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समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचार

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Karl Marx Quotes in Hindi

कार्ल मार्क्स एक महान वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और दार्शनिक होने के साथ-साथ समाजवाद के प्रणेता थे।

उन्होंने मजदूरों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर न सिर्फ अपनी आवाज बुलंद की बल्कि अपनी थ्योरी के माध्यम से राजनैतिक परिस्थियों के बारे में समझाया।

यही नहीं उन्होंने आर्थिक मजबूती और मानवी स्वभाव को लेकर भी अपनी थ्योरी बताई। उन्हें साम्यवाद के जनक के तौर पर भी जाना जाता है।

उनका मानना था कि धर्म लोगों का अफीम है और लोकतंत्र समाजवाद का एकमात्र रास्ता है, उनके कुछ ऐसे ही महान विचार प्रेरणा देने वाले हैं।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में कार्ल मार्क्स के कुछ विचारों को उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया साइट्स ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचार – Karl Marx Quotes in Hindi

Karl Marx
From each according to his abilities, to each according to his needs.

“हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार, हर किसी को उसकी ज़रुरत के अनुसार।

नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।

“मानसिक पीड़ा का एकमात्र मारक शारीरिक पीड़ा है।

History repeats itself, first as tragedy, second as farce.
History repeats itself, first as tragedy, second as farce.

“इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।

बहुत सारी उपयोगी चीजों के उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकार लोग होते हैं।

“लोगों की ख़ुशी के लिए पहली आवश्यकता धर्म का अंत है।

the communist manifesto
Religion is the opium of the masses.

“धर्म लोगों का अफीम है।

धर्म किसी दबे हुए प्राणी की साँस है, निष्ठुर दुनिया का दिल है, बेजान परिस्थिति की जान है। यह लोगो के लिये अफीम के समान है।

“यूरोप को एक काली छाया सता रही है, साम्यवाद की छाया।

Karl Marx Thought in Hindi

जर्मन के महान अर्थशास्त्री एवं राजनैतिक क्रांतिकारी कार्ल मार्क्स 5 मई, 1818 को त्रेवेस (प्रशा) के एक यहूदी परिवार में जन्में थे।

उन्होंने न सिर्फ पूंजीवाद के खिलाफ जमकर विरोध किया, बल्कि कम्यूनिज्म के लिए आधारभूत विचार विकसित किए।

20 सदीं के दौरान कार्ल मार्क्स के महान क्रांतिकारी विचारों ने वैश्विक राजनैतिक परिदृश्य पर काफी प्रभाव डाला था। उन्होंने महिलाओं और मजदूरों के हित के लिए भी काफी काम किए।

उनका मानना था कि अनुभव सबसे सुखी और खुशहाल लोगों की प्रशंसा करता है। इसके साथ ही उनका मानना था कि, आजादी जरूरत की चेतना होती है।

उनके इस तरह के विचार ही जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

Social progress can be measured by the social position of the female sex.
Social progress can be measured by the social position of the female sex.

“सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है।

यदि कोई स्थायी है तो वह मै ही हु और मै कोई मार्क्सवादी नही हु।

hindi quotes
For the bureaucrat, the world is a mere object to be manipulated by him.

“नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।

कारण का हमेशा अस्तित्व होता है लेकिन इसका कारण हमेशा कारण ही नही होता।

If anything is certain, it is that I myself am not a Marxist.
If anything is certain, it is that I myself am not a Marxist.

“अगर कोई चीज निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।

इंसान अपना खुदका इतिहास बना सकता है लेकिन वह जैसा चाहता है उसे वैसा नही बना सकता।

Karl Marx Quotes on Religion

महान दार्शनिक, विचारक कार्ल मार्क्स जी ने बाद में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। उनका मानना था कि धर्म ही लोगों का अफीम है।

इसके साथ ही कार्ल मार्क्स ने लोगों की खुशी के लिए पहली जरूरत धर्म का अंत बताया था।

कार्ल मार्क्स के कुछ ऐसे ही विचारों का जो भी व्यक्ति गंभीरता से अनुसरण करता है, वो अपने जीवन में तरक्की जरुर करता है।

motivational quotes
The meaning of peace is the absence of opposition to socialism.

“शांति का अर्थ साम्यवाद के विरोध का नहीं होना है।

साम्यवाद के सिद्धांत को एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है : सभी निजी संपत्ति को समाप्त करना।

karl marx quotes
Necessity is blind until it becomes conscious. Freedom is the consciousness of necessity.

“ज़रुरत तब तक अंधी होती है जब तक उसे होश न आ जाये। आज़ादी ज़रुरत की चेतना होती है।

पिछले सभी समाजो का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है।

quotes on life
The rich will do anything for the poor but get off their backs.

“अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते।

पूँजी एक मरा हुआ मजदुर है, जो पिशाच की तरह है, जोम केवल श्रम चूसकर ही जिन्दा रहता है और जितने ज्यादा समय तक जीता है उतना ज्यादा श्रम चुसता है।

German Philosopher Karl Marx
Democracy is the road to socialism.

“लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है।

दर्शनशास्त्रियो ने केवल इस दुनिया की अलग-अलग तरह से व्याख्या दी है। असल में बात यह है की इसे कैसे बदला जा सकता है।

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प्रेरणात्मक वक्ता और महान लेखक डेल कार्नेगी के जीवन बदल देने वाले विचार

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Dale Carnegie Quotes in Hindi

डेल कार्नेगी अमेरिका के एक महान लेखक ही नहीं बल्कि प्रेरणादायक वक्ता भी थे उन्होंने अपनी महान सोच और विचारों से लोगों को न सिर्फ जिंदगी जीने का मंत्र दिया, बल्कि जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

24 नवंबर, साल1888 में एक साधारण परिवार में जन्में डेल कार्नेगी तमाम संघर्षों और मुसीबतों के बाद भी कभी घबराए नहीं और हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ते रहे।

उनका मानना था कि आप जिस काम से डरते हैं, उसे जरुर करें, क्योंकि यही डर पर जीत हासिल करने का सबसे शानदार और तेज तरीका है, जो कि आज तक खोजा गया है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में डेल कार्नेगी के कुछ शानदार विचार उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपके अंदर न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

बल्कि अगर आप इन कोट्स को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स व्हासऐप, ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अपने दोस्तो्ं के साथ शेयर करेंगे तो उन्हें भी अपने जीवन में मुश्किलों से उभरने की हिम्मत मिलेगी।

प्रेरणात्मक वक्ता और महान लेखक डेल कार्नेगी के जीवन बदल देने वाले विचार – Dale Carnegie Quotes in Hindi

Dale Carnegie
Act enthusiastic and you will be enthusiastic.

“उत्साहित होने का नाटक कीजिये और आप अत्साहित हो जायेंगे।

अक्सर हमें थकान काम के कारण नहीं बल्कि चिंता, निराशा और असंतोष के कारण होती है।

“जो चाहा वो मिल जाना सफलता है। जो मिला उसको चाहना प्रसन्नता है।

जब भाग्य आपको नींबू दे तो उसका शरबत बना लीजिये।

“सफलता मतलब आप जो चाहते।

Dale Carnegie Quotes

दुनिया भर में अपने प्रेरणात्मक व्याख्यानों के लिए प्रसिद्ध डेल कार्नेगी ने अपने भाषणों के माध्यम से लोगों के अंदर आगे बढ़ने का जोश और जज्बा पैदा किया है। इसके साथ ही तमाम लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मद्द की है।

आपको बता दें कि डेल कार्नेगी को अपने संघर्ष के दिनों में ट्रैवलिंग सेल्समैन तक की नौकरी करनी पड़ी थी और फिर बाद में उन्होंने एक सफल लेखक के रुप में खुद की पहचान बनाई।

उनका कहना था कि आलस्य, संदेह और भय को जन्म देती है, जबकि सक्रियता, आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाती है, इसलिए अगर आप डर पर काबू पाना चाहते हैं तो घर में बैठकर इसके बारे में नहीं सोचे, बल्कि बाहर जाएं और व्यस्त रहने की कोशश करें।

उनके कुछ ऐसे ही प्रेरणात्मक विचार तमाम मुसीबतों से आपको उभारने में मद्द करेंगे।

 डेल कार्नेगी
Develop success from failures. Discouragement and failure are two of the surest stepping stones to success.

“असफलता को सफलता में बदलो। निराशा और असफलता सफलता के रास्ते में आने वाले दो निश्चित पद चिन्ह हैं।

दुनिया की ज्यादातर महत्त्वपूर्ण चीजें उन लोगों द्वारा प्राप्त कि गयीं हैं जो कोई उम्मीद ना होने के बावजूद अपने प्रयास में लगे रहे।

“दूसरो में रूचि लेकर आप दो महीनो में ही बहुत से दोस्त बना सकते है लेकिन दूसरो लोगो को अपने में रूचि दिलवाकर आप बहुत कम दोस्त बना सकते हो, पहली विधि आपके लिये फायदेमंद होगी।

लोगो को तबतक बहुत कम सफलता मिलती है जबतक वे अपने काम से प्यार नही कर लेते।

 Hindi quotes
Do the hard jobs first. Easy jobs will take care of themselves.

“पहले कठिन काम पूरे कीजिये। आसान काम खुद-बखुद पूरे हो जायेंगे।

अगर आप शहद इकठ्ठा करना चाहते हैं तो छत्ते पर लात मत मारिये।

“दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण काम वही लोग पूरा करते है जो उस समय भी कोशिश करते रहते है जिस समय आपके पास कोई आशा भी नही होती।

निष्क्रियता शक और डर को जन्म देती है। क्रिया भरोसे और हिम्मत को जन्म देती है। यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हो तो घर पर मत बैठे रहिये और उसके बारे में सोचिये। बहार जाइये और व्यस्त हो जाइये।

“ध्यान रखे, ख़ुशी इस बात पर निर्भर नही करती की आप कौन हो और आपके पास क्या है, बल्कि यही पूरी तरह से इसी बात पर निर्भर करती है की आप क्या सोचते हो।

Dale Carnegie Thought in Hindi

डेल कार्नेगी का संपूर्ण जीवन और उनके विचार प्रेरणा देने वाले है। उन्होंने अपने विचारों से लोगों को एक सुखी और सफल जीवन जीने का मंत्र बताया था।

उनका कहना था कि लोग क्या सोचेंगे इसकी परवाह किए बिना कुछ ऐसा करने में अपना कीमती समय व्यतीत करना चाहिए, जिसे हासिल होने पर लोग आपकी तारीफ करें।

वहीं डेल कार्नेर्गी के कुछ ऐसे ही विचार का अगर आप गंभीरता से अनुसरण करेंगे तो अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

Thoughts in hindi
Fear doesn’t exist anywhere except in the mind.

“डर कहीं और नहीं बस आपके दिमाग में होता है।

लोग क्या सोचेंगे इस बात की चिंता करने की बजाये क्यों ना कुछ ऐसा करने में समय लगाएं जिसे प्राप्त करने पर लोग आपकी प्रशंसा करें।

“आपके पास क्या है या आप कों हो या आप कहा हो और आप क्या कर रहे हो, ये सारी बातें आपको खुश या नाखुश नही करती। बल्कि आपको सोच ही आपको खुश या नाखुश करती है।

असफलता से ही सफलता को विकसित करे। निराशा और असफलता निश्चित ही सफलता की दो सीढियाँ है।

 positive hindi thoughts
You never achieve success unless you like what you are doing.

“जब तक आप जो कर रहे हैं उसे पसंद नहीं करते तब तक आप सफलता नहीं पा सकते।

आपके पास क्या है,या आप क्या हैं,या आप कहाँ हैं, या आप क्या कर रहे हैं, इन बातों से आप खुश या मायूस नहीं होते। आप किस बारे में सोचते हैं उससे होते हैं।

“लोगो से सौदा करते समय ध्यान रहे की आप तर्क के प्राणी से सौदा नही कर रहे बल्कि सफलता के प्राणी से सौदा कर रहे है।

आप किसी भी डर को पराजित कर सकते हो, यदि आपने अपने दिमाग को वैसा करने के लिये तैयार किया हो तो। ध्यान रहे, डर आपके दिमाग के सिवा और कही भी नही रहती।

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नीले आसमान में इठलाती पतंगों का त्योहार (काईट फेस्टिवल)

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Kite Festival in India in Hindi

भारत त्यौहार का देश है, यहां हर साल कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं और इन्हीं त्योहारों में से एक है पतंगों का त्योहार। जो कि काफी लोकप्रिय त्योहार है। लोग इसे पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।

Kite Festival in India

नीले आसमान में इठलाती पतंगों का त्योहार (काईट फेस्टिवल) – Kite Festival in India in Hindi

भारत में हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक मकरसंक्रांति के त्योहार के दिन पतंग उड़ाने का रिवाज है। हर साल 14 जनवरी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है इसलिए धार्मिक लिहाज से यह दिन काफी पवित्र माना जाता है।

सूर्य भगवान को समर्पित मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की अनूठी परंपरा है, इसलिए इसे पतंगों का त्याहोर भी कहा जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने को लेकर लोग काफी उत्साहित रहते हैं। वहीं आसमान में भी इस दिन सुंदर-सुंदर रंग-बिरंगी पतंगों से ढक जाता है। इसके अलावा भारत में हर साल इस दिन अ्ंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव (इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल) का भी आयोजन होता है।

इस त्योहार में पूरा आसमान रंग-बिरंगी पतंगो से ढक जाता है और आसमान में छोटी-बड़े सभी आकार की फैंसी पतंगों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस दौरान लोग घर की छतों में पतंग उड़ाते दिखते हैं, इसमें बच्चे और क्या बड़े सब मिलकर एक साथ पतंगबाजी कर जमकर मस्ती करते हैं।

भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में पतंगबाजी का खेल बेहद लोकप्रिय है। सैकड़ों सालों से आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे उड़ाए जाने की परंपरा चली आ रही है।

भारत में पतंगबाजी मुख्य रुप से गुजरात, पंजाब, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, दिल्ली में देखने को मिलती है। तो आइए जानते हैं इस पर्व पर पतंग उड़ाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के बारे में-

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की शुरुआत आखिर कैसे हुई – Kite Festival History

पतंगबाजी का इतिहास करीब 2800 साल पुराना माना जाता है। पतंगबाजी की शुरुआत चीन से की गई थी। चीन में पतंग का अविष्कार लू बैन और मोजी नाम के दो शख्स ने किया था। जबकि कुछ इतिहासकार चीन को पतंग की जन्मस्थली मानते हैं।

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक चीन के एक सेनापति ने अपने सैनिकों को पतंग के माध्यम से संदेश भेजा था। उस समय पतंग का इस्तेमाल बचाव अभियान के लिए एक संदेश के रुप में, हवा की तीव्रता और संचार के लिए किया जाता था लेकिन अब पतंग का इस्तेमाल एक खेल के रुप में मनोरंजन के लिए किया जाता है।

चीन से शुरु हुई पतंगबाजी का चलन धीरे-धीरे अमेरिका, थाईलैंड, जर्मनी, भारत और मलेशिया समेत पूरी दुनिया में फैल गया और आज दुनिया के कई देशों में पतंगों को बड़े पैमाने पर उड़ाया जाता है।

वहीं अब आधुनिक तरीके की बेहद खूबसूरत पतंगें आसामान में उड़ाई जाती हैं। इस दिन बड़े स्तर पर पतंगे बिकती हैं। पतंगबाजी के त्योहार के दौरान पंतगों का कारोबारियों को भी काफी मुनाफा होता है।

इसके अलावा कई देशों में बकायदा काइट फेस्टिविल का आयोजन भी किया जाता है। भारत में पतंगबाजी मुख्य रुप से गुजरात, राजस्थान, दक्षिण भारत, पंजाब, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में देखने को मिलती है। यही नहीं भारत में हर साल अंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है।

आपको बता दें कि पतंगबाजी की उल्लेख रामचरिस मानस में भी किया गया है। यह भी माना जाता है कि बौद्ध तीर्थ यात्रियों के द्धारा पतंगबाजी का शौक भारत पहुंचा था।

भारत के गुजरात में मकरसंक्रांति के मौके पर जमकर पतंगबाजी की जाती है। यहां घर की छतों से लेकर, मैदान और समुद्र के किनारों तक हर जगह लोग डोर खींचते और पेंच लड़ाते नजर आते हैं।

आपको बता दें कि पतंगबाजी के इतिहास का वर्णन गुजरात के अहमदाबाद में पतंग संग्रहालय (काइट म्यूजियम) में बेहद शानदार तरीके से किया गया है।

गुजरात का काईट फेस्टिवल पूरी दुनिया में मशहूर हैं, अहमबाद में हर साल मकरसंक्राति के मौके पर 7 जनवरी से 15 जनवरी के बीच इंटरनेशनल काईट फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है।

इस मौके पर यहां नीले आसमान पर इठलाठी पतंगों का नजारा वाकई बेहद खूबसूरत लगता है। आपको बता दें कि इस फेस्टिवल में देश के ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी हिस्सा लेते हैं।

इसके अलावा कई और राज्यों में मकरसंक्रांति के दिन पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता में लोग जीतने के लिए दूसरी प्रतियोगी की पतंग काटते है।

हालांकि, पतंगबाजी करते वक्त कुछ सावधानियां रखने की बेहद जरूरत होती है क्योंकि इस खेल में थोड़ी सी भी चूक इस फेस्टिवल के रंग को फीका कर सकती है। इसलिए सावधान होकर ही पतंगबाजी करें।

भगवान राम से जुड़ी है पतंगबाजी करने की कथा – History of Kites

हिन्दू धर्म के प्रमुख महाकाव्य रामायण के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन विष्णु के अवतार भगवान श्री राम ने पतंगबाजी उड़ाने की अनोखी परंपरा की शुरुआत की थी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई थी वह इंद्रलोक चली गई थी।

जिसके बाद इंद्र के पुत्र जयंत ने इस पतंग को अपने पास रख लिया था, फिर हनुमान जी जब इस पतंग का पता लगाने के लिए इंद्रलोक भेजा गया, तब जयंत की पत्नी ने पतंग वापस करने के लिए उनसे प्रभु राम के दर्शन करने की इच्छा जताई, जिसके बाद हनुमान जी ने यह संदेश भगवान राम को पहुंचाया, फिर भगवान में चित्रकूट में दर्शन करने की बात कही।

इसके बाद हनुमान जी को जयंत की पत्नी ने पतंग वापस कर दी। वहीं ऐसा माना जाता है , जब भगवान राम ने पतंग उड़ाई थी, उस दिन मकरसंक्रांति का दिन था, इसलिए तभी से इस त्योहार के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा की शुरुआत की गई।

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का वैज्ञानिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व – Importance of Kite Flying

मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग उड़ाने का न सिर्फ धार्मिक महत्व है, बल्कि वैज्ञानिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व भी है। दरअसल, पतंग उड़ाने से कई तरह के व्यायाम होते हैं एवं शरीर में नई ऊर्जा-स्फूर्ति आती है। वहीं इस त्योहार पर पतंगबाजी करने के बहाने लोगों को अपने करीबी मित्रों एवं परिजनों से मिलने का मौका मिलता है।

साथ ही कई जगहों पर लोग तो अपने-अपने घरों में पतंगबाजी के लिए विशेष तरह का आयोजन करते हैं। इसके साथ ही इस मौके पर काफी मात्रा में पतंगों की बिक्री होती है, जिसकी वजह से कारोबारियों को काफी मुनाफा होता है।

वहीं बाजारों में इस पर्व के कई दिन पहले से ही दुकानों में अलग-अलग तरह की रंग-बिरंगी, सुंदर और आर्कषक पतंगे देखने को मिलती है, जिसकी वजह से कारोब पतंगबाजी का आर्थिक महत्व भी है।

अंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव – 2020 International Kite Festival

भारत में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर हर साल अहमदाबाद, गुजरात के अलावा जयपुर, हैदराबाद एवं बैंगलोर में बड़े स्तर पर काइट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है।

इस दिन होने वाले पतंग महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग राज्यों से लोग आते हैं और पतंगबाजी के मुकाबले में भाग लेते हैं। इस दिन को लेकर पहले से ही कई राज्यों में इसकी तैयारियां शुरु हो जाती हैं।

वहीं साल 2020 में भी गुजरात के अहमदाबाद में अंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 6 जनवरी से 15 जनवरी तक देखा जा सकता है। पतंग महोत्सव को लेकर राज्य सरकार द्धारा खास इंतजाम भी किए जाते हैं।

वहीं इस मौके पर आसमान में इठलाती, रंग-बिरंगी सुंदर पतंगों को नजारा बेहद शानदार होता है। पतंगबाजी के इस त्योहार पर लोग पतंगबाजी का अपना हुनर भी प्रदर्शित करते हैं साथ ही आसमान में एक-दूसरे की पतंगों से पेंच लड़ाने भी काफी रोमांचक होता है।

इस दौरान युवा, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं सभी पतंगबाजी का लुफ्त उठाते हैं। वहीं लोग अपनी छतों या फिर पार्कों में गाने की धुनों पर नाचते भी नजर आते हैं।

पतंगबाजी करते वक्त ध्यान देने योग्य जरूरी बातें – Kite Flying Rules

मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी करना जहां सुखदाई और आनंद देने वाला होता है, वहीं दूसरी तरफ इस मौके पर लापरवाही बरतने से हर साल कई हादसे भी होते हैं, इसलिए पतंगबाजी करते वक्त इन बातों का जरूर ध्यान रखें-

  • पतंग उड़ाते समय चाइनीज मांझे का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। इसकी जगहर स्वदेशी सूत का इस्तेमाल करें।
  • छत की जगह, खुले मैदान पर करें पतंगबाजी।
  • पतंग उड़ाते समय छत के किनारे पर न खड़े हो, बल्कि सुरक्षित जगह पर खड़े होकर पतंग उड़ाए।
  • पतंग उड़ाते समय बच्चों को मांझे से दूर रखें।

पतंगबाजी का यह पर्व जहां लोगों को ढेर सारी मौज मस्ती करने का मौका देता है, वहीं आपसी प्रेम और भाईचारे को भी बढ़ाता है। इस दौरान लोग मिलजुल कर पतंगबाजी करते हैं।

हालांकि, इस दौरान ऐहतियात बरतने की जरूरत है, क्योंकि थोड़ी सी भी चूक इस पर्व के रंग को फीका कर सकती है। इसलिए इस मौके पर बेहद सावधानी के साथ पतंगबाजी करें।

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मकर संक्राति के लिए शुभेच्छा संदेश

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Makar Sankranti Wishes in Hindi

भारत देश में पुरे साल भर हर धर्म के बहुत सारे त्यौहार मनाये जाते हैं। उनमे से हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार हैं मकर संक्रांति। यह त्यौहार हर साल 14 जनवरी को आता है। ऐसा भुत काम बार हुआ हैं की यह त्यौहार 13 जनवरी या 15 जनवरी के दिन आया हो। इस दिन लोग अपने प्रिय जनों को तील और गुड खिलाकर अपने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हैं।

दान, पुण्य के इस पावन पर्व मकर संक्रांति को देश में बेहद हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन हर तरफ धार्मिक माहौल देखने को मिलता है।

आज कल सोशल मिडिया के जरिये लोग अपने प्रिय जनों को मकर संक्रांति की शुभेच्छा संदेश भेजते हैं। आज यहाँ हम आपको अपने प्रियजनों को भेजने के लिए मकर संक्राति के शुभेच्छा संदेश – Makar Sankranti Wishes दे रहे हैं ताकि आपके रिश्ते गुड के जैसे और भी मीठे बने।

Makar Sankranti Quotes

मकर संक्राति के लिए शुभेच्छा संदेश – Makar Sankranti Wishes in Hindi

इस पर्व को शुभ कामों की शुरुआत के रुप में भी मनाते हैं, इस दिन से शादी-विवाह से लेकर पूजा-पाठ तक सभी काम शुरु हो जाते हैं। 

खरमास के खत्म होने के साथ ही इस दिन खेतों में फसल पकने लगती है। इसलिए इस पर्व को लोग सुख-समृद्धि के पर्व के रुप में भी मनाते हैं।

इस दिन न सिर्फ खिचड़ी दान करने का बल्कि खिचड़ी एवं दही बड़ा खाना भी शुभ माना जाता है। वहीं आप मकर संक्रांति पर लिखे गए इन शुभकामनाएं संदेश को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों को भेजकर उनकी जिंदगी में और अधिक मिठास भर सकते हैं।

“गुड की मिठास पंतगो की आस संक्रांति में मनाओ जैम कर उल्लास हैप्पी मकर संक्रांति।”

पल पल सुनहरे फुल खिले, कभी न हो काँटों से सामना, जिन्दगी आपकी खुशियों से भरी रहे, यही हैं मकर संक्रांति पर “हमारी शुभकामना।”

Makar Sankranti Message

Makar Sankranti SMS in Hindi

मकर संक्रांति के इस पावन पर्व को लोग अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के मुताबिक अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर इस त्योहार को मनाया जाता है।

इस दिन सूर्य अपनी स्थिति में परिवर्तन कर दक्षिणायन  से उत्तरायण में आते हैं। हालांकि इस त्योहार को मनाने के पीछे कई अलग-अलग मान्यताएं एवं धार्मिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं।

वहीं इस पर्व से जुड़ी एक अन्य मान्यता के मुताबिक मकर संक्रांति के पावन पर्व के दिन ही गंगा मैया, पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन पवित्र नदी गंगा में आस्था की डुबकी लगाने एवं उत्त्तर भारत में दान-पुण्य करने का काफी महत्व है।

बहरहाल, मकर संक्रांति पर लिखे गए इन शानदार संदेशों को भेजकर आप इस पर्व को और भी ज्यादा खास बना सकते हैं, साथ ही इसे आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर आदि पर शेयर कर सकते हैं।

“त्यौहार नहीं होता अपना पराया, त्यौहार हैं वही जिसे सबने मनाया, तो मिला के गुड में तील, पतंग संग उड़ जाये दो दिल।”

“काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी, टूटे ना कभी डोर विश्वास की, छु लो आप जिन्दगी की सारी कामयाबी, जैसे पतंग छूती हैं ऊँचाईयाँ असमान की मकर संक्रांति की हार्दिक बधाईयाँ।”

Makar Sankranti Wishes in Hindi

“”मीठी बोली मीठी जुबान, मकर संक्रांति का हैं यही पैगाम, मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं”

“तन में मस्ती मन में उमंग, देकर सबको अपनापन गुड में जैसे मीठापन, होकर साथ हम उड़ायें पतंग, और भर ले आकाश में अपने रंग, मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें।”

“”ये साल की मकर संक्रांति आपके लिए तील गुड जैसी मीठी और पतंग जैसी ऊँची उडान लाये”‘

“मीठे गुड में मिल गए तिल, उडी पतंग और खिल गए दिल, हर पल सुख और हर दिन शांति, आप सबके लिए लाये मकर संक्रांति।”

Happy Sankranti Image

Makar Sankranti Status in Hindi

सूर्य भगवान को समर्पित इस पर्व के दिन देश में कई जगहों पर लोग आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाते हैं, तो कई जगहों पर लोग इस दिन तिल की गजक, खिचड़ी, मूंगफली, तिल के लड्डू, गुड़ आदि दान करते है।

इसके साथ ही इस मौके पर जगह-जगह पर भंडारे, भजन-कीर्तन आदि का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन सुबह उठकर सूर्य देव की पूजा-आराधना करने का काफी महत्व है।

सुख-समृद्धि के इस पावन पर्व को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

इस त्योहार को उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति, तमिलनाडू में पोंगल, असम में बिहू, बिहार में खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। हालांकि, सभी राज्यों में इसे मनाने का महत्व समान है।

“इस दिन एक-दूसरे को लोग इस पर्व की खास बधाई देते हैं। वहीं आप भी मकर संक्रांति पर लिखे गए इस शुभकामना संदेश के माध्यम से अपने करीबी मित्रों को इस पर्व की बधाई दे सकते हैं।

“हैं प्यारा यह पर्व हमारा, नया दिन और नया उजियारा, मिट जाये सब क्लेश दिलों के मकर संक्रांति पर हैं संदेश हमारा।”

“”पूर्णिमा का चाँद, रंगों की डोली, चाँद से उसकी चांदनी बोली, खुशियों से भरे आपकी झोली मुबारक हो आपको रंग बिरंगी पतंग वाली मकर संक्रांति।”

Makar Sankranti SMS in Hindi

 

“तील हम मंदिर की घंटी, आरती की थाली, नदी के किनारे सूरज की लाली, ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार, आपको मुबारक हो संक्रांत का त्यौहार।”

है, और गुड़ हो आप, मिठाई हम है, और मिठास हो आप, इस साल के पहले त्योंहार से हो रही आज शुरुआत… आपको हमारी ओर से मकर संक्रान्ति का उपहार।”

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दान-पुण्य के पावन पर्व मकर संक्रांति पर शानदार निबंध

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Makar Sankranti Essay

मकर संक्रांति का पर्व हिन्दुओं के प्रमुख पर्वों  में से एक है। इस पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताएं, रीति-रिवाज और संस्कृति के आधार पर मनाया जाता है।

मकर संक्रांति का यह पर्व हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस त्योहार से विवाह, पूजा, अनुष्ठान जैसे शुभ कामों की शुरुआत होती है।

यह त्योहार को किसान अपनी फसल पकने की खुशी में भी सुख-समृद्धि एवं संपन्नता के पर्व के रुप में मनाते हैं। यह त्योहार दान-पुण्य का पावन पर्व है।

वहीं इस पावन पर्व के महत्व को बच्चों को समझाने के लिए कई बार स्कूल और कॉलेजों एवं निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में इस पर्व पर निबंध लिखने के लिए भी कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में मकर संक्रांति पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं जो कि इस प्रकार है-

मकर संक्रांति के त्यौहार पर निबंध – Makar Sankranti Essay in Hindi

Makar Sankranti Essay in Hindi

क्या है मकर संक्रांति? – What is Makar Sankranti

सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं। एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय सौर मास कहलाता है। हालांकि, कुल 12 सूर्य संक्रांति हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति मुख्य हैं।

इस पर्व की खास बात यह है कि इसे हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। लेकिन कभी-कभी यह एक दिन पहले या बाद में यानि की 13 जनवरी या फिर 15 जनवरी को भी मनाया जाता है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है।

इस तरह मकर संक्रांति का सीधा संबंध पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है और इसे लोग मकर संक्रांति के त्योहार के रूप में मनाते हैं। वहीं ज्योतिषों की माने तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति की शुरुआत होती है।

मकर संक्रांति का महत्‍व – Importance of Makar Sankranti

संक्रांति के दौरान सूर्य उत्तरायण होते हैं, यानी पृथ्‍वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। उत्तरायण देवताओं का अयन है। एक साल दो अयन के बराबर होता है और एक अयन देवता का एक दिन होता है। इसी वजह से मकर के दिन से ही शादियों और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है।

दान, पुण्य के इस पावन पर्व को लेकर यह मान्यता भी है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने खुद उनके घर जाते हैं। क्योंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, इसी वजह से इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

इसके अलावा हिन्दू धर्म में इस त्योहार का खास महत्व माना गया है। वेदों और पुराणों में भी मकर संक्राति के पर्व का उल्लेख देखने को मिलता है। इस दिन जप, तप, स्नान श्राद्ध दान आदि करने का भी बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है जो लोग मकर संक्रांति के दिन गंगास्नान करते हैं, उन लोगों को पुण्य मिलता है।

आपको बता दें कि प्रयागराज (इलाहाबाद) में हर साल गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर इस समय गंगा स्नान किया जाता है। यहां दूर-दूर से से श्रद्दालु आते हैं और आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं। इस दौरान यहां एक महीने मेला भी लगता है।

भारत में मकर संक्रांति के इस पावन पर्व को सभी जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि दक्षिण भारत में पोंगल (Pongal) के नाम से जाना जाता है। आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है। गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण कहा जाता है।

जबकि हरियाण और पंजाब में मकर संक्रांति को माघी के नाम से पुकारा जाता है। यहां इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और यह लोहड़ी (Lohri) पर्व के रूप में मनाया जाता है। वहीं असम में बिहू (Bihu) के रूप में इस पर्व को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस तरह हर प्रांत में इस पावन पर्व का नाम और मनाने का तरीका अलग-अलग होता है।

मकर संक्रांति मनाने का तरीका – Celebration of Makar Sankranti

अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं, लेकिन दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की प्रमुख पहचान है। इस दिन खासतौर पर गुड़ और घी के साथ खिचड़ी खाने का महत्व है। इसके अलावा तिल और गुड़ का भी मकर संक्राति पर बेहद महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर तिल का उबटन कर स्नान किया जाता है।

इसके बाद परिवार के सभी लोग सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करते हैं उन्हें अर्घ्य देते हैं और खिचड़ी चढ़ाते हैं। इसी के साथ लोग मकर संक्रांति के दिन पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण भी देते हैं। इसके अलावा इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू एवं अन्य व्यंजन भी बनाए जाते हैं। इस समय सुहागन महिलाएं सुहाग की सामग्री का आदान प्रदान भी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे उनके पति की आयु लंबी होती है।

सुख, संपदा एवं दान पुण्य के इस त्यौहार को भले ही लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं लेकिन यह त्योहार लोगों को जोड़ने का काम करता है इसलिए मकर संक्रांति का यह त्योहार खुशी और सोहार्द और एकता का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति पर निबंध – Makar Sankranti Nibandh in Hindi

प्रस्तावना-

हमारा देश भारत त्योहारों और मेलों का देश है, जहां अलग-अलग धर्म, जाति, समुदाय, संस्कृति,लिंग एवं पंथ आदि के लोग रहते हैं और अपने-अपने तरीकों से अपना त्योहार मनाते हैं।

इसी तरह मकर संक्रांति का पर्व भी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है- When is Makar Sankranti Celebrated

दान-पुण्य का यह पर्व मकर संक्रांति को हर साल 14 और 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसे उत्तर भारत में खिचड़ी, मकर संक्रांति जबकि दक्षिण भारत में पोंगल के रुप में मनाया जाता है।

हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पौष महीन में जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। 

मकर संक्रांति का पर्व एक ऐसा पर्व है, जिसे पृथ्वी की तुलना में सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाता है।

यही वजह है कि चन्द्रमा की स्थिति में मामूली सा परिवर्तन होने की वजह से इसे कभी 14 जनवरी तो कभी 15 जनवरी को मनाया जाता है। वहीं मकर संक्रांति की तारीख में थोड़ा सा अंतर सूर्य की हर राशि में परिवर्तन करने से आता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दिन से पहले तक सूर्य का उदय पूर्व दिशा से होकर दक्षिण दिशा में अस्त होता था।

लेकिन इस दिन के बाद सूर्य पूर्व दिशा में उदय होकर उत्तरी गोलार्ध में अस्त होता है, इसीलिए इसी दिन से रात का समय छोटा होने लगता है और दिन बड़े होने लगते है।

मकर संक्रांति से जुड़ी धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताएं – Makar Sankranti Story

मकर संक्रांति का पावन पर्व से कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई है। इससे जुड़ी एक प्रचलित मान्यता के मुताबिक मकर संक्रांति के पावन पर्व के दिन ही गंगा मैया धरती पर अवतरित हुईं थी।

वहीं इससे जुड़ी एक अन्य मान्यता के मुताबिक महाभारत काल में भीष्म पितामह ने भी मकर संक्रांति के दिन ही अपना शरीर त्यागा था।

मकर संक्रांति का पर्व कैसे मनाते हैं? – How We Celebrate Makar Sankranti

मकर संक्रांति के पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में अपनी-अपनी धार्मिक संस्कृति और रीति रिवाज के साथ मनाया जाता है। 

इस दिन गुड़, खिचड़ी, तिल,फल आदि दान पुण्य करने का भी अलग महत्व है। इस दिन पवित्र तीर्थों एवं नदियों में स्नान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव की आराधना की जाती है।

इसके साथ ही इस दिन पतंगबाजी करने का भी अपना एक अलग महत्व है। मकरसंक्रांति के मौके पर कई राज्यों में पतंग महोत्सव या काइट फेस्टिवल का भी बड़े पैमाने पर आयोजन होता है।

वहीं इस दिन लोग तिल, गुड़ के लड्डू व अन्य पकवान बनाए जाते हैं।

मकर संक्रांति के विभिन्न नाम – Other Name of Makar Sankranti

मकर संक्रांति के पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

इसे उत्तर प्रदेश और पश्चमी बिहार में खिचड़ी या मकर संक्रांति, दक्षिण भारत में पोंगल, कर्नाटक में सुग्गी हब्बा, असम में भोगाली बिहू, गुजरात एवं उत्तराखंड में उत्तरायण, केरल में मकर विक्लु, कश्मीर में शिशुर सेंक्रांत, पश्चिम बंगाल में पौष संक्रांति, हिमाचल प्रदेश में माघी, हरियाणा एवं पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से जाना जाता है।

इस तरह देश के हर राज्य में इसे मनाने का तरीका भले ही अलग है, लेकिन इस पर्व का हर जगह समान महत्व और मान्यता है।

मकर संक्रांति पर दान-पुण्य का महत्व – Significance of Makar Sankranti

सुख-समृद्धि के इस पावन पर्व पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने का अपना एक अलग महत्व है। इस दिन खिचड़ी, तिल, गुड आदि का दान काफी फलदायी और अच्छा माना जाता है। इस दिन जगह-जगह पर खिचड़ी भी वितरित की जाती है।

इस दिन विवाहित महिलाएं दूध, कपड़ा, नमक एवं अन्य जरूरत की चीजें भी अन्य सुहागिन महिलाओं को दान करती हैं।

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का महत्व – Kite Flying on Makar Sankranti

मकर संक्रांति को ”पतंग महोत्सव” एवं पतंगबाजी के त्योहार के  रुप में भी जाना जाता है। इस दिन पतंगबाजी करने का भी अपना एक अलग महत्व है।

इस मौके पर पतंगबाजी करने को लेकर कई धार्मिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं। वहीं ऐसा माना जाता है कि प्रभु राम ने इस मौके पर पतंगबाजी की शुरुआत की थी, तब से इस परंपरा को निभाया जा रहा है।

वहीं पतंगबाजी से सामाजिक एवं वैज्ञानिक महत्व भी जुड़ा हुआ है। इस मौके पर गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश समेत कई जगहों पर बड़े स्तर पर पतंग उत्सव का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति –

मकर संक्रांति के पर्व को भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। राजस्थान में इस पर्व के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्य देव की आराधना करती हैं, कहानियां सुनती हैं, एवं अपने घरों में पारंपरिक व्यंजन तैयार करती हैं।

वहीं उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बिहार में इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर इस पर्व के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, खिचड़ी आदि दान करने का विशेष महत्व है।

वहीं तमिलनाडू में इस पर्व को पोंगल पर्व के नाम से मनाया जाता है, जो कि यहां 4 दिन तक चलता है, दक्षिण भारत में इसे फसल के प्रमुख त्योहार एवं सुख-समृद्धि एवं संपन्नता के त्योहार के रुप में भी मनाया जाता है, क्योंकि इस मौके पर किसानों की फसल अच्छी तरह पककर तैयार हो जाती हैं।

वहीं गुजरात और उत्तराखंड में उत्तरायण के नाम से जानते हैं एवं इस मौके पर मिठाइयां आदि बांटते हैं, जबकि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में मकर संक्रांति के एक दिन पहले 13 जनवरी को लोहड़ी के रुप में इस मनाते हैं एवं अग्नि के चारों तरफ चक्कर लगाकर पूजा-अर्चना करते हैं और अपने परिवार की सुख, समृद्धि की कामना करते हैं। 

इस तरह हर राज्य में इस त्योहार को मनाने का ढंग अलग-अलग है, लेकिन सभी की इससे जुड़ी मान्यताएं एवं महत्व एक ही है।

मकर संक्रांति पर पारंपरिक पकवान – Makar Sankranti Food

मकर संक्रांति के पावन पर्व पर देश के अलग-अलग क्षेत्रों में पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

उत्तर भारत और बिहार में इस दिन विशेष रुप से खिचड़ी, गुड़, घी, तिल, रेवड़ी एवं गजक, खाने की परंपरा है।

वहीं दक्षिण भारत में इस दिन चावल और दूध से बने कई मिठाईयां, पगल एवं पारंपरिक तैयार किए जाते हैं तो वहीं राजस्थान में इस दिन गुड़ के लड्डू, जलेबी, मंगौड़ी, गुलगुले आदि बनाए जाते हैं। 

उपसंहार

मकर संक्रांति का पर्व न सिर्फ भारत में बल्कि श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल आदि देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व हम सभी को आपस में जोड़ने का काम करता है, साथ ही हमें दान-पुण्य करने के महत्व को भी बताता है।

यह त्योहार सुख-समृद्धि एवं संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। अर्थात हम सभी को इस त्योहार के महत्व को समझना चाहिए।

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दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला पोंगल का पर्व 2020

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Pongal Festival in Hindi

पोंगल का पर्व, दक्षिण भारत के तमिलनाडू राज्य में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को फसल के त्योहार के रुप में भी जाना जाता है। जिस तरह उत्तर भारत में जनवरी महीने के बीच में मकर संक्रांति एवं लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है, उसी तरह इस दौरान दक्षिण भारत में पोंगल पर्व की रौनक देखने को मिलती है।

सुख-समृद्धि एवं संपन्नता के इस पर्व के दौरान किसान लोग अपनी आगामी फसलों की अच्छी पैदावार की दुआ करते हैं। इस पर्व को तमिलनाडू की सांस्कृतिक एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ धूम-धाम से मनाया जाता है।

यह त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है। पोंगल उत्सव के दौरान इन चारों दिनों का अपना अलग-अलग महत्व और मान्यताएं हैं। तो आइए जानते हैं पोंगल के पर्व से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं और कथाओं के बारे में-

पोंगल का पर्व  कब और क्यों मनाया जाता है और इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं – Pongal Information in Hindi

Pongal in Hindi

पारंपरिक पोंगल का अर्थ – Pongal Meaning

सम्पन्नता एवं समृद्धि के इस पावन पर्व पोंगल से पहले अमावस्या को लोग अपनी बुरी आदतें, बुरे विचारों, घृणा एवं गंदी रीतियों को त्यागकर अच्छे विचारों एवं अच्छे कामों को करने की शपथ लेते हैं। जिसे पोही कहा जाता है जिसका अर्थ होता है ‘जाने वाली’।

तमिल में पोंगल का अर्थ उफान या विप्लव होता है। पोही के अगले दिन प्रतिपदा को दिवाली की तरह पोंगल की धूम मच जाती है। इस शुभ त्योहार के मौके पर भगवान सूर्य की विशेष पूजा और आराधना करने का खास महत्व है, इस दिन सूर्य देवता को जो प्रसाद लगाया जाता है, उसे पगल कहा जाता है।

वहीं तमिलनाडु की लोकल भाषा में इसका अर्थ अच्छी तरह से उबालना होता है। इस दिन चीनी, दूध, चावल, घी आदि को एक साथ अच्छी तरह उबालकर पारंपरिक तरीके से भोजन तैयार कर सूर्यदेवता को भोग लगाते हैं, वह पगल कहलाता है।

पोंगल का पर्व कब मनाया जाता है ? – When Pongal is Celebrated

भारत के प्रमुख कृषि त्योहारों में से एक और दक्षिण भारत के प्रमुख पर्व पोंगल को हर साल मकरसंक्रांति के आस-पास 14 से 17 जनवरी तक पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसका मुख्य पर्व पौष मास की प्रतिपदा को मनाया जाता है। पोंगल पर्व का उत्सव करीब 4 दिनों तक चलता है।

पोंगल का पर्व तमिल महीने ‘तई’ की पहली तारीख से शुरु होता है। वहीं जिस तरह उत्तर भारत में चैत्र मास की नवरात्रों की प्रतिपदा से नववर्ष की शुरुआत होती है, वैसे ही दक्षिण भारत में भी सूर्य के उत्तरायण होने वाले दिन पोंगल से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए पोंगल का पर्व नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।

साल 2020 में यह त्योहार 15 से 18 जनवरी तक मनाया जाएगा। 15 जनवरी को भोगी पोंगल, 16 जनवरी को थाई पोंगल, 17 जनवरी को मट्टू पोंगल एवं 18 जनवरी को कात्रुम पोंगल मनाया जाएगा।

पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख कृषि त्योहार है, दक्षिण भारत में इस मौके पर फसल पककर कटने के लिए तैयार हो जाती है, जिसकी खुशी में लोग पोंगल का त्योहार मनाते हैं और आगामी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए दुआ करते हैं।

इसे सुख-समृद्धि की संपन्नता के त्योहार के रुप में दक्षिण भारत में मनाया जाता है। पोंगल के पर्व का सीधा संबंध ऋतुओं से होता है, इसलिए इस पर्व पर सूर्यदेव, इन्द्रदेव की खास पूजा-अर्चना की जाती है।

पोंगल त्योहार का इतिहास – Pongal Festival History

हरियाली, समृद्धि एवं संपन्नता को समर्पित यह त्योहार  दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला प्राचीनतम एवं प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पर्व के इतिहास के बारे में 200 ईसा पूर्व से 300 ईसा पूर्व में लिखे गए संगम साहित्य के ग्रंथों में उल्लेख किया  गया है।

तब से इस पवित्र त्योहार को द्रविण फसल के उत्सव के रुप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। इसके अलावा इस पर्व का उल्लेख संस्कृत पुराणों में भी  किया गया है।

कई प्रसिद्ध इतिहासकारों ने थाई निरादल और थाई संयुक्त राष्ट्र के साथ इस त्योहार की पहचान की है। इसके साथ ही  इस त्योहार से कई धार्मिक मान्यताएं एवं पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।

पोंगल त्योहार से जुड़ी पौराणिक कथाएं एवं मान्यताएं – Pongal Festival Story

कथा नंबर -1

यह धार्मिक कथा भगवान श्री कृष्ण और भगवान इंद्र के गुस्से से जुडी़ हुई है। ऐसी मान्यता है कि, सभी देवताओं के राजा बनने के बाद भगवान इंद्र अभिमानी हो गए थे, जो भगवान श्री कृष्ण को रास नहीं आया और उन्होंने द्दारका के सभी ग्वालों को इंद्र भगवान की पूजा करने से रोक दिया।

जिससे भगवान इंद्र क्रोधित हो उठे और उन्होंने बादलों को श्री कृष्ण की नगरी द्धारका में लगातार तीन दिन तक बारिश करने और तूफान लाने के लिए भेजा, जिससे पूरा द्धारका नष्ट होने की कगार पर आ गया। इसके बाद श्री कृष्ण ने अपनी नगरी को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी से उंगली में उठा लिया।

तब जाकर भगवान इंद्र को अपनी गलती पर पछाताव हुआ, और भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत शक्ति का एहसास हुआ।

इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने भगवान विष्णु जी से द्वारका का फिर से निर्माण करने के लिए कहा और  फिर ग्वालों ने अपनी गायों के साथ फिर से खेती शुरु की एवं नई फसल उगाई, तभी से तमिलनाडू में पोंगल त्योहार को मनाया जाने लगा।

कथा नंबर 2-

इस धार्मिक मान्यता के मुताबिक, एक बार शंकर भगवान जी ने अपने प्रिय बैल बसवा को स्वर्ग से पृथ्वी लोक में जाकर मनुष्यों को एक संदेश देने के लिए कहा कि – हर रोज तेल से स्नान करना चाहिए और महीने में सिर्फ एक दिन खाना खाना चाहिए।

लेकिन बसवा ने पृथ्वीलोक पर जाकर भगवान शिव की आज्ञा के विपरीत संदेश मनुष्यों को दे दिया कि, मनुष्यों को एक दिन तेल से स्नान करना चाहिए और हर रोज खाना खाना चाहिए।

जिसके बाद भगवान शिव बसवा की इस गलती पर नाराज हो उठे और उन्होंने बैल बसवा को कैलाश से हमेशा के लिए निकाल बाहर कर दिया और श्राप दे दिया कि उन्हें पृथ्वी पर अनाज के उत्पादन के लिए मनुष्यों की मद्द के लिए हल जोतना होगा।

इस तरह यह दिन मवेशियों के साथ संबंधित है। और इसलिए पोंगल पर्व पर बैलों की पूजा करने का प्रचलन है। इसके साथ ही तमिलनाडू के कुछ हिस्सों में पोंगल पर्व पर जल्लीकट्टू का खेल भी खेलते हैं।

कैसे मनाते हैं पोंगल का त्योहार ? – How To Celebrate Pongal Festival

दक्षिण भारत में पोंगल त्योहार का उत्सव 4 दिन तक चलता है। इसके लिए कई दिन पहले से ही लोग खास तैयारी करते हैं। ईश्वर और प्रकृति को समर्पित इस खास फसल उत्सव में लोग प्रमुख रुप से सूर्य देवता की आराधना करते हैं, सूर्य देव को घर पर बना खास प्रसाद अर्पित किया जाता है, जो कि पगल कहलाता है।

इसके अलावा कई पारंपरिक पकवानों को घरो में बनाया जाता है। इस दौरान घरों की खास तरह की सजावट की जाती है। लोग नए कपड़े पहनते हैं, नए बर्तन खरीदते हैं। इसके साथ ही इस मौके पर घर से सभी बुरी एवं खराब चीजों को जलाए जाने की भी परंपरा है।

पोंगल पर्व के उत्सव के दौरान माता लक्ष्मी, पशुधन, माता काली, गोवर्धन पूजा और मवेशियों की भी खास तरीके से पूजा की जाती है। एक-दूसरे का मुंह मीठा कर लोग पोंगल पर्व की बधाई देते हैं।

4 दिन तक चलने वाला पोंगल उत्सव:

पोंगल पर्व का जश्न चार दिनों तक चलता है। इस दौरान हर दिन का अपना अलग महत्व और मान्यताएं हैं, जो कि इस प्रकार है –

पोंगल उत्सव का पहला दिन – भोगी पोंगल:

सुख-समृद्धि के इस पोंगल पर्व के पहले दिन महिलाएं घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करती हैं और मिट्टी के बर्तनों की खास तरीके से सजावट करती हैं एवं गोबर एवं लकड़ी की आग में घर की पुरानी खराब चीजों को जलाती हैं और आग के चारों तरफ घेरा बनाकर नाच-गान करती हैं और ईश्वर और प्रकृति के प्रति अपनी कृतत्रता प्रकट करती हैं।

पोंगल उत्सव का दूसरा दिन – सूर्य पोंगल/थाई पोंगल:

पोंगल पर्व के दूसरे दिन घर का सबसे बड़ा व्यक्ति एवं कर्ताधर्ता एक मिट्टी के बर्तन में चावल, घी, शक्कर और दूध को घर के बाहर सूर्य देवता के सामने उबालते हैं और इसे सूर्य देवता की पूजा-अर्चना कर उन्हें अर्पित करते हैं। इस भोग को पगल कहा जाता है । इस दिन तमिलनाडू में  घरों के बाहर विशेष तरह की रंगोली बनाने की भी प्रथा है।

पोंगल उत्सव का तीसरा दिन मट्टू पोंगल:

पोंगल उत्सव के तीसरे दिन गायों और बैलों को विशेष तरह से सजाकर उनकी पूजा की जाती है। अनाज उत्पादन में बैल खेतों को जोतकर मनुष्य की मद्द करते हैं, इसलिए इस दिन उन्हें विशिष्ट सम्मान दिया जाता है। इसके साथ ही तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर इस दिन जल्लीकट्टू  के खेल का भी आयोजन किया जाता है।

पोंगल उत्सव का  चौथा दिन – कान्नुम पोंगल /कानु पोंगल:

पोंगल पर्व के अंतिम यानि कि चौथे दिन सामूहिक भोज का आयोजन होता है। इस दिन एक खास तरीके की रस्म भी होती है। इसके साथ ही महिलाएं अपने भाइयों की आरती कर उनकी लंबी आयु एवं सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और सभी लोग अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं।

दक्षिण भारत में नए साल की शुरुआत:

दक्षिण भारत में पोंगल पर्व से तमिल नववर्ष का आरंभ माना जाता है। इस दौरान लोग एक-दूसरे का मुंह मीठा कर नववर्ष की बधाई देते हैं।

पोंगल पर्व पर पकने वाले पारंपरिक पकवान:

पोंगल पर्व के खास मौके पर पारंपरिक पोंगल स्वादिष्ट पकवान तैयार किए जाते हैं। विशेष तरह की खीर बनाने का इस त्योहार में काफी महत्व है।

पोंगल पर दूध का उफान का महत्व:

पोंगल के मौके पर दूध को नए बर्तन में उबाला जाता है और इसके उफान को महत्व दिया जाता है, इसे मनुष्य के शुद्ध मन एवं उत्तम संस्कारों से जोड़ कर देखा जाता है।

इस तरह आस्था, समृद्धि एवं सम्पन्नता से जुड़े इस पावन पोंगल पर्व को बेहद उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार लोगों को आपस में प्रेमभाव से मिलजुल कर रहने का संदेश देता है। यह त्योहार दक्षिण भारत के अलावा, अमेरिका, श्रीलंका, कनाडा, सिंगापुर और मॉरीशस में भी मनाया जाता है।

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जीवन के प्रति सकारात्मकता बढ़ाने वाले सुकरात के सर्वश्रेष्ठ विचार

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Socrates Quotes in Hindi

सुकरात एक महान दार्शनिक और विचारक थे। उन्होंने विवेकशीलता और महान विचारों से पश्चमी सभ्यता के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें पश्चिमी दर्शन का जनक भी कहा जाता है।

वे खुद को विश्व का नागरिक मानते थे और धार्मिक आडम्बरों और रुढिवादी विचारधारा के खिलाफ थे। उनका मानना था कि सकारात्मक सोच और विचारों से समाज में कई बदलाव किए जा सकते थे।

उन्होंने धार्मिक सिद्धांतों के बजाय मानवीय आधार पर एक नैतिक प्रणाली स्थापित करने की कोशिश की। उनका मानना था कि एक संतुष्ट व्यक्ति सबसे ज्यादा धनवान और समृद्ध होता है, क्योंकि वे संतुष्टि को ही प्रकृति की दौलत मानते थे।

उनके कुछ ऐसे ही विचार जीवन के प्रति सकारात्मकता पैदा करने वाले हैं। वहीं सुकरात के सर्वश्रेष्ठ सुविचारों का जो भी अनुसरण करता है, अपने जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की हासिल करता है।

महान दार्शनिक सुकरात के अनमोल विचार – Socrates Quotes In Hindi

Socrates
An honest man is always a child.

“एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है।

बिना परीक्षा वाली जिंदगी का कोई मूल्य नही है।

“व्यस्त जीवन के बाँझपन से सावधान रहे।

Socrates Hindi
All men’s souls are immortal, but the souls of the righteous are immortal and divine.

“हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है।

सच्चा ज्ञान वही मिलता है जहा आपको पता चलता है की आपको कुछ नही पता।

“खुद को ढूंडने के लिये खुद के लिये सोचिये।

Socrates Thoughts
Be slow to fall into friendship; but when thou art in, continue firm and constant.

“मित्रता करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उसपर स्थिर रहिये।

मै किसी को कुछ नही पढ़ा सकता। मै बस उन्हें सोचने लायक की बना सकता हु।

“जिंदगी को बदलने के लिये पहले खुद को बदलीये।

Socrates photo
Death may be the greatest of all human blessings.

“मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान है।

सच्चा ज्ञान हम में से हर किसी के पास आता है जब हमें इस बात का अनुभव होता है की हम जिंदगी, अपने और इस दुनिया के बारे में बहुत कम जानते है।

“दोस्ती में डूबता समय धीरे-धीरे डूबे, लेकिन जब आप पूरी तरह डूब जाओ तब दोस्ती को हमेशा स्थायी रखे।

Socrates Quotes on Democracy

विश्व के महान दार्शनिकों में से एक सुकरात को वेस्टर्न फिलॉसफी का जनक कहा जाता है। उनका मानना था कि हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं, उनकी आत्मा दिव्य और अमर होती है।

इसके साथ ही उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। सुकरात जी का मानना था कि एक जिंदगी नहीं, बल्कि अच्छी जिंदगी मायने रखती है। उनके ऐसे ही विचार जिंदगी में सफल होने की प्रेरणा देते हैं।

Socrates Quotes in hindi with image
He is richest who is content with the least, for content is the wealth of nature.

“वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट है, क्योंकि संतुष्टि प्रकृति कि दौलत है।

हमारी प्रार्थना बस सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है।

“इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।

Socrates In Hindi
It is not living that matters, but living rightly.

“सिर्फ जीना मायने नहीं रखता, सच्चाई से जीना मायने रखता है।

जहाँ सम्मान है वहां डर है,पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है, क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है।

सुकरात
Worthless people live only to eat and drink; people of worth eat and drink only to live.

“मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं; मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं।

शादी या ब्रह्मचर्य, आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले, उसे बाद में पछताना ही पड़ता है।

Socrates Quotes on Love

सुकरात विश्व के महान दार्शनिकों में से एक होने के साथ-साथ एक अच्छे योद्धा भी थे। जिन्होंने एथेंस की तरफ से कई लड़ाईयां लड़ी थीं।

वहीं उन्होंने अपने महान विचार, ज्ञान, दूरदर्शी सोच और सिद्धान्त से लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई। सुकरात के सर्वश्रेष्ठ विचार जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले हैं।

Socrates Image
By all means, marry. If you get a good wife, you’ll become happy; if you get a bad one, you’ll become a philosopher.

“चाहे जो हो जाये शादी कीजिये। अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल रहेगी ; अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक बन जायेंगे।

अपना समय औरों के लेखों से खुद को सुधारने में लगाइए, ताकि आप उन चीजों को आसानी से जान पाएं जिसके लिए औरों ने कठिन मेहनत की है।

Socrates classical Greek (Athenian) philosopher
Not life, but good life, is to be chiefly valued.

“ज़िन्दगी नहीं, बल्कि एक अच्छी ज़िन्दगी को महत्ता देनी चाहिए।

हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है।

Socrates Picture
False words are not only evil in themselves, but they infect the soul with evil.

“झूठे शब्द सिर्फ खुद में बुरे नहीं होते, बल्कि वो आपकी आत्मा को भी बुराई से संक्रमित कर देते हैं।

सौंदर्य एक अल्पकालिक अत्याचार है।

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जानिए प्रथम विश्व युद्ध से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में-

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World War 1

इतिहास की किताबों में आपने कई युद्धों को पढ़ा होगा, जिनमें हजारों लोगों की जाने गयी। देशों की आर्थिक स्थितियों को भी काफी हानि हुई। हालांकि ज्यादातर युद्ध एक दूसरे की रियासतों को झड़पने के लिए हुआ करते थे। जिसका असर सिर्फ उन दो रियासतों पर ही पड़ता था जिनके बीच युद्ध होता था लेकिन इतिहास की किताबों में एक युद्ध ऐसा भी था जिसकी चपेट में पूरा विश्व आया। World War 1 – पहला विश्व युद्ध साल 1914 से 1918 तक लड़ा गया था। जिसका असर आजतक कई देशों में साफ देखने को मिलता है।

रिपोर्टस के अनुसार 28 जुलाई 1914 से लेकर 11 नवंबर, 1918 तक चले प्रथम विश्व युद्ध केन्द्रीय शक्तियों (बुल्गारिया, तुर्की, ऑस्ट्रिय-हंगरी, जर्मनी) और मित्र राष्ट्रों (फ्रांस, इंग्लैंड, रुस, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका, रुमानिया) के बीच हुआ।

पहले विश्व युद्ध में लगभग सभी प्रभावशाली देशों ने हिस्सा लिया। जिसके दूरगामी परिणाम हुए। करीब 4 साल तक चले इस युद्ध में करोड़ों  लोगों की जान चली गई तो आधी दुनिया हिंसा के चपेट में आ गई थी। तो आइए जानते हैं प्रथम विश्व युद्ध (ग्लोबल वार) विश्व युद्ध क्यों हुआ? किन देशों के बीच लड़ा गया और इसके प्रमुख कारण, परिणाम और इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में-

जानिए आख़िर क्यों हुआ था प्रथम विश्व युद्ध – World War 1 History

World War 1
World War 1

प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख कारण – Causes Of World War 1

  • बिस्मार्क की नीति – Bismarck Policy  

प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक बिस्मार्क की नीति भी है। दरअसल, बिस्मार्क ने पहले फ्रांस को पराजित कर फ्रांस के एल्सास और लॉरेन जैसे प्रदेश पर जर्मनी का अधिकार स्थापित किया था।

जिसके बाद फ्रांस और जर्मनी के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे और फ्रांस जर्मनी से अपनी हार का बदला लेना चाहता और अपने खोए हुए प्रदेशों को फिर से हासिल करना चाहता था।

वहीं बिस्मार्क ने फिर रुस, इटली एवं ऑस्ट्रेलिया से संधि कर खुद को बेहद मजबूत बना लिया, जिसके चलते फ्रांस, जर्मनी के सामने कमजोर पड़ता चला गया और हर समय फ्रांस को हर समय जर्मनी के हमले का डर बना रहा।

  • उग्र राष्ट्रवाद की भावना – Radical Nationalism

प्रथम विश्व युद्ध के प्रमुख कारणों में से एक राष्ट्रीयता की उग्र भावना भी शामिल है। उस दौरान यूरोप के अलग-अलग राज्यों ने अपने राष्ट्र की प्रगति एवं विकास के लिए काम करने शुरु कर दिए।

इस दौरान सभी धर्म, जाति एवं समुदाय के लोगों ने अपने राष्ट्र के लिए मिलजुल कर काम किया। वहीं इसके चलते इटली और जर्मनी के बीच एकीकरण हो गया।

वहीं इस दौरान तुर्की सम्राज्य कमजोर पड़ने लगा और तुर्की सम्राज्य समेत ऑस्ट्रिया हंगरी के कई क्षेत्रों में स्वतंत्रता की मांग तेजी से बढ़ने लगी साथ ही यहां के कई क्षेत्रों में स्लाव प्रजाति के लोगों की अधिकता होने की वजह से स्लाव राष्ट्र की भी मांग होने लगी।

रुस ने इस दौरान सर्वस्लाववाद एवं अखिल स्लाव आंदोलन को इसलिए बढ़ावा दिया, क्योंकि उनका मानना था कि ऑस्ट्रिया-हंगरी एवं तुर्की से आजाद होने के बाद स्लाव रुस के प्रभाव में आ जाएगा।

वहीं इन आंदोलनों के चलते रुस और ऑस्ट्रेया-हंगरी के रिश्तों में कड़वाहट आ गई। इसके साथ ही इस दौरान पोलो, चेक एवं सर्व जाति के लोग भी आजादी की मांग कर रहे थे, जिसके चलते यूरोपीय राष्ट्रों को रिश्तों में और अधिक कड़वाहट होती चली गई।

  • मिलिटेरिज्म – प्रथम विश्व युद्ध की एक प्रमुख वजह – Militarism

प्रथम विश्व युद्ध होने के प्रमुख कारणों में से एक मिलिट्रीज्म भी है। इसके तहत उस दौरान ज्यादातर देशो नें खुद को आधुनिक हथियारों से लैस एवं मजबूत बनने की कोशिश की।

इसके तहत उस दौरान मशीन गन, टैंक, बंदूक लगे 3 बड़े जहाज आदि का अविष्कार किया गया। यही नहीं कई देशों ने इस दौरान अपने सैन्य बल को और अधिक मजबूत बनाया एवं युद्ध के लिए सशक्त एवं बलशाली सेना तैयार की।

वहीं जर्मनी और ब्रिटेन, औद्योगिक क्रांति की वजह से उस दौरान सबसे अधिक आगे थे, जिनसे हर देश बराबरी करना चाहता था, लेकिन इनकी होड़ करना अन्य देशों के लिए वास्तव में काफी मुश्किल था।

वहीं मिलिट्रीज्म की वजह से उस दौरान कुछ देश खुद को बेहद शक्तिशाली एवं अपने देश की सैन्य क्षमता को सार्वधिक उत्कृष्ट मानने लगे एवं यह सोचने लगे कि उन्हें कोई नहीं परास्त कर सकता।

वहीं लोगों की इस धारणा की वजह से मिलिट्री का आकार बड़ा किया गया। अर्थात इसी वजह से मॉर्डन आर्मी के नए कांसेप्ट की शुरुआत की गई।

इसके अलावा यहां आर्थिक प्रति द्धन्द्धिता और सम्राज्यवाद का होना, अंतराष्ट्रीय शांति कायम करने वाली संस्थाओं का अभाव, अंतराष्ट्रीय अराजकता का फैलना आदि थे।

  • संधिया एवं गठबंधन प्रणाली – Subsidiary Alliance System

19वीं सदी के दौरान कई राष्ट्रों ने अपने-अपने देश की स्थिति को मजबूत एवं सुदृढ़ बनाने के लिए अन्य शक्तिशाली राष्ट्रों के साथ संधि करनी शुरु कर दी।

वहीं इस दौरान कई संधि गुप्त रुप से भी हुईं यानि की दो देशों के बीच क्या संधि हुईं, तीसरे देश को नहीं पता चलता था। इस दौरान फ्रांस, ब्रिटेन एवं रुस के बीच ट्रिपल इंटेट एवं जर्मनी-ऑस्ट्रेलिया-हंगरी एवं इटली के बीच संधि हुई, जिसके दूरगामी परिणाम हुए-

जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और इटली के मध्य साल 1882 में संधि हुई ।

फ्रांस, ब्रिटेन और रुस के बीच साल 1907 में ट्रिपल इंटेट हुआ। साल 1904 में ब्रिटेन और रुस के बीच कुछ शर्तों के तहत संधि हुई। वहीं इसके बाद रुस के जुड़ने के बाद ट्रिपल इंटेट के नाम से जाना गया।

  • सम्राज्यवाद भी था प्रथम विश्व युद्ध का प्रमुख कारण- Imperialism

उस दौरान फ्रांस, होलैंड, बेल्जियम और फ्रांस समेत पश्चिमी यूरोपीय देश अपना विस्तार एशिया एवं अफ्रीका में भी करना चाहते थे। वहीं उस दौरान ब्रिटेन सबसे सफल, मजबूत एवं संपन्न राष्ट्र था।

दुनिया के 25 फीसदी हिस्से पर ब्रिटिश शासन का राजस्व था, यही नहीं इसकी सैन्य क्षमता काफी अच्छी थी।

प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम – Effects Of World War 1

इतिहास के इस सबसे बड़े युद्ध में से एक प्रथम विश्व युद्ध को दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा बदलाव का बिंदु माना गया है, जिसके दूरगामी परिणाम हुए। इस युद्ध का प्रभाव सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सैन्य और सामाजिक अर्थव्यवस्था पर पड़ा। इस युद्ध के परिणाम निम्नलिखित हैं।

  • राजनैतिक परिणाम – Political Effects Of Ww1

प्रथम विश्व युद्ध के बाद विश्व मानचित्र में काफी बड़े स्तर पर परिवर्तन देखा गया। इस विश्व युद्ध के बाद बाल्टिक सम्राज्य, रुसी सम्राज्य से स्वतंत्र कर दिए गए।

जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और रुस की सीमाएं बदल गईं।

इस युद्ध के बाद कई सम्राज्यों के विघटन के साथ पॉलैंड, युगोस्लाविया, चेकोस्लोवाकिया जैसे नए राष्ट्रों का उदय हुआ।

इस युद्ध के बाद इंग्लैंड में फिलिस्तीन को शामिल कर दिया गया।

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप का प्रभाव कमजोर पड़ गया – Effects Of WW1 On Europe

प्रथम विश्व युद्ध के पहले तक विश्व राजनीति में यूरोप की काफी मुख्य भूमिका थी, लेकिन इसके बाद विश्व राजनीति पर अमेरिका का दबदबा कायम हो गया।

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ का उदय हुआ – The Soviet Union

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रुस में 1917 में बोल्शेविक क्रांति हुई। जिसके चलते रुसी सम्राज्य की जगह पर सोवियत संघ का उदय हुआ और समाजवादी सरकार ने जारशाही का स्थान ले लिया।

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद अधिनायकवाद का उदय हुआ – Dictatorship

प्रथम विश्व युद्ध के बाद अधिनायकवाद का उदय हुआ । वर्साय की संधि का सहारा लेकर जर्मनी में हिटलर और उसकी नाजी पार्टी ने सत्ता हथिया ली।

नाजीवाद में एक नया राजनैतिक दर्शन दिया, इससे सारी सत्ता एक शक्तिशाली नेता के हाथों में केंद्रित कर दी गई।

  • प्रथम विश्वयुद्ध से दूसरे विश्वयुद्ध की रुपरेखा बन गई – Second World War

पहले विश्वयुद्ध ने दूसरे विश्वयुद्ध के बीज बो दिए थे, दरअसल, इस दौरान हारे हुए राष्ट्रों के साथ बेहद कटु और अपमानजनक व्यवहार किया  गया, जिसकी वजह से उन राष्ट्रों में दोबारा उग्र राष्ट्रीयता की भावना आ गई थी।

इस दौरान राष्ट्रों ने अपनी शक्ति को मजबूत कर लिया, जिसका परिणाम द्धितीय विश्वयुद्ध के रुप में देखने को मिला।

  • सामाजिक परिणाम – Social Effects Of First World War

प्रथम विश्व युद्ध में जहां करोड़ों जानें गईं और कई देशों को भारी नुकसान हुआ वहीं इसके कुछ सकारात्मक प्रभाव भी पड़े।

इसके बाद मजदूरों और महिला वर्ग की स्थिति में सुधार हुआ। इसके साथ ही इस दौरान नस्लभेद की भावना में भी कमी देखी गई।

  • आर्थिक परिणाम – Economic Effects Of World War 1

प्रथम विश्व युद्ध के बाद वस्तुओं की कीमत काफी अधिक बढ़ गईं, जिसके चलते आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई।

इसके साथ ही लाखों लोगों व्यक्तियों की मौत हो जाने एवं अरबों रुपए की संपत्ति नष्ट हो जाने की वजह से सामाजिक आर्थिक व्यवस्था पर भी काफी प्रभाव पड़ा।

सैन्य परिणाम:

प्रथम विश्व युद्ध के बाद हारे गए देशों की सैन्य शक्ति को कमजोर करने के लिए निस्त्रीकरण की व्यवस्था की गई। इस नीति का सबसे बड़ा शिकार जर्मनी हुआ।

इस तरह प्रथम विश्व युद्ध के बाद कुछ अच्छे तो ज्यादातर परिणाम दुखदाई ही थे।

प्रथम विश्व युद्ध का भारत पर प्रभाव – Effects Of World War 1 On India

पहले विश्व युद्ध के दौरान भारत पर ब्रिटेन का शासन था, जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों को इस युद्ध में शामिल होना पड़ा था।

इस युद्ध के दौरान करीब 13 लाख भारतीयों ने ब्रिटिश आर्मी की तरफ से लड़ाई लड़ी। जिसमें से करीब 50 हजार सैनिक शहीद हो गए। वहीं इस युद्ध का भारत पर राजनैतिक, समाजिक एवं आर्थिक प्रभाव पड़ा।

दरअसल, इस युद्ध के खत्म होने के बाद भारत में पंजाबी सैनिकों की वापसी ने राजनैतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया।

इसमें कोई शक नहीं है कि इस युद्ध में तमाम दुखदाई और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले, लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारतीय सैनिक समुदायों में साक्षरता दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

वहीं इस युद्ध के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था ने पूंजीवाद को बढ़ावा दिया।

प्रथम विश्व युद्ध से जुड़े कुछ रोचक एवं महत्वपूर्ण तथ्य – Facts About World War 1

प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जुलाई, 1914 को ऑस्ट्रिया द्धारा सर्बिया पर हमला किेए जाने से हुई थी। और यह करीब 4 सालों तक चला था, जिसमें करीब 36-37 देशों ने हिस्सा लिया था।

प्रथम विश्व युद्ध होने का तत्कालिक कारण ऑस्ट्रिया के राजकुमार  फेर्ड़ीनंद की हत्या था।

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान पूरा विश्व धुरी राष्ट्र और मित्र राष्ट्रों में बंट गया था। धुरी राष्ट्रों में इटली, हंगरी, ऑस्ट्रिया और जर्मनी शामिल थे, तो मित्र राष्ट्रों में रुस, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और इंग्लैंड शामिल थे।

बिस्मार्क को गुप्त संधियों का जनक भी कहा जाता है।

प्रथम विश्व युद्ध के समय वुडरो विल्सन अमेरिका के राष्ट्रपति थे।

साल 1914 से 1918 तक चलने वाले प्रथम विश्व युद्ध में करीब 1 करोड़ लोगों  ने अपनी जान से हाथ धो लिया था। इसमें मित्र राष्ट्रों के करीब 60 लाख सैनिक और धुरी राष्ट्रों के 40 लाख सैनिक शहीद हो गए थे।

प्रथम विश्व युद्ध से जुड़ा एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इस युद्ध में एक तिहाई सैनिकों की मौत स्पेनिश फ्लू नामक बीमारी के होने की वजह से हुई थी।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान आग फेंकने वाली तोप का इस्तेमाल सबसे पहले जर्मनी ने किया था। जो कि 130 फीट की दूरी तक आग फेंक सकती थी।

इस विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले विश्व युद्ध में 30 बिलियन डॉलर खर्च किए थे।

प्रथम विश्व युद्ध इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था। इसकी रुसी सेना में करीब 12 मिलियन सैनिक थे, वहीं इस युद्ध में करीब तीन चौथाई सैनिकों का कोई पता नहीं चला था।

प्रथम विश्व युद्ध से जुड़ा रोचक तथ्य यह है कि इस दौरान करीब 5 लाख से ज्यादा कबूतरों का इस्तेमाल संदेश को पहुंचाने के लिए किया गया था।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 8 साल का लड़का सबसे कम आयु का सैनिक था।

प्रथम विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई थी।

वर्साय की संधि में दूसरे विश्व युद्ध का बीजारोपण हो गया था।

प्रथम विश्व युद्ध के ज्यादातर परिणाम दुखदाई थे, लेकिन भारत पर इसके कुछ प्रभाव सकरात्मक भी रहे। इस विश्व युद्ध के बाद न सिर्फ महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था से पूंजीवाद को भी बढ़ावा मिला।

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महान विचारक और दार्शनिक अरस्तू के महान विचार

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Aristotle Quotes in Hindi

अरस्तू यूनान के एक महान दार्शनिक और वैज्ञानिक थे। वे प्लेटो के सबसे श्रेष्ठतम शिष्यों में से एक थे। इसके साथ ही वे विश्व विजेता कहलाने वाले सिकंदर के भी गुरु थे।

उन्होंने भौतिकी, गणित, नाटक, तर्कशास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान, आध्यात्म, संगीत, कविता, राजनीतिशास्त्र, समेत कई विषयों पर रचनाएं की थी।

अरस्तू ने अपने महान विचार और शिक्षाओं से लोगों को जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता बताया, तो आइए पढ़ते हैं महान विचारक अरस्तू के महान और प्रेरणात्मक विचारों के बारे में-

अरस्तु के कुछ अनमोल वचन – Quotes By Aristotle in Hindi

Aristotle Quotes In Hindi
Aristotle Quotes In Hindi

“कोई भी गुस्सा हो सकता है – यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है।”

“धैर्य कड़वा होता है पर इसका फल हमेशा मीठा होता है।”

“एक मनुष्य के पास चाहे सब कुछ हो लेकिन वो दोस्तों के बिना कोई भी जीना नहीं चाहेगा।”

“जो सभी का दोस्त होता है वो किसी का दोस्त नहीं होता है।”

“जॉब में खुश रहने से ही आपके काम में पूर्णता आती है।

Aristotle Thoughts
Aristotle Thoughts

“शिक्षा की जड़ें कड़वी होती है लेकिन फल मीठे होते है।”

“लोकतंत्र तब होंगा जब किसी अमीर की जगह कोई गरीब देश का शासक हो।”

“क्रांति और अपराध की जनक गरीबी है।”

“दोस्त क्या है? दो शरीर में आवास करने वाली एक आत्मा।”

“हम शांति में रह सके इसलिए हम लढाई करते है।”

Arastu Thought in Hindi

महान गणितज्ञ और दार्शनिक अरस्तू करीब 384 ईसा पूर्व में ग्रीस के स्टेगरिस नामक जगह में जन्में थे। वे शुरु से ही आसाधारण और अद्भुत प्रतिभा वाले शख्सियत थे।

वे राजनैतिक दर्शन को वैज्ञानिक रुप देने वाले प्लेटो के पहले शिष्य थे, उनकी गिनती पश्चमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में होती थी, यही नहीं अरस्तू ने पश्चिम दर्शनशास्त्र पर सबसे पहली और व्यापक रचना की थी।

उनकी रचनाओं में विज्ञान, तर्क, राजनीति, और आध्यात्म  का अच्छा मेलजोल था। उन्होंने अपनी रचनाओं और विचारों के माध्यम से मध्युगीन शिक्षा पर काफी प्रभाव डाला था।

उनका मानना था कि शिक्षा बुढ़ापे का सबसे अच्छा प्रावधान है। वहीं आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको कुछ विचार उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं।

All human actions have one or more of these seven causes: chance, nature, compulsions, habit, reason, passion, desire.
All human actions have one or more of these seven causes: chance, nature, compulsions, habit, reason, passion, desire.

“युवा शीघ्रता से उम्मीद लगाते है, इसलिए वो आसानी से धोखा खाते है।”

“एक निश्चित बिंदु के बाद, धन का कोई अर्थ नहीं रह जाता।”

“किसी इंसान का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय और लोकप्रिय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति।”

“खुशी हम कैसे मानते है उस पर निर्भर करती है।”

“किसी विचार को अपनाये बिना उसे मानना किसी शिक्षित दिमाग का ही निशान है।

Aristotle Thoughts in Hindi
Aristotle Thoughts in Hindi

“अपने दोस्त का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो, और जरुरत पड़ने पर उसकी मदत करो।”

“भय बुराई की अपेक्षा से पैदा होने वाला दर्द है।”

“आलोचना से बचने का एक ही तरीका है : जीवन में कुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों।”

“हम वही है जो हम बार-बार करते है। श्रेष्टता आपके काम में नही बल्कि आपकी आदतों में है।”

“प्यार दो शरीर में एक ही आत्मा का निवास है।”

अरस्तु के अनमोल वचन
अरस्तु के अनमोल वचन

“बुरे व्यक्ति का मन सदैव पश्चाताप से भरा होता हैं।”

“सबके साथ अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।”

“अच्छी शुरुआत से ही हमेशा आधा काम हो जाता है।”

“स्वयं को जानना ही ज्ञान की शुरुआत है।”

“प्रकृति के अनुसार सभी इंसान ज्ञान चाहते है।

Character may almost be called the most effective means of persuasion.
Character may almost be called the most effective means of persuasion.

“चरित्र को हम अपनी मन की बात मनवाने का सबसे प्रभावीशाली माध्यम कह सकते हैं।”

“उत्कृष्टता कोई तरीका नहीं बल्कि आदत है।”

“इंसान के सभी कार्य इन सात कारणों में से किसी एक या अधिक वजहों से प्रेरित होते हैं: मौका, स्वभाव, मजबूरी या आवश्यकता, आदत, वजह, जुनून तथा प्रबल
इच्छा।”

“एक शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे।”

“जिसमे अपने दुश्मनों को पराजित किया उसे साहसी कहने की बजाये जिसने अपनी इच्छाओ को वशीभूत कर लिया है मै उसे साहसी और बहादुर कहूँगा। क्योकि सबसे बड़ी जीत हमपर ही हमारी होगी।

Aristotle Thoughts in Hindi

महान वैज्ञानिक अरस्तू ने अपने आध्यात्मिक ज्ञान और शिक्षाओं के माध्यम से मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को काफी हद तक प्रभावित किया है।

उनके दर्शन और सिद्धांतों को आज भी उच्च कक्षाओं में पढा़या जाता है। उन्हें दर्शन और राजनीति के अलावा ज्योतिष, दवाईयां, काव्य, आचारशास्त्र, शरीर रचना आदि पर भी काफी अच्छा ज्ञान था।

उन्होंने करीब 400 ग्रंथ लिखे थे, हालांकि बाद में उनके कुछ ग्रंथ नष्ट हो गए थे।

उनका मानना था कि आदर्श व्यक्ति वही है, जो परिस्थितियों का उत्तम तरीके से इस्तेमाल कर जीवन की दुर्घटनाओं को मर्यादा और ईश्वर की कृपा समझ कर स्वीकार करता है, उनके कुछ इस तरह के विचार ही जीवन के मूल्यों को बताने वाले हैं।

Best Quotes of Aristotle
Best Quotes of Aristotle

“बुढ़ापे के लिए शिक्षा ही सबसे अच्छा प्रावधान है।”

“आशा जागते हुए देखा गया सपना है।”

“हमारे जीवन के गहनतम अंधकार के वक़्त हमें अपना ध्यान उजाला देखने पर केंद्रित करना चाहिए।”

“महान विचार वाले मनुष्य को लोगों की सोच की बजाय सत्य की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए।”

“सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है, हम जीवन में बिना दर्द के कुछ भी नहीं सीख सकते है।”

“प्रकृति की सभी चीजो में कुछ तो अद्भुत और शानदार है।

Aristotle Quotes In Hindi
Fear is pain arising from the anticipation of evil.

“दोस्त बनना एक जल्दी का काम है लेकिन दोस्ती धीरे धीरे से पकने वाला फल है।”

“मन की ऊर्जा ही जीवन का सार है।”

“एक अच्छा मनुष्य और एक अच्छा नागरिक बनना एक बात नहीं है।”

“जो एक अच्छा अनुयायी नहीं बन सकता वो कभी अच्छा लीडर भी नहीं बन सकता।”

“पागलपंती या जूनून को छुए बिना किसी भी महान इंसान की उत्पत्ति नही हुयी।

दार्शनिक अरस्तु के प्रसिद्द अनमोल विचार
दार्शनिक अरस्तु के प्रसिद्द अनमोल विचार

“शिक्षा समृद्धि में एक अलंकार और मुसीबत में एक रक्षागार है।”

“ख़ुशी ही जीवन का ध्येय और अर्थ है।”

“अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम मनुष्य की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक चतुर व्यक्ति की तरह।”

“लढाई जितना पर्याप्त नहीं है, शांति कायम करना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।”

“प्रकृति बेकार में कुछ नहीं करती है।”

Aristotle Anmol Vachan
Aristotle Anmol Vachan

“बिना मन को शिक्षित किए दिमाग को शिक्षित करना, वास्तव में शिक्षा नहीं है।”

“अनुभव लेना बहुत ही कष्टदायक होता है।”

“बुद्धिमान व्यक्ति बोलता है क्योंकि उसके पास कहने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन मुर्ख व्यक्ति बोलता है क्योंकि उसे कुछ कहना होता है।”

“प्रसन्नता ही जीवन का सही अर्थ और उद्देश्य है, यही मनुष्य के अस्तित्व का जीवन भर उत्कृष्ट ध्येय है।”

“ख़ुद का ज्ञान ही हर बुद्धिमानी/ज्ञान का प्रारंभ है।

Quotes By Aristotle in Hindi

अरस्तू को वैज्ञानिक विचारधारा व जीव विज्ञान के जनक एवं बुद्धिमानों का गुरु भी कहा जाता है।

अरस्तू का मानना था कि जो व्यक्ति सभी का मित्र होता है, वह असल में किसी का भी वास्तविक मित्र नहीं होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि एक निश्चित बिंदु के बाद पैसों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।

अरस्तू के द्धारा कहे गए ऐसे ही विचार जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले हैं।

“एक शिक्षक बच्चों को शिक्षित करता हैं वो उन्हें जन्म देने वालो से ज्यादा सम्मानीय है क्योकि जन्म देनेवाला उन्हें केवल ज़िन्दगी देता है लेकिन शिक्षक उन्हें सही तरीके से ज़िन्दगी जीने की कला सीखाते है।”

“नौकरी या काम-काज में प्रसन्नता, काम में उत्तमता लाती है।”

“अशिक्षित और शिक्षित में उतना ही फर्क है जितना की मौत और ज़िन्दगी में।”

“विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक सामान बनाना।”

“वो जो अकेले में खुश रहता है या तो एक जानवर होता है या फिर भगवान।”

“आदर्श व्यक्ति वही हैं जो परिस्थितियों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर जीवन की दुर्घटनाओं को मर्यादा और ईश्वर की कृपा समझ कर स्वीकार कर लेता है।”

“एक मात्र स्थिर अवस्था वो है जिसमे सभी इंसान कानून के समक्ष बराबर है।”

“साहस सभी मानवीय गुणों में प्रथम है क्योंकि यह वो गुण है जो आप में अन्य गुणों को विकसित करता है।”

“अनुशासन से स्वतंत्रता आती है।”

“न तो हमें कायर होना चाहिए न ही अविवेकी बल्कि हमें साहसी होना चाहिए।”

“बुद्धिमान का उद्देश्य ख़ुशी को सुरक्षित रखना नहीं होता है बल्कि दुःख को दूर रखना होता है।”

“आत्मा कभी भी मानसिक चित्र के बिना नहीं सोचती है।”

“भगवान भी मज़ाक के शौक़ीन होते है।”

“ख़ुशी आत्म निर्भरता से सम्बंधित होती है।”

“युवा आसानी से धोखा खाते है क्योंकि वो शीघ्रता से उम्मीद लगाते है।”

“क्रोध एक उपहार है।”

“आदमी एक लक्ष्यों की मांग करने वाला प्राणी है उसकी ज़िन्दगी का तभी अर्थ है जब वो अपने लक्ष्यों के लिए प्रयास करता रहे और उन्हें प्राप्त करता रहे।”

“हम बहादुर कार्यों के द्वारा ही बहादुर बन सकते है।”

“कुछ चीजो को करने से पहले हमें उसे सीखना चाहिये, उन्हें करते-करते ही हम सिख जायेंगे।

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बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का शानदार सफर

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Shahrukh Khan Jivani

शाहरुख खान को कौन नहीं जानता, वे फिल्मी दुनिया के सबसे चमकते सितारों में से एक है। शाहरुख खान बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ एवं सफल अभिनेता हैं जिन्होंने अपने शानदार अभिनय के अंदाज से करोड़ों लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई है।

शाहरुख खान जो SRKके नाम से भी जाने जाते है। एक भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्देशक और टेलीविज़न कलाकार भी है। जिन्हें मीडिया में “बॉलीवुड का बादशाह”, “किंग ऑफ़ बॉलीवुड” और “किंग खान” भी कहा जाता है।

वे एक्शन, रोमांस, ड्रामा, कॉमेडी सभी फिल्में कर चुके हैं। उनका नाम सबसे अमीर अभिनेताओं में भी गिना जाता है। शाहरुख़ खान अब तक 80 से भी ज्यादा बॉलीवुड फिल्म कर चुके है। लोस एंजेल्स के टाइम्स पत्रिका के अनुसार वे “दुनिया के सबसे बड़े मूवी स्टार” के नाम से भी जाने जाते है। जिनके चाहते भारत के साथ-साथ पुरे एशिया में भी फैले हुए है।

हालांकि, शाहरुख खान को यहां तक पहुंचने के लिए अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा था।

उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायक है, तो आइए जानते बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान के जीवन से जु़ड़ी कुछ अहम और रोचक बातों के बारे में-

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का शानदार सफर – Shahrukh Khan Biography in Hindi

Shahrukh Khan

शाहरुख खान के जीवन के बारे में एक नजर में- Shahrukh Khan Information in Hindi

पूरा नाम (Name) शाहरुख खान
जन्मतिथि (Birthday) 2 नवंबर 1965, नई दिल्ली
पिता का नाम (Father Name) स्वर्गीय मीर ताज मोहम्मद खान
माता (Mother Name) स्वर्गीय लतीफ फातिमा
पत्नी (Wife Name) गौरी खान (1991)
बच्चे (Childrens Name) सुहाना, आर्य, अब्राम
शैक्षणिक योग्यता (Education) इकॉनोमिक्स से ग्रेजुएशन, मास्टर्स इन मास कम्यूनिकेशंस

शाहरुख खान का जन्म, परिवार एवं शुरुआती जीवन – Shahrukh Khan History

बॉलीवुड के बादशाह किंग खान 2 नवंबर, 1965 को दिल्ली में एक साधारण परिवार में जन्में थे।  उन्होंने अपने जीवन के पहले पाच साल मँगलोर में बिताये। जहा 1960 में उनके नाना इफ्तियार अहमद एक इंजिनियर थे।

और उनके दादा जान मुहम्मद अफगानिस्तान के जातीय पठान थे। उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान पाकिस्तान के पेशावर से थे, जो कि एक प्रसिद्ध वकील और स्वतंत्रता सेनानी थे। 1947 में भारत विभाजन से पूर्व ही वे नयी दिल्ली आ गये थे।

उनकी मां का नाम लतीफ फातिमा था, जो कि हैदराबाद से थी। शाहरुख जब 15-16 साल के थे, तब उनके पिता का कैंसर की वजह से निधन हो गया था।

वहीं इसके करीब 10 सालों बाद उनकी मां की भी डायबटीज की वजह से मौत हो गई थी। जिसके चलते उन पर एवं उनकी बड़ी बहन शहनाज लालारुख दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन इस हालत में न सिर्फ शाहरुख ने खुद को संभाल कर रखा, बल्कि अपनी बड़ी बहन की जिम्मेदारी को भी अच्छे से निभाया।

वहीं वर्तमान में उनकी बहन मुंबई में शाहरुख खान के घर ”मन्नत” (Shahrukh Khan House Name) में उनके साथ रहती हैं।

शाहरुख खान की शिक्षा – Shahrukh Khan Education

शाहरुख खान ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से की थी। जहा वे पढाई के साथ-साथ खेल-कूद में भी अव्वल थे। उन्हें उनके विद्यार्थी जीवन में कई पुरस्कार मिले। उनके युवा दिनों में वे कई नाटको में हिस्सा लेते थे और अलग -अलग भूमिका अदा करते थे।

शाहरुख़ खान के युवा दिनों में बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और मुमताज़ उनके प्रिय कलाकार थे। उनके बचपन की उनकी सहेली और सह-कलाकार अमृता सिंह थी, जो बाद में बॉलीवुड अभिनेत्री बनी।

बाद में साल 1985 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड हंसराज कॉलेज से उन्होंने इकॉनोमिक्स से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

इसके साथ ही इस दौरान उन्होंने थिएटर एक्शन ग्रुप भी ज्वॉइन किया, जहां थिएटर के निदेशक डायरेक्टर बैरी जॉन ने उन्हें एक्टिंग की बारीकियों के बारे में बताया।

इसके बाद उन्होंने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशंस में अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए दाखिला लिया, लेकिन एक्टिंग की तरफ अधिक रुझान की वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई अधूरी ही छोड़ दी।

हालांकि, उनके एक्टिंग की तरफ इसी जुनून ने उन्हें बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रुप में स्थापित किया है।

शाहरुख खान का विवाह – Shahrukh Khan Marriage

किंग ऑफ रोमांस शाहरुख खान बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता हैं, जिनका इतने बड़े और प्रसिद्ध फिल्म स्टार होने के बाबजूद भी कभी भी किसी के साथ कोई लव अफेयर नहीं रहा है।

उन्होंने साल 1991 में गौरी छिब्बर के साथ शादी कर ली थी। गौरी और शाहरुख की जोड़ी बॉलीवुड की आदर्श जोड़ी है। इन्हें शादी के बाद तीन बच्चे हुए जिनके नाम आर्यन, सुहाना और अबराम है।

वहीं शाहरुख की पत्नी का हिन्दू होने की वजह से उनका परिवार हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों में समान रुप से विश्वास रखता है। इसके साथ ही दोनो त्योहार धूमधाम से मनाते हैं।

शाहरुख खान का फिल्मी करियर – Shahrukh Khan Career

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को अपने करियर के शुरुआती दिनो में काफी संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और वे आगे बढ़ते चले गए।

उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत टीवी शो फौजी, सर्कस, दिल दरिया से की थी। इन टीवी शो से उन्होंने अपनी पहचान बनाई और फिर साल 1992 में उन्होंने फिल्म दीवाना में अपना डेब्यू किया था।

वहीं उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए ही बेस्ट डेब्यू एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था। इसके बाद शाहरुख खान ने एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में की और अपने जीवन में सफलता के नए मुकाम को छुआ एवं खुद को बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रुप में स्थापित किया ।

उनकी शानदार एक्टिंग की बदौलत ही आज उनके करोड़ो प्रशंसक है।

शाहरुख खान के अन्य काम – Shahrukh Khan Other Business

बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बना चुके शाहरुख खान फिल्म प्रोड्यूसिंग एवं टीवी होस्टिंग में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।

शाहरुख खान ने अपने दो प्रोडक्शन हाउस, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट एवं ड्रीम्ज अनलिमिटेड की स्थापना की है।

आपको बता दें कि शाहरुख खान ने मैं हूं ना, चलते-चलते, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, रा.वन, पहेली, ओम शांति ओम, ऑलवेज कभी-कभी, पहेली, बिल्लू जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया है।

इसके अलावा शाहरूख खान को एक बेहतरीन टेलीविजन प्रेजेंटर एवं शो-परफॉर्मर के लिए भी जाना जाता है।

शाहरूख खान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के को- ऑनर भी है।

शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्में – Shahrukh Khan Movies List

  • दीवाना (1992)
  • बाजीगर (1993)
  • डर (1993) (सह कलाकार सनी देओल और जूही चावला)
  • कभी हां कभी ना (1994)
  • दिलवाले दुल्‍हनियां ले जाएंगे (1995)
  • करन अर्जुन (1995)
  • चाहत (1996)
  • कोयला (1997) (अमरीश पूरी के साथ)
  • यस बॉस (1997)
  • परदेस (1997)
  • दिल तो पागल है (1997)
  • दिल से (1998)
  • कुछ कुछ होता है (1998)
  • जोश (2000)
  • मोहब्‍बतें (2000)
  • कभी खुशी कभी गम (2001) (सह कलाकार ऋतिक रोशन)
  • देवदास (2002)
  • कल हो न हो (2003)
  • मैं हूं ना (2004)
  • वीर जारा (2004) (सह कलाकार प्रीति जिंटा)
  • डॉन (2006)
  • चक दे इंडिया (2007)
  • ओम शांति ओम (2007)
  • रब ने बना दी जोड़ी( 2008)
  • माय नेम इज खान (2010),
  • रा.वन(2011)
  • डॉन 2 (2011),
  • जब तक है जान (2012)
  • चेन्‍नई एक्‍सप्रेस (2013) (सह कलाकार दीपिका पादुकोण)
  • हैप्‍पी न्‍यू ईयर (2013)
  • दिलवाले (2015)
  • फैन (2016)
  • रईस (2017)
  • जब हैरी मेट सेजल (2017)
  • जीरो (2018)

जैसी सुपरहिट फिल्में देकर शाहरुख खान ने बॉलीवुड की दुनिया में अपनी एक्टिंग की प्रतिभा का लोहा मनवाया।

शाहरुख खान से जुड़े चर्चित विवाद – Shahrukh Khan Controversy

शाहरुख खान पर साल 2013 में अपने तीसरे बेटे अब्राम के जन्म के दौरान लिंग जांच परीक्षण करने का आरोप लगा था।

साल 2012 में IPL मैच के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश से रोक लगाने को लेकर शाहरूख खान और एक गार्ड के बीच बहस हो गई थी, जिसके बाद शाहरुख पर शराब के नशे में गार्ड के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगा था।

वहीं इसके बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने शाहरुख पर 5 साल का बैन भी लगा दिया था।

साल 2012 में शाहरुख खान, एक पार्टी में फराह खान के पति शिरीष कुंदर को थप्पड़ मारने की वजह से भी काफी विवादों में रहे थे।

साल 2008 में कैटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी में शाहरुख और सलमान खान आपस में लड़ गए थे।

शाहरुख खान को मिले सम्मान एवं पुरुस्कार – Shahrukh Khan Awards

शाहरुख खान को उनके अब तक के फिल्मी करियर में उनके शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है। यहां हम आपको उनको मिले कुछ प्रमुख पुरस्कार के बारे में बता रहे हैं जो कि इस प्रकार है-

  • शाहरुख खान को मिले फिल्मफेयर अवॉर्ड्स
  • फिल्म बाजीगर के लिए 1994 में बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • फिल्म अंजाम के लिए साल 1995 में सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के लिए साल 1996 में बेस्ट एक्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • फिल्म दिल तो पागल है के लिए उन्हें साल 1998 में बेस्ट एक्टर पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 2003 में फिल्म देवदास के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 2005 में फिल्म स्वदेश एवं साल 2008 में फिल्म चक दे इंडिया के लिए बेस्ट एक्टर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • फिल्म माय नेम इज खान के लिए साल 2011 में बेस्ट एक्टर पुरस्कार से नवाजा गया था।

राजकीय अवॉर्डस:

  • भारत सरकार द्धारा साल 2005 में शाहरुख खान को पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इसके अलावा शाहरुख खान को नौ स्टार स्क्रीन अवॉर्डस, चार आइफा अवॉर्डस, तीन बॉलीवुड मूवी अवॉर्डस, दो ग्लोबल इंडियन फिल्म अवॉर्ड, आठ जी सिने अवॉर्डस समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

शाहरुख खान से जुड़ी दिलचस्प एवं रोचक बातें – Facts About Shahrukh Khan

शाहरुख खान की गिनती एक प्रतिभावान और सर्वश्रेष्ठ छात्रों में होती थी, उन्हें अपने स्कूल सेंट कोलंबा से ”स्वॉर्ड ऑफ ऑनर” के खिताब से सम्मानित भी किया गया था।

शाहरुख खान पढ़ाई के अलावा खेल-कूद जैसी गतिविधियों में भी हिस्सा लेते रहते थे, वे अपने स्कूल में हॉकी और फुटबॉल टीम के कैप्टन थे।

शाहरुख खान ने दिल्ली में पंकज उधास के म्यूजिक कंसर्ट में काम किया था, जिसके बाद उन्हें अपनी पहली सैलरी 50 रुपए मिली थी। अपनी पहली कमाई से वे ट्रेन से आगरा ताजमहल देखने आए थे।

शाहरूख खान को 1988 में टीवी शो दिल दरिया में काम करने का ऑफर मिला था, लेकिन इस शो के टेलीकास्ट में देरी की वजह से बाद में उन्होंने फौजी टीवी शो से अपने टीवी अभिनय करियर की शुरुआत की थी।

शाहरुख खान ने टीवी शो उम्मीद, महान कर्ज, वाघले की दुनिया आदि में भी अपनी भूमिका निभाई है। इसके अलावा उन्होंने अंग्रेजी भाषा में बनी फिल्म “In Which Annie Gives It Those Ones” में भी काम किया है।

काजोल के साथ आयी दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, यह फिल्म शाहरुख खान के करियर की टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई थी।

किंग खान ने फ़िल्म जोश में ‘अपुन बोला…’ गाना भी गाया है।

शाहरुख ने सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला प्रसिद्ध कार्यक्रम ”कौन बनेगा करोड़पति” के सीजन 3 को भी होस्ट किया है।

शाहरुख खान ने साल 2018 में जीरो फिल्म में रोल निभाया है, यह उनकी श्री देवी के साथ आखिरी फिल्म थी।

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान रामलीला में भी काम कर चुके हैं। छाबरा रामलीला नई दिल्ली के साथ. वो वानर सेना में हुआ करते थे।

शाहरुख खान ने अपने इतने लंबे फिल्मी करियर में साल 2012 में पहली बार बड़े पर्दे पर फिल्म ”जब तक है जान” में किसिंग सीन किया था।

शाहरुख खान न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी उनकी पहचान है, उनका इंग्लैंड में लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में मोम का पुतला स्थापित है।

शाहरुख खान पहले ऐसे भारतीय अभिनेता हैं जिनकी आत्मकथा “King Khan: The Official Opus Of Shah Rukh Khan” को Kraken Opus द्वारा प्रकाशित किया गया।

फिल्मी दुनिया में अपना एक अलग नाम कमा चुके शाहरुख खान चैरिटी का भी काम करते हैं। वे कई धर्मार्थ संगठनों से जुड़े हुए हैं।

शाहरुख खान, अंकशास्त्र में भी भरोसा रखते हैं। वे अपना लकी नंबर 555 मानते हैं, उनकी सभी गाड़ियों में भी 555 नंबर है।

जिस तरह शाहरुख खान ने अपने जीवन में तमाम कठिनाइयों का सामना करने के बाद खुद को बॉलीवुड के सबसे काबिल और सफल अभिनेता के रुप में  स्थापित किया हो वो वाकई प्रशंसनीय है, हम सभी को किंग खान से प्रेरणा लेने की जरुरत है।

शाहरुख़ खान, जिसे आज भारत ही क्या पुरे विश्व में बच्चा-बच्चा जानता है। उनकी रोमांटिक फिल्मो को देखते हुए हाल ही उन्हें एक नया नाम “किंग ऑफ़ रोमांस” भी दिया गया।

शायद ही आज तक फिल्मो के मामले में शाह रुख खान के रिकॉर्ड को कोई तोड़ पाया होगा। उनकी हर फिल्म का दर्शक बेसब्री से इंतजार करते रहते है। वे बोवूद के बेताज बादशाह है।

लेकिन इस बात का शाहरुख़ खान ने कभी घमंड नही किया, वे सदैव गरीबो, पीडितो की मदत करने के लिए तैयार रहते है। और बच्चो को शिक्षा देने के लिए कई संस्थाए भी चला रहे है। एक कलाकार होने के बावजूद उनमे इतनी खूबिया है। निच्छित ही शाहरुख़ खान भारत का सदैव चमकते रहने वाला “कोहिनूर हीरा” है।

वहीं ज्ञानी पंडित की पूरी टीम की तरफ से शाहरुख खान को उनके सफल जीवन के लिए शुभकामनाएं।

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जीवन में सही मार्गदर्शन करने वाले ऑस्कर वाइल्ड के अनमोल विचार

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Oscar Wilde Quotes in Hindi

ऑस्कर वाइल्ड एक महान नाटककार, लेखक, विचारक और उपन्यास थे, जिन्होंने अपनी महान सोच और विचारों का प्रभाव पूरी दुनिया पर छोड़ा है।

उनके विचार जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले हैं, तो आइए जानते ऑस्कर वाइल्ड के महान विचारों के बारे में –

ऑस्कर वाइल्ड के 10+ महान विचार –  Quotes By Oscar Wilde in Hindi

Hatred is blind, as well as love.
Hatred is blind, as well as love.

“नफरत अंधी होती है, और प्यार भी।

किसी को वो जहा जाता है वहा ख़ुशी मिलती है, बल्कि कुछ लोग जहा जाते है वहा खुशियाँ ले जाते है।

I have the simplest tastes. I am always satisfied with the best.
I have the simplest tastes. I am always satisfied with the best.

“मेरी बहुत सीधी-सादी पसंद है। मैं हमेशा सबसे अच्छे से संतुष्ट हो जाता हूँ।

मेरी बहुत सीधी-सादी पसंद है। मैं हमेशा सबसे अच्छे से संतुष्ट हो जाता हूँ।

True friends stab you in the front.
True friends stab you in the front.

“सच्चे दोस्त सामने से छुरा भोंकते हैं।

एक आदमी किसी भी औरत के साथ खुश रह सकता है, जब तक कि वो उससे प्यार ना करे।

Oscar Wilde Thought in Hindi

ऑस्कर वाइल्ड विश्व के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में से एक हैं, जिनका जन्म 16 अक्टूबर, 1854 को आयरलैंड के डबलिन शहर में हुआ था।

वे उस दौर के सबसे मशहूर कवी और उपन्यसकारों में से एक थे, जिन्होंने अपने लेखन में जीवन की गहराई, रिश्तों के रहस्य, प्रेम एवं मनुष्य की स्वभाव को बेहद शानदार ढंग से दर्शाया है।

वे लंदन के सबसे विख्यात प्लेटराइट्स भी माने जाते थे। उनका मानना था कि एक सज्जन व्यक्ति वो होता है, जो अनजाने में भी कभी किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाता।

उनके कुछ ऐसे ही विचार जीवन में सही रास्ता दिखाने वाले और सीख देने वाले हैं। अर्थात हम सभी को ऑस्कर वाइल्ड के महान विचारों को गंभीरता से अनुसरण करना चाहिए।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में महान राइटर ऑस्कर वाइल्ड के कुछ महान विचारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया अकाउंटस फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर आदि पर अपने दोस्तों और मित्रों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।

There are many things that we would throw away if we were not afraid that others might pick them up
There are many things that we would throw away if we were not afraid that others might pick them up

“ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो हम फेंक देते यदि हमें इस बात का चिंता नहीं होती की कोई और उन्हें उठा लेगा।

हमेशा अपने दुश्मनों को माफ़ कर दीजिये – क्योकि कुछ भी उन्हें परेशान नही कर सकता।

A gentleman is one who never hurts anyone’s feelings unintentionally.
A gentleman is one who never hurts anyone’s feelings unintentionally.

“एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाए।

किसी को प्यार करना ही जिंदगीभर के रोमांच की शुरुवात है।

A man who does not think for himself does not think at all.
A man who does not think for himself does not think at all.

जो व्यक्ति अपने बारे में नही सोचता, वो सोचता ही नहीं है।

निंदक क्या है और कौन है? एक ऐसा इंसान जो हर चीज की कीमत जानता हो और किसी भी चीज के महत्त्व को नही जानता हो।

Oscar Wilde Quotes on Love

आसाधारण और अद्भुत प्रतिभा वाले ऑस्कर वाइल्ड ने अपने साहित्य में कहीं न कहीं पीड़ा, अपमान और दुख को भी व्यक्त किया है।

उनकी रचनाओं में सरलता और कोमलपन पाठकों को किताबों के अंत तक उनसे बांधे रखता हैं। ऑस्कर वाइल्ड की गणना सबसे महान लेखकों में होती थी। वे शेक्सपियर के बाद सबसे ज्यादा चर्चित और मशहूर लेखक थे।

उनका मानना था कि महत्वकांक्षा, असफलता का आखिरी सहारा है। ऑस्कर वाइल्ड के महान विचार प्रेरणा देने वाले हैं।

No man is rich enough to buy back his past.
No man is rich enough to buy back his past.

“कोई भी व्यक्ति इतना धनवान नहीं कि अपना भूत खरीद सके।

जीना ही दुनिया की सबसे दर्लभ चीज है। क्योकि बहुत से लोग सिर्फ वर्तमान में ही होते है।

Success is a science; if you have the conditions, you get the result.
Success is a science; if you have the conditions, you get the result.

“हर संत एक अतीत है और हर पापी का एक भविष्य है।

सत्य दुर्लभतः शुद्ध होता है और कभी भी सत्य आसान नही होता।

Oscar Wilde Quotes on Marriage

ऑस्कर वाइल्ड ने खुद को दुनिया के एक सफलतम और श्रेष्ठतम लेखकों में शुमार किया था,लेकिन उन्हें अपने जीवन में काफी निराशा और कष्टों को भी झेलना पड़ा था।

1895 में उन्हें तत्कालीन समाज के नैतिक नियमो्ं के उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया था। जिसके बाद वे अपने गिरती प्रतिष्ठा को देख इतना नर्वस हो गए किए खुद को ही देश निकाला दे दिया और पेरिस चले गए, जहां थोड़े दिनों बाद उनकी मौत हो गई।

उनका मानना था कि सफलता एक विज्ञान है, अगर परिस्थितियां हैं तो परिणाम मिलेगा। उनके विचार जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाले हैं।

Experience is simply the name we give our mistakes.
Experience is simply the name we give our mistakes.

“सफलता एक विज्ञान है; यदि परिस्थितयां हैं तो परिणाम मिलेगा।

अनुभव महज़ एक नाम है जो हम अपनी गलतियों को देते हैं।

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दुनिया को अपने अविष्कार से रोशन करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय

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Thomas Alva Edison in Hindi  

इलैक्ट्रिक बल्ब जैसी महान खोज करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन को कभी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से निकाल दिया गया था।

लेकिन उन्होंने अपनी कुशाग्रता और बुद्धिमत्ता के बल पर कई महान अविष्कार कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है।

थॉमस एल्वा एडिसन के महान जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं, थॉमस एल्वा एडिसन के जीवन के बारे में-

दुनिया को अपने अविष्कार से रोशन करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय – Thomas Alva Edison Biography in Hindi

Thomas Alva Edison

थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी एक नजर में – Thomas Alva Edison Information in Hindi

पूरा नाम (Name) थॉमस एल्वा एडिसन
जन्म (Birthday) 11 फ़रवरी, 1847, मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका
पिता (Father Name) सेमुएल ओगडेन एडिसन
माता (Mother Name) नैन्सी मैथ्यु इलियट
शादी (Wife Name)
  • मीना मिलर (1885-1931),
  • मैरी स्टिलवेल (1871-1884)
शिक्षा (Education) स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं की
मृत्यु (Death) 18 अक्टूबर, 1931

थॉमस एल्वा एडिसन जन्म, परिवार, प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा – Thomas Alva Edison Life History in Hindi

थॉमस एल्वा एडिसन 11 फरवरी, साल 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन शहर में जन्में थे। वे नैंसी मैथ्यु एवं सैमुएल ऑग्डेन एडिसन की सबसे छोटी संतान थे।

थॉमस एडिसन की शिक्षा – Thomas Edison Education

थॉमस एल्वा एडिसन बचपन से ही बेहद तेज बुद्धि के, कुशाग्र एवं बुद्धिमान छात्र थे। वे शुरु से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, जिन्हें शुरु से ही नवीन चीजों को जानने की उत्सुकता रहती थी।

हालांकि, शुरुआत में उनकी टीचर ने उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के 3 महीने बाद भी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से बाहर निकाल दिया थ।

इसके बाद एडिसन ने अपनी मां के मार्गदर्शन में घर पर रहकर ही पढ़ाई की।

एडिसन जब महज 10 साल के थे, तब उन्होंने गिबन, सीआर जैसे महान ग्रंथों के साथ डिक्शनरी ऑफ साइंस की पढ़ाई कर ली थी।

महान वैज्ञानकि थॉमस एल्वा एडिसन के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि स्काटलेट नामक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से शुरुआत से ही उनमें सुनने का सामर्थ्य कम था और आखिरी समय में वे अपनी सुनने की शक्ति खो बैठे थे।

हालांकि थॉमस एडिसन ने अपने सफलता के सामने कभी अपने बहरापन को आड़े नहीं आने दिया और अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ प्रयास करते रहे और उन्होंने अपनी जिंदगी महान उपलब्धियों को हासिल कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

थॉमस एल्वा एडिसन का वैवाहिक जीवन – Thomas Alva Edison Life Story And Marriage

थॉमस एल्वा एडिसन ने 24 साल की उम्र में 16 साल की मैरी स्टिलवेल नाम की महिला से विवाह कर लिया था। आपको बता दें कि में एडसिन ने मैरी से अपनी मुलाकात के महज 2 महीने के बाद ही उनसे शादी करने का फैसला ले लिया था और फिर 1871 में क्रिसमस के मौके पर वे दोनों एक-दूसरे से शादी के बंधन में बंध गए थे।

उन्हें अपनी इस शादी से तीन बच्चे (Thomas Edison Children) विलियम, थॉमस जूनियर और मैरियन भी पैदा हुए थे। शादी के करीब 13 साल बाद मैरी स्टिलवेल की बीमारी की वजह से मौत हो गई।

जिसके करीब 1 साल बाद साल 1885 में थॉमस एल्वा एडिसन ने मीना मिलर नाम की महिला के साथ विवाह कर लिया था। अपनी दूसरी शादी से भी एडिसन को मेडेलीन, थिओडोर और चार्ल्स नाम के तीन बच्चे हुए थे।

थॉमस एल्वा एडिसन का संघर्षमय जीवन – Thomas Alva Edison Story

इलैक्ट्रिक बल्ब जैसे महान अविष्कार से दुनिया को जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया था।

घर की मालीय हालत ठीक नहीं होने की वजह से घर खर्च में सहयोग करने के लिए उन्होंने घर-घर जाकर अखबार बांटने का काम भी किया।

यही नहीं अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने टेलीफोन ऑपरेटर के रुप में भी काम किया था।

थॉमस एल्वा एडिसन की जॉब:

थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 13-14 साल की छोटी सी उम्र में ही नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। दरअसल, संघर्ष के दिनों के दौरान वे ट्रेन के किनारे न्यूज पेपर और टॉफियां बेचते थे।

उसी दौरान उन्होंने एक स्पीड से आ रही मालगाड़ी से ट्रेन की पटरियों पर टहल रहे एक 3 साल के बच्चे जिम्मी मैकेंजी की जान बचाई थी।

वहीं यह बच्चा स्टेशन मास्टर जेयू मैकेंजी का था। वहीं यह देखकर स्टेशन मास्टर बेहद खुश हुए उन्हें टेलीग्राम के बारे में बताया और इसके साथ ही उन्होंने थॉमस एल्वा एडिसन को टेलीग्राफ मशीन ऑपरेट करना भी सिखाया था।

जिसके बाद थॉमस एडिसन ने ओन्टेरियो के स्ट्रेटफोर्ड स्टेशन पर टेलीग्राफी की पहली अपनी नौकरी की थी। बाद में उन्होंने टेलीग्राम उपकरणों में सुधार लाने के लिए भी कई प्रयोग किए थे।

प्रेस ब्यूरों में भी एडिसन ने किया काम:

साल 1866 में दुनिया को अपने अविष्कारों से जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन लुइसविले, केंटुकी चले गए थे। जहां पर उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस के ब्यूरो में भी काम किया।

एडिसन ने वहां पर रात में अपनी ड्यूटी करवा ली थी, जिससे कि उन्हें अपने प्रयोगों के लिए ज्यादा समय मिल सके। वहीं एक दिन ऑफिस में वे बैटरी पर कुछ तेजाब से प्रयोग कर रहे थे, तभी तेजाब नीचे फर्श पर फैल गया।

जिसके बाद थॉमस एल्वा एडिसन को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया था।

थॉमस एल्वा एडिसन और उनके अविष्कार – Thomas Alva Edison Inventions

थॉमस एल्वा एडिसन को बचपन से ही नए-नए अविष्कार करने में रुचि थी। वे अखबार और सब्जी आदि बेचकर जो भी पैसे बचाते थे, अपने प्रयोगों में खर्च कर देते हैं।

एडिसन ने अविष्कारक के रुप में अपना पहला अविष्कार इलैक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर का किया था जिसका पेटेंट उन्होंने 1668 में किया था।

हालांकि, उनके इस अविष्कार को किसी ने नहीं खरीदा था। बहरहाल, अपने इस प्रयोग के बाद एडिसन ने आगे प्रयोग जारी रखे।

इसके बाद उन्होंने हारमोनिक टेलीग्राफ का अविष्कार किया था। फिर इसके बाद माइक्रोफोन और फैक्स मशीन का अविष्कार किया।

साल 1877 में बनाए गए फोनोग्राफ में उन्हें पहचान मिली। इसके बाद साल 1878 से थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार इलैक्ट्रिक बल्ब पर काम करना शुरु कर दिया था।

इस अविष्कार में उन्हें हजारों बार असफलता मिली, लेकिन वे अपने हर असफल प्रयास से सीख लेकर अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे।

इसके बाद साल 1879 में कार्बन थ्रेड फिलामेंट विकसित करने में उन्हें सफलता मिली, इस अविष्कार के लिए उन्हें करीब 40 हजार डॉलर खर्च करने पड़े थे।

आपको बता दें कि महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने पहली बार 22 अक्टूबर 1879 को इस बल्ब को सफलतापूर्वक जलाने में सफलता हासिल की और अपने इस अविष्कार से पूरी दुनिया को जगमग किया।

इसके लिए उन्होंने 27 जनवरी 1880 पेटेंट प्राप्त हुआ। इस अविष्कार के बाद थॉमस एल्वा एडिसन पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गए और सबसे महान अविष्कारक के रुप में पहचाने जाने लगे।

थॉमस एडिसन के महान अविष्कारों की सूची – Thomas Alva Edison Inventions List in Hindi

  • इलैक्ट्रिक बल्ब
  • ग्रामोफोन
  • इलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्डर
  • फोनोग्राम
  • बैट्रीज़
  • कीनेटोस्कोप
  • इलेक्ट्रिक ट्रेन

महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन की मृत्यु – Thomas Edison Death

इलैक्ट्रिक बल्ब का अविष्कार करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में भी अविष्कार कर रहे थे।

वे एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक जाने-माने व्यापारी भी थे। थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 1093 अविष्कारों के पेटेंट अपने नाम किए थे।

18 अक्टूबर, 1931 में महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने अपनी अंतिम सांस ली और इस दुनिया से वे हमेशा के लिए चले गए।

थॉमस एल्वा एडिसन को लोग आज भी उनके महान अविष्कारों के लिए याद करते हैं।

थॉमस एल्वा एडिसन के बारे में दिलचस्प एवं रोचक बातें – Facts About Thomas Edison

महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने महज 10 साल की उम्र में ही अपनी पहली लैबोरेटरी बना ली थी।

थॉमस एल्वा एडिसन को अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार बल्ब के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी। इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए उन्हें 10 हजार से भी ज्यादा बार असफलता का सामना करना पड़ा था। वहीं इस पर एडिसन ने कहा था कि ”मै कभी नाकाम नहीं हुआ, बल्कि मैने हजारों ऐसे रास्ते निकाले, जो मेरे काम नहीं आ सके”।

थॉमस एल्वा एडिसन बेहद परिश्रमी थे। कई बार वे बिना सोए लगातार 4-4 दिन तक प्रयोग करते रहते थे। तो कई बार तो प्रयोग करते समय वे खाना खाना ही भूल जाते थे।

दुनिया को अपने अविष्कारों से रोशन करने वाले एडिसन एक अच्छे वैज्ञानिक होने के साथ-साथ सफल व्यापारी भी थे। 1879 से 1900 तक वे अपनी लगभग सभी खोजें पूरी कर चुके थे।

एडिसन ने अलेक्जेंडर की खोज टेलीफोन में कई सुधार भी किए थे। इसके साथ ही साल 1890 में उन्होंने  पहला फिल्मी कैमरा भी बनाया, जो कि उस समय 1 सेकेंड में करीब 25 पिक्चर क्लिक कर सकता था।

थॉमस एल्वा एडिसन को उनकी महान खोजों के लिए दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा। उनके जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरुरत है। उनका कहना था कि- (Thomas Edison Quotes)

”जीनियस व्यक्ति एक फीसदी प्रेरणा और 99 फीसदी मेहनत से बनता है”

और लेख :

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”सदी के मुक्केबाज”मुहम्मद अली के जीवन बदल देने वाले 21+सर्वश्रेष्ठ सुविचार

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Muhammad Ali Quotes

पूर्व अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज मुहम्मद अली, जिन्हें खेल के इतिहास में पुरे विश्व का सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज कहा जाता है। उन्होनों अपने जीवन में कई प्रेरणादायक कथनों से सभी को प्रेरित किया हैं। आज हम यहाँ उन्हीं के कहे कुछ अनमोल विचार प्रस्तुत कर रहे हैं आशा हैं आपको इनसे जरुर प्रेरणा मिलेंगी।

”सदी के मुक्केबाज” मुहम्मद अली के जीवन बदल देने वाले 21+सर्वश्रेष्ठ सुविचार – Muhammad Ali Quotes in Hindi

Muhammad Ali Quotes In Hindi

“वह जो जोखिम उठाने का साहस नही रखता वह अपने जीवन में कुछ हासिल नही कर सकता

Muhammad Ali Quotes

“मुझे अपनी ट्रेनिंग के हर एक मिनट से नफरत थी, लेकिन मै कहता था- “भागो मत, अभी तो भुगत लो और फिर पूरी जिंदगी चैंपियन की तरह रहो

Muhammad Ali Inspirational Quotes

“मेरे लिए फाइट का जीतना या हारना मेरी महानता का सबूत नही है – बल्कि इस लाइन के पीछे जिम में और रास्ते पर जब लोग जो मेरे पीछे बोलते है वही मेरी सफलता है

Muhammad Ali Thought in Hindi

सदी के खिलाड़ी एवं महान मुक्केबाज मुहम्मद अली ने बॉक्सिंग की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे एक ऐसे मुक्केबाज थे, जिनके रिंग में उतरने से पहले ही उनका जीतना तय माना जाता था।

अमेरिका में जन्में मोहम्मद अली का जीवन आज के खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं। मोहम्मद अली ने करीब 2 दशकों तक मुक्केबाजी में अपनी बादशाहत बरकरार रखी।

उन्होंने कई हेवीवेट चैंपयिनशिप में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वे तीन बार लेनियल चैम्पियनशिप का खिताब भी  अपने नाम करने वाले इकलौते वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन है।

उन्हें मुक्केबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पर्सनैलिटी ऑफ द सेंचुरी व स्पोर्ट्समैन ऑफ दे सेंचुरी सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

उन्हें विश्व का सबसे बड़ा हेवीवेट मुक्केबाज भी कहा जाता है। हालांकि उन्हो्ंने अपने जीवन में कई संघर्षों और कष्टों को झेलना पड़ा था। रं

गभेद की वजह से भी उन्हें कई अपमानजनक घटनाओं का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि उन्होंने कई आलोचनाओं और संघर्षों को झेलते हुए पूरा ध्यान अपनी मुक्केबाजी पर केन्द्रित किया और खुद को एक विश्व विजेता के रुप में स्थापित किया।

वहीं मोहम्मद अली जी के महान विचारों से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।

आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको मोहम्मद अली जी के प्रेरणात्मक और महान विचारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं।

Muhammad Ali Vichar

“खुद पर भरोसा न होना ही लोगो को चुनौतियों से दूर रखता है और मै खुद पर भरोसा करता हु

Muhammad Ali Motivational Quotes

“दोस्ती वह नही है जो आप स्कूल में सीखते है लेकिन यदि आपने दोस्ती का मतलब नही सिखा तो दरअसल आपने कुछ नही सिखा

Muhammad Ali Quotes Images

“मुझे पता है की मै कहा जा रहा हु और मुझे सच पता है, और मुझे वो नही होना है जो तुम चाहते हो, मै वो होने के लिये स्वतंत्र हु जो मै चाहता हु

Muhammad Ali Quotes About Success

17 जनवरी, 1942 को अमेरिका में जन्में दुनिया के सबसे बड़े हेवीवेट मुक्केबाज मोहम्मद अली ने खेल की दुनिया में अश्वतों के लिए दरवाजे खोले और कार्ल लुइस, टाइगर वुड्स, मैजिक जॉनसन जैसे मुक्केबाजों के लिए वे मसीहा साबित हुए।

अली ने साल 1964 में इस्लाम धर्म अपना लिया था और अपना नाम मुहम्मद अली रख लिया था। वहीं अली को वियतताम युद्ध में खुद को मौलवी बताते हुए इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था, जिसके लिए उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था और उन्हें इसके लिए काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था।

हालांकि अली ने अपने करियर में कई उतारचढ़ाव के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और हमेशा दृढ़ता और मजबूती के साथ आगे बढ़ते रहे,उनका मानना था कि एक महान चैंपियन बनने के लिए आपको इस बात पर यकीन करना होगा कि आप सर्वश्रेष्ठ हैं, अगर नहीं हैं तो फिर होने का दिखावा करना चाहिए।

वहीं उनके इस तरह के विचार ही जिंदगी में सफल बनने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

Muhammad Ali Pictures with Quotes

“वो सामने खड़े पहाड़ नही है जो आपको थका देते है बल्कि वो आपके जूतों में पड़े कंकड़ है जो आपको थका देते है

I am the greatest, I said that even before I knew I was.
I am the greatest, I said that even before I knew I was.

“मै सबसे महान हु ये मैंने तभी कहा था जब मैंने अपनेआप को जाना था जब मैंने जाना की गर में ये कहता की मै पर्याप्त हु तो ये दुनिया निश्चित की मुझे महान बनाती

Muhammad Ali Pictures

“विजेता जीम में नही बनते, विजेता उनके अंदर की इच्छाशक्ति, उनके सपने और दृष्टिकोण से बनते हैउनके पास कौशल व इच्छा शक्ति होनी चाहिये और उनकी इच्छाशक्ति उनके कौशल से ज्यादा मजबूत होनी चाहिये

Muhammad Ali Quotes About Life

महान मुक्केबाज मुह्म्मद अली ने मुक्केबाजी से संयास लेने के बाद खुद को सामाजिक कार्यों और लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया।

इसके बाद उन्होंने एरिजोना के फोनिक्स में पार्किसन सेंटर बनाने के लिए न सिर्फ राशि जुटाई बल्कि विकलांगों के लिए आयोजित होने वाले ओलंपिक के लिए वित्तीय सहायता भी की।

उनका मानना था कि जिस व्यक्ति के पास कल्पना शक्ति नहीं है, उनके पास उड़ान के लिए पंख नहीं होते। उनके ऐसे विचार जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

Muhammad Ali Vichar in Hindi

“फाइट में कोई आनंद नही होता लेकिन कभी-कभी मेरी कुछ फाइट में जीत का आनंद जरुर आता है

Muhammad Ali Quotes Training

“असंभव केवल एक शब्द है जो छोटे लोग इस्तमाल करते है ताकि वे जिंदगी जीने का आसान तरीका ढूंड सके, असंभव कोई सच्चाई नही बल्कि छोटे लोगो की राय है

Muhammad Ali Quotes Gif

“दिन मत गिनो बल्कि उसे अर्थपूर्ण (याद करने लायक) बनाओ

Rivers, ponds, lakes and streams – they all have different names, but they all contain water. Just as religions do – they all contain truths.

“नदियाँ, तालाब, झीलें और धाराएं – इनके अलग अलग नाम हैं, लेकिन in सबमें पानी होता हैं, ठीक वैसे ही जैसे धर्म होते हैं – उन सभी में सत्य होता हैं

Note: अगर आपके पास अच्छे नए विचार हैं तो जरुर कमेन्ट के मध्यम से भजे अच्छे लगने पर हम उस Muhammad Ali Quotes in Hindi इस लेख में शामिल करेगे
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जैन धर्म के 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी जी की महान जीवन गाथा

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Mahavir Swami

जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी ने जीवन भर लोगों को सत्य, और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी एवं आपस में प्रेम भाव से मिलजुल कर रहने की सलाह दी साथ ही पशुबलि, जातिगत भेदभाव आदि की कड़ी निंदा की।

महावीर स्वामी विश्व के उन महात्माओं में से एक थे जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिये राजपाट को छोड़कर तप और त्याग का मार्ग अपनाया था।

महावीर स्वामी का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। जिस तरह राजमहल में रहने वाले महावीर स्वामी ने अपने राजसुखों का त्याग कर सत्य की खोज की और परम ज्ञान की प्राप्ति की। वो काफी प्रशंसनीय है। तो आइए जानते हैं महावीर स्वामी जी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण एवं अहम बातों के बारे में-

जैन धर्म के 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी जी की महान जीवन गाथा – Mahavir Swami in HindiMahavir Swami

महावीर स्वामी जन्म और प्रारंभिक जीवन – Mahavir Swami Biography in Hindi

जैन धर्म के महान तीर्थकर महावीर स्वामी 599 ईसा पूर्व में वैशाली गणतंत्र के क्षत्रियकुंड नगर में इक्ष्वाकु वंश के राजा  सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहां चैत्र महीने की त्रयोदशी के दिन एक साधारण बालक के रुप में जन्में थे।

महावीर स्वामी बचपन से ही काफी कुशाग्र बुद्धि के एवं तेज बालक थे। उन्होंने कठिन तप के बल पर अपने जीवन को महान बनाया।

भगवान महावीर को सन्मति, महावीर श्रमण, वर्धमान आदि नाम से भी जाना जाता है।

उनके अलग-अलग नामों के साथ कोई न कोई कथा जुड़ी हुई है।

ऐसा कहा जाता है कि, महावीर स्वामी के जन्म के बाद उनके राज्य में खूब उन्नति और वृद्धि हुई थी, इसलिए उनका नाम वर्धमान रखा गया था।

वहीं बचपन से उनके तेज साहसी और बलशाली होने की वजह से वे महावीर कहलाए।

महावीर स्वामी ने अपनी सभी इच्छाओं और इन्द्रियों पर काबू कर लिया था इसलिए उन्हें ”जीतेन्द्र” कहा गया।

महावीर स्वामी की शादी – Lord Mahavira Life History in Hindi

एक राजा के पुत्र के रुप में जन्म लेने के बाबजूद भी महावीर स्वामी को संसारिक सुखों से कोई खास लगाव नहीं था, लेकिन अपने माता-पिता की इच्छानुसार उन्होंने वसंतपुर के महासामंत समरवीर की बेटी यशोदा के साथ शादी की थी। शादी के बाद उन्हें प्रियदर्शनी नाम की एक बेटी भी हुई थी।

महावीर स्वामी जी का संयासी जीवन – Bhagwan Mahavir Story in Hindi

महावीर स्वामी जी को शुरु से ही संसारिक सुखों से कोई लगाव नहीं था। अपने माता-पिता की मौत के बाद उनके मन में संयासी जीवन अपनाने की इच्छा जागृत हुई थी, लेकिन वे अपने भाई के कहने पर थोड़े दिनों के लिए रुक गए थे।

फिर 30 साल की उम्र में महावीर स्वामी जी ने संसारिक मोह-माया को त्यागकर घर छोड़ने का फैसला लिया और वैरागी जीवन अपना लिया।

इसके बाद उन्होंने लगातार 12 साल तक घनघोर जंगल में कठोर तप किया और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति की। इसके बाद उनकी ख्याति केवलिन नाम से चारों तरफ फैल गई।

इसके बाद उनके महान उपदेश और उनकी शिक्षाओं के चलते बड़े-बड़े राजा-महाराजा उनके अनुयायी बन गए।

उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को जीवों पर दया करने, आपस में मिलजुल कर प्रेम भाव से रहने, सत्य, अहिंसा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया।

महावीर स्वामी की प्रसिद्ध एवं प्रेरक कथाएं – Mahavir Swami Story in Hindi

महावीर स्वामी के जीवन से जुड़ी कई प्रसिद्ध एवं प्रेरक कथाएं हैं, लेकिन यहां हम आपको उनकी प्रसिद्ध कथाओं के बारे में बता रहे हैं-

महावीर स्वामी और ग्वाले की कहानी:

एक बार महावीर स्वामी जब एक पेड़ के नीचे कठोर तप कर रहे थे, तभी वहां एक ग्वाला अपनी गायों को लेकर आया और महावीर स्वामी से यह बोलकर दूध बेचने चला गया कि  जब तक वह वापस नहीं आ जाता, वो उनकी गायों का ध्यान रखे।

वहीं जब वह वापस आया, तो उसे अपनी गायें नहीं मिली, तब उसने स्वामी जी से अपनी गायों के बारे में पूछा, जिसके बाद महावीर स्वामी जी ने ग्वाला के प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया और वे अपने ध्यान करने में मग्न रहे।

जिसके बाद ग्वाला पूरी रात जंगलों में अपनी गायों को खोजता रहा फिर थक कर उसने जब वह वापस आया तब उसने अपनी गायों को महावीर स्वामी जी के पास देखा जिसे देख वो क्रोधित हो उठा और महावीर स्वामी जी पर वार करने की तैयारी कर ली।

उसी दौरान दिव्य् शक्ति प्रकट हुई और उसने अपराध करने जा रहे ग्वाला को रोकते हुए कहा कि तुम बिना उत्तर सुने ही अपनी गायों को महावीर जी की रखवाली में छोड़कर चले गए और अब पूरी गायें पाकर भी इन्हें दोषी ठहरा रहे हो।

इसके साथ ही उस दिव्य पुरुष ने महावीर स्वामी जी के बारे में उस ग्वाला को बताया। जिसके बाद ग्वाला महावीर स्वामी जी के चरणों में गिर पड़ा और माफी मांगकर अपनी गलती का पछाताव करने लगा।

महावीर स्वामी एवं चंडकौशिक सर्प से जुड़ी अन्य प्रसिद्ध कथा:

सत्य और परम ज्ञान की प्राप्ति के लिए जब महावीर स्वामी श्वेताम्बरी नगरी के घनघोर जंगल में कठोर तप करने के लिए जा रहे थे, तभी वहां के कुछ गांव वालों ने उन्हें हमेशा क्रोध में रहने वाले एक चंदकौशिक सर्प के बारे में बताया और उन्हें उस जंगल में आगे जाने के लिए रोकने का प्रयास किया, लेकिन निडर महावीर स्वामी जंगल में चले गए।

वहीं कुछ देर चलने के बाद क्षीण और बंजर जंगल में महावीर अपने ध्यान करने के लिए बैठ गए, तभी क्रोधित चंदकौशिक सर्प वहां आया और अपने फैन फैलाकर महावीर की तरफ आगे बढ़ने लगा।

लेकिन इसके बाबजूद भी महावीर अपने ध्यान से विचलित नहीं हुए, जिसे देख चंडकौशिक जहरीले सर्प ने महावीर के अंगूठे में डस लिया।

वहीं इसके बाबजूद भी महावीर ध्यानमग्न रहे और उनका सर्प के जहर का कोई असर नहीं पड़ा।

वहीं इसके कुछ समय बाद महावीर स्वामी अपनी मधुर वाणी और स्नेह से सर्प से बोले कि सोचो तुम क्या कर रहे हो।

वहीं इसके बाद चंडकौशिक को अपने पिछले जन्म याद आने लगे और उसे अपनी गलती का पछाताव हुए एवं इससे उसका ह्रदय परिवर्तन हो गया एवं वो प्रेम एवं अहिंसा का पुजारी बन गया और उसकी भावनाओं पर नियंत्रण एवं आत्म संयम की वजह से उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध की खास बातें – Mahavira And Buddha

महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध दोनों ही सुख-समृद्ध एवं राजपरिवार में जन्में थे और दोनों के पास सभी तरह के ऐश और आराम होते हुए भी दोनों ने कभी भोग-विलास की इच्छा नहीं की बल्कि सत्य की खोज में अपने राजमहल का त्याग कर दिया और घनघोर जंगल में दोनों ही ने कठोर तप किया साथ ही लोगों को समान उपदेश दिए।

इसके अलावा महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध में एक अन्य यह भी समानता रही कि दोनों की विचारधारा अंहिसा पर आधारित थी।

महावीर स्वामी का दर्शन स्यादवाद,अनेकांतवाद, त्रिरत्न, पंच महाव्रत में सिमटा हुआ है, तो बौद्ध दर्शन के मुख्य तत्व आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, बुद्ध कथाएं, अनात्मवाद, आव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन और निर्वाण है।

इस तरह बौद्ध और जैन दोनों ही धर्मों में यह समानता है कि दोनों ही धर्म सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय, सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, ब्रह्राचर्य, अहिंसा, सम्यक चरित्र, अनिश्वरवाद, तप और ध्यान आदि विद्यमान है। अर्थात दोनों ही धर्म लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।

इस तरह गौतम बुद्ध एवं महावीर स्वामी दोनों के ही जिंदगी में साल वृक्ष, तप, अहिंसा, क्षत्रिय एवं बिहार की समानता रही है। एवं दोनों की ही कर्मभूमि बिहार ही रही है।

महावीर स्वामी जी की शिक्षाएं –  Teachings Of Mahavira

जैन धर्म के 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने अपनी शिक्षाओं और उपदेशों के माध्यम से न सिर्फ लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई, बल्कि सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने की भी शिक्षा दी है।

महावीर स्वामी द्धारा दी गई शिक्षाएं हीं जैन धर्म के मुख्य पंचशील सिद्धांत बने। इन सिद्धांतों में सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय, अहिंसा और ब्रह्रमचर्य शामिल है।

पशुबलि एवं हिन्दू समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था का विरोध करने वाले महावीर स्वामी जी के इन सिद्धान्तों और शिक्षाओं को अपनाकर कोई भी मनुष्य एक सच्चा जैन अनुयायी बन सकता है।

महावीर स्वामी जी द्वारा बताए गए पंचशील सिद्धान्त इस प्रकार हैं – Mahavir Swami Panchshil Siddhant

  • पहला सिद्धांत- सत्य:

जैन धर्म के प्रमुख तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने अपने पंचशील सिद्धांतों में सबसे पहले ‘सत्य’ को महत्व दिया है। उन्होंने सत्य को दुनिया में सबसे अधिक शक्तिशाली और महान बताया है। उन्होंने लोगों को हमेशा सच्चाई का अनुसरण करने और सच का साथ देने के लिए प्रेरित किया है।

  • द्धितीय सिद्धांत- अहिंसा:

जियो और जीने दो के सिद्धान्त पर जोर देने वाले महान तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म बताया है और लोगों को अहिंसा का पालन करने और आपस में मिलजुल कर प्रेम से रहने की शिक्षा दी है।

  • तृतीय सिद्धांत- अस्तेय:

लोगों को दया-करुणा एवं मानवता का पाठ पढ़ाने वाले महान जैन तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने लोगों को अस्तेय की भी शिक्षा दी है, जिसका मतलब है, चोरी न करना। अर्थात लोगों को खुद की वस्तुओं में खुश एवं संतुष्ट रहने की सलाह दी है।

  • चतुर्थ सिद्धांत-ब्रह्मचर्य:

महावीर जी द्धारा दिए गए प्रमुख सिद्धांतों में ब्रहाचर्य भी प्रमुख है, जिसका पालन एक सच्चा एवं दृढ़निश्चयी अनुयायी ही कर सकता है। ब्रह्राचर्य का पालन जो भी मनुष्य करता है, वह जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है।

  • पंचम सिद्धांत-अपरिग्रह:

महावीर स्वामी के द्धारा दिए गए पंचशील सिद्धांतों में अपरिग्रह भी मुख्य है, जिसका मतलब है कि किसी भी अतिरिक्त वस्तु का संचय न करना।

महावीर जी का यह सिद्धान्त लोगों को यह बोध करवाता है कि संसारिक मोह-माया ही मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण है।

महावीर जयंती – Mahavir Jayanti

जैन धर्म के प्रमुख तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती हिन्दू धर्म के कैलेंडर के मुताबिक चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदसी को मनाई जाती है।

दरअसल, महावीर स्वामी जी का जन्म 599 ईसा पूर्व में चैत्र मास की 13वें दिन ही बिहार के वैशली में कुण्डलपुर गांव में हुआ था।

इसलिए उनके जन्मदिन को जैन धर्म के लोगों द्धारा महावीर जयंती एवं जैन महापर्व के रुप में मनाया जाता है। महावीर जयंती अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक मार्च माह के आखिरी एवं अप्रैल माह की शुरुआत में पड़ती है।

महावीर जयंती पर जैन मंदिरों को बेहद आर्कषक तरीकों से सजाया जाता है, इसके साथ ही इस दौरान जैन समुदाय के लोगों द्धारा भव्य शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं।

महावीर जयंती पर जैन धर्म के अनुयायी महावीर स्वामी द्धारा दी गई शिक्षाओं को अमल करने का प्रण लेते हैं एवं उनके द्धारा कहे गए उपदेशों और वचनों को याद करते हैं।

महावीर जयंती पर भारत सरकार की तरफ से अधिकारिक छुट्टी भी घोषित की गई है। इस दौरान देश के सभी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, कोर्ट, बैंक समेत सरकारी संस्थान बंद रहते हैं।

महावीर स्वामी के मुख्य कार्य – Mahavir Sami Main Work

अहिंसा पर सर्वोच्च अधिकार इस नाते महावीर का सभी आदर करते है। सभी परिस्थितियों में उन्होंने अहिंसा का ही समर्थन किया और उनकी इसी शिक्षा का महात्मा गांधी और रविंद्रनाथ टागोर जैसे महान व्यक्तियों पर भी काफ़ी प्रभाव रहा है।

जिस समय में महावीर रहते थे वो एक अशांत काल था। उस समय ब्राह्मणों का वर्चस्व था। वे स्वयं को अन्य जातियों की तुलना में सर्वश्रेष्ट समझते थे। ब्राह्मणों के संस्कार और प्रथावो का क्षत्रिय भी विरोध करते थे। जैसे की जानवरों को मारकर उनका बलिदान(यज्ञ) देना। महावीर एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अहिंसा का समर्थन किया और निष्पाप प्राणियों की हत्या का विरोध किया।

उन्होंने संपूर्ण भारतभर प्रवास किया और अपने दर्शन की सिख दी जो आठ विश्वास के तत्वों पर, तीन अध्यात्मिक तत्त्वों पर और पाच नैतिक तत्त्वों पर आधारित थी। “अहिंसा” यानि हिंसा ना करना, “सत्य” यानि सच बोलना, “अस्तेय” यानि चोरी ना करना, “ब्रह्मचर्य” यानि शुद्ध आचरण और “अपरिग्रह “ यानि संपत्ति जमा ना करना।

महावीर जी का निर्वाण प्राप्त करना – Mahavir Nirvan

लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का उपदेश देने वाले महान जैन तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने 527 ईसा पूर्व में हिन्दी कैलेंडर की कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन बिहार के पावापुरी में अपने नश्वर शरीर त्याग दिया था और वे निर्वाण को प्राप्त हुए थे।

इस स्थल को जैन धर्म के प्रमुख एवं पवित्र स्थल के रुप में पूजा जाता है। इसके साथ ही उनके निर्वाण दिवस पर लोग दीप जलाते हैं।

भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण प्राप्त करने के करीब 200 सालों बाद जैन धर्म दिगम्बर और श्वेताम्बर, दो अलग-अलग संप्रदायों में बंट गया था।

आपको बता दें कि दिगंबर संप्रदाय के जैन संत अपने वस्त्रों का त्याग कर देते हैं , जबकि श्वेतांबर संप्रदाय के संत सफेद वस्त्र धारण करते हैं।

महावीर स्वामी जी के अनमोल कथन – Mahavir Quotes

महावीर स्वामी जी ने अपने शिक्षाओं और उपदेशों के माध्यम से लोगों को अपने जीवन में सफलता हासिल करने का मंत्र बताया है। महावीर स्वामी जी के कुछ प्रेरणादायक एवं अनमोल कथन इस प्रकार है-

  • मनुष्य को ”जिओ और जीने दो के संदेश” पर कायम रहना चाहिए, किसी को भी दुख नहीं पहुंचाना चाहिए, सभी का जीवन उनके लिए अनमोल होता है। – महावीर स्वामी
  • “खुद पर जीत हासिल करना लाखों शत्रुओं पर जीत हासिल करने से बेहतर है।“- महावीर स्वामी
  • “सभी के प्रति दया रखो, नफरत एवं घृणा करने से सर्वनाश होता है।“- भगवान महावीर स्वामी
  • “आत्मा अजर-अमर है जो कि अकेली ही आती है एवं अकेले ही जाती है उसका न कोई साथ देता है और न ही कोई दोस्त बनता है।“
  • “क्रोध हमेशा ही अधिक क्रोध को जन्म देता है, जबकि क्षमा एवं प्रेम हमेशा अधिक क्षमा और प्रेम को जन्म देते हैं।“

महावीर स्वामी जी के और अधिक अनमोल वचनों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – Mahavir Swami Quotes

महावीर स्वामी जी के स्तवन (जैन स्तवन भजन) – Mahavir Swami Stavan

श्री शुभविजय सुगुरु नमी, नमी पद्धावती माय,

भव सत्तावीश वर्णवुं, सुणतां समकित थाय,

समकित पामे जीवने, भव गणिती अे गणाय

जो वली संसारे भमे, तो पण मुगते जाय,

वीर जिनेश्वर साहिबो भमियो काल अनंत.

पण समकित पाम्या पछी, अंते थया अरिहंत …।।

स्तवन 2 – Mahavir Stavan

नयर माहणकुंडमां वसे रे, महाऋद्धि, ऋषभत्त नाम,

देवानंद द्धिज श्राविका रे, पेट लीधो प्रभु विसराम रे,पेट लीधो प्रभु विसराम…

बयासी दिवसने अंतरे रे, सुर हरिणमेषी आय,

सिद्धारथ राजा घरे रे, त्रिशला कुखे छटकाय रे….

नव मासांतरे जनमीया रे, देव देवीये ओच्छव कीध,

परणी यशोदा जोबने रे, नामे महावीर प्रसिद्ध रे…

जैन धर्म के प्रमुख पर्व – Jain Festival

  • महावीर जयंती – Mahavir Jayanti
  • पर्युषन पर्व प्रारंभ दिवस – Paryushan
  • वर्षीतय प्रारंभ दिवस –
  • अक्षय तृतीया – Akshaya Tritiya
  • भगवान पार्श्वनाथ जन्मदिवस – Bhagawan Parshwanath Jayanti
  • संवत्सरी महापर्व – Samvatsari Mahaparva

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श्रमिक दिवस पर कुछ कोट्स | Quotes on Labour Day

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Quotes on Labour Day in Hindi

1 May को मजदूरों के सम्मान में हर साल “मजदूर दिवस” मनाया जाता है जिसे श्रमिक दिवस (Labour Day), और किसी जगह पर मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मजदूरों के सम्मान में राष्ट्रिय छुट्टी होती है। आज हम उन्हीं मजदूरो के सन्मान में श्रमिक दिवस पर यहाँ कुछ कोट्स पढेंगे।

Quotes on Labour Day

श्रमिक दिवस पर कुछ कोट्स – Quotes on Labour Day in Hindi

“मजदूर अपने मेहनत के बल पर मिट्टी से भी सोना उगा लेते है।”

“हर कोई अपने काम का मजदूर है बस पेहराव बदल जाता है लेकिन काम सभी को करने पड़ते है।”

“भगवान् ने हमे काम करने के लिए भेजा है और जीवन तब तक खत्म नही होंगा जबतक हमे भगवान् काम देना बंद नही करते।”

“अगर दिन अच्छा बनाना है तो इससे सबसे अच्छा तरीका काम करने की उत्पादकता को बढ़ाना और मेहनत करने का आनंद लेना है।”

“अगर आप अपनी पूरी जिन्दगी में सुखी और खुश रहना चाहते हैं तो कार्य करते रहें।”

“एक गरीब व्यक्ति का हथियार उसका काम ही होता है जिसके दम पर वह जिन्दगी जीता है।”

Labour Day Quotes in Hindi

1 मई को हर साल मजदूरों के सम्मान में अंतराष्टरीय मजदूर दिवस मनाया जाता है।

मजदरों से मतलब सिर्फ गरीब या फिर मकान का निर्माण करने वाले मजदूरों से नहीं होता बल्कि जो कोई भी इंसान किसी संस्था के लिए काम करता है, और बदले में पैसा लेता है, वो मजदूर कहलाता है अर्थात शारीरिक एवं मानसिक रुप से मेहनत करने वाला हर व्यक्ति मजदूर कहलाता है।

मजदूर हमारे समाज की मजबूत इकाई है, जो हमेशा समाज की मजबूती के लिए काम करता है।

वहीं मजदूर दिवस पर मजदूरों को उनकी महत्वता बताई जाती है उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है।

इसके साथ ही मजदूर एसोसिएशन को प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जाता है। अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर भारत समेत करीब 90 देशों में नेशनल हॉलिडे भी घोषित किया गया है।

वहीं मजदूर दिवस परआज आपको हम अपने इस आर्टिकल कुछ कोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप अपनी सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर कर सकते हैं।

“अगर आप मेहनत करना जानते है तो उस के बल पर पाने की इच्छा भी रख सकते है।”

“हमारा काम ही हमारी पूजा है!!”

“कोई भी देश तभी विकसित बनता है जब उस देश में कार्य करने वाले लोग मेहनती होते है।”

“जो सच्चे मन से मेहनत करता हैं और जिसका किया हुआ कर्म दूसरों को सुख पहुंचाता हैं, वही ईश्वर का सबसे प्रिय भक्त हैं।”

“कठिन परिश्रम का कोई भी विकल्प नही होता है।”

“जिन लोगो को अपने परिश्रम पर विश्वास होता है वे लोग कभी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते है।”

“काम न करने से इंसान अपने अमूल्य जीवन को अर्थ हीन बना देता हैं।”

“श्रम करने वाले तन और मन दोनों से अमीर होते हैं।”

Mazdoor Diwas Quotes in Hindi

1 मई को मनाए जाना वाला लेबर डे/श्रमिक दिवस मजदूरों को समर्पित दिन है। इस दिन मजदूरों की उपलब्धियों और देश के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है।

मजदूर दिवस के दिन मजदूरों के हक को लेकर कई जगह पर रैली और जुलूस आदि भी निकाले जाते हैं।

आपको बता दें कि भारत में श्रमिक दिवस की शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई, 1923 को मद्रास में कीथी, हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रुप में मनाया जाता था।

इस मौके पर ही दुनिया भर के मजदूरों के लिए सिर्फ 8 घंटे काम काम करने का निर्धारण किया गया था।

मजदूर दिवस को मई दिवस, वर्कर डे, कामगार दिवस, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस, इंटरनेशनल वर्कर डे आदि के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं लेबर डे पर लिखे गए यह कोट्स मजदूरों को उनका काम ईमानदारी से करने की प्रेरणा देते हैं साथ ही उन्हें अपने हक के लिए लड़ने के लिए भी मजबूत बनाते हैं।

“अगर हमें खुद को स्वस्थ रखना है तो शरीर को परिश्रम की भी जरूरत पड़ती है।”

“अगर इस दुनिया में मजदूर नहीं होता, तो न ताजमहल होता और न ही हवामहल होता।”

“मजदूर जीवन में कभी भी मजबूर नही होता।”

“मेहनत करने से स्वास्थ में सुख और उन्नति समृद्धि बढ़ती हैं।”

“मेहनत के बल पर किस्मत का ताला खोला जा सकता है।”

“कोई भी काम कभी छोटा नही होता और काम करने वाले कभी छोटे नही होते है चाहे वह मालिक हो या नौकर, सबका अपना एक अलग ही महत्व है।”

“मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाता वो तो सो जाता हैं फुटपाथ पे अखबार बिछा कर।”

“मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब हर मजदूरों को रोज रोटी मिलने लगे।”

“अमीरी में अक्सर अमीर अपना सुकून को खोता हैं, मजदूर खा के सूखी रोटी बड़े आराम से सोता हैं।”

“दुनिया में मजदूर ही ऐसा होता है जो आपके सपनों को साकार करने में अपना पसीना बहाता है।”

Majdoor Diwas par Vichar

अंतराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई, 1886 को की गई थी। दरअसल अमेरिका में मजदूरों के काम करने के लिए 8 घंटे का समय तय किए जाने को लेकर आंदोलन चलाया गया गया।

मजदूरों ने उनसे दिन मे्ं 15-15 घंटे काम करवाने और उनके शोषण के खिलाफ अपने हक में अपनी आवाज बुलंद की थी।

वहीं इस हड़ताल के दौरान मजदूरों पर पुलिस द्धारा गोलीबारी की गई थी, जिसके चलते इस हादसे में करीब 100 से ज्यादा मजदूरो्ं की जान चली गई थी। वहीं इस घटना के बाद न सिर्फ मजदूर दिवस के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ा सकते हैं।

1 मई इन मजदूरों की याद में अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा बल्कि अमेरिका समेत अन्य देशों में दिन में सिर्फ 8 घंटे काम करने के नियम को भी अपनाया जाने लगा।

इस दिन मजदूर संगठन अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं और रैलियां निकालकर प्रदर्शन भी करते हैं।

वहीं मजदूर दिवस पर लिखे गए इन कोट्स को आप ज्यादा से ज्याद अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर कर मजदूर दिवस के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ा सकते हैं।

“हमे उसी काम करने में आनंद आता है जिस काम को करने से हमे ख़ुशी का अनुभव मिलता है।”

“कामचोरी करना आलस्य की निशानी है।”

“मेहनत वह चाभी हैं जो अपने नसीब का दरवाजा खोल देती हैं।”

“आलसी मनुष्य हर जगह काम न करने का बहाना ही ढूढ़ते है।”

“यदि धन के लिए परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं हैं तो भी स्वास्थ्य के लिए परिश्रम जरूर करना चाहिए।”

“मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब मजदूरों की थाली में रोज रोटी मिलने लगे।”

“जिन्दगी में सफ़ल होने के लिए इतनी मेहनत करों कि अगर भगवान् ने तुम्हारें नसीब में सफ़ल होना न लिखा हो तो उन्हें फिरसे तुम्हारी किस्मत लिखने के लिए मजबूर होना पड़े।”

“आपकी की गयी कड़ी मेहनत कभी बेकार नही जाती।”

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भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरो का इतिहास – 

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Historical Famous Temples in India Hindi

हमारा भारत देश महान परंपरा, धर्म, अध्यात्म, साधना और भक्ति का देश है। भारत देश को मंदिरों का देश भी कहा जाता है।  जहां अतिप्राचीन वक्त से श्रद्धां-स्थल के रूप में मंदिर बहुत महत्व रखते रहे हैं। आपको यहाँ हर गली नुक्कड़ और चौराहे पर मंदिर मिल जाएगा। यहांपर बहुत से मंदिर ऐसे भी हैं। जहा अविश्वसनीय चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। इस देश में आस्थावानों के लिए चमत्कार ईश्वर कृपा हैं। और विज्ञान के दृष्टि से देखने वालो के लिए आश्चर्य और कौतूहल का विषय हैं।

लेकिन जो भी हो भारत जैसी प्राचीन सभ्यता दुनिया के ओर किसी देश में नहीं। तो आइए जानते हैं, भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ और प्राचीन मंदिरों के बारे में (Famous temples in India) जिनके रहस्य आज भी इतनी वैज्ञानिक सफलता के बाद कोई भी नहीं जान पाया है।

Temples in India
Famous temples in India

भारत के प्राचीन मंदिरो का इतिहास – Famous temples in India

दोस्तों, निचे कुछ चुनिदा मंदिरोकी सूचि दी गयी हैं। आपको जिस भी मंदिर के बारे में जानना हैं। उसका पूरा इतिहास और रोचक जानकारी पढ़नी हैं। तो उस मंदिर के नाम पर क्लिक करे।

12 ज्योतिलिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग इसे ही कहा गया है। गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित ये मंदिर अपने आप में भारत के गौरवशाली इतिहास को बताता है। कहते हैं भगवान् श्रीकृष्ण ने यही पर देह त्याग किया था। इस मंदिर का अपने आप में अलग महत्व हैं। हर एक मनोकामना पूरी करने वाले इस मंदिर में एक बार आपको जरूर जाना चाहिए।

आंध्रप्रदेश के चित्तूर में स्थित यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक कहा जाता है। कहते हैं की यहाँ इतना पैसा है की भारत सरकार को भी कर्ज दे दे। हिन्दू मान्यता के अनुसार इसका निर्माण 5वीं शताब्दी में हुआ था। कहा जाता है की इस मंदिर के दर्शन करने से इंसान को धन और वैभव की प्राप्ति होती है। आपको इस मंदिर के दर्शन करने एक बार जरूर जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के शिर्डी में स्थित साईं बाबा का यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में आता है। साईं बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त दूर दूर से यहाँ पहुचते हैं। यहाँ जाना भी आसान है। लोग कहते हैं की साईं बाबा आज भी इस जगह मौजूद हैं और भक्तो की मनोकामना पूरी करते हैं।

कहते है “काल उसका क्या करे जो भक्त है महाकाल का”। एमपी के उज्जैन में स्थित महाकाल का मंदिर बहुत मशहूर है। सावन में यहाँ खूब भीड़ होती है। यहाँ सुबह के समय भस्म आरती होती है जिसे देखने हजारो लोग आते हैं। कहते हैं यह भस्म मुर्दे को जलाने के बाद बनाई जाती है और उसका ही इस्तेमाल होता है। यह बहुत चमत्कारी मंदिर है और आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।

जम्मू स्थित माता का ये मंदिर जितना ऊपर है उतना ही अधिक महत्व वाला। दूर दूर से श्रद्धालुओं का आना यहाँ होता है। माता का मंदिर बहुत ऊपर है लेकिन फिर भी लोग यहाँ आते हैं। चारो तरफ बर्फ से घिरी पहाड़ियां और उनके बीच से गुजरते आप, एक अलग ही मजा है इस मंदिर तक जाने वाले रास्तो में। एक बार आपको इस मंदिर में जरूर जाना चहिये।

राजस्थान के बीकानेर से तीस किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर अपने आप में एक चमत्कार है। यहाँ पर माँ करणी की प्रतिमा विराजमान हैं। इसके अलावा इसे चूहों का मंदिर भी कहा जाता है। दरअसल यहाँ पर लगभग 25 हजार चूहे हैं। जिनसे आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। चूहों के द्वारा खाया जाने वाल प्रसाद सबको बांटा जाता है। एक बार इस चमत्कार को देखने के लिए आपको इस जगह जरूर जाना चाहिए।

  • सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

इस मंदिर के बारे में आपने भी खूब सुना होगा। बात चाहे सचिन तेंदुलकर की हो या फिर भारत के सबसे अमीर इंसान मुकेश अम्बानी की, आये दिन वो लोग यहाँ आते हैं। सबसे अमीर मंदिरों में से एक सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान् गणेश की प्रतिमा स्थापित है। यहाँ बहुत अधिक भीड़ होती है और आपको यहाँ जाने पर अलग ही सुख मिलता है।

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छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार

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Shivaji Maharaj ke Vichar

बहादुरी और साहस की मूर्ति, भारत के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान देशभक्त और कुशल प्रशासक थे। एक ओर वे बहुत शक्तिशाली थे, तो दूसरी ओर, वे दया के लिए भी जाने जाते थे।

उन्होनें महाराष्ट्र राज्य पर शासन किया। ऐसे छत्रपति शिवराय को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनकी वीरता की कहानी आने वाली हर पीढ़ी को गर्व के साथ बताया जाएगा।

इसलिए आज हम छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों को लेकर आए हैं। यह विचारों को आप अपने फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स पर साझा कर सकते हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार – Shivaji Maharaj Quotes in Hindi

Hindi Quotes of Shivaji Maharaj

“एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य के साथ साथ एक विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।

नारी के सभी अधिकारों में, सबसे महान अधिकार माँ बनने का है।

“सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर अतः पहले खुद को नही राष्ट्र को देखना चाहिए।

बदला लेने की भावना मनुष्य को जलाती रहती है, संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एक मात्र उपाय है।

“अंगूर को जब तक न पेरो वो मीठी मदिरा नही बनती, वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट मे पिसता नही, तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नही आती।

Shivaji maharaj Quotes

“जय भवानी जय शिवाजी।

दुश्मन को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलवान समझ कर डरो भी मत।

“अगर इंसान के पास आत्मबल है, तो वो पुरे संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।

एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए, समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर लेता है।

Shivaji Mahara Status in Hindi

“स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर किसी को है।

जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकते है उनका आदर सभी जगह होता है।

“प्रतिशोध इंसान को जलाती रहती है, संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय होता है।

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योकी पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

Shivaji Maharaj Dialogues in Hindi

“जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाङ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।

कभी भी अपना सर नही झुकाना चाहिए बल्कि हमेसा ऊचा ही रखना चाहिए।

“यह जरुरी नही की गलती करके ही सीखा जाए, दुसरो की गलती से सीख लेते हुए भी सीखा जा सकता है।

एक वीर योद्दा हमेसा विद्वानों के सामने ही झुकता है।

“किसी भी कार्य को करने से पहले उसके परिणाम को सोच लेना भी बेहतर होता है क्योकि आने वाली पीढ़ी आपकी ही अनुसरण करती है।

नोट: आपके पास अधिक शिवाजी महाराज उद्धरण हिन्दी में होंगे। अगर आपको हमारे शिवाजी महाराज Quotes पसंद आते हैं, तो कृपया हमें Facebook और Whatsapp पर साझा करें।

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देशभक्ति पर सर्वश्रेष्ठ कविताएँ | Patriotic Poems in Hindi

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Desh Bhakti Kavita

देशभक्ति पर आज हम आपको ऐसी कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि न सिर्फ वतन के लिए मर मिटने वाले धरती मां के वीर सपूतों की अद्भुत शौर्य और पराक्रम का बखान करेंगी बल्कि आज की युवा पीढ़ी वीर शहीदों के त्याग, बलिदान और कुर्बानियों के महत्व को समझाने में मद्द करेंगी।

इसके साथ ही आपके ह्रदय में देशप्रेम की भावना जागृत करेंगी। यह कविताएं आप स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवं अन्य कोई राष्ट्रीय पर्व पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भी इस्तेमाल कर सकते हैं

Patriotic Poems
देशभक्ति पर कुछ कविताएँ – Patriotic Poems in Hindi

देश के स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और कुर्बानियों की बदौलत आज हम आजाद भारत में सुख-चैन की सांस ले रहे हैं। देश के वीर सपूतों ने हमें आजादी दिलवाने के लिए कई सालों तक न सिर्फ संघर्ष किया, बल्कि कई जवानों ने तो अपने प्राणों की भी आहुति दी हैं।

महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, जवाहर लाल नेहरू जैसे तमाम स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की बदौलत ही हम सभी हिन्दुस्तानी आज गर्व के साथ जिंदगी जी रहे हैं।

वहीं देशभक्ति पर लिखी गईं, इस तरह की कविताएं उन वीर सपूतों की याद दिलाती हैं और उनके प्रति सम्मान की भावना पैदा करती हैं। वहीं आप इन कविताओं को ट्वीटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

poems on patriotism in hindi

सारे जहाँ से अच्छा

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी वह गुलिस्तां हमारा ॥

ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में।
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा ॥

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमां का।
वो संतरी हमारा वो पासवां हमारा ॥

गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियां।
गुलशन है जिसके दम से रश्के जिनां हमारा॥

ऐ आबे रोदे गंगा वह दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा ॥

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा ॥

यूनान, मिस्र, रोमा सब मिट गए जहां से।
अब तक मगर है बाकी नामों निशां हमारा ॥

कुछ बात है कि हस्ती मिटती मिटाये।
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जमां हमारा ॥

‘इक़बाल’ कोई महरम अपना नहीं जहां में।
मालूम क्या किसी को दर्दे निहां हमारा ॥

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलिसतां हमारा॥
– इक़बाल

desh bhakti par kavita

यारा प्यारा मेरा देश

यारा प्यारा मेरा देश,
सजा – संवारा मेरा देश॥

दुनिया जिस पर गर्व करे,
नयन सितारा मेरा देश॥

चांदी – सोना मेरा देश,
सफ़ल सलोना मेरा देश॥

सुख का कोना मेरा देश,
फूलों वाला मेरा देश॥

झुलों वाला मेरा देश,
गंगा यमुना की माला का मेरा देश॥

फूलोँ वाला मेरा देश
आगे जाए मेरा देश॥

नित नए मुस्काएं मेरा देश
इतिहासों में नाम लिखायें मेरा देश॥

Patriotic Poem

यह कविताएं हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता एवं सुंदरता का भी बोध करवाती हैं। हमारी भारतीय संस्कृति पूरे विश्व भर में अनूठी है, इसकी मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है। यहां अलग-अलग धर्म, जाति, लिंग, पंथ, समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं।

हमारे देश में कई युग पुरुषों और महान ऋषि मुनियों ने जन्म लेकर यहां की धरती को पवित्र और पूजनीय बनाया है। हमारा भारत देश धार्मिक और अध्यात्मिकता का प्रतीक रहा है। यहां चाणक्य, आर्यभट्ट समेत कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने महान अविष्कारों और सिद्धान्तों से देश को विज्ञान, चिकित्साशास्त्र, गणित, ज्योतिष, अर्थशास्त्र,आदि क्षेत्र में संपन्न बनाया है।

इसलिए हमारे देश को सोने की चिड़िया भी कहा जाता है। वहीं इस तरह की कविताएं लोगों के मन में देश प्रेम की भावना जगाने का काम करती हैं एवं सम्मान बढ़ाती हैं।

आज़ादी अभी अधूरी है।

पन्द्रह अगस्त का दिन कहता – आज़ादी अभी अधूरी है।
सपने सच होने बाक़ी हैं, राखी की शपथ न पूरी है॥

जिनकी लाशों पर पग धर कर आजादी भारत में आई।
वे अब तक हैं खानाबदोश ग़म की काली बदली छाई॥

कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आंधी-पानी सहते हैं।
उनसे पूछो, पन्द्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं॥

हिन्दू के नाते उनका दुख सुनते यदि तुम्हें लाज आती।
तो सीमा के उस पार चलो सभ्यता जहाँ कुचली जाती॥

इंसान जहाँ बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है।
इस्लाम सिसकियाँ भरता है,डालर मन में मुस्काता है॥

भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं।
सूखे कण्ठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥

लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया।
पख़्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन ग़ुलामी का साया॥

बस इसीलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी है।
कैसे उल्लास मनाऊँ मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥

दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुनः अखंड बनाएँगे।
गिलगित से गारो पर्वत तक आजादी पर्व मनाएँगे॥

उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें।
जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें॥

– अटल बिहारी वाजपेयी – Atal Bihari Vajpayee

Patriotic Poem 4

तिरंगा

हमारी शान है ये तिरंगा
ये विश्व भर में भारती की ये अमिट पहचान है।
ये तिरंगा हाथ में ले पग निरंतर ही बढ़े
ये तिरंगा हाथ में ले दुश्मनों से हम लड़े
ये तिरंगा दिल की धड़कन ये हमारी जान है

ये तिरंगा विश्व जन को सत्य का संदेश है
ये तिरंगा कह रहा है अमर भारत देश है
ये तिरंगा इस धरा पर शांति का संधान है

ये तिरंगा विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है
ये तिरंगा वीरता का गूँजता इक मंत्र है
ये तिरंगा वंदना है भारती का मान है

इसके रेषों में बुना बलिदानियों का नाम है
ये बनारस की सुबह है, ये अवध की शाम है
ये तिरंगा ही हमारे भाग्य का भगवान है

ये कभी मंदिर कभी ये गुरुओं का द्वारा लगे
चर्च का गुंबद कभी मस्जिद का मिनारा लगे
ये तिरंगा धर्म की हर राह का सम्मान है
ये तिरंगा स्वर्ग से सुंदर धरा कश्मीर है
ये तिरंगा झूमता कन्याकुमारी नीर है
ये तिरंगा माँ के होठों की मधुर मुस्कान है

ये तिरंगा बाईबल है भागवत का श्लोक है
ये तिरंगा आयत-ए-कुरआन का आलोक है
ये तिरंगा वेद की पावन ऋचा का ज्ञान है

ये तिरंगा देव नदियों का त्रिवेणी रूप है
ये तिरंगा सूर्य की पहली किरण की धूप है
ये तिरंगा भव्य हिमगिरि का अमर वरदान है

शीत की ठंडी हवा, ये ग्रीष्म का अंगार है
सावनी मौसम में मेघों का छलकता प्यार है
झंझावातों में लहरता ये गुणों की खान है

ये तिरंगा लता की इक कुहुकती आवाज़ है
ये रवि शंकर के हाथों में थिरकता साज़ है
टैगोर के जनगीत जन गण मन का ये गुणगान है

ये तिंरगा गांधी जी की शांति वाली खोज है
ये तिरंगा नेता जी के दिल से निकला ओज है
ये विवेकानंद जी का जगजयी अभियान है

रंग होली के हैं इसमें ईद जैसा प्यार है
चमक क्रिसमस की लिए यह दीप-सा त्यौहार है
ये तिरंगा कह रहा- ये संस्कृति महान है

ये तिरंगा अंदमानी काला पानी जेल है
ये तिरंगा शांति औ’ क्रांति का अनुपम मेल है
वीर सावरकर का ये इक साधना संगान है

ये तिरंगा शहीदों का जलियाँवाला बाग़ है
ये तिरंगा क्रांति वाली पुण्य पावन आग है
क्रांतिकारी चंद्रशेखर का ये स्वाभिमान है

रंग केसरिया बताता वीरता ही कर्म है
श्वेत रंग यह कह रहा है, शांति ही धर्म है
हरे रंग के स्नेह से ये मिट्टी ही धनवान है

ऋषि दयानंद के ये सत्य का प्रकाश है
महाकवि तुलसी के पूज्य राम का विश्वास है
ये तिरंगा वीर अर्जुन और ये हनुमान है

– राजेश चेतन

Patriotic Poem 5

हमारा भारत देश न सिर्फ धार्मिक, अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि से सर्वोत्तम है, बल्कि यहां की ऐतिहासिक धरोहर एवं उत्कृष्ट वास्तुकला भी दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करते हैं। हमारे देश में ताजमहल, कुतुबमीनार, लाल किला, फतेहपुर सीकरी समेत कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है, जो कि अपनी सुंदरता एवं भव्यता के लिए पूरे विश्व भर में जानी जाती हैं।

इसके अलावा हमारे देश में गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियां बहती हैं। यही नहीं तमाम भाषाएं एवं बोली होने के बाद भी हमारा देश अपनी एकता के लिए पहचाना जाता है। इसलिए हम सभी को अपने देश का सम्मान करना चाहिए। वहीं देशभक्ति पर लिखी गईं इन कविताओं के माध्यम से देश के प्रति अपनी भावनाओं को भी प्रकट किया जा सकता है।

तिरंगा लहराता है शान से

तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।

व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।

हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।
हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।

लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।
उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।

विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

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देश प्रेम की भावना जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह के महान विचार

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“आम तौर पर लोग चीजे जैसी है उसी के आदि हो जाते है और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते है. हमारी इसी निष्क्रियता की भावना को क्रन्तिकारी भावना से बदलने की जरुरत है।”

जब भी स्वतंत्रता आंदोलन की बात होती है तो साहसी स्वतंत्रता सेनानी शहीद-ए-आजम भगत सिंह का नाम जरूर लिया जाता है। दरअसल, भगत सिंह देश के ऐसे महान एवं युवा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपनी क्रांतिकारी विचारों से ब्रिटिश हुकूमत को भारतीयों की शक्ति का एहसास दिलवा दिया था।

इसके साथ ही सभी भारतीय युवाओं के मन में गुलाम भारत से आजादी पाने की अलख जगा दी थी। भगत सिंह के क्रांतिकारी एवं महान विचार आज भी युवाओं के अंदर देशभक्ति की भावना पैदा करते हैं। तो आइए जानते हैं महान क्रांतकारी भगत सिंह के प्रेरणादायक एवं अनमोल विचारों के बारे में-

भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार – Quote By Bhagat Singh in Hindi

Bhagat Singh Quotes in HindiLovers, Lunatics, and poets are made of same stuff.

“जिंदगी का उद्देश्य अब दिमाग को नियंत्रित करना नही बल्कि उसके साथ तालमेल बिठाना है, मुक्ति पाना नही बल्कि उसका बेहतरीन उपयोग करना है और सच, सुंदरता और अच्छाई को जानना नही बल्कि दैनिक जीवन के अनुभवों को जानना है। क्योकि सामाजिक विकास कुछ लोगो के उदात्तीकरण से नही बल्कि लोकतंत्र के सम्पन्निकरण से होता है। वैश्विक बंधुता सभी को समान रूप से अधिकार देने से ही आती है।”

“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है… दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”

Bhagat Singh ThoughtsLife is lived on its own…other’s shoulders are used only at the time of the funeral.

“प्रेमी, पागल और कवी एक ही चीज़ से बने होते है।”

Freedom fighter Bhagat Singh quotesby crushing individuals, they cannot kill ideas.

“जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है…दूसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते है।”

Bhagat Singh Thoughts in Hindi

भगत सिंह भारत माता के ऐसे वीर सपूत थे, जिनके जीवन का एक ही लक्ष्य गुलाम भारत को आजाद करवाना था। गुलामी का दंश झेल रहे देश को आजाद करवाने के लिए वे कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे। यही वजह थी कि वे ब्रिटिश हुकूमत की आंखों में खटकने लगे थे।

वहीं ब्रिटिश अधिकारी सांडर्स की हत्या के मामले में भगत सिंह समेत उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई थी। इस तरह भगत सिंह अपने जीवन की अंतिम सांस तक देश को आजादी दिलवाने के लिए लड़ते रहे। वहीं वे देश की सेवा करने को सिर्फ अपना धर्म मानते थे।

इसके साथ ही उनका कहना था कि जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। भगत सिंह के कुछ ऐसे ही क्रांतिकारी विचार युवाओं के अंदर आज भी जोश एवं जुनून पैदा करते हैं ।

Bhagat Singh Quotes on freedomEvery tiny molecule of Ash is in motion with my heat I am such a Lunatic that I am free even in Jail.

“इतिहास में गूंजता एक नाम है। शेर की दहाड़ सा जोश था जिसमे वे थे। छोटी सी उम्र में देश के लिये शहीद हुए जवान थे। आज भी रोंगटे खड़े कर दे ऐसे विचारो के धनि थे।”

Bhagat Singh Quotes on revolution.Revolution did not necessarily involve sanguinary strife. It was not a cult of bomb and pistol.

“क्रांति की तलवार विचारो की शान से तेज़ होती है।”

Bhagat Singh Quotes in Hindi

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह देश के ऐसे युवा वीर सपूत थे, जिन्होंने देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। वे महज 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते अपनी धरती मां के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए थे।

भगत सिंह जैसे महान युवा क्रांतिकारी के त्याग, बलिदान और संघर्ष को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। वे देश के सच्चे क्रांतिकारी थे, जिन्होंने हर देशवासी के मन में ब्रिटिश शासकों के चंगुल से आजादी पाने की अलख जगा दी थी। यहीं नहीं भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर उस समय आजादी की लड़ाई में तमाम युवाओं ने अपनी भागीदारी निभाई थी।

महान क्रांतिकारी भगत सिंह का जीवन काफी प्रेरणा देना वाला है। वहीं उनके क्रांतिकारी विचार भी  युवाओं के अंदर आज भी देशप्रेम की भावना जगाते हैं। भगत सिंह के इन अनमोल विचारों को आप अपनी सोशल मीडिया साइट फेसबुक, ट्वीटर आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

Bhagat Singh sloganThe sanctity of law can be maintained only so long as it is the expression of the will of the people.

“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते है।”

Bhagat Singh ke vicharMerciless criticism and independent thinking are the two necessary traits of revolutionary thinking.

“मै एक इंसान हु और जो कुछ भी इंसानियत को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।”

Bhagat Singh ke Vichar

27 नवंबर, 1907 में पंजाब में जन्में सरदार भगत सिंह शुरु से ही काफी तेज बुद्धि एवं आक्रमक स्वभाव के थे। वहीं उनके अंदर बचपन से ही देशभक्ति की भावना निहित थी, दरअसल, भगत सिंह के परिवार ने स्वतंत्रता की लड़ाई में कई कुर्बानियां दी थी।

वहीं जलियांवाला हत्याकांड में हजारों बेकसूरों की मौत का मंजर देख उनके मन में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की भावना भड़क उड़ी थी और इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़कर खुद को पूरी तरह स्वतंत्रता की लड़ाई में समर्पित कर दिया था।

वहीं आजादी की लड़ाई में उन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से अंग्रेजों की नाक पर दम कर दिया था। जिसके चलते उन्हें कई बार गिरफ्तार भी होना पड़ा था। वहीं सरदार भगत सिंह का पूरा जीवन एवं उनके विचार प्रेरणा देने वाले हैं।

Bhagat Singh Quote in HindiI am a man and all that affects mankind concerns me.

“इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारो को नही मार सकते।”

Bhagat Singh Quotes HindiRevolution is an inalienable right of mankind. Freedom is an imperishable birthright of all. Labour is the real sustainer of society.

“क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर की बात है। क्रांति कभी भी अपनेआप नही आती। बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।”

Bhagat Singh Suvichar

“अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।”

Note: अगर आपके पास अच्छे नए विचार हैं तो जरुर कमेन्ट के मध्यम से भजे अच्छे लगने पर हम उस Quote By Bhagat Singh in Hindi इस लेख में शामिल करेगे।
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(26 January) गणतंत्र दिवस पर देशप्रेम की भावना जागृत करने वाले सर्वश्रेष्ठ विचार

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26 January Republic Day Quotes

गणतंत्र दिवस का पर्व राष्ट्रीय पर्व है, जिसे सभी धर्म, पंथ, जाति, लिंग, संप्रदाय के लोग आपस में मिलुजल कर प्रेम और सदभाव की भावना के साथ 26 जनवरी को बनाते हैं।

यह दिन सभी भारतवासी के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन साल 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और हमारा भारत देश एक संप्रभु, लोकतंत्रात्मक एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था।

इसकी खुशी में लोग इस दिन को बेहद धूमधाम के साथ मनाते हैं और एक-दूसरे को इस पर्व की बधाई देते हैं।

वहीं आज हम आपसे गणतंत्र दिवस (Republic day) पर देशभक्ति की भावना से प्रेरित कुछ अनमोल विचार उपलब्ध करवा रहे हैं, तो आइए पढ़ते हैं गणतंत्र दिवस पर अनमोल वचन –

गणतंत्र दिवस पर देशप्रेम की भावना जागृत करने वाले सर्वश्रेष्ठ विचार – Republic Day Quotes in Hindi

Republic Day Quotes

“नया गणतंत्र विविधता, सम्मान और सभी के लिए समान अधिकार पर आधारित होना चाहिए।”

“भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को जातिवाद, व्यक्तिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और पार्टीवाद ने अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है।”

26 January Quotes

राष्ट्रीयता का पर्व गणतंत्र दिवस हम सभी भारतवासी के लिए गौरवमयी दिन है। 26 जनवरी 1950 के दिन ही हमारे देश में नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था।

दरअसल, 15 अगस्त 1947 के बाद भी जब हमारा देश क्रूर ब्रिटिश शासकों के चंगुल से तमाम संघर्षों और लड़ाईयों के बाद आजाद हुआ था, उसके बाद भी स्वशासित देश नहीं था एवं उस दौरान भी हमारे देश में असमानता, अशिक्षा, जातिगत भेदभाव जैसी कई सामाजिक बुराईयां फैली हुई थीं।

जिसके चलते हमारे देश के महापुरुषों और महान राजनैतिज्ञों ने भारत के नागरिकों को समान अधिकार दिलवाने एवं भारत देश को स्वतंत्र, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के मकसद से 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू किया था, इसकी खुशी में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

इस दिन देश के लिए मर मिटने वाले भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद किया जाता है एवं उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली दी जाती है।

वहीं इस तरह के कोट्स लोगों के अंदर देश प्रेम की भावना जागृत करते हैं। वहीं आप गणतंत्र दिवस पर लिखे गए इन अनमोल विचारों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

Republic Day Quotes

“सहिष्णुता और स्वतंत्रता एक महान गणतंत्र की नींव हैं।”

“किसी गणतंत्र में इस नियम का ध्यान रखना चाहिए कि बहुमत के पास प्रबल शक्ति ना हो।”

Quotes on 26 January in Hindi

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इस संविधान में 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां है और इसे करीब 22 हिस्सों में बांटा गया है।

इस संविधान को बनाने में करीब ढाई साल का समय लगा था। भारतीय संविधान ने हमारी संसद ने करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।

इस संविधान के तहत देश के सभी नागरिकों को शिक्षा, समानता और बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार समेत कई अधिकार दिए गए हैं।

संविधान के लागू होने के बाद हमारे देश में जातिगत भेदभाव जैसी कुप्रथा को खत्म करने में काफी मद्द मिली है।

वहीं गणतंत्र दिवस पर लिखे गए इन अनमोल वचनों के माध्यम से आप लोगों को न सिर्फ देशभक्ति की भावना जागृत होगी, बल्कि आप लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक भी होंगे।

Good thoughts on Republic day

“देश से बढ़कर न धर्म है, न जाति, न भाषा, न राज्य, भारत भूमि में हीं हमने जन्म पाया है। और इसी धरती पर हमारा पालन-पोषण हुआ है।”

“सामान्यता के गणराज्य में, प्रतिभा खतरनाक है।”

Happy Republic day quotes

“गणतंत्र का भाग्य बदलने की शक्ति भावी पीढ़ी के पत्रकारों के हाथों में होगी।”

“गणतंत्र की उम्मीद किस पर टिकी हुई है? एक देश, एक भाषा, एक झंडा!”

Quotes on Republic Day in Hindi

गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरा देश देशभक्ति की भावना से ओतप्रेत होता है। इस मौके पर राजधानी दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक भव्य एवं आर्कषण परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश-विदेश के गणमान्य नागरिकों को न्योता दिया जाता है।

इस भव्य परेड में जल, थल और वायु सेना के द्धारा अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है।

इस दौरान दिल्ली के राजपथ पर अलग-अलग राज्यों की झांकियां भी निकाली जाती है। इसके अलावा जगह-जगह पर झंडारोहण समेत तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

26 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में भी घोषित किया गया है। इस दिन को सभी देशवासी बिना किसी भेदभाव के आपस में मिलजुल कर बनाते हैं।

वहीं गणतंत्र दिवस पर लिखे गए इन अनमोल वचनों के माध्यम से आप अपने करीबियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं।

Republic day quotes in Hindi

“लोकतंत्र में हो अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन यही संदेश देता है गणतन्त्र दिवस। गणतन्त्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।”

“मैंने हमेशा ये माना है कि किसी आदमी के गुण को उसे धोखा देने का साधन बनाना मानव प्रकृति के महान गणतंत्र के खिलाफ राजद्रोह के सामान है।”

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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