इसका इतिहास काफी पुराना है। क्यों की पहले समय में इस राज्य को लोग अलग अलग नाम से पहचानते थे।
महाभारत में भी इसके बारे में बाते बताई गयी है। इससे पता चलता है की इस राज्य का इतिहास कितना पुराना है। यहापर ऐसे बहुत सी जगह है जिन्हें देखने के लिए पुरे देश में से लोग आते रहते है। कई तरह के महल, मंदिर, संग्रहालय, हिल स्टेशन इस राज्य की विशेषता है। यहाँ का मौसम भी काफी लुभावना है।
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इस लेख में जानते हैं उन महान लोगो के बारेमें जो 8 अगस्त यानि आज के दिन इस दुनिया से चल बसे थे और उनके बारेमें भी जिनका आज के दिन जन्म दिन भी हैं। और साथ ही 8 अगस्त की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ जो सदिसे इतिहास में दर्ज हैं।
8 अगस्त का इतिहास – 8 August Today Historical Events
8 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 8
फ्रांस ने 1549 में इंग्लैंड के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
डेनमार्क और स्वीडन में 08 अगस्त 1700 को शांति संधि पर हस्ताक्षर किए।
जेनेवा में रेड क्रॉस की स्थापना 1864 में हुई।
ए. टी. मार्शल ने 1899 में रेफ्रीजरेटर का पेटेंट करवाया।
बोस्टन में पहले डेविस कप श्रृंखला की शुरुआत 1900 में हुई।
रावलपिंडी संधि के तहत ब्रिटेन ने 1919 में अफगानिस्तान की आजादी को मान्यता दी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1942 में बम्बई (अब मुंबई) सत्र में ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ पारित किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रुमैन ने 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किए।
द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ ने 1945 मेर जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
पाकिस्तान ने 1947 में अपने राष्ट्रीय ध्वज को मंजूरी दी।
आजादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार को 1967 में लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के समूह की स्थापना के लिए इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड की बैठक 1967 में आयोजित की गई।
अफगानिस्तान में नौ साल के युद्ध के बाद रूसी सेना की वापसी 1988 में शुरू हुई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 1991 में उत्तरी और दक्षिण कोरिया की सदस्याता को मंजूरी दी।
चीन और ताईवान के जनप्रतिनिधियों ने 1994 को सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।
ताइवान आज़ाद होने के लिए 2002 में जनमत संग्रह योजना से पीछे हटा।
पन्द्रह छोटे देशों ने 2003 में संयुक्त राष्ट्र संघ में ताइवान की सदस्यता का समर्थन किया।
2004 में जापान ने चीन को पराजित करके एशिया कप फ़ुटबाल जीता।
एक्सनाना गुसमाओ पूर्वी तिमोर के प्रधानमंत्री 2007 में बने।
तिब्बत के गंसू प्रांत में 2010 को भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से 100 लोगों की मृत्यु हो गई तथा लगभग 2000 लोग लापता हो गए।
तेजस्विनी सावंत 2010 को म्युनिख में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता के 50 मीटर की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला बनीं।
पाकिस्तान के क्वेटा में 2013 को आत्मघाती हमले में 28 लोग मारे गए।
8 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 8 August
शास्त्रीय संगीत गायिका सिद्धेश्वरी देवी का जन्म 1908 में हुआ।
भारतीय लेखक भीष्म साहनी का जन्म 1915 में हुआ।
भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक वुलिमिरि रामालिंगस्वामी का जन्म 1921 में हुआ।
भारतीय क्रिकेटर दिलीप सरदेसाई का जन्म 1940 में हुआ।
प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ कपिल सिब्बल का जन्म 1948 में हुआ।
बारहवीं और तेरहवीं लोकसभा के सदस्य प्रसन्न आचार्य का जन्म 1949 में हुआ।
भारतीय क्रिकेटर सुधाकर राव का जन्म 1952 में हुआ।
भारतीय क्रिकेटर अबेय कुरुविला का जन्म 1968 में हुआ।
8 अगस्त को हुए निधन – Died on 8 August
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1968-1969 में अध्यक्ष एस. निजलिंगप्पा का निधन 2000 में हुआ।
हमारी सरकारें तमाम योजनाएं – Sarkari Yojana लॉन्च करती हैं जिससे ज्यादातर लोगों को फायदा पहुंच सके और देश का विकास हो सके। इसी तरह मोदी सरकार ने भी साल 2014 में सत्ता में आने के बाद कई नई योजनाएं लॉन्च की और कई पुरानी योजनाओं में संशोधन कर उन्हें फिर से लॉन्च किया और उनका विस्तार भी किया।
Pradhan Mantri Yojana
सरकारी मुख्य योजनाएं – Pradhan Mantri Yojana
देश के विकास और आर्थिक मजबूती के उद्देश्य से मोदी सरकार काफी मेहनत कर रही है शायद इसी का नतीजा है कि उन्होनें कई लाभकारी योजनाएं लोगों तक पहुंचाई हैं। मोदी सरकार की योजनाएं बुजुर्ग, महिलाएं। बच्चे, किसान, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को फायदा पहुंचाने वाली साबित हो रही हैं।
देश के विकास और आम लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से मोदी सरकार द्धारा शुरू की गई योजनाओं की सूची नीचे लिखी गई हैं –
प्रधानमंत्री जन-धन योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
अटल पेंशन योजना
उड़ान योजना
डिजिटल इंडिया
मेक इन इंडिया
स्किल इंडिया ( कौशल भारत योजना )
स्वच्छ भारत योजना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
सुकन्या समृद्धि योजना
स्मार्ट सिटी योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना – Jan Dhan Yojana
योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री ने जन-धन योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। इसके बाद 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की गई।
प्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्देश्य- Purpose of pradhan mantri Jan Dhan Yojana
मोदी सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य अलग-अलग वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है, जैसे कि बुनियादी बचत बैंक खाते को उपलब्ध करवाना, आवश्यकता आधारित क्रेडिट तक पहुंच बनाना, प्रेषण सुविधा उपलब्ध करवाना आदि।
जन-धन योजना से लाभ – Jan Dhan Yojana Benefits
जमा पर ब्याज मिलेगी।
1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर करेगा।
30,000 रुपये का जीवन बीमा कवर मिलेगा।
न्यूनतम शेष राशि की कोई जरूरत नहीं है।
6 महीने के बाद ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी।
पेंशन, बीमा उत्पादों तक पहुंच मिलेगी।
रुपे डेबिट कार्ड का फायदा मिलेगा।
प्रति परिवार केवल एक खाते में 5000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा जन धन योजना के तहत जीरो बैलेंस सुविधा, लोन सुविधा, मोबाइल सुविधा, न्यूनतम आयु, स्माल अकाउंट, खाता टाइप बदलने समेत कई सुविधाओं का लाभ दिया जाता है।
आापको बता दें कि जन धन योजना – Jan Dhan Yojana में ज्यादातर लोग बढ़चढ़ हिस्सा ले रहे हैं। इस योजना के तहत करोड़ों अकाउंट खोले जा रहे हैं। जो कि देश के विकास में सहयोगी साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना – Pradhan Mantri Mudra Yojana
योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। मोदी ने अपने वादे के मुताबिक मुद्रा बैंक योजना की शुरुआत 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ हुई। इसके अलावा माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना का उद्देश्य – Purpose of Pradhan Mantri Mudra Yojana
Mudra (मुद्रा) छोटे व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक का क्रेडिट देगा। इस योजना का उद्देश्य व्यपारियों और छोटे व्यवसाय इकाइयों को अपनी क्षमताओं का विस्तार करने और कर्ज को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है इसके साथ ही कर्ज लेने वालों को ढ़ाचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना है, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके और सही कदम उठाए जा सके।
मुद्रा बैंक योजना के अंर्तगत तीन विकल्प हैं –
तरुण – इसके दायरे में 5 से 10 लाख तक के कर्ज आते हैं।
किशोर – इसके दायरे में 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख तक कर्ज आते हैं।
शिशु – इसके दायरे में 50,000 रुपये तक के कर्ज कवर किए जाते हैं।
कई छोटे व्यापारी मुद्रा बैंक योजना के जरिए लोन लेकर अपने व्यपार को बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही कई लोगों को नया कारोबार शुरु करने में भी इस योजना से सहायता मिल रही है ।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत 9 मई 2015 को की गई थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी 2015 को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना उद्देश्य- Purpose of Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग और गरीब तबके के लोगों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी करवाने का है। यह योजना प्रधान मंत्री जन धन योजना से जुड़ी हुई है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभ- Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana Benefits
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1 साल का कवरेज मिलता है और इतना ही नहीं पॉलिसी धारक के मृत्यु के बाद भी उनके परिवार वालो को २ लाख रुपये का कवरेज मिलता है।
