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अगर घर में शुरु करना चाहते हैं अपना बिजनेस तो ये है बेहतर विकल्प – Home Based Business Ideas in Hindi

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Home Based Business Ideas in Hindi

इस महंगाई के दौर में आजकल हर कोई कमाई का ऐसा जरिया ढूंढता है, जिसमें इन्वेस्टमेंट भी कम हो और मुनाफा अच्छा-खासा हो। वहीं आजकल किसी शॉपिंग मॉल अथवा बाजार मे दुकान लेकर उसका हाई रेंट भरना हर किसी की वश की बात नहीं है।

वहीं नए बिजनेस की शुरुआत करने वालों के लिए तो यह काफी मुश्किल हो जाता है, इसलिए लोग घर बैठे ही बिजनेस करना पसंद करते हैं, ताकि कम लागत में अच्छी कमाई कर सके और हाई रेंट भरने का किसी तरह का कोई टेंशन न हो।

वहीं अगर आप भी घर बैठे ही बिजनेस करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि, आपके लिए घर से कौन सा बिजनेस करें, तो इसका जवाब आपको हमारे इस पोस्ट में मिलेगा।

क्योंकि यहां हम आपको घर बैठकर कम लागत में किए जाने वाले आसान बिजेनस आइडियाज के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप अपनी पसंद अथवा सामर्थ्य के अनुसार चुन सकते हैं, तो आइए जानते हैं इन बेहतरीन बिजनेस आइडियाज के बारे में –

Home Based Business Ideas

अगर घर में शुरु करना चाहते हैं अपना बिजनेस तो ये है बेहतर विकल्प – Home Based Business Ideas in Hindi

कोचिंग इंस्टीट्यूट:

घर बैठे-बैठे कोचिंग इंस्टीटयूट खोलना, एक बेहतर बिजनेस विकल्प साबित हो सकता है, अगर आप किसी विषय के अच्छे जानकार हैं तो खुद आप अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट में बच्चों को पढ़ा सकते हैं, नहीं तो किसी अन्य टीचर को अपने इंस्टीट्यूट में कम सैलरी पर रख सकते हैं।

आप इसके लिए शहर के किसी बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट से भी टाय अप भी कर सकते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट आपकी कोचिंग इंस्टीट्यूट से जुड़ सकें। वहीं शुरुआत में अगर बच्चों से कम फीस चार्ज करें तो अच्छा होगा साथ ही शिक्षा की क्वालिटी का विशेष ध्यान रखें।

ब्लॉगिंग:

आज के आधुनिक और मॉडर्न युग में जिस तरह इंटरनेट की उपयोगिता बढ़ गई हैं, इसने कई बिजनेस को नया आधार प्रदान किया है।

वहीं अगर आपको भी कंप्यूटर और इंटरनेट का अच्छी जानकारी है, इसके साथ ही आपकी लेखन शैली काफी अच्छी है, और आपको रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियों को शेयर करना अच्छा लगता है, तो घर बैठे ब्लॉगिंग करना आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

बेहद छोटी रकम लगाकर आप ब्लॉगिंग के इस बिजनेस को स्टार्ट कर सकते हैं, हां शुरुआत में इससे बहुत ज्यादा कमाई तो नहीं होगी, लेकिन अगर आप अपने ब्लॉग में यूनीक और इंटरेस्टिंग कंटेट शेयर करते रहे तो आप इससे काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

ब्यूटी पार्लर:

आज फैशन के दौर में हर कोई खूबसूरत और स्टाइलिश दिखना चाहता है, ऐसे में घर बैठकर ब्यूटी पार्लर खोलना एक अच्छी कमाई का जरिया साबित हो सकता है।
ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए सबसे खास बात यह है कि यह बेहद कम लागत में आसानी से खोला जा सकता है।

वहीं अगर आपने खुद ब्यूटी कोर्स किया है और आपको ब्यूटी पार्लर का पूरा काम आता है तो बेस्ट है, नहीं तो आप अपने पार्लर के लिए कम सैलरी में कुछ ब्यूटी एस्टपर्ट भी रख सकते हैं।

प्रोफेशनल फ्रीलांसर:

आज इंटरनेट के जमाने में प्रोफेशनल फ्रीलांसर बनकर घर बैठकर पैसा कमाना एक अच्छे बिजनेस विकल्प साबित हो रहा है। इसके लिए आप खुद फ्रीलांसर बनकर पैसा कमा सकते हैं अथवा फ्रीलांस एजेंसी खोलकर, कई वेबसाइट से कॉन्टेक्ट कर फीलांसिंग सर्विसेज उपलब्ध करवा सकते हैं।

Software Development, Writing, Photo Editing, Translation, Web Designing, Graphic Designing करना अगर आपको आता है तो बेहद अच्छा है, नहीं तो आप अपनी फ्रीलांस एजेंसी के माध्यम से कुछ ऐसे फ्रीलांसर हायर कर सकते हैं, जो इस काम को एक निर्धारित समय में कम रकम में कर सकें।

हालांकि, एक फ्रीलांसर के तौर में एक विश्वनीय ऑनलाइन कंपनी के साथ काम करना थोड़ा मुश्किल हैं, क्योंकि कई कंपनियां ऐसी भी हैं जो फ्रीलांसर से काम तो निकलवा लेती हैं, लेकिन उसका भुगतान नहीं करती हैं।

योग क्लासेस/जिम/हेल्थ क्लब:

आज की दुनिया में हर कोई चाहता है कि वह फिट दिखे और हेल्दी रहे, क्योंकि एक स्वस्थ मनुष्य ही अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकता है, और अपने जीवन के लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकता है।

हालांकि आजकल मोटापे की बीमारी जिस तरह फैल रही है, बढ़ते मोटापे पर काबू पाने और तमाम तरह की बीमारियों से बचने के लिए लोग योगा क्लासेस, जिम अथवा हेल्थ क्लब की तरफ रुख कर रहे हैं।

ऐसे में आप भी अपने अपने घर के एरिया का फायदा उठाकर योगा क्लासेस, हेल्थ क्लब अथवा जिम खोलकर अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं।

वहीं अगर आप खुद योगा इंस्ट्रक्टर या फिर एक अच्छे जिम ट्रेनर है तो बेहद अच्छी बात है,नहीं तो आप इसके लिए कम सैलरी में जिम ट्रेनर और योगा इंस्ट्रक्टर हायर कर सकते हैं, और कस्टमर्स से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

जुम्बा क्लासेस:

जो लोग म्यूजिक और डांस के शौकीन हैं और खुद को फिट भी रखना चाहते हैं तो ऐसे लोग जुंबा क्लासेस ज्वाइन करना पसंद करते हैं। तो वहीं आप ऐसे लोगों के लिए जुंबा क्लासेस खोल सकते हैं।

इसके लिए आप या तो जुंबा इंस्ट्रक्टर हायर कर सकते है, या फिर खुद जुंबा सीखकर, बाद में अपने घर में जुम्बा क्लासेस खोल सकते हैं और इससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

डांस क्लासेस खोलकर:

घर बैठकर अगर आप भी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डांस क्लासेस खोलना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

अगर आप खुद कोरियाग्राफ कर सकते हैं, तो बेहद अच्छा है, नहीं तो आप कम सैलरी में एक कोरियोग्राफर हायर कर सकते हैं, वहीं शुरुआत में डांस सिखाने के लिए अगर आप बच्चों से कम फीस चार्ज करेंगे तो अच्छा है, इससे ज्यादा से ज्यादा लोग आपके डांस एकेडमी में डांस सीख सकेंगे।

इंटीरियर डेकोरेटर:

आजकल हर किसी की एक खूबसूरत घर में रहने की ख्वाहिश रहती है, क्योंकि घर ही एक ऐसी जगह होती है, जहां व्यक्ति पूरे दिन की थकान उतारता है और अच्छा महसूस करता है।

वहीं अगर घर देखने में सुंदर हो और शांत वातावरण मिले तो मन को बहुत अच्छा लगता है और शांति मिलती है। इसलिए आजकल इंटीरियर डेकोरेटर की डिमांड काफी बढ़ गई, घर हो या फिर ऑफिस हर जगह इंटीरियर डेकोरेटर्स को हायर किया जा रहा है।

वहीं मार्केट की इस डिमांड को देखते हुए आप भी इंटीरियर डिजाइनिंग का शानदार बिजनेस की शुरुआत कर अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।

सोशल मीडिया सर्विस:

आज की इंटरनेट की दुनिया में जहां लोग सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग या फिर मार्केटिंग करवा रहे हैं क्योंकि आजकल ज्यादा से ज्यादा लोग इन साइट्स पर एक्टिव रहते हैं।

ऐसे में आप एक सोशल मीडिया सर्विसमैन की तरह कई ऐसे व्यापारियों के प्रोडक्ट की सर्विस की मार्केटिंग अथवा एडवरटाइजमेंट, फेसबुक पेज, और इंस्ट्राग्राम अकाउंट पर कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर सामान बेच कर:

आप घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर सामान बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं, अगर आपके यहां किसी तरह की कपड़े, किराना, ज्वैलरी अथवा अन्य दुकानें हैं तो, आप अपने प्रोडक्ट की इमेज समेत पूरी डिेटेल डालकर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर बेच सकते हैं।

हालांकि इसके लिए शुरुआत में आपको इसकी मार्केंटिग और ब्राडिंग की जरूरत होगी, तभी ज्यादा से ज्यादा कस्टमर इससे जुड़ सकेंगे।

यू-ट्यूब चैनल खोलकर:

आजकल यू-ट्यूब चैनल खोलकर लोग अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं, इसलिए लिए आपको ट्रेंडी एवं हॉट टॉपिक से संबंधित या फिर डांस, व्यंजन रेसिपी आदि का कोई भी नया वीडियो बनाकर अपने यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड करना होगा।

लेकिन वीडियो अपलोड करते वक्त इस बात का बेहद ख्याल रखना होगा कि सबसे लोकप्रिय वीडियो साइट यू-ट्यूब पर कोई भी वीडियो कॉपी नहीं होना चाहिए। आप अपने यू-ट्यूब चैनल में Adsense के Ads से भी खूब पैसे कमा सकते हैं।

ट्रांसलेटर बनकर:

अगर आप घर बैठकर ही बिजनेस करना चाहता है तो ट्रांसलेलटिंग करना आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

आजकल ऑनलाइन कई ऐसी वेबसाइट हैं, जो कि एक या एक से ज्यादा भाषाओं में अनुवाद करवाने के लिए अच्छा पैसा देती है। इसके लिए सिर्फ इंटरनेट पर कुछ विश्वनीय साइट्स का ढूंढना जरूरी है।

शिशु-गृह सेवा (Creche Service):

महंगाई के इस जमाने में घर खर्च चलाने के लिए आजकल बच्चे के माता-पिता दोनों को जॉब करनी पड़ती है, ऐसे में माता-पिता बच्चे की देखभाल करने के लिए बच्चे को क्रेच में छोड़ना पसंद करते हैं।

इसको देखते हुए आप भी अपने घर में इन बच्चों के लिए क्रेच खोल सकते हैं। इस बिजनेस में महज कुछ ही घंटे बच्चे की देखभाल करने के लिए अच्छे पैसे मिलते हैं।

वहीं अगर आप एक साथ कई बच्चों को संभाल लेते हैं तो, इससे आपकी महीने में अच्छी इनकम हो जाएगी और बच्चों के साथ मन भी लगा रहेगा।

होम कैंटीन:

होम कैंटीन का बिजनेस आज के युग में खूब फल-फूल रहा है, दअऱसल आजकल ज्यादातर शहरों में ऑफिस जाने वाले लोग समय नहीं मिलने वजह से घर पर खाना नहीं बना पाते, वहीं ऑफिस स्टॉफ को काम का अत्याधिक प्रेशर होने की वजह से किसी होटल में लंच के लिए जाने का समय नहीं मिलता।

ऐसे में घर पर कैंटीन खोलना आपके लिए एक बढि़या विकल्प साबित हो रहा है, क्योंकि होम कैंटीन में बने हुए घर जैसे खाने को आप ऐसे स्थानों में पहुंचा सकते हैं और इससे अच्छा खासा पैसा भी कमा सकते हैं।

नाश्ते का बिजनेस:

शहरो में ऑफिस जाने वाले कई युवा समय पर ऑफिस पहुंचने या फिर देर से सोकर उठने की वजह से नाश्ता नहीं कर पाते हैं और वे लोग ज्यादातर बाहर नाश्ता करना पसंद करते हैं।

ऐसे में नाश्ते का बिजनेस आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। पोहा, सैंडविच, पूड़ी, सब्जी समेत कई अलग-अलग वैरायटी का नाश्ता रखकर आप नाश्ते का बिजनेस कर सकते हैं।

घर पर बिंदी बनाने का बिजनेस:

बिंदी बनाने का बिजनेस घर बैठकर ही किया जा सकता है, वहीं खास बात यह है कि यह बिजनेस बेहद कम पूंजी में स्टार्ट कर सकते हैं।

बिंदी बनाने के बिजनेस के लिए कच्चा माल जैसे, मखमली कपड़ा, गोंद या फिर कई तरह के पत्थर जैसे सेफायर, रूबी एवं क्रिस्टल, मोती अथवा कटिंग, प्रिंटिग आदि मशीनों की जरूरत होती है, बिंदी बनाने के व्यापार में घर बैठे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

नमकीन, मठरी, दालमोठ, भुजिया समेत सूखा नाश्ते का बिजनेस:

हर घर में नमकीन, दालमोंठ, मठरी, भुजिया काफी पसंद की जाती है। कुछ लोग चाय के साथ सुबह के नाश्ते में लेना पसंद करते हैं।

तो कई लोग बाजार से इस तरह का सूखा नाश्ता लाना इसलिए पसंद करते हैं कि अगर कोई अचानक मेहमान घर पर आ जाता है, तो तुरंत यह नाश्ता लगा सकते हैं, क्योंकि यह खाने में बहुत टेस्टी होता है।

इसलिए सूखे नाश्ते का बिजनेस एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, इसे बेहद कम पूंजी में शुरु किया जा सकता है।

आचार का बिजनेस:

जो महिलाएं घर पर बिजनेस कर पैसा कमाना चाहती हैं। अगर वे तरह-तरह के आचार डालना जानती हैं, तो आचार बेचने का बिजनेस एक अच्छा बिजनेस विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि आचार डालने में समय और मेहनत ज्यादा लगने की वजह से आजकल लोग बाहर से आचार लाना ज्यादा पसंद करते हैं।

ऐसे में आचार का बिजनेस काफी फल-फूल रहा है।

इसके अलावा भी घर से किए जाने वाले कई और बिजनेस आइडियाज हैं जिनके बारे में हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं –

  • पौधा नर्सरी व्यवसाय
  • पापड़ का बिजनेस
  • टिफिन सेंटर
  • पार्किंग
  • वेब डिजाइनर
  • एडिटिंग
  • अगरबत्ती बनाने का बिजनेस
  • घऱ पर बने हुए खाद्य उत्पादों का बिजनेस
  • कैंडल बनाने का बिजनेस
  • वेबसाइट डिजाइनिंग
  • इवेंट मेनेजर
  • रियल एस्टेट एजेंट
  • सिलाई और कपड़े डिजाइन का व्यापार / बुटीक का काम
  • कार ड्राइविंग स्कूल
  • मोबाइल/ लैपटॉप रिपेयर शॉप
  • इलैक्ट्रॉनिक रिपेयर स्टोर
  • गेम स्टोर
  • ऑनलाइन किराना शॉप (ग्रोसरी स्टोर)
  • इबुक लिख और बेच कर (eBook Writing and Selling)
  • मोबाइल एप्प बना कर (Mobile Application Developer)
  • कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर खोलकर (Computer Training Centre)
  • ज्वैलरी बनाने का बिजनेस
  • ट्रेनर इंस्टीट्यूट
  • टी-शर्ट प्रिंटिंग का बिजनेस
  • डिजाइनर साड़ी अथवा सूट का बिजनेस
  • स्वेटर समेत तमाम ऊनी वस्त्र व्यवसाय
  • होममेड बेकरी

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रक्षाबंधन पर कुछ कविताएँ | Poem on Raksha Bandhan in Hindi

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Poem on Raksha Bandhan in Hindi

श्रावण मास की शुक्ल मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला रक्षाबंधन का पर्व पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और अटूट प्रेम का प्रतीक है।

यह एक बेहद खूबसूरत पर्व है, जिसका हर भाई-बहन पूरी साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस पर्व से भाई-बहन की कुछ खट्ठी-मीठी नोंकझोंक और प्यारी यादें जुड़ी हुईं है।

भाई-बहन के बीच बचपन में छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई-झगड़ा होता है, लेकिन फिर भी भाई-बहन एक-दूसरे पर अपनी जान छिड़कते हैं। इस तरह रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ भाई-बहन को उनके सुनहरें पलों की याद दिलवाता है, बल्कि उनके अनूठे रिश्ते की बुनियाद को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

रक्षाबंधन के पर्व से भाई-बहन की कई भावनाएं जुड़ी हुई हैं। वहीं हम आपको अपने इस आर्टिकल में इस पावन पर्व पर कुछ ऐसे ही भावनाओं को समेटे हुए ऐसी कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको बेहद सुखद और अद्भुत एहसास होगा। इसके साथ ही हमें उम्मीद हैं कि आपको रक्षाबंधन पर लिखी गईं ये कविताएं – Poem on Raksha Bandhan जरूर  पसंद आएंगी, जो आइए जानते हैं –Poem on Raksha Bandhan

रक्षाबंधन पर कुछ कविताएँ – Poem on Raksha Bandhan in Hindi

Raksha Bandhan Poem 1

राखी आयी खुशियां लायी

राखी आयी खुशियां लायी
बहन आज फूलें न समाई
रखी, रोली और मिठाई
इन सब से थाली खूब सजाई !

बांधे भाई के कलाई पे धागा
भाई से लेती हैं वादा
रखी की लाज भैया निभाना
बहन को कभी भूल न जाना !

भाई देता बहन को वचन
दुःख उसके सब कर लेंगा हरन
भाई बहन का प्यार हैं
त्यौहार रखी का न्यारा हैं !

Raksha Bandhan Poem 2

रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिससे हर किसी की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इस दिन बहन प्यार से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं, तो वहीं भाई भी अपने बहन की रक्षा करना का संकल्प लेते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।

इस प्यार और खुशियों के त्योहार रक्षाबंधन के मौके पर हर भाई-बहन एक दूसरे के साथ रहना चाहता है, लेकिन अगर किसी कारण की वजह से अपने भाई-बहन से नहीं मिल पाते हैं तो वे आज के आधुनिक युग में ऑनलाइन राखी और गिफ्ट तो भेज देते हैं या फिर पोस्ट के माध्यम से राखी भिजवा देते हैं, लेकिन फिर भी इस दिन मायूस रहते हैं और अपनी भावनाओं को अपने मन में ही समेट लेते हैं।

इसलिए नर्वस मत होइए बल्कि इन कविताओं को सोशल मीडिया साइट्स व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि पर शेयर कर अपने भाई-बहन के प्रति अपनी भावनाओं को उजागर करिए और अपने इस खूबसूरत रिश्ते से जुड़ी अपनी खट्टी-मीठी यादों को ताजा करिए।

राखी बांधत जसोदा मैया

राखी बांधत जसोदा मैया।
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥
हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥
बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥
नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥

सूरदास

Raksha Bandhan Poem 3

राखी का आज त्यौहार है

राखी का आज त्यौहार है
बहन भाई के लिए बहुत खास है
लाया खुशियों की बहार है
रेशम के धागे से बंधा प्यार है।

बहनें आज भाइयों को
कुमकुम का तिलक लगाती हैं
अपने प्यारे हाथों से
भाई को मिठाई खिलाती है।

भाई की सूनी कलाई पर
रेशम का धागा बांधती है
बदले में भाई से रक्षा का
अनमोल वायदा पाती है।

भाई भी सुंदर सुंदर तोहफे
बहनों के लिए लाते हैं
तोहफे में क्या मिलने वाला है
बहनें उत्सुक रहती हैं।

बहनें भी भाई की
सलामती की दुआ करती है
खुश रहो तुम सदा भैया
यही प्रार्थना करती है।

बहन भाई का एक दूसरे पर
होता अटूट विश्वास है
रेशम के धागे से ये
बंधा हुआ त्यौहार है।

Raksha Bandhan Poem 4

भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के इस त्योहार को देश में हर जाति धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व तो हिन्दू धर्म के शास्त्रों, पुराणों समेत इतिहास में भी बताया गया है।

अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही हैं। वहीं इस पर्व पर बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि सिर्फ सगे भाई-बहन को ही राखी बांधी जाएं, बल्कि रक्षाबंधन पर बहन, उन भाइयों को भी राखी बांधती हैं, जिसे वह दिल से अपना भाई मानती है और जो उनकी रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

वहीं रक्षासूत्र का महत्व किसी विशेष जाति, या धर्म के लोग ही नहीं समझते बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी इस त्योहार को पूरी खुशियों के साथ मनाते हैं। आपको बता दें कि मुगल सम्राट हुंमायूं ने एक मुस्लिम शासक होते हुए भी मेवाड़ की महारानी कर्णावती द्धारा भेजे गए रक्षासूत्र का मान रखा था और उनके प्राणों की रक्षा की थी।

वहीं इस त्योहार पर पूरे देश में प्रेम और सोहार्द का वातावरण देखने को मिलता है। वहीं आप इन कविताओं को अपने सोशल अकाउंटस में शेयर कर इस पर्व को और भी अधिक खास बना सकते हैं।

भैया मेरे

अच्छे भैया मेरे…
सबसे प्यारे भैया मेरे…
तुम हो मेरे रखवाले…
मुझसे ये राखी बन्धवाले…
तेरे साथ मैं चलूँगी..
मेरे साथ तुम चलना…
तेरी रक्षा मैं करुगी..
मेरी रक्षा तुम करना..
राखी का ये बंधन प्यारा..
इस बंधन को बांधे रखना..
टूटे ना रिश्तो का धागा…
मजबूत अपने इरादे रखना…
जब मैं तुमसे रूठ जाऊं..
तो तुम मुझे मनाना..
जब-जब मैं रोऊँ..
तुम मुझे हंसाना..
मेरे भैया दूर ना जाना..
मुझसे तुम राखी बंधवाना..
प्यारे प्यारे भैया मेरे …
सबसे अच्छे भैया मेरे….

Raksha Bandhan Poem 5

भाई बहन का शुभ दिन है आज

भाई बहन का शुभ दिन है आज
कलाई पर सजा है राखी का ताज
बहना की आँखों में है बहुत प्यार
भाई के हाथों मिलेगा आज उपहार
रक्षा करेगा भाई देता है वचन
यूं ही साथ रहेंगे हर जनम
आओ मिलकर खाएं हम मिठाई
रक्षा बंधन की सबको बधाई

Raksha Bandhan Poem 6

राखी का त्योहार हर बहन-भाई के लिए बेहद खास होता है, इस पर्व पर बहन, अपने भाई की सूनी कलाई पर रेश्म के धागे से ढेर सारा प्यार बांधती है और इस दिन उन्हें बहुत सारा दुलार करती हैं एवं उनकी सलामती एवं खुशियों की ईश्वर से कामना करती हैं। वहीं भाई भी सदैव अपने बहन की रक्षा करने का वचन देता है।

इसके साथ ही इस दिन सरहद पर खड़े सैनिक भाईयों को भी देश की बहनें राखी बांधती हैं, क्योंकि सैनिक भाई, अपने देश की रक्षा के लिए अपने सीमा पर तैनात रहते हैं और अपने प्राणों की आहुति देने के लिए भी तैयार रहते हैं, ताकि देश के अंदर कोई भी दुश्मन घुस न सके और देश की सभी बहनें सुरक्षित और महफूज महसूस कर सकें।

खुशियां का यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को तो कायम करने का काम करता ही है, साथ ही सैनिकों के अंदर भी देश की सुरक्षा को लेकर जज्बा भरता है।

वहीं इन कविताओं के माध्यम से इस पर्व के मूल्यों को बेहद भावनात्मक तरीके से समझा जा सकता है, इसलिए इन कविताओं को पढ़े एवं इन्हें सोशल साइट्स पर शेयर कर दूसरों लोगों को भी प्रेरित करें।

राखी

हर सावन में आती राखी,
बहना से मिलवाती राखी…
चाँद सितारों की चमकीली,
कलाई को कर जाती राखी…
जो भूले से भी ना भूले,
मनभावन क्षण लाती राखी,
अटूट-प्रेम का भाव धागे से
हर घर में बिखराती राखी…
सारे जग की मूल्यवान
चीजों से बढकर भाती राखी…
सदा बहन की रक्षा करना,
भाई को बतलाती राखी…

रक्षाबंधन पर लिखीं गईं इस तरह की कविताओं के माध्यम से भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को उजागर करते हैं, जिससे उनके पवित्र रिश्ते की डोर को और अधिक मजबूत मिलती हैं।

रक्षाबंधन के त्योहार पर भाई की कलाई पर बांधी जाने वाली राखी सिर्फ एक रेश्म का धागा ही नहीं होती है, बल्कि बहन-भाई के अटूट प्यार का प्रतीक होती है, साथ ही समस्त जग के लिए बेहद मूल्यवान होती है।

इस दिन शादीशुदा बहनें इस राखी को अपने भाई को पोस्ट करती हैं या फिर अपने मायकें लेकर जाती हैं। इस रक्षासूत्र का बेहद महत्व होने की वजह से यह रेश्मी धागों से बनी राखियां ढेर सारी भावनाओं को अपने मन में समेटे हुए देश-विदेश में सफर करती हैं।

इन कविताओं में भी बहन-भाई के अनोखे रिश्ते की प्यार और तकरार समेत तमाम भावनाएं छिपी हुई हैं।

इन कविताओं में बेहद सुंदर ढंग से राखी के पर्व का महत्व और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के बारे में बताया गया है, इसलिए इन कविताओं को सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर करने से  हर भाई-बहनों द्धारा राखी के इस त्योहार को और भी ज्यादा खास बनाया जा  सकता है।

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिन पर सुविचार | Independence Day Quotes In Hindi

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Independence Day Quotes in Hindi

15 अगस्त का दिन हम सभी भारतीयों के लिए बेहद गौरवमयी दिन है, इसी दिन सन् 1947 में हम सभी भारतीय अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हुए थे। इसलिए इस दिन को हम सभी मिलकर स्वतंत्रता दिवस के रुप में आजादी का जश्न मनाते हैं।

इसके साथ ही यह पर्व अपने देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना और देश की एकता को बनाए रखने जैसे कर्तव्यों का बोध करवाता है। इस दिन देश के सभी नागरिक अपने स्वतंत्रता सेनानियों को सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित करते हैं और उन्हें नमन करते हैं।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में स्वतंत्रता दिवस पर कुछ ऐसे कोट्स, मैसेजेस, स्टेटस  उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर न सिर्फ आपके मन में राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना जागृत होगी, बल्कि अपने देश को बेहतर बनाने की प्रेरणा मिलेगी साथ ही यह कोट्स आपके अंदर एक नया जोश भर देंगे।

15 अगस्त – 15 August Independence Day एक ऐसा दिन जो हमें हमारी आज़ादी की याद दिलाता है, उन देशभक्तों की याद दिलाता है जिन्होंने इस देश के लिये अपना घर, अपना परिवार, अपनी जिंदगी, अपनी जान तक गवा दी। आप सभी को स्वतंत्रता दिन की शुभकामनाएं – Happy Independence Day

यहापर कुछ महान लोगों – Freedom Fighters के 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिन पर Suvichar और Slogans दे रहें है।

15 अगस्त स्वतंत्रता दिन पर सुविचार – 15 August Independence Day Quotes in Hindi

Happy Independence day Messages
Happy Independence day Messages

“देशभक्ति का मतलब सिर्फ ध्वज को लहराना नहीं हैं, बल्कि अपने देश को मजबूत और सशक्त बनाने में सहायता करना भी हैं।

“आओ झुक कर सलाम करे उनको… जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है; खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है! स्वतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!”

“उस धरती पे मैने जनम लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ…!!!”

Independence Day Quotes
Independence Day Quotes

“जहाँ स्वतंत्रता निवास करती है, वही मेरा देश है।” Benjamin Franklin

“आजाद भारत के लाल है हम, आज शहीदों को सलाम करते है, युवा देश की शान है हम, अखंड भारत का संकल्प करते है” स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।

“भारत माता तेरी गाथा सबसे ऊँची तेरी शान, तेरे आगे शीश झुकाएं दें तुझको हम सब प्रणाम!”

Quotes on Independence Day
Quotes on Independence Day

“आज़ादी एक उग्र खुराक है और यदि आप इसे अपनी युवावस्था में लेते हो, यह आपके दिमाग पर उसी तरह का प्रभाव डालेंगा जैसा की युवावस्था में शराब करती है। यह कोई मायने नही रखता की इसका स्वाद हमेशा आकर्षक हो। यह एक व्यसन है और एक खुराक लेने के बाद भी आपकी और लेने की इच्छा होंगी।” Maya Angelou

“लंदन देखा पेरिस देखा और देखा जापान, सरे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिन्दुस्तान..”

“ना पूछों ज़माने को की क्या हमारी कहानी हैं, हमारी पहचान तो बस यही हैं हम हिंदुस्तानी हैं!”

