Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana – प्रधानमंत्री जन धन योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अहम उपलब्धियों में से एक है। 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना का मकसद हर परिवार को बैंकिंग सुविधाओं का लाभ देना और हर व्यक्ति का बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाना था।
प्रधानमंत्री जन धन योजना – Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana
क्या है जन धन योजना, इस योजना के क्या-क्या फायदे हैं, इस योजना के लिए ऑनलाइन एप्लाई कैसे करें, कैसे खोले जन-धन खाता, योजना के लिए अहम दस्तावेज समेत तमाम जानकारी इस योजना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार है –
क्या है जन-धन योजना ? – What is the Jan-Dhan scheme?
जन धन योजना जिसका मतलब है “सबका साथ-सबका विकास” जी हां इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक राष्ट्रीय मिशन की तरह शुरू किया था। जिसका मकसद लोगों को बैंकिंग, बचत और जमा खाता जैसी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवाना था।
इस योजना के तहत ऐसी आबादी को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। जो कि अभी तक बैंकिग सुविधओं का लाभ नहीं ले रहे थे। यह योजना गरीब को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे उनमें बचत की भावना का विकास हो सके, अपने भविष्य की सुरक्षा का ख्याल रख सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
जीरो बैलेंस पर खुलने वाले इस खाते में लोगों को RUPAY डेबिट कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा इसके साथ ही एक लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा कवर भी दिया जाता है।
जन धन योजना के उदेश्य – Purpose of Jan Dhan Yojana
कमजोर वर्गो और कम आय वर्गो को अलग-अलग वित्तीय सेवाएं जैसे मूल बचत बैंक खाता उपलब्ध करवाने का उद्देश्य।
जरूरत के अनुसार कर्ज या ( लोन) की उपलब्धता करवाने का उद्देश्य।
विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन सुनिश्चित करने का उद्देश्य।
जन-धन योजना से लाभ – Jan Dhan Yojana Benefits
जमा पर ब्याज मिलेगी।
1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर करेगा।
न्यूनतम शेष राशि की कोई जरूरत नहीं है।
30,000 रुपए का जीवन बीमा लाभार्थी को उसकी मौत बशर्तें देय होगा।
प्रति परिवार केवल एक खाते में 5000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी।
6 महीने के बाद ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी।
पेंशन, बीमा उत्पादों तक पहुंच मिलेगी।
रुपे डेबिट कार्ड का फायदा मिलेगा।
धन के आदान-प्रदान में आसानी होगी।
जन धन खाता की खास बातें – Special Points of Jan Dhan Account
जन धन खाता को जीरो बैलेंस पर खोला जा सकता है ।
इस योजना के तहत खाताधारक बैंक से कर्ज भी ले सकता है ।
खाता खुलने के 6 महीने बाद बैंक से 5000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं ।
जन धन योजना के तहत खाता खोलने वाले को रुपे डेबिट कार्ड भी दिया जाता है, जिसे आप एटीएम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं ।
इस योजना के तहत ज्यादातर परिवार के दो लोग ज़ीरो बैलेन्स खाता खोल सकते हैं।
इस जन धन खाते में पैसे निकालने, जमा करना, फंड ट्रांसफर करना, मोबाइल बैंकिंग की सुविधा सब फ्री है।
प्रधानमंत्री जन धन योजनाओं के तहत दी गई मूल सुविधाएं -Basic amenities given under Prime Minister Jan Dhan Yojana
ब्याज:
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत जो भी पैसे बैंक के बचत खाते के लिए दिए जाते हैं उन पर बैंक ब्याज देती है।
एक्सीडेंट बीमा:
इस योजना के अंतर्गत जो बैंक अकाउंट खुलवाता है उसे 1 लाख रुपये तक का एक्सीडेंट बीमा का फायदा मिलता है।
जीरो बैलेंस खाता:
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत आपको बैंक खाता खुलवाने के लिए रुपयों की जरूरत नही होती। आप बिना पैसो के भी खाता खुलवा सकते हैं यानि की जीरो बैलेंस खाता।
जीवन बीमा:
इस योजना के तहत जीवन बीमा मिलता है जो कि खाता धारक को मिलता है। यह जीवन बीमा 30,000 रुपए का होता है।
सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ:
जन धन खाते के जरिए आप गवर्नमेंट की सारी योजनाओ का लाभ ले सकते हैं। इसका मतलब ये है की आपको सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
पेंशन स्कीम:
आप इस खाते के इस्तेमाल से आसानी से पेंशन स्कीम और बीमा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं |
ओवरड्राफ्ट की सुविधा:
इस खाते के जरिए आप ओवरड्राफ्ट के लिए भी आवेदन कर सकते है। आपके खाता में की गई लेनदेन 6 महीने तक संतोषजनक हुई तो आप ओवरड्राफ्ट आवेदन दे सकते है। इस योजना के तहत सिर्फ 5 हजार रुपये ओवरड्राफ्ट के लिए दे सकती हैं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए जरुरी दस्तावेज -Documents required for the Prime Minister’s Jan Dhan Yojana
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत आपको KYC के द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक ही दस्तावेज जमा करवाने होंगे जिसमें से कुछ दस्तावेजों की सूची नीचें दी गई है –
पासपोर्ट।
ड्राइविंग लाइसेंस।
PAN कार्ड।
इलेक्शन कार्ड।
जॉब कार्ड।
आधार कार्ड की कॉपी जो UIAI द्वारा जारी की गयी हो।
केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया हुआ आइडेंटिटी कार्ड।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अकाउंट खोलने की योग्यता
नागरिकता- प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देश का नागरिक होना जरूरी है।
नाबालिग खोल सकते हैं अकाउंट- कोई नाबालिग जिसकी उम्र 10 साल हो वो भी इस योजना के तहत खाता खोल सकता है लेकिन बशर्तें उसके पास गार्जियन होने चाहिए।
स्मॉल अकाउंट – इसके तहत अगर किसी के पास भारत की नागिरकता का कोई सबूत नहीं है तो उनका वेरिफिकेशन करके लो रिस्क कैटेगिरी के तहत प्रधानमंत्री जन धन अकाउंट खोला जाएगा जो एक साल तक वैलिड रहेगा जब तक धारक को सही डॉक्यूमेंट उपलब्ध करावाना होगा।
सत्यापित प्रमाण पत्र- जन-धन योजना के तहत अगर किसी नागरिक के पास कोई पहचान पत्र गैजेटेड ऑफिसर से सत्यापित हो तो वह प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अकाउंट खोल सकता है।
अकाउंट ट्रांसफर- अगर किसी नागरिक का पहले से ही खाता हैं तो वह अपने खाते को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत ट्रांसफर करवा कर सभी सुविधाओं का लाभ ले सकता है।
खाता खोलने लिए आपको पूरी जानकारी के साथ बैंक द्वारा दिए गए फॉर्म को भरना होगा, जिसमें आवेदक की पूरी जानकारी, आवेदक का पूरा नाम, वैवाहिक स्थिति, पता और पिन कोड, फोन,आधार नंबर, मनरेगा जॉब कार्ड नंबर व्यवसाय/रोजगार और वार्षिक आय व आश्रितों की संख्या और पहले से बैंक खाते की जानकारी भी भरनी होगी ।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ? – How to apply online for the Prime Minister Jan Dhan Yojana?
अगर आप प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जिस बैंक में भी अकाउंट खुलवाना हो आप उस बैंक की बेवसाइट पर जाकर इस योजना के लिए डायरेक्ट आवेदन कर सकते हैं।
इसके साथ ही हम आपको ये भी बताने जा रहे हैं कि आप किस-किस बैंक में इस योजना के तहत अप्लाई क सकते हैं इसकी सूचना नीचे दी गई है-
प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए पब्लिक बैंक -Public bank for the Prime Minister’s Jan Dhan Yojana
इलाहाबाद बैंक
केनरा बैंक
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया
कॉर्पोरेशन बैंक
आंध्रा बैंक
बैंक ऑफ़ बड़ौदा
बैंक ऑफ़ इंडिया
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र
भारतीय महिला बैंक
देना बैंक
आइडीबीआई बैंक
इंडियन बैंक
ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
सिंडिकेट बैंक
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया
पंजाब एंड सिंध बैंक
पंजाब नेशनल बैंक
विजया बैंक
प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए प्राइवेट बैंक्स
एक्सिस बैंक लिमिटेड
धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड
फ़ेडरल बैंक लिमिटेड
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड
आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड
इंडसइंड बैंक लिमिटेड
कर्नाटक बैंक लिमिटेड
कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड
यस बैंक लिमिटेड
प्रधानमंत्री जन धन योजना के जरिए प्रधानमंत्री ने गरीबों को सशक्त बनाने की कोशिश की है इसके साथ ही गरीबों में बचत की भावना का विकास हुआ है और भविष्य की सुरक्षा का भी भाव पैदा हुआ है। इस योजना के जरिए देश का पैसा भी सुरक्षित रहेगा इसके साथ ही जनहित के कार्यों को बढ़ावा भी मिलेगा।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के छोटे व्यापरियों और लघु उद्योगों को वित्तीय सहायता देने के मकसद से प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से छोटे व्यापारी बैंक से लोन लेकर अपना व्यापार बढ़ा सकते हैं साथ ही नया बिजनेस शुरु भी कर सकते हैं।
Pradhan Mantri Mudra Yojana
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना -Pradhan Mantri Mudra Yojana
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना की शुरुआत 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ हुई ।
मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश – The main purpose of the money scheme
मोदी सरकार की मुद्रा बैंक योजना के दो मुख्य मकसद हैं पहला व्यापारियों को आसानी से लोन दिलवाना और दूसरा मकसद है व्यापार के जिए रोजगार सृजन करना।
व्यापार के लिए बैंक से लोन पास कराना किसी मुश्किल से कम नहीं था। लोगों को इसके लिए महीनों बैंक के चक्कर लगाने पड़ते थे जिससे ज्यादातर लोग लोन लेने में कतराते थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना के जरिए लोगों को आसानी से लोन लेने की सुविधा दी है। जिससे न सिर्फ लोगों में स्वरोजगार का भाव प्रकट हुआ बल्कि उन्हें अपना बिजनेस बढ़ाने में भी काफी सहायता मिली।
इस योजना का मुख्य मकसद लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है साथ ही नए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने पहले भी कई योजनाएं शुरु की हैं जो छोटे व्यापारियों की आर्थिक और तकनीकी मद्द करती हैं। मुद्रा योजना एक तरह से देश के सूक्ष्म क्षेत्र का समर्थन करने के लिए हैं ।
मुद्रा योजना के माध्यम से खाद्य सेवा, कारीगरों, विक्रेताओं और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रा योजना के तहत बढ़ाया जाएगा ।
मुद्रा योजना के तहत आम लोगों के साथ वित्तीय संस्थानों से जोड़े जाने का का भी लक्ष्य है।
इस योजना का का उद्देश्य छोटे व्यापारी को अपनी क्षमताओं का विस्तार करने का भी है।
इस योजना का मकसद कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध करवाना भी है।
मुद्रा बैंक योजना में महिलाओं पर फोकस
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाईनेंस एजेंसी हैं। मोदी सरकार ने इस योजना के तहत महिलाओं पर अच्छा खासा ध्यान दिया है। जिसकी वजह से लोन लेने वालों में महिलाओं को बढ़ोतरी हुई है।
इस योजना की मदत से ज्यादातर महिलाएं आसानी से लोन लेकर अपने बिजनेस को बढ़ावा दे रही है या फिर नया स्टार्ट अप की शुरुआत कर रही हैं।
मुद्रा बैंक योजना की बेवसाइट के मुताबिक इस योजना के तहत 23 मार्च 2018 तक 228144 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी जा चुकी है। वहीं सरकार ने इस योजना के तहत 220596 करोड़ के लोन बांटे हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के लाभ – Benefits of Prime Minister’s Money Bank Scheme
इस योजना के माध्यम से 10 लाख रुपए तक का लोन आसानी से लिया जा सकता है।
इस योजना के तहत लोन लेना काफी आसान है।
इस योजना की खास बात यह है कि लोन लेने के लिए कोई गारन्टी की जरूरत नहीं पड़ती।
कर्ज देने वाली संस्थानों को बैंक नई तकनीक उपलब्ध करवाती है जिससे कर्ज लेने और देने दोनों में काफी आसानी होती है।
इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा छोटे व्यापारियों को मिल रहा है साथ ही कारोबार बढ़ाने में भी मद्द मिल रही है।
इस योजना के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा मिलता है इसके साथ ही व्यापारियों का हौसला अफजाई भी होता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से देश के आर्थिक विकास में भी मद्द मिलती है।
इस योजना के माध्यम से नई गतिविधियों का संचार होता है।
इस योजना से छोटे व्यापारियों का हौसला बढ़ता है और कॉम्पटीशन की भावना पैदा होती है जिससे देश के विकास में मद्द मिलती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कौन-कौन लोन ले सकता है – Who can take loan under the Prime Minister Money Scheme?
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के तहत सिर्फ भारतीय नागरिक ही लोन के लिए आवदेन कर सकता है।
जो व्यक्ति अपना व्यापार शुरु करना चाहता है वो इस योजना के तहत लोन ले सकता है।
व्यापारी इसके लिए 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना के तहत निर्माण, प्रोघौगिकी, व्यापार, सर्विसेज के लिए लोन ले सकते हैं।
छोटे व्यापारी चाहे फल-सब्जी विक्रेता हों, मशीन ऑपरेट करते हों या फिर फैक्ट्री लगाना चाहते हैं तो वे प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के तहत लोन ले सकते हैं।
पढ़ाई के लिए या निजी काम के लिए ये लोन नहीं लिया जा सकता।
इसके साथ ही अगर आप टैक्सी, रिक्शा, ट्रक लेने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो आपको मुद्रा बैंक से लोन मिल सकता है।
वहीं अगर आपने पहले किसी बैंक से लोन लिया है और उसका सही से भुगतान नहीं किया, तो आपको मुद्रा लोन नहीं मिलेगा।
मुद्रा बैंक योजना के अंतर्गत कौन से लोन ले सकते हैं ? – Which loan can you take under the money bank scheme?
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति लोन लेना चाहता है तो उसके हिसाब से अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है। इस योजना के तरह लोन लेने वालों को तीन हिस्सों में वर्गीकृत किया गया है पहले वो लोग जो कि अपना व्यापार शुरु करने वाले हैं दूसरे वो लोग जिन्हें अपने अपना व्यापार को चलाने के लिए लोन की आवश्यकता हो और तीसरे वो लोग जो लोन लेकर अपने व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं तो इस तरह मुद्रा बैंक ने इन तीन हिस्सों की जरूरतों के लिए तीन कर्ज उपकरणों की शुरुआत की है जो कि नीचे लिखी गई है –
शिशु- इसके दायरे में 50,000 रुपये तक के कर्ज कवर किए जाते हैं।
किशोर- इसके दायरे में 50,000 रुपए से लेकर 5 लाख तक कर्ज आते हैं।
तरुण- इसके दायरे में 5 से 10 लाख तक के कर्ज आते हैं।
मुद्रा योजना के तहत कम से कम 60% कर्ज शिशु लोन के रूप में भी दिया जाता है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना कुछ ही क्षेत्रों में सीमित हैं, जैसे- जमीन परिवहन, सामुदायिक, सामाजिक एवं वैयक्तिक सेवाएं, खाद्य उत्पाद और टेक्सटाइल प्रोडक्ट सेक्टर जबकि आगे वाले भविष्य में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
भविष्य में की जाने वाली कुछ खास पेशकश
मुद्रा कार्ड
पोर्टफोलियो क्रेडिट गारंटी
क्रेडिट एनहांसमेंट
मुद्रा लोन के तहत ब्याज दरें –
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के तहत मुद्रा लोन की कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है आपको बता दें कि ये ब्याज दरें अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करती हैं, अलग-अलग बैंकों के लिए ब्याज दरें अलग-अलग हो सकती हैं।
इसके अलावा जो शख्स लोन के लिए आवेदन करता है उसके व्यापार की रिस्क के आधार पर भी बैंक की ब्याज दरें अलग-अलग हो सकती हैं। वैसे अगर देखा जाए तो मुद्रा बैंक की ब्याज दरें करीब 12% के आस-पास होती हैं।
इसके साथ ही आपको बता दें इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को सब्सिडी नहीं दी जाती है। सरकार की तरफ से इस योजना के सब्सिडी उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान नहीं है साथ ही आपको ये भी बता दें कि जिसमें सरकार कैपिटल सब्सिडी देती है तो उस सब्सिडी को मुद्रा लोन योजना से लिंक कर सकते हैं।
कैसे ले सकते हैं मुद्रा लोन ? – How can The Mudra Loan
Step 1: सही बैंक का चुनाव करना और जानकारी जुटाना –
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने की कोई निश्चत प्रक्रिया नहीं है, लोन लेने के लिए आवेदक को सबसे पहले अपने आस-पास के बैंकों से संपर्क कर ब्याज दरों और लोन की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी जुटानी चाहिए। इसके बाद आवेदक को लोन लेने के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है और उसके साथ कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होते हैं।
Step 2 : दस्तावेज तैयार करना और एप्लीकेशन जमा करना –
लोन लेने के लिए जरूरी है कि आप पहले से ही अपने सारे दस्तावेज तैयार कर लें क्योंकि बैंक हमेशा आवेदक की वित्तीय आवश्यकताओं के आधार पर दो तरह की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जिसमें वे अलग-अलग तरह के दस्तावेज की मांग कर सकते हैं।
आपको बता दें कि लोन देने के लिए बैंक अलग-अलग दस्तावेज की जांच करता है जैसे कि पिछले 2 सालों की बैलेन्स शीट, इनकम टैक्स, रिर्टन्स और आवेदक की पूरी जानकारी जुटाकर यह जानने की कोशिश करते हैं क्या आप ब्याज समेत लोन चुकाने की क्षमता रखते हैं या नही इसके साथ ही बैंक यह भी जानने की कोशिश करते है बैंक द्धारा दिया गया पैसा सुरक्षित रहेगा या नहीं रहेगा।
वहीं जब बैंक आवेदक को लोन देता है तो इसके हर पहलू को जानने की कोशिश करता है जैसे की बैंक द्धारा लिए गए लोन का इस्तेमाल किन कामों में होगा या फिर आने वाले समय में लोन की वजह से बिजनेस में कितना लाभ होगा।
मुद्रा लोन के लिए जरूरी दस्तावेज – Documents Required for Mudra Loan
मुद्रा लोन लेने के लिए आपको किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है उसकी लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं लेकिन इससे पहले ये जानना जरूरी है कि दस्तावेजों को संख्या लोन की राशि, बिजनेस नेचर, बैंक नियम आदि के आधार पर ज्यादा और कम भी हो सकती है। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची इस प्रकार है-
पहचान पत्र ( वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट )
पते का प्रमाण (टेलीफोन बिल, बिजली का बिल, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, वोटर आईडी, आधार कार्ड)
जाति प्रमाण पत्र।
बिज़नेस का लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।
आपने किसी बैंक में किसी तरह का डिफ़ॉल्ट नहीं किया हो।
पिछले 6 महीने के आपके बिज़नेस के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट।
अगर आपके लोन की राशि 2 लाख रुपए से ज्यादा की है, तो आपको अपने या बिज़नेस के 2 साल के आयकर रिटर्न और बिज़नेस की बैलेंस शीट भी जमा करनी होगी।
फोटोग्राफ।
मुद्रा लोन एप्लीकेशन फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड करें
मुद्रा लोन के लिए आप एप्लीकेशन फॉर्म संबंधित बैंक से ले सकते हैं या फिर बैंक साइट से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
Step 3. लोन प्रोसेसिंग
मुद्रा लोन लेने के लिए पहले आपको सभी दस्तावेज के साथ एप्लीकेशन फॉर्म जमा करना होगा फिर इसके बाद बैंक आपके सभी दस्तावेजों की पड़ताल करेगी और यह भी हो सकता है कि बैंक आपसे कुछ और दस्तावेज भी मांगे। इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता है। वहीं प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको दी गई राशि का चैक दे दिया जाएगा जो कि आवेदक के बैंक अकाउंट में जमा होता है।
आपको बता दें कि ये पूरी प्रक्रिया में बैंक यह भी सुनिश्चित करती है कि लोन की राशि आपके बिजनेस या उसी उद्देश्य के लिए ही खर्च हो, जिसके लिए लोन दिया गया है, इसके लिए कई कदम भी उठाए जाते हैं।
मुद्रा कार्ड क्या है ? – What is Mudra Card
मुद्रा कार्ड प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंर्तगत जारी किया जाता है। मुद्रा कार्ड एक डेबिट कार्ड की तरह होता है जो कि मुद्रा लोन धारक को मुद्रा लोन के रुपए निकालने और कर्ज अदायगी के लिए किया जाता है।
इस कार्ड की मदत से छोटे व्यापारी इस पूंजी को अपनी जरूरत के हिसाब से इस कार्ड के जरिए निकाल सकते हैं। वहीं मुद्रा कार्ड का मुख्य मकसद व्यापारियों की चालू पूंजी की जरूरतों को पूरा करना है जिससे व्यापारी अपने व्यापार में रोज होने वाले खर्चों का मुद्रा कार्ड के माध्यम से भुगतान कर सके और ब्याज खर्च को कम कर सके।
मुद्रा लोन के लिए बैंकों की सूची – List of Banks for Mudra Lan
मुद्रा लोन बैंक और MFI इंस्टीट्यूशन भी मुद्रा लोन देती हैं इनमें से कुछ बैंक पब्लिक बैंक, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों की तरफ से भी मुद्रा लोन दिया जाता है।
इस योजना के तहत नीचे लिखे गए संस्थानों की तरफ से लोन दिए जा रहे हैं।
27 पब्लिक बैंकों द्वारा
17 निजी बैंकों द्वारा
31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा
4 सहकारी बैंकों द्वारा
36 माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा
25 गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा
मुद्रा बैंक योजना के माध्यम से कई व्यापारियों को अपना व्यापार बढ़ाने में मदत मिल रही है तो कई लोग मुद्रा लोन लेकर अपना नया व्यापार शुरु कर रहे हैं वाकई मुद्रा बैंक योजना लोगों के बीच काफी मद्दगार साबित हो रही है।
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दोस्तों आज जानते हैं 9 अगस्त का इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेंमे जैसे अमेरिका ने जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया और साथ ही जानते हैं उन लोगों के जन्मदिन के बारेमें जिन्होंने दुनिया में आकर बहुत बड़ा नाम किया साथ ही उन मशहूर लोगों के बारेंमे जो इस दुनिया से चले गए।
9 अगस्त आज का इतिहास – Historical Events on August 9
9 August History
9 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ- Important events of August 9
दुनिया के सात अजूबों में से एक इटली के पीसा की झुकी हुई मीनार का निर्माण 1173 में शुरू हुआ।
पोप जॉन 22वें ने 1329 में भारत के क्यूलोन में पहले कैथोलिक धर्मप्रदेश की स्थापना की।
वेटिकन का सिस्टिन चैपल 1483 में प्रार्थना के लिए खुला।
अमेरिका में 1831 में पहली बार स्टीम इंजन ट्रेन चली।
वेबस्टर एशबर्टन संधि के तहत अमेरिका और कनाडा की सीमा 1842 में निर्धारित की गई।
थॉमस अल्वा एडिसन ने 1892 में टू-वे टेलिग्राफ का पेटेंट कराया।
अल्वा फिशर ने 1910 में बिजली से चलने वाली वाशिंग मशीन का पेटेंट हासिल किया।
प्रसिद्ध काकोरी काण्ड की घटना 1925 में घटित हुई थी।
मुंबई में 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के साथ ‘करो या मरो’ का नारा देने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 50 समर्थकों के साथ गिरफ्तार किए गए।
स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1942 में मलाया (अब मलेशिया) में जापान की मदद से इंडियन नेशनल आर्मी की स्थापना की।
अमेरिका ने 1945 में जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया।
रूस की राजधानी मास्को में परमाणु हथियारों की परीक्षण प्रतिबंध संधि पर 1963 में हस्ताक्षर करने वाला भारत पहला देश बना।
सिंगापुर 1965 में मलेशियाई संघ से अलग होकर स्वतंत्र राष्ट्र बना।
भारत और सोवियत संघ ने 1971 में 20 साल की अनाक्रमण संधि पर हस्ताक्षर किए।
सोवियत संघ ने 1973 में मार्स 07 का प्रक्षेपण किया।
वॉटरगेट कांड का खुलासा होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निस्कन ने 1974 को त्यागपत्र दिया, उप राष्ट्रपति जेरल्ड फोर्ड को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को 1996 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान चुना गया।
रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने 1999 में प्रधानमंत्री सर्जेई स्तेपशिन को बर्खास्त कर खुफिया सेवा के प्रमुख ब्लादिमीर पुतिन को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
संसद ने 2000 में मध्य प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2000 को मंजूरी दी जिससे एक अलग छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का रास्ता साफ हुआ।
जिम्बाव्वे में 2000 को व्यापक विरोध के बावजूद भूमि सुधार की प्रक्रिया शुरू।
नासा का मानवयुक्त अंतरिक्षयान डिस्कवरी 14 दिन की अपनी साहसिक और जोखिम भरी यात्रा के बाद कैलिफ़ोर्निया स्थित एयरबेस पर 2005 में सकुशल उतरा।
नेपाल सरकार और माओवादियों के बीच 2006 में संयुक्त राष्ट्र निगरानी मुद्दे पर सहमति बनी।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मरम्मत के महत्त्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 2007 में वैज्ञानिकों की टीम लेकर अंतरिक्ष यान एण्डेवर अपने अभियान पर निकला।
भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के समर्थन से मलेशिया के सांस्कृतिक मंत्री व सांसद मोहम्मद शफी अरदाल को 2008 में राष्ट्रकुल संसदीय संघ (सीपीए) का नया अध्यक्ष चुना गया है।
बंगाल ने 2010 में पंजाब को हराकर 11 साल बाद संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता जीत ली।
भारतीय सेना ने 2012 में परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
9 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 9 August
अंग्रेजी इतिहासकार और व्यापारी अर्नोल्ड फिज़ थेड्मर का जन्म 1201 को हुआ था।
इतालवी गणितज्ञ और खगोलशास्त्री फ्रांसिस्को बारोज्ज़ी का जन्म 1537 को हुआ था।
अंग्रेजी कवि, नाटककार और आलोचक जॉन ड्राइडन का जन्म 1631 को हुआ था।
बंगाल के ब्रिटिश गवर्नर (1922-27 ई.) और मंचूरिया लॉर्ड लिटन द्वितीय का जन्म 1876 में हुआ।
संयुक्त प्रांत के राज्यपाल फ्रान्सिस वर्नर वाईली का जन्म 1891 को हुआ था।
उपन्यासकार शिवपूजन सहाय का जन्म 1893 को हुआ था।
विख्यात पुस्तकालाध्यक्ष और शिक्षाशास्त्री एस. आर.रंगनाथन का जन्म 1892 को हुआ था।
ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित कन्नड़ भाषा के प्रमुख साहित्यकार विनायक कृष्ण गोकाक का जन्म 1909 को हुआ था।
आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार मनोहर श्याम जोशी का जन्म 1933 को हुआ था।
हिंदी के साहित्यकार अभिमन्यु अनत का जन्म 1937 को हुआ था।
भारतीय अभिनेता महेश बाबू का जन्म 1975 को हुआ था।
भारतीय फिल्म अभिनेत्री हंसिका मोटवानी का जन्म 1991 को हुआ था।
9 अगस्त को हुए निधन – Died on 9 August
जर्मनी के शायर और लेखक नोबेल पुरुस्कार हरमैन हीसे का निधन 1962 में हुआ।
जीवन में 30 वर्ष जेल में बिताने वाले स्वतंत्रता सेनानी त्रिलोकनाथ चक्रवर्ती का निधन 1970 में हुआ।
प्रसिद्ध कथावाचक एवं हिन्दी साहित्यकार रामकिंकर उपाध्याय का निधन 2002 को हुआ था।
अरुणाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल का निधन 2016 को हुआ था।
9 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important events and festivities of 9 August
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देश के आर्थिक विकास और लोगों को लाभ पहुंचाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम योजनाएं लॉन्च की उनमें से एक है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana जो कि एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है।
जिसके तहत किसी भी धारक की मौत होने पर 2 लाख रुपए की बीमा राशि दी जाती है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana ये योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मई 2015 को लॉन्च की थी, जबकि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने वित्तीय बजट भाषण में 28 फरवरी 2015 को इसकी घोषणा की थी।
आपको बता दें कि इस योजना के तहत आवेदक को 330 रुपए का प्रीमियम सालाना भरना होगा जिसे हर साल रिन्यू करवाना होता है। वहीं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana की खास बात यह है कि इसके तहत कोई भी व्यक्ति जीवन बीमा करवा सकता है।
Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana
इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं कि जैसे कि इस योजना से क्या-क्या लाभ हैं, कौन इस योजना के तहत बीमा ले सकता है। इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें इसके साथ ही इस योजना के तहत क्लेम कैसे किया जाता है, इसके अलावा इस योजना के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए समेत तमाम जानकारी के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का उद्देश्य – Purpose of Pradhan Mantri Jyot Jyoti Bima Yojna
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग और गरीब लोगों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी करवाने का है। यह योजना प्रधान मंत्री जन धन योजना से जुड़ी हुई है।
प्रधानममंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभ – Benefits of the Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojana
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत जो भी बीमा पॉलिसी धारक होता है। उसकी मौत के बाद नॉमिनी को 2 लाख रुपए का जीवन बीमा दिया जाएगा।
इस योजना के तहत अगर पॉलिसी धारक प्रीमियम भरता है तो उसे इनकम टैक्स की धारा 80 C के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलेगा।
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1 साल का कवरेज मिलता है साथ ही पॉलिसी धारक की मौत के बाद उनके परिवार वालो को भी 2 लाख रुपये का कवरेज मिलता है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का प्रधानमंत्री जन धन योजना से जुड़े होने का भी काफी फायदा है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का बैंक से जुड़े होने की वजह से पॉलिसी धारक को इसकी डेट याद रखने की भी कोई जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री ज्योति बीमा योजना का प्रीमियम 330 रुपए हैं जो कि 1 रुपए दिन से भी कम है।
कौन कर सकता है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत आवेदन ? – Who can apply under Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojna?
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana के तहत सिर्फ 18 साल से 50 साल तक के व्यक्ति पॉलिसी के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित व्यक्त्तियों का बैंक में अकाउंट होना जरूरी है वहीं जो लोग यह पॉलिसी 50 साल के पहले लेते हैं, उन्हें 55 साल तक जीमा बीमा कर कवरेज मिलेगा जबकि इस योजना का लगातार लाभ लेने के लिए प्रीमियम का भुगतान समय से करना होगा।
इस योजना के तहत ली गई पॉलिसी 1 जून से 31 मई तक चलती है हर साल इसे रिन्यू करवाना होता है।
अगर आप इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो इसमें शामिल होने के लिए स्वीकृति देनी होगी और इसके बाद हर साल प्रीमियम आपके बैंक खाते से अपने आप कट जाएगा।
अगर आप योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं और प्रीमियम का भुगतान समय पर भरते हैं तो ज्वाइंट अकाउंट धारक भी इस योजना का फायदा ले सकते हैं इसके साथ ही ज्वाइंट अकाउंट के सभी धारक इस योजना में आसानी से शामिल हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए पॉलिसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना बेहद जरूरी है वहीं अगर आपके पास सेविंग्स अकाउंट नहीं है तो आप प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत बचत खता खुलवा सकते हैं जिसमे आपको पैसे जमा करने की जरुरत भी नहीं होती।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत मिलने वाली सुविधा – Facilities provided under Prime Minister Jeevan Jyoti Yojana
इस योजना के तहत पॉलिसी धारक को 1 साल का कवरेज दिया जाता है जिसे हर साल रिन्यू करवाना पड़ता है।
इस योजना की खास बात यह है कि पॉलिसी धारक कभी भी प्रीमियम बंद करवा सकते हैं और कभी भी इस यजना से जुड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana के तहत 2 लाख रुपए तक का फायदा ले सकते हैं, योजना के अंतर्गत सिर्फ 330 रुपए का प्रीमियम प्रति साल भरना पड़ेगा।
इस योजना की विशेषता यह है कि पॉलिसी करना पैसों के लिए कभी भी क्लेम कर सकता है इसके साथ ही क्लेम सेटलमेंट भी जल्दी हो जाता है।
यह योजना बैंक से जुड़ी हुई है जिससे प्रीमियम भरने की धारक को न तो तिथि याद रखने की जरूरत होती है और न ही उसे प्रीमियम भरने के लिए बैंक जाना होता है क्योंकि प्रीमियम सीधे तौर पर बैंक खाते से ही काट लिया जाता है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना पर टैक्स सुविधा – Tax facility on Prime Minister Jeevan Jyoti Insurance Scheme
प्रधानमंत्री की यह योजना 80 C के तहत टैक्स फ्री है वहीं अगर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1 लाख रुपए से ज्यादा भुगतान किया जा रहा है, लेकिन फॉर्म 15 G या 15 H जमा नहीं किया गया है तब कुल आय से 2 प्रतिशत टीडीएस काटने का भी प्रावधान इस योजना के तहत है।
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पॉलिसी – Policy under Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojana
अगर आप सोच रहे हैं कि आपके पास दो सेविंग अकाउंट है तो आप दोनों के साथ यह बीमा ले लें तो आपको बता दें कि आप प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत ऐसा नहीं कर सकते हैं केवल 2 लाख रुपए तक का ही बीमा ले सकते हैं।
वहीं अगर बीमा पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए आपके अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं है, तो भी आपका पॉलिसी कवरेज अपने आप खत्म हो जाएगी।
साथ ही आपको ये भी बता दें कि प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना के तहत अगर आप पहली बार पॉलिसी लेते हैं तो पॉलिसी लेने के 45 दिन तक आपको जीवन बीमा नहीं मिलता है। इसका मतलब पहले 45 दिनों में मौत होने पर कुछ नहीं मिलेगा वहीं ये नियम अगर दुर्घटना में हुई मौत पर लागू नहीं होगा बल्कि किसी दुर्घटना में हुई मौत पहले दिन से ही कवर होगी।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना – Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana के तहत अगर आप किसी वजह से इस योजना से बाहर हो गए तो आप वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करके फिर से इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की सीमा – Limit of Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojana
इस योजना के तहत ली गई पॉलिसी 55 साल की आयु के बाद बंद हो जाती है।
अगर पॉलिसी धारक इस योजना को साल में रिन्यू नहीं करवाता है तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा पॉलिसी बंद की जा सकती है।
अगर आप प्रीमियम की राशि का भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो बैंक या इस योजना के तहत पॉलिसी देने वाली बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी को बंद कर सकती है।
इस योजना के तहत अगर उपभोक्ता के पास 2 सेविंग अकाउंट हैं और पॉलिसी धारक दोनों बचत खाते से जुड़ा हुआ है और दोनो अकाउंट से प्रीमियम की राशि का भुगतान किया गया है तो इस केस में राशि और प्रीमियम उचित कार्रवाई की जाती है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेज – Documents required to apply under the Prime Minister Jeevan Jyoti Yojana
आवेदक के आधार कार्ड की कॉपी
आवेदक के पासपोर्ट साइज फोटो
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए कैसे आवेदन करें ? – How to apply for Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojana?
स्टेप 1-
अगर आप इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी पास की बैंक या फिर जिस बैंक में आपका खाता है सबसे पहले आपको वहां जाना पड़ेगा।
स्टेप 2-
प्रधान मंत्री जीवन ज्योति योजना के लिए आपको बैंक से एक फॉर्म मिलेगा या फिर इस योजना के तहत आप खुद ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
स्टेप 3-
फॉर्म लेने के बाद अपनी सारी डिटेल भर के इस फॉर्म को बैंक में जमा करना होगा इसके साथ ही आपको अपने आधार कार्ड और दो फोटोग्राफ भी जमा करवानी होगी।
स्टेप 4-
इसके बाद आपको प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पॉलिसी मिल जाती है वहीं बीमा प्रीमियम के पैसे पॉलिसी धारक के बचत खाते से जमा करवाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए क्लेम कैसे करें? – How to claim for Prime Minister Jyoti Jyoti Bima Yojana?
जिस व्यक्ति का बीमा करवाया गया हो तो उसकी मौत होने के बाद उनके नॉमिनी प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत क्लेम कर सकते हैं।
इसके बाद सबसे पहले पॉलिसी धारक के नॉमिनी को बैंक से संपर्क करना चाहिए।
इसके बाद नॉमिनी को बैंक से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा क्लेम फॉर्म एंड डिस्चार्ज रसीद लेनी होगी।
फिर नॉमिनी को क्लेम फॉर्म और डिस्चार्ज रसीद फॉर्म के साथ मृत्यु प्रमाणपत्र और कैंसल चैक के फोटोग्राफ जमा करने होंगे।
इसके बाद क्लेम अमाउंट नॉमिनी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी जो कि ज्यादा से ज्यादा 60 दिनों के अंदर मिल जाएगा।
तो आप इस तरह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत बीमा पॉलिसी का लाभ ले सकते हैं। यह योजना आम आदमी को समाजिक सुरक्षा देने के मकसद से लॉन्च की गई थी जिसका आज करोड़ों देशवासी लाभ ले रहे हैं।
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Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana – प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्धारा शुरु की गई प्रमुख योजनाओं में से एक है। Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana – प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को एक सामाजिक सुरक्षा योजना के तौर पर लॉन्च किया गया है जो कि अचानक किसी शख्स की मौत और विकलांगता पर इस योजना के तहत बीमा की राशि उपलब्ध करवाती है।
Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana (PMSSY)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना – Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana
वहीं Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana – प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को खासकर ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना है इसके साथ ही इस योजना का मकसद गरीब तबके के लोगों को लाभ दिलवाना भी है।
इसकी शुरुआत 9 मई, 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में की थी। जबकि इसकी घोषणा वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 28 फरवरी, 2015 को वार्षिक बजट भाषण के दौरान की थी।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना क्या है ? – What is the Prime Minister’s Security Insurance Plan?
यह योजना एक तरह की दुर्घटना बीमा योजना है जो कि किसी व्यक्ति की आकस्मिक मौत और विकलांगता पर बीमा कवरेज देती है, आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को हर साल रिन्यू करवाना होता है।
वहीं इसकी खास बात यह है कि इस योजना के तहत आवेदनकर्ता को दुर्घटना बीमा पॉलिसी में सिर्फ 12 रुपए का वार्षिक प्रीमियम भी भरना होता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्ति को बीमा पॉलिसी उपलब्ध करवाना है जिनकी मौत दुर्घटना में अचानक हो जाती है या फिर उन लोगों को इस योजना का लाभ दिलवाना है जो रिस्क उठाने का काम करते हैं, और किसी दुर्घटना में अपनी जान गवां बैठते हैं या फिर शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं, तो ऐसे में उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े इसलिए इस योजना की शुरुआत की गई।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की खास बात यह है कि यह दुर्घटना बीमा पॉलिसी बहुत सस्ते दामों पर आवेदकों को उपलब्ध करवाता है, इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से विकलांगता की स्थिति में भी वित्तीय मद्द सही ढंग से मिलती है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत सिर्फ उम्र 18 साल से 70 साल तक के लोग ही आवेदन कर सकते हैं लेकिन बशर्ते आवेदक के पास उसका बैंक अकाउंट होना चाहिए जिससे इस योजना के तहत भरा जाना वाला प्रीमियम पॉलिसी धारक के अकाउंट से सीधे तौर पर कट जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का उद्देश्य – Purpose of Prime Minister’s Security Insurance Scheme
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का मुख्य मकसद है कि अगर किसी शख्स की अचानक दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसे बीमा पॉलिसी का लाभ दिलवाना है इसके साथ ही गरीब तबके के लोगों को इस योजना का लाभ दिलवाना और ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ना प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का प्रमुख लक्ष्य है।
आपको बता दें कि इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति क्लेम तभी कर सकता है या तो दुर्घटना में मौत हो जाए या फिर शारीरिक रूप से अक्षम हो जाए। यह योजना 1 साल के लिए वैध रहती है जिसे हर साल रिन्यू करवाना होता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आंशिक तौर पर किसी व्यक्ति के अपंग होने पर भी 1 लाख रुपए तक की बीमा राशि दी जाती है वहीं इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि सभी धर्म के लोगों के लिए सस्ती है। अगर पॉलिसी धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है या हादसे में कोई अंग खराब हो जाता है तो उसे 2 लाख रुपए मिलेंगे।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ – Advantages of Prime Minister’s Security Insurance Scheme
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत अगर पॉलिसी धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है उसे 2 लाख रुपये का दुर्घटना जीवन बीमा दिए जाने का प्रावधान है। वहीं अगर पॉलिसी धारक आंशिक तौर पर विकलांग होता है तो उसे 1 लाख रुपए का बीमा भी दिया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सबसे सस्ती योजना है जी हां इसके तहत पॉलिसी धारक को बीमा राशि के लिए सिर्फ 12 रुपए हर साल मतलब की हर महीने केवल 1 रुपए की राशि ही प्रीमियम के तौर पर देनी होती है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का बैंक से जुड़े होने से पॉलिसी धारक को काफी लाभ पहुंचता है इससे न तो पॉलिसी धारक को प्रीमियम भरने की चिंता रहती है क्योंकि ये राशि सीधे पॉलिसी धारक के अकाउंट से काट ली जाती है और न ही उसे प्रीमियम की राशि का भुगतान करने के लिए बैंक जाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एक ऐसी योजना है जिसका फायदा सभी वर्ग के लोग ले सकते हैं क्योंकि यह योजना अब तक की सबसे सस्ती बीमा योजना है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की सीमा – Boundary of prime security insurance scheme
अगर कोई शख्स प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ लेना चाहता है तो इसके लिए व्यक्ति की आयु 18 से 70 साल के बीच होनी चाहिए तभी वह इस योजना का फायदा ले सकता है।
अगर कोई शख्स प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आवेदन करना चाहता है और उसके पास एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट है तो वह सिर्फ एक ही सेविंग अकाउंट से ही इस स्कीम के जरिए बीमा करवा सकता है।
प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए योग्यता – Eligibility for Prime Minister’s Security Insurance Scheme
इस योजना के लिए जो भी व्यक्ति आवेदन करना चाहता है तो इसके लिए जरूरी है कि आवेदक की आयु 18 साल से ज्यादा हो जबकि 70 साल से कम हो यानि की 18 से 70 साल के बीच में ही होनी चाहिए।
जो भी शख्स योजना का फायदा लेना चाहता है उसके पास आधार कार्ड होना भी बेहद जरूरी है बिना आधारकार्ड के आप इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।
जो भी शख्स प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ लेना चाहता है लेकिन उसके पास सिर्फ एक से ज्यादा बचत खाते हैं तो ऐसे में वो शख्स सिर्फ एक ही खाते से इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है वहीं प्रीमियम की राशि भी व्यक्ति के एक ही बचत खाते से काटी जाएगी जबकि अगर किसी आवेदक के पास ज्वाइंट अकाउंट यानि की संयुक्त खाता है तो इस केस में ज्वाइंट अकाउंट के सभी धारक इस योजना का फायदा ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की खास बात यह है कि जो व्यक्ति भारत का निवासी नहीं है वो भी इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र है, लेकिन बशर्तें उस शख्स को इसकी राशि भारतीय मुद्रा में ही दी जाती है।
प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए जरुरी दस्तावेज – Documents required for Prime Minister’s Security Insurance Scheme
आधार कार्ड नंबर
संपर्क विवरण यानि की आवेदक की कॉन्टेक्ट डिटेल
नामांकित व्यक्ति की पूरी जानकारी
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रीमियम कितना है और भुगतान कैसे करें ? – How much is the premium under Prime Minister’s Security Insurance Scheme and how to pay?
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत पॉलिसी धारक को हर साल 12 रुपए की राशि प्रीमियम के तौर पर अदा करनी होती है जो कि धारक के बैंक अकाउंट से सीधे तौर पर काट ली जाती है।
इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि हर साल धारक के खाते से 1 जून से पहले या उससे पहले एक किश्त में ‘ऑटो डेबिट’ की सुविधा के माध्यम से यानि की अपने आप प्रीमियम की राशि धारक के अकाउंट से काट ली जाती है हालांकि, जिन मामलो में ऑटो डेबिट 1 जून के बाद होता है, तो बीमा कवर बैंक की तरफ से प्रीमियम ऑटो डेबिट की तारीख से शुरु होगा।
इस योजना के लिए कहां से फॉर्म खरीदें ? – Where to buy the form for this scheme?
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों और अन्य सामान्य बीमा कंपनियों के माध्यम से हिस्सा लेने वाले बैंकों के सहयोग से पेश किया जाता है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि बैंक अपने ग्राहकों के लिए योजना को लागू करने के लिए किसी भी सामान्य बीमा कंपनी को शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं।
इस योजना के अंर्तगत रजिस्ट्रेशन के लिए आपको http://www।jansuraksha.gov.in/Forms-PMSBY.aspx इस बेवसाइट पर जाकर एक फ़ॉर्म डाउनलोड करना होगा, इसके बाद इस फॉर्म में सारी जानकारी भर कर आपको अपने बैंक में जमा करना होगा।
हालांकि, इसको लेकर कुछ बैंकों ने SMS आधारित रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरु की है और खास बात यह है कि ये नेटबैंकिंग के द्वारा भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए कैसे आवेदन करें ? – How to apply for the Prime Minister’s Security Insurance Plan?
अगर आप प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने पास के बैंक में जाना होगा।
इसके बाद आपको बैंक से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए एक फॉर्म लेना होगा। ये फॉर्म आप बैंक की वेबसाइट से ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं।
इसके बाद आवेदनकर्ता को उस फॉर्म में अपनी पूरी सही जानकारी भरनी होगी और इस फॉर्म को बैंक में जमा करना होगा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत जो भी आवेदक बीमा पॉलिसी के लिए आवेदन करता है उसको इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि उस बैंक में आवेदक का खाता जरूर होना चाहिए।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत जो भी शख्स आवेदन करता है इसके लिए जरूरी है उस शख्स के बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो।
इसके अलावा अगर आप प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं आप अपने राज्यों के टोल फ्री नंबर पर भी बात करके जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के तहत क्लेम कैसे करें ? – How to claim under the Prime Minister’s Security Scheme?
आप इस योजना के तहत क्लेम फॉर्म इस वेबसाइट http://www।jansuraksha.gov.in/Forms-PMSBY।aspx से डाउनलोड कर सकते हैं।
अगर पॉलिसी धारक का एक्सीडेंट हो जाता है तो उसे प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के लिए आसानी से क्लेम करना कर सकता है लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते इस प्रकार हैं जिसे क्लेम के दौरान पूरा करना होगा तभी आपको इसके तहत बीमा की राशि मिल सकेगी –
अगर कोई शख्स प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के तहत क्लेम करना चाहता है तो इसके लिए उसे सबसे पहले बैंक से संपर्क करना होगा जहां पर उसने इसके तहत बीमा करवाया हो वहीं अगर पॉलिसी धारक की एक्सीडेंट में मौत हो गई हो तो उसका नॉमिनी बीमा राशि के लिए क्लेम कर सकता है इसके लिए सबसे पहले उस फॉर्म को सबसे पहले क्लेम फॉर्म से लेना होगा जहां पर नोमिनी या बीमा धारक को 30 दिन के अंदर ही डॉक्यूमेंट देने होंगे।
क्लेम के बाद बीमा की राशि प्राप्त करने के लिए आपको कुछ सपोर्टिंग दस्तावेज भी देने होंगे जैसे की अगर सिर्फ एक्सीडेंट हुआ है तो FIR की कॉपी और दुर्घटना के दौरान शरीर का कोई अंग खराब हो गया है तो इसके लिए आपको विकलांगता सर्टिफिकेट भी जमा करना होगा।
वहीं अगर दुर्घटना की वजह से पॉलिसी धारक की मौत हो जाती है तो उस केस में नॉमनी को बीमा की राशि प्राप्त करने के लिए FIR की कॉपी, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा।
इसके बाद बैंक और इंश्योरेंस कंपनी सभी डॉक्यूमेंट वेरीफाई करेगी और उसके बाद 60 दिनों के अंदर आपके अकाउंट में बीमा की पूरी रकम जमा हो जाएगी।
वहीं अगर पॉलिसी धारक की मौत हो जाती हो जाती है तो उस केस में नॉमिनी के बैंक अकाउंट में ये रकम जमा की जाएगी।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से लॉन्च की गई योजनाओं में सबसे सस्ती और सफल योजना है इसके माध्यम से गरीब तबके के लोगों को कठिन वक्त में बीमा पॉलिसी करवाकर सहायता करने की कोशिश की गई है जो कि मोदी सरकार का वाकई एक सराहनीय कदम है।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर को ग्रीन इंडिया, क्लीन इंडिया के मकसद से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की इसके बाद उन्होनें गांवों को स्वच्छ और विकसित बनाने के उद्देश्य से 11 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना – Sansad Adarsh Gram Yojana की शुरुआत की।
Saansad Adarsh Gram Yojana
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना – Sansad Adarsh Gram Yojana
यह योजना नरेन्द्र मोदी की एक प्रतिष्ठित गांव विकास योजना है जो कि सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और विकास समेत गांवों के पूरे विकास पर आधारित है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत करीब 2500 गांवों को 2019 तक इस योजना से जोड़े जाना का लक्ष्य है। इस योजना की एक अनोखी और बेहद खास बात यह है कि इसके तहत देश के सभी सांसदों ने एक गांव को गोद लिया और गोद लिए गए गांव में बुनियादी जरूरतों के हिसाब से विकास करवाया।
आपको बता दें कि करीब 800 सांसद हैं अगर हर एक सासंद तीन गांवों को गोद लेता है और गांवों की विकास की जिम्मेदारी लेता है तो 2019 तक 2500 गांवों को कवर करने का प्रधानमंत्री का मकसद पूरा हो सकता है। वहीं इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकारें, ग्राम पंचायतें, अपनी काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य महात्मा गांधी की व्याख्या पर आधारित है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंर्तगत सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पसंद के जिले की ग्रामीण इलाके से ग्राम पंचायत का चयन करना होता है। वहीं आपको बता दें कि जिस शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में जहां ग्राम पंचायत नहीं है तो उस केस में सांसद आस-पास के ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से भी ग्राम पंचायत को गोद ले सकता है और उसमें विकास करवा सकता है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के मुख्य उद्देश्य – Purpose of Prime Minister Sansad Adarsh Gram Yojna
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो भी ग्राम पंचायत सांसद की तरफ से गोद ली गई हो उसका पूरा विकास करवाए और विकास के काम में तेजी लाए जिससे वहां रह रहे लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना का मकसद यह है कि जो भी ग्राम पंचायत सांसद ने चुनी है उस ग्राम पंचायत में रह रह लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना और ज्यादा से ज्यादा विकास करवाना ताकि ग्राम पंचायत एक आदर्श ग्राम पंचायत बन सके।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य गोद ली गई ग्राम पंचायत में ज्यादा से ज्यादा विकास करना है कि भले ही ये विकास शिक्षा में हो, अच्छे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना हो या फिर रोड कनेक्टिविटी के लिए हो।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़ी हुई ग्राम पंचायतें जिनमें विकास करवाने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाना भी है। जिससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सके और वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।
इस योजना के तहत निर्वाचित सांसद को अपनी पसंद की ग्राम पंचायत में बुनियादी जरूरतों को सुविधाओं पर खास ध्यान देना होगा ताकि वहां रह रहे लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इसके साथ ही ग्राम पंचायत में अच्छा विकास हो सके।
गोद ली गई ग्राम पंचायत में अगर असमानता है तो इस योजना के तहत सांसद की जिम्मेदारी बनती है कि असमानतओं को कम करना इसके साथ ही सभी में समानता का भाव पैदा करना।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद की तरफ से गोद ली गई ग्राम पंचायत में सांसद को ये भी ध्यान रखना होगा कि ये योजना वहां रह रहे लोगों के लिए कितनी लाभकारी साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य है अधिकारों और हक की प्राप्ति करना इसका मतलब जो भी ग्राम पंचायत अपने अधिकारों से वंचित है उसे उसके पूरे अधिकार दिलावाना।
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना का मकसद समाजिक गतिशीलता को भी बढ़ावा देना है यानि की जो भी सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना है जिससे ही एक-दूसरे की भावना का विकास हो सके।
इस योजना का उद्देश्य सामाजिक पूंजी भी है इसका मतलब है कि आपसी तालमेल बिठाना।
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना के तहत ग्राम पंचायत के विकास के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना भी बेहद जरूरी है इसके लिए अगर स्थानीय स्तर के विकास और प्रभावी मॉडल इस तरह बनाने की जरूरत है जिससे पंचायत प्रेरित और प्रोत्साहित होकर उन मॉडल को सीखने और अपनाने के लिए तैयार हो जाएं।
इस योजना के तहत गोद ली गई आदर्श ग्राम पंचायत का मकसद स्ंथानीय विकास के ऐसे केन्द्रों के रूप में विकसित करना है जिससे कि दूसरे ग्राम पंचायत भी प्रशिक्षित हो सकें और इस पर अमल कर सकें।
इस योजना के तहत सांसद द्धारा विकास कामों के लिए सारे महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए जिससे ग्राम पंचायत में पूरा विकास हो सके।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना महात्मा गांधी के विकास की अवधारणा पर आधारित है, इसका मतलब, इस योजना के तहत सांसद द्धारा गोद ली गई ग्राम पंचायत में विकास के साथ-साथ उसे मॉडल गांव बनाना भी है जैसे की इस ग्राम पंचायत में सामाजिक, आर्थिक, व्यक्तिगत विकास के साथ बुनियादी सुविधाएं, सेवाएं, सुरक्षा भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना में विकास कार्यों पर जोर – Emphasis on development works in Prime Minister Sansad Adarsh Gram scheme
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद की तरफ से चुनी गई ग्राम पंचायत में कई विकास के काम करवाए जाते हैं ताकि ग्राम पंचायत एक आदर्श ग्राम पंचायत बन सके और उस ग्राम पंचायत में रह रहे लोगों को सभी सुविधाएं मिल सकें, हम आपको आदर्श ग्राम पंचायत में करवाए जाने वाले विकास कामों की सूची नीचे दे रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं –
इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोले जाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है ताकि उस ग्राम पंचायत का विकास हो सके।
चुनी गई ग्राम पंचायत में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने जोर दिया जाता है जिससे शिक्षा का स्तर बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित हो सकें।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत पंचायत भवन, चौपाल और धार्मिक स्थलों के विकास कामों पर भी सांसद द्धारा खासा बल दिया जाता है।
ग्राम पंचायत एक मॉडल ग्राम पंचायत बन सके इसके लिए सभी का ध्यान रखा जाता है इसलिए इसके तहत गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की व्यवस्था करवाने पर भी ज्यादा जोर दिया जाता है ताकि गर्भवती महिला को किसी तरह की शारीरिक समस्या नहीं हो और वो स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें।
इस योजना के तहत ग्राम पंचायत में गोबर गैस के लिए सार्वजनिक प्लांट लगाने पर भी बल दिया दिया है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत स्कूलों में मिड-डे मील बांटने को भी खासा महत्व दिया जाता है, ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में मिड-डे मील बांटने की कोशिश रहती है ताकि बच्चों को अच्छी क्वालिटी के भोजन के साथ समय पर भोजन प्राप्त हो सके।
इस योजना के तहत किसानों के भी विकास का खासा ध्यान रखा जाता है, इसके अंतर्गत किसानों के लिए ड्रिप इरिगेशन की सुविधा दिए जाने पर काफी काम किया जाता है।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना की विशेषताएं – Characteristics of Prime Minister Sansad Adarsh Gram Yojana
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना की खास बात यह है कि इस योजना का पूरा ब्लूप्रिंट ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से नीचे लिखी गई विशेषताओं के साथ तैयार किया गया है –
इस योजना की खास बात ये है कि मनोनीत सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से अपने पसंद के गांव को ही अपनाना चाहिए जो कि अपने या उसके ससुराल में नहीं होना चाहिए, इसके साथ ही सांसदों को सिर्फ आसपास के ग्रामीण इलाकों को ही चुनना है।
सांसद की तरफ से चुनी गई ग्राम पंचायत के लिए उचित योजना लागू करके गरीब परिवारों को गरीबी से छुटकारा दिलाने के लिए सशक्त बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लैंगिक समानता, महिलाओं को सशक्त बनाना, सामाजिक न्याय और साफ-सफाई पर जोर देने के साथ-साथ गांव को मॉडल गांवों में बदलने के लिए सभी आधारभूत विकास देने पर केन्द्रित हैं।
इस योजना के तहत हर गांव में जिनमें लोगों के लिए रहने के लिए घर नहीं है उनके लिए पक्के घर की व्यवस्था की जाएगी इसके साथ ही स्वच्छता सुविधाओं का खास ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत हर गांव में शिक्षा के स्तर में सुधार किया जाएगा, मॉडर्न स्कूल खोले जाएंगे जिसमें आईटी-सक्षम कक्षा, ई-पुस्तकालय और वेब आधारित शिक्षण शामिल की जाएगी। आपको बता दें कि क्लास 10th तक हर विघार्थी के पास शिक्षा की सभी सुविधाओं की पहुंच होगी।
इस योजना का मुख्य मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है इसलिए इसके तहत स्वास्थ्य कार्ड, चिकित्सा परीक्षा और कुल टीकाकरण के साथ सभी को बुनियादी सुविधाओं मुहैया कराना है।
आपको बता दें कि इसके अलावा भी सार्वजनिक क्षेत्रों में CCTV कैमरे समेत पेयजल की सुविधा, ग्रामीण इलाकों को मुख्य सड़क से जोड़ना, सभी घरों में बिजली की आपूर्ति समेत गांवों में लाइब्रेरी, फोन सुविधा और इंटरनेट कनेक्टीविटी से भी जोड़ना इस योजना का मुख्य मकसद है जिसे उपलब्ध करवाने के लिए सांसद द्दारा खासा ध्यान दिया जाता है।
प्रधानमंत्री सांसद ग्राम योजना के तहत ई- गवर्नेंस पर भी दिया जोर – Emphasis on e-Governance under the Prime Minister’s Sansad Adarsh Gram
इस योजना के तहत ई-गर्वनेंस पर ज्यादा जोर दिया गया इसके लिए सभी ग्रामीणों के आधार कार्ड के प्रावधान को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
इस तरह की योजना सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था समेत अक्षमता और विधवा पेंशन के लिए योग्य परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करेगी।
वाकई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शुरु की गई ये योजना काफी सराहनीय है इससे न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों कोा जीवन स्तर सुधरेगा बल्कि ग्राम पंचायतों का भी विकास होगा। जिससे वे एक मॉडल ग्राम पंचायत के रुप में उभरेंगी।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत खेल आइकन सचिन तेंदुलकर ने भी एक गांव गोद लिया था। जिसमें काफी विकास भी करवाया इसके अलावा भी कई सासंदों ने इस योजना में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने प्रयास कर रहे हैं।
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दोस्तों, आज के दिन यानि 10 अगस्त के फूलन देवी का जन्म हुआ था, साथ ही ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ के रचयिता श्यामलाल गुप्त “पार्षद” का निधन इन जैसी और भी महत्वपूर्ण घटनाएँ 10 अगस्त को घटी हैं आज यहाँ हम जानते हैं 10 अगस्त का इतिहास की उन्ही महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेंमे।
10 अगस्त का इतिहास – 10 August Today Historical Events
10 August History
10 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 10
असीरियाई सम्राज्य के राजा शिनशारिसकुन की हत्या 612 में हुई, निनेवह नगर का पतन हुआ।
पुर्तगाली समुद्र जहाज के कैप्टन डियागो डियाज मैडागास्कर को 1500 में देखने वाले पहले यूरोपीय बने।
पुर्तगाजी सैनिकों ने 1511 में मलेशियाई राज्य मलक्का के एक हिस्से पर कब्जा किया।
ओटोमन सम्राज्य और आॅस्ट्रिया ने 1664 में शांति के लिए वसवार की संधि पर हस्ताक्षर किए।
इंग्लैड के राजा चार्ल्स ने 1675 में ग्रीनविच वेघशाला की आधारशिला रखी।
हालैंड और फ्रांस के बीच 1678 में निजम्गेन शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
कर्लोस तृतीय 1759 में स्पेन का सम्राट बना।
अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा करने वाले दस्तावेज की प्रति औपचारिक रूप से 1776 को लंदन पहुंचे।
तुर्की ने 1787 में रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
पेरिस में 1793 को लूव्र संग्रहालय का उद्घाटन हुआ। 200 साल पुराने पश्चिमी कला इतिहास इस संग्रहालय में दर्ज है और इनमें से एक है मोनालीसा।
इक्वाडोर ने 1809 में स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की।
मिसौरी 1821 में अमेरिका का 24वां राज्य बना।
सीरिया में 1822 को आये विनाशकारी भूकंप से 20,000 लोगों की मौत हुई।
कैरेबियाई द्वीप समूह बारबाडोस में 1831 को चक्रवाती तूफान से डेढ़ हजार लोगों की मौत हुई।
अमेरिकी कांग्रेस ने 1846 में स्मिथसोनिया इंस्टीट्यूट स्थापित करने के विधेयक को मंजूरी दी।
बच्चों के चहेता स्पाइडरमैन कॉमिक बुक 1962 में अमेजिंग फैंटेसी में नजर आया था।
प्रथम विश्व युद्ध में 1920 को पराजित होने के बाद उसमानी शासन ने सीवरेस समझौते पर हस्ताक्षर किये।
इटली और स्पेन के बीच 1926 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
द्वितीय विश्व युद्ध में 1945 को जापान की पराजय के बाद कोरिया का उत्तरी भाग रुस की लाल सेना के अधिकार में चला गया और कुछ दिनों बाद कोरिया का दक्षिणी भाग अमरीका के अधिकार में चला गया।
अमरीका के अंतरिक्ष अधिकारियों ने 1966 में केप केनेडी से अंतरिक्ष में रॉकेट उतारने की लिए उपयुक्त स्थान का चित्र लेने हेतु पहला अंतरिक्ष यान भेजा। जो 29 अक्तूबर को चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त होकर तबाह हो गया।
उपग्रह एसएलवी-3 का प्रक्षेपण 1979 को किया गया।
पंद्रह महीने की यात्रा के बाद मगैलन अंतरिक्ष यान 1990 में शुक्र पर पहुंचा था। शुक्र पर उतरने से पहले कुछ देर तक के लिए उसका संपर्क कैलिफ़ोर्निया स्थित संचालन केंद्र से टूट गया था।
चेचेन्या में इस्लामिक भूरा ने 1999 में दागिस्तान को स्वतंत्र घोषित किया।
श्रीलंका में 2000 को सिरीमावो भंडारनायके का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा, आर। विक्रमानयके श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री नियुक्त, जिनेवा में आत्मनिर्णय के अधिकार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन।
अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को 2001 में रूस का सशर्त समर्थन।
यूरी मालेनचेंको पहले ऐसे व्यक्ति बने जिन्होंने अंतरिक्ष में 2003 को शादी रचाई थी।
इंग्लैंड में 2003 को अब तक का सबसे अधिक तापमान 38.5 डिग्री सेलसियस रिकॉर्ड किया गया।
संयुक्त राष्ट्र और सूडान के बीच 2004 को दारफुर कार्ययोजना पर हस्ताक्षर।
तमिल विद्रोहियों पर फ़ौजी कार्रवाई में 2006 को श्रीलंका में 50 नागरिक मारे गये।
अमरनाथ ज़मीन सुलझाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनीधिमण्डल की बैठक में उच्च न्यायालय के वर्ष 2005 के आदेश को लागू करने पर 2008 में सहमति बनी। चेन्नई के एक लैब में एंटी एड्स बैक्सीन का सफल परीक्षण किया गया।
भारत ने 2010 में उपग्रह स्थिति तंत्र आधारित विमान प्रचालन तंत्र गगन का सफल परीक्षण किया।
10 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 10 August
वियतनामी सम्राट ली होन का जन्म 941 में हुआ।
आरागॉन के जेम्स द्वितीय का जन्म 1267 में हुआ।
बोहेमिया के जॉन का जन्म 1296 में हुआ।
इतालवी कार्डिनल फ्रांसिस्को ज़बरेला का जन्म 1360 में हुआ।
जर्मनी के अल्बर्ट द्वितीय का जन्म 1397 में हुआ।
जर्मन वकील और राजनीतिज्ञ याकूब स्टर्म वॉन स्टर्मेक का जन्म 1489 में हुआ।
वेलोइस के मेडेलीन का जन्म 1520 में हुआ।
जर्मन अरगनिस्ट और संगीतकार हिरोनिमस प्रेटोरियस का जन्म 1560 में हुआ।
फ्रांसीसी गणितज्ञ और अकादमिक गाइल्स डे रोबर्वल का जन्म 1602 में हुआ।
इतालवी पादरी और मिशनरी यूसेबियो कीनो का जन्म 1645 में हुआ।
रूसी चित्रकार और अकादमिक एंटोन लोसेंको का जन्म 1737 में हुआ।
प्रख्यात संगीतकार विष्णु नारायण भातखंडे का जन्म 1860 को हुआ था।
देश के चौथे राष्ट्रपति वी वी गिरि का जन्म 1894 को हुआ था।
भारतीय सिनेमा के अभिनेता प्रेम अदीब का जन्म 1916 को हुआ था।
चंबल के बीहड़ो से सियासी गलियारों तक पहूंचने वाली फूलन देवी का जन्म 1963 में हुआ।
10 अगस्त को हुए निधन – Died on 10 August
झण्डा गीत ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ के रचयिता श्यामलाल गुप्त “पार्षद” का निधन 1977 को हुआ था।
भारत की पहली महिला संगीतकार सरस्वती देवी का निधन 1980 को हुआ था।
प्रसिद्ध लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का निधन 1995 को हुआ था।
भारतीय संस्कृत विद्वान पद्म भूषण आचार्य बलदेव उपाध्याय का निधन 1999 को हुआ था।
आशा हैं हमने ऊपर दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट हुए होंगे अगर नहीं तो क्रिपया कमेन्ट के जरिये हमें बताएं और आपके पास 10 अगस्त यानि आज के इतिहास के बारेमें और भी जानकारी हो तो वो भी हमें कमेन्ट के जरिये बताये हम इस लेख में जरुर अपडेट करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आर्थिक विकास और लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश से कई योजनाएं लॉन्च की हैं उनमें से एक है Atal Pension Yojana – अटल पेंशन योजना। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता है इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने Atal Pension Yojana – अटल पेंशन योजना की शुरुआत की है जिससे न सिर्फ इन क्षेत्र के लोगों को बुढ़ापे की टेंशन से मुक्ति मिलेगी बल्कि सुरक्षा का भाव भी निर्माण होगा।
Atal Pension Yojana
अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana
अटल पेंशन योजना के तहत 18 साल से 40 साल की उम्र तक के व्यक्ति निवेश शुरु कर सकते हैं ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति निवेश करना चाहता है तो उसे तीन बातों का मुख्य तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
जैसे कि उसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, पीपीएफ या वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में से कौन सा चुनना है ? जिससे वह अपने बुढ़ापे को सुरक्षित कर सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब कामगार लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत 9 मई 2015 को की थी और उसी दिन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने वित्त भाषण के दौरान अटल पेंशन योजना की घोषणा की थी।
अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल के बाद 5000 हजार रुपए प्रति माह पेंशन पाने तक के विकल्प मौजूद है लेकिन पेंशन प्राप्त करने के ये विकल्प व्यक्ति की आयु और योगदान राशि के आधार पर तय की जाती है।
इस योजना की खास बात ये है कि जो व्यक्ति इस पेंशन योजना के तहत राशि योगदान करता है यानि योगदानकर्ता का पति / पत्नी योगदानकर्ता की मौत हो जाने पर पेंशन के लिए क्लेम कर सकता है इसके साथ ही योगदानकर्ता और उसके पति / पत्नी दोनों की मौत हो जाने पर नामित शख्स को संचित कॉर्पस दिया जाता है।
वहीं अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana के तहत ये भी नियम है कि अगर किसी शख्स की 60 साल से पहले ही मौत हो जाती है तो उस केस में पति-पत्नी को या तो योजना से बाहर निकालने का विकल्प दिया जाता है या फिर बची हुई राशि प्राप्त करने के लिए योजना जारी रखी जाती है।
आपको बता दें कि, मोदी सरकार द्धारा तय किया गया निवेश पैटर्न के मुताबिक, योजना के तहत एकत्रित राशि का बंदोबस्त फंड रेग्यूलेटरी एथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्धारा किया जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, अटल पेंशन योजना के तहत सरकार कुल योगदान का 50 % या फिर 1000 रुपए का योगदान करती हैं जो कि काफी कम है उन सभी ग्राहकों के लिए जिन्होनें जून 2015 से दिसंबर 2015 के बीच ज्वॉइन किया हो जबकि वित्तीय साल 2015-2016 से 2019-2020 तक के लिए ग्राहक को किसी अन्य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना का हिस्सा नहीं होना चहिए।
अगर आपको उदाहरण के तौर पर समझाएं तो किसी भी ग्राहक को सरकार के सह योगदान का फायदा लेने के लिए उसे EPF यानि की कर्मचारी भविष्य निधि का हिस्सा नहीं होना चाहिए इसके साथ ही आयकरों का भुगतान भी नहीं करना चाहिए।
अटल पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य – Purpose of Atal Pension Scheme
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे क्षेत्र के लोगों को पेंशन का लाभ दिलवाना है जो की संगठित क्षेत्र में नहीं है यानि की जिन क्षेत्रों में कर्मचारियों को पेंशन का लाभ देने का कोई प्रावधान नहीं है।
अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम पेंशन राशि की गारंटी दी गई है आपको बता दें कि इस योजना के अंर्तगत 60 साल के बाद व्यक्ति को 1,000 रुपए प्रति माह, 2,000 रुपए प्रति माह, 3000 रुपए प्रति माह, 4000 रुपए प्रति माह या फिर 5,000 रुपए प्रति माह के हिसाब से दिए जाने का लक्ष्य हैं लेकिन यह राशि व्यक्ति द्धारा पेंशन के लिए की गई योगदान राशि पर निर्भर करता है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि लोगों को इससे हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की भी अनुमति मिलेगी।
अटल पेंशन योजना के लाभ – Benefits of Atal Pension Scheme
मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana से खासकर मजदूर वर्ग, नौकरानी गार्डनर्स अर्थात गरीब लोगों ज्यादा लाभ पहुंचा है।
जो भी व्यक्ति इस योजना के तहत निवेश करता है उसके 60 साल की आयु से मौत तक पेंशन मिलेगी।
इस योजना की खास बात यह है कि इस योजना के माध्यम से व्यक्ति अपने बुढ़ापे के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
अटल पेंशन योजना के तहत लोगों में बचत और निवेश की भावना का विकास होता है।
इस योजना के तहत जो व्यक्ति निवेश करता है अगर उसकी 60 साल से पहले मृत्यु हो जाती है उसके निधन के बाद , पति-पत्नी (spouse) को इस पेंशन का लाभ मिलता है।
इस योजना की खास बात यह भी है कि भारत सरकार ने 5 साल तक हर साल हर अंशदाता के अंशदान का 50 प्रतिशत या 1,000 रुपए का योगदान देने का फैसला किया है।
इस योजना के तहत जो निवेश करता है लेकिन 60 साल से पहले उसके पति या पत्नी दोनों की मौत के बाद जमा राशि नॉमिनी को दी जाती है।
वहीं अगर निवेश करने वालो में पति या पत्नी की मौत निवेशक से पहली ही हो जाती है तो उस मामले में जो भी राशि 60 साल तक जमा की गई थी तो वह निवेशक की मौत के बाद नॉमिनी को दी जाएगी।
इस योजना की खास बात ये है कि जो व्यक्ति जितनी जल्द इस योजना का हिस्सा बनता है उसे उतनी ही जल्दी इस योजना का फायदा मिलता है उदाहरण के तौर पर अगर कोई शख्स अपनी 18 साल की उम्र में ही अटल पेंशन योजना से जुड़ता है तो उसे 210 रुपए का प्रति माह निवेश करना होगा इसके बाद 60 साल की आयु के बाद हर महीने उस शख्स को 5 हजार रुपए की मासिक पेंशन भी दी जाएगी इसको हम अपने आर्टिकल में नीचे पेंशन योजना केलकुलेटर के जरिए आपको समझाएंगे।
अटल पेंशन योजना के लिए कौन नामांकन कर सकता है – Who can enroll for the Atal Pension Scheme
भारतीय नागरिक ही इस योजना का लाभ ले सकता है लेकिन वह तभी अटल पेंशन योजना का फायदा ले सकता है जब वह इस योजना के पात्रता में खरा उतरता है। आइए हम आपको बताते हैं पात्रता मानदंडों के बारे में जो कि इस प्रकार हैं-
जो भी व्यक्ति अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana का लाभ लेना चाहता है उसके लिए जरूरी है कि उस व्यक्ति के पास बचत खाता होना चाहिए।
जो व्यक्ति अटल पेंशन योजना के तहत नामांकन करना चाहता है इसके लिए जरूरी है कि उनकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच में होनी चाहिए तभी 60 साल के बाद पेंशन स्कीम का फायदा ले सकते हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति सिर्फ 1 ही अटल पेंशन योजना अकाउंट खोल सकता है।
अटल पेंशन योजना के तहत जो शख्स इस योजना का लाभ लेना चाहता है उसे कम से कम 20 साल तक योगदान करना चाहिए।
जो भी व्यक्ति अटल पेंशन योजना के तहत आवेदन करना चाहता है इसके लिए जरूरी है कि उसके आधार कार्ड से सिर्फ एक ही बैंक अकाउंट लिंक होना चाहिए।
अटल पेंशन योजना के तहत जो भी व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता है कि उसके पास एक वैध मोबाइल नंबर होना चाहिए और रजिस्ट्रेशन के दौरान बैंक को यही नंबर देना चाहिए।
Atal Pension Yojana – अटल पेंशन योजना के तहत निवेशक नेशनल पेंशन सिस्टम के समान टैक्स लाभ ले सकता है जिसका मतलब है कि इस योजना के तहत भुगतान की गई योगदान राशि पर आयकर कटौती के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीसीडी (1 बी) के तहत 50,000 रु।
क्लेम किया जा सकता है जबकि धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख की राशि का क्लेम किया जा सकता है। वहीं ग्राहक की मृत्यु के मामले में, मासिक पेंशन का भुगतान निवेशक की पति/ पत्नी को किया जाता है।
अटल पेंशन योजना के लिए नामांकन कैसे करें ? – How to enroll for the Atal Pension Scheme?
अटल पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए खाताधारक को एक ऑथराइजेशन फॉर्म भरकर अपने बैंक में जमा करना होगा।
खाताधारक को इस फॉर्म में अपनी पूरी जानकारी देनी होगी जिसमें खाताधारक का अकाउंट नंबर, पति / पत्नी और नामांकित विवरण समेत योगदान विवरण और योगदान राशि के ऑटो डेबिट की भी जानकारी देनी होगी।
इसके साथ ही इस योजना का लाभ लेने वाले अकाउंट होल्डरों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि उनके अकाउंट में पर्याप्त राशि बनाए रखी जाए वहीं अगर वे अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो उन्हें मासिक जुर्माना भरना पड़ सकता है जिसका विवरण नीचे दिया गया है –
100 रुपये तक मासिक योगदान के लिए 1 रुपए तक जुर्माना देना होगा।
101 रुपए और 500 रुपए के बीच मासिक योगदान के लिए 2 रुपए का जुर्माना देना होगा।
501 से 1000 रुपए के मासिक योगदान के लिए 5 रुपए तक जुर्माना होगा।
1,001 रुपए से अधिक मासिक योगदान के लिए 10 रुपए तक जुर्माना लगेगा।
अगर योजना के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में छह महीने के लिए, धारक का खाता सीज हो जाएगा।
12 महीने के लिए, धारक का खाता निष्क्रिय / डीएक्टिवेट हो जाएगा।
24 महीने के लिए, धारक का खाता बंद कर दिया जाएगा।
वहीं अगर जो लोग अटल पेंशन योजना का लाभ लेना चाहते हैं लेकिन उनका एक भी बैंक अकाउंट में खाता नहीं है तो इस स्थिति में केवाईसी दस्तावेज और आधारकार्ड जमा कर सबसे पहले शख्स को बैंक में खाता खोलना होगा।
इसके बाद उसे अटल पेंशन योजना के तहत एक फॉर्म जमा करना होगा वहीं अगर कोई शख्स बीच में ही इस योजना से बाहर निकलना चाहता है अर्थात इस योजना का फायदा लेना नही्ं चाहता है तो ऐसी स्थिति में उसे 60 साल की आयु तक इंतजार करना होगा तभी वह इस योजना से बाहर निकल सकता है वहीं विशेष परिस्थिति में जैसे अगर किसी शख्स की मौत 60 साल से पहले हो जाती है तो इस योजना से बाहर निकलना संभव है।
अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन कैसे करें ? – How to apply for the Atal Pension Scheme?
अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को नीचे लिखे गईं बातों का खास ध्यान रखना चाहिए –
जो शख्स इस योजना के तहत आवेदन करना चाहता है वह अपना अटल पेंशन योजना खाता किसी भी बैंक में जाकर खोल सकता है।
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए अटल पेंशन योजना फॉर्म की जरूरत होती है इसे या तो आप इस योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं या फिर बैंक से प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दें कि अटल पेंशन योजना के फॉर्म अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मराठी, ओड़िया, तमिल और तेलुगू भाषा में उपलब्ध हैं।
जब आपको Atal Pension Yojana – अटल पेंशन योजना फॉर्म मिल जाए इसके बाद आपको इसमें पूरी डिटेल भरकर बैंक में जमा करनी होगी।
जब आप अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करते हैं तो आपको मोबाइल नंबर देते वक्त इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए की आपका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड होना चाहिए।
अटल पेंशन योजना के लिए अगर आप एप्लाई कर रहे हैं तो आपको अपने आधार कार्ड की एक फोटोकॉपी जमा करनी होगी।
अगर आप ऊपर दी हुई सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं तो आपको आवेदन स्वीकृत होने का इंतजार करना होगा वहीं आवेदन स्वीकार होने पर आपके पास इसकी पुष्टि का मैसेज भेजा जाता है जिसके बाद आप इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
अटल पेंशन योजना के लिए सब्सक्राइबर की योगदान राशि
जो भी शख्स अटल पेंशन योजना के लिए आवेदन करता है तो उस शख्स के बैंक अकाउंट से मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक किश्तें काट ली जाती हैं।
ये किश्तें शख्स के खाते से ऑटो-डेबिट यानि की खुद व खुद शख्स के बैंक अकाउंट से हर महीने कट जाती हैं उन्हें इसका भुगतान करने के लिए बैंक में नहीं जाना पड़ता है।
वहीं अगर कोई नया ग्राहक अटल पेंशन योजना के लिए सब्सक्राइब करता है और वह 18 साल है और वो 60 साल के बाद 1 हजार रुपए की पेंशन की राशि प्राप्त करना चाहता है तो उस शख्स को हर महीने 42 रुपए का भुगतान करना होगा। आपको बता दें कि जब व्यक्ति अटल पेंशन योजना में शामिल होता है मासिक योगदान राशि भुगतान के कार्यकाल के अनुसार अलग भी हो सकती है।
इस योजना की खास बात यह है कि कोई भी सब्सक्राइबर्स भारत में किसी भी बैंक अकाउंट पर उपलब्ध ऑटो डेबिट की सुविधा के जरिए भी इसके लिए मासिक योगदान की राशि का भुगतान कर सकते हैं।
जबकि अगर कोई सब्सक्राइवर इस योजना के लिए मासिक अंशदान की राशि का भुगतान करने में सफल नहीं हुआ तो वह उस समयावधि के लिए ब्याज दर और लंबित मूल राशि का भुगतान करके अटल पेंशन योजना में फिर से प्रवेश कर सकता है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि अटल पेंशन योजना – Atal Pension Yojana के तहत रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि उस पर निर्भर करती है जिस उम्र में आप योगदान करना शुरु करते हैं।
नीचे दी गई तालिका के मुताबिक आपको अपनी उम्र औऱ पेंशन योजना के आधार पर आपको हर साल कितना योगदान करने की जरूरत है।
ऊपर दिए गए अटल पेंशन योजना Atal Pension Yojana कैलकुलेटर में आपने देखा होगा कि किस प्रकार पेंशन राशि और आपकी प्रवेश आयु पर आपका मासिक निवेश निर्भर करता है।
अटल पेंशन योजना’ खाते को कैसे ट्रैक करें ?
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने ऑनलाइन लेनदेन की एक सुविधा की भी शुरुआत की है जिससे ग्राहक लेनदेन के अपने विवरण को ऑनलाइन देख सकते हैं। इससे अटल पेंशन योजना के 45 लाख से ज्यादा ग्राहकों को फायदा मिलेगा।
ग्राहकों को बचत बैंक खाता संख्या और स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या देकर अपना खाता विवरण देखा जा सकता है आपको बता दें कि खाताधारक इस लिंक : https://npslite-nsdl.com/CRAlite/EPranAPYOnloadAction.do
पर जाकर अपने लेन-देन की पूरा ब्योरा ले सकता है।
इस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की Atal Pension Yojana – अटल पेंशन योजना से कई लाख ग्राहकों को लाभ पहुंचा है और लोगों में बचत और निवेश की भावना भी पैदा हुई है।
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Udaan – उड़ान का मतलब है ‘उड़े देश का आम नागरिक’ जी हां मतलब आम आदमी भी हवाई सफर आसानी से कर सकता है। आम आदमी को सस्ती हवाई यात्रा कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उड़ान योजना – Udaan Scheme की शुरुआत की थी।
Udaan Scheme
उड़ान योजना ( ‘उड़े देश का आम नागरिक’ ) – Udaan Scheme Information
उड़ान योजना को लॉन्च करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आम आदमी की हवाई यात्रा करने की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर इस योजना का शुभारंभ किया गया है जिससे की हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई सफर कर सके। क्या है उड़ान योजना, क्या है इस योजना का उद्देश्य, इस योजना से क्या-क्या फायदे हैं और इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं –
क्या है उड़ान योजना ? – What is Udaan Scheme?
उड़ान योजना केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा दिल्ली में 21 अक्टूबर 2016 को उड़ान योजना लॉन्च की गई लेकिन इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2017 से हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी को हवाई सफर का लाभ पहुंचाने के मकसद से इस योजना की शुरुआत की। उन्होनें 27 अप्रैल को इस योजना के तहत शिमला से दिल्ली की पहली फ्लाइट का उद्घाटन किया।
आपको बता दें कि इस स्कीम की शुरुआत पिछले साल 2016 में रीजनल कनेक्टिविटी के तहत की गई। जिन हवाई अड्डों में फ्लाइट का संचालन नहीं है उन एयरपोर्ट में इस योजना के तहत फ्लाइट की संख्या बढ़ाई जाएगी इसके साथ ही इस योजना की मदद से मोदी सरकार देश के छोटे-छोटे शहरों को भी हवाई जहाज की सुविधा से जोड़ना चाहती है।
इस योजना के तहत लोग कम बजट में भी हवाई यात्रा का लुफ्त उठा सकते हैं क्योंकि इसके तहत एयर टिकट को काफी सामान्य रखा गया है जिसका खर्च आम आदमी आराम से उठा सकता है। मोदी सरकार का प्रमुख उद्देश्य उड़ान योजना के तहत ऐसे हवाई अड्डों का भी निर्माण करवाना है जहां अभी तक हवाई अड्डे नहीं बने हैं। आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उड़ान योजना के तहत यात्रियों को 800 किलोमीटर की दूरी महज एक घंटे में तय कराई जा रही है जिसकी टिकट की कीमत 2500 रुपए रखी गई है।
इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि इस स्कीम में 128 रूट और 5 ऑपरेटरों को भी शामिल किया गया है।
उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य – Purpose of Udaan Scheme
इस योजना का मुख्य मकसद बाजार बलों के माध्यम से रीजनल कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी करना है साथ ही आम आदमी को सस्ती कीमतों में हवाई सफर का लाभ पहुंचाना है।
उड़ान योजना 1
उड़ान 1 योजना के तहत केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू ने दिल्ली में 21 अक्टूबर 2016 को देश में 70 हवाई अड्डों को जोड़ने का प्रस्ताव रखा था।
उड़ान योजना 2
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की विधिवत शुरुआत की जिसमें देश भर में 109 हवाई अड्डों / हेलीपैड को जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया था। उड़ान स्कीम के तहत 78 हवाई अड्डे और 31 हेलीपोर्ट या हेलीपैड भी शामिल हैं और 325 और मार्ग जुड़े होंगे।
इसके अलावा आपको बता दें कि उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य को नई तेहरी और अल्मोड़ा के लिए हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी मिली है। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम और हिमाचल प्रदेश, को हेलीपैड कनेक्टिविटी से भी जोड़ा गया है।
उड़ान योजना के तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, रोजगार में बढ़ोतरी करने के साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना भी है।
उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य आम आदमी को कम कीमत में हवाई सफर उपलब्ध करवाना है इसलिए मोदी सरकार ने इस योजना के तहत 1 घंटे की हवाई यात्रा का किराया 2500 रुपए निर्धारित किया है जिसे हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी आसानी से मैनेज कर सकता है और हवाई सफर के सपने को हकीकत में बदल सकता है।
उड़ान योजना के तहत करीब 43 शहर फ्लाइट्स से जोडे़ जा रहे हैं इसके साथ ही करीब 12 एयरपोर्ट भी फ्लाइट कनेक्टीविटी से जोड़े जाएंगे, जिसमें अभी ज्यादा फ्लाइट का संचलन नहीं हो रहा है और ये एयरपोर्ट अनियमित रूप से चल रहे हैं। इसके साथ ही 31 ऐसी जगहें हैं जहां एयरपोर्ट है लेकिन उन एयरपोर्ट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है
उड़ान योजना की खास बात यह है कि यह लोगों को बेहद कम पैसों के साथ कम समय में यात्रा करने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा उड़ान योजना का मुख्य लक्ष्य देश के 70 हवाई अड्डों को जोड़ना है जिसके चलते इस योजना के अंर्तगत-सेवारत और संरक्षित हवाई अड्डों को भी वायु कनेक्टीविटी मिलती रहेगी ।
उड़ान योजना के तहत मोदी सरकार देश को रीजनल कनेक्टिविटी से जोड़ना चाह रही है आपको बता दें कि इस योजना के मुताबिक 45 मिनट में फ्लाइट ज्यादा से ज्यादा 800 किमी की दूरी तय करेंगी।
इसके साथ ही आपको ये भी बता दें कि, इस योजना के तहत सबसे पहली उड़ान दिल्ली और शिमला के बीच भरी गई।
1 घंटे की हवाई यात्रा सिर्फ 2500 रुपए में (”उड़े देश का आम नागरिक”)
उड़ान योजना के तहत आम आदमी महज 2500 रुपए में हवाई यात्रा का लुफ्त उठा सकता है, उड़ान योजना के तहत 1 घंटे के हवाई सफर का किराया 2500 रुपए निर्धारित किया गया है।
दरअसल मोदी सरकार ने आम आदमी के लिए कम दामों में हवाई सफर को उपलब्ध करवाया है आपको बता दें कि एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए एयर टिकट काफी महंगी है जिससे कई लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते और वे घंटों की दूरी तय कर ट्रेन से जाना पसंद करते हैं।
इसके अलावा भी कई 2 टायर और 3 टायर एयरपोर्ट्स हैं जो कि काफी समय से खाली पड़े हैं वहीं कुछ एयरपोर्ट ऐसे हैं जहां एक हफ्ते में 1-2 फ्लाइट्स ही टेकऑफ होती हैं।
इसको देखते हुए भारत सरकार ने एयर ट्रेवल में बेहतरी के लिए उड़ान योजना को लॉन्च किया है इस योजना से न सिर्फ आम आदमी के हवाई सफर के सपने को सच में तब्दील किया गया है बल्कि वायु परिवहन को भी खासा बढ़ावा मिला है।
आपको बता दें कि उड़ान योजना के तहत आम आदमी को कम दामों में हवाई सफर उपलब्ध करवाया जाएगा, इसके अलावा विकास और वृद्धि को सुनिश्चित किया जाएगा साथ ही साथ एयर कनेक्टिविटी को भी सुनिश्चित किया जाएगा। उड़ान योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक 80 लाख से 3 करोड़ रुपए तक की टिकट की मात्रा में बढ़ोतरी करना भी है।
उड़ान योजना की सबसे खास बात यह है कि ये रीजनल रूटों पर लोगों को बेहद सस्ती उड़ाने उपलब्ध करवा रहा है जिसके चलते देश का आम आदमी को इस तरह की फ्लाइट टिकट कराने में आसानी हो रही है।
उड़ान योजना के तहत एयरलाइन्स में कनेक्टीविटी के लिए इन्हें कई एयरपोर्ट में चार्जेज मुक्त रखा जाएगा यानि की इन एयरपोर्ट में कोई चार्ज नहीं लगेगा।
एक विशेष क्षेत्रीय मार्ग पर उड़ान भरने के लिए तीन साल के लिए खास अधिकार दिया जाएगा। क्षेत्रीय मार्गों पर आप 1 घंटे के लिए 2500 रुपए में एयर टिकट खरीद सकेंगे।
उड़ान योजना के लाभ- Benefits of Udaan Scheme
एयर टिकट लेना हर किसी की बस की बात नहीं थी क्योंकि एयर टिकट लेना काफी महंगा होता था जिसके चलते ज्यादातर सिर्फ अपर मिडिल क्लास या फिर अपर क्लास के लोग ही हवाई सफर कर पाते थे लेकिन भारत सरकार ने कम दामों में हवाई सफर उपलब्ध करवाई है। जिसके चलते अब निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्ग के लोग हवाई सफर के सपने को हकीकत में बदल सकते हैं, उड़ान योजना के तहत लोगों को काफी फायदा पहुंचा है इसका वर्णन नीचे दिया गया है –
उड़ान योजना के तहत आप सस्ती हवाई सफर का लुफ्त उठा सकते हैं, मोदी सरकार ने 1 घंटे की हवाई का किराया महज 2500 रुपए निर्धारित किया गया हैं।
सस्ती दामों में एयर टिकट उपलब्ध होने से अब ज्यादा से ज्यादा लोग हवाई यात्रा करेंगे जिससे हवाई जहाज से सफर करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी जिससे एयर ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।
उड़ान योजना की खास बात यह है कि इस योजना के अंर्तगत सभी हवाई अड्डों को बखूबी इस्तेमाल हो सकेगा आपको बता दें कि कई ऐसे हवाई अड्डे बने हैं जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है वहीं अब इस योजना के तहत इन हवाई अड्डों को काम में लगाया जाएगा दरअसल कई हवाई अड्डे ऐसे हैं जहां हवाई जहाज की सेवा नियमित नहीं चलती हैं। इसके साथ ही कई नए हवाई अड्डे भी बनाए जाएंगे।
अगर आप कम दूरी का सफर तय करना चाहते हैं तो आप उड़ान योजना की सहायता से आसानी से सस्ती दामों में अपनी यात्रा को और ज्यादा आसान, किफायती और जल्द पूरा होने वाला बना सकते हैं।
उड़ान योजना के तहत अभी 5 एयरलाइन्स शामिल हैं लेकिन आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा एयरलाइन्स जुड़ने की संभावना हैं जिससे हवाई जहाज की सेवा का तो विकास होगा ही साथ ही में ग्राहकों को भी सस्ती दामों में सेवा उपलब्ध होगी।
उड़ान योजना की सबसे खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत फायदा ले रहे ग्राहकों को किसी भी तरह से लैंडिंग चार्ज, पार्किंग चार्ज, नेविगेशन, लैंडिंग चार्ज आदि नहीं देने होंगे।
इस योजना के तहत राज्य सरकार फ्री में सुरक्षा और फायर सर्विस भी दे रही हैं इसके साथ ही अन्य सेवाएं भी सस्ते दरों पर ग्राहकों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं । इस तरह से सरकार सभी को उड़ान का फायदा पहुंचाने का भी मौका दे रही हैं।
उड़ान योजना की खास बातें – Specific points of Udaan Scheme
इस योजना के तहत लोगों को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौका मिलेंगे इसके साथ ही लोग किफायती दामों में हवाई सफर का लुफ्त उठा सकेंगे।
उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय हवाई संपर्क क्षेत्र का विस्तार हुआ।
सरकार बाजार और क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क का विस्तार करने के लिए सक्षम होगी।
उड़ान योजना के तहत राज्य सरकारों को भी विकास का फायदा मिलेगा।
इससे व्यापार, वाणिज्य और अधिक पर्यटन विस्तार में बढ़ोतरी होगी।
इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत नए स्केलबार व्यापार के कई अवसर प्राप्त होंगे इसके साथ ही इसका विस्तार भी होगा और ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को फायदा पहुंचेगा। इसके चलते यहां नए स्केलबार व्यापार के भी कई मौके दिए जाएंगे।
उड़ान योजना में राज्य का रोल –
उड़ान योजना में राज्य का रोल इस प्रकार है-
उड़ान योजना में राज्य सरकार का भी अहम रोल होता है इसमें राज्य सरकार के साथ सलाह-मशवरा करके कन्सेशन के कन्फर्मेशन के बाद ही एयरपोर्ट का चयन किया जाता है।
उड़ान योजना के तहत जिन एयरपोर्ट में फ्लाइट का आवागमन नहीं होता उनमें राज्य सरकार की मद्द से फिर से ऑपरेशन शुरु करने में मद्द मिलेगी।
उड़ान स्कीम के लिए रूट – Route for Udan Scheme
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना के तहत पांच और एयरलाइन्स को शामिल किया है जिनमें अलायन्स एयर, स्पाइसजेट, टर्बो मेघा, एयर ओड़िसा और एयर डेक्कन शामिल हैं इसके साथ ही आपको बता दें कि इन पांचों एयरलाइन्स को 128 रूट दिए गए हैं इनमें से कुछ इस प्रकार है –
नए (अंडर सर्व्ड अनसर्व्ड) हवाईअड्डे सम्बंधित स्थान
पठानकोट दिल्ली
आगरा जयपुर/ दिल्ली
बीकानेर दिल्ली
ग्वालियर दिल्ली/ दिल्ली/ इंदौर/ लखनऊ
कदापा बेंगलोर/ बेंगलोर/ हैदराबाद/ चेन्नई/ विजयवाड़ा
लुधियाना दिल्ली
नांदेड मुंबई/ हैदराबाद
पंतनगर देहरादून/ दिल्ली/ हैदराबाद
कुचबिहार कोलकाता
जमशेदपुर कोलकाता
राउरकेला कोलकाता/ भुबनेश्वर
बर्नपुर कोलकाता
मितापुर (द्वारका) अहमदाबाद
मुंद्र अहमदाबाद
भटिंडा दिल्ली
शिमला दिल्ली
भावनगर अहमदाबाद/ सूरत
दिउ अहमदाबाद
जामनगर अहमदाबाद
अदमपुर दिल्ली
कांडला मुंबई
कानपूर (चकेरी) दिल्ली/ दिल्ली/ वाराणसी
कुल्लू (भुंतर) दिल्ली
विद्यानगर हैदराबाद/ बेंगलोर
अंडाल (दुर्गापुर) बागडोर/ कोलकाता
पोंडिचेरी चेन्नई/ सालेम
पोरबंदर मुंबई/ अगरतल्ला/ ऐजवल
शिलोंग दीमापुर/ इम्फाल/ सिलचर
ओजार नासिक मुंबई /पुणे
रायगढ़ रायपुर
सालेम चेन्नई /बेंगलोर
शोलापुर मुंबई
अंबिकापुर बिलास्पुर
बिलासपुर अम्बिकापुर
जगदलपुर रायपुर/ रायपुर/ विशाखापट्टनम
जैसलमेर जयपुर
जलगाँव मुम्बई
जीपोर (jeypore) भुबनेश्वर
झासुगुड़ा भुबनेश्वर/ रायपुर/ रांची
उत्केला भुबनेश्वर
बीदर बेंगलोर
होसुर चेन्नई
कोल्हापुर मुंबई
मैसूर चेन्नई
नेवेली (Neyveli) चेन्नई
मोदी सरकार द्धारा शुरु की गई उड़ान योजना के तहत जहां आम लोगों को सस्ती दरों में हवाई सफर करने का मौका मिला है वहीं कई हवाई अड्डों में फ्लाइट का आवागमन शुरु किया गया है। जिससे हवाई अड्डों में नियमित रूप से फ्लाइट का संचालन संभव हो पाया है।
इससे कई लोगों को फायदा पहुंचा है वहीं जो लोग सोचते थे कि फ्लाइट में सिर्फ वही धनी लोग बैठ सकते हैं तो मोदी सरकार ने लोगों की इस सोच को बदली है और किफायती दामों में लोगों को हवाई सफर का मौका दिया है।
वहीं सरकार का उड़ान योजना लॉन्च करने का कदम वाकई सराहनीय है और इसके माध्यम से कई लोग हवाई सफर का फायदा भी ले चुके हैं।
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Digital India – डिजिटल इंडिया मोदी सरकार द्धारा शुरु की गई प्रमुख योजनाओं में से एक है। डिजिटल इंडिया का मुख्य उद्देश सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था को एक डिजिटल रूप देना है। यानि की भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना इसके साथ ही सभी क्षेत्रों में सरकारी विभागों में डिजिटल रूप देकर देश का विकास करना है।
Digital India – डिजिटल इंडिया योजना के माध्यम से जहां पारर्दशिता बढ़ेगी इसके साथ ही कई विभागों में काम में तेजी भी आएगी। डिजिटल इंडिया के जरिए पेमेंट प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आ रही है।
Digital India Scheme
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम – Digital India Scheme
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटिल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत 1 जुलाई 2015 को की थी। अनिल अंबानी, अजीज प्रेम जी, साइरस मिस्त्री, जैसी बड़ी हस्तियों की मौजूदगी में ये डिजिटल इंडिया प्रोग्राम लॉन्च किया गया था। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके साथ ही आपको बता दें कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तीन मुख्य उद्देश है –
डिजिटल साक्षरता।
डिजिटल आधारभूत ढांचे का निर्माण करना।
इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना।
डिजिटल इंडिया मोदी सरकार की प्राथमिकता देने वाली योजनाओं में से एक है इस योजना के तहत सभी विभागों मे डिजिटली काम होने से इसकी गति बढ़ेगी साथ ही इसका फायदा लोगों तक पहुंचेगा।
आपको बता दें कि डिजिटिल इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार ने 1,13,000 करोड़ का बजट रखा था। इस कार्यक्रम के तहत 2।5 लाख पंचायतों समेत 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत नरेन्द्र मोदी का उद्देश किसानों को आईटी क्षेत्र से लाभ दिलवाना है। इसके साथ ही किसानों को कृषि से संबंधित सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवाना है जिसके चलते किसान उत्तम किस्म की फसलों की उपज कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से सरकार का उद्देश्य ई-शिक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देना है इसके साथ ही बच्चों को टेबलेट देकर उन्हें स्कूल सर्वर से भी जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया है।
इलैक्ट्रॉनिक और डिजिटलीकरण से लोगों को न सिर्फ पूरी जानकारी घर पर बैठे – बिठाए मिलेगी बल्कि वे ऑनलाइन माध्यम से काफी चीजों की सही जानकारी ले सकते हैं अर्थात ऑनलाइन बिलों का भुगतान करके अपना काफी समय भी बचा सकते हैं डिजिटलाइजेशन से न सिर्फ सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि विकास भी होगा।
डिजिटल इंडिया के तहत पूरे देश में फ्री में वाई-फाई सक्रिय किया जाएगा। आपको बता दें कि इस योजना के माध्यम से हर गांव में ई-सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों को सभी सरकारी सेवाएं एक ही जगह उपलब्ध कराई जा सकें इसके साथ ही किसानों को इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से भी कई जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
डिजिटलाइजेशन से जहां पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं निश्चत समय के अंदर सारी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी। इसके जरिए रिश्वतखोरी पर भी लगाम लगेगी वो इसलिए सरकारी विभागों में अक्सर लोग किसी काम को जल्दी करवाने या फिर काम करवाने को लेकर रिश्वत की मांग करते हैं जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है हालांकि डिजिटल इंडिया के माध्यम से भ्रष्टाचारियों पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
न्यायिक प्रणाली को भी डिजिटल इंडिया के तहत जोड़ा जाएगा जिससे पुलिस विभाग, सीबीआई, फॉरेंसिक आदि के साथ जोड़ा जाएगा ताकि लंबी और कठिन प्रक्रिया से बचा जा सके।
डिजिटल इंडिया के तहत ई-वोटिंग को भी ध्यान में रखा गया है वो इसलिए की कई छात्र चुनाव के समय दूरी की वजह से वोटिंग नहीं कर पाते लेकिन अब ई-वोटिंग के माध्यम से वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से छात्रों को ई-वोटिंग की सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। जिसके चलते छात्र अपने मतदान का इस्तेमाल कर सकेंगे । दूर जाकर पढ़ाई कर रहे छात्र चुनाव के समय दूरी की वजह से मतदान नहीं कर पाते हैं।
इसके साथ ही ई-वोटिंग के लिए एक अलग वेबसाइट शुरू भी शुरु की जाएगी। अगर कोई छात्र अपने ऑनलाइन वोटिंग करना चाहता है तो वह एक पासवर्ड के जरिए ई-वोटिंग कर सकेगा।
डिजिटल इंडिया के तहत सरकार ने ‘भारतीय पहचान कार्ड’ (आईसीआईसी )परियोजना के तहत सभी नागरिकों को एक नंबर उपलब्ध करवाया है।
जो कि सभी नागरिकों से संबंधित जानकारियां जैसे जन्म तिथि प्रमाण-पत्र, वोटर पहचान-पत्र, शैक्षिक प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन, पासपोर्ट, गैस, बिजली, टेलीफोन उपभोक्ता आईडी, बैंक खाता संख्या, बॉयोमीट्रिक्स, बीमा, वाहन पंजीकरण उपलब्ध करवाएगा।
इसके तहत सभी नागिरकों को एक नबंर भी दिया जाएगा जिसकी सहायता से वे अपने जरूरत के समय जैसे बच्चों का स्कूल में दाखिला कराते समय, अस्पताल में भर्ती करने के समय, यातायात चौकियों में, बीमा लेने के समय, रेल-हवाई टिकट, रंगीन टीवी खरीदने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से ज्यादातर क्षेत्र इंटरनेट कनेक्टीविटी से जुड़ रहे हैं और सरकार की सेवाओं का लुफ्त ले रहे हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से 21 वीं सदी में ज्यादा से ज्यादा नागरिक ऑनलाइन सेवा से जुड़कर अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के उद्देश्य – Purpose of Digital India
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य IT क्षमता का इस्तेमाल करके देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
इस योजना के माध्यम से भारत में चल रहे छोटे-बड़े विभागों को डिजिटल रूप देकर विकसित करना भी है।
डिजिटल इंडिया के तहत लोगों तक ऑनलाइन कई सुविधाओं पहुंचाने का भी लक्ष्य रखा गया है जो कि निम्नलिखित है –
मोबाइल कनेक्टिविटी-
डिजिटल इंडिया का मुख्य लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोबाइल से जोड़ना है। शहरी इलाकों में तो ज्यादातर लोगों के पास स्मार्ट फोन है लेकिन अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां कम ही लोग मोबाइल सुविधा का भरपूर फायदा ले रहे हैं।
इसलिए इस प्रोग्राम के तहत भारत सरकार का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास स्मार्ट फोन हो जिससे वे इंटरनेट की सुविधा और मोबाइल बैंकिंग से जुड़ सकें साथ ही डिजिटलाइजेशन का फायदा ले सकें।
ब्रॉडबैंड हाइवे की सुविधा-
डिजिटल इंडिया का मुख्य उद्देश्य सभी गांवों में हाइ स्पीड इंटरनेट की पहुंच बनाना भी है इसके लिए फाइबर ऑपटिक्स केबल भी बिछाया जा रहा है।
हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलने से सभी नागरिकों को फायदा तो पहुंचेगा ही साथ ही वे सरकार की सुविधाओं का भी लुफ्त उठा सकेंगे। इसके माध्यम से ग्रामीण इलाके के लोगों को व्यापार बढ़ाने में मद्द मिलेगी क्योंकि वे व्यापार, मंडीभाव, सरकारी योजनाओं की जानकारी हासिल कर सकेंगे इसके साथ ही उन्हें कई कागजी कामों के लिए शहर की तरफ रूख नहीं करना पड़ेगा कई काम इंटरनेट के माध्यम से ही हो जाएंगे।
इससे उनकी धन, समय की तो बचत होगी ही साथ ही विकास भी होगा।
पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम-
डिजिटल इंडिया का मुख्य मकसद सरकारी विभागों तक जनता की पहुंच बनाना भी है क्योंकि पहले लोगों को हर छोटे-बड़े कामों के लिए सराकरी दफ्तरों की तरफ रूख करना पड़ता था जिससे उनके समय की बर्बादी भी होती थी तो वहीं कई बार सरकारी दफ्तर पहुंचने पर भी उनका काम नहीं होता था लेकिन इस योजना के तहत नागरिक सरकारी विभागों से जुड़ी सभी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ही ले सकेगा।
वहीं सबसे पहले डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत मल्टी-सर्विस-सेंटर के रूप में बनाया जाएगा जहां से लोग सभी तरह की जानकारी ले सकेंगे।
ई-गवर्नेंस-
इसके तहत कारोबारी प्रक्रिया की पुर्नरचना में और सुधार लाना है, मतलब इंटरनेट के माध्यम से आवेदन की सुविधा का लाभ दिलाना है इसके साथ ही डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत कई विभागों के बीच आपसी सहयोग और आवेदनों को ऑनलाइन ट्रैक किया जाएगा।
वहीं आधार सुविधा, पेमेंट गेटवे ( बिलों का भुगतान आदी ) मोबाइल EDI जैसी जानकारी भी ऑनलाइन ली जा सकेगी जिससे लोगों को किसी भी तरह के ऑनलाइन आवेदन में खासी सुविधा मिलेगी।
आईटी के लिए रोजगार –
इस प्रोग्राम के माध्यम से कौशल विकास कार्यक्रम को भी जोड़ा जाएगा जिसके तहत कई कंपनियां अपनी जरूरतों के मुताबिक ग्रामीणों को ट्रेनिंग देंगी जिससे रोजगार बढ़ेगा साथ ही इसमें आईटी से जुड़े कारोबार के बारे में जानकारी दी जाएगी और छोटे गांव और छोटे शहरों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
ई-क्रांति- इसके तहत ई-एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी स्कूल-कॉलेजों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा इसके साथ ही फ्री वाई-फाई सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी।
वहीं ऑनलाइन कोर्सेस की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जााएगी। इसके अलावा भी ई-हेल्थ केयर की सुविधा मिलेगी जिससे लोग डॉक्टर से ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट या फिर फोन द्धारा अप्वाइंटमेंट ले सकेंगे इसके साथ ही ऑनलाइन मेडीकल की सुविधा का भी लाभ उठा सकेंगे साथ ही मोबाइल बैंकिंग, ई-कोर्ट, ई-पुलिस साइबर सिक्योरिटी, किसानों के लिए मंडीभाव, लोन जैसी कई सुविधाएं लोगों को उपलब्ध करवाना है।
अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स-
इसके तहत डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है इसको लेकर सरकार ने कुछ नियम भी बनाए हैं जो कि पूरे देश में लागू किए जाएंगे।
इसके तहत सूचनाओं के लिए आईटी प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। सभी विभागों में बायोमेट्रिक्स सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकारी यूनिवर्सिटी में फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी इसके साथ ही सरकारी ई-मेल की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी इसके अलावा भी कई सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जाएंगी।
सभी के लिए जानकारी-
डिजिटल इंडिया के माध्यम से ऑनलाइन ही सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
नागरिकों को हर विषय से जुड़ी सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहेगी इसके साथ ही लोगों और सरकार के बीच सीधे तौर पर संवाद व्यवस्था भी बनाई जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता-
डिजिटल इंडिया के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने का भी लक्ष्य रखा गया है इसके लिए सेट टॉप बॉक्स, मोबाइल, वीसेट,उपभोक्ता, फैब-लेस डिजाइन, और मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रो-एटीएम, स्मार्ट एनर्जी मीटर्स, स्मार्ट कार्डस को बढ़ावा दिया जाएगा।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लाभ – Benefits of Digital India Program
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलने के साथ ही कई फायदे पहुंचेगे जिससे देश में सशक्त समाज का विकास होगा साथ ही हर विभाग में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। इससे जुड़े कई लाभ निम्मलिखित हैं –
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट से जुड़ रहे हैं।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत आईटी क्षेत्र को भी बढ़ावा मिल रहा है।
डिजिटल इंडिया के तहत देश के हर नागरिक को अपने व्यापार से जुड़े सभी डाटा का विवरण, अपनी संपत्ति का ब्योरा समेत पूरा डाटा इलैक्ट्रॉनिक मोड में रखना होगा जिससे चोरी की संभावना तो कम होगी ही साथ ही लोगों को अपने खर्च किए गए पूरे खर्च की जानकारी चुटकियों में उपलब्ध हो जाएगी।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सेट अप बॉक्स, पानी, बिजली, मोबाइल, का बिल ऑनलाइन भरने में काफी आसानी हो गई, जिससे समय की भी बचत होगी इसके साथ ही आप समय से अपने बिलों का भुगतान कर सकेंगे।
डिजिटल प्रोग्राम के तहत सरकारी विभागों की सभी जानकारी इन्टरनेट पर भी उपलब्ध होने से सभी विभागों में पारदर्शिता बढ़ रही है जिससे रिश्वतखोरी पर भी नकेल कस रही है दरअसल सरकारी कामों के लिए अक्सर सरकारी अधिकारी काम जल्दी होने का हवाला या फिर काम पूरा करने का हवाला देकर लोगों से रिश्वत की मांग करते थे लेकिन सब ऑनलाइन होने से रिश्वतखोरी पर लगाम लग सकेगी।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत लोगों तक सही जानकारी पहुंचने में मदत मिल रही है।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत मोबाइल कनेक्टीविटी से भी खासा लाभ पहुंच रहा है।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सभी विभागों में पारदर्शिता बढ़ रही है जिससे एक सभ्य और समझदार समाज का निर्माण हो रहा है ।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से ई-पुलिस- ई-शिक्षा, ई-कोर्ट के तहत भी खासा फायदा मिल रहा है।
डिजिटाइलेशन से वाकई एक नए भारत का निर्माण हुआ है लोगों को नई दिशा मिली है।
ऑनलाइन और इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑनलाइन मेडिकल सुविधा से भी लोगों को काफी फायदा पहुंच रहा है।
इस प्रोग्राम के तहत ब्रॉडबैंड हाइवे की सुविधा से भी खासा लाभ पहुंचा है।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से जहां एक तरफ पूरा सिस्टम बदल रहा है और लोगों को काफी फायदा पहुंच रहा है तो वहीं दूसरी तरफ डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को लॉन्च करने में काफी चुनौतियां भी हैं।
इसके लिए सरकार को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारी निवेश करना पड़ा । इसके साथ ही छोटे शहरों, गांवों में कनेक्टिविटी के लिए भारी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।
भारत सरकार का डिजिटल इंडिया का आइडिया काफी सराहनीय है लेकिन इसके लिए सरकार को इन्टरनेट की पहुंच गांव-गांव तक करनी होगी इसके साथ ही साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को भी मजबूत बनाना होगा, तभी डिजिटल इंडिया का सपना पूरा हो सकेगा।
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दोस्तों, हमें अक्सर परीक्षाओं में इतिहास बारेमें प्रश्न पूछें जाते हैं लेकिन बहुत बार हमें देश विदेश के इतिहास के बारेमें पता नहीं होता, यहाँ हमने 11 अगस्त के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारेमें जानकारी दी हैं यह हमारा छोटासा प्रयास हैं आपको जरुर पसंद आयेंगा।
11 अगस्त का इतिहास – 11 August Today Historical Events
11 August History
11 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 11
अलाउद्दीन हसन गंगू ने 1347 में राजसी सत्ता हासिल की और बहमनी वंश की स्थापना की।
कंबोडिया 1863 में फ्रांस का संरक्षित देश बना।
क्रांतिकारी खुदीराम बोस को 1908 को फांसी दी गई।
फ्रांस ने 19।4 में ऑस्ट्रिया और हंगरी पर आक्रमण की घोषणा की।
पॉलैंड से यहूदियों को 1914 में निकाला गया।
पर्शिया और इराक के बीच 1929 में मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
ब्रिटेन के पोर्टलैंड बंदरगाह पर जर्मनी ने 1940 में हवाई हमला किया।
अमेरिका ने 1944 में सुमात्रा द्वीप समूह के पालेमबेंग क्षेत्र पर हवाई हमला किया।
लंदन में समर ओलंपिक की शुरुआत 1948 में हुई।
अफ्रीकी देश चाड़ ने 1960 में फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल की।
दादर नगर हवेली का भारत में 1961 को विलय हुआ और इसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन मे 1976 को हुए दंगो में 17 लोग मारे गए।
तत्कालीन सोवियत रूस ने 1984 में भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
रोनाल्ड रीगन 1985 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
यूरोप और एशिया में सदी का अंतिम सूर्यग्रहण 1999 में दिखा।
फिजी के विद्रोही नेता जार्ज स्पेट के ख़िलाफ़ 2000 में देशद्रोह का मुकदमा चलाने का निर्णय लिया।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन नाटो ने 2003 में अफगानिस्तान में शांति बल की कमान संभाली।
पाकिस्तान ने 2006 में तीसरी अगोस्टा 90बी श्रेणी की पनडुब्बी का जलावतरण किया।
मोहम्मद हामिद अंसारी 2007 में भारत के 13वें उपराष्ट्रपति बने।
एकीकृत इस्पात मैन्युफैक्चरर्स गोदावरी पावर एण्ड इस्पात ने 2008 में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ 1570 करोड़ रुपये के एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।
पाउल कागमे रवांडा के नये राष्ट्रपति 2010 में बने।
ईरान के तबरीज और अहार में 2012 को हुए भूकंप से 153 लोग मारे गए और करीब 1300 लोग घायल हुए।
बांग्लादेश में एक मस्जिद में 2012 को बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत हुई।
पाकिस्तान के काबुल में 2013 को आए बाढ़ से 22 लोग मरे।
11 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 11 August
दुनिया में जिमनास्टिक्स की नींव रखने वाले जर्मन शिक्षक फ्रेडरिक लुडविग का जन्म 1778 को हुआ था।
पश्चिम भारतीय क्रिकेटर आर्ची विलेस का जन्म 1892 को हुआ था।
भारतीय संगीत जगत के ऐसे मनीषी लालमणि मिश्र का जन्म 1924 को हुआ था।
लघु कथा लेखक, मलयाली भारतीय फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक जॉन अब्राहम का जन्म 1937 को हुआ था।
भारतीय रिज़र्व बैंक के बाइसवें गवर्नर डी. सुब्बाराव का जन्म 1949 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा का जन्म 1954 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर एम. वी. नरसिम्हा राव का जन्म 1954 को हुआ था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास और लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश से बहुत सारी योजनाएं लॉन्च की। जिसमे से उन्होनें मेन इन इंडिया Make in India की भी नींव रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत 25 सिंतबर 2014 को दिल्ली के विज्ञान भवन में की थी।
Make in India
क्या हैं “मेक इन इंडिया” योजना पूरी जानकारी – Make in India Information
मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश विदेशी निवेश को अपने देश में ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना इसके साथ ही भारत में नागरिकों को रोजगार के बेहतरीन अवसर प्रदान करना है, ताकि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक अलग पहचान बन सके। मेक इन इंडिया के तहत घरेलू विनिर्माण उद्योग को भी बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
“मेक इन इंडिया” का मतलब है “मेड इन इंडिया” अर्थात जिन वस्तुओं का निर्माण हमारे देश में ही किया गया हो. अगर ज्यादातर वस्तुएं हमारे देश में ही बनी होंगी तो साफ है कि इन वस्तुओं की कीमत भी कम होगी क्योंकि जब कोई वस्तु का बाहर से आयात किया जाता है तो उसमें टैक्स लग जाने की वजह से वस्तुएं महंगी हो जाती हैं वहीं अगर वस्तुओं का निर्माण हमारे देश में होगा तो अन्य देशों में वस्तुओं के निर्यात करने की संभावना बढ़़ेगी और अपने देश की आय में बढ़ोतरी होगी इसके साथ-साथ देश के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा।
मेक इन इंडिया अभियान के तहत मोदी सरकार का करीब 3000 कंम्पनियों को भी जोड़ने का उद्देश्य है। इससे देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा और देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक नजर में मेक इन इंडिया
योजना का नाम- मेक इन इंडिया
शुरुआत- 25 सितंबर, 2014
किसने शुरु की – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
मेक इन इंडिया का उद्देश्य- सभी वस्तुओं का निर्माण भारत में ही करना
कितने क्षेत्रों को किया शामिल- 25 क्षेत्र
मेक इन इंडिया का उद्देश्य – The purpose of Make in India
इस मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा सामान का निर्माण भारत में ही हो। जिससे लोगों को कम कीमत में ही सामान मिल सके इसके साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा देना है।
मेक इन इंडिया के तहत नई कंपनियां खुलेंगी जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही गरीबी कम होगी और देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत साल 2022 तक सभी सामान का निर्माण भारत में शुरु करना है। इसके अलावा 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार भी सृजित करना है।
मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्यात अन्य देशों में करना है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र में करीब 12 से 14 प्रतिशत बढ़ोतरी करना है।
मेक इन इंडिया के तहत GDP में साल 2022 तक विनिर्माण की हिस्सेदारी 16 से 25 प्रतिशत करना है।
इस मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत विदेशी कंपनियों का ध्यान अपनी तरफ खींचना है ताकि विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके।
मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया के तहत महंगाई को कम करना भी है, जी हां अगर ज्यादातर वस्तुओं का निर्माण भारत में होगा तो जाहिर है कि लोगों को सस्ते दामों पर वस्तुएं उपल्ध होंगी।
मेक इन इंडिया के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए भी प्रेरित करना है जिससे नए रोजगारों का सृजन होगा।
मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई है जिससे युवा अपनी नई सोच के साथ व्यापार कर सकते हैं इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया का घरेलू मूल्य संवर्द्धन और विनिर्माण में तकनीकी ज्ञान को भी बढ़ावा देना है।
मेक इन इंडिया का उद्देश्य पर्यावरण में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना भी है।
मेक इन इंडिया विजन – Make in India Vision
जैसे की हमने आपको ऊपर इस लेख में बताया कि मेक इन इंडिया का मुख्य मकसद ज्यादा से ज्यादा घरेलू उत्पादों का निर्माण देश में करना है वहीं अगर हम देश में सकल घेरलू उत्पादों की निर्माण की बात करें तो आज सिर्फ 15 प्रतिशत ही उत्पादों का भारत में निर्माण किया जाता है, जिसकी वजह से ज्यादातर सामान को बाहरी देशों से आयात करने की जरूरत होती है जिससे सामान की कीमतें भी काफी बढ़ जाती हैं।
वहीं अब मेक इन इंडिया के तहत देश के सकल घरेलू उत्पादों के निर्माण में योगदान करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है। साफ है कि अगर देश में वस्तुओं का निर्माण किया जाएगा तो रोजगार के अवसर ज्यादा बढ़ेंगे, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढे़गा और भारत आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा।
मेक इन इंडिया विजन से मोदी सरकार का मकसद देश से गरीबी दूर करना और देश को आर्थिक मजबूती देना है।
अगर हम मेक इन इंडिया अभियान की ‘लोगो’ की बात करें तो इसमें एक बेहद सुंदर शेर की तस्वीर है जिसमें अशोक चक्र मे बने हुए हैं जो कि भारत की हर क्षेत्र में सफलता भी दर्शाता है।
मेक इन इंडिया से लाभ – Profit from Make in India
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। विदेशी निवेश को काफी बढ़ावा मिला है। मेक इन इंडिया के माध्यम से युवा नई सोच के साथ व्यापार में अपना हाथ आजमा रहे हैं इसके साथ ही कई प्रोडक्टस का निर्माण भारत में ही होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
इसके तहत लोगों का विश्ववास ब्रांड की तरफ आर्कषित हुआ है जिससे ब्रांड वैल्यू में भी खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके अलावा सकल घरेलू उत्पादों का विस्तार हुआ है। तकनीकी ज्ञान में बढ़ोतरी हुई है। इस अलावा मेक इन इंडिया से लोगों को कई फायदे हुए हैं जो कि निम्नलिखित हैं –
मेक इन इंडिया से रुपए को मिली मजबूती-
मेक इन इंडिया के तहत FDI को बढ़ावा मिला है जिसके तहत डॉलर के खिलाफ भारतीय रुपए को मजबूती मिलेगी दरअसल भारत में नई कंपनियों की स्थापना से वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी होगी जिससे FDI के तहत लोगों का ध्यान आकर्षित होगा जिससे विदेशी मुद्रा के खिलाफ भारतीय रुपए को मजबूती मिलेगी।
मेक इन इंडिया के तहत रोजगार को मिला बढ़ावा-
मेक इन इंडिया प्रोग्राम को शुरु करने के पीछे भारत सरकार का मुख्य मकसद रोजगार के अवसर सृजन करना है। इस प्रोग्राम के तहत युवा पीढ़ी नए विचारों के साथ व्यापार में अपना हाथ आजमा रहे हैं जिससे रोजगार के अवसर तो बढ़ ही रहे हैं इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी खासी मजबूती मिल रही है।
मेक इन इंडिया के तहत मोदी सरकार ने मुख्यत: 25 क्षेत्रों को फोकस किया है जिसमें ऑटोमोबाइल, दूरसंचार, पर्यटन, मीडिया, मनोरंजन, रक्षा निर्माण समेत कई क्षेत्रों में व्यापारियों को नए विचारों के साथ आगे बढ़ने का मौका मिला है।
मेक इन इंडिया से व्यापार करना हुआ आसान-
मेक इन इंडिया के तहत सकल घरेलू उत्पादों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा वहीं इसके लिए कई देशों को भी आमंत्रित किया जाएगा जिसके चलते भारत में विदेशी निवेश बढ़ेगा जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी साथ ही अन्य देशों के साथ व्यापार करने में भी आसानी होगी।
मेक इन इंडिया से सकल घरेलू उत्पादों का हुआ विस्तार –
भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मेक इन इंडिया खासा योगदान दे रहा है क्योंकि देश में जितने ज्यादा घरेलू उत्पादों का निर्माण होगा उससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
आपको बता दें कि इसके तहत नई फैक्ट्रियों की स्थापना की गई जिसके साथ आय में बढ़ोतरी हुई वहीं मेक इन इंडिया के तहत 25 बड़े क्षेत्रों को फोकस किया गया है जिससे कपड़ा, वास्तुकला, दूरसंचार जैसे अनेक क्षेत्रों की बढ़ने की संभावना जताई जा रही है साथ ही में सकल घरेलू उत्पादों का विस्तार भी हो रहा है।
मेक इन इंडिया से तकनीकी ज्ञान को मिला बढ़ावा-
भारत ऐसा देश है जो कि तकनीकी रूप से इतना विकसित नहीं है यहां मशीनीकरण की कमी है जो कि देश के विकास में रोड़ा बनी हुई है लेकिन मेक इन इंडिया के तहत भारत में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के साथ तालमेल बिठाकर उनके साथ नई तकनीक के साथ काम करने का मौका मिलेगा जिससे भारत में तकनीकी ज्ञान की बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही में संबंधित राष्ट्रों को भी कुशल श्रम प्रदान किया जाएगा।
मेक इन इंडिया के माध्यम से ब्रांड वैल्यू में हुई बढ़ोतरी –
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत छोटी निर्माण करने वाली कंपनियों को काफी फायदा पहुंचा है क्योंकि ज्यादातर लोग ब्रांडेड चीजों का इस्तेमाल करना ही पसंद करते हैं इससे अंतराष्ट्रीय ब्रांड को खासा फायदा होता है जबकि छोटी निर्माण की कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन भारत सरकार के इस कार्यक्रम के तहत ब्रांड वैल्यू में बढ़ोतरी हुई है।
मेक इन इंडिया से पूंजी का प्रवाह –
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में ही कई उत्पादों का निर्माण किया जाएगा जिससे विदेशी कंपनियों भी भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगी जिससे भारत विदेशी देशों पर खर्च नहीं करेगी लेकिन विदेशी निवेश और मजदूरी के रूप में भारत पर खर्च करेंगे।
युवाओं में नए विचारों का विकास-
मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को कौशल विकास के लिए नई सोच के लिए स्वतंत्र रखा गया है जिससे चलते आज की युवा पीढ़ी को अलग-अलग क्षेत्रों में नए विचारों के साथ आने का मौका मिल रहा है जिससे औद्योगिकी की बढ़ावा मिल रहा है और भारत में युवाओं के भविष्य के लिए नए विकल्प तैयार किए जाएंगे जिससे देश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा और वे रोजगार के लिए अन्य देशों में नहीं जाएंगे।
मेक इन इंडिया से नुकसान – Disadvantages from Make in India
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं जी हां एक तरफ मेक इन इंडिया से जहां लोगों को फायदा पहुंचाने वाली साबित हो रही है वहीं दूसरी मेक इन इंडिया से कई क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहे हैं।
मेक इन इंडिया से जहां औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ कृषि क्षेत्र को उपेक्षित किया जा रहा है इसके अलावा मेक इन इंडिया के तहत कई कंपनियों का निर्माण किया जा रहा है जिससे प्राकृतिक संसाधनों का विलोपन हो रहा है क्योंकि ज्यादातर कारखाने प्राकृतिक संसाधनों के ज्यादा उपभोग करते हैं इसलिए ऐसे संसाधनों विलुप्त होते जा रहे हैं हो।
इसके साथ ही छोटे व्यापारियों को भी मेक इन इंडिया के तहत नुकसान हो रहा है क्योंकि मेक इन इंडिया विदेशी कंपनियों को भारत में निर्माण के लिए न्योता देता है इसके अलावा भी मेक इन से कई नुकसान है जो कि निम्नलिखित हैं –
मेक इन इंडिया से प्राकृतिक संसाधनों हो रहे लुप्त –
मोदी सरकार का मेक इन इंडिया कार्यक्रम प्रमुख रूप से उन उद्योगों पर आधारित है जिनका विनर्माण किया जाता है इसलिए ये कंपनियां दोबारा सेट अप की मांग करती हैं जो कि प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, जमीन, आदि का ज्यादा खपत करती हैं जिसकी वजह से प्राकृतिक संसाधनों का विलोपन हो रहा है।
मेक इन इंडिया से छोटे व्यापारियों को हो रहा नुकसान –
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया के तहत छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि इस कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा विदेशी कंपनियों को भारत में वस्तुओं के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिससे विदेशी कंपनियां भारत में आकर व्यापार कर रही हैं जिसकी वजह से ये विदेशी कंपनियां छोटे व्यापारियों पर हावी होती नजर आ रही हैं जिसका खामियाजा छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है।
मेक इन इंडिया से हो रही खेती की उपेक्षा –
सरकार के मेक इन इंडिया से जहां नई कंपनियों के निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ कृषि की उपेक्षा भी हो रही है इस प्रोग्राम का खेती पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है दरअसल मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ भारत में खेती को अवहेलना हो रही है इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा।
मेक इन इंडिया के विनिर्माण आधारित अर्थव्यवस्था होने से नुकसान-
इस मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत मुख्य रूप से ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्माण भारत में करने पर जोर दिया जाता है जो कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।
दरअसल आपको बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, सेवाओं और उद्योग के गठन पर आधारित है वहीं सेवा के क्षेत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है इसके साथ ही इस अर्थव्यवस्था ने सेवा क्षेत्र ने जीडीपी के करीब 57 प्रतिशत का योगदान भी दिया है।
बढे़गा प्रदूषण मेक इन इंडिया के वजह से –
मेक इन इंडिया से एक तरफ जहां वस्तुओं के निर्माण से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी वहीं दूसरी तरफ नई कंपनियां खुलने से काफी नुकसान भी होगा दरअसल कंपनियों से निकलने वाला दूषित पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करता है जो कि पारिस्थितिक रूप से नकरात्मक प्रभाव डालेगा।
मेक इन इंडिया के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों पर फोकस – Focus on 25 main areas under Make in India
सरकार ने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों का चयन किया है जिसमें ज्यादा से ज्यादा विकास किया जाएगा। साथ ही इन क्षेत्रों में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और भारत सरकार की तरफ से भी निवेश को बढ़ाया जाएगा।
आपको बता दें कि इसके तहत भारत में ज्यादा से ज्यादा नई कंपनियों का विकास किया जाएगा जिससे देश को आर्थिक रूप से तो मजबूती मिलेगी ही साथ ही में विदेशी कंपनी भी अपना योगदान देगी जिससे देश के विकास को गति मिलेगी। मेक इन इंडिया के तहत जिन 25 क्षेत्रों का चयन किया गया है वो निम्नलिखित हैं –
ऑटोमोबाइल
फूड प्रोसेसिंग
मीडिया और मनोरंजन
ऑटोमोबाइल कंपोनेंट
आईटी और बीपीएम
सड़क और राजमार्ग
इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली
एविएशन
तेल और गैस
चमड़ा
अंतरिक्ष
पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी
रेलवे
जैव प्रौद्योगिकी
कपड़ा और वस्त्र
केमिकल
खनन
इलेक्ट्रिकल मशीनरी
थर्मल पावर
निर्माण
रक्षा विनिर्माण
फार्मास्यूटिकल्स
कल्याण
बंदरगाह
मेक इन इंडिया अभियान के तहत इन क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसके चलते इन क्षेत्रों में भारतीय अर्थव्यवस्था के कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इसके साथ ही मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन, निर्माण और रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर एफडीआई ( FDI ) को भी खोल दिया गया है । जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
‘मेक इन इंडिया’ वेबसाइट- ‘Make in India’ website –
मेक इन इंडिया को सफल बनाने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने एक वेबसाइट की भी शुरुआत की है। जिसमें मेक इन इंडिया अभियान की पूरी डिटेल दी गई है इसके साथ ही मेक इन इंडिया वेबसाइट 25 क्षेत्रों को उनके आंकड़ों, विकास के कारकों, हर एक क्षेत्र में निवेश करने के लिए अनुकूल नीतियां, सरकारी सहायता और निवेशकों के लिए भी नए अवसरों को भी दर्शाती है। इसके साथ ही ये लोगों को इस अभियान से जुडे़ सभी सवालों के जवाब देने में भी उनकी सहायता करती है।
भारत में कंपनियां निर्माण क्यों नहीं करना चाहती ?
मोदी सरकार का मेक इन इंडिया का आइडिया से जहां कंपनियां भारत मे निर्माण करने के लिए प्रेरित होंगी लेकिन उनके लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं होगा क्योंकि निर्माण करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से वस्तुओं के निर्माण में काफी परेशानी होती है।
इसके अलावा भारत का बेहद खराब बुनियादी ढ़ांचा और खराब संचालन व्यस्था भारत का विनिर्माण केन्द्र बनने में सबसे ज्यादा रुकावट पैदा करती है। लेकिन मेक इन इंडिया के तहत मोदी सरकार ने इन सारी रुकावटों को दूर करने का वादा किया है जिससे यहां नई कंपनियां स्थापित हो सकें।
निष्कर्ष- मेक इन इंडिया मोदी सरकार की तरफ से शुरु की गई मुख्य योजनाओं में से एक है जिसके चलते न सिर्फ भारत में रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं बल्कि भारत की आर्थिकी को भी एक नई दिशा मिली है।
भविष्य में मेक इन इंडिया युवाओं के लिए काफी बेहतर साबित होगी क्योंकि मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्माण भारत में होगा जिससे वस्तुओं का आयात कम होगा और लोगों को सस्ते दामों पर चीजें उपलब्ध करवाई जाएंगी इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी।
मेक इन इंडिया की शुरुआत मोदी सरकार की एक अच्छी पहल है जो कि आज के युवाओं के कल यानि की उनके भविष्य को सुनिश्चित करेगी।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं के औद्योगिक और उद्यमशीलता कौशल को विकसित करने के लिए स्किल इंडिया – Skill India यानि की कौशल भारत योजना की शुरुआत की।
Skill India
स्किल इंडिया ( कौशल भारत योजना ) – Skill India
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं की प्रतिभाओं के लिए विकास के अवसर प्रदान करना है ताकि उन्हें रोजगार मिल सके इसके साथ ही उद्यमिता में सुधार हो सके। मोदी सरकार की स्किल इंडिया योजना के तहत सभी व्यापारियों को ट्रेन्ड किया जाएगा।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल इंडिया की शुरुआत 15 जुलाई, 2015 को अंतराष्ट्रीय कौशल दिवस पर की। भारत सरकार की कौशल भारत योजना सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक है जिसमें भारतीय समाज, लोकल और विदेशी कंपनियां सरकार भी शामिल हैं। इसके साथ ही स्किल इंडिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है।
स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत सरकार के करीब सभी मंत्रालाय शामिल किए गए हैं जिससे दुनिया में सबसे बड़ी जनशक्ति को प्रशिक्षित करने में मद्द मिलेगी।
स्किल इंडिया मिशन – Skill India Mission
स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत युवाओं की प्रतिभा को उभारने का मौका दिया जाएगा इसके साथ ही बड़े पैमाने पर उनके कौशल को प्रशिक्षित भी किया जाएगा इससे देश के औद्योगिकीकरण और आर्थिक विकास में भी काफी योगदान मिलेगा।
स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत साल 2022 तक देश में करीब 400 मिलियन से ज्यादा महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग औद्योगिक और व्यापार कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा। जिससे औद्योगिक क्षेत्र को बल मिलेगा इसके साथ ही उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का भी अवसर मिलेगा और रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर सृजन होंगे।
कौशल भारत योजना की शुरुआत नरेन्द्र मोदी ने निम्नलिखित मिशन को ध्यान में रखकर की थी जो कि इस प्रकार है –
कौशल विकास और उद्यमिता के लिए राष्ट्रीय नीति (National Policy for Skill Development and Entrepreneurship )
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (National Skill Development Mission)
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (Prime Minister Skill Development Scheme)
कौशल ऋण योजना (Skill Loan Scheme )
ग्रामीण भारत कौशल (Rural India Skill )
आपको बता दें कि ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब किसी ऐसे कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जो कि लोगों को आर्थिक समृद्धि का भरोसा दिलवाती है इसके साथ ही देश में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करती है, देश से गरीबी खत्म करने में मद्द करती है इसके साथ ही छोटे व्यापार को बढ़ाने में भी मदत करती है।
इसके अलावा भी स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत शहरी और अर्ध शहरी नौकरियों पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही कौशल भारत योजना ग्रामीण भारत में भी पर्याप्त काम और व्यापार के मार्ग प्रदान करेगा। स्किल इंडिया के तहत भारत में महिला और पुरुष दोनों की आय की समानता की भी कोशिश की जाएगी।
आपको ये भी बता दें कि स्किल इंडिया कार्यक्रम में सार्वजनिक-निजी साझेदारी भी शामिल है। खासकर जर्मनी, ब्रिटेन, इज़राइल, फ्रांस और अमेरिका समेत कई विदेशी देशों ने भी किसी खास स्किल में भारतीयों को प्रशिक्षित करने के लिए स्किल इंडिया पार्टनर्स के रूप में साइन अप किया है।
स्किल इंडिया का उद्देश्य – The purpose of Skil India
इस योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक भारत के करीब 40 करोड़ लोगों को अलग-अलग कौशल में प्रशिक्षित करना है, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके।
इसके साथ ही योजना का लक्ष्य भारतीय युवाओं के कौशल के विकास के लिए स्कोप बनाना और साथ ही युवाओं को हर क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उनकी कार्य क्षमता को बढ़ावा देना है।
आपको बता दें कि स्किल इंडिया के तहत युवाओं के कौशल की पहचान कर उन्हें विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्किल इंडिया योजना के तहत मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रशिक्षत कर उन्हें नौकरी दिलवाना और गरीबों को स्किल इंडिया के तहत लाभ दिलवाना है। इसके अलावा स्किल इंडिया के कई उद्देश्य नीचे लिखे गए हैं –
स्किल इंडिया के तहत ऐसे युवा भी अपने टैलेंट को निखार पाएंगे जो कि किसी वजह से अपने कौशल को नहीं उभार पा रहे थे। ऐसे लोगों की स्किल को लोगों के बीच लाने के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्किल इंडिया के तहत सरकार की यही कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सके इसलिए इस योजना के तहत देश के करीब 24 लाख युवाओं को अलग-अलग तरह के तकनीकी क्षेत्र में ट्रेनिंग देकर नौकरी उपलब्ध करवाना है।
स्किल इंडिया प्रोग्राम का मकसद ऐसे बच्चे जो आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से उच्च शिक्षा नहीं ले पाते हैं उन बच्चों की स्किल को मौका देकर उसे विकसित करना भी है।
स्किल इंडिया के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार दिलवाया जाएगा ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सके।
भारत में 35 साल से कम आयु वालों की जनसंख्या करीब 65 प्रतिशत है तो स्किल इंडिया के तहत इस 65 फीसदी लोगों को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए कौशल और नए अवसर देना भी है।
स्किल इंडिया के तहत जिन बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी उसके तहत मिला सर्टिफिकेट पूरे भारत में मान्य होगा आपको बता दें कि सरकार न्यूनतम फीस के युवाओं को प्रशिक्षित कर सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाएगी जिसके आधार पर निजी अथवा सरकारी क्षेत्र में नौकरियां प्राप्त हो सकेंगी।
स्किल इंडिया का उद्देश्य गरीबी को दूर करने के साथ-साथ गरीब लोगों, परिवारों तथा युवाओं में नया जोश भर के आगे बढ़ने का आत्मविश्वास लाना तथा देश में नयी ऊर्जा लाने की कोशिश करना है।
स्किल इंडिया का मुख्य मकसद सभी राज्यों और संघ राज्यों को इकट्ठा करके आई.आई.टी. की इकाईयों के माध्यम से दुनिया में स्वंय को स्थापित करना भी है।
स्किल इंडिया के तहत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना प्राथमिकता है इसके साथ ही युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए भी पूरी व्यवस्था का निर्माण करना भी इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद है।
स्किल इंडिया के तहत हर कोई अपने कौशल को निखारने के लिए स्वतंत्र अगर किसी व्यक्ति की रूचि खाना बनाने, कपड़े सिलने, साफ-सफाई का काम करने, तकनीकी ज्ञान, मकैनिक का काम करना, मेक अप करने के अलावा अन्य क्षेत्रों में है तो इस प्रोग्राम के तहत युवाओं के कौशल को और ज्यादा निखारकर उसे प्रशिक्षित कर सरकार की तरफ से उस व्यक्ति के कौशल को मान्यता प्रदान की जाती है।
स्किल इंडिया के तहत व्यापार एवं ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
स्किल इंडिया का मुख्य मकसद तकनीकी कौशल का विकास करना है।
कौशल भारत की विशेषताएं – Features of Skill India
स्किल इंडिया के तहत सभी उम्र के भारतीयों को प्रशिक्षित किया जाता है इसके साथ ही नागरिकों की रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
स्किल इंडिया के माध्यम से नागरिक अपनी रूचि के क्षेत्र में अथवा अन्य क्षेत्रों में जैसे चमड़े के शिल्पकार, लोहार, फैशन डिजाइनर, खादी हेल्थकेयर श्रमिक और हैंडलूम कारीगरों समेत कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण ले सकते हैं।
स्किल इंडिया के तहत निर्माण, ज्वैलरी, बैंकिंग, परिवहन समेत पर्यटन के क्षेत्रों पर पर भी फोकस किया जाएगा।
स्किल इंडिया प्रोग्राम की खास बात यह है कि इसके तहत नागरिकों को दिया गया प्रशिक्षण अंतराष्ट्रीय मानकों में भी खरा उतरेगा।
आपको बता दें कि स्किल इंडिया के तहत प्रशिक्षित नागरिकों की कुशल जनशक्ति को मांगों को भी पूरा किया जाएगा।
स्किल इंडिया से लाभ – Profit from Skil India
स्किल इंडिया के माध्यम से लोगों को जहां उनके कौशल को निखारने का मौका मिल रहा है वहीं अपने क्षेत्र में परिपक्व होने से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है साथ ही रोजगार मिल रहा है।
जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत बन रहे हैं। स्किल इंडिया के तहत लोगों को उनके कौशल के हिसाब से प्रशिक्षित कर उनका सही मार्गदर्शन किया जा रहा है जिससे युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है। स्किल इंडिया के तहत युवा हर क्षेत्र में अपनी कौशल को निखारने में स्वतंत्र है।
स्किल इंडिया के तहत सभी नौकरियों को बराबर महत्व दिया जाएगा साथ ही नौकरी पाने के हर उम्मीदवार को बेहतर कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्किल इंडिया के तहत युवाओं को कौशल को प्रशिक्षित कर सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो कि देश में मान्य होगा जिससे युवाओं को नौकरी मिलने में आसानी होगी।
युवाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए निगमित शैक्षिक संस्थान, गैर-सरकारी संगठन, सरकार, अकादमिक संस्थान और समाज सहायता करेंगे ताकि कम से कम समय में युवाओं के कौशल को निखारकर अच्छा परिणाम हासिल किया जा सके। स्किल इंडिया के तहत लोगों को कई फायदा पहुंचे जिनका वर्णन नीचे किया गया है –
कौशल भारत योजना के तहत लोगों को उनके कौशल निखारने में प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ सके।
स्किल इंडिया के तहत युवाओं को श्रम कार्य लेने योग्य बनाने में मदत मिलेगी।
स्किल इंडिया के माध्यम से युवाओं में कौशल का विकास हुआ जिससे उन्हें अपना भविष्य सुनिश्चत करने में फायदा होगा।
स्किल इंडिया के तहत सभी क्षेत्रों में समान विकास होगा जिससे सभी नौकरियों को समान महत्व मिलेगा।
स्किल इंडिया के तहत मौजूदा मजदूरों की उत्पादकता बढ़ाने में भी काफी मद्द मिलेगी।
स्किल इंडिया के तहत युवाओं को उनके कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है इसके साथ ही उन्हें रोजगार दिलवाने के भी प्रयास किए जा रे हैं।
स्किल इंडिया के तहत युवाओं के कौशल को निखराने का मौका दिया जा रहा है जिससे रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं साथ ही उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि भारत के वित्त मंत्रालय ने स्किल इंडिया के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय कौशल प्रमाणन और मौद्रिक पुरस्कार योजना भी शुरू की है। जिसका मुख्य मकसद अनुमोदित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल समापन के लिए मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करके युवाओं के लिए कौशल विकास को प्रोत्साहित करना है।
इसके साथ ही जो नागरिक स्किल इंडिया के तहत पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के तहत मुद्रा बैंक ऋण का फायदा भी ले सकते हैं।
प्रशिक्षकों के लिए कौशल भारत और अवसर – Skills for trainers India and opportunities
भारत सरकार स्किल इंडिया के तहत किसी भी क्षेत्र में प्रशिक्षकों का स्वागत करती है इसके साथ ही प्रशिक्षित युवक स्किल इंडिया से संबंधित वेबसाइटों से किसी भी क्षेत्र में ऑनलाइन संपर्क कर सकते हैं और फाइल आवेदन कर सकते हैं।
आपको बता दें कि इसके तहत प्रशिक्षकों को मेरिट आधार पर पूरी तरह से चुना जाता है।
आपको बता दें कि प्रशिक्षकों को स्किल इंडिया के तहत किया गया पारिश्रमिक भुगतान पाठ्यक्रम आयोजित करने वाले मंत्रालय और साझेदार संगठनों के मुताबिक अलग होता है इसके साथ ही कौशल भारत के अंतर्गत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए उद्यमियों को अलग-अलग मंत्रालयों के साथ जुड़ने के लिए भी न्योता दिया जाता है।
सारांश-
स्किल इंडिया भारत सरकार द्दारा शुरू की गई एक अच्छी पहल है जिसका मुख्य लक्ष्य लोगों के कौशल को उभारकर उन्हें रोजगार मुहैया करवाना है।
स्किल इंडिया के तहत देश से बेरोजगारी की समस्या को जड़ से खत्म करना है साथ ही देश के युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार करना है जिससे देश का कोई नागरिक बेरोजगार नहीं रह सके इसके साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के बेहतरीन अवसर खोलना है।
स्किल इंडिया के तहत भारत को आगे बढ़ने की दिशा मिली है।
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आज गूगल पर किसी भी विषय की जानकारी बड़ी आसानी से मिल जाती है। कई तरह की ऑनलाइन सुविधाए भी गूगल की मदत से ही की जाती है। आज हर कोई काम पड़नेपर गूगल की ही मदत लेते है। मगर इस गूगल की शुरुवात कैसे हुई, किसने इसे बनाया, किस तरह से गूगल एक विशाल कम्पनी बनी इसकी जानकारी कई लोगो के पास में नहीं।
गूगल को शुरू करने में लैरी पेज और सर्गी ब्रिन इन दो व्यक्ति ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लैरी पेज की जानकारी हम अपने आर्टिकल में आपको दे चुके हैं। आज हम सर्गी ब्रिन – Sergey Brin की जानकारी आपको देने जा रहे है।
Sergey Brin
गूगल के निर्माताओं में से एक सर्गी ब्रिन बायोग्राफी – Sergey Brin Biography
सर्गी ब्रिन का जन्म 21 अगस्त 1973 को रूस की राजधानी मास्को में हुआ। उनके पिताजी गणितज्ञ और अर्थशास्त्री थे। रूस में उस समय ज्यू लोगो पर कई अत्याचार और जुल्म हो रहे थे इसीलिए अपनी जान बचाने के लिए उनके परिवार के लोग सन 1979 में अमेरिका में आये थे।
अमेरिका में आने के बाद मेरीलैंड यूनिवर्सिटी के कॉलेज पार्क से गणित और कंप्यूटर में डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया जहापर उनकी मुलाकात लैरी पेज से हुई। दोनों भी उस समय कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट कर रहे थे। उसके बाद दोनों ने मिलकर एक सर्च इंजन बनाया जिसमे सभी तरह की वेब साईट को क्रम के हिसाब से लगाया गया था।
बाद में फिर उन्होंने गणिती भाषा का शब्द गुगुल नाम के आधार पर उनके सर्च इंजन को गूगल नाम दे दिया। 1998 में इस गूगल सर्च इंजन की शुरुवात हुई और आज यह दुनिया का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध सर्च इंजन बन चूका है।
ब्रिन ने 23 एंडमी की सहसंस्थापक ऐनी वोजसिसकी से शादी की और 2013 तक वह साथ में ही रहे लेकिन 2015 में दोनों ने तलाक ले लिया उनके दो बच्चे है।
सर्गी ब्रिन का करिअर – Sergey Brin Career
जब ब्रिन और पेज स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तो दोनों ने मिलकर एक सर्च इंजन तयार किया था जिसमे सभी तरह की वेब साईट दिखाई देती थी, और वह सभी वेब साईट क्रम के हिसाब से लगाई गयी थी क्यों की लोग जिस वेब साईट पर ज्यादा खोज करते थे उसे सबसे पहले स्थान पर रखा जाता था।
गणित के शब्द गुगुल के नाम पर से ही उन्होंने उनके सर्च इंजन को गूगल नाम दे दिया।
अपने परिवार, मित्र और कई सारे निवेशको से 1 मिलियन डॉलर इकट्ठा करने के बाद दोनो ने मिलकर 1998 में कम्पनी की स्थापना की।
गूगल का मुख्यालय कैलिफ़ोर्निया के सिलिकॉन व्याले में स्थित है और सन 2004 में गूगल ने अपनी इनिशियल पब्लिक ओफ्फेरिंग लोगो के सामने रखी जिसकी वजह से ब्रिन और पेज दोनों ही बिलेनियर बन गए।
आज गूगल दुनिया का सबसे प्रसिद्ध और मशहूर सर्च इंजन बन चूका है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में एक दिन में औसत एक ट्रिलियन से भी ज्यादा लोग गूगल पर सर्च करते है।
सर्गी ब्रिन और लैरी पेज ने सारी दुनिया की जानकारी को बस एक क्लिक जितना आसान बना दिया। अब कोई भी चीज हमें ढूंढनी हो तो बस गूगल पर जाकर क्लीक करो। आपको कोई भी हिज बैठे बिठाएं मिला जाती हैं।
सर्गी ब्रिन हमेशा से ये मानते हैं की,
“ज्ञान हमेशा अच्छा होता है और निश्चित रूप से अज्ञानता से बेहतर होता है”
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देश दुनिया के इतिहास में आज का दिन यानि 12 अगस्त कई कारणों से दर्ज है, जिनमें से महानायक अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन के जन्म के साथ साथ और भी महत्वपूर्ण घटनाएँ शामील है। उन्ही घटनाओं पर एक बार नज़र डालेंगे।
12 अगस्त का इतिहास – 12 August Day History
12 August History
12 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 12
बादशाह अकबर के मंत्री अबुल फजल की 1602 में हत्या हुई।
मुगल शासक ने 1765 में ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी सौंपी। इसे राजनीतिक और संवैधानिक इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।
नीदरलैंड और बेल्जियम ने 1831 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
हेनरी फोर्ड की कार कंपनी ने 1908 में पहला कार मॉडल बनाया।
फ्रांस और ब्रिटेन ने 1914 में ऑस्ट्रिया-हंगरी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
पोलैंड और रूस के बीच वारसॉ की लड़ाई 1920 को शुरू हुई।
एम्सटर्डम में नौवें ओलम्पिक खेल 1928 को समाप्त हुये।
क्यूबा का तानाशाह मचाडो वाई मोरालेस सैन्य तख्तापलट के बाद 1933 में भागा।
गोताखोर मार्जोरी गेस्ट्रींग सबसे कम उम्र (13 वर्ष 268 दिन) के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता 1936 में बने।
फ्रेंच मार्शल हेनरी पीटेन ने 1941 में नाजी जर्मनी को पूर्ण समर्थन दिया।
यूनान के लोनियन द्वीप में 1953 को भूकंप से 435 लोगों की जानें गई।
नासा ने 1960 में अपना पहला सफल संचार उपग्रह ईको-ए प्रक्षेपित किया।
पहली बार 1962 में एक साथ दो लोग अंतरिक्ष में गए।
सीरिया ने 1971 में जॉर्डन से राजनयिक संबंध तोड़ा।
इयान और ग्रेग चैपल ने 1972 में क्रिकेट टेस्ट मैच की एक ही पारी में शतक बनाया।
आईबीएम ने 1981 को अपना पहला पर्सनल कंप्यूटर पेश किया जिसकी कीमत 16 हजार डॉलर रखी गई थी।
लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में 23वें ओलंपिक खेलों का समापन 1984 में हुआ।
विव रिचर्ड्स, डुजोन और मार्शल के लिए 1991 में टेस्ट क्रिकेट में अंतिम दिन।
उत्तरी अमेरिका के राष्ट्रों- सं.रा. अमेरिका, कनाडा एवं मैक्सिको में मुक्त व्यापार समझौता (नाफ्टा) 1992 में सम्पन्न।
कांगो गणराज्य की राजधानी ब्राजविल्ले में 1994 को एक चर्च में भगदड़ हो जाने से 142 लोग मारे गये।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2003 में भारत और इस्रायल के बीच फाल्कन सौदे को मंजूरी दी।
फ्रांस के मशहूर स्ट्राइकर जिनेदिन जिदान ने 2004 में अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल से सन्न्यास लिया। इराकी शहर नजफ पर अमेरिकी हमले में 165 मारे गये।
यूरोपीय प्रक्षेपण यान एरियन-5 ने 2006 में जापान के संचार उपग्रह और फ्रांस के एक सैन्य उपकरण को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान एण्डेवर से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुँचे यात्रियों ने 2007 को स्टेशन पर नई बीम लगाई।
आमिर ख़ान को उनकी फ़िल्म ‘तारे ज़मीं पर’ के लिए गोलापुड़ी श्रीनिवास मेमोरियल अवार्ड 2008 में प्रदान किया गया।
भारत के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सी.रंगराजन को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलहाकार परिषद का अध्यक्ष 2009 को नियुक्त किया गया। उन्होंने इस पद पर अपनी नियुक्ति के उपरान्त राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
30वें ओलंपिक खेलों का लंदन में 2012 को समापन।
चीन के उत्तरी शहर तियांजिन में 2015 को हुए धमाकों में 50 लोगों की मौत और कम से कम 700 घायल।
12 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 12 August
भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन की माँ तेजी बच्चन का जन्म 1914 को हुआ था।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और भारतीय भौतिक वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का जन्म 1919 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडेय का जन्म 1972 को हुआ था।
12 अगस्त को हुए निधन – Died on 12 August
भारत के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले अंग्रेज़ व्यक्ति जॉर्ज सिडनी अरुंडेल का निधन 1945 में हुआ।
प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता, विचारक और निबंधकार भगवतशरण उपाध्याय का निधन 1982 को हुआ था।
12 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important events and festivities of 12 August
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन – Swachh Bharat Abhiyan की शुरुआत की।
स्वच्छ भारत की परिकल्पना तभी की जा सकती है जब सब मिलकर इसमें सहयोग करें जिससे सभी गांव, शहर, गलियां, नालियां साफ-सुधरी की जा सकें जिससे बीमारी फैलने का खतरा कम हो और गंदगी की वजह से फैलने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, डायरिया, महामारी समेत कई बीमारियों से बचा जा सके। इसके साथ ही एक स्वस्थ और स्वच्छ भारत का निर्माण हो सके।
Swachh Bharat Abhiyan
स्वच्छ भारत अभियान – Swachh Bharat Abhiyan
Swachh Bharat Abhiyan – “स्वच्छ भारत अभियान” को Clean India Mission – “क्लीन इंडिया मिशन” भी कहा जाता है जो कि मोदी सरकार की तरफ से देश के सभी कस्बो, गांवों और शहरों की स्वच्छता के लिए चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने Swachh Bharat Abhiyan – “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर की थी। क्यों कि महात्मा गांधी हमेशा स्वच्छता पर जोर देते थे।
महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के मकसद से नरेन्द्र मोदी ने “क्लीन इंडिया मिशन” – Clean India Missionकी शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख अभियानों में से एक है जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य- Purpose of Swachh Bharat Abhiyan
स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य भारत में ज्यादा से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करवाना, ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, सड़कों की सफाई करवाना है जिससे स्वच्छ भारत का निर्माण हो सके। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सफाई के लिए जागरूक करना है साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करना है।
आपको बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत मोदी सरकार का उद्देश्य साल 2019 तक पूरे भारत को खुले में शौच मुक्त के लक्ष्य को पूरा करना है जिससे 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की जयंती पर गांधी जी को इसकी श्रद्धांजली दी जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन का मुख्य मकसद ग्रामीण इलाके में रह रहे लोगों के रहन-सहन में सुधार करना भी है। इसके साथ ही इस मिशन के अंर्तगत हर साल 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को स्वच्छता से जुड़ी सारी सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का भी लक्ष्य रखा गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ना है ताकि ज्यादातर लोग इस अभियान का हिस्सा बन सकें और सफाई के प्रति जागरूक हो सकें। इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के कुछ उद्देश्य निम्नलिखित है –
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त भारत को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य 2019 तक भारत के ग्रामीण इलाकों में करीब 1.96 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करना है।
साल 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को हासिल करना।
स्वच्छ भारत मिशन का मकसद ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना भी है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और साफ-सफाई के कार्यक्रम से लोगों को जोड़ा जाएगा।
स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत- Need for Swachh Bharat Abhiyan
अगर भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से सफाई अभियान की पहल नहीं की होती तो क्लीन इंडिया सपना अधूरा रह जाता इसके साथ ही गंदगी की वजह से देश में कई घातक बीमारी पनप रही हैं जिसकी वजह के कई लोगों की मौत भी हो चुकी हैं इसलिए लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए सफाई अभियान की शुरुआत की गई।
लोगों के स्वस्थ और शारीरिक विकास के लिए भी स्वच्छ भारत अभियान की बेहद आवश्यकता है क्योंकि एक स्वच्छ समाज में ही स्वस्थ व्यक्ति का विकास संभव है अर्थात स्वचछता का मानव के विकास में अहम योगदान है।
व्यक्ति के रहन-सहन में और उनके जीवन के परिपरेक्ष्य में सफाई का बेहद अहम योगदान है। इस अभियान के तहत अगर सफाई मिशन के सपने को पूरा करना है तो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को शौचालयों की सुविधा मिल सके जिसके लिए मोदी सरकार शौचालयों का निर्माण कराने पर भी जोर दे रही है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस अभियान को सफल बनाने के लिए बायोमेट्रिक टॉयलेट का भी निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही फ्लंशिग टॉयलेट के माध्म से मैनुअल स्केवेंजिंग सिस्टम को भी खत्म करने की कोशश की जा रही है।
इसके साथ ही मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगों में स्वच्छता के तरीकों में भी बदलाव किया जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस अभियान के तहत लोगों में स्वच्छता की भावना का विकास हुआ है।
इस मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों की मानसिकता को बदलने की जरूरत है और सफाई को लेकर उनके रहन-सहन में बदलाव करने की जरूरत है ताकि स्वच्छ भारत में स्वच्छ समाज का विकास हो सके।
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान – Swachh Bharat Abhiyan Urban
स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी कराया जाएगा इसके साथ ही इस मिशन के तहत खासकर बस स्टेशन, पर्यटन स्थल, रेलवे स्टेशन, बाजार समेत कई जगहों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के सफाई मिशन के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वच्छता कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
सफाई मिशन के तहत ज्यादा से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराने, गंदे शौचालयों को फ्लश शौचालयों में बदलना, मैनुअल स्केवेन्गिंग को खत्म करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन – Swachh Bharat Mission Gramin
ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में सफाई से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें ग्रामीण लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
इसके साथ ही ग्रमाीण स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त करने के लक्ष्य रखा गया है इसके लिए देश में 11 करोड़ 11लाख शौचालयों के निर्माण किया जाएगा जिसमें करीब 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद भी सम्मिलत होंगे। आपको ये भी बता दें कि, ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों की स्वच्छता संबंधी आदतों में सुधार करना है जिससे ग्रामीणों के रहन-सहन की आदत को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
स्वच्छ भारत अभियान का लाभ – Benefits of Clean India Mission
स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां देश को साफ-सुधरा बनाने में मद्द मिलेगी वहीं गंदगी की वजह से पर्यावरण में फैलने वाली कई घातक बीमारियों से भी बचा जा सकेगा साथ ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा । स्वच्छ भारत अभियान से लोगों में साफ-सफाई को लेकर जागरूकता फैली साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं को भी काफी बढ़ावा मिला । स्वच्छ भारत अभियान के अंर्तगत लोगों के रहन-सहन में सफाई को लेकर काफी सुधार हुआ साथ ही नगर परिषद, नगर पालिका को भी लाभ पहुंचा स्वच्छ भारत मिशन से होने वाले लाभ निम्नलिखित है –
जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा मिला।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता फैली।
स्वच्छ भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार होगा।
नगर परिषद, नगर पालिका को भी काफी लाभ पहुंचा सफाई अभियान के तहत कई सफाई कर्मियों की भी नियुक्ति की गई जिससे देश को साफ-सुथरा रखा जा सके।
सफाई अभियान के तहत ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल जैव उर्वरक और ऊर्जा के कई रूपों में बदलने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत जागरूकता फैलाने के लिए बड़े स्तर पर स्कूल,कॉलेज, सरकारी दफ्तर, ग्रामीण पंचायत के अलावा कई संस्थानों को जोड़ा जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान का हिस्सा बन सके इससे देश को साफ-सुथरा करने में भी मदत मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में जिन घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है ऐसे घरों में शौचलय के निर्माण के लिए राज्य सरकार 3000 रुपए की राशि देगी।
आपको बता दें कि सफाई अभियान के तहत टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, महिंद्रा ग्रुप और रोटरी इंटरनेशनल समेत 14 कंपनियों ने भी अपना अहम योगदान दिया और करीब 3 हजार 195 नए शौचालयों का निर्माण करने का वादा किया है था इसके साथ ही आपको बता दें कि कई दिगग्ज हस्तियों ने सफाई अभियान में अपना योगदान दिया और भारत को साफ-सुथरा रखने की मुहिम छेड़ी।
स्वच्छ भारत मिशन मोदी सरकार की वाकई सराहनीय पहल है इस अभियान के माध्यम से न सिर्फ स्वच्छ भारत का निर्माण होगा बल्कि भारत की पहचान स्वस्थ देशों में की जा सकेगी।
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दुनिया में कई सारे धर्म, जाती, पंथ और संप्रदाय के लोग रहते है। हर धर्म की अलग अलग सिख, नियम होती है और उस धर्म से जुड़े लोग उन नियमो का पालन भी करते है। हिन्दू धर्म में मंदिर, इस्लाम में मश्चिद और ख्रिश्चन धर्म में लोग चर्च में जाते है। मंदिरों और मश्चिद की तुलना में चर्च बहुत ही अलग होते है। चर्च में जाते ही हमें सबसे पहले वहा पर जीजस और होली क्रोस के दर्शन होते है।
Basilica of Bom Jesus
गोवा का एक प्रसिद्ध चर्च बेसीलिका ऑफ बोम जीसस – Basilica of Bom Jesus
हमारे देश में गोवा एक ऐसी जगह है जहापर चर्च है और उस चर्च की खास बात यह है की वहापर गॉड जीजस को छोटे बच्चे के रूप में दिखाया गया है। आज गोवा के इसी बासिलिका चर्च के बारे में हम आपको जानकारी देनेवाले है और इस चर्च की विस्तृत जानकारी निचे दी गयी है।
बोम जीजस बासिलिका गोवा का एक प्रसिद्ध चर्च है पूरी दुनिया के ख्रिश्चन धर्म के लोग इस चर्च का बेहद सम्मान करते है वास्तुकला के नजर से देखे तो इस चर्च को मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है। ख्रिश्चन लोगो के वास्तुकला की सादगी और भव्यता का इससे अच्छा उदाहरण कुछ हो ही नहीं सकता।
पुराने गोवा का यह बोम जीजस बासिलिका चर्च पणजी से पूर्व दिशा में 10 किमी की दुरी पर स्थित है और इसे विश्व विरासत स्मारक सूची में भी शामिल किया जा चूका है।
बेसीलिका ऑफ बोम जीसस चर्च का इतिहास – Basilica of Bom Jesus History
इस बड़े और शानदार चर्च को बनाने की शुरुवात 24 नवम्बर 1594 में की गयी थी और इस चर्च के निर्माण में मार्गदर्शन करने का काम गोवा के आर्चबिशप अलेक्सिआ डे मेनेज़ेस ने किया था। 15 मई 1605 में इस चर्च का निर्माण पूरी तरह से हो चूका था। सन 1946 में इस चर्च को छोटा बासिलिका का दर्जा भी दिया गया था।
लेकिन सन 1759 में आर्डर ऑफ़ जीजस को कुचल दिया गया और पोर्तुगीज ने इसके सारी जायदाद पर कब्ज़ा कर लिया। लेकिन उसके बाद भी लोगो के लिए चर्च को खुला रखा गया।
बेसीलिका ऑफ बोम जीसस चर्च की वास्तुकला – Basilica of Bom Jesus Architecture
गोवा का यह चर्च बरोक वास्तुकला का सबसे उत्तम उदाहरण है। इस चर्च को सभी ‘बोम जीजस’ नाम से बुलाते है इसका मतलब होता है की ‘अच्छा जीजस’ या फिर ‘छोटा जीजस’। इस चर्च में शुरुवात में एक मुहर दिखाई देती है जिसपर ग्रीक भाषा में जीजस के लिए ‘’एच आई एस’’ तीन शब्द लिखे गए है।
इस चर्च के मुखौटे को काले ग्रेनाइट से दोरिक और कोरिंथियन शैली में बड़ी सुन्दरता और सादगी से बनाया गया है।
इसकी लम्बाई 183 फीट, चौड़ाई 55 फिट और उचाई 61 फिट है। इस चर्च की जो मुख्य वेदी है उसकी उचाई 54 फीट और चौड़ाई 30 फीट है। इस चर्च में जितने भी स्तंभ बनाये गए उन्हें बेसाल्ट से बनाया गया और इन सभी बेसाल्ट को 300 किमी दुरी पर स्थित बेसिन से लाया गया था। इस चर्च का जो अंदरूनी हिस्सा है उसे मोसैको कोरिंथियन शैली में बनाया गया था।
इस चर्च के छत को खपरैल से बनाया गया था। इस चर्च को सलीब के आकार में बनाया गया है। कुछ ही दिनों पहले इस चर्च के उत्तरी दिशा में उडती हुई तितलिया बनायीं गयी है। इस चर्च के दक्षिण दिशा में बनाये गए एक भवन की वजह से यह चर्च ‘प्रोफ़ेस हाउस’ से जुड़ चूका है।
इस चर्च का तीन मंजिली में बना हुआ मुखौटा आयनिक, दोरिक और कोरिंथियन शैली में बनाया गया है और इसके सामने एक बड़ा प्रवेशद्वार है जिसके सामने दो छोटे छोटे कोरिंथियन शैली में बनाये गए स्तंभ देखने को मिलते है। इस चर्च में दो पूजास्थल, एक मुख्य वेदी और गाना बजाने वालों का अलग भाग बनाया गया है। पिछ्ले हिस्से में घंटाघर भी है।
चर्च में अन्दर जाने के बाद गाना गाने की जगह के दाये में सैंट अन्थोनी की मूर्ति है और बाये में नक्काशी की लकड़ी में बनी हुई सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर की मूर्ति है। चर्च के उत्तर दिशा में कोचीन के कप्तान डॉम जेरोनिमो मस्कारेन्हास की कब्र है जिन्होंने इस चर्च को बनाने के लिए बड़ी मात्रा में दान दिया था। उनकी मृत्यु सन 1593 में हुई थी।
गाना गाने की जगह पर पोर्तुगीज और लैटिन भाषा में इस चर्च की सारी जानकारी लिखी गयी है जिसमे इस चर्च का निर्माण का वर्णन भी किया गया है।
उस कब्र के बिलकुल विरुद्ध दिशा में दक्षिण की और लकड़ी से बना हुआ मंच है और उसकी सुरक्षा के लिए उसके ऊपर छत भी बनाया गया है। मंच के तीनो दिशा मे जीजस की मुर्तिया, चार प्रसारक और चर्च के चार डॉक्टर की मुर्तिया है। मंच के निचले हिस्से मे और भी सात मुर्तिया है।
चर्च के मुख्य वेदी के दोनों दिशा में दो अन्य मुर्तिया भी है उसमे से पहली आवर लेडी ऑफ़ होप की है और दूसरी सैंट माइकल की है।
इस चर्च के जीजस छोटे बच्चे के रूप में होने के कारण उनकी मूर्ति और भी सुन्दर दिखती है और उनकी मूर्ति के भी ऊपर की दिशा में सैंट इग्नेशियस लोयोला की मूर्ति है जिन्हें आर्डर ऑफ़ जीजस का संस्थापक माना जाता है।
चर्च में एक पदक पर जीजस के लिए एच आई एस लिखा हुआ दिखाई देता है और उस पदक के भी ऊपर की दिशा में पिता, माता और होली घोस्ट इन त्रिमूर्ति को दर्शाया गया है। चर्च के उत्तरी दिशा में पूजास्थल की भी व्यवस्था की गयी है।
चर्च में दक्षिण दिशा में एक पूजास्थल है जहापर सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर के शरीर के पवित्र अवशेष रखे गए है। इस जगह पर नक्काशी की लकड़ी और पेंटिंग्स के माध्यम से सैंट के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाये दिखाई गयी है।
उनकी कब्र के सामने के एक चांदी की बनाई हुई मूर्ति है। उनकी कब्र का ऊपर का हिस्सा भी पूरी तरह चांदी से बना हुआ है और सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर की कब्र में कुछ मौल्यवान रत्न भी रखे गए है। हर दिशा में उनकी कब्र को सात पैनल में अलग किया गया है और उसमे से हर पैनल में दो प्लेट्स पर उनकी जिंदगी की घटनाये दिखाई गयी है।
सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर के पूजास्थल के बाजु में एक कॉरिडोर है जहापर जाने के लिए नक्काशी किये हुए सुन्दर दरवाजे है। यह भवन बहुत ही बड़ा और भव्य है। इसके बाजु में जो दीवारे है उनपर अलग अलग संतो की तस्वीरे लगायी गयी है।
इस चर्च की वेदी में एक सोने का गुलाब का फुल रखा गया है और उसे सन 1953 में बारहवे पोप पिउस ने दिया था। इस चर्च के वेदी के पैरों के बाजु में बल्थाज़र दा विगा की कब्र है जिनकी मृत्यु सन 1659 में हुई थी। सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर की जानकारी देनेवाली एक पेंटिंग इस चर्च के वेदी के बाजु में रखी गयी है।
इस बासिलिका चर्च की संरचना सरल लेकिन बहुत ही शानदार और भव्य है। अब इस चर्च में पुराने छत की जगह लकड़ी से बनाये हुए छत ने ली है। चर्च में जाते ही दरवाजे के एक बाजु में सैंट फ्रांसिस ज़ेवियर की मूर्ति है मगर लोगो का उसपर आसानी से ध्यान नहीं जाता क्यों की चर्च में प्रवेश करते ही सभी लोग वेदी के पीछे की सजाई हुई दीवार को ही देखते रहते है क्यों की उसे बहुत ही अच्छे तरीके से अलंकृत कर के रखा गया है।
बासिलिका चर्च के बाजु में ही लेटराइट से बनी हुई दो मंजिली ईमारत दिखाई देती है इस ईमारत को चुने और प्लास्टर के मिश्रण से बनाया गया था। इसका निर्माण बासिलिका चर्च से भी पहले मतलब सन 1585 में किया गया था। मगर उस समय इस ईमारत के निर्माण को लेकर कई लोगो ने विरोध भी किया था।
इस प्रोफ़ेस हाउस का निर्माण डोमिंगोस फर्नान्देस ने करवाया था और इस ईमारत को पूरी तरह से जेसुइट के नियमो के अनुसार ही बनाया गया था।
इस चर्च को बनाने के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी छिपी है। इस चर्च को तेरिरो दोस गलोस चौक में बनाने को लेकर जेसुइट को सीनेट की तरफ़ से सांता कैसा दा मिसेरिकोर्डिया और फ्रंसिस्कांस ने कडा विरोध किया था। लेकिन उन्हें क़ानूनी तौर पर चर्च बनाने को रोकने से एक दिन पहले ही वहापर अचानक से दो फादर और एक ब्रदर आये और उन्होंने वहा के किसी छोटे घर को ही एक चर्च में परिवर्तित कर दिया और उसके बाद में उन्होंने उस घर के दरवाजे पर ‘जीजस’ शब्द भी लिखा।
उसके अगले ही दिन सुबह में ही लोगो के लिए चर्च खोल दिया गया और चर्च की घंटा भी बजना शुरू हो गयी थी जिसकी वजह से सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए थे और चर्च और घंटी को देखने के लिए इकट्टा हो गए थे। उसके बाद में चर्च का विरोध करनेवाले कभी भी उस चर्च को वहा से हटा नहीं पाए।
सन 1663 में लगी भीषण आग की वजह से इस चर्च के कई सारे महत्वपूर्ण इमारते और कॉरिडोर पूरी तरह से तहस नहस हो गए थे लेकिन सन 1783 में इस चर्च की मरम्मत की गयी। इस चर्च की एक और उपरी मंजिल 1886 और 1887 के दौरान गिराई गयी थी।
आज इस बासिलिका चर्च के बाजु में एक नयी आर्ट गैलरी बनायीं गयी है।
गोवा के इस चर्च का निर्माण बहुत सालों पहले किया गया था। जब इस चर्च का निर्माण हो ने जा रहा था तो उस वक्त बहुत सारे लोगो ने इसके निर्माण को लेकर विरोध किया था। जब इस चर्च की बनाने की बाते हो रही थी तो उस वक्त विशेष रूप से सीनेट के लोगो ने कड़ा विरोध किया था।
सीनेट के लोग चर्च को बनाने के पूरी तरह से खिलाफ थे। लेकिन एक दिन अचानक वहापर कुछ फादर और कुछ ब्रदर आये और उन्होंने बहुत चमत्कारिक रूप से वहाके एक छोटे से घर को ही चर्च में बदल दिया था। मतलब आज के इस बड़े बासिलिका चर्च की शुरुवात एक छोटे से घर से हुई थी।
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देश विदेश के इतिहास में 13 अगस्त के दिन यानि आज के दिन में बहुत सी घटित-घटनाएं, विदा लिए महान व्यक्ति, जन्म लिए व्यक्ति से जुडी बहुत सी ऐसी बातें जब हमें कुछ सीख दे जाती है तो आइए आज हम उन्हीं महत्वपूर्ण घटनाएँ जानते।
13 अगस्त का इतिहास – 13 August Today Historical Events
13 August History
13 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 13
फ्रांस के शासक हेनरी चतुर्थ ने 1598 में नांत का प्रख्यात आदेश जारी किया। इस आदेश के आधार पर प्रोटेस्टेन्ट ईसाईयों को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता दी गयी।
डच खगोलशास्त्री क्रिश्चियन ह्यूगेंस ने 1642 में मंगल के दक्षिणी ध्रुव की चोटी का पता लगाया।
स्वीडन और डेनमार्क ने 1645 में ब्रह्मसब्ररो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत में प्रशासनिक सुधारों के लिए पिट्स इंडिया विधेयक ब्रिटिश संसद में 1784 को पेश हुआ।
दासों के व्यापार को समाप्त करने के लिए ब्रिटेन और हालैंड के बीच 1814 में समझौता हुए।
अमेरिकी समाचार पत्र “एफ्रो-अमेरिकन” का बाल्टीमोर से 1892 में प्रकाशन शुरू हुआ।
जार्ज डेवी के नेतृत्व में अमेरिकी सेना ने 1898 में फिलिपींस की राजधानी मनीला पर कब्जा किया।
इंग्लैंड ने 1902 में ऑस्ट्रेलिया को एक विकेट से हराकर ओवल की प्रसिद्ध जीत दर्ज की।
इंग्लैंड के हैरी ब्रेअर्ली, शेफील्ड ने 1913 में स्टेनलेस स्टील का आविष्कार किया।
नवनिर्मित पोलिश बंदरगाह जिडायनिया पर 1923 में पहला बड़ा समुद्री जहाज आया।
गुस्ताव स्ट्रेसीमैन जर्मनी की चांसलर 1923 को नियुक्त हुई तथा वेमर गणराज्य में गठबंधन सरकार का गठन हुआ।
भारत में निर्मित पहले विमान हिंदुस्तान ट्रेनर 2 ने पहली उड़ान 1951 में भरी।
राष्ट्रीय राजमार्ग लोकसभा में 1956 को विधेयक पारित हुआ।
अफ्रीका फ्रांस के कब्जे से 1960 में स्वतंत्र हुआ।
अंतरिक्ष शटल के पहले ग्लाइड का परीक्षण 1977 में किया गया।
वाशिंगटन में इजरायल एवं फिलिस्तीन के बीच शांति समझौता 1993 में सम्पन्न।
थाईलैंड के नाखोन रचासिमा में 1993 को होटल ढह जाने से 114 लोग गए।
सं.रा. अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बीच 1994 को जेनेवा में परमाणु निरस्त्रीकरण के संबंध में ऐतिहासिक सहमति।
लेखिका तसलीमा नसरीन की नई पुस्तक ‘आमार मऐबेला’ (मेरा बचपन) पर बांग्लादेश सरकार ने 1999 को प्रतिबंध लगाया, स्टेफ़ी ग्राफ़ ने टेनिस से सन्न्यास लिया।
रोनाल्ड वेनेशिअन सूरीनाम के नये राष्ट्रपति 2000 में नियुक्त।
इंटरपोल ने 2002 में नेपाल के 8 माओवादी आतंकवादियों की तलाश के लिए ‘रेड कार्नर’ नोटिस जारी किया।
यूनानी सभ्यता की नुमाइश के साथ ओलम्पिक 2004 को शुरू हुआ।
ग्रीस के एथेंस में 28 वां ओलंपिक खेलों की शुरूआत 2004 को हुई।
श्रीलंका के विदेश मंत्री लक्ष्मण कादिरगमर की हत्या एवं उसके बाद इमरजेंसी 2005 में लागू।
विश्व की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील ने 2008 में वियतनाम में संयुक्त रूप से इस्पात परिसर के निर्माण के लिए वहाँ की दो प्रमुख कंपनियों के साथ समझौता किया।
भारत ने 2008 में मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्वर (एमबीआरएल) वीपन सिस्टम पिनाक का सफल परीक्षण किया।
प्रसिद्ध अर्धशास्त्री व रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर चक्रवर्ती संगराजन को 2008 में राज्यसभा के लिए नामित किया गया।
मध्य रूस, साइबेरिया और पश्चिमी कनाडा के जंगलों में 2010 को लगी भयंकर आग से प्रतिदिन 7 करोड़ टन जहरीला कार्बन मोनो ऑक्साइड के हो रहे उत्सर्जन से उत्तरी ध्रुव पर जहरीले गैसीए बादल इकट्ठा हो गए।
लंदन में 30वें ओलंपिक खेलों का समापन 2012 में हुआ।
इराक के बगदाद में 2015 को एक ट्रक में बम विस्फोट से 76 लोग मारे गये और 212 अन्य घायल हुए।
13 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 13 August
अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के प्रसिद्ध लेखक तथा महान् शिक्षाशास्त्री रमेश चन्द्र दत्त का जन्म 1848 को हुआ था।
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ गंगाप्रसाद वर्मा का जन्म 1863 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध कांतिकारी नरेन्द्र मोहन सेन का जन्म 1887 को हुआ था।
प्रख्यात फिल्म निर्माता अल्फ़्रेड हिचकॉक का जन्म 1899 को हुआ था।
भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री वैजयंती माला का जन्म 13 अगस्त 1936 को हुआ था।
हिन्दी सिनेमा जगत की जानीमानी अभिनेत्रियों में से एक हैं योगिता बाली का जन्म 1952 को हुआ था।
भारतीय अभिनेता, निर्माता सुनील शेट्टी का जन्म 1961 को हुआ था।
आपको हमारी यह आज का इतिहास यानि 13 अगस्त के इतिहास के बारेमें अच्छी लगी होंगी अगर इसमें कुछ भी त्रुटी हैं या फिर इसमें कुछ और जानकारी बढ़ानी हैं हो तो हमें जरुर बताये।
मंदिरों की परंपरा हमारे यहाँ सदियों से चलती आ रही है और इसी तरह से आगे भी चलती रहेंगी। अगर हम मंदिरों की बात करे तो हमें पता चलेगा की महाभारत और रामायण के ज़माने से मंदिरों की परम्परा शुरू हुई थी। उस समय में भी अलग अलग देवी देवता के मंदिर बनाये जाते थे। खुद भगवान श्री राम ने भी शिवलिंग स्थापित करके उसकी पूजा की थी और उसे मंदिर के रूप में परिवर्तित कर दिया था। वैसे ही महाराष्ट्र के पंढरपुर में एक मंदिर हैं जिसे विठोबा मंदिर से जानते हैं। आज इसी मंदिर के बारेमें जानेंगे।
Vithoba Temple, Pandharpur
पंढरपुर का विठोबा मंदिर – Vithoba Pandharpur Temple
भगवान विट्ठल का मंदिर का चंद्रभागा नदी के किनारे पर स्थित है यह मंदिर इस नदी की ओर की दिशा में बनाया गया है। कुछ लोग इस नदी को भीमा नदी नाम से भी बुलाते है।इस मंदिर के शुरुवात में ही संत नामदेव और और संत चोखामेला की समाधी है।
तीर्थयात्री सबसे पहले इन दो महान भक्तों के दर्शन करते है और उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश करते है। इस मंदिर में भगवान गणेश का भी एक छोटासा मंदिर है और यह इस मंदिर का पहला मंदिर है लोग पहले भगवान गणेश के दर्शन करते है और फिर आगे की और बढ़ते है।
उसके बाद में आगे एक छोटासा भवन है जिसमे सभी भक्त ‘भजन’ करते है। वहापर गरुड़ का भी एक मंदिर है। इस मंदिर के आगे कुछ सीढिया चढ़ने के बाद हम भगवान विट्ठल के दर्शन कर सकते है। इस तरह के भगवान के दर्शन को मुख दर्शन कहते है और इसके लिए लम्बी लम्बी लाईनों में खड़े रहने की जरुरत भी नहीं पड़ती।
भगवान के ‘पद दर्शन’ करने के लिए लम्बी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है और उसके लिए एक बडासा भवन भी तयार किया गया है जहापर सभी भक्त लाईनों में खड़े रहते है।इस पद दर्शन में भक्तोंको भगवान के कमल जैसे पैरों को स्पर्श करने का सुनहरा अवसर मिलता है।
जब हम भगवान के पैरों को छुते है तो हमें बेहद ख़ुशी होती है, आनंद का अनुभव होता है। यहापर अन्य देवी देवता के भी मंदिर है उन मंदिरों में रुक्मिणी देवी, सत्यभामा देवी, राधिका देवी, भगवान नरसिम्हा, भगवान वेंकटेश्वर, देवी महालक्ष्मी, नागराज, गणेश, अन्नपूर्णा देवी इन सभी देवी देवता के मंदिरे मौजूद है।
यहापर एक और खास मंडप भी है जहापर जिस तरह से भगवान कृष्ण सभी गोपिका के साथ खेलते थे उसी तरह से भक्त इस भवन में खेल सकते है।
महाराष्ट्र में स्थित विठोबा का मंदिर पुरे देश में बहुत ही प्रसिद्ध है। इस मंदिर में जब यात्रा का आयोजन किया जाता है, लोग लाखों की संख्या में देखने को मिलते है। हमारे यहाँ कई सारे मंदिरे है लेकिन पंढरपुर के विठोबा मंदिर की कुछ अलग ही विशेषता है।
क्यों की इस मंदिर में जब आषाढ़ी एकादशी मनाई जाती है उसकी शुरुवात कई दिनों पहले करनी पड़ती है। कुछ कुछ जगह के लोग तो एक महिना पहले इसके तयारी में लग जाते क्यों की इस आषाढ़ी एकादशी के लिए ज्यादातर लोग दिंडी में शामिल हो जाते है।
इस दिंडी में शामिल होने वाले भक्त एक महीने तक अपने पैरों पर चलकर आते है। इस यात्रा के दौरान वह किसी भी बस, ट्रेन या निजी वाहन का बिलकुल इस्तेमाल नहीं करते। इस यात्रा में जितने भी लोग शामिल होते उन्हें सभी ‘वारकरी’ कहकर बुलाते है।
पंढरपुर यात्रा – Pandharpur Yatra
जून जुलाई के महीने में (आषाढ़ शुक्ल पक्ष) महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी का त्यौहार बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। यह महाराष्ट्र का एक धार्मिक त्यौहार है।
इस त्यौहार के दौरान भगवान की पालखी को बहुत ही सुन्दरता से सजाया जाता है फिर उसमे भगवान के ‘पादुका’ को रखा जाता है इसके बाद में सभी लोग इकट्टा होकर साथ में निकल पड़ते है और इस यात्रा के दौरान सभी भगवान का नाम लेकर गीत, भजन गाते हुए उनपर नृत्य करते है। इन सब लोगो का जो समहू बनता है उसे ही ‘दिंडी’ कहा जाता है।
ऐसा कहा जाता है की यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुराणी यात्रा है जिसमे इस खास अवसर पर लोग इकट्टा होते है और दिंडी में हिस्सा लेते है। यह यात्रा करीब 250 किमी की होती है। लन्दन के वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी इस ‘पंढरपुर आषाढ़ी एकादशी वारी’ – Pandharpur Wari का नाम शामिल किया जा चूका है।
यह ऐसी जगह है जहापर एक दिन में दुनिया के सबसे अधिक लोग भगवान के दर्शन करने के लिए आते है। इसी वजह से ही इस अनोखी ‘वारी’ यानि ‘दिंडी’ का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज किया जा चूका है।
जब से इस दिंडी यात्रा की शुरुवात हुई है तबसे यह यात्रा लगातार हर वर्ष होती है इतने साल गुजर गए लेकिन किसी भी साल यह यात्रा नहीं हुई ऐसा कभी भी नहीं हुआ।इतनी लड़ाईया हुई, कभी अकाल पड़ा तो कभी बाढ़े आयी लेकिन एक भी साल इस वारी में रुकावट नहीं आयी। हर साल पचास से भी अधिक संतो की पालखिया पंढरपुर में विठोबा के दर्शन करने के लिए आती है।
महाराष्ट्र में वारकरी लोगो का एक बहुत ही बड़ा समुदाय है और इसमें अधिकतर खेतीबाड़ी का काम करने वाले किसान अधिक मात्रा में होते है। खेती में बुआई करने के बाद सभी किसान 21 दिन की इस यात्रा पर निकल पड़ते है। इस यात्रा में हर धर्म, और जाती के लोग हिस्सा लेते है। ज्ञानी ऋषि भी इस यात्रा का अनुभव लेते है।
जब पंढरपुर की तरफ़ यात्रा निकल पड़ती है तो सभी तीर्थयात्री यानि वारकरी बाहर की दुनिया को भूलकर केवल भगवान को ही याद करते हुए उसके नाम को लेकर गीत और नृत्य करते है।
जब यह अनोखी दिंडी पंढरपुर की तरफ़ निकाल पड़ती है तो इस दिंडी के दौरान कुछ लोग गरीब और जरुरतमंद लोगो की सेवा करते है इससे हमें यह भी समझता की भगवान सभी रूपों में स्थित है क्यों की भगवान तो सर्वव्यापी है।
इस तरह की सेवा इस यात्रा में की जाती है इसीलिए इसे ‘सेवा दिंडी’ भी कहा जाता है। इस दिंडी के दौरान लोग सभी तरह की सेवा करते है जिसमे अमृत कलश, नारायण सेवा, मरीजो की सेवा, गाव के इमारतों की मरम्मत करना आदि शामिल किया जाता है।
इस आषाढ़ी एकादशी और सेवा दिंडी में हिस्सा लेने वाले तीर्थयात्री को कई तरह के लाभ होते है जैसे की उनकी तबियत बिलकुल स्वस्थ रहती है,उनका जीवन शांतता और खुशहाली से भर जाता है।
इस पूरी यात्रा के दौरान लोग केवल भगवान के नाम में इतने डूब जाते है की वह बाहरी दुनिया को पूरी तरह से भूलकर केवल भगवान पर ही ध्यान केन्द्रित करते है,इस यात्रा के दौरान वह पूरी तरह से पवित्र हो जाते है उनका मन, शरीर और आत्मा पूरी तरह से एक होकर पावन हो जाता है और उसे भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस तरह का अनुभव लेने से इन्सान पूरी तरह से विकसित हो जाता है और उसे अपने जीवन का सही उद्देश्य मिल जाता है।
पंढरपुर के विठोबा मंदिर को कई सारे लोग श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर नाम से भी जानते है और यह मंदिर महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्थित है। महाराष्ट्र का यह सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है और इस मंदिर में सभी विठोबा और और उनकी पत्नी देवी रुक्मिणी के दर्शन करने के लिए आते है।
विठोबा भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के अवतार है। महाराष्ट्र के इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त आते है और दर्शन करते है। इस मंदिर में आषाढी एकादशी और कार्तिक एकादशी के अवसर पर मंदिर में बड़ी यात्रा का आयोजन किया जाता है और इस पावन पर्व पर भगवान विठोबा के दर्शन करने के लिए भक्त समूह बनाकर पंढरपुर की तरफ़ निकल पड़ते है और उनके समूह को दिंडी कहा जाता और भक्तों को सभी वारकरी कहते है।
पंढरपुर चंद्रभागा नदी के किनारे पर स्थित है और ऐसा कहा जाता है की इस नदी में स्नान करने से इन्सान के सारे पाप धुल जाते है। इस मंदिर में आने के बाद में हर भक्त को भगवान को बहुत नजदीक से देखने का मौका मिलता है और भक्त भगवान के पैरों को भी छु सकता है।
मई 2014 से इस मंदिर में महिला को आने की अनुमति दी गयी है और पिछड़े वर्ग के लोगो को भी पुजारी बनने का मौका दिया गया। यह भारत का ऐसा पहला मंदिर है जिस मंदिर में पिछड़े वर्ग के लोगो को पहली बार मंदिर का पुजारी बनने का मौका दिया गया।
इस मंदिर के कुछ वस्तुए और इमारतों के देखने के बाद पता चलता है की यह मंदिर 12 वी 13 वी सदी से मौजूद है लेकिन अभी हम जिस मंदिर को देखते है उसे 17 वी सदी के बाद के समय में दक्खन शैली में बनवाया गया है। इस मंदिर में बड़े बड़े गुबंद और मेहराब नजर आते है।
भगवान विष्णु ने विठोबा के रूप में जन्म लिया। लेकिन भगवान को क्यों और किस लिए यह अवतार लेना पड़े इसके पीछे भी एक बहुत ही दिलचस्प और रहस्यमयी कहानी छिपी है। इस रोचक कहानी को हम आपके सामने जरुर रखना चाहेंगे। ज्यादा वक्त बर्बाद ना करते हुए हम सीधे आपको कहानी की तरफ़ ले जाते है।
भक्त पुंडलिक की कहानी – Bhakta Pundalik Story
पुंडलिक अपने माता पिता की बहुत सेवा करता था। वह जिस लगन से माता पिता की सेवा कर रहा था उसे देखकर भगवान भी बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने जल्द ही उसे दर्शन देने का फैसला किया। इसीलिए पुंडलिक को दर्शन देने के लिए भगवान विष्णु वैकुण्ठ छोड़कर पुंडलिक से मिलने के लिए आश्रम आ पहुचे।
भगवान विष्णु उसके दरवाजे पर आये और दरवाजे को खटखटाने लगे लेकिन उस वक्त पुंडलिक अपने माता पिता को खाना परोस रहा था। दरवाजे की आवाज सुनकर उसे अहसास हुआ की भगवान उसके दरवाजे पर खड़े है।
लेकिन वह अपने माता पिता की सेवा करने में व्यस्त था क्यों की वह चाहता था की सबसे पहले वह उसके कर्तव्य को पूरा करे और बाद में जाकर दरवाजा खोले। लेकिन पुंडलिक माता पिता की सेवा में इतना डूब गया था की उसने कुछ अलग ही किया। उसने दरवाजे के बाहर एक इट फेक दी और भगवान को उसपर खड़ा रहने के लिए कह दिया जब तक वह अपने माता पिता की पूरी सेवा ना कर सके।
पुंडलिक की माता पिता के प्रति सेवा देखकर भगवान विष्णु बहुत ही आनंदित और प्रभावित हुए और भगवान अपने प्यारे भक्त की राह देखने लगे। जब पुंडलिक माता पिता की सेवा करके बाहर आया तो वह देरी से दरवाजा खोलने के लिए भगवान से माफ़ी मांगने लगा लेकिन भगवान उसे माफ़ करने की बजाये उसके कार्य से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने पुंडलिक को आशीर्वाद दिया।
पुंडलिक ने भगवान को एक बार फिर से पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने की विनती की। भगवान ने उसकी बात को मान लिया और उसे कहा की वह भगवान विठोबा के रूप में एक नया अवतार लेंगे क्यों की जो भगवान इट पर खड़ा है उसे सभी विठोबा नाम से जानेंगे और वहापर विठोबा का एक बड़ा मन्दिर भी होगा। आज इस मंदिर में भगवान विठोबा के साथ में देवी रखुमाई (माता रुक्मिणी भगवान कृष्ण की पत्नी) की भी पूजा की जाती है।
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14 अगस्त को इतिहास में भुत सी घटनाएँ घटी उनमेसें महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी आपके लिए लाये हैं। तो आईये जानते हैं आज के इतिहास यानि 14 अगस्त की महत्वपूर्ण घटनाएँ –
14 अगस्त का इतिहास – 14 August Today Historical Events
14 August History
14 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ – Important events of August 14
जर्मनी के कोलोन कैथेड्रल का आग में नष्ट हो जाने के बाद 1248 में पुनर्निर्माण शुरू हुआ।
अमेरिका और ट्यूनिस के बीच 1805 में एक शांति संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
बिजली के मीटर का पेटेंट ओलिवर बी शैलेनबर्गर को 1888 में दिया गया।
इंग्लैंड के फोकेस्टोन में पहली सौंदर्य प्रतियोगिता 1908 में आयोजित की गयी।
चीन ने 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
बेल्जियम के एंटवर्प में 1920 को ओलंपिक खेलों की शुरूआत हुयी।
अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने 1935 में सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पर हस्ताक्षर कि।
बर्लिन में 1936 को पहला ओलम्पिक बास्केटबॉल खेल हुआ।
बीबीसी की पहली फीचर फिल्म (स्टूडेंट ऑफ प्राग) टेलीविजन पर 1938 में प्रसारित हुई।
पोलैंड पर नाजी जर्मनी के आक्रमण के साथ ही आरंभ होने वाला यह विश्व युद्ध जापान में 1939 को समाप्त हो गया।
ब्रितानी प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और अमरीकी राष्ट्रपति फ़्रैंकलिन रूज़वेल्ट के बीच 1941 में कई दिनों तक चलने वाली एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान, घटक देशों के सामने हथियार डालने पर 1945 को विवश हुआ।
पाकिस्तान का स्वाधिनता दिवस। सत्ता का हस्तांतरण ठीक मध्यरात्री को हुआ था पर पाकिस्तान अपना कौमी दिवस 14 अगस्त को मनाता है जबकी भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाता है।
भारत का विभाजन 1947 को हुआ और पाकिस्तान पृथक् राष्ट्र बना।
मोरारजी देसाई 1968 को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किए गए।
बहरीन को 1971 में 110 वर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
पाकिस्तानी सेना ने 1975 में राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट किया।
आज ही के दिन लेख वलेंसा के नेतृत्व में ग्दांस्क शिपयार्ड में मजदूरों ने 1980 में हड़ताल की। कम्युनिस्ट प्रभाव से पोलैंड की मुक्ति में आज का दिन अहम है।
मेसेडोनिया सरकार व अल्बानियाई विद्रोहियों में 2001 को समझौता, आयरिश रिपब्लिकन आर्मी द्वारा निशस्त्रीकरण से इन्कार।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ़ ने 2002 में कश्मीर के चुनावों को ढोंग करार दिया।
पूर्वी अमेरिका और कनाडा में 2003 को लंबे समय के लिए बिजली की सप्लाई नहीं रही जिसका असर न्यूयॉर्क और औटवा जैसे बड़े शहरों पर भी पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र की पहल पर इस्रायल और दक्षिणी लेबनान में पांच सप्ताह से जारी संघर्ष 2006 में थमा।
इराक के कहतानिया में 2006 को बमबारी में 400 लोग मारे गये।
पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष परवेज मुशर्रफ़ तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर के मध्य 2007 को समझौता हुआ।
भारत सरकार ने 2010 में 64वें स्वतंत्रता दिवस पर काबुल में शहीद हुए सेना चिकित्सा कोर के मेजर एल ज्योतिन सिंह को अशोक चक्र तथा विनोद चौबे और मेजर दविंद्र सिंह जस को कीर्ति चक्रप्रदान करने की घोषणा की।
मिस्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच 2013 में हिंसक झड़प में 638 लोग मारे गये।
14 अगस्त को जन्मे व्यक्ति – Born on 14 August
इटली के प्रख्यात चित्रकार व शिल्पकार लियोनार्डो दा विंची का जन्म 1452 में हुआ।
मुंबई के प्रमुख नेता और केंद्र सरकार में अनेक विभागों में मंत्री रहे एस. के. पाटिल का जन्म 1900 को हुआ था।
भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार कुलदीप नैयर का जन्म 1924 को हुआ था।
भारतीय फिल्म अभिनेता जॉनी लीवर का जन्म 1956 को हुआ था।
भारतीय क्रिकेटर प्रवीण आमरे का जन्म 1968 को हुआ था।
रॉबिन सोडरलिंग का जन्म 1984 में हुआ।
14 अगस्त को हुए निधन – Died on 14 August
प्रसिद्ध राजस्थानी कवि तथा स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहट का निधन 1941 को हुआ था।
कुश्ती खिलाड़ी खाशाबा जाधव का निधन 1984 को हुआ था।
भारत के दसवें मुख्य न्यायाधीश कैलाश नाथ वांचू का निधन 1988 को हुआ था।
प्रसिद्ध उपन्यासकार, निबन्धकार, समीक्षक तथा अनुवादक अमृतराय का निधन 1996 को हुआ था।
भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज हवा सिंह का निधन 2000 को हुआ था।
दुनिया की सर्वाधिक उम्रदराज़ जापान की महिला येनो मीनागावा का निधन 2007 को हुआ था।
प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म अभिनेता शम्मी कपूर का निधन 2011 को हुआ था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का निधन 2012 को हुआ था।
प्रसिद्ध भारतीय कवि एवं साहित्यकार चंद्रकांत देवताले का निधन 2017 में हुआ।
14 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव – Important Events and Festivals of August 14
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