इस योजना के तहत जो भी धारक प्रीमियम भरता है उसे इनकम टैक्स की धारा 80 C के तहत टैक्स का फायदा भी मिलता है।
इस योजना के तहत जो भी बीमा पॉलिसी करवाता है उसकी मौत के बाद नॉमिनी को 2 लाख रुपये का कवरेज मिलता है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत जीवन बीमा पॉलिसी होल्डर को 330 रुपये प्रति सालाना भरना पड़ेगा जबकि इस योजना के तहत आप किसी भी बैंक के खाते में पॉलिसी का भुगतान कर सकते है लेकिन बशर्ते ये बीमा पॉलिसी एक ही खाते में चालू करवा सकते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना – Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की शुरूआत 9 मई साल 2015 को हुई। जबकि इसकी घोषणा वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 28 फरवरी 2015 को अपने वार्षिक बजट के दौरान की थी ।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का उद्देश्य- Purpose of Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य आस्मिक दुर्घटना के वक्त बीमा कवरेज का लाभ दिलवाना है वहीं इस योजना की खास बात ये है कि यह योजना सभी संप्रदायों के लिए सस्ती है । अगर इस योजना के अंतर्गत किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाती है या फिर हादसे में कोई अंग खराब हो जाता हैं तो उसे 2 लाख रुपए मिलेंगे। गरीब लोगों को ध्यान मे रखकर मोदी सरकार ने ये योजना लॉन्च की है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ- Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana Benefits
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अब तक की सबसे सस्ती बीमा योजना है।
इस योजना के तहत पॉलिसी धारक को 2 लाख रुपये का दुर्घटना जीवन बीमा दिया जाएगा इसके साथ ही आंशिक विकलांगता के लिए 1 लाख का बीमा भी दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना बैंक से जुड़ी होने की वजह से धारक को प्रीमियम भरने की चिंता से मुक्ति मिलेगी क्यूंकि यह राशि सीधे खाते से काट ली जाएगी।
इस बीमा राशि के लिए धारक को केवल 12 रुपये हर साल यानि की हर महीने 1 रुपए की राशि प्रीमियम के तौर पर देनी होगी।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना – Sansad Adarsh Gram Yojana
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत –
गांव के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य करवाना होता है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य- Purpose of Sansad Adarsh Gram Yojana
इस योजना के मुख्य उद्देश्य है कि जो ग्राम पंचायत संबंधित सांसद द्धारा चुनी गई हो उस ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। साथ ही इस योजना के तहत तीन बातों पर खास जोर दिया जाता है।
जनता की भागीदारी हो।
मांग पर आधारित हो।
समाज द्धारा प्रेरित हो।
सांसद आदर्श ग्राम योजना में इन विकास कार्यों पर जोर-
स्कूलों में मिड-डे मील बांटना
स्कूल और शिक्षा के प्रति जागरूकता
गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की व्यवस्था
किसानों को ड्रिप इरिगेशन की सुविधा
पंचायत भवन, चौपाल और धार्मिक स्थल
गोबर गैस के लिए सार्वजनिक प्लांट
सांसद ग्राम योजना का लक्ष्य देश के 2400 गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करना है। आपको बता दें कि भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है।
अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana
अटल पेंशन योजना की शुरुआत-
मोदी सरकार ने 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना की शुरुआत की। जबकि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने वित्त भाषण में अटल पेंशन योजना की घोषणा की थी।
अटल पेंशन योजना का उद्देश्य – Purpose of Atal Pension Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन का लाभ दिलवाना है। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की भी अनुमति मिलेगी । निजी क्षेत्र में या ऐसे पेशों से जुड़े लोग जिन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलता, वे भी इस योजना में पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अटल पेंशन योजना के लाभ- Atal Pension Yojana Benefits
गरीब लोग भी इस योजना का फायदा ले सकते हैं।
भारत सरकार ने 5 साल तक हर साल हर अंशदाता के अंशदान का 50 प्रतिशत या 1,000 रुपए का योगदान देने का फैसला किया है।
बिना किसी इन्वेस्टमेंट के लोगों को बुढ़ापे के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
ये योजना वर्तमान पीढ़ी को बचत और निवेश करना सिखाती है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना – Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojan
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 नवंबर 2014 को इस योजना की शुरुआत की। नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को शुरु करने का फैसला लिया था।
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का उद्देश्य- Purpose of Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojan
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवाना है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का लाभ- Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojan Benefits
स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग सेवाओं में सुधार होगा।
कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
सभी गांवों और घरों में बिजली उपलब्ध होगी।
कारोबार बढ़ेगें जिससे नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
ग्रामीण इलाकों में विस्तृत विकास के ज्यादा अवसर मिलेंगे।
उड़ान योजना ( ‘उड़े देश का आम नागरिक’ ) – Udaan Yojana
उड़ान योजना की शुरुआत-
केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा दिल्ली में 21 अक्टूबर 2016 को उड़ान योजना लॉन्च की गई। लेकिन इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2017 से हुई है।
उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य- Purpose of Udaan Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम कीमत में हवाई टिकट उपलब्ध कराना है। आम आदमी के लिए कम पैसे में हवाई यात्रा मुहैया कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है
उड़ान योजना के लाभ- Udaan Yojana Benefits
इस योजना के तहत आम आदमी महज 2500 रूपए की हवाई टिकट बुक करा सकता है। ये प्रति 1 घंटे के सफ़र का किराया है।
इस योजना के तहत सभी हवाई अड्डे का इस्तेमाल हो सकेगा साथ ही कई नए हवाई अड्डे भी बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि कई हवाई अड्डे ऐसे हैं जहां हवाई जहाज की सेवा नियमित नहीं चलती हैं।
डिजिटल इंडिया – Digital India
डिजिटल इंडिया की शुरुआत-
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को नरेन्द्र मोदी ने की। अनिल अंबानी, अजीज प्रेम जी, साइरस मिस्त्री, जैसी बड़ी हस्तियों की मौजूदगी में ये प्रोग्राम लॉन्च किया गया।
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य- Purpose of Digital India
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था को डिटिजल रूप देना है, इसके साथ ही भारत में चल रहे छोटे-बड़े विभागों को डिजिटल रूप देकर विकसित करना है।
डिजिटल इंडिया का लाभ- Digital India Benefits
इस योजना के तहत देश के हर नागरिक को अपने डाटा का विवरण इलैक्ट्रॉनिक मोड में रखना होगा, जिससे देश की संपत्ति की चोरी होनी की संभावना कम हो जाएगी।
इस योजना के तहत पानी, बिजली, मोबाइल, सेट अप बॉक्स का बिल ऑनलाइन कर सकेंगे , जिससे समय की भी बचत होगी।
इस योजना के तहत सभी कामों में पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं सभी काम ऑनलाइन होने की वजह से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर भी लगाम लगेगी।
मेक इन इंडिया – Make in India
मेक इन इंडिया की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत 25 सितम्बर 2014 को विज्ञान भवन में की थी ।
मेक इन इंडिया का उद्देश्य – Purpose of Make in India
प्रधानमंत्री की इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों द्धारा उनकी डेली लाइफ में इस्तेमाल किए जाना वाला सामान का निर्माण इंडिया में ही हो। जिससे सामान की कीमत कम होगी साथ ही सामान का बाहर निर्यात होने से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
देश में रोजगार बढ़ेगा, गरीबी कम होगी।
मेक इन इंडिया से लाभ – Make in India Benefits
भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
भारत को एक विनिर्माण केन्द्र के रूप में विकसित करना है।
रोजगार के ज्यादा अवसर प्रदान करना है।
भारत में रक्षा निवेश को बढ़ावा देना है।
अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आर्कषित करने का मौका देना।
स्किल इंडिया ( कौशल भारत योजना ) – Skill India
स्किल इंडिया की शुरुआत – देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल इंडिया की शुरुआत 15 जुलाई, 2015 को अंतराष्ट्रीय कौशल दिवस पर की।
स्किल इंडिया का उद्देश्य – Purpose of Skill India
इस योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक भारत के करीब 40 करोड़ लोगों को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करना है, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके। इसके साथ ही योजना का लक्ष्य भारतीय युवाओं के कौशल के विकास के लिए अवसर, स्थान और स्कोप बनाना भी है।
स्किल इंडिया से लाभ – Skill India Benefits
इस योजना के तहत लोगों में आत्मविश्वास बढ़ाना, उनकी उत्पादकता में सुधार करना और उनको सही दिशा प्रदान करना है।
कौशल का विकास, युवा लोगों में उनकी पढाई के समय, उचित रोजगार के अवसरों के लिए जरूरी है।
कौशल विकास से युवा वर्ग श्रम कार्य लेने में योग्य होंगे।
सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास होगा और सभी नौकरियों को समान महत्व भी मिलेगा।
स्वच्छ भारत – Swachh Bharat
स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 गांधी जयंती को स्वच्छ भारत की शुरुआत की थी।
स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य- Purpose of Swachh Bharat
सरकार का 2 अक्टूबर 2019, तक ग्रामीण भारत में करीब 1.96 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1।2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करने का लक्ष्य है।
खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य।
खुले में शौच की खामियों के बारे में जागरूक करने का उद्देश्य।
स्वच्छ भारत मिशन का लाभ- Swachh Bharat Benefits
सफाई के प्रति लोगों का जागरूक होना।
ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार हुआ ।
जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा मिल।
नगर परिषद, नगर पालिका को लाभ पहुंचा।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना – Beti Bachao Beti Padhao Yojana
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत-
इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के महेन्द्रगण जिले में की थी। इस योजना को निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में शुरू किया गया था।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य – Purpose of Beti Bachao Beti Padhao Yojana
पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन।
बेटियों का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना से लाभ- Beti Bachao Beti Padhao Yojana Benefits
बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा मिला।
इस योजना के तहत बेटियों को छात्रवृत्ति देने का भी प्रावधान है, जिसका चयन जिला मुख्यालय से होता है।
सुकन्या समृद्धि योजना – Sukanya Samriddhi Account
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 दिसंबर 2014 को बेटियों के लिए ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ की शुरुआत की।
सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य- Purpose of Sukanya Samriddhi Account
बालिकाओं के कल्याण को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य।
इस योजना का मुख्य उद्देस्य बेटियों के लिए छोटी बजट योजनाओं को बढ़ावा देना है।
सुकन्या समृद्धि योजना में हाल ही में मोदी सरकार ने बहुत बड़ा बदलाव किया है। अब इस योजना में न्यूनतम जमा राशि को 1,000 रुपए से घटाकर 250 रुपए कर दिया गया है । इसके तहत बालिका के माता-पिता या संरक्षक बेटी के नाम से खाता खुलवा सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना से लाभ – Sukanya Samriddhi Account Benefits
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता देश के किसी भी हिस्से में ट्रांसफर कराया जा सकता है।
इस योजना के तहत खुलने वाले अकाउंट को टैक्स से छूट मिलेगी।
इस योजना के तहत खुलने वाले खातों को आयकर कानून की धारा 80-जी के तहत छूट दी जाएगी।
स्मार्ट सिटी योजना – Smart City Yojana
स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत की थी।
स्मार्ट सिटी योजना का उद्देश्य- Purpose of Smart City Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में स्मार्ट शहरों का निर्माण करना है। ताकि देश में अधिक पर्यटन, निवेशक को बढ़ावा मिल सके।
छोटे शहरों को विकसित करने का भी उद्देश्य।
स्वास्थय सेवा, शिक्षा के स्तर को सुधारने समेत यातायात की सुविधाओं को विकसित करने का उद्देश्य।
स्मार्ट सिटी योजना से लाभ – Smart City Yojana Benefits
स्मार्ट सिटी के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा।
छोटे गांवों में विकास की रफ्तार बहुत धीमी होती है ऐसे में स्मार्ट सिटी बनने से इनके विकास में मद्द मिलेगी।
स्मार्ट सिटी से ज्यादा से ज्यादा कंपनी खुलेंगी जिससे रोजगार बढ़ेगा।
देश के विकास के लिए इनके अलावा भी मोदी सरकार ने कई योजनाएं लॉन्च की हैं जिनका देशवासियों को जमकर फायदा मिल रहा है।
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