Independence day Slogan

स्वतंत्रता दिवस के दिन हर भारतीय खुद को बेहद गौरवशाली महसूस करता है कि उन्होंने ऐसे देश में जन्म लिया जिनके पूर्वजों ने उन्हें एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन देने के लिए अपनी पूरी जिंदगी कुर्बान कर दी और हंसते-हंसते अपने प्राणों की बाजी लगा दी।

भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलवाने के लिए हमारे देश की कई वीर सपूतों और स्वतंत्रता सेनानियों ने कई सालों तक लड़ाईयां लड़ीं एवं संघर्ष के उन भयावह और डरावने पलों को झेला जिनकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते। यही नहीं देश के कई शूरवीरों ने  आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों तक की आहुति तक दे दी।

स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व हम सभी भारतीयों को अपने इन वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और उनकी शहादत को याद दिलवाता है जिनकी बदौलत आज हम सुख-चैन से आजाद भारत में अपनी मनमर्जी से रह पा रहे हैं।

वहीं राष्ट्रीयता के इस पावन पर्व के दिन हम सभी भारतीय, देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और समर्पणों को याद करते हैं और उनकी शौर्यगाथा का बखान करते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी के अंदर अपने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सम्मान का भाव पैदा हो साथ ही राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत हो सके।

वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लिखे गए इस तरह के कोट्स के माध्यम से हर भारतीय को वतन के लिए मर मिटने वाले शहीदों के लिए अपनी भावना बेहतर तरीके से उजागर करने में मद्द मिलती है।

इसलिए इन कोट्स को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए ताकि आज की युवा पीढ़ी अपने भारत देश के विकास, उन्नति और बेहतरी के लिए मिलकर अपने कदम आगे बढ़ा सके और स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के महत्व को समझ सके।

Happy Independence Day
Happy Independence Day

“जिस प्रकार पानी की एक बूंद समंदर में मिलकर अपनी पहचान खो देता है उस प्रकार इंसान जिस सोसाइटी में रहता है उसमे रहते हुए अपनी पहचान कभी नही खोता। इंसान की जिंदगी स्वतंत्र है। वह केवल अपने समाज के विकास के लिये पैदा नही हुआ बल्कि खुद का विकास करने के लिये पैदा हुआ है।” B.R. Ambedkar

“दे सलामी इस तिरंगे को, जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!!”

“जिस दिन रास्ते पर तिरंगा बैचने वाले बच्चे न दिखे उस दिन सोचना हम आज़ाद हो गये!”

स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस

“आत्मनिर्भरता वाले इंसान की तरह परस्पर निर्भरता का होना भी बहुत जरुरी है। इंसान भी सामाजिक ही है।Mahatma Gandhi Quotes

“कुछ नशा तिंरगे की आन का है, कुछ नशा मातृभुमि की शान का है, फहरा देगे ये तिरंगा हर जगह, ये नशा हिंदुस्तान के सम्मान का है!”

“सारे जहासे अच्छा, हिंदुस्थान हमारा, आओं मिलके वादा करे, झेंडा ऊँचा रहे हमारा”

Swatantrata Diwas
Swatantrata Diwas

“यदि आज़ादी पाने के लिये पैसा ही आपका जरिया है तो आपको कभी आज़ादी मिल ही नही सकती। यदि इस दुनिया में इंसान के पास सबसे बेहतर सिक्यूरिटी यदि कोई है तो वह ज्ञान, अनुभव और क्षमता ही है।” Henry Ford

“आज़ादी का मतलब अंधी देशभक्ति और सिमित राष्ट्रप्रेम से नही है।”

“देशभक्ति मतलब सिर्फ ध्वज को लहराना नही है बल्कि अपने देश को मजबूत और सशक्त बनाने में सहायता करना भी है।”

Independence day Wishes

स्वतंत्रता दिवस का पर्व राष्ट्र प्रेम और सद्भाव का पर्व है, जिसे हम सभी भारतीय मिलकर पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस पर्व के दिन देश में हर तरफ देशभक्ति के नारे, राष्ट्र गीत, राष्ट्रगान के बोल गूंजायमन रहते हैं।

आजादी के पर्व के दिन पूरा भारतवर्ष देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है। वहीं सभी भारतीय देशभक्ति में डूबकर आजादी के पर्व का जश्न मनाते हैं।

आजादी-ए-जश्न के दिन लोग अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की शान बनाए रखने और राष्टीय एकता की शक्ति और अधिक मजबूत बनाने एवं इसकी अखंडता को बनाए रखना का संकल्प लेते हैं।

इसके साथ ही आप इन कोट्स, मैसेजेस, स्टेटस को सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि पर शेयर कर आजादी के इस पर्व की शुभकामनाएं दे सकते हैं और अपने भारत माता के सच्चे वीर सपूतों को श्रद्धांजली देकर उनको कुर्बानियों को याद कर सकते हैं। वहीं इन कोट्स के माध्यम से लोगों को अपने देश के प्रति कर्तव्यों को याद दिलवाने में मद्द मिलती है।

Happy Independence day Greetings
Happy Independence day Greetings

“यदि आप आज़ादी के आशीर्वाद का अनुभव लेना चाहते है तो आपको देशभक्तों की थकावट को महसूस करना होंगा और उनकी सहायता करनी होंगी।”

“हम इस नाज है, बुलंद हमारी आवाज है, आजाद देश के नागरिक हैं, हिंदुस्थान हमारी जान हैं!”

“जो लोग दूसरों को आजादी नहीं देते उन्हें ख़ुद भी इसका हक़ नहीं होता!”

15 अगस्त - स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस

“हम अपने सिर और दिल हमारे देश को दे सकते है! एक देश! एक भाषा! एक ध्वज!”

“आज़ाद होने का जोश कभी कम ना होने देंगे, जब भी ज़रूरत पड़ेगी तो देश के लिए जान लुटा देंगे! भारत हमारा देश है, अब दोबारा इस पर कभी कोई आंच ना आने देंगे!”

“आज़ादी ही देश के लिये जीने वकली जिंदगीयो की साँस है।” George Bernard Shaw

स्वतंत्रता दिवस सुविचार
स्वतंत्रता दिवस सुविचार

“आज़ादी कभी मुक्त नही की जा सकती या आज़ादी कभी मुफ्त में नही मिलती।”

“अलग हैं भाषा, धर्म जात और प्रान्त, भेष, परिवेश पर हम सब का हैं गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा हैं सबसे श्रेष्ठ”

“स्वतंत्रता हमारा जन्म-सिद्ध अध‍िकार है।” – लोकमान्य तिलक

स्वतंत्रता दिवस शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस शुभकामनाएं

“अपने देश की आज़ादी के लिये मर-मिटना हमारे खून में ही लिखा होता है। हमने बहुत से महान लोगो के बलिदान देकर इस आज़ादी को हासिल किया है और हमें अपनी ताकत के बाल पर ही इस आज़ादी को कायम रखना है।” – Subhash Chandra Bose Quotes

“चड़ गये जो हंसकर सूली, खाई जिन्होने सीने पर गोली, हम उनको प्रणाम करते हैं, जो मिट गये देश पर… हम उनको सलाम करते हैं…स्वतंत्र दिवस मुबारक हो!”

Swatantrata Diwas Shubhkamnaye
Swatantrata Diwas Shubhkamnaye

“असल में देखा जाये तो आज़ादी दी नही जाती बल्कि हासिल करनी पड़ती है।”

“हम से हैं ये वतन इस वतन से हैं हम, जान तक लूटा देंगें इसके लिए हम!”

More about Independence Day:

  1. 15 August Independence Day speech
  2. 15 August Independence Day essay
  3. Poem on Independence Day

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बक्सर का युद्ध – Buxar ka Yudh

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Buxar ka Yudh

बक्सर का युद्ध 23 अक्टूबर, 1764 ईसवी को बिहार के बलिया से कुछ किलोमीटर दूर बक्सर नामक जगह पर लड़ा गया था। यह ऐतिहासिक युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब मीरकासिम, मुगल बादशाह शाह आलम द्धितीय औौर अवध के नवाब शुजाउदौला की संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था।

बक्सर के युद्ध का ऐतिहासिक महत्व प्लासी के युद्ध से भी ज्यादा माना जाता है क्योंकि इस युद्ध के बाद ही अंग्रेजों की शक्ति और भारत में उनका प्रभुत्व और भी अधिक बढ़ गया था, वहीं कई इतिहासकार इस युद्ध को भारत की दासता का प्रमुख कारण मानते हैं, ऐसी दासता जिसे करीब 200 सालों की गुलामी सहने के बाद ही मिटाया जा सका।

पी.आई.रॉबर्ट का अनुसार –

“प्लासी की तुलना में बक्सर को भारत में अंग्रेजी प्रभुता की जन्मभूमि मानना कहीं ज्यादा उपयुक्त है।”

बक्सर का युद्ध – Buxar ka Yudh

Buxar ka Yudh

बक्सर के युद्ध का सारांश – Battle of Buxar summary

बक्सर का युद्ध कब हुआ 1764 ईसवी में।
बक्सर का युद्ध कहां हुआ

बिहार के बलिया जिले से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर

बक्सर नामक जगह पर यह युद्ध हुआ।

बक्सर का युद्ध किसके बीच हुआ

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (अंग्रेज) और बंगाल के नवाब मीर कासिम,

अवध के नबाब शुजाउदौला एवं मुगल बादशाह शाह आलम द्धितीय की

सुंयक्त सेना के बीच यह युद्ध लड़ा गया।

बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों की जीत से भारत की आर्थिक और राजनैतिक हालत पर बेहद बुरा असर पड़ा था और कई राज्यों की स्थिति बेहद खराब होती चली गई थी। बक्सर के इस ऐतिहासिक युद्ध के बाद बंगाल पर न सिर्फ पूरी तरह से अंग्रेजों का राज हो गया, बल्कि पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, बांग्लादेश, बिहार का राजस्व और दीवानी का अधिकार ब्रिटिश ईस्ट कंपनी के हाथों चला गया था।

प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों की जीत के बाद बनी बक्सर के युद्द की पृष्ठभूमि – Battle of Plassey and Buxar

1757 ईसवी में जब प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई, तब अंग्रेजों ने उस समय सबसे अमीर प्रांतों में से एक बंगाल पर अपना कब्जा जमाने के लिए मीरजाफर को वहां का शासक बनाया ताकि वह अंग्रेजों के इशारों पर काम कर सके और यानि कि वह बंगाल का नवाब कम ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का सिर्फ एक कठपुतली था, जो कि अंग्रेजों के आदेशानुसार ही अंग्रेजों के हित में राज्य के लिए सारे फैसले लेता था, और अंग्रेजों पर खूब धन लुटाता था।

वहीं काफी समय तक ऐसा करने से उसका राजकोष खत्म होने की कगार पर पहुंच गया, लगान वसूली में गिरावट आने लगी। ब्रिटिश ईस्ट कंपनी के कर्मचारी व्यापारी नीतियों का जमकर दुरुपयोग करने लगे, विदेशी व्यापारियों द्धारा कर भरना समाप्त हो गया।

इस दौरान अंग्रेजों ने सिर्फ अपने फायदे की ही नीतियां बनाई थी, जिससे बंगाल का आर्थिक रुप से पतन हो रहा था, वहीं इन सबके बाबजूद भी जब अंग्रेजों की धन पिपासा शांत नहीं हुई तब उन्होंने मीरजाफर को बंगाल के नबाब की गद्दी से निस्काषित कर दिया और उसकी जगह मीरकासिम को गद्दी पर बिठा दिया।

वहीं जब मीरकासिम ने गद्दी संभाली तब बंगाल की आर्थित स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी। वहीं अंग्रेजों से हुई संधि के मुताबिक उसे भी कुछ पैसा पेंशन के रुप में अंग्रेजों को देना पड़ता था।

बक्सर के युद्ध के प्रमुख कारण – Battle of Buxar Causes

• मीरकासिम द्धारा व्यापारिक नीतियों में बदलाव कर बंगाल की स्थिति में सुधार लाने के प्रयास करना:

बंगाल के नबाब मीर कासिम ने जब अपने राज्य बंगाल को आर्थिक रुप से खोखला होते देखा और इसे बात का पता चला कि अंग्रेज विदेशी व्यापारिक नीति का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं और सामुद्रिक व्यापार में चुंगी देने की व्यवस्था का बुरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं एवं मीरकासिम के शासनकाल में अंग्रेजों का हस्तक्षेप बंगाल की आंतरिक नीतियों में भी इतना बढ़ गया था कि भारतीय व्यापारियों के द्धारा राज्य के नवाब को होने वाला फायदा भी अंग्रेजों की जेब में चला जाता था।

जिसके बाद बंगाल के नबाव मीर कासिम ने इस दिशा में उचित कदम उठाए और ऱाज्य का खाली राजकोष को फिर से भरने की कोशिश की और बागी सेना और विरोध कर रहे जमींदारों से उचित समझाइश की। इसके बाद धीरे-धीरे राज्य की स्थिति में सुधार होने लगा।

मीरकासिम ने अपनी कुशल नीतियों से बकाया लागत भी वसूल ली और ब्रिटिश ईस्ट कंपनी की सभी मांगे पूरी कर दी। वहीं अपनी राज्य की सेना को अंग्रेजो के कुप्रभावों से बचाने के लिए उसने मुंगेर भेज दिया।

इसके साथ ही उसने एक कुशल प्रशासक की तरह व्यापारिक नीतियों को पहले की तरह लागू कर दिए। इसके साथ ही अंग्रेजों द्धारा चुंगी का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए उसने व्यापार से सभी आंतरिक कर हटा दिया, जिसका फायदा भारतीय व्यापारियों को भी हुआ और उसके राज्य की स्थिति में सुधार होने लगा।

• मीरकासिम की नीतियों से रुष्ट हुए अंग्रेज:

मीरकासिम के द्धारा राज्य की नीतियों में बदलाव करने के फैसलों से ब्रिटिश ईस्ट कंपनी का गुस्सा फूट पड़ा और उनसे इसे अपने विशेषाधिकार और नैतिक अधिकार और मूल्यों का हनन मानकर युद्ध की घोषणा कर दी।

वहीं युद्ध की स्थिति इसलिए भी बन रही थी, क्योंकि बंगाल के नबाब और अंग्रेज दोनों ही अपना-अपना फायदे की नीति अपना रहे थे, वहीं ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल पर ऐसे नवाब चाहिए था, जो कि उनके इशारों पर एक कठपुतली की तरह नाच सके, लेकिन इसके उलट मीरकासिम प्रजा और राज्य की भलाई के बारे में सोचने वाले एक योग्य और कुशल प्रशासक था। वहीं मीरकासिम के कुछ इस तरह के फैसलों की वजह से बक्सर के युद्ध की शुरुआत हुई।

हालांकि, बक्सर के युद्द से पहले मीरकासिम अंग्रेजों से उद्यौनला, करवा और गिरिया की लड़ाइयों में हार चुका था। जिसके बाद वह अंग्रजों से अपनी जान बचाते-बचाते अवध आ गए था।

बक्सर के युद्ध की शुरुआत – Battle of Buxar Start Date

मीरकासिम को मिला अवध के नवाब शुजाउदौला और मुगल सम्राट शाहआलम का साथ:

प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों की जीत के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया का प्रभुत्व काफी बढ़ गया था, वहीं कई लड़ाईयों में पराजय के बाद मीरकासिम ने उसे अवध के नवाब शुजाउदौला जो कि उस समय का सबसे शक्तिशाली राजाओं में एक माना जाते था, उनसे सहायता मांगी।

आपको बता दें कि उस दौरान मुगल सम्राट शाह आलमद्धितीय, अवध के नवाब का प्रधानमंत्री था। जिसके बाद अवध के नवाब अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई करने के फैसले में कुछ धन और बिहार के बदले मीरकासिम का साथ देने को तैयार हो गया, इसके साथ ही मुगल सम्राट भी इस लड़ाई में साथ देने के लिए मीरकासिम के साथ आ गए।

फिर बाद में इन तीनों की सुंयक्त सेना ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के विरुद्ध योजना बनाई और बंगाल से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए उनके खिलाफ सन 1764 में युद्ध की घोषणा कर दी।

बक्सर के युद्ध में मीरकासिम के खिलाफ अंग्रेजों का षड़यंत्र:

मीकासिम की सुयंक्त सेना के कुछ सैनिकों ने उनके साथ की गद्दारी:

अंग्रजों को बंगाल से खदेड़ने के लिए बंगाल के नवाब मीरकासिम, मुगल सम्राट शाहआलम और अवध के नवाब शुजाउदौला पहले पटना पहुंचे। वहीं जब अंग्रेजों ने तीनों की संयुक्त सेना को देखा, तब अंग्रजी सेना के प्रधान के होश फाख्ते हो गए। हालांकि, इसके बाद उसने अपनी सेना को निर्देश दिए और फिर पटना की घेराबंदी कर दी गई, लेकिन अवध के नवाब की सेना में ‘साहूमल’ (रोहतास का सूबेदार), असद ख़ाँ’ और जैनुल अबादीन विश्वासघाती थे, जो कि अंग्रेजों के साथ मिले हुए थे।

अंग्रेजों ने पहले ही इन्हें कुछ लालच देकर खरीद लिया था, जिसके चलते ये तीनों विश्वासघाती सैनिक शुजाउदौला की सारी जानकारी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तक पहुंचाते थे। सैनिकों की विश्वासघात की वजह से पटना की घेराबंदी में वे सफल नहीं हुए।

इस दौरान अंग्रेजी सेना के नेतृत्व के लिए उनके कुशल सेनापति ‘कैप्टन मुनरो’ को नियुक्त किया गया था। जिसे यह डर था कि मीरकासिम, शुजाउदौला और शाहआलम तीनों की संयुक्त सेना को अगर उस दौरान मराठों और सिक्खों का साथ मिल गया तो उसकी हार होगी, इसलिए कैप्टन मुनरो ने जल्द ही युद्ध करने का फैसला लिया।

वहीं दूसरी तरह अवध के नवाब के सेना में विश्वासघातियों के साथ की वजह से उसके लिए यह युद्ध लड़ना आसान हो गया। इसके बाद 23 अक्टूबर, 1764 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मीरकासिम, शुजाउदौला और शाहआलम तीनों की संयुक्त सेना बिहार में बलिया से करीब 40 किमी. की दूरी पर ‘बक्सर’ नामक स्थान पर आमने-सामने हुईं और बक्सर के युद्ध हुआ। यह युद्ध महज 3 घंटे ही चल सका, जिसमें अंग्रेजों की जीत हुई।

छल-कपट से हुई अंग्रेजों की जीत:

इस युद्ध के दौरान शुजाऊदौला के सैनिकों की गद्दारी और मीर कासिम, शुजाउदौला और शाहआलम के कमजोर गठजोड़ की वजह से इस युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई।

दरअसल, मीरकासिम और शाहआलम के पास कोई अपनी कोई सेना नहीं थी, जिसके चलते अवध के नवाब शुजाउदौला ने इस युद्ध के लिए सैनिकों को तैयार करने के लिए उन पर रोजाना होने वाले खर्च के लिए करीब 11 लाख रुपए की मांग की, वहीं मीरकासिम के द्धारा इस मांग को पूरी नहीं कर पाने की वजह से शुजाउदौला ने मीरकासिम की सारी संपत्ति पर जबरन कब्जा जमा लिया और वह खुद बिहार की राजगद्दी पर बैठना चाहता था। जिसके चलते दोनों के रिश्तों में आपस में कड़वाहट पैदा हो गई थी।

वहीं दूसरी तरफ मुगल बादशाह शाहआलम के पास भी खुद की सेना नहीं थी, और वो दिल्ली की गद्दी पर बैठना चाहता था, वहीं अंग्रेजों की सहायता मिलने का आश्वासन पाकर वो इस युद्ध को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं था। ऐसी परिस्थिति में यह युद्ध सिर्फ 3 घंटे ही चल सका और इस युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई।

इस तरह मीरकासिम के कमजोर गठबंधन, शाहआलम की गद्दारी, कुछ विश्वासघाती सैनिक एवं सैनिकों की युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं होने का फायदा अंग्रेजो को मिला और अंतत: छल, कपट की बदौलत बक्सर के युद्ध में भी अंग्रेजों की जीत हुई और अंग्रेजों का प्रभुत्व भारत में और ज्यादा बढ़ गया।

युद्ध के घातक परिणाम – Results of Battle of Buxar

बक्सर के युद्ध में हार मिलने के बाद मुगल सम्राट शाहआलम जो पहले ही अंग्रेजों से मिला हुआ था, अंग्रेजों से संधि कर उनकी शरण में जा पहुंचा। वहीं अवध के नवाब शुजाउदौला और अंग्रेजों के बीच कुछ दिन तक लड़ाईयां हुईं लेकिन लगातार परास्त होने की वजह से शुजाउदौला को भी अंग्रजों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा अंग्रेजों के साथ संधि करनी पड़ी।

वहीं इलाहाबाद की संधि के बाद जहां मुगल बादशाह शाहआलम को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को उड़ीसा, बिहार, बंगाल का राजस्व और दीवानी कंपनी के हाथों के हाथों सौंपना पड़ा। वहीं अवध के नवाब शुजाउदौला को भी अंग्रेजों से हुई संधि के मुताबिक करीब 60 लाख रुपए की रकम इस युद्ध में हुए नुकसान के रुप में अंग्रजों को देनी पड़ी।

इलाहाबाद का किला और कड़ा का क्षेत्र छोड़ना पड़ा। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने मीरजाफर की मृत्यु के बाद उसके पुत्र नज्मुदौला को बंगाल का नवाब बना दिया। इसके अलावा गाजीपुर और पड़ोस का क्षेत्र अंग्रेजों को देना पड़ा। वहीं बक्सर के युद्ध में हार के बाद किसी तरह जान बचाते हुए मीरकासिम भागने में कामयाब रहा लेकिन बंगाल से अंग्रेजों का शासन खत्म करने का सपना उसका पूरा नहीं हो पाया।

वहीं इसके बाद वह दिल्ली चला गया और यहीं पर उसने अपना बाकी का जीवन बेहद कठिनाइयों के साथ गुजारा। वहीं 1777 ईसवी के आसपास उसकी दिल्ली के पास ही मृत्यु हो गई। हालांकि उसकी मृत्यु के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। कुलमिलाकर बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रजों की शक्ति और भी अधिक बढ़ गई, जिसका दुष्परिणाम भारत की राजनीति पर पड़ा।

ज्यादातर राज्यों के शासक अंग्रेजों पर निर्भर रहने लगे और धीमे-धीमे भारत का सामाजिक, नैतिक, राजनैतिक और आर्थिक मूल्यों का पतन होने लगा और अंतत: अंग्रेज पूरी तरह से भारत को जीतने में सफल होते चले गए और फिर भारत गुलामी की बेडियों में बंध गया और अंग्रेजों के अमानवीय अत्याचारों का शिकार हुआ।

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पाइथागोरस की जीवनी और इतिहास | Pythagoras Biography in Hindi

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Pythagoras Biography in Hindi

पाइथागोरस एक प्रसिद्द गणितज्ञ होने के साथ-साथ एक महान दार्शनिक भी थे। गणित के क्षेत्र में पाइथोगोरस की मशहूर प्रमेय की खोज के लिए इनकी प्रसिद्धि पूरे विश्व में फैली हुई है, उनकी यह प्रमेय गणित पढ़ने वाले हर विद्यार्थी को जरूर पढ़नी पड़ती है।

पाइथागोरस के बारे सबसे दिलचस्प बात यह है कि, इन्होंने, गणित की सारी गणनाएं बिना हाथ से एक शब्द लिखे मौखिक ही की थी। पाइथोरस बहुमुखी प्रतिभा वाले महान व्यक्तित्व थे, जिनका अनुसरण प्लेटो, अरस्तु, सुकरात और लगभग पूरी दुनिया जीतने वाले सिकंदर ने भी किया था।

तो चलिए जानते हैं, गणित की दुनिया के इस सबसे महान व्यक्तित्व पाइथागोरस के बारे में – Pythagoras

महान गणतिज्ञ पाइथागोरस का जीवन परिचय – Pythagoras Biography in Hindi

पूरा नाम (Name) पाइथागोरस (Pythagoras)
जन्म (Birthday) 571 BC, सामोस, यूनान
पिता (Father Name) मनेसार्चस (Mnesarchus)
माता (Mother Name) पयिथिअस (Pythais)
पत्नी का नाम (Wife Name) थेनो(Theano)
बच्चे (Children) मयिया, डामो, टेलिगास और अरिग्रोत
मृत्यु (Death) 570 ईसा पूर्व, पेतापोंतम

पाइथागोरस का जन्म एवं शुरुआती जीवन – Pythagoras Information in Hindi

गणित के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इस महान गणितज्ञ पाइथागोरस का जन्म करीब 570 ईसा पूर्व में पूर्वी एजियन के एक यूनानी द्धीप सामोस  में एक व्यापारी के घर में हुआ था। उनकी मां पयिथिअस, एक घरेलू महिला थी, जबकि उनके पिता बिजनेसमैन थे। पाइथागोरस शुरु से ही अपने पिता के साथ बिजनेस टूर पर जाते रहते थे। 

वहीं इस दौरान उन्होंने न सिर्फ मिस्त्र के कुछ पुजारियों के साथ वक्त बिताया बल्कि उन्होंने सीरिया और इटली के कुछ प्रसिद्ध विद्धानों से शिक्षा भी ग्रहण की। पाइथागोरस अपनी यात्राओं के दौरान अलग-अलग देशों के विद्धानों से शिक्षा ग्रहण करते थे और इसी दौरान उन्होंने ज्यामितीय के सिद्धान्तों का अध्ययन भी किया था।

पाइथागोरस ने सीरिया के विद्धानों से महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान प्राप्त करने के अलावा शल्डिया के विद्धानों को भी अपना गुरु बनाया और महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान प्राप्त किया। आपको बता दें कि पाइथागोरस को शुरु से ही पढ़ने -लिखने में बेहद रुचि थी इसलिए हर समय वे ज्ञान अर्जित करने में लगे रहते थे, उन्होंने दर्शनशास्त्र की शिक्षा अपने सबसे पहले शिक्षक फेरेसायडस से ली थी।

ऐसे बढ़ी गणित और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति पाइथागोरस की रुचि – Pythagoras History

पाइथागोरस की मिल्ट्स की यात्रा काफी यादगार रही, क्योंकि इस दौरान वे गणित और अंतरिक्ष विज्ञान के महान विद्धान थेल्स से मिले थे। थेल्स से मिलने के बाद ही उनके अंदर गणित और अंतरिक्ष विज्ञान (Meteorology) को पढ़ने को लेकर रुचि बढ़ी। वहीं उस दौरान थेल्स अपने उम्र के आखिरी पड़ाव में थे, जिसके चलते वे उस हालत में नहीं थे कि पाइथागोरस को अपना शिष्य बना सके और उनकी जिज्ञासाओं को बुझा सकें।

हालांकि, बाद में अपनी ज्ञान पिपासा को शांत करने के लिए पाइथागोरस ने थेल्स के सबसे होश्यार शिष्य और गणित के विद्धान अनेक्जिमेंडर से गणित की शिक्षा ली और यहीं से अपने ज्यामितीय और अंतरिक्षीय सिद्धांन्तों को विकसित किया एवं तब से ही उन्होंने गणित की सबसे मशूहर और प्रमुख प्रमेयों में से एक पाइथागोरस प्रमेय की खोज करनी भी शुरु कर दी थी।

ज्यामितीय की प्रमेयों के लिए उत्पत्ति प्रणाली की नींव डालने का क्रेडिट भी पाइथागोरस को दिया जाता है। गणित की दुनिया के महान अविष्कारक पाइथागोरस ने यह भी सिद्द किया कि ”किसी त्रिभुज के तीनों अंत: कोणों का योग दो समकोण के बराबर होता है।”

करीब 535 ईसापूर्व के दौरान पाइथागोरस मिस्त्र में चले गए जहां उन्होंने कई सालों तक हेलिपोलिस के एक पुजारी से शिक्षा ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने वहां संगीत और गणित के बीच संबंध स्थापित करने का भी प्रयास किया। पाइथागोरस ने 50 साल की उम्र तक गणित और अंतरिक्ष विज्ञान का काफी ज्ञान अर्जित कर लिया था, और अब वे अपने इस ज्ञान का विस्तार करना चाहते थे, जो कि किसी पाठशाला के माध्यम से ही संभव था, इसलिए वे स्कूल खोलकर अपने ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों में बांटना चाहते थे।

लेकिन उस दौरान सामोस में क्रूर शासक के बढ़ते अत्याचारों से पाइथागोरस काफी परेशान हो चुके थे जिसके चलते उन्होंने सामोस राज्य को छोड़ना का फैसला लिया और इसके बाद वे इटली में जाकर बस गए थे।

पाइथागोरस ने धर्म व दर्शन से जुड़े स्कूल और धार्मिक पंथ की शुरुआत की – Pythagoras School

महान गणितज्ञ पाइथागोरस ने इटली के क्रोटोन नामक जगह पर एक  सेमीसर्कल नाम के स्कूल की शुरुआत की। वहीं उस समय तक पाइथागोरस गणित के एक महान विद्धान के तौर पर मशहूर हो गए थे, जिसके चलते उनके स्कूल में कई विद्यार्थियों ने दाखिला लिया, इस स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ संगीत की शिक्षा भी छात्रों को दी जाती थी। पाइथागोरस के इस स्कूल में प्रमुख रुप से संगीत, ज्यामितीय, अंकगणित, और विज्ञान के साथ-साथ यूनानी दर्शन की शिक्षा भी दी जाती थी।

पाइथागोरस ने गुप्त धार्मिक पंथ की स्थापना कर वहां के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में सुधार लाने के काफी प्रयास किए थे। पाइथागोरस लोगों को अनुशासित, सदाचारी और सादा जीवन जीने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते थे। पाइथागोरस ने ऊं के सिद्धांत पर भी गंभीरता से कार्य किया था।

वहीं पाइथागोरस के विचारों से प्रभावित होकर कई लोग उनके धार्मिक पंथ में शामिल हो गए और उनके अनुयायी बन गए थे। पाइथागोरस के अनुयायियों के ग्रुप को ”पैथोगोरियंस” के नाम से जाना जाता था। जबकि केन्द्र में जो लोग काम करते थे उन्हें ”मेथमेत्कोई” कहा जाता था।

पाइथागोरस के धार्मिक केन्द्र के बेहद सख्त नियम थे:

पाइथागोरस के धार्मिक केन्द्र के रुल्स बेहद सख्त थे, जिनका इन अनुयायियों को सख्ती के साथ पालन करना पड़ता था। इस स्कूल के अंदर रहने वाले लोग सिर्फ शाकाहारी खाना ही खा सकते थे, उनकी कोई प्राइवेट संपत्ति भी नहीं होती थी, जबकि इस केन्द्र के आसपास रह रहे छात्र जो सिर्फ केन्द्र में पढ़ाई के लिए आते थे, उन्हें अपने घर में खाने की छूट थी, ऐसे छात्र अकउस्मेतिकोई कहलाते थे।

वहीं दुनिया के इस महान गणितज्ञ पाइथागोरस के धार्मिक स्कूल के अंदर रहने वाले लोगों का नाम दुनिया के पहले संयासी के रुप में इतिहास में भी उल्लेखित है।

धार्मिक पंथ में भेदभाव की वजह से बने दो अलग-अलग ग्रुप:

महान गणितज्ञ पाइथागोरस ने अपने धार्मिक मठ में शांति बनाए रखने के लिए एकेमैथिया नियम लागू किया था, इस सख्त नियम का पालन नहीं करने वालों को मौत की सजा का प्रावधान था। यही नहीं इतिहास में ऐसी व्याख्या की गई है कि उनके धार्मिक पंथ में अनुयायियों के साथ भेदभाव किया जाता था, मठ के वे शिष्य जो सिर्फ अध्ययन करने के लिए आते थे, उन्हें पाइथागोरस को देखने  तक की अनुमति नहीं थी और ना ही उन्हें  पंथ के गुप्त रहस्यों के बारे में बताया जाता था।

धार्मिक पंथ में इस तरह के भेदभाव से शिष्यों के बीच ईर्ष्या की भावना पैदा हो गई थी और बाद में मठ के अंदर रहने वाले और बाहर से आने वाले विद्यार्थियों दोनों का ग्रुप अलग-अलग हो गया।

पाइथागोरस का विवाह, बच्चे एवं निजी जीवन – Pythagoras Marriage, Children and Personal Life

दुनिया के इस महान गणितज्ञ पाइथागोरस की शादी थेनो नाम की एक दार्शनिक महिला से हुई थी, जिन्होंने गणित, चिकित्सा विज्ञान, बाल विज्ञान और भौतिक विज्ञान पर कई किताबें भी लिखीं थी। इनसे पाइथागोरस के तीन बेटियां और एक बेटा भी था।

हालांकि, पाइथागोरस के बच्चों की संख्या को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत भी हैं। वहीं इतिहास में ऐसा भी उल्लेखित है कि जब पाइथागोरस के धार्मिक पंथ में दो अलग-अलग गुटों में बंट गए थे, तब उनमें से एक गुट का नेतृत्व उनकी पत्नी थेनो और उनकी बेटियों ने किया था।

”पाइथागोरस प्रमेय” से मिली  पहचान  – Pythagorean Theorem

पाइथागोरस, मुख्य रुप में अपनी ‘पाइथागोरस की प्रमेय’ के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। पाइथागोरस प्रमेय यह सिद्ध करती है कि- ”किसी समकोण त्रिभुज में कर्क पर बना वर्ग शेष दो भुजाओं पर बन वर्गो के योग के बराबर होता है।”

हालांकि, उनकी इस प्रमेय के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इस प्रमेय को काफी पहले बेबिलोनियंस द्धारा भी सिद्ध किया जा चुका है। इसके अलावा पाइथागोरस ने संख्याओं के सिद्धांत को भी स्पष्ट किया, उनका मानना था कि संख्याओं के क्रम पर ही जीवन आधारित है।

जीवन के आखिरी पड़ाव में झेलनी पड़ी थी कड़ी आलोचना:

आपको बता दें कि पैथोगोरियंस पंथ में बनाए गए सख्त नियमों की कड़ी आलोचना भी की गई थी। रुढ़िवादी विचारों और अंधविश्वास के चलते पाइथागोरस को अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में  काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

दरअसल, समाज का एक तबका उनसे बेहद नफरत करने लगा था, जिसकी वजह से उन्हें कई बार बहुत अपमानित भी होना पड़ा था और बाद में उन्हें  देश से बाहर भी निकाल दिया गया था।

परलोक सिधार गए महान गणितज्ञ पाइथागोरस – Pythagoras Death

करीब 85 से 90 साल की आयु में इटली के मेटापोंटम में उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि उनके मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। दुनिया के इस महान गणितज्ञ पाइथागोरस की मौत के कई सालों बाद रोम के सीनेट में एक बहुत बड़ी मूर्ति बनवाई गई और इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ और महानतम विद्धान के रुप में सम्मानित किया गया।

पाइथागोरस को गणित की प्रमुख ज्यामितीय खोज ”पाइथागोरस प्रमेय” को सिद्ध करने के लिए एक महान गणितज्ञ के रुप में दुनिया भर में आज भी याद किया जाता है, वहीं आज भी गणित का हर विद्यार्थी ”पाइथागोरस प्रमेय” का अध्ययन करता है।

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Slogans on child labour –बाल मजदूरी को रोको

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Child labour quotes and slogans in Hindi

क्या आपने कभी उन बच्चों के बारे में सोचा है, जो दर्द, बेबसी, और लाचारियत की जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं और उनके आंसूओं से न सिर्फ उनके बेहतर कल के सपने सूख गए हैं बल्कि, इसे ही वे अपनी तकदीर समझ बैठे हैं और अपनी बचपन को खुलकर जीना तो दूर उन्होंने अपने जीने की आस तक छोड़ दी है।

जी हां हम आपसे बाल मजदूरी का बोझ ढो रहे उन बच्चों की बात कर रहे हैं जो गरीबी में अपना पेट पालने के लिए और अपने माता-पिता के दबाव के चलते कई होटल, रेस्टोरेंट में झूठे बर्तन साफ करने को मजबूर हैं, तो गैराज में गाड़ी के शीशे आदि साफ कर रहे हैं, साथ ही कई बच्चे ऐसे हैं जो अपने मासूम कंधों पर अपने भार से भी अधिक सामान ढो रहे हैं या फिर कई अन्य कामों में लगे हुए हैं, जिससे न सिर्फ उनका आज यानि की बचपन चौपट हो रहा है, बल्कि आने वाला भविष्य भी संकट मे हैं।

कहते है की बच्चें भगवान का रूप होते हैं। लेकिन बच्चों से बाल मजदूरी मतलब भगवान का बहुत बड़ा अपमान होता हैं। Child Labour – बाल मजदूरी समाज पर लगा एक कलंक जो समाज के हर व्यक्ति के इसके विरोध में आगे आने से दूर हो सकता हैं। इस दिन को हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के रूप में मनाते हैं। आज हम अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर कुछ सर्वश्रेष्ठ स्लोगन – Slogans on Child Labour पढेंगे।

बाल मजदूरी स्लोगन – Child labour slogans in Hindi

बाल मजदूरी पर नारे

“माता पिता दुश्मन बन जाते हैं, जब वो नन्हे हाथो से काम करवाते हैं!

बच्चे होते हैं भगवान रुप, इनसे मजदूरी करवाना नहीं अनुरूप!!

slogans on child labour in hindi language

“बाल व्यापार की रोक थाम, हम सब मिल करे ये काम!

माना मेहनत श्रम जीवन में आवश्यक, लेकिन शिक्षा का है अपना महत्त्व!!

Bal Adhikar par Slogan

“बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं!

बाल व्यापार को हमें रोकना हैं, सब मिलकर ये काम करना हैं!

child labour

“पढाई हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं और हम इसे लेकर रहेंगे!

नन्हें नन्हें हाथों को काम नहीं क़िताब दो!!

Child labor

“ये बिल्कुल मत भूलो कि बाल मजदूरी ना सिर्फ बच्चों का जीवन खराब करता है, बल्कि भारत की छवी भी धूमिल करता है।

बच्चों से मजदूरी कराना बंद करें और उनके पढ़ाई पर अब ध्यान धरें!!

Child labor

“आओ चलो सब मिलकर एक अच्छा काम करें, एक बच्चे को बाल मजदूरी से हटाए।

छोड़ो बच्चों मज़दूरी और श्रम, शिक्षा ग्रहण करने का हैं क्षण!!

Child labor

“शिक्षा से बाल मजदूरी को बिल्कुल दूर भगाएं, और अपने देश को अंधकार से बचाएं।

हो सके तो किसी गरीब बालक को शिक्षा, ताकि धन के अभाव में वह मजदूरी पर न जाए!!

Child labor

“आजाद देश की सिर्फ एक ही पुकार, बच्चों को भी बाल श्रम से आजादी दिलाओ।

बाल मजदूरी जरूरी होगा रोकना तभी कर सकेंगे विकसित राष्ट्र की कल्पना!!

child labour in hindi poster

“बाल मजदूरी को दूर करेंगें, अनाथ बच्चों को सहारा बनेंगे!!

बच्चे तो देश को आगे ले जायेंगें, यदि उन्हें मजदूरी पर ना लगाएंगे!!

More Slogans on Child Labour

बाल मजदूरी पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है और हर व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे लाखों बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।

इसलिए आज हम आपके लिए बाल मजदूरी को रोकने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अपने इस पोस्ट में कुछ ऐसे स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपको भी बाल मजदूरी का शिकार हो रहे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपने कदम तो आगे बढ़ाने में मद्द मिलेगी।

इसके साथ ही अगर आप इन स्लोगन से प्रेरित होकर इन्हें अपने सोशल साइट्स पर शेयर करेंगे तो होटल मालिकों समेत तमाम अन्य लोग भी बाल मजदूरी के प्रति जागृत हो सकेंगे, जिससे तमाम बच्चों का भविष्य संवर सकेगा और हमारा  देश उन्नति के पथ पर आगे बढ़ेगा।

Child labor

“जो बच्चों से मजदूरी कराएगा, वह कभी नहीं सुखी रह पाएगा।

मत करवाओ बच्चों से इतनी कमाई, अब इन्हें करनी है सिर्फ़ पढाई!!

Bal Majduri Par Nare – Stop child labour quotes

बाल मजदूरी ने मासूम बच्चों की मुस्कराहट का पूरी तरह गला घोंट दिया है। दरअसल, इन बच्चों पर दुकान मालिकों या फिर होटल मालिकों द्धारा दवाब डालकर जबरन 15 से 20 घंटे काम करवाया जाता है, जिससे इन मासूमों का न सिर्फ शारीरिक विकास रुक जाता है बल्कि वे मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रुप से भी विकास भी नहीं कर पाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें अपनी पूरी जिंदगी भुगतना पड़ता है।

वहीं बाल मजदूरी की समस्या अब आम हो चुकी है, अपने देश में जगह-जगह पर आपको 12-14 साल से कम उम्र के बच्चे होटल या फिर चाय की दुकानों में बड़ी जिम्मेदारियों के बोझ ढोते दिख जाएंगे।

वहीं बाल मजदूरी भारतीय संस्कृति की छवि को तो धूमिल कर ही रही है, साथ ही देश के आर्थिक विकास में भी बाधा डाल रही है। वहीं अगर वक्त रहते बाल मजदूरी के बोझ तले दब रहीं लाखों जिंदगियों का नहीं बचाईं गईं तो आने वाले समय में इसका भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

Child Labour Slogans GIF

“हम सबने अब यह हैं ठाना, बाल मजदूरी को जड़ से मिटाना!

बच्चों का जीवन नष्ट न करें इसलियें बाल श्रम को ख़त्म करें!!

Stop Child Labour in Hindi

“अभी करनी हैं हमें पढाई, मत करवाओ हमसे कमाई!

बाल अधिकारों के बिना भारत की उन्नति है अपूर्ण, बाल मजदूरी को रोककर करो इसे परिपूर्ण।

More Image Poster Child Labour

Child labor

“बाल मजदूरी लेने की ना करना तुम भूल, क्योंकि यह कार्य नही है राष्ट्रहित के बिल्कुल अनुकूल।

देश में तरक्की का नया अध्याय अब लिखना है, बाल मजदूरी की समस्या से साथ सबको साथ मिलकर लड़ना है।

Child labor

“बचपन की किलकारी, क्यों रोती है बेचारी!

जीवन में आगे बढ़ना हैं तो हमें ज्ञानवान और सक्षम बनना हैं!!

Child labor

“बाल मजदूरी की बेड़ियों को अब तुम काट डालों, और बच्चों को कराओ पूरी तरह से आजाद।

बच्चों से मत बाल श्रम करवाओं, नन्हें हाथों का ना दुःख पहुचाओं!!

Child labor

“मजदूरी के चंद रुपयों ने छीन लिया है बचपन का प्यार।

हर शोषित बालक भारत के भविष्य के डोर की एक कमजोर कड़ी हैं!!

Child Labour Quotes in Hindi

“अभी तो हमको करनी हैं पढाई, मत करवाओ हमसे कसरत और कमाई!

बचपन छीन लिया बाल मजदूरी ने, अब तो बाल मजदूरी हटाओ।

Child labor

“बाल मजदूरी को जड़ से हटाओ, और बालकों का करो उत्थान।

हम सबने मिलकर यह ठाना है, बाल मजदूरी को देश से मिटाना है।

Child labor

“बाल श्रम पर सब मिलकर प्रतिबंध लगाओ, और अपने बच्चों का जीवन बचाओ।

आओं हम सब मिलकर बाल मजदूरी को जड़ से मिटायें, पैसों के लिए बच्चों को न सतायेंगे!!

Child labor

“अच्छे मां बाप वही, जो बच्चों को पढ़ाए और मजदूरी को अपने देश से भगाए।

हर किसी को जगाना है, बाल मजदूरी को जड़ से मिटाना है!!

Child labor

“बाल मजदूरी को रोके बिना भारत की तरक्की असंभव है।

मजदूरी छोड़ शिक्षा का करना होगा विचार तभी होगा यह सपना साकार!!

Child labor

“गांव-गांव शहर-शहर सिर्फ अब एक ही नारा, बच्चों को मजदूरी से बचाओ।

बाल मजदूरी को रोकने के लिए हम सबको एक साथ मिलकर करनी पूरजोर प्रयास, तभी होगा देश का पूरा विकास।

Child labor

“जब देश के लोग मिलकर साथ आएंगे, तभी हम बाल मजदूरी पर काबू कर पाएंगे।

बच्चों में होते हैं भगवान, मजदूरी से होगा उनका अपमान!!

Child labor

“बच्चे हैं हमारे देश की शान, मत बेचों इन्हें मजदूरी के हाथ।

बच्चों को मजदूरी से बचाइए, इसके लिए हर इंसान ने आगे आइये!!

“मजबूरी चाहे कितनी भी हों, लेकिन बच्चों से कभी मजदूरी न करवाएं।

बचपन है एक अनमोल खज़ाना, बच्चों से मजदूरी करवाके इसे मत गवाना!!

Child labor

“बाल मजदूरी है एक महा भूल, यह है हर समस्या का मूल।

बाल मजदूरी हैं अभिशाप, नन्हें बालको से मजदूरी करवाना हैं महापाप!!

Child labor

“बच्चों को शिक्षित करने का सब मिलकर करो कार्य, बाल मजदूरी को ना करो आप बिल्कुल स्वीकार्य।

बच्चों से मत काम करवाओं, उनके नन्हें हाथों को दुःख ना पहुँचाओ!!

Child labor

“बाल मजदूरी को खत्म करने पर लगाओ सब मिलकर जोर, ताकि देश में तरक्की हो हर ओर।

बच्चों को पढाके बनाएं जबरदस्त क्योकि बच्चे हैं देश का भविष्य!!

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राजस्थान के दर्शनीय स्थल | Rajasthan tourism

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Rajasthan Tourism Places in Hindi

भारत का गौरवशाली इतिहास अगर आप देखना चाहते हैं तो एक बार आपको राजस्थान का चक्कर जरूर लगाना चहिये। राजस्थान का शाब्दिक अर्थ “राजाओं की भूमि”, पश्चिमी भारत में सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ हर एक शहर अपने आप में खास है और अपने अंदर एक खास विरासत छुपायें बैठा है। रेगिस्तान और झीलों से भरा यह राज्य अपने आप में अद्भुत है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने समृद्ध इतिहास और शाही वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। जोधपुर – किले, थार रेगिस्तान के किनारे पर अपने नीले घरों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। और उदयपुर – भारत के “वेनिस” के रूप में जाना जाता है। अगर आपने राजस्थान जाने का मन बनाया है तो आप इन जगहों में जरूर जाएँ-

Rajasthan Tourism

राजस्थान के दर्शनीय स्थल – Rajasthan Tourism Places in Hindi

राजस्थान का पर्यटन की दृष्टि से दुनिया भर में मशहूर होने के पीछे यहाँ की समृद्ध एवं गौरवशाली संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान है। परंपरा और संस्कृति के प्रति इस राज्य की कड़ी निष्ठा वास्तव में उल्लेखनीय है।

राजस्थान में इतिहास – Rajasthan History

राजस्थान का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शु: होना बताया जाता है। ईसा पूर्व 3000 से 1000 के बीच यहाँ की संस्कृति सिंधु घाटी सभ्यता जैसी थी। 12वीं सदी तक राजस्थान के अधिकांश भाग पर गुर्जरों का राज्य रहा ऐसा माना जाता है।

गुजरात तथा राजस्थान का अधिकांश भाग गुर्जरत्रा (गुर्जरों से रक्षित देश) के नाम से जाना जाता था। 12वीं शताब्दी के बाद मेवाड़ पर गुहिलोतों ने राज्य किया। मेवाड़ के अलावा जो अन्य रियासतें ऐतिहासिक दृष्टि से प्रमुख रहीं, वे हैं – भरतपुर, जयपुर, मारवाड़, कोटा, बूंदी और अलवर।

राजस्थान की वेश-भूषा – Rajasthan Costume

राजस्थानी लोग रंगीन वेशभूषा के बहुत शौकीन  होते हैं। यहाँ की महिलाओं की प्रसिद्ध पोशाक घाँघरा चोली है, इसके साथ ही यहाँ की महिलाओं में आभूषण का शौक देखने को मिल जाता है। रंग-बिरंगी चूड़ियां, कानो में झुमके  और भी कई तरह के आभूषण यहाँ के महिलाओं के पारम्परिक वेश.भूषा में देखने को मिल जाता है।

वही अगर बात की जाए राजस्थान के पुरुषों की तो यहाँ के पुरुषों के पारम्परिक वेश-भूषा में आपको रंगीन पोषक के साथ सर पर पगड़ी देखने को अवश्य मिल जाएगी। राजस्थान के पारंपरिक कपड़े बहुत ही कलात्मक होते हैं, जिसमें शीशे के काम को देखा जा सकता है।

राजस्थान का खान पान – Rajasthan Food

राजस्थान के खान-पान की बात की जाए तो राजस्थान में सबसे ज्यादा मशहूर है। यहाँ की दाल भाटीए बेल गट्टे, रबड़ी, बाजरे की रोटी और लहसुन की चटनी, मावा कचौड़ी और बीकानेर ने रसगुल्लों की बात ही निराली है। यहां लोग ज्यादातर शाकाहारी भोजन पसन्द करते हैं।

राजस्थान की जलवायु – Rajasthan Weather

राजस्थान में शुष्क एवं आर्द्र जलवायु की प्रधानता है। यहाँ वर्षा अनिश्चित है।

यहाँ पर साल के सबसे गर्म महीने मई एवं जून हैं और ठंडे दिसंबर जनवरी हैं। ‘चु:’ जिला गर्मी में सबसे गर्म एवं ठंडी में सबसे ठंडा रहता है।

राजस्थान कैसे पहुंचे – How to Reach Rajasthan

राजस्थान पहुंचने के लिए आप बस, ट्रेन अथवा फ्लाइट की सहायता ले सकते हैं।

राजस्थान में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो जयपुर में स्थित है। यहां से देश विदेश के लिए फ्लाइट्स का आवागमन होता है। इसके इलावा राजस्थान में कई घरेलू हवाई अड्डे हैं, जहाँ से देश ज विभिन्न हिस्सों के लिए फ्लाइट्स की सुविधा उपलब्ध है।

ये हवाई अड्डे निम्नलिखित है –

  • जैसलमेर में जैसलमेर हवाई अड्डा
  • जोधपुर में जोधपुर हवाई अड्डा
  • बीकानेर में नल हवाई अड्डा
  • कोटा में कोटा हवाई अड्डा
  • उदयपुर में महाराणा प्रताप हवाई अड्डा।

ये रेलवे निम्नलिखित है –

  • राजस्थान में रेलवे की अच्छी सुविधा उपलब्ध है। देश के लगभग हर हिस्से से राजस्थान के लिए ट्रेन चलती है।
  • राजस्थान में सड़क परिवहन की भी अच्छी सुविधा उपलब्ध है।

राजस्थान के मुख्य पर्यटन स्थल – Tourist Places in Rajasthan

राजस्थान राज्य पर्यटन की दॄष्टि से भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। देश.विदेश से आने वाले पर्यटकों के बीच राजस्थान राज्य की संस्कृति एवं यहाँ के सभ्यता के प्रति आकर्षण देखने को मिलता है। लोग यहाँ की संस्कृति को पास महसूस करने के लिए खींचे चले आते है। इसके अलावा राजस्थान राज्य का समृद्ध इतिहास भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है।

आईये जानते हैं राजस्थान राज्य में घूमने लायक मुख्य जगहों के बारे में-

  • जयपुर –

जयपुरए राजस्थान  राज्य की राजधानी है। यह भारत में सबसे रंगीन और खूबसूरत शहरों में से एक है। जयपुरए गुलाबी शहर ;च्पदा ब्पजलद्धए सिटी ऑफ विक्ट्री आदि नामों से प्रसिद्ध है।इस खूबसूरत शहर को अम‍बेर के राजा महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बंगाल के एक वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद से बनाया गया था। यह भारत का पहला शहर है जिसे वास्तुशास्त्र के अनुसार बनाया गया था।

जयपुर शहर के प्रमुख भ्रमणीय स्थल – Tourist Places in Jaipur

आमेर किला –

यह किला राजस्थान के सबसे अच्छे किलो में से एक है। इस किले का निर्माण सन 1589-1727 ई. में हुआ था। यह किला सन 2013 में वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया था। आमेर के किले में कई गई चित्रकारी की खास बात यह है कि इसमें जिन रंगों का इस्तेमाल किया गया है वो रंग सब्जियों एव अन्य पौधों से बनाये गए हैए जिनकी चमक आज भी बरकरार है।

आमेर के किले से जुड़ी मुख्य जानकारियां –

  • यह किला जयपुर मुख्य शहर से 13.2 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी- 10:00AM to 5:00PM रोजाना। यहाँ घूमने में 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है।

शीश महल –

यह आमेर के किले का ही एक हिस्सा हैए जो शीशे से बना हुआ हैए यह दर्पण हाल के नाम से प्रसिद्ध है। इस हाल का निर्माण राजा जय सिंह द्वारा सन 1623 में करवाया गया थाए  जो कि राजा ने अपने खास मेहमानों के लिए बनवाया था।

शीश महल से जुड़ी खास जानकारियां –

  • समय-सारणी – 9:00AM to 10:00PM रोजाना।

नाहरगढ़ किला –

यह किला अरावली पर्वत पर स्थित है। इस किले की स्थापना सन 1734 में राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा की गई थी। इस किले की विशेषता यह है कि यहां से सूर्यास्त का नजारा बहुत ही सुंदर दिखता है।

नाहरगढ़ किले से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां –

  • यह किला जयपुर मुख्य शहर से 18.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • समय -सारणी – 10:00AM – 5:30PM रोजाना। यहाँ घूमने में 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है।

हवा महल –

इस महल की स्थापना सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा की गई थी। वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा इस महल को एक राजमुकुट के आकार में डिज़ाइन किया गया था। इस महल की वास्तुकला शैली राजस्थानी वास्तुकला एवं मुगल स्थापत्य का मिश्रित है। दूर-दूर से पर्यटक इस महल की कलाकारी को देखने के लिए आते हैं।

हवा महल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां –

  • यह महल जयपुर मुख्य शहर से 5.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी – 9:00AM-4:30PM रोजाना। यहाँ घूमने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है।

जल महल –

इस महल की स्थापना 1799 में हुई थी। जल महल एक ऐतिहासिक महल है जो जयपुर के मानसागर झील के मध्य स्थित है। झील के बीचोबीच स्थित होने की वजह से इस महल को ‘आई बॉल’ के नाम से भी जाना जाता है।

जल महल से जुड़ी मुख्य जानकारियां –

  • यह महल जयपुर मुख्य शहर से 9.4 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी – 9:00AM-5:00PM रोजाना। यहाँ घूमने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है।

उदयपुर-

उदयपुर जिसे झीलों का शहर कहा जाता है उत्तरी भारत का सबसे आकर्षक पर्यटक शहर माना जाता है। यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ है। उदयपुर को हाल ही में विश्व का सबसे खूबसूरत शहर घोषित किया गया है।

उदयपुर में घूमने लायक मुख्य स्थान – Tourist Places in Udaipur

पिछोला झील –

यह पानी का कृत्रिम झील है जिसका निर्माण राणा लखा के काल मे हुआ था। बाद में राजा उदयसिंह द्वितीय द्वारा इस झील का विस्तार कराया गया था। इस झील के द्वीप पर महल बना हुआ है, जो वर्तमान में होटल में तब्दील हो गया है। इस झील की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए दूर.दूर से पर्यटक खींचें चले आते हैं।

पिछोला झील से जुड़ी खास जानकारियां-

  • यह झील उदय मुख्य शहर से 950 मीटर की दूरी पर है।
  • समय-सारणी – 9:00AM-6:00PMरोजाना। यहाँ घूमने में 45 मिनट से 1 घंटे का समय लग जाता है।

सिटी पैलेस –

सिटी पैलेस का निर्माण कार्य 16वीं शताब्दी में शु: हुआ था। इस पैलेस को बनवाने में 22 राजाओं ने अपना योगदान दिया। यह महल उदयपुर के सबसे विशाल महलों  में से एक है। यह महल पिछोला झील के पास स्थित है। झील के निकट होने की वजह से इस महल की सुंदरता में चार चांद लग ज्यातर हैं।

सिटी पैलेस से जुड़ी मुख्य जानकारियां –

  • यह महल उदयपुर मुख्य शहर से 950 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी- 9:00AM-5:00PM रोजाना। यहाँ घूमने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लग जता है।

जग मंदिर –

जग मंदिर पिछोला झील के किनारे बना हुआ एक महल हैए जो कि श्लेक गार्डन पैलेसश् के नाम से  भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 16वीं से 17वीं शताब्दी के बीच में हुई थी। यहाँ पर आप बोट राइडिंग का आनन्द उठा सकते हैं।

जग मंदिर से जुड़ी खास जानकारियां

  • समय – सारणी – 10:00AM – 6:00PM रोजाना।

जोधपुर –

जोधपुर मारवाड़ों की मुख्य राजधानी थीए जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।

अपनी विचित्र विशेषताओं के कारण इस शहर को दो उपनाम ‘सन सिटी’ और ‘ब्लू सिटी’ मिले हैं। सन सिटी नाम जोधपुर के चमकीले धूप के मौसम के कारण रखा गया है, जबकि ‘ब्लू सिटी’ नाम शहर के मेहरानगढ़ किले के आसपास स्थित नीले रंग के घरों के कारण दिया गया है।

जोधपुर शहर में घूमने लायक मुख्य स्थान – Tourist Places in Jodhpur

  • उम्मेद भवन महल –

उम्मेद भवन दुनिया भर के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। इस महल की स्थापना 1943 ई० में हुई थी। वर्तमान में इस महल में कुल 347 कमरें हैं। इस महल से जुड़ी खास बात यह है कि इसे बनाते समय इस्तेमाल किये गए पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी भी तरह के मसाले का इस्तेमाल नही किया गया है। इस अद्भुत कलाकारी को देखने के लिए दूर.दूर से पर्यटक यहां आते हैं।

उम्मेद भवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-

  • यह महल जोधपुर मुख्य शहर से 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी – 9:00AM-5:00PM रोजाना। यहाँ घूमने में लगभग 2 घण्टे का समय लग जाता है।

मेहरानगढ़ किला –

यह किला भारत के प्राचीनतम किलो में से एक हैए जिसकी स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी। यह किला 125 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, एवं 10 किलोमीटर लंबी दीवार से घिरा हुआ है। इस किले के अंदर ऐसे कई भव्य महल स्थित हैं जो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

मेहरानगढ़ किले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां –

  • यह किला जोधपुर मुख्य शहर से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी- 9:00AM-5:00PM रोजाना। यहां घूमने में 1 से 3 घंटे का समय लग जाता है।

जैसलमेर किला – 

जैसलमेर किला एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। इसका निर्माण 1156।क् में राजपूत शासक रावल जैसल ने किया थाए इसीलिये किले का नाम भी उन्ही के नाम पर रखा गया था। जैसलमेर किला थार मरुस्थल के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है। दिन के समय सूरज की रोशनी में इस किले की दीवारे हल्के सुनहरे रंग की दिखती हैए जिसके कारण से यह किला सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।

जैसलमेर किले से जुड़ी मुख्य जानकारियां –

  • यह किला जैसलमेर शहर से 2.1 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी- 6:00AM-5:00PM रोजाना। यहाँ घूमने में 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है।

रणथम्बोर नेशनल पार्क –

रणथम्बोर नेशनल पार्क राजस्थान के सावई माधोपुर में स्थित है। रणथम्बोर नेशनल पार्क अपने टाइगर और सफारी के लिए फेमस है। यह जगह ट्रैवलर और फोटोग्राफर को अपनी ओर खिंचता है।

रनथम्बोर नेशनल पार्क जेनरल पब्लिक के लिए 1 अक्टूबर से 31 जून तक खुला होता है। जंगल विभाग लोगों के घूमने के लिए सफारी देते हैं जिसमें लगभग 20 लोग बैठ सकते हैं। मौसम के साथ सफारी की टाइमिंग भी बदलती है।

रणथंभौर नेशनल पार्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां –

  • यह पार्क सवाई माधोपुर से 17.5 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • समय-सारणी- 6:00AM-10PM एवं 3:00PM-7:00PM रोजाना।

पुष्कर – 

पुष्कर अजमेर शहर से १४ कीमी दूरी पर स्थित है। अजमेर के पश्चिमोत्तर में स्थित, पुष्कर के शांत शहर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए  एक पसंदीदा जगह है। अरावली पर्वत श्रृंखला का नाग पर्वत अजमेर और पुष्कर को अलग करता है।

यह भगवान ब्रह्मा के एकमात्र मंदिर के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। इसे भगवान ब्रह्मा का निवास स्थान भी कहा जाता है। मन्दिर के बगल में ही एक मनोहर झील है जिसे पुष्कर झील के नाम से जाना जाता है। कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) के महीने में श्रद्घालु बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर इस पवित्र झील में डुबकी लगाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार पुष्कर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। पुष्कर हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थो में से एक है।हजारों हिन्दु लोग इस मेले में आते हैं। व अपने को पवित्र करने के लिए पुष्कर झील में स्नान करते हैं। भक्तगण एवं पर्यटक श्री रंग जी एवं अन्य मंदिरों के दर्शन कर आत्मिक लाभ प्राप्त करते हैं।

  • जैसलमेर सफारी – Jaisalmer Safari

गोल्डन सिटी के नाम से जाना जाने वाला यह शहर पर्यटकों को अपने रेगिस्तान की वजह से लुभाता है। यहाँ पर आप ऊँट सफारी का मजा जरूर लें क्योकि यह बहुत शानदार है। थार के रेगिस्तान में बसे इस शहर में आप सोनार का किला, भूतिया जगह कुलधारा आदि जा सकते हैं। यहाँ आपको असली राजस्थानी कल्चर देखने को मिलेगा।

  • जयपुर में आमेर का किला – Amer Fort

कोई राजस्थान जाएँ और बिना जयपुर जाएँ वापिस आ जाएँ ऐसा नहीं हो सकता है। आप जयपुर जाएँ तो वहां आप आमेर का किला जरूर जाएँ जिसे आजकल टाइगर हिल भी कहते हैं। यहाँ से आप पूरा शहर एकसाथ देख सकते हैं। यह सुबह दस से शाम के पांच बजे तक खुलता है। इसके अलावा जयपुर में आप बिरला मंदिर, हवा महल, मोती डूंगरी के गणेश जी, जंतर मंतर जैसी जगहें जा सकते हैं।

  • जोधपुर में मेहरानगढ़ किला – Mehrangarh Fort

जोधपुर शहर में हमेशा से ही राजस्थान की विरासत झलकती है। अगर आप राजस्थान जा रहे हैं तो इस शहर का रुख करें और यहाँ आप मेहरानगढ़ का किला, उम्मेद भवन पैलेस, जसवंत थडा, कल्याण सागर झील आदि जगहों में जरूर जाएँ।

  • चित्तौड़गढ़ का महल – Chittorgarh Fort

रानी पद्मिनी के गौरशाली इतिहास का वर्णन करता चित्तौड़गढ़ का महल अपने आप में अद्भुत है। इसे राजस्थान का ऐतिहासिक गढ़ कहा जाता है। आप यहाँ राणा कुम्भा महल, जौहर मेला, पद्मिनी महल, जौहर कुंड, विजय स्तम्भ, सूर्य मंदिर आदि जगहों में जरूर जाएँ। यह बहुत उचाई में मौजूद है और यहाँ से आप पूरे शहर का दर्शन एक साथ कर सकते हैं।

  • अजमेर शरीफ – Ajmer Sharif Dargah

ख्वाजा के दरबार में हाजिरी लगाने का मन कर लाये तो अजमेर की तरफ रुख कर लें और यह जयपुर से बहुत अधिक दूर भी नहीं है। आप यहाँ अजमेर शरीफ में जाएँ जहाँ दुनियाभर से लोग घूमने आते हैं। इसके अलावा सोनी जी की नसिया भी यहाँ की बहुत अच्छी जगह है। अब अगर आप अजमेर आ ही गए है तो वहां से कुछ दूर पुष्कर भी हो लें तो बेहतर है।

यहाँ आपको इकलौता ब्रम्हा जी का मंदिर मिलेगा जो की भारत में कही नहीं है। इसके अलावा कुछ खास कार्यक्रम जैसे नागौर मेला, पुष्कर मेला आदि यहाँ होते है जिसका मजा आप ले सकते हैं।

  • उदयपुर का सिटी पैलेस – City Palace

कोई राजस्थान जाएँ और झीलों के शहर उदयपुर से दूर रह जाएँ ऐसा हो नहीं सकता है। आप उदयपुर में जायेगे तो आपको एक अलग ही शांति दिखाई देगी। आप यहाँ फतेह सागर झील, सिटी पैलेस, एकलिंग जी का मंदिर, बागोर की हवेली आदि जगहों में जरूर जाएँ। अगर आप सुकून का एहसास करना चाहते हैं तो आप शाम के समय फतेह सागर झील चले जाएँ जहाँ आपको बहुत अधिक शांति मिलेगी।

  • माउंट आबू की नक्की झील – Nakki Lake

दक्षिणी राजस्थान में मौजूद यह जगह प्रदेश की इकलौती हिल स्टेशन वाली जगहों में आती हैं। आप यहाँ नक्की झील, गुरु शिखर, हनीमून पॉइंट, सनसेट पॉइंट, जैसी जगहों में जा सकते हैं। अगर आप सर्दी के समय में यहाँ जाए तो बहुत अच्छा होगा क्योकि यह और अधिक सुन्दर दिखाई देता है।

  • अलवर में भानगढ़ किला – Bhangarh Fort

अगर आप ऐसी जगहों में जाना चाहते हैं जो भूतिया है तो चले आइये अलवर के भानगढ़ किले में जिसे एशिया की सबे मोस्ट हांटेड साईट घोषित किया गया है। हालाँकि इसका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है लेकिन लोग इसे कहने लग गए। यह जगह बहुत अधिक भूतिया है और यहाँ आपको शाम के पांच बजे के बाद रुकने नहीं दिया जाता है।

इसके अलावा राजस्थान में आप सरिस्का, रणथम्भौर, कोटा में गडरिया महादेव, भीलवाडा में आधारशिला मंदिर जैसी जगहें घूम सकते हैं।

और अधिक राजस्तान के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल: Rajasthan tourism places

  • चित्तौड़गढ़ – चित्तौड़गढ़ किला, विजय स्तम्भ, कालिकमा मंदिर मंदिर, किर्ती स्तम्भ, राणा कुंभा का महल, रानी पद्मिनी का महल और भगवान कृष्ण, मीरा (मीरा मंदिर) के प्रसिद्ध है।
  • बाड़मेर – बाड़मेर और आस-पास के इलाके ठेठ राजस्थानी गांवों की एकदम सही तस्वीर पेश करते हैं।
  • माउंट आबू – एक लोकप्रिय हिल स्टेशन, राजस्थान की अरवलीली रेंज में सबसे ऊंचा शिखर है, गुरु शिखर यहां स्थित है। माउंट आबू दिलवाड़ा मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है।
  • अजमेर – पवित्र शहर, सूफी सैखेलंत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के मस्जिद के लिए लोकप्रिय है।
  • सवाई माधोपुर – रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान और ऐतिहासिक रणथबोर किला के लिए प्रसिद्ध है।
  • रणकपुर – बड़े जैन मंदिर परिसर के साथ लगभग 1444 स्तंभ और उत्कृष्ट संगमरमर नक्काशी के साथ बना समूह है।
  • पुष्कर – यह दुनिया का सबसे पहला ब्रह्मा का मंदिर है।
  • केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
  • शेखावाती – पारंपरिक हवेली के लिए प्रसिद्ध है।
  • बीकानेर – एक व्यापार मार्ग चौकी के रूप में अपने मध्ययुगीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध।

तो दोस्तो यह थी राजस्थान राज्य के मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी। इनके अलावा भी राजस्थान राज्य में देखने लायक बहुत सी ऐसी जगह है जो आपके भ्रमण को यादगार बनाने में खास योगदान देती हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको राजस्थान राज्य से जुड़ी ये जानकारियां पसन्द आयी होगी।

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Slogans on pollution –प्रदूषण को रोको

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Slogan on pollution in Hindi

लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने आज संसार के समस्त प्राणियों की नाक पर दम करके रख दी है। प्रदूषण की वजह से आज हजारों तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं, जिससे मानव जीवन खतरे में है। वहीं प्राकृतिक संतुलन में लगातार दोष पैदा होने की वजह से चारों तरफ इसके बुरे परिणमों को देखा जा सकता है।

वहीं अगर प्रदूषण की समस्या पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब तमाम जिंदगीयां प्रदूषण की भेंट चढ़ जाएंगी और इस दुनिया का आस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से आज हम आपको अपने इस पोस्ट में प्रदूषण पर कुछ प्रेरणादायक स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर लोगों के अंदर अपने पर्यावरण को सहजने की भावना उत्पन्न होगी और लोग ऐसे आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल करने से बचेंगे जिससे प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है।

प्रदूषण को रोको – Slogan on Pollution in HindiShayari on Pollution

“हम सब मिलकर प्रदूषण को मिटाएंगे, और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे।।

आओ मिलकर कसम ये खाये, प्रदुषण को हम दूर भगाये।

Slogans on Pollution Control in Hindi

“प्रदूषण को रोकने में दे सभी अपना सहयोग,और प्लास्टिक का बंद करें उपयोग।

शर्म करो-शर्म करो करोड़ो रुपये पटाखों पर बर्बाद मत करो-मत करो।

Best Slogans on Pollution

“प्रदूषण का यह खतरनाक जहर, लगा रहा है पर्यावरण पर ग्रहण।

प्रदुषण हटाओ, पर्यावरण बचाओं।

Quotes on Pollution in Hindi

“प्रदूषण की समस्या एक दीमक की तरह है, जो पर्यावरण को धीरे-धीरे खोखला बनाती जा रही है।।

हम सब की है ये जिम्मेदारी, प्रदुषण से मुक्त हो दुनिया हमारी।

Quotes on Pollution in Hindi

प्रदूषण की वजह से ही आज ग्लोवल वार्मिंग जैसी खतरनाक समस्याएं जन्म ले रही है, वहीं आज प्रदूषण के प्रभाव के कारण न मनुष्य को शुद्ध हवा मिल रही है, और न ही शुद्ध पानी नसीब हो रहा है, और तो और इससे मनुष्य की सामान्य जीवन शैली भी काफी प्रभावित हो रही है।

इसके अलावा हमारे पर्यावरण में प्रदूषण होने की वजह से ही जलवायु का संतुलन बिगड़ रहा है, आसामान्य मौसम की स्थिति उत्पन्न हो रही है, साथ ही पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव आ रहा है।

आज प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है, जिसका मुख्य कारण मशीनीकरण, आधुनीकिकरण और औद्योगिक क्रांति है, इसमें किसी तरह का कोई भी शक नहीं है कि मशीनीकरण ने मानव जीवन को अत्यंत सुखदाय और आसान बना दिया है, अब घंटों के काम मिनटों में हो गए हैं, और शारीरिक क्षम भी बेहद कम हो गया है, लेकिन इसके विपरीत प्रभाव हमारे पर्यावरण के लिए और मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक हैं।

Quotes on Pollution Gif

“पर्यावरण को हम सब मिलकर रखेंगे स्वच्छ, और प्रदूषण का करेंगे अंत।

जेसे करेंगे वेसे भरेंगे, नहीं रोकेंगे प्रदुषण तो, बेकार मोंत मरोंगे।

Slogans on pollution in Hindi

“पर्यावरण में बिल्कुल विष ना मिलाओ, अपने कामों से प्रदूषण मत फैलाओ।

नहीं मिलेंगा जीवन दोबारा, प्रदुषण मुक्त हो पर्यावरण हमारा।

Poster on Pollution

“यदि प्रदूषण को रोकने के उपाय नहीं किए गए, तो एक दिन यह समस्त मानव जाति के समूल विनाश का कारण बनेगा।।

प्रदुषण के लिए आपको कोई कुछ नहीं कहेंगा, सिवाय आपके आने वाली पीढ़ी के !

Pollution Slogans with Pictures

“सभी जिम्मेदार नागरिक होने का अपना कर्तव्य निभाएंगे, और प्रदूषण को इस दुनिया से दूर भगाएंगे।

बेहद आवश्यता पड़ने पर ही करें सार्वजनिक वाहनों का उपयोग, और प्रदूषण को रोकने में दें सभी दें अपना सहयोग।

Pollution Slogans with Pictures

वहीं सबसे ज्यादा अफसोस इस बात का है कि आज मनुष्य अपने भौतिक सुख की चाह में साथ ही और ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में जमकर पेड़-पौधे काट रहे हैं, और अपने औद्यगिक कारखानों से निकलने वाला दूषित पदार्थ नदियां, तालाब जैसे प्राकृतिक जल स्त्रोतों में डाल रहे हैं।

जिससे जल प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है, इसके साथ ही वाहनों के अत्याधिक इस्तेमाल से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है, और वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं से समस्त वायुमडंल प्रदूषित हो रहा है।

वहीं अगर प्राकृतिक साधनों का इसी तरह से जमकर हनन होता रहा, तो खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।

इसलिए वक्त है अभी भी अपने पर्यावरण के प्रति सजग हो जाओ, और इस तरह के स्लोगन से बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आगे बढ़ों और प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने वाले स्लोगन को सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड कर अन्य लोगों के अंदर भी अपने पर्यावरण को बचाने की  भावना विकसित करो।

ताकि समय रहते बढ़ रहे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके, अन्यथा हम सभी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

Shayari on Pollution in Hindi

“आप सभी को मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप पर्यावरण को मूर्ख कभी नहीं बना सकते हैं !!

हम सब का एक नारा, प्रदुषण मुक्त हो देश हमारा।

Slogans on Pollution Control

“प्रदूषण की समस्या अब इतनी बड़ी हो गई कि, पर्यावरण के रास्ते में बाधक बनकर खड़ी हो गई।

प्रदूषण को जड़ से मिटाना है, और हम सबको अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है।

Pollution Slogans in Hindi

“प्रदूषण से लड़ने का अब सब मिलकर लो संकल्प, क्योंकि पर्यावरण को बचाने का सिर्फ यही है एकमात्र विकल्प।

Pollution Slogans

“अब हर तरफ फैल रहा है कूड़ा-कचरा, दिन-प्रतिदिन पर्यावरण पर गहराता जा रहा है खतरा।

Slogans on pollution

“पर्यावरण के लिए यह समस्या है बहुत विशाल, प्रदूषण बन गया है लोगों के जी का जंजाल और पर्यावरण के लिए है ये काल।

Slogan on Pollution Gif

“जिस दिन पृथ्वी में पर्यावरण पर खतरा होगा, उस दिन पृथ्वी में जीवन भी नहीं होगा !!

Pollution Quotes in hindi

“हम सभी पर्यावरण को साफ बनाएंगे, प्रदूषण रोकने के वादों को निभाएंगे।

Slogans on pollution

  1. Save the tree to fight pollution.
  2. Pollution is slow poison.
  3. Love humanity, hate pollution.
  4. Polluter are just like a killers.

More articles : 

  1. पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध
  2. ग्लोबल वार्मिंग पर नारे
  3. Slogans collection

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तराइन का युद्ध – Tarain ka Yudh

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Tarain ka Yudh

भारतीय इतिहास में मोहम्मद गौरी (मुईज़्ज़ुद्दीन मुहम्मद) और दिल्ली-अजमेर के शक्तिशाली राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान के बीच लड़ा गया तराइन का युद्ध सबसे महत्वपूर्ण युद्धों की श्रंखला में से एक है।

तराइन के युद्ध के बाद ही भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की गई थी, जिसके बाद कई सालों तक भारत में मुस्लिम शासकों ने राज किया था। वहीं यहीं से भारत में वास्तविक रुप से दासता की परंपरा की शुरुआत भी मानी जाती है।

तराइन का युद्ध – Tarain ka Yudh

Tarain ka Yudh

तराइन के युद्ध का सारांश एक नजर में – Battle of Tarain Summary

तराइन का युद्ध कब हुआ यह युद्ध दो बार 1191 ईसवी और 1192 ईसवी में लड़ा गया।
तराइन का युद्ध कहां लड़ा गया सरहिंद भटिंडा (वर्तमान पंजाब) के पास तराइन के मैदान में लड़ा गया।
तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ईसवी में लड़ा गया, जिसमें राजपूत शासक पृथ्वी राज चौहान ने मोहम्मद गौरी को बुरी तरह पराजित किया।
तराइन का द्धितीय युद्ध 1192 ईसवी में हुआ, जिसमें मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को परास्त कर विजय हासिल की।
किन-किन के बीच हुआ यह युद्ध तराइन के दोनों ही युद्ध मुहम्मद गौरी और चौहान वंश के राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान के मध्य लड़ा गया।

तराइन का युद्ध पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी जैसे दो शक्तिशाली सम्राटों के बीच अपने-अपने राज्यों के विस्तार करने हेतु और अपने निजी स्वार्थ के चलते भटिंडा (वर्तमान पंजाब) के सरहिंद किले के पास तराइन के मैदान में हुआ था।

1191 ईसवी में तराइन के प्रथम युद्ध में जहां पृथ्वीराज चौहान ने अपनी अद्भुत ताकत और शक्ति का इस्तेमाल कर मोहम्मद गौरी को युद्ध का मैदान छोड़ने के लिए विवश कर दिया था और युद्ध में विजय हासिल की थी।

तो वहीं 1192 ईसवी में तराइन के दूसरे युद्ध में मोहम्मद गौरी ने राजा जयचंद के साथ मिलकर हिंदुस्तान के सबसे प्रबलतम राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान को युद्ध क्षेत्र में पराजित कर उन्हें बंधक बना लिया था। जिसके बाद भारत में मुस्लिम साम्राज्य की नींव डाली गई थी।

तराइन का पहला युद्ध (1191 ईसवी) – First Battle of Tarain

अपनी-अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने और अपने साम्राज्य का विस्तार करने की नीति को लेकर 1191 ईसवी में महापराक्रमी और साहसी योद्धा पृथ्वीराज चौहान एवं मोहम्मद गौरी के बीच दिल्ली से करीब 80 मील दूर और थानेश्वर से लगभग 14 मील दूर सरहिंद किले के पास तराइन के मैदान में युद्ध की शुरुआत हुई।

दरअसल, भारतीय इतिहास का सबसे साहसी और वीर राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान पंजाब पर अपना सिक्का जमाना चाहता था, लेकिन उस समय पंजाब पर मुहम्मद गौरी राज कर रहा था, जो कि भटिंडा से अपना शासन चलाता था। ऐसे में पृथ्वीराज चौहान की पंजाब पर राज करने की इच्छा सिर्फ मोहम्मद गौरी के साथ युद्ध करके ही पूरी हो सकती थी।

फिर क्या था, इस शक्तिशाली राजपूत शासक पृथ्वी राज चौहान ने 1191 ईसवी में अपनी विशाल सेना के साथ मोहम्मद गौरी पर हमला कर दिया और सबसे पहले सरस्वती, सरहिंद और हांसी पर अपना कब्जा जमा लिया।

वहीं इस युद्ध के दौरान मोहम्मद गौरी बुरी तरह घायल हो गया, जिसके चलते मोहम्मद गौरी को युद्ध का मैदान छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा और इस तरह तराइन के प्रथम युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की जीत हुई। हालांकि इस युद्ध का कोई निस्कर्ष नहीं निकला था।

तराइन का द्धितीय युद्ध (1192 ईसवी) – Second Battle of Tarain

इतिहासकारों के मुताबिक पृथ्वीराज राज चौहान और मोहमम्मद गौरी के बीच कई लड़ाईयां हुईं थी, जिसमें मोहम्मद गौरी को 17 बार पृथ्वीराज चौहान से पराजित होना पड़ा था, जिसके चलते मोहम्मद गौरी भारी प्रतिशोध से भर गया था और पृथ्वीराज चौहान को जान से मारना चाहता था।

वहीं इस दौरान पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद की पुत्री महारानी संयोगिता का प्रेम चरम सीमा पर था। रानी संयोगिता को पाने के लिए पृथ्वीराज चौहान ने उनके स्वयंवर के दौरान द्धारा उनका अपहरण कर लिया था। महारानी पृथ्वीराज चौहान के इस कदम से राजा जयचंद को कई राज्यों के शासकों के सामने अपमान सहना पड़ा था, जिसके चलते वह पृथ्वीराज चौहान से बदला लेना चाहते थे।

वहीं जब राजा जयचंद को तुर्की सुल्तान मोहम्मद गौरी के साथ पृथ्वीराज चौहान की बढ़ती दुश्मनी की खबर लगी तो, उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया और मोहम्मद गौरी का साथ दिया और पृथ्वीराज के खिलाफ षणयंत्र रचा। अपनी इस कूटनीति के तहत राजा जयचंद ने अपना सैन्य बल भेजकर पहले तो पृथ्वीराज चौहान का भरोसा जीता और फिर छल-कपट से मोहम्मद गौरी के साथ मिलकर पृथ्वीराज चौहान पर पंजाब के सरहिंद किले के पास तराइन नामक जगह पर 1192 ईसवी में आक्रमण कर दिया।

इस युद्ध में मोहम्मद गौरी की जीत हुई, और पृथ्वीराज चौहान को परास्त होना पड़ा। इस युद्ध के बाद पृथ्वीराज चौहान को बंधक बनाकर अफगानिस्तान ले गए जहां उनकी मृत्यु हो गई। वहीं तराइन के युद्ध के बाद कई सालों तक गौरी ने पंजाब, दिल्ली, कन्नौज और अजमेर समेत कई राज्यों पर शासन किया हालांकि, पृथ्वीराज चौहान के बाद कोई भी राजपूत शासक हिन्दुस्तान में अपनी मजबूती नहीं बना सका।

तराइन के युद्ध के प्रमुख कारण – Causes of Battle of Tarain

  • मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान दोनों ही अपनी-अपनी महत्वकांक्षाओं को पूरा कर अपने-अपने राज्य का विस्तार करना चाहते थे।
  • पंजाब (भटिंडा) पर अधिकार करने को लेकर महान पराक्रमी पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच तराइन के इस ऐतिहासिक युद्ध की शुरुआत हुई।
  • तराइन के प्रथम युद्ध के बाद मोहम्मद गौरी अपनी हार का बदला लेना चाहता था एवं पृथ्वी राज चौहान को इस्लाम स्वीकार करने के लिए बाध्य कर रहा था जिसके चलते दोनों की बीच संघर्ष छिड़ गया वहीं दूसरी तरफ पृथ्वीराज चौहान का साथ देने के लिए कोई भी हिन्दू राजा तैयार नहीं था क्योंकि राज्य विस्तार करने की नीति को लेकर पहले ही पृथ्वीराज चौहान कई हिन्दु शासकों का दुश्मन बन चुका था।

इसके साथ ही रानी सहयोगिता के स्वयंवर में पृथ्वीराज चौहान द्धारा कई हिन्दू शासकों का अपमान भी किया गया था।

  • इतिहासकारों के मुताबिक मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान पर करीब 18 बार आक्रमण किए थे, जिसमें से 17 बार उसे हार का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते गौरी मन ही मन प्रतिशोध से भर गया था और पृथ्वीराज चौहान को खत्म करना चाहता था।

इसलिए उसने तराइन के मैदान पर दूसरी बार राजा जयचंद के साथ मिलकर पृथ्वीराज चौहान पर षडयंत्र के तहत आक्रमण कर दिया था।

तराइन के युद्ध के भयानक परिणाम – Result of Battle of Tarain

  • तराइन के युद्ध में मोहम्मद गौरी की जीत के बाद भारत में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने अपना शासन करना शुरु कर दिया और भारत में मुस्लिम राज्य की नींव डाली गई। मोहम्मद गौरी ने अपने प्रतिनिधि कुतुबुद्धीन ऐबक को भारत का गर्वनर बना दिया। वहीं हिन्दुस्तान में कुतुब-उद-दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की शुरुआत की।
  • तराइन के युद्ध में शक्तिशाली शासक पृथ्वी राज चौहान की हार से राजपूतों की शक्ति कमजोर पड़ गई, इसके साथ ही राजपूतों की राजनीतिक प्रतिष्ठा पर भी ठेस पहुंची। पृथ्वीराज चौहान के बाद कोई भी राजपूत शासक हिन्दुस्तान में अपनी ऐसी धाक नहीं जमा सका।
  • तराइन के युद्ध में राजपूत शासक की हार के बाद कई विदेशी आक्रमणकारी भारत पर और ज्यादा हावी हो गए।
  • तराइन की लड़ाई के बाद ही भारत में दास परंपरा की असली शुरुआत हुई।

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भारत के स्वतंत्रता सेनानी | Freedom fighters of india in Hindi

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Freedom fighters of India

1947 के स्वतंत्रता दिवस को आज लगभग 60 सालो से ज्यादा हो चुके हैं, आज हर कोई आजाद हैं और अपने देश में स्वतंत्रता के साथ जीता हैं लेकिन दोस्तों, इस स्वतंत्रता के लिये कई महान क्रांतिकारको ने और महान नेताओं ने इस देश के लिये अपना जीवन समर्पण किया आज उन्ही स्वतंत्रता सेनानीओं के बारेमें हम जानते हैं – Freedom fighters of India

Freedom fighters of india

भारत के स्वतंत्रता सेनानी – Freedom fighters of India in Hindi

यहाँ निचे स्वतंत्रता सेनानीओं के नाम दिये हैं आप उन नामो पर क्लिक करके उनकी पुरी जीवनी पढ़ सकते हो –

Khan Abdul Ghaffar Khan – ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान

  • पूरा नाम (Name) – खान अब्दुल गफ्फार खान
  • जन्म (Birthday) – 6 फरवरी 1890, चरसद्दा, खईबर, पख्तुन्ख्वा, पाकिस्तान
  • आंदोलन (Movement) स्वतंत्र पख्तूनिस्तान आंदोलन
  • कार्य (Work) महान स्वतंत्रा सेनानी, राजनीतिक और अध्यात्मिक नेता
  • मृत्यु (Death) – 20 जनवरी 1988, पेशावर, पाकिस्तान

ब्रिटिश शासकों से भारत को स्वतंत्र करवाने का सपना देखने वाले खान अब्दुल गफ्फार खान की गिनती भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। उन्होंने देश की आजादी के लिए स्वतंत्र पख्तूनिस्तान आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

गफ्फार खान, गांधी जी के काफी करीबी दोस्त थे, और गांधी जी की तरह ही उन्होंने देश की आजादी के लिए कई अहिंसात्मक आंदोलन लड़े।

पुरी जीवनी पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे – Khan Abdul Ghaffar Khan – ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान

Ashfaqulla Khan – अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ

  • जन्म (Birthday)  22 अक्टूबर 1900 (शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश, ब्रिटिश भारत)
  • पिता का नाम (Father Name) शफीक उल्ला खाँ
  • माता का नाम (Mother Name) मजहरुन्निशाँ
  • संगठन (Organization) हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन
  • कार्य  (Work) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
  • मृत्यु (Death) 19 दिसंबर 1927 (फैजाबाद जेल, ब्रिटिश भारत)

अशफाकुल्लाह खां को मुख्य रुप से काकोरी ट्रेन में लूटपाट करने की वजह से जाना जाता है। वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशऩ के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य क्रूर ब्रिटिश शासकों से भारत को आजादी दिलवाना था।

अशफाक उल्लाह खां, ने रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, समेत कई अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर सरकारी खजाना लेकर जा रही काकोरी ट्रेन में लूटपाट की थी, जिसके बाद वे ब्रिटिश शासकों की आंखों में खटकने लगे थे। इसी वजह से उन्हें 19 दिसंबर साल 1927 को सूली पर लटका दिया गया था।

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Bal Gangadhar Tilak – बाल गंगाधर तिलक

  • पूरा नाम (Name): बाल गंगाधर तिलक
  • अन्य नाम (Other Name): केशव गंगाधर तिलक, लोकमान्य तिलक
  • जन्म (Birthday): 23 जुलाई, 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
  • पिता का नाम (Father Name): गंगाधर तिलक
  • माता का नाम (Mother Name): पार्वती बाई
  • पत्नी का नाम (Wife Name):  तापिबाई (सत्यभामा बाई)
  • पेशा (Occupation): लेखक, राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, शिक्षक, वकील
  • आंदोलन (Movement): भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
  • मृत्यु (Death): 1 अगस्त, 1920, मुंबई, महाराष्ट्र

आधुनिक भारत के वास्तुकार माने जाने वाले बाल गंगाधर तिलक, भारत के महान क्रांतिकारी और सच्चे स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपना महत्वपूर्ण रोल अदा किया था और युवाओं के अंदर आजाद भारत में रहने की अलख जगाई थी, इसलिए उन्हें भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का जनक भी माना जाता था।

महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ बालगंगाधर तिलक एक आदर्शवादी राष्ट्रीय नेता, प्रख्यात वकील, महान विचारक, प्रसिद्द लेखक भी थे। इसके अलावा उन्हें धर्म, संस्कृत, गणित, विज्ञान और इतिहास समेत तमाम विषयों को काफी अच्छी जानकारी थी।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक अपने इस क्रान्तिकारी नारे के लिए काफी मशहूर हैं –

स्वराज मेरा जन्म (Birthday)सिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर ही रहूंगा

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Begum Hazrat Mahal – बेगम हज़रत महल

  • जन्म (Birthday): 1820, फ़ैज़ाबाद, अवध, भारत
  • कार्य (Work): 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह
  • मृत्यु (Death): 7 अप्रैल 1879, काठमांडू, नेपाल

बेगम हजरत महल, भारत की महान वीरांगनाओं में से एक थी, जिन्होंने अपनी कुशल रणनीति और कूटनीति से 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी पर हमला कर दिया और अपने अवध राज्य को अंग्रेजों के हाथों में पड़ने से बचा लिया।

वे अवध के नवाब वाजीद अली शाह की पहली पत्नी का नाम (Wife Name) थी, उन्हें ‘अवध की बेगम’ के नाम (Name) से भी जाना जाता है।

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Bipin Chandra Pal – बिपिनचंद्र पाल

  • पूरा नाम (Name): बिपिन चन्द्र पाल
  • जन्म (Birthday): 7 नवंबर, 1858, हबीबगंज ज़िला, (वर्तमान बांग्लादेश)
  • पिता का नाम (Father Name): रामचंद्र
  • माता का नाम (Mother Name): नारायनीदेवी
  • मृत्यु (Death): 20 मई, 1932

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखने वाले बिपिन चंद्र पाल की गिनती भी भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है, उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता संग्राम को एक नई दिशा दी थी और ब्रिटिश हुकूमत की नींदें उड़ा दी थी।

लाल-बाल-पाल की प्रसिद्ध तिकड़ी में से एक बिपिन चन्द्र पाल, ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने साल 1905 में पश्चिम बंगाल के बंटवारे का भी कड़ा विरोध किया था।

बिपिन चन्द्र पाल एक क्रांतिकारी और सच्चे देशभक्त होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध समाजसुधारक, शिक्षक, लेखक और पत्रकार भी थे। इसके साथ ही आपको बता दें कि वे रुढ़िवादी विचारधारा और जातिगत भेदभाव के घोर विरोधी थे, वहीं उन्होंने भारतीय समाज और अपने परिवार के कड़े विरोध के बाद भी एक विधवा स्त्री से विवाह किया था।

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Chandra Shekhar Azad – चन्द्रशेखर आजाद

  • नाम (Name): चंद्रशेखर आजाद
  • जन्म (Birthday): पंडित चंद्रशेखर तिवारी
  • जन्म (Birthday): 23 जुलाई, 1906, भाभरा (मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में)
  • पिता का नाम (Father Name) पंडित सीताराम तिवारी
  • माता का नाम (Mother Name): जागरानी देवी
  • मृत्यु (Death): 27 फरवरी, 1931, अल्फ्रेड पार्क, अल्लाहाबाद

चंद्र शेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान युवा क्रांतिकारी थे, उनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना व्याप्त थी। उन्होंने बेहद कम उम्र में ही खुद को पूरी तरह से देश के लिए समर्पित कर दिया था।

चंद्र शेखर आजाद उग्रवादी विचारधारा और अपने संकल्पों के प्रति अडिग रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी  थे, जिन्होंने खुद को आखिरी वक्त तक अंग्रजों के हवाले नहीं करने की कसम खाई थी, और वे अपनी अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ते रहे और आजाद रहे।

चंद्रशेखर आजाद ने काकोरी कांड में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था – चंद्र शेखर आजाद का कहा गया यह कथन काफी मशहूर है-

अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।” 

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Chittaranjan Das – चित्तरंजन दास

  • पूरा नाम (Name)  चित्तरंजन भुवनमोहन दास (देशबंधु)
  • जन्म (Birthday): 5 नवंबर 1870, कोलकता
  • पिता का नाम (Father Name): भुवनमोहन
  • माता का नाम (Mother Name): निस्तारिणी देवी
  • पत्नी का नाम (Wife Name): वासंतीदेवी
  • कार्य (Work): स्वतंत्रता सेनानी, वकील, कवि और पत्रकार
  • मृत्यु (Death): 16 जून, 1925

चितरंजन दास भी अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पूर्ण स्वराज और स्वतंत्र भारत देखना चाहते थे। बिट्रिश हुकूमत से अपना देश आजाद करवाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

चितरंजन दास की पहचान एक राष्ट्रवादी नेता और सफल विधि शास्त्री के रुप में थी, जिन्हें लोग सम्मान से देशबंधु कहकर पुकारते थे।

इसके अलावा वे एक अच्छे वकील और प्रख्यात पत्रकार भी थे, उन्होंने अपनी वकालत बीच में ही छोड़कर गांधी जी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Dadabhai Naoroji – दादा भाई नौरोजी

  • पूरा नाम (Name): दादा भाई नौरोजी (भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन)
  • जन्म (Birthday):  4 सितम्बर, 1825, मुम्बई, महाराष्ट्र
  • मृत्यु (Death): 30 जून, 1917, मुम्बई, महाराष्ट्र
  • विवाह (Wife Name): गुलबाई
  • पेशा (Occupation): शिक्षक, व्यापारी कपास, बौद्धिक, और एक प्रारंभिक भारतीय राजनीतिक नेता

भारतीय राजनीति, भारतीय अर्थशास्त्र, आर्थिक राष्ट्रवाद के जनक और भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन के नाम (Name) से मशहूर दादा भाई नौरोजी भारत के एक महान राजनेता थे, जिन्होंने अपने आदर्शवादी विचारों से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बीज बोए थे।

दादाभाई नौरोजी को वास्तुकार और शिल्पकार के रुप में भी जाना जाता है। उन्होंने  भारत में स्वराज और स्वशासन की मांग की थी, इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अपना अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया था।

आपको बता दें कि दादाभाई नौरोजी ने लिबरल पार्टी से चुनाव लड़ा था और वे ब्रिटिश संसद के पहले भारतीय मेंबर थे।

इसके अलावा दादाभाई नौरोजी ने साल 1853 में ईस्ट इंडिया कंपनी के लीज के नवीनीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी, इस तरह  वे अपने पूरे जीवन भर राष्ट्र हित के काम के लगे रहे।

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Jawaharlal Nehru – जवाहरलाल नेहरू

  • पूरा नाम (Name): जवाहरलाल मोतीलाल नेहरु
  • जन्म (Birthday): 14 नवम्बर 1889,  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
  • पिता का नाम (Father Name): मोतीलाल नेहरु
  • माता का नाम (Mother Name): स्वरूपरानी नेहरु
  • पत्नी का नाम (Wife Name):  कमला नेहरु
  • बच्चे (Children):  श्री मति इंदिरा गांधी जी
  • मृत्यु (Death): 27 मई 1964, नई दिल्ली
  • पेशा (Occupation): भारत के पहले प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतांत्रिक गणतंत्र का वास्तुकार माना जाता था। वे एक आदर्शवादी, और सैद्धान्तिक विचारधारा के राजनेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे।

उनके अंदर राष्ट्र के प्रति अटूट प्रेम था, उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वहीं उन्हें बच्चों से अत्याधिक लगाव था, इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर भी बुलाते थे, वहीं इसी वजह से उनके जन्म (Birthday)दिन को “चिल्ड्रन डे” के तौर पर भी मनाया जाता है।

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Khudiram Bose – खुदीराम बोस

  • पूरा नाम (Name):  खुदीराम त्रिलोकनाथ बोस
  • जन्म (Birthday): 3 दिसम्बर 1889, हबीबपुर, जि.मिद्नापोरे
  • पिता का नाम (Father Name): श्री त्रिलोकनाथ बोस
  • माता का नाम (Mother Name): लक्ष्मीप्रिया देवी
  • कार्य (Work): भारतीय क्रन्तिकारी
  • मृत्यु (Death):  11 अगस्त, 1908, मुजफ्फरपुर

खुदीराम बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक युवा क्रांतिकारी थे, जो देश की रक्षा के लिए महज 19 साल की छोटी सी उम्र में सूली पर चढ़ गए, इस महान युवा क्रांतिकारी की शहादत से समूचे देश में अंग्रेजों के खिलाफ रोष फैल गया था और देश के नौजवानों को हृदय में राष्ट्र प्रेम की भावना उज्जवलित हो गई थी।

खुदीराम बोस के त्याग, समर्पण और बलिदान को याद कर आज भी युवाओं के मन में एक नया जोश भर जाता है।

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Lakshmi Sahgal – लक्ष्मी सहगल

  • जन्म (Birthday): 24 अक्टूबर 1914, मद्रास, ब्रिटिश भारत
  • पूरा नाम (Name): कैप्टन लक्ष्मी सहगल
  • पिता का नाम (Father Name): डॉ. एस स्वामीनाथन
  • माता का नाम (Mother Name): एवी अमुक्कुट्टी
  • कार्य  (Work): स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी
  • मृत्यु (Death): 23 जुलाई 2012, कानपुर, उत्तर प्रदेश

नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज में शामिल होने वाली कैप्टन लक्ष्मी सहगल, भारत की एक ऐसी  स्वतंत्रता सेनानी थी,जिन्होंने अंग्रेजों के सामने एक शेरनी की तरह लड़ने का अदम्य साहस भरा।

इसके साथ ही उन्होंने सिंगापुर में भारत के अप्रवासी गरीब मजदूरों की मद्द के लिए एक निशुल्क हॉस्पिटल खोला। लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता संघ की सक्रिय सदस्य भी बनीं।

एक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ वे एक राष्ट्रीय सेना की अधिकारी, और आजाद हिन्द सरकार की महलिाओं के मामलों की मिनिस्टर थी।

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Lala Hardayal – लाला हर दयाल

  • पूरा नाम (Name):  हरदयाल सिंह
  • जन्म (Birthday):  14 अक्टूबर 1884,दिल्ली, ब्रिटिश भारत
  • मृत्यु (Death):  4 मार्च 1939, फिलाडेल्फिया (पेंसिल्वेनिया) यू.एस.ए.
  • पुरस्कार और सम्मान (Award): मास्टर ऑफ लेटर्स
  • कार्य (Work): भारतीय राष्ट्रवादी क्रांतिकारी

दिल्ली में जन्मे लाला हरदयाल सिंह, भारत के एक राष्ट्रवादी नेता, क्रांतिकारी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लड़ने का साहस भरा था,और दुनिया के कई हिस्सों का भ्रमण कर स्वतंत्रता आंदोलन का प्रचार-प्रसार किया था।

इसके साथ ही लोगों के मन में आजादी पाने की भावना जागृत की थी। अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित के लिए काम करने वाले क्रांतिकारी हरदयाल गदर आंदोलन के प्रमुख नेता और सामान्य गदर पार्टी के मुख्य महासचिव भी थे।

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Lala Lajpat Rai – लाला लाजपत राय

  • पूरा नाम (Name): श्री लाला लाजपत राधाकृष्ण राय जी
  • जन्म (Birthday): 28 जनवरी 1865, धुड़ी के गाँव, पंजाब
  • पिता का नाम (Father Name): श्री राधाकृष्ण जी
  • माता का नाम (Mother Name): श्रीमती गुलाब देवी जी
  • संगठन (Organization): भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आर्य समाज, हिन्दू महासभा
  • आन्दोलन (Movement): भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन
  • उपाधियां (Award): शेर-ए-पंजाब, पंजाब केसरी
  • मृत्यु (Death): 17 नवम्बर 1928, लाहौर (पाकिस्तान)

लाला लाजपय राय को भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रुप में आज भी याद किया जाता है। उन्होंने भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। लाला लाजपत राय, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मशहूर तिकड़ी लाल-बाल-पाल में एक प्रमुख नायक थे।

जिन्हें,  एक प्रभावी राजनेता, प्रसिद्ध वकील, सुविख्यात लेखक और महान समाजसुधारक के रुप में भी पहचाना जाता था। लाला लाजपत राय के भाषणों में इतना प्रभाव और शक्ति थी कि, ब्रिटिश शासक भी उनके सामने पानी भरते थे, वहीं लाला लाजपत राय मरते दम तक देश की सेवा में लगे रहे और भारतीय समाज में फैली कई बुराइयों को दूर किया।

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Mahadev Govind Ranade – महादेव गोविंद रानाडे

  • पूरा नाम (Name): महादेव गोविन्द रानाडे
  • जन्म (Birthday): 18 जनवरी, 1842, निफाड, नाशिक, महाराष्ट्र
  • मृत्यु (Death):  16 जनवरी, 1901
  • कार्यक्षेत्र: भारतीय समाज सुधारक, विद्वान और न्यायविद

महादेव गोविंद रानाडे की पहचान भी भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में होती है। रानाडे, ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में लगा दिया।

महादेव गोविंद रानाडे की पहचान न सिर्फ एक सच्चे देश प्रेमी और महान स्वतंत्रता सेनानी के रुप में थी, बल्कि उन्हें एक महान समाज सुधारक, विख्यात लेखक और प्रसिद्ध न्यायविद के रुप में भी जाना जाता था।

इसके साथ ही उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही नहीं गोविंद रानाडे ने बॉम्बे लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य के साथ केंद्र में फाइनेंस समिति के सदस्य और बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के तौर पर भी काम किया था।

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Mahatma Gandhi – महात्मा गांधी

  • नाम (Name): मोहनदास करमचंद गांधी
  • जन्म (Birthday): 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, गुजरात
  • पिता का नाम (Father Name) करमचंद गांधी
  • माता का नाम (Mother Name): पुतलीबाई
  • पत्नी का नाम (Wife Name):  कस्तूरबा गांधी
  • संतान (Children Name): हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
  • मृत्यु (Death): 30 जनवरी 1948

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिनके त्याग, समर्पण, बलिदान की वजह से ही आज हम आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं। वे एक आदर्शवादी, नैतिकवादी, सिद्दान्तवादी विचारधारा वाले भारत की आजादी के महानायक, महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रवादी नेता होने के साथ वे एक प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, वकील, और महान समाज सुधारक भी थे।

जिन्होंने सत्य और अहिंसा को अपना सशक्त हथियार मानकर भारत को आजादी दिलवाने के लिए कई बड़े आंदोलन लड़े थे, और ब्रिटिश हुकूमत को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।

इसके साथ ही उन्होंने लोगों को भी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। वे सादा जीवन, उच्च विचारधारा वाले व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने प्रभावशाली और महान व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर डाला था।

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Mangal Pandey – मंगल पांडे

  • पूरा नाम (Name): मंगल दिवाकर पांडे
  • जन्म (Birthday): 19 जुलाई 1827, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
  • माता/पिता: अभैरानी/दिवाकर पांडे
  • म्रत्यु: 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर लटकाए
  • पेशा:  प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

मंगल पांडे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में राष्ट्र प्रेम की भावना निहित थी और अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भरा था।

1857 की क्रांति मंगल पांडे की ही देन है, इस क्रांति ने भारत को आजादी तो नही दिलवा पाई थी, लेकिन हर भारतीय के मन में आजादी पाने की अलख जगा दी थी। मंगल पांडे जैसे महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी के संघर्षों के बाद ही कई सालों तक आजादी की लड़ाई चली और साल 1947 में हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त हो सका।

मंगल पांडे भारत के ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने अकेले दम पर भी ब्रिटिश अफसर पर हमला बोल दिया था, जिसकी वजह से उन्हें 8 अप्रैल 1857 के फांसी पर लटका दिया गया था।

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Maulana Abul Kalam Azad – अबुल कलाम आज़ाद

  • पूरा नाम (Name): मौलाना अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन
  • जन्म (Birthday): 11 नवंबर, 1888, मक्का( सऊदी अरब )
  • माता/पिता:  आलियाबेगम/मौलाना खैरुद्दीन
  • पत्नी का नाम (Wife Name): जुलेखा बेगम
  • पेशा: स्वतंत्रता सेनानी, नेता, वैज्ञानिक,कवि
  • राजनैतिक पार्टी: कांग्रेस
  • मृत्यु (Death): 22 फरवरी 1958, दिल्ली

सरदार वल्लभभाई पटेल के करीबी दोस्त माने जाने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के प्रमुख सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों से भारत को आजादी दिलवाने के लिए काफी संघर्ष किए।

उन्होंने भारत को स्वाधीनता दिलवाने वाले कई आंदोलन मे अपनी सक्रिय भूमिका निभाई और अपनी भागीदारी से स्वतंत्रता आंदोलन की नींव मजबूत करने में मद्द की। मौलाना अबुल कलाम आजाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भी काफी एक्टिव मैंबर थे, जिन्हें महज 35 साल की उम्र में ही कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। 

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Motilal Nehru – मोतीलाल नेहरु

  • जन्म (Birthday): 6 मई 1861, आगरा, ब्रिटिश भारत
  • मृत्यु (Death): 6 फरवरी 1931, लखनऊ, ब्रिटिश भारत
  • पत्नी का नाम (Wife Name): स्वरुप रानी थसु
  • बच्चे (Children Name):  जवाहर लाल नेहरू
  • कार्य: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के कार्यकर्ता, भारतीय वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता।

ब्रिटिशकाल के दौरान आगरा में जन्में मोतीलाल नेहरू का नाम (Name) भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से सबसे ऊपर शुमार हैं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था। राष्ट्रप्रेम की भावना उनके अंदर इस तरह निहित थी कि एक अच्छे वकील होने के बाबजूद भी उन्होंने वकालत छोड़ दी और देश को आजाद करवाने के लिए जुट गए।

इसके अलावा वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता  के रुप में जाने जाते थे।

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Ram Manohar Lohia – राममनोहर लोहिया

  • पूरा नाम (Name): डॉ. राम मनोहर लोहिया
  • जन्म (Birthday): 23 मार्च 1910 अकबरपुर, फैजाबाद, उत्तरप्रदेश
  • माता/पिता:  चंदा देवी /हीरा लाल
  • मृत्यु (Death): 12 अक्टूबर, 1967, नई दिल्ली
  • कार्य क्षेत्र: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, क्रांतिकारी लेखक,

हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने वाले राम मनोहर लोहिया जी ने भारत की आजादी की लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दिया था। वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे, जिन्होंने अपने सिद्धान्तवादी, नैतिकवादी, तेजस्वी राष्ट्रवादी और समाजवादी विचारों में भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी थी। आपको बता दें कि एक राष्ट्रवादी नेता होने के साथ-साथ वे एक सुविख्यात लेखक भी थे।

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Ram Prasad Bismil – राम प्रसाद बिस्मिल

  • जन्म (Birthday):  11 जून 1897, शाहजहांपुर, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
  • मृत्यु (Death): 19 दिसम्बर 1927, गोरखपुर जेल, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
  • माता/पिता: मूलमती/मुरलीधर
  • राजनीतिक आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन

रामप्रसाद बिस्मिल भारत के एक सच्चे देशभक्त और ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जो  देश की रक्षा के लिए हंसते हुए शहीद हो गए थे।  उन्के अंदर राष्ट्रप्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। यही वजह थी कि वे महज 11 साल की छोटी सी उम्र से ही स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने लगे थे।

वे एक महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ एक मशहूर शायर, महान इतिहासकार, सुविख्यात लेखक और सुप्रसिद्ध साहित्यकार भी थे।

उन्होंने भगत सिंह और चंद्रशेखऱ आजाद के साथ मिलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की नींव रखी थी। इसके अलावा काकोरी कांड और मणिपुर षणयंत्र में भी उनकी भूमिका काफी अहम रही थी।

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Ram Singh Kuka

  • उपनाम (Name):  सतगुरू
  • जन्म (Birthday): स्थान 3 फरवरी 1816 (श्री भैनी साहिब, पंजाब)
  • पिता: सरदार जस्सा सिंह
  • मृत्यु (Death): 18 जनवरी 1872 (ढाका, बांग्लादेश)
  • कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, संत खालसा के संस्थापक, सिख गुरु

राम सिंह कुका भारत के एक ऐसे साहसी और शक्तिशाली वीर थे, जिन्हें अपनी बहादुरी से ब्रिटश शासकों की नाक में दम कर दिया था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी से भारत को आजादी दिलवाने के लिए अपना अति महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

इसके साथ ही उन्होंने विेदशी शैक्षणिक संस्थान, विदेशी वस्तुओं और ब्रिटिश अदालतों का बहिष्कार किया था। राम सिंह कुका, अंग्रेजों के खिलाफ पंजाब में हुए असहकार आंदोलन के प्रणेता भी थे, उन्होंने संत खालसा का गठन किया था।

वहीं राम सिंह कुका द्धारा लिखित गुरु गोविन्द सिंह के ग्रंथ को सबसे पवित्र माना गया, और फिर बाद में वे सिक्खों के गुरु भी कहलाए।

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Rani Lakshmi Bai – रानी लक्ष्मीबाई

  • नाम (Name): रानी लक्ष्मीबाई  (मणिकर्णिका तांबे)
  • उपनाम (Name): मनु बाई
  • जन्म (Birthday): 19 नवंबर 1828, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
  • माता/पिता का नाम (Father Name): भागीरथी बाई/मोरोपंत तांबे
  • पति:  झांसी नरेश महाराज गंगाधर राव नेवालकर
  • संतान: दामोदर राव, आनंद राव (दत्तक पुत्र)
  • शौक: घुड़सवारी करना, तीरंदाजी
  • मृत्यु (Death): 18 जून 1858, कोटा की सराय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत

महारानी लक्ष्मी ने अपने अदम्य साहस और बहादुरी से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। वे देश की ऐसी वीरांगना थी, जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए काफी संघर्ष किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने राज्य झांसी की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ धावा बोला और बाद में वीरगति को प्राप्त हुईं थी।

रानी लक्ष्मीबाई घुड़सवारी, तीरंदाजी, युद्ध-शस्त्र विद्या में काफी निपुण थी। वहीं रानी लक्ष्मी बाई के अंदर दया का भाव कूट-कूट कर भरा था, मनुष्य तो क्या वे पशुओं तक को परेशानी में देखकर पिघल जाती थी। महारानी लक्ष्मीबाई जी की वीरगाथा आज भी महिलाओं के अंदर एक नया जोश और साहस भर देती हैं और उनका सिर गर्व से ऊंचा कर देती है।

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Rash Behari Bose – रास बिहारी बोस

  • पूरा नाम (Name): रास बिहारी बोस
  • जन्म (Birthday): 25 मई, 1886,वर्धमान ज़िला, पश्चिम बंगाल
  • मृत्यु (Death): 21 जनवरी, 1945, टोक्यो, जापान
  • प्रसिद्धि: वकील, शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी नेता

रास बिहारी भारत के उन क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने अपने भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से आजाद दिलवाने के लिए विलायत में जाकर लड़ाई लड़ी और  ब्रिटिश शासकों को भारत से बाहर खदेड़ने के लिए उनके खिलाफ माहौल पैदा किया था, और लोगों में आजादी पाने की जिज्ञासा जागृत की थी।

रास बिहारी ने  कांग्रेस के उदारवादी दल के नेता भी थे, जिन्होंने साल 1937 में भारतीय स्वातय संघ की स्थापना की थी। इसके अलावा उन्होंने एक सुप्रसिद्ध वकील और महान शिक्षाविद के रुप में भी पहचाना जाता था।

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Sardar Vallabh Bhai Patel – वल्लभ भाई पटेल

  • पूरा नाम (Name):  सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • अन्य नाम (Name): सरदार पटेल, लौहपुरुष
  • जन्म (Birthday): 31 अक्टूबर, 1875 नाडियाद, गुजरात
  • माता/पिता का नाम:  लाड़बाई/झावेरभाई पटेल
  • पत्नी का नाम (Wife Name):  झावेरबा
  • आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
  • उपलब्धियां: खेड़ा सत्याग्रह और बरडोली विद्रोह का नेतृत्व किया
  • मृत्यु (Death): 15 दिसम्बर 1950 (बॉम्बे)

भारत की एकता के सूत्रधार और आधुनिक भारत के निर्माता कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और आजाद भारत के पहले गृह मंत्री थे।

जिन्होंने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। इसके साथ ही महात्मा गांधी के ”असहयोग आंदोलन” और ”भारत छोड़ो आंदोलन” में अपना पूरा समर्थन दिया था। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे कई बार जेल भी गए थे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात के खेड़ा सत्याग्रह के माध्यम से अंग्रेजों के नाक पर दम कर दिया था, जिसके चलते अंग्रेजों को किसानों के कर को माफ करना पड़ा था।

यही नहीं सरदार पटेल ने अंग्रेजों के चंगुल से भारत के आजाद होने के बाद, अलग-अलग रियासतों में बंटे भारतीय संघ को एकीकृत करने में अपना अहम रोल निभाया था। उनकी विवेकशीलता, अद्भुत कौशल और नीतिगत दृढ़ता के कारण ही उन्हें ”लौहपुरुष” और ”भारत के बिस्मार्क” की उपाधि दी गई थी।

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Shaheed Bhagat Singh – भगत सिंह

  • नाम (Name): सरदार भगत सिंह
  • जन्म (Birthday):  27 सितम्बर 1907, बंगा, पंजाब, ब्रिटिश भारत, (अब पकिस्तान में)
  • माता/पिता का नाम (Father Name): विद्यावती कौर/सरदार किशन सिंह सिन्धु
  • मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931, लाहौर

शहीद-ए-आजम भगत सिंह, भारत के एक सच्चे देशभक्त, महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना निहित थी। वे, भारत के ऐसे वीर सपूत थे, जो कि महज 23 साल की उम्र में अपने देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए थे।

भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी विचारों से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश के युवा नौजवानों के अंदर आजादी पाने की इच्छा जगा दी थी और उनके अंदर एक नया जोश भर दिया था। वहीं इसके बाद बड़ी संख्या में युवा स्वाधीनता संग्राम में शामिल हुए थे।

भगत सिंह ने साइमन कमीशन का जमकर विरोध किया था, उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के बढ़ते अत्याचारों और दमनकारी नीति का जमकर विरोध किया था और मजदूर विरोधी नीतियों के ब्रिटिश संसद में पारित नहीं होने देने के मकसद से ब्रिटिश सरकार की असेम्बली पर हमला कर दिया था, उनके इस कदम के चलते उन्हें और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार द्धारा फांसी की सजा सुनाई गई थी।

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Shivaram Rajguru – राजगुरु

  • पूरा नाम (Name): शिवराम हरि राजगुरु
  • जन्म (Birthday):  24 अगस्त 1908, पुणे, महाराष्ट्र, ब्रिटिश भारत
  • मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931, लाहौर, ब्रिटिश भारत (अब पंजाब में, पाकिस्तान)
  • माता/पिता का नाम (Father Name): पार्वती बाई/हरि नारायण
  • योगदान: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में निभाई भूमिका
  • संगठन: हिन्दूस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन

आज हम अपने देश के जिन महान स्वतंत्रता सेनानियों के कठोर प्रयास और संघर्ष की बदौलत आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं, उनमें से एक नाम (Name) शिवराम राजगुरु का भी है।

वे, भारत माता के एक सच्चे वीर सपूत थे, जिन्होंने देश को आजादी दिलवाने के लिए हंसते-हंसते अपने शहादत दी थी, वहीं उनकी शहादत से भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नया आवाम मिला था और हर नौजवान के दिल में आजादी पाने की भूख और भी ज्यादा बढ़ गई थी।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु इन तीनों की तिकड़ी काफी मशहूर थी, वहीं ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या का षणयंत्र रचने और ब्रिटिश संसद पर हमला करने की वजह से तीनों को एक साथ फांसी दे दी गई थी।उनके त्याग और बलिदान को आज भी याद किया जाता है।

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Subhash Chandra Bose – सुभाष चन्द्र बोस

  • जन्म (Birthday): 23 जनवरी 1897, कटक, उड़ीसा राज्य, बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत
  • माता/पिता का नाम (Father Name): प्रभावती देवी/जानकीनाथ बोस
  • प्रमुख आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
  • पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, फॉरवर्ड ब्लॉक
  • संगठन: आजाद हिन्द फौज, ऑल इंडिया नेशनल ब्लॉक फॉर्वड, स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार
  • मृत्यु (Death): 18 अगस्त 1945

पूर्ण स्वराज और स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वाले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक सच्चे वीर सपूत, एक भारतीय राष्ट्रवादी नेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने लिए कुर्बान कर दी। सुभाषचन्द्र बोस जी की विचारधारा का अंदाज उनके इस प्रसिद्ध नारे से लगाया जा सकता है कि –

तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आजादी दूंगा

सुभाष चन्द्र बोस ने अपने फौलादी इरादों और अपने साहसी कामों से भारत में अंग्रेजों की नींव कमजोर कर दी थी, और उन्हें एहसास दिलवा दिया था कि वे भारत में ज्यादा दिन तक शासन नहीं कर सकेंगे।

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Sukhdev – सुखदेव

  • पूरा नाम (Name): सुखदेव थापर
  • जन्म (Birthday):  15 मई 1907 लुधियाना, पंजाब में
  • मृत्यु (Death): 23 मार्च 1931 लाहौर, पंजाब, ब्रिटिश भारत में
  • माता/पिता का नाम (Father Name): श्रीमती रल्लीदेवी/ श्री रामलाल
  • राजनैतिक: आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
  • संगठन: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन

सुखदेव, भारत के  महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रा सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण गवां दिए थे। सुखदेव ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और भगत सिंह, और राजगुरु के साथ मिलकर ब्रिटिश शासकों के छक्के छुड़ा दिए थे।

सुखदेव ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने और अंग्रेजों की किसानों और मजदूरों के विरु्ध दमनकारी नीतियों के कारण लाहौर षणयंत्र की योजना बनाई थी और ब्रिटिश संसद में हमला कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था, और उन्हें भगत सिंह और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को सूली पर चढ़ा दिया था।

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Surendranath Banerjee – सुरेंद्रनाथ बैनर्जी

  • पूरा नाम (Name): सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी
  • अन्य नाम (Name): राष्ट्रगुरू, इंडियन ग्लेडस्टोन, इंडियन एडमंड बर्क
  • जन्म (Birthday): 10 नवम्बर 1848, कलकत्ता, बंगाल प्रेसिडेन्सी
  • मृत्यु (Death): 6 अगस्त 1925, बैरकपुर, बंगाल प्रेसिडेन्सी
  • पेशा: शिक्षाविद, राजनेता, स्वाधीनता सेनानी, पत्रकार

सुरेन्द्रनाथ भारत के एक महान क्रांतिकारी और प्रख्यात स्वाधीनता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश काल के समय एक भारतीय राजनैतिक संगठन ”इंडियन नेशनल एसोसिएशन” की स्थापना की थी।

वे राष्ट्रगुरु के नाम (Name) से भी जाने जाते थे जो कि, ब्रिटिश शासकों को भारत से बाहर निकाल देना चाहते थे। इसके अलावा वे कांग्रेस के एक नरमपंथी दल के नेता थे। उनकी ख्याति एक मशहूर शिक्षाविद और पत्रकार के तौर पर भी फैली थी।

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Sri Alluri Seetarama Raju – अल्लूरी सीताराम राजू

  • पूरा नाम (Name): अल्लूरी सीताराम राजू
  • जन्म (Birthday): 4 जुलाई, 1897, विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश
  • मृत्यु (Death): 7 मई, 1924
  • माता/पिता: सूर्यनारायणाम्मा/वेक्टराम राजू
  • प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी

अल्लूरी सीताराम राजू, भारत के एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने लोगों के मन से अंग्रेजों के अत्याचारों के डर को दूर भगाया और आजाद भारत में रहने की अलख जगाई। इसके साथ ही लोगों को असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। वे गांधी जी के विचारधारा से काफी प्रभावित थे।

अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासियों के जीवन की दशा सुधारने के काफी प्रयत्न किए  और उनकी सहायता से अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र आक्रमण कर एक आजाद सत्ता स्थापित करने के प्रयास किए वहीं उनके इस प्रयास ने ब्रिटिश शासकों की नींदे उड़ा दी थी।

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Tipu Sultan – टिपू सुल्तान

  • पूरा नाम (Name):  सुल्तान सईद वाल्शारीफ फतह अली खान बहादुर शाह टीपू
  • जन्म (Birthday): 10 नवंबर, 1750, देवनहल्ली, (वर्तमान में बैंगलोर, कर्नाटका)
  • मात/पिता का नाम (Father Name):  फातिमा फख- उन निसा/ हैदर अली
  • पत्नी का नाम (Wife Name): सिंध सुल्तान
  • मृत्यु (Death): 4 मई, 1799
  • प्रसिद्ध: मैसूर सम्राज्य के शासक

टीपू सुल्तान भारत के एक वीर सेनापति, एक कुशल लेखक, महान कवि और साहसी योद्धा थे, उनकी बहादुरी को देखकर अंग्रेज भी उनके सामने झुकने के लिए मजबूर हो गए थे। भारत को आाजादी दिलवाने में मैसूर सम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, उन्हें भारत की पहले स्वतंत्रता सेनानी के रुप में भी जाना जाता था।

टीपू सुल्तान ने अपनी विवेकशीलता, रणनीति, कूटनीति और सूझबूझ से कई प्रदेशों को जीतकर अपने मैसूर सम्राज्य का विस्तार किया था। आपको बता दें कि टीपू सुल्तान ने ही युद्ध में पहली बार रॉकेट का इस्तेमाल किया था।

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Veer Savarkar – विनायक दामोदर सावरकर

  • पूरा नाम (Name): विनायक दामोदर सावरकर
  • जन्म (Birthday): 28  मे 1883 भागुर गांव, नासिक, महाराष्ट्र
  • माता/पिता: राधाबाई सावरकर/दामोदर सावरकर
  • पत्नी का नाम (Wife Name): यमुनाबाई
  • कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता।

हिन्दुत्ववादी विचारधारा के जनक माने जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर जी एक सच्चे देश भक्त और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जो अपने पूरे जीवन भर देश की सेवा में लगे रहे।

गुलामी का दंश झेल रहे भारत देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और विदेशी वस्तुओं का जमकर बहिष्कार किया था, इसके साथ ही अन्होंने लोगों को अपने शक्तिशाली भाषणों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। सावरकर जी के अदम्य साहस, अनुपम त्याग और महाबलिदान को लोग आज भी याद करते हैं।

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Bhim Sen Sachar – भीमसेन सच्चर

  • पूरा नाम (Name): भीमसेन सच्चर
  • जन्म (Birthday): 1 दिसंबर 1894 को पेशावर, पाकिस्तान
  • मृत्यु (Death): 18 जनवरी 1978
  • शिक्षा: बीए और एलएलबी
  • कार्य: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, वकील

भीमसेन सच्चर ने गुलामी का दंश झेल रहे भारत को आजाद करवाने के लिए काफी प्रयास किए थे । उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी। आपको बता दें कि वे सबसे कम उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने वाले राजनेता थे। इसके अलावा वे पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके थे।

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Acharya Kripalani – आचार्य कृपलानी

  • पूरा नाम (Name): आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी
  • अन्य नाम (Name): आचार्य कृपलानी
  • जन्म (Birthday): 11 नवम्बर, 1888, हैदराबाद
  • मृत्यु (Death): 19 मार्च, 1982
  • पिता:  काका भगवान दास
  • पत्नी का नाम (Wife Name): सुचेता कृपलानी
  • प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ
  • पार्टी:  कांग्रेस, किसान मज़दूर प्रजा पार्टी

महात्मा गांधी जी के काफी करीबी माने जाने वाले आचार्य कृपलानी भारत के प्रसिद्ध राजनेता और महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारत को गुलामी से मुक्त दिलवाने के लिए अथक प्रयास किए थे, और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भागीदारी निभाई थी।

आपको बता दें कि उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर भी काफी ख्याति बटोरी थी, इसके अलावा वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मंत्री भी रह चुके थे।

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Aruna Asaf Ali – अरुणा आसफ़ अली

  • पूरा नाम (Name): अरुणा आसफ़ अली
  • जन्म (Birthday): 16 जुलाई 1909, कालका ग्राम, पंजाब
  • माता/पिता:  उपेन्द्रनाथ गांगुली/अम्बालिका देवी
  • पत्नी का नाम (Wife Name): आसफ़ अली
  • कार्य: स्वतंत्रता सेनानी
  • आंदोलन: भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने  महात्मा गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी। इस आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीय मैदान में कांग्रेस का झंडा फहराकर उन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था।

अरुणा आसफ अली  ने दिल्ली के पहले मेयर बनने का गौरव भी हासिल किया था, इसके अलावा उन्होंने एक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की नींव रखी थी। वहीं भारतीय समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न समेत तमाम पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

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Jatindra Mohan Sengupta जतिन्द्र मोहन सेनगुप्त

  • नाम (Name): जतिन्द्र मोहन सेनगुप्त
  • जन्म (Birthday): 22 फरवरी 1885, चिट्टागोंग जिला, बरमा, ब्रिटिश भारत
  • पिताजी:   मोहन सेनगुप्त, वकील
  • कार्य: क्रांतिकारी, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील
  • मृत्यु (Death):  23 जुलाई, 1933

जतिन्द्र सेन गुप्ता की गिनती भी भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी में होती है। वे एक ऐसे क्रांतिकारी थे, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने का साहस भरा था। वे अंग्रेजी शासकों को फूटी आंखों भी नहीं सुहाते थे। जतिन्द्र सेन ने एक सच्चे देशप्रेमी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ऐसे क्रांतिकारियों के मामलों की वकालत की थी, जिन्हें गैरबुनियाद आरोपों के तहत जेल में बंद कर दिया गया था।

इसके अलावा वे राजनीति में भी काफी सक्रिय रहते थे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़कर उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए अथक प्रयास किए थे और असहकार आंदोलन में भी अपना महत्वपूर्ण रोल अदा किया था।

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Madan Mohan Malviya – मदनमोहन मालवीय

  • जन्म (Birthday): 25 दिसंबर 1861 (इलाहाबाद)
  • मृत्यु (Death): 2 नवंबर 1946 (वाराणसी)
  • माता/पिता का नाम (Father Name): मूना देवी/ बृजनाथ
  • पत्नी का नाम (Wife Name): कुंदन देवी
  • संतान: 4 बेटे,2 बेटियां
  • पेशा: राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद

एक स्वतंत्र, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना देखने वाले मदन मोहन मालवीय की गिनती भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में होती है।उन्होंने भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाने के लिए अपने पूरे जीवन भर संघर्ष किया और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी के साथ गोल मेज सम्मेलन में हिस्सा लिया था। एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ वे एक महान शिक्षाविद और प्रख्यात समाज सुधारक भी थे। उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बनारस हिंदू विश्विद्यालय की भी नींव रखी थी। इसके अलावा उन्होंने समाज की भलाई के लिए भी कई काम किए थे।

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Nellie Sengupta – नेली सेनगुप्त

  • जन्म (Birthday): 1 दिसम्बर 1886 कैम्ब्रिज नगर, इंग्लैण्ड
  • मृत्यु (Death): 23 अक्टूबर 1973, कलकत्ता
  • माता/ पिता: एडिथ होनरीटा/ग्रेफ्रेडरिक
  • पति: यतीन्द्र मोहन
  • कार्य: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ
  • आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, असहयोग आंदोलन

अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा के लिए समर्पित करने वाली, नेली सेनगुप्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की मुख्य नायिका के तौर पर उभरी थी।

एक सच्चे देशप्रेमी की तरह उन्होंने अपने भारत  देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए, निर्भीकता और साहस के साथ अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।

इसके साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी अपनी सक्रिय भागदीरी निभाई थी, साथ ही स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओं का उन्होंने पूर्ण रूप से बहिष्कार किया था। इसके अलावा वे राजनीति में भी काफी एक्टिव थी।

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Pandit Balakrishna Sharma – पंडित बालकृष्ण शर्मा

  • नाम (Name): पंडित बालकृष्ण शर्मा
  • जन्म (Birthday): 8 दिसंबर 1897
  • प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी,कवि, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, पत्रकार
  • आंदोलन: असहयोग आंदोलन

पंडित बालकृष्ण शर्मा एक सच्चे वीर सपूत और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना निहित थी और जिनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य भारत देश को आजाद करवाना था।

बालकृष्ण शर्मा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी जी के असहयोग आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वहीं इसके लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। आपको बता दें कि वे एक भारतीय कवि, महान दार्शनिक और प्रख्यात राजनीतिज्ञ थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।

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Puspa Lata Das – पुष्पलता दास

  • नाम (Name): पुष्पलता दास
  • जन्म (Birthday): 27 मार्च साल, 1915, उत्तर लखीमपुर, असम
  • कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सत्याग्रह
  •  मृत्यु (Death): 9 नवंबर, 2003

पुष्पलता दास भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख नायिका के तौर पर उभरी थी,जिन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह की फांसी की सजा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी, साथ ही सत्याग्रह आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। भारत की राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर भी काफी जोर दिया था।

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Sagarmal Gopa – सागरमल गोपा

  • जन्म (Birthday): 3 नवम्बर 1900
  • मृत्यु (Death):  4 अप्रैल 1946
  • आंदोलन: असहयोग आंदोलन

सागरमल गोपा, भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलवाने के उद्देश्य से ब्रिटिश शासकों का जमकर विरोध किया और उनकी दमनकारी नीतियों का बहिष्कार किया था। इसके अलावा उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में भारत के असहयोग आंदोलन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

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💯+ Quotes on Life Hindi |जीवन पर सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार

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Quotes On Life in Hindi

कई बार ऐसा होता है के हम जीवन के मुश्किल दौर से गुजर रहे होते है बहुत ही निराश होकर थक जाते है और अचानक हम कुछ ऐसा पढ़ते है या फिर कोई सामने आके हमे कुछ कह जाता है। जो सुन के हमारा अपनी मुसीबतो की तरफ देखने का नजरिया ही पूरी तरह से बदल जाता है। ऐसी बातें हमारे जीवन पर गहरा असर कर जाती है और बहोत वक़्त तक हमारे जीवन पर उसका प्रभाव रहता है।

आज हम आपसे ऐसीही कुछ अनमोल वचन share करने वाले है जिन्होंने बहुत ही सरल भाषा में ज़िन्दगी की कई सारे उलझने पल में सुलझा दी। जिन्होंने मुश्किल हालत में लोगो का हौसला बढ़ाया और life की बारे में बहुत कुछ सिखाया। तो आइये पढ़ते है Quotes on Life in Hindi

Quotes on Life in Hindi | जीवन पर सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार

Life Quote

“जिन्दगी में कभी उदास ना होना, कभी किसी बात पर निराश ना होना, ये जिंदगी एक संघर्ष है चलती ही रहेगी, कभी अपने जीने का अंदाज ना खोना!

Zindagi shayari with images

“जिन्दगी जीने का मकसद खास होना चाहिए और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती बस जीने का अंदाज होना चाहिए।

Hindi quotes on life with images

“जीवन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है की, हम जीवन में कभी भी नई शुरुवात कर सकते है।

अगले पेज पर और Life Quotes हैं!

Truth of Life Quotes in Hindi

किसी के लिए गमों का सागर है जिंदगी तो किसी के लिए खुशियों की सौगात है यह जिंदगी। जिंदगी के मायने हर किसी के लिए अलग-अलग होते है, लेकिन जिंदगी के उतार-चढ़ाव का हंस के सामने करने वाला इंसान ही अपनी जिंदगी में सफल हो पाता है, हालांकि जो लोग कठिन समय में धैर्य खो देते हैं, या फिर असफलता हाथ लगने पर मायूस हो जाते हैं तो ऐसे समय में कुछ लाइफ कोट्स लोगों की जिंदगी में नया जोश भरने का काम करते हैं औऱ जिंदगी के प्रति सकरात्मकता पैदा करते हैं।

इसी कड़ी में आज हम आपको कुछ लाइफ कोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं, जो आप व्हाट्सऐप, फेसबुक और ट्वीटर या किसी अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर अपने परिवार, दोस्तों या फिर किसी करीबी के साथ शेयर कर सकते हैं, और इन हिन्दी कोट्स के माध्यम से उनकी जिंदगी में नई ऊर्जा और उमंग भर सकते हैं।

Best quotes on life in Hindi with images

“जिन्दगी #whatsApp के last Seen जैसी है। सबको अपनी छिपानी है, और दुसरो की देखनी है।

Quotes on Life in Hindi

“अगर जिन्दगी में कुछ पाना हो, तो तरीके बदलो इरादे नहीं।

Truth of life quotes in Hindi

“जिंदगी में हम बाहर की चुनौतियो से नहीं, अंदर की कमजोरियों से हारते है।

Life quotes Hindi Images

जिंदगी ईश्वर का दिया हुआ खूबसूरत उपहार ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे नायाब चीज है, इसलिए जिंदगी में हर पल को खुलकर जीना चाहिए, और दूसरे के मन में भी जिंदगी जीने की इच्छा प्रकट करनी चाहिए, वहीं कुछ महान लोगों के विचार और कुछ लाइफ कोट्स ऐसे होते हैं जो लोगों को जिंदगी जीने की प्रेरणा देते हैं, और जिंदगी के लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित करते हैं।

जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए, और बिना रुके आगे बढ़ता रहना चाहिए, क्योंकि संघर्ष के बाद सफलता हासिल करने का एक अलग ही आनंद होता है, और जीने की इच्छा फिर से जागृत हो उठती है, वहीं इस तरह के लाइफ कोट्स न सिर्फ जीवन के कठिन समय में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि इन कोट्स को व्हाट्सऐप, फेसबुक या फिर अन्य सोशल मीडिया पर शेयर कर दूसरों के मन भी जिंदगी के प्रति सकरात्मक भाव पैदा किया जा सकता है।

Life quotes in Hindi

“इंसान घर बदलता है, रिश्ते बदलता है, दोस्त बदलता है, फिर भी परेशान क्यों रहता है? क्योकी वो खुद को नहीं बदलता।

Life Quotes

“एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद… दूसरा सपना देखने के होंसले को जिन्दगी कहते है!

Life quotes in Hindi images

“सफलता हमेशा आपको अकेले में गले लगाती है। लेकिन असफलता हमेशा जनता में आपको थप्पड़ लगाती है, यही जिंदगी है।

Life quotes Hindi

Life Quotes Hindi

“लगता था जिंदगी को बदलने में टाइम लागेला, पर क्या पता था बदलता हुआ वक्त जिन्दगी बदल देगा।

Zindagi Quotes

“मिलता तो बहूत कुछ है इस जिन्दगी में बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।

Hindi Life Quotes

“जिन्दगी में ये मायने नहीं रखता कि आपने जिंदगी को कितना जिया, बल्कि मायने ये रखता है की आप जिन्दगी में कितना खुश रहे।

Hindi quotes on life with images

Zindagi Suvichar

“अगर जिन्दगी में सुकून चाहते हो तो लोगो की बातों को दिल से लगना छोड़ दो…

Thought in Hindi on life

“गलती जिंदगी का एक “पेज” है, पर रिश्ते जिन्दगी की “किताब” है, जरूरत पड़ने पर गलती का पेज फाड़ देना, पर एक “पेज” के लिए पूरी “किताब” मत खो देना।

Golden thoughts of life in Hindi

“जो अच्छा लगता है वो “मिलता नहीं”,जो मिलता है वो अच्छा “लगता नहीं”, कितना अजीब हैं न… जब आते है जिन्दगी में 3 इक्के तो सामने से कोई “खेलता नहीं”…

Life quotes

Zindagi quotes for whatsapp

“जीवन में दुनिया को नहीं अपने आप जो बदलो, दुनिया तो अपने आप बदल जाएगी।

Hindi status for life

“हर रोज गिर कर भी, मुकम्मल खड़े है ये जिंदगी देख, मेरे होंसले भी बड़े है!

Hindi Suvichar on life

“अब मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताब को, जो था वो में रहा नहीं, जो हूँ वो किसी को पता नहीं।

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Road safety slogan in Hindi –वाहन धीमा चलाये

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Road safety slogans

यह तो हम सभी जानते हैं कि वाहन चलाते वक्त सावधानी बरतनी अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन फिर भी हम अपने  घरों से टाइम पर नहीं निकलते हैं जिससे गंतव्य स्थान पर पहुंचने की इतनी जल्दी होती है कि हम अपना वाहन इतनी तेज स्पीड चलाते हैं कि, गाड़ी का जरा सा भी संतुलन बिगड़ जाने से उसे संभाल नहीं पाते, और हादसे का शिकार हो जाते हैं, जिससे शारीरिक पीड़ा तो होती ही है।

वहीं कई बार तो लोग इस तरह के सड़क हादसों में अपनी जान गवां बैठते हैं। इसलिए सड़क सुरक्षा सभी के लिए बेहद जरूरी हैं, वहीं वाहन चलाते वक्त पूरी तरह से अलर्ट रहना चाहिए, नहीं तो थोड़ी सी भी चूक की आपको बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

इसलिए हम आपको अपने इस पोस्ट पर सड़क सुरक्षा पर कुछ स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनसे आपको सड़क सुरक्षा के महत्व को समझने तो आसानी मिलेगी ही साथ ही अगर आप इन स्लोगन को फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सऐप समेत अन्य सोशल साइट्स पर अपलोड करेंगे तो अन्य लोग भी रोड सेफ्टी के प्रति जागृत होंगे और सड़क हादसों से लगातार हो रही मौतों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

Safety slogan in Hindi

Road safety slogan in Hindi – वाहन धीमा चलाये

वाहन धीमा चलाये, अपना कीमती जीवन बचाये।

जन भली की गाड़ी भली, सड़क कहती की सुरक्षा भली।

दुघर्टना से देर भली।

मत करो इतनी मस्ती, जिंदगी नहीं हैं सस्ती।

सेफ रहें, और सुरक्षित रहें।

सुरक्षा से जो भी नाता तोड़ेगा, वह एक दिन दुनिया को छोड़ेगा।

एक भूल करे भारी नुकसान, छीने खुशियां और मुस्कान।

सज्जन व्यक्ति वही, जो सेफ्टी अपनाए सही।

खुद की जिंदगी को अगर है बढ़ाना, हमेशा सुरक्षा नियमों को अपनाना।

ऐ भाई जरा देख के चलो आगे ही नहीं पीछे भी।

Road Safety Slogans and Posters

वहीं आज की युवा पीढ़ी वाहन चलाते वक्त बेइंतहा लापरवाही बरत रही हैं, जिसकी वजह है कि आज सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है।

वहीं इसकी एक मुख्य वजह वाहन चालकों द्धारा यातायात के नियमों का भली प्रकार से पालन न करना, नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाना, ईयरफोन लगाकर गाडी़ चलाना या फिर गाड़ी में लाउड म्यूजिक चलाने की वजह से ड्राइविंग पर ध्यान नहीं देना, और गलत दिशा में गाड़ी चलाना समेत ओवरलोड वाहन चलाना आदि है।

आज कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता है कि जब सड़क हादसों की खबर न्यूजपेपर और टीवी चैनलों में न दिखाई दें, इसलिए सड़क सुरक्षा को लेकर सभी को जागरुक करना बेहद आवश्यक है, खासकर आज की युवा पीढ़ी को यातायात नियमों के बारे में जागरुक करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि वो दिखावे के चक्कर में न सिर्फ बेहद तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं बल्कि तरह-तरह के खतरनाक बाइक स्टंट आदि कर अपनी जान जोखिम में डालने से जरा भी नहीं कतराते।

वहीं ”दुर्घटना से देर भली”, ”सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” जैसे तमाम सड़क सुरक्षा स्लोगनों में माध्यम से सड़क हादसों पर नियंत्रण लगाने में आसानी होगी। इसके साथ ही परिवहन विभाग को भी इस दिशा में बेहद ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कई ऐसे सड़क मार्ग है, जिनकी हालत बेहद दयनीय है, वहीं देश में कई सड़कें तो ऐसी हैं, जो हादसों को दावत दे रही हैं, जिनमें यही समझना काफी मुश्किल होता है, कि गड्ढ़ों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे हैं।

road safety slogans and posters

अपनी सुरक्षा अपने हाथ, तभी सुरक्षा रहेगी आपके सभी के साथ।

तभी तो बनेगा बेहतर हर दिन, जब बर्तोगे सुरक्षा हर दिन।

हादसों पर लगेगा ताला, जब सब पहनोगे सुरक्षा की माला।

सुरक्षित जीवन का अर्थ है, सुरक्षा के बिना सब व्यर्थ है।

सड़क दुर्घटना से अगर है बचना, तो हमेशा हेलमेट पहने रहना।

तभी होगा आपका सारा काम, जब होगा सुरक्षा पर हमारा ध्यान।

सुरक्षित अपना जीवन।

उन्नत भविष्य की सिर्फ यही पुकार, बिन सुरक्षा सब बेकार।

लापरवाही से वाहन न चलाएं अपना व अपने परिवार का जीवन बचाएं।

हैलमेट लगाओ, जान बचाओ।

सड़क सुरक्षा का ज्ञान, मिलता है जीवन दान।

यातायात नियमों का पालन करें, दुर्घटना से बचें रहें।

सुरक्षा नियमों को फॉलो करे और न हीं कटौती और नहीं होगे आप परेशान।

सुन लो ये अनमोल वचन, सदा सड़क पर रखो ध्यान, तेरा एक परिवार है, जिसकी बसी है तुझमें जान।

वाहनों में ओवरलोड करें, और अपनी जान का जोख जोखिम भरे।

जन-जन का अब सिर्फ एक ही नारा, सड़क सुरक्षा नियमों को है अपनाना।

अदगर आपसड़क सुरक्षा नियमों का सम्मान, फिर न होगी दुर्घटना और नहीं होगे आप परेशान।

अगर आर कथनोदे रखोगे सड़क सुरक्षा का ध्यान, यही ज्ञान दिलाएगा आपको जीवन दान।

Road safety slogans in English

  • Start early Drive slowly Reach safely.
  • Better late than never.

More Slogans: Safety slogan in Hindi

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परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ ख़ास टिप्स | Exam Preparation Tips in Hindi

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Exam Preparation Tips in Hindi

Exam मतलब स्टूडेंट्स के साथ साथ उनके पेरेंट्स की भी Exam होती हैं। जीतना टेंशन बच्चों को आता हैं उससे कई ज्यादा उनके पेरेंट्स को।

अक्सर परीक्षा के नजदीक आते ही छात्रों में तनाव की समस्या उत्पन्न होने लगती है। छात्रों को सबसे ज्यादा चिन्ता इस बात की होती है कि किस तरह से परीक्षा की तैयारी को बेहतर किया जाए।

यहां हम आपको Exam preparation के लिए कुछ ख़ास टिप्स – Exam Preparation Tips देने वाले है जो आपकी किसी भी परीक्षा की तैयारी को आसान बनाया जा सकता है।

Exam Preparation Tips

परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ ख़ास टिप्स – Exam Preparation Tips in Hindi

  • Smart Study:

Exam के लिए पढाई करते वक़्त आप पहले उन चीज़ो को पढ़ ले जो आसान है या जिसे आपने पहले पढ़ लिया है। इससे आपकी revision हो जाएगी और आप इन topics के बारे में confident हो जायेंगे। फिर आप independent chapter कर ले मतलब ऐसे chapter जो किसी दूसरे chapters पे depend नहीं करते या reference नहीं लेते। ऐसे chapter कर लेने से आप ज्यादा से ज्यादा section cover कर लेते है। EXAM के लिए पढ़ते वक़्त smartly time management करना जरुरी है।

  • पाठ्यक्रम को भलीभांति समझ ले:

किसी भी परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको हर विषय के पाठ्यक्रम को भलीभांति समझ लेना चाहिए। तथा इसकी एक रूपरेखा तैयार कर लेनी चाहिए। इससे यह समझने में आसानी हो जाती है कि हमारा कौन सा विषय मजबूत है एवं किस विषय मे हमे ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।

  • समय-सारणी तैयार करें और पालन करें:

पाठ्यक्रम को समझने के बाद आपको हर विषय को ध्यान में रख कर समय-सारणी तैयार करनी चाहिए। समय-सारणी बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि समय-सारणी में उन विषयों के लिए अधिक समय निर्धारित हो जिनमे आप कमजोर हैं

इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपने जिस समय-सारणी को बनाया हो उसका कठोरता से पालन किया जाए, अन्यथा तैयारी सही ढंग से नही हो पाएगी।

  • उन विषयों पर अधिक ध्यान दे जिनमे आप कमजोर हैं:

किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए यह अत्यंत आवश्यक होता है कि आप उन विषयों पर अधिक ध्यान दे जिनमे आप कमजोर हैं, साथ ही बाकी विषयों का भी रोजाना अभ्यास करते रहें।

  • Presentation:

यहाँ presentation का मतलब यह नहीं है की आपका handwriting कितना सुन्दर है? Presentation मतलब आपने सवालों के जवाब किस प्रकार लिखे है उसका format। उत्तर लिखते वक़्त जरुरी चीज़े highlight करना, महत्वपूर्ण चीज़ो को points में लिखना। जहा जरुरी है वहा diagrams निकालके उसको समझाना। यह चीज़े presentation में आती है।

  • लगातार पढ़ाई ना करें:

जब भी पढ़ाई करने के लिए बैठे इस बात का खास ध्यान दे कि कभी भी लगातार पढ़ाई नही करनी चाहिए। हर 1 घण्टे के अंतराल पर कम से कम 10 मिनट का विराम अवश्य लेना चाहिए। इससे मस्तिष्क को आराम मिलता है जिसके फलस्वरूप फिर से जब आप पढ़ाई शुरू करते हैं तो चीजो को समझने में आसानी होती है।

  • कोड बना ले:

exam के समय कई ऐसी चीजे होती हैं जो सिर्फ़ एक शब्द से ही ध्यान में जाती हैं आप उस चीजो के कोड अपने दिमाग में बिठा ले ताकी exam के समय आपको उसे ज्यादा याद करने की जरुरत न पड़े कोड याद आते ही आगे पूरा याद आये।

  • नोट्स बना ले:

किसी भी विषय को भलीभांति तैयार करने के लिए उसका नोट्स बनाना अत्यंत आवश्यक होता है। इसका एक फायदा तो यह है कि आप समय-समय पर इसका अभ्यास कर सकते है। तथा दूसरा फायदा यह है कि नोट्स बनाने से लिखने का भी अभ्यास होता रहता है।

  • हर विषय का रिवीजन करें:

इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षा के कम से कम एक महीने पहले पूरा कोर्स खत्म कर लेना चाहिए। इससे हर विषय का रिवीजन करने का पर्याप्त समय मिल जाता है।

  • Cold Drinks Avoid करना:

अलग अलग प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स पीने की आदत हमें EXAM के time पे बहुत ही घातक हो सकती है। Tea, Coffee, जैसे drinks को भी EXAM के दौरान बंद करना चाहिए। यह चीज़े आपको अस्थिर बनाती है जिससे panic attack या EXAM में blank हो जाना जैसी चीज़े होती है।

  • लिखने की practice:

Physics, Maths, Accounts जैसे विषय सिर्फ पढ़ने से कोई फायदा नहीं होगा । ऐसे subjects के लिए आपको लिखना होगा और उन् सब चीज़ो की practice करनी होगी।

  • परीक्षा के कुछ घंटे पूर्व से ही पढ़ाई बन्द करें:

परीक्षा के कुछ घंटे पूर्व से ही पढ़ाई बन्द कर देनी चाहिए, तथा मन को शांत करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करने से परीक्षा कक्ष में प्रश्नपत्र हल करने में आसानी होती है।

  • आसान सवाल पहले:

हम सब को पता हैं की exam में पेपर लिखते समय समय की पाबन्दी होती हैं। इसलिए हमारे सामने exam पेपर आते ही आसान सवाल के जवाब पहले लिखना और फिर बाद में बाकि सवाल के जवाब इससे आपका समय काफी हद तक बचेंगा।

  • Health पे ध्यान देना:

अक्सर हम EXAM के वक़्त खुद के health का ख़याल नहीं रखते। रात को देर तक पढ़ते वक़्त अपने पास थोड़े ड्राई फ्रूट्स रखने से भूक मिटाने में आसानी होगी। ध्यान रहे यह खाना light होना चाहिए। मसालेदार और फ्राइड जंक खाने से आपको नींद आ जाएगी और पढ़ना मुश्किल हो जायेगा।

  • सोशल मीडिया से दूर रहना:

फेसबुक ट्विटर Whatsapp ये सब से पढाई करते वक़्त दूर रहना ही भलाई है। सोशल मीडिया हर पल हमें distract करता रहता हे इसीलिए अपने फ़ोन टीवी और कंप्यूटर को बंद करके पूरा ध्यान पढ़ने पे लगाना चाहिए।

  • प्राणायाम और ध्यान:

प्राणायाम और ध्यान करने से आप को एनर्जी मिलेगी और दिमाग शांत रहेगा। मेमोरी इम्प्रूव होगी जिससे आप EXAM में आसानी से अच्छे मार्क्स ला सकते है।

  • मन को एकाग्र करें:

परीक्षा की तैयारी करने के लिए मन का एकाग्र होना अत्यंत आवश्यक होता। इसके लिए प्राणायाम एवं आसान की सहायता ली जा सकती है जो कि मन को एकाग्र करने में सहायक होते हैं। मन को एकाग्र करने के लिए संगीत का भी सहारा लिया जा सकता है।

यह सभी टिप्स आपको पढाई करते वक़्त मदद करेंगी और आप पुरे उत्साह के साथ EXAM दे सकेंगे। EXAM का मुख्य लक्ष्य आपका ज्ञान परखना है नाकि आप को नीचा दिखाना। EXAM में आप कितने मार्क्स लाते है इससे ज्यादा आपका EXAM के प्रति रवैया कैसा है इस पर आप के जीवन की कई महत्वपूर्ण बाते निर्भर है।

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Slogans on women empowerment |महिला सशक्तिकरण पर नारे

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Slogans on women empowerment in Hindi

महिलाओं ने पिछले कुछ सालों में हर क्षेत्र में तरक्की हासिल की है, और खुद को साबित कर दिखाया है, लेकिन आज भी महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है।

आज 21 वीं सदी में भी बेटी के पैदा होने पर उन्हें मार दिया जाता है, या फिर कोक में ही उनकी जान ले ली जाती है, उन्हें समाज में बराबर का दर्जा नहीं दिया जाता, शिक्षा का अधिकार नहीं दिया जाता है, उनकी जिंदगी से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों का निर्णय आज भी उनके पिता, भाई या फिर उनके पति करते हैं, इसलिए आज महिला सशक्तिकरण की जरूरत पड़ी है।

इस लेख में हम महिला सशक्तिकरण पर कुछ जबरदस्त नारे (Slogans on women empowerment) Images के साथ पेश कर रहे हैं। अगर आपको यहा Nari Par Naare अच्छे लगे तो आपको ज्यादा से ज्यादा शेयर करना हैं ताकि इस विषय पर लोगो में जागरूकता फैला सके।

महिला सशक्तिकरण – Slogans on women empowerment in Hindi

नारी शक्ति पर स्लोगन

“जब हैं नारी में शक्ति सारी, तो फिर क्यों नारी को कहे बेचारी।”

नही सहना है अब किसी का अत्याचार, महिला सशक्तिकरण का यही है मुख्य विचार।

Slogans on women empowerment in Hindi

“भेदभाव जुल्म मिटायेंगे, दुनिया नई बसायेंगे, नई है डगर, नई हैं सफ़र, अब हम नारी आगे ही बढ़ाते जायेंगे।”

जीवन की कला को अब अपने हाथो से साकार कर, नारी ने संस्कृति का रूप निखारा हैं, और नारी का अस्तित्व ही सुन्दर जीवन का आधार हैं।

Women empowerment for facebook

“महिलाओं को दे शिक्षा का उजियारा, पढ़-लिख कर करें रोशन जग सारा।”

अपने हौसले से नारी भर रहीं ऊंची उड़ान, ना कोई शिकायत और ना कोई थकान।

Women empowerment

“महिलाओं को ना समझो बेकार, जीवन का है यह आधार।”

महिलाओं का ना करो तुम सब निरादर, देश की तरक्की के लिए जरुरी है इनका आदर।

Mahila Sashaktikaran Slogan

महिला सशक्तिकरण के तहत इन सभी मुद्दों के साथ महिलाओं की शिक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामले उठाए जाते हैं, ताकि समाज में आधी आबादी यानि कि महिलाओं की स्थिति में सुधार आ सके और उन्हें समाज में उचित सम्मान मिल सके और महिलाओं को लेकर समाज की संकीर्ण सोच में बदलाव आ सके।

वहीं महिला सशक्तिकरण पर ही आज हम आपको कुछ ऐसे स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपके ह्दय में तो महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित होगी और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके सहयोग करने में भी मद्द मिलेगी।

वहीं अगर आप महिला सशक्तिकरण पर लिखे गए इन स्लोगन को व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया साइट पर शेयर करेंगे तो अन्य लोग भी महिलाओं का सम्मान करने के लिए आगे बढ़ सकेंगे। इसके साथ ही एक बेहतर देश के निर्माण में मद्द करेंगे।

नारी पर नारे

“सशक्त नारी से ही बनेगा सशक्त समाज।”

जो महिलाओं का करे अपमान, उस नर को समझना तुम पशु समान।

Nari shakti slogan in Hindi gif for whatsapp

“अपने कर्तव्यों संग नारी भर रही है अब उड़ान, ना हैं कोई शिकायत ना कोई थकान, यही हैं नारी की पहचान।”

अब महिला सशक्तिकरण के सपने को पूरा करना है, और तरक्की के राह पर आगे बढ़ना है।

नारी शिक्षा पर स्लोगन

“नारी का करो सन्मान तभी बनेगा देश महान।”

नारी के दम पर ही चलता हैं पूरा जग, और इन्ही की गोद में पलता है पुरुष।

women empowerment Nare

“बराबरी का साथ निभाएं, महिलएं अब आगे आएं।”

अब महिलाएं अपने हुनर को हर क्षेत्र में आजमाने लगी हैं, यहां तक कि वे  वायुयान भी चलाने लगी हैं।

नारी सशक्तिकरण स्लोगन इन हिंदी

“हर ज्ञानी से बतियाना है सो पढ़ना है, मीरा का गाना गाना है सो पढ़ना है, मुझे अपना राग बनाना है सो पढ़ना है, अनपढ़ का नहीं ज़माना है सो पढ़ना है, क्योकि मैं नारी हूं मुझे पढ़ना है।”

नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में, पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में – जयशंकर प्रसाद

Women's rights slogans quotes for whatsapp status

“मैं भी छू सकती हूं आकाश, मौके की है मुझे तलाश।”

महिलाओं को अब अपना स्वाभिमान जगाना है, देश को तरक्की की ओर आगे बढ़ाना है।

महिलाओं के सशक्तिकरण पर नारे

“अबला नहीं है बिलकुल नारी, संघर्ष रहेगें हमारा जरी।”

धरती जैसी है सहनशीलता नारी में, और पानी जैसी है शीतलता नारी में।

Slogans on women empowerment

साफ है कि जब तक पुरुष और महिला दोनों सामान रुप से मिलकर देश के विकास में अपना सहयोग नहीं करेंगे, तब तक देश का सही मायने में विकास नहीं हो सकेगा। वहीं भारत सरकार भी कई योजनाओं की शुरुआत कर और अभियान चलाकर महिलाओं की स्थिति को सुधारने में लगातार प्रयास रही है।

आपको बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने लिए भारत सरकार बेटी बचाओ, बेटी, पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना समेत तमाम योजनाएं भी चला रही हैं, लेकिन इसके बाबजूद महिलाओं की स्थिति में कुछ खासा सुधार नहीं देखने को मिल रहा है।

क्योकि आज भी कन्या भ्रूण हत्या, अपहरण, रेप, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसलिए इस दिशा में सबको मिलकर कदम उठाए की जरूरत है, ताकि देश की आधी आबादी को उनका हक मिल सके। वहीं महिला सशक्तिकरण पर लिखे गए यह स्लोगन काफी मद्दगार साबित होंगे और महिलाओं को उनका हक दिलवाने में मद्द मिलेगी।

महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन पर हो रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर साल से 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज में अच्छा काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है।

ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मद्द मिले साथ ही महिलाओं के प्रति समाज की दकियानूसी मानसिकता में परिवर्तन लाया जा सके और भारत एक विकसित देश की लिस्ट में शुमार हो सके।

वहीं ऐसे कार्यक्रमों में महिला सशक्तिकरण पर लिखे गए स्लोगन के माध्यम से लोगों के अंदर आधी आबादी के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उन्हें शिक्षित कर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

Mahila Sashaktikaran Par Naare

“माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती कि चाहे कितनी भी पूजा कर लो, या फिर 9 दिन अखंड उपवास कर लो, लेकिन अगर नारी कि इज्जत करना नहीं सिखा तो सब बेकार है।”

“महिलाओं को दो इतना मान, की बड़े हमारे देश को शान।”

Slogans on women empowerment

“बेटियाँ हर किसी के नसीब में कहाँ होती है, भगवान् को जो घर पसंद आये बस वहां होती है।”

कभी मां तो कभी बहन बनकर दुलारती है, महिला ना जाने कितने जीवन संवारती है।

Women empowerment Slogans

“जीवन की कला को अपने हाथो से साकार कर, नारी ने संस्कृति का रूप निखारा हैं, नारी का अस्तित्व ही सुन्दर जीवन का आधार हैं।”

कल्पना चावला बनकर वह अंतरिक्ष माप चुकी है, और महिला आज के वक्त में हर बाधा पार कर चुकी है।

Slogan for women's day in Hindi

“महिलाओं का जो करे अपमान, जाने उसे नर पशु समान।”

“जिमेदारी संग नारी भर रही है उड़ान, ना कोई शिकायत ना कोई थकान।”

Slogan on women empowerment in English

  1. Strong women strong world.
  2. I Measure the progress of a community by the degree of progress which women have achieved – BR Ambedkar
  3. Women are more than just bodies… See More, Be More.

More article :

  1. Mahila Sashaktikaran Essay in Hindi
  2. Slogans on save girl child
  3. बेटी बचावों बेटी पढ़ाओ – Beti Bachao
  4. Women’s Day Poem

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15 अगस्त पर कुछ कविताएँ | Poem on Independence Day 15 August

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Poem on Independence in Hindi

दोस्तों, सबसे पहले तो आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। हम सब को पता हैं की 15 अगस्त को हम सब स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। ज्ञानीपण्डित पर आपनें 15 अगस्त पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध और 15 अगस्त पर सुविचार पढ़े हैं। ज्ञानीपण्डित के बहुत से फोल्लोवेर्स को 15 अगस्त पर कविताएँ – 15 August Poem चाहिए थी।

तो इसलियें आज हम स्वतंत्रता दिन के इस सुवर्ण मौके पर आपके लिए 15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day लाये हैं। ताकि आपका इस साल का स्वतंत्रता दिवस – Independence Day और भी खास हो जाये।

15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day 15 August

Poem on independence day

कई सालों तक गुलामी करने के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ था। तभी से हम सभी भारतवासी इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं।

आजादी के इस पर्व में लोग अपने-अपने तरीके से देश के प्रति अपनी भावनाओं का बखान करते हैं, तो कई लोग कविताओं के माध्यम से देश की स्वतंत्रता, एकता, अखंडता, विविधता को अपने भावों को प्रदर्शित करते हैं।

साथ ही इस मौके पर बेहद खूबसूरत ढंग से अपने देश के उन शूरवीरों के त्याग, बलिदान, संघर्ष और समर्पणों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें आज स्वतंत्रतापूर्ण, शांतिपूर्ण एवं खूबसूरत जीवन प्रदान किया है।

हम अपने इस आर्टिकल में राष्ट्रीयता और सद्भाव के इस पावन पर्व पर कुछ कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर आजादी का सुखद एहसास तो होगा ही, साथ ही सीना फक्र से चौड़ा हो जाएगा, और देशभक्ति की भावना जागृत होगी एवं अंग्रेजों के जुल्म और अत्याचारों को सोचकर खून खौल उठेगा एवं इन कविताओं में अपने वतन की खुशबु भी मिलेगी।

Poem on Independence Day – “मेरा देश”

प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
ऐसा सितारा मेरा देश।
चांदी सोना मेरा देश,
सफ़ल सलोना मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलोँ वाला मेरा देश।
आगे जाए मेरा देश,
नित नए मुस्काएं मेरा देश।
इतिहासों में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखायें मेरा देश।

15 August Poem – “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा”

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

– श्यामलाल गुप्त पार्षद

आजादी के इस पर्व पर हम सभी भारतीयों को एकजुट होकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने एवं अपने देश को भ्रष्टाचार, रिशवतखोरी, बलात्कार, हत्या, मर्डर आदि जघन्य अपराधों से स्वतंत्रता दिलवाने का संकल्प लेना चाहिए।

इसके साथ ही अपने देश से गरीबी, बेरोजगारी को मिटाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए एवं देश में लगातार बढ़ रहा आतंकवाद को खत्म करने के लिए शपथ लेनी चाहिए और अपने तिरंगे की आन-बान शान को बरकरार रखने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास  करने चाहिए, तभी सही मायने में हम वतन पर मिटने वाले देश के वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजली दे सकेंगे।

Independence Day Poem – “आज़ादी”

भागी परतंत्रता,
आयी स्वतंत्रता,
दिखलायी वीरता,
वीरों की ललकार,
देशभक्त की पुँकार,
आगे बढ़े तरुणाई
भारत को सजायेंगे
रक्षक हम आज़ादी के
गौरव को बढ़ायेंगे
रह्स्त्र गीत गाएंगे,
तिरंगा लहरायेंगे

Poem on Independence Day – “ऐ मेरे प्यारे वतन”

ऐ मेरे प्यारे वतन,
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुरबान

तू ही मेरी आरजू़,
तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आए
उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबाँ को
जिसपे आए तेरा नाम

सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान

माँ का दिल बनके कभी
सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं-सी बेटी
बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुरबान

छोड़ कर तेरी ज़मीं को
दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना
तेरे ज़र्रों की कसम

हम जहाँ पैदा हुए उस
जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल कुरबान

– प्रेम धवन

15 अगस्त के दिन सभी लोग आजादी के जश्न में डूबे रहते हैं। चारों तरफ देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण होता है। देशभक्ति के गीत और राष्ट्रगान के सुर हमारे कानों को सुनाई देते हैं, जो कि हमारी रुह को सुकून पहुंचाने वाले और देशभक्ति की भावना को जागृत करने वाले होते हैं।

वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं कविताएं आजादी का सुखद एहसास तो करवाती ही हैं, इसके साथ ही हमारे देश के वीरों और स्वतंत्रता सेनियों के संघर्षों के उन डरावने पलों की याद दिलवाती हैं, जिनके बारे में सोचकर रुह कांप जाती है एवं देश के शूरवीरों के प्रति मन में और अधिक सम्मान प्रकट होता है।

क्योंकि आज उन्हीं की बदौलत हम आजाद भारत में सुकून से जी पा रहे हैं और चैन की सांस ले रहे हैं एवं यह सोचकर बेहद फक्र महसूस होता है कि हमने शूरवीरों की ऐसी धरती पर जन्म लिया है, जिन्होंने हमारे सुकून और स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया एवं हम सभी को इस आदर्श पर्व को मनाने का मौका दिया।

यह एक बेहतरीन अवसर होता है, जब हम देश के प्रति लेख, निबंध, कविताओं, भाषण आदि के माध्यम से अपनी भावनाओं को उजागर कर सकते हैं।

15 August Poem – “भारत देश हमारा प्यारा।”

भारत देश हमारा प्यारा।
सारे विश्व में हैं न्यारा।
अलग अलग हैं यहाँ रूप रंग।
पर सभी एक सुर में गाते।
झेंडा ऊँचा रहे हमारा।

हर परदेश की अलग जुबान।
पर मिठास की उनमे शान।
अनेकता में एकता पिरोकर।
सबने मिल जुल कर देश संवारा।

लगा रहा हैं भारत सारा।
‘हम सब एक हैं’ का नारा।

हमारा भारत देश अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और शानदार विरासत के लिए पहचाना जाता है, जिसकी पहचान विविधता में एकता है। हमारे देश में बहती नदियां, पवित्र झरने, विशालकाय पेड़, सुंदर बागान, प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी को अपनी तरफ आर्कषित करती है और यहीं ठहरने का संकेत देती है।

वहीं स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व हमें अपने देश की संस्कृति और सभ्यता को सुरक्षित रखने एवं देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने की याद दिलवाता है।

वहीं इस पर्व पर लिखी गईं कविताएं हम सभी भारतीयों को अपने देश की प्रगति और विकास के लिए अपने कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि हम अपने देश को एक उन्नत देश मना सकें और पूरी दुनिया में इसे सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बना सकें।

Poem on Independence Day – “सारे जहाँ से अच्छा”

सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा

हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।

गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना

हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।

– मुहम्मद इक़बाल

Independence Day Poem – “ध्वजा वंदना”

नमो, नमो, नमो।
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो!

नमो नगाधिराज – शृंग की विहारिणी!
नमो अनंत सौख्य – शक्ति – शील – धारिणी!
प्रणय – प्रसारिणी, नमो अरिष्ट – वारिणी!
नमो मनुष्य की शुभेषणा – प्रचारिणी!
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो!

हम न किसी का चाहते तनिक अहित, अपकार।
प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।
सत्य न्याय के हेतु, फहर-फहर ओ केतु
हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु
पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!

तार-तार में हैं गुँथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!
दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।
सेवक सैन्य कठोर, हम चालीस करोड़
कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर
करते तव जय गान, वीर हुए बलिदान,
अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिंदुस्तान!
प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!

                   ~ रामधारी सिंह ‘दिनकर’

कई सालों तक अंग्रेजों के अत्याचारों के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था।

देश को गुलामी की परतंत्रता से स्वतंत्रता दिलवाने के लिए वैसे तो लाखों वीरों ने त्याग और बलिदान दिया था और अपने प्राणों की बाजी लगाई थी, वहीं उन नामों में से कुछ ऐसे नाम हैं, जो इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिख दिए गए हैं।

उनमें चन्द्र शेखर आजाद, सुखदेव, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, मंगल पांडे, नाना साहब, राजगुरु, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी  समेत कई नाम शामिल हैं।

यह देश के कुछ ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और शूरवीर थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने का साहस भरा था और अपने आंदोलनों से अंग्रेजों की नींदें हराम कर दी थीं।

इसके साथ ही इन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने आंदोलनों, रचनाओं और क्रांतिकारी भाषणों के माध्यम से सभी भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए आह्रावन किया था एवं  समस्त भारतवासियों के अंदर अपनी क्रांतिकारी विचारधारा से अंग्रेजों के खिलाफ नफरत पैदा कर दी थी जिसके बाद सभी ने एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और  इस तरह हम सभी भारतीयों को आजाद भारत में रहने का यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।

वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं कविताएं हम सभी भारतीयों के अंदर देश के प्रति प्रेम, सम्मान, निष्ठा, सोहार्द आदि का भाव पैदा करती है एवं अपने देश के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलवाती है।

इसके साथ ही अपने वतन के लिए मर मिटने वाले शूरवीरों कुर्बानियों और शहादत को याद दिलवाती है। स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं इस तरह की कविताएं देश के उन सैनिकों के लिए सम्मान पैदा करती है जो दिन और रात हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तत्पर रहते हैं।

इसके अलावा हमें अपनी स्वतंत्रता का सम्मान करना और इसकी रक्षा करना भी सिखाती है। इसलिए इस पर्व पर हम सभी भारतीयों को अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेनी चाहिए और देश को आगे बढाने के लिए सैदव प्रयत्नशील रहना चाहिए तभी हमारा देश सही मायने में उन्नति कर सकेगा।

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रावण का युध्द – Ravan ka Yudh

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Ravan ka Yudh

रावण तमाम बुराईयों से लिप्त एक महापापी राक्षस था, जो कि अपने विद्या, तप, बुद्धि के बल पर प्रकृति के नियमों में कुछ बदलाव करना चाहता था। महाअसुर होने के साथ-साथ रावण, एक महापंडित और महाज्ञानी भी था, जिसने कठोर तपस्या और परम ज्ञान के बल पर कई ऐसी शक्तियां प्राप्त कर ली थी, जिसने उसे बेहद अहंकारी बना दिया था।

रावण खुद को भगवान मान बैठा था। आपको बता दें कि रावण का वध भले ही मर्यादित पुरुषोत्तम श्री राम के हाथों हुआ हो, लेकिन वे खुद भी रावण के ज्ञान का सम्मान करते थे, तो आइए जानते हैं रावण के युद्ध के बारे में विस्तार में –

रावण का युध्द – Ravan ka Yudh

Ravan ka Yudh

माता-सीता के अपहरण से जुड़़ी है रावण के वध की कथा – Story of Sita

महापापी रावण कामवासना से भरा हुआ था, जो कि हर सुंदर कन्या को देखकर मोहित हो जाता था। वहीं भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता के गुण और रुप की चर्चा तो पहले से ही फैली हुई थी और फिर जब अंहकारी रावण ने उन्हें देखा तो उसके ह्रदय में उन्हें पाने की इच्छा और अधिक जागृत हो गई।

हालांकि वह भगवान श्री राम और लक्ष्मण की योग्यता और शक्ति को जानता था, इसलिए उसने राक्षस मारीच के पास जाकर उनसे अपने विद्या और कठोर तप के बल पर कई ऐसी दिव्य शक्तियां प्राप्त कर लीं, जिसके चलते वह कोई भी रुप धारण कर सकता था।

माता सीता को पाने के लिए पहले रावण ने स्वर्ण मृग का रुप धारण कर सीता मैया का ध्यान आर्कषित किया और फिर जैसे ही माता सीता के कहने पर भगवान राम और लक्ष्मण उस मृग को ढूंढने गए तब लंकाधिपति रावण ने इस मौके का फायदा उठाया और एक साधु का वेश धारण कर माता सीता को अपनी चतुराई और कुटिलता से भ्रमजाल में फंसा लिया और उनका अपहरण कर उन्हें अपने साथ लंका ले गया।

जटायु ने माता सीता के अपहरण के बारे में दी थी सूचना – Story of Jatayu

जब लंकाधिपति रावण माता सीता का हरण कर ले जा रहा था, तब जटायु ने रावण को रोकने का भी प्रयास किया लेकिन रावण की शक्ति के आगे वह माता सीता को उस महापापी दैत्य से बचाने में नाकामयाब सिद्ध हुआ।

लेकिन इसके बाद जटायु ने भगवान राम को लंकाधिपति रावण द्धारा माता सीता के हरण की सूचना दी थी और माता सीता को ढूंढने में उनकी मद्द की। जिसके बाद भगवान राम और लक्ष्मण दोनों माता सीता की खोज करने निकल पड़े थे।

सुग्रीव, अंगद और विभीषण ने की थी महाअसुर रावण के वध करने में भगवान राम की मद्द:

हिन्दू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक महाकाव्य रामायण के मुताबिक मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सुग्रीव को उसका राजपाठ लौटाने में उसके दैत्य भाई बालि का वध कर सुग्रीव की मद्द की थी, जिसके बाद सुग्रीव ने भगवान राम की पत्नी सीता की खोज करने के लिए वानर सेना का गठन किया था, जिसमें अंगद में भी उनकी मद्द की थी।

इसके बाद भगवान हनुमान रावण की लंकानगरी में सीता माता से मिलते हैं, और रावण द्धारा अपमानित होने पर वह रावण की पूरी लंका में आग लगा देते हैं, सिर्फ रावण के भेदी भाई विभीषण के महल को छोड़ देते हैं और माता सीता का हाल भगवान राम को बताते हैं।

इसके बाद जब माता सीता को वापस लाने के लिए भगवान राम और लक्ष्मण लंका की तरफ प्रस्थान करते हैं तो मार्ग में एक विशाल समुद्र पड़ता है, जिसे पार कर ही लंका तक पहुंचा जा सकता है, जिसके बाद भगवान राम की वानर सेना रामसेतु पुल का निर्माण करते हैं, जिसकी मद्द से भगवान राम लंका तक पहुंच पाते हैं।

वहीं भगवान राम औऱ रावण के युद्ध से पहले कई छोटे युद्ध होते हैं जिसमें रावण के भाई मेघनाथ और कुंभकर्ण समेत उसके लगभग सभी दैत्यों की मृत्यु हो जाती है।

भगवान राम और रावण का युद्ध – Ram aur Ravan ka Yudh

रामायण के अनुसार भगवान राम और रावण के बीच भयानक युद्ध हुआ था, जिसमें रावण की विशाल सेना ने प्रभु राम की वानर सेना को हराने के लिए अपनी चतुराई के साथ षणयंत्र रचा था।

वहीं इस युद्ध के दौरान जब वानर सेना पर रावण की दैत्य शक्ति भारी पड़ने लगी, तब रावण के भाई विभीषण ने भगवान राम को यह राज बताया कि रावण की नाभि में ही उसका जीवन है और अमृत भरा पड़ा है, तब भगवान राम ने रावण की नाभि में तीर मारा और इस तरह महाअसुर रावण भगवान राम के हाथों मारा गया।

वहीं जिस दिन महादैत्य रावण को मारा गया, वह दिन नवरात्रि के बाद का दसवां दिन था, इसलिए इसे दशहरा के रुप में हिन्दू धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है। दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रुप में पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

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Slogan On Tobacco in Hindi –तम्बाकू आज ही छोड़े….

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Slogan On Tobacco in Hindi

हम सभी को पता हैं तम्बाकू खाना सेहत के लिए कितना ख़राब होता है। तम्बाकू से एक दिन हमारी जान भी जा सकती हैं। तम्बाकू एक बहुत ख़राब नशा हैं जिसे हमें छोड़ना होंगा। 31 मई (31 May) को पूरी दुनिया में जागतिक तंबाखू विरोधी दिन (World No Tobacco Day) के रूप में मनाया जाता हैं। इसी अवसर पर हम कुछ स्लोगन्स – Anti Tobacco Slogans पढेंगे।

Slogan On Tobacco in Hindi – तम्बाकू आज ही छोड़े

Anti Tobacco Slogans

“तम्बाखू का नशा अनमोल जीवन की दुर्दशा।

सब मिलकर तम्बाकू से नाता तोड़ो, और अब स्वस्थ जीवन से अपना नाता जोड़ो।

“तंबाकू को जिसने हाथ लगाया है, उसने मौत को अपने पास बुलाया है।

अब मिलकर नशा को दूर भगाना है, सभी का जीवन स्वस्थ बनाना है।

“जन जन का सिर्फ एक ही नारा है, सबको तम्बाकू से मुक्ति दिलाना है।

तम्बाकू का नशा है एक ऐसी आफत, जो सीधे रूप से दे मौत को दावत।

Slogan on Tobacco

“तम्बाकू को जिसने गले लगाया। मौत को उसने पास बुलाया।

जिंदगीभर का दर्द है गर्द। समाज का दर्द है गर्द। गर्द तो गर्द में है मिलाती। इसीलिये गर्द से रहो दूर।

“तम्बाखू का अंजाम मौत का पैगाम।

तम्बाकू की आदत, यानि कैंसर को दावत।

“तम्बाकू छोड़ कर, खाओ सेब अनार, आयु बढ़ाने का सपना अपना कर लेना साकार।

जो करे तम्बाखू का नशा, उसने की अपने अनमोल जीवन की दुर्दशा।

“दारू से दरियादिली और तम्बाकू से शान, इनसे भाई दूर रहो नहीं होगा तुम्हारा कल्याण।

तम्बाकू विरोधी नारे – Anti-tobacco slogans in Hindi

तंबाकू, स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, लगातार तंबाकू का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर में इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ता है, तंबाकू एक धीमे जहर की तरह होता है, जो कि मनुष्य के शरीर को धीमे-धीमे खोखला बना देता है, और फिर यही व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है।

जो लोग तंबाकू का अत्याधिक सेवन करते हैं, वे लोग तमाम जानलेवा बीमारियों से घिर जाते हैं। नशा के आदि लोग जितने शौक से बीड़ी, जर्दा, हुक्का, चिलम, सिगरेट आदि के द्धारा तंबाकू का सेवन करते हैं, उतने ही तेजी से उनका शरीर खराब होता चला जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल पर तंबाकू छोडऩे के लिए प्रेरित करने वाले कुछ नारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपके मन में भी तंबाकू छोड़ने का विचार आएगा और आप नशामुक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान कर सकेंगे।

इसके साथ ही अगर आप सोशल मीडिया स्लोगन के माध्यम से इन नारों को शेयर करेंगे तो अन्य लोग भी तंबाकू छोड़ने को लेकर जागृत होंगे और इस दिशा में अपनी भागीदारी निभा सकेंगे।

तम्बाकू पर नारे

“तम्बाखू खाने का अंजाम होंगा मौत का पैगाम।

दारू पिने से तो दरिद्रता आती हैं और तम्बाकू से बिमारी, इनसे दूर रहो मत दिखलाओ यारी।

“तम्बाकू छोडो, और व्यसन से नाता तोड़ो।

तम्बाकू को खाना, कैंसर को पास बुलाना है।

“जो करे नशा इन्सान, नही हो सकता है उसका कभी कल्याण।

तंबाकू एक धीमा जहर है, इससे दूर रहो।

“आओ मिलकर सब नशे को दूर भगाए, नशे की आग से किसी का घर ना जलने पाए।

World No Tobacco Day Slogan

“तम्बाकू जो चबायेंगा, जीवन भी गवायेंगा।

पॉलीथीन, डिस्पोजल, बिड़ी, तम्बाकू और शराब, इन पर रोक लगा कर मानव शरीर की रक्षा करो जनाब।

“तम्बाकू खाकर पान चबाकर बढ़ाना चाहते हो लोगों में मान, लेकिन ये मत भूलों तम्बाकू से कैंसर होगा बीमारी बढे़गी चली जाएगी तुम्हारीं जान।

तम्बाकू को खाने से नहीं बढे़गी तुम्हारी शान, यह तुम्हे गटक लेगा और ले लेगा प्राण।

“आप खाओगे तम्बाकू और पिओगे शराब, बताओं दोस्तों कैसे पालोगे परिवार और करोगे ख़ुद का विकास।

जीवन को स्वस्थ खुशहाल बनाये, आओ मिलकर नशा मुक्त अभियान  चलाए।

“जो तम्बाकू का सेवन करता रह जाएगा,वो एक दिन खुद को तस्वीरों में लटका पाएगा।

Dhumrpan Chhodo Par Nare

आपको बता दें कि तंबाकू में  पाया जाने वाला निकोटीन एक ऐसा पदार्थ होता है जो कि शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसके अलावा तंबाकू में कई और भी ऐसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि कैंसर जैसे जानलेवा बीमारियों को जन्म देते हैं।

धुम्रपान या फिर तंबाकू का सेवन करने से ज्यादातर व्यक्ति माउथ, लंग एवं थ्रोट कैंसर का शिकार हो जाते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति एसिडिटी, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, पेट के अल्सर इंसोम्निया आदि रोगों से बुरी तरह घिर जाता है।

वहीं तंबाकू की लत ऐसी होती है कि जो एक बार किसी व्यक्ति को लग जाती है तो उससे छुटकारा पाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है, लेकिन धीरे-धीरे मनुष्य अपनी इस बुरी लत पर नियंत्रण कर सकता है, और एक स्वस्थ जिंदगी जी सकता है।

वहीं 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) भी मनाया जाता है, ताकि इसके दुष्प्रभावों को लोगो को बताया जा सके और इस धीमे जहर तंबाकू को छोड़ने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।

इसके अलावा ऐसे मौकों पर आयोजित कई तरह के कार्यक्रम में तंबाकू निषेध और तंबाकू विरोधी नारों के माध्यम से लोगों को तंबाकू को छोड़ने के लिए जागरूक किया जाता है।

तम्बाकू निषेध पर नारे

“भले काम से मुँह मत मोड़ो। तम्बाखू की आदत छोडो।

आप तम्बाकू खाते हैं, और बाद में तम्बाकू कैंसर बनकर आपको खाता हैं।

“आओ मिलकर सबको जागरूक बनाए, और देश से नशे को दूर भगाएं।

चलो नशा मुक्ति अभियान चलाए, और सबको नशा के खतरे से अब हम बचाएं।

“तम्बाकू की लत है  ऐसी, जो आपके जीवन को बना दे नर्क जैसी।

हर किसी से बस अब यही कहना, तम्बाकू के सेवन से हमेशा दूर ही रहना।

“अगर भारतीय सभ्यता और संस्कृति को बचाना है, तो नशे को दूर भगाना है।

Anti tobacco slogans in English

वहीं कई लोग मुश्किल के समय में तनाव को कम करने के लिए सिगरेट का सेवन करते हैं, या फिर कुछ लोग बुरी संगति में पड़कर आजकल सिगरेट, हुक्का आदि के सेवन को स्टेटस सिंबल मानकर इसकी बुरी लत में पड़ जाते हैं, जिसके चलते उन्हें इसका काफी बुरा नतीजा भुगतना पड़ सकता है।

वहीं आने वाले भविष्य में तंबाकू से हो रही मौतों पर लगाम लग सके, इसके लिए जरूरी है कि हम सभी तंबाकू निषेध नारों के माध्यम से तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित हो और अपने दोस्तों को भी तंबाकू का सेवन करने से रोके।

Slogan on Tobacco Posters

“Kill The Tobacco Before Hi Kill You.

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क़ुतुब मीनार का इतिहास और रोचक तथ्य | Qutub Minar History In Hindi

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Qutub Minar History In Hindi

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार एशिया की सबसे ऊंची मीनार है। यह मुगलकालीन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है, जो कि भारत की सबसे भव्य और मशहूर ऐतिहासिक इमारतों और मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।

इसके आर्कषण की वजह से इसे यूनेस्कों की विश्व धरोहरों की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। इस आर्टिकल में आज हम आपको 12वीं-13वी सदी के बीच में बनी भारत की इस भव्य मीनार के बारे में बताएंगे, तो आइए जानते हैं कुतुब मीनार के बारे में –

क़ुतुब मीनार का इतिहास – Qutub Minar History In Hindi

Qutub Minar Photos

कुतबमीनार का निर्माण कब और किसने करवाया था? – Qutub Minar Kisne Banaya

भारत की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली इलाके में छत्तरपुर मंदिर के पास स्थित है। यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है, जिसका निर्माण 12वीं और 13वीं शताब्दी के बीच में कई अलग-अलग शासकों द्धारा करवाया गया हैं।

1193 ईसवी में दिल्ली के पहले मुस्लिम एवं गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुबमीनार का निर्माण काम शुरु करवाया गया था। उन्होंने कुतुबमीनार की नींव रख सिर्फ इसका बेसमेंट और पहली मंजिल बनवाई थी।

कुतुबुद्धीन ऐबक के शासनकाल में इस भव्य इमारत का निर्माण कार्य  पूरा नहीं हो सका था, जिसके बाद कुतुब मीनार की इमारत का निर्माण दिल्ली के सुल्तान एवं कुतुब-उद-दिन ऐबक के उत्तराधिकारी और पोते इल्तुमिश ने करवाया था, उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत मीनार की तीन और मंजिलें बनवाईं थी।

जबकि, साल 1368 ईसवी में एशिया की इस सबसे ऊंची मीनार की पांचवी और अंतिम मंजिल का निर्माण फिरोज शाह तुगलक के द्धारा करवाया गया थी।

वहीं 1508 ईसवी में आए भयंकर भूकंप की वजह से कुतुब मीनार की इमारत  काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद लोदी वंश के दूसरे शासक सिकंदर लोदी के द्धारा इस मीनार की सुध ली गई थी और इसकी मरम्मत करवाई गई थी।

इस भव्य मीनार के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें अंदर गोल करीब 379 सीढ़ियां हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि कुतुबमीनार की अदभुत इमारत जाम की मीनार से प्रेरित होकर बनाई गई थी।

ऐसे पड़ा इस ऐतिहासिक मीनार कुतुब- मीनार का नाम? – Qutub Minar Information in Hindi

करीब 73 मीटर ऊंची भारत की इस सबसे ऊंची और भव्य मीनार  के नाम को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस भव्य मीनार का नाम गुलाम वंश के शासक और दिल्ली  सल्तनत के पहले मुस्लिम शासक कुतुब-उद-दिन ऐबक के नाम पर रखा गया है। कुतुब’ शब्द का अर्थ है ‘न्याय का ध्रुव’।

जबकि कुछ इतिहासकारों के मुताबिक मुगलकाल में बनी इस भव्य इमारत का नाम  मशहूर मुस्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था।

कुतबमीनार की  अद्भुत बनावट एवं शानदार संरचना – Qutub Minar Architecture

12वीं-13वीं सदी के बीच में बनी इस मुगलकालीन वास्तुकला की सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक मीनार का निर्माण दिल्ली सल्तनत के कई शासकों द्धारा करवाया गया है, इसे इतिहास में विजय मीनार के नाम से भी जाना जाता है।

दिल्ली में स्थित इस मीनार के परिसर में कई अन्य अद्धितीय ऐतिहासिक स्मारक भी स्थित हैं, जो कि इस ऐतिहासिक मीनार के आर्कषण को दो गुना करती हैं।

भारत में बनी इस ऐतिहासिक मीनार की भव्यता और आर्कषण के चर्चे तो दुनिया भर में हैं, क्योंकि जो भी इस मीनार को देखता है, इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता है।

आपको बता दें कि इस अद्भुत कुतुबमीनार के निर्माण में मुगलकालीन वास्तु शैली का इस्तेमाल किया गया है। मध्यकालीन भारत में बनी इस इमारत को मुगल काल की वास्तुकला की सबसे सर्वश्रेष्ठ इमारत भी माना जाता है, क्योंकि वास्तुकारों और शिल्पकारों ने छोटी-छोटी बारीकियों को ध्यान में रखकर इस मीनार की बेहद खूबसूरत नक्काशी की है।

दिल्ली में स्थित मुगल काल में बनी कुतुबमीनार  एक बहुमंजिला इमारत हैं, जिसकी 5 अलग-अलग मंजिल हैं, जिसमें हर मंजिल के सामने एक बॉलकनी भी बनी हुई है।

इस मीनार की खास बात यह है कि कुतुबमीनार की मंजिलों का निर्माण अलग-अलग शासकों द्धारा करवाया गया है।

1193 ईसवी में दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्धीन ऐबक ने इस भव्य मीनार की ग्राउंड और सबसे पहली मंजिल का निर्माण करवाया था, जबकि अन्य मंजिलों का निर्माण इल्तुतमिश और फिरोजशाह तुगलक द्धारा करवाया गया, जबकि इस मीनार के पुर्ननिर्माण का कार्य लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने करवाया था।

आपको बता दें कि भारत की भव्य कुतुबमीनार की पहली तीन मंजिलों का निर्माण सिर्फ लाल बलुआ पत्थर से किया गया था, जबकि इसकी चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण में संगममर (मार्बल) एवं लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

करीब 73 मीटर ऊंची कुतुब- मीनार की हर मंजिल की बनावट पर खास ध्यान दिया गया है।

मीनार की हर मंजिल में बेहद शानदार शिल्पकारी की गई है, जिसकी खूबसूरती को देखते ही बनता है, वहीं भारत की इस सबसे ऊंची मीनार की सबसे आखिरी मंजिल से पूरे दिल्ली शहर का शानदार और अद्भुत नजारा दिखाई देता है।

दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित इस भव्य मीनार के  निर्माण में संगममर और लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल  किया गया हैं। कुछ इतिहासकारों की माने तो इस ऐतिहासिक मीनार को बनाने के लिए करीब 27 हिन्दू मंदिरों को तोड़कर पत्थर उपलब्ध करवाए गए थे।

वहीं एशिया की इस भव्य इमारत के पत्थरों पर बनी कुरान की आयतें कुतुबमीनार की सुंदरता को चार चांद लगाती हैं और इसके आर्कषण को और अधिक बढ़ाने का काम करती हैं।

देश की सबसे ऊंची मीनार का इस्तेमाल पहले मस्जिद की मीनार के रुप में किया जाता था, और वहीं से अजान दी जाती थी, हालांकि बाद में यह एक पर्यटन स्थल के तौर पर मशहूर हो गया।

इस मीनार के निर्माण में नागरी और अरबी लिपि के कई शिलालेखों का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही इस भव्य मीनार की संरचना एवं बनावट को राजपूत टावरों से प्रेरित होकर बनाया गया था।

भारत की इस खूबसूरत इमारत के आधार का व्यास करीब 14.3 मीटर और सबसे ऊंचे शीर्ष का व्यास 2.7 मीटर है।

जबकि इन्डो-इस्लामिक शैली में बनाई गई कुतुब मीनार की लंबाई 73 मीटर लंबी है, जिसके अंदर गोलाकार करीब 379 सीढि़यां बनीं हुईं हैं, जो कि इस पूरी इमारत की ऊंचाई तक जाती हैं।

आपको बता दें कि भारत की यह सबसे ऊंची इमारत कुतुबमीनार एक भारी परिसर में बनी हुई है, जिसके आसपास कई अद्धितीय  ऐतिहासिक इमारतें भी स्थित हैं।

कुतुब परिसर में दिल्ली सल्तनत के पहला सुल्तान एवं गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबद्दीन ऐबक द्धारा बनाई गई हिन्दुस्तान की पहली मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम, मशहूर अलाई दरवाजा, इल्तुतमिश का मकबरा समेत एक लौह स्तंभ भी है।

जिसका निर्माण गुप्त सम्राज्य के चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा करीब 2 हजार साल से भी पहले करवाया गया था, लेकिन इसकी खासियत यह है कि इतने सालों बाद में इस लौह स्तंभ (आयरन पिलर) में किसी तरह की जंग नहीं लगी हुई है।

भारत की एतिहासिक विरासत एवं प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप में कुतुबमीनार – Qutub Minar as Tourist Place

करीब 73 मीटर ऊंची यह भव्य मीनार मुगलकालीन स्थापत्य कला की सबसे महान कृतियों में से एक है, जो कि  अपनी बेहतरीन कारीगरी और सुंदर नक्काशी के लिए जानी जाती है। कुतुबमीनार पांच मंजिलों वाली एक बहुमंजिला इमारत है।

यह भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी भव्यता को देखने दुनिया के कोने-कोने से बड़ी संख्या में सैलानी हर साल आते हैं और इसकी सुंदर बनावट और विशालता की तारीफ करते हैं।

कुतुब मीनार के परिसर में इल्तुतमिश का मकबरा, अलाई दरवाजा, अलाई मीनार, मस्जिदें आदि इस मीनार के आर्कषण को बढ़ाती हैं। वहीं शंक्काकार आकार में बनी इस भव्य मीनार में की गई शानदार कारीगरी और बेहतरीन नक्काशी पर्यटकों को अपनी तरफ खीचती हैं। इंडो-इस्लामिक वास्तु शैली द्धारा निर्मित इस ऐतिहासिक मीनार की खूबसूरती को देखते ही बनता है।इस बहुमंजिला मीनार की वजह से भारत के पर्यटन विभाग को भी हर साल खासा मुनाफा होता है। कुतुबमीनार को देखने हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं, जिससे भारत में टूरिज्म को भी काफी बढ़ावा मिलता है।

कुतुबमीनार जाने का समय – Qutub Minar Timing

भारत की यह सबसे ऊंची और भव्य इमारत कुतुबमीनार सप्ताह में सभी दिन खुली रहती है।

यह इमारत सुबह 6 बजे से खुलती है, और शाम 6 बजे बंद होती है। इस मीनार को देखने किसी भी मौसम में सैलानी जा सकते हैं।

ऐसे पहुंचे कुतुब मीनार – How to Reach Qutub Minar

कुतुब मीनार भारत की राजधानी  दिल्ली में स्थित है,जिसकी दुनिया के हर देश और राज्यों के साथ अच्छी ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी है। दिल्ली में कुतुबमीनार तक मेट्रो ट्रेन के द्धारा भी पहुंचा जा सकता है, इसके सबसे पास कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन है।

इसके अलावा यहां सैलानी दिल्ली के लोकल बस के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं।

वहीं महरौली जाने वाली सभी बसें कुतुब मीनार को पार करती हैं, क्योंकि महरौली बस स्टैंड कुतुब मीनार मस्जिद के पास स्थित हैं। इसके अलावा ऑटो एवं कैब के माध्यम से भी यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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चौसा का युद्ध – Chausa Ka Yudh

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Chausa Ka Yudh

चौसा का युद्ध इतिहास में लड़े गए प्रमुख युद्धों में से एक है। 1539 ईसवी में मुगल सम्राट हुमायूं और अफगान सरदार शेरशाह सूरी के बीच लड़े गए इस युद्ध में हुमायूं के द्धारा की गई कुछ गलतियां उस पर भारी पड़ गईं, और उसे इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा और युद्ध मैदान छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आईये आगे जानते हैं विस्तार से चौसा के युध्द की सारी जानकारी –

चौसा का युद्ध – Chausa Ka Yudh

Chausa Ka Yudh

चौसा के युद्ध का सारांश एक नजर में – Battle of Chausa Summary

चौसा का युद्ध कब लड़ा गया था 26 जून, 1539 ईसवी में।
चौसा के युद्ध कहां लड़ा गया था उत्तरप्रदेश और बिहार के बॉर्डर पर बक्सर के पास

कर्मनाशा नदी के किनारे बसे एक छोटे से चौसा नामक कस्बा पर

युद्द लड़ा गया।

चौसा का युद्ध किस-किसके बीच लड़ा गया यह युद्ध मुगल सम्राट हुमायूं और

शक्तिशाली अफगान शासक शेरशाह सूरी के बीच लड़ा गया।

चौसा के युद्ध की शुरुआत – Battle of Chausa Indian History

मुगल सम्राट हुमायूं का सेनापति हिन्दूबेग पर कब्जा कर वहां से अफगान सरदारों को भगा देना चाहता था, तो वहीं दूसरी तरफ मुगल भी पूरे भारत में सिर्फ अपना कब्जा जमाने चाहते थे।

ऐसी स्थिति में अपने-अपने राज्य की विस्तार नीति को लेकर चलाए गए विजय अभियानों के दौरान मुगलों और अफगानों के बीच जंग छिड़ गई और मुगल शासक हुमायूं एवं अफगार सरदार शेरशाह सूरी एक-दूसरे के प्रबल दुश्मन बन गए।

वहीं जब मुगल सम्राट हुमायूं मुगल साम्राज्य के विस्तार के लिए अन्य क्षेत्रों पर फोकस कर रहा था और अफगानों की गतिविधियों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था।

जिनका शेरशाह सूरी ने फायदा उठाया और आगरा, कन्नौज, जौनपुर, बिहार आदि पर कपना कब्जा जमा लिया एवं बंगाल के सुल्तान पर आक्रमण कर बंगाल के कई बड़े किले और गौड़ क्षेत्र में अपना अधिकार जमा लिया।

जिसके बाद हुंमायूं को शेरशाह की बढ़ती शक्ति जब बर्दाश्त नहीं हुआ और दोनों के बीच संघर्ष छिड़ गया।

शेरशाह अपनी कूटनीति की बदौलत जीता चौसा का युद्ध:

शेरशाह पराक्रमी होने के साथ-साथ एक कूटनीतिज्ञ शासक भी था, जिसने अपना एक दूत भेजकर मुगलों की सारी कमजोरियों का पता लगा लिया था और मुगलों से युद्ध के लिए सही समय का इंतजार करने तक मुगलों को शांति रुप से संधियों में उलझाए रखा था फिर एक दिन अचानक रात के समय में मुगलों पर हमला कर दिया।

26 जून, 1539 में उत्तर प्रदेश और बिहार बॉर्डर के पास कर्मनाशा नदी के किनारे चौसा नामक एक कस्बे के पास शेरशाह सूरी ने मुगलों की सेना पर रात के समय अचानक आक्रमण कर दिया।

जिसके चलते अपनी जान बचाने के लिए कई मुगल सैनिकों ने गंगा नदी में कूदकर अपनी जान दे दी तो बहुत से मुगल सैनिकों को अफगान सैनिकों द्धारा तलवार से मार दिया गया।

ऐसे में मुगल सेना का काफी नुकसान हुआ और मुगल सम्राट हुमायूं कमजोर पड़ गया, जिसके बाद हुमायूं युद्ध भूमि छोड़कर वहां से भाग निकला और किसी तरह एक भिश्ती की मद्द से अपनी जान बचाई और इस तरह अपनी कुशल कूटनीति के चलते शेरशाह सूरी की चौसा के युद्द में जीत हुई।

चौसा के युद्ध में हुमायूं की हार क्यों हुई:

  1. मुगल सम्राट हुमायूं अफगानों की गतिविधियों को नजरअंदाज कर दूसरे राज्यों मे विस्तार करने में लगा रहा।
  2. हुमायूं ने शेरशाह सूरी से युद्ध करते वक्त अपनी सेनाओं को दो अलग-अलग समूह में बांट दिया।
  3. हुमायूं का शिविर गंगा और कर्मनाशा नदी के बीच नीची जगह पर था, जिसके चलते बारिश का पानी भर गया और फिर गंदगी से उसकी सेना मलेरिया के चपेट में आ गई। साथ ही अव्यवस्था फैलने से मुगलों का तोपखाना नाकाम हो गया।
  4. शेरशाह ने मुगल छावनी पर रात के समय में अचानक धोखेबाजी कर आक्रमण किया था, जिसके चलते कई मुगल सैनिक अपनी जान बचाने के लिए नदी में कूद गए, जिसमें कई सैनिकों की डूबने से मौत हो गई, जबकि कई सैनिक अफगान सैनिकों के द्धारा मारे गए, जिससे मुगल सेना का भारी नुकसान हुआ और इसी वजह से भी हुंमायूं यह युद्द हार गया था।

चौसा के युद्ध के बाद क्या हुआ और इसके परिणाम –  Battle of Chausa Result

  1. चौसा के युद्ध में शेरशाह सूरी की जीत के बाद उसे बंगाल और बिहार का सुल्तान बनाया गया। इसके बाद ही उसने ”शेरशाह आलम सुल्तान-उल-आदित्य” की उपाधि धारण की।
  2. चौसा के युद्ध के बाद अफगानों का प्रभुत्व भारत में काफी बढ़ गया और अफगानों ने आगरा समेत मुगलों के कई राज्यों पर अपना कब्जा स्थापित कर लिया।
  3. चौसा के युद्ध में जीत की खुशी में शेरशाह ने अपने नाम के सिक्के ढलवाए, ”खुतबा” पढ़वाया और इसके साथ ही फरमान जारी किए।
  4. चौसा के युद्ध के बाद मुगलों की शक्ति कमजोर पड़ गई और मुगल सम्राट हुमायूं का लगभग पतन हो गया।

चौसा के युद्ध के बाद 1540 ईसवी में हुमायूं और शेरशाह के बीच में बलग्राम और कन्नौज का युद्ध हुआ और इस युद्द में भी हुंमायूं को हार का सामना करना पड़ा और भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद हुंमायूं ने अकबर की बेटी हमीदा बानू बेगम से निकाह कर लिया था।

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हल्दी घाटी के युद्ध की पूरी कहानी – Haldighati ka Yudh

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Haldighati ka Yudh

भारतीय इतिहास में हमनें कई वीर योद्धाओं के बारे में पढ़ा है। जिनमें से एक महाराणा प्रताप भी है। महाराणा प्रताप की आपने बहुत सी वीरगाथाएं आपने सुनी होंगी। महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजा उदयसिंह के पुत्र थे। महाराणा प्रताप के चित्तौंड़ का राजा बने के बाद उन्होनें अपने जीवनकाल के दौरान बहुत से युद्ध लड़े और जीते।

लेकिन अक्सर महाराणा प्रताप के इतिहास को ज्यादातर लोग सिर्फ हल्दी घाटी के युद्ध – Haldighati ka Yudh तक जानते है। वहीं अकबर द्धारा लड़ी गई बड़ी लड़ाईयों में हल्दीघाटी की लड़ाई भारतीय इतिहास में सबसे मशहूर है। यह लड़ाई अकबर और शक्तिशाली राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप के बीच 18 जून 1576 में लड़ी गई थी।

हल्दीघाटी का युद्ध न सिर्फ राजस्थान का बल्कि हिन्दुस्तान के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण युद्ध है जो कि सिर्फ 4 घंटे में ही खत्म हो गया था। मुगलों और राजपूतों के बीच हुई हल्दीघाटी की इस लड़ाई में आधे से ज्यादा राजपूताना शक्ति मुगलों से मिल गई थी, लेकिन फिर भी स्वाभिमानी और महापराक्रमी योद्धा महाराणा प्रताप ने मुगल सम्राट अकबर की गुलामी कभी स्वीकार नहीं की थी।

Haldighati – हल्दी घाटी के बाद क्या हुआ इसके बारे में बहुत कम लोग जानते है? और आज हम उसी इतिहास के बारे में बताने वाले है लेकिन इसे पहले आपको ये जानना भी जरुरी है कि हल्दी घाटी युद्ध – Haldighati War में क्या हुआ था।

हल्दी घाटी के युद्ध की पूरी कहानी – Haldighati ka Yudh Haldighati ka Yudh

हल्दीघाटी का युद्ध का सारांश एक नजर में – Battle of Haldighati Summary

कब लड़ा गया था: 18 जून 1576
किस-किसके बीच लड़ा गया था युद्ध: मुगल सम्राट अकबर और राजपूत शासक महाराणा प्रताप सिंह
कहां लड़ा गया था युद्ध: हल्दी घाटी के मैदान में।

हल्दीघाटी का युद्ध (अकबर द्धारा लड़़ा गया सबसे बड़ा युद्ध) – Akbar ka Yudh

हल्दीघाटी की लड़ाई महान मुगल सम्राट अकबर और महापराक्रमी राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप के बीच लड़ी गई सबसे प्रमुख लड़ाईयों में से एक है। इस लड़ाई में मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप सिंह की सेना का नेतृत्व अफगान योद्धा हाकिम खां और महाराणा प्रताप ने खुद किया था, जबकि मुगल सेना का नेतृत्व मानसिंह ने किया था।

आपको बता दें कि 1576 में लड़ी गई हल्दीघाटी की इस लड़ाई में मुगल सम्राट अकबर के पास 80 हजार से भी ज्यादा सैनिकों वाली विशाल सेना और भारी मात्रा में युद्ध हथियार थे, जबकि राजपूत सेना के पास मुगलों की अपेक्षा कम सैनिक थे, महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20 हजार सैनिक ही थे।

वहीं अपनी छोटी सैन्य टुकड़ी के साथ ही मेवाड़ के बहादुर राजपूत शासक महाराणा प्रताप ने राजस्थान के हल्दीघाटी गोमुंडा की युद्धभूमि में अकबर की सेना पर हमला कर दिया। रणभूमि पर राजपूत सैनिक कम अस्त्र-शस्त्र होते हुए भी मुगलों से वीरता के साथ मुकाबला करते रहे और अपने अद्भुत साहस एवं पराक्रम से महाराणा प्रताप ने मुगलों को छटी का दूध याद दिलवा दिया।

यह युद्ध करीब 4 घंटे तक चला, इस लड़ाई में अकबर की सेना ज्यादा होते हुए भी राजपूतों के सेना के सामने पस्त पड़ गई थी, हालांकि, राजपूतों की सेना अपने अंतिम समय तक डटे रहे। महाराणा प्रताप घायल होने के बाबजूद भी अकबर से सामने नहीं झुके थे। हल्दीघाटी की इस ऐतिहासिक लड़ाई में राजपूतों ने मुगलों की हालत खस्ता कर दी थी।

वहीं महाराणा प्रताप इस युद्द में किसी तरह अपनी वहा से निकल गए, जबकि मुगल सम्राट अकबर का राजपूतों की शान माने जाने वाले तेजस्वी राजपूत योद्धा महाराणा प्रताप को पकड़ने का सपना अधूरा ही रह गया था।

महज 4 घंटे की इस लढाई में किसकी जीत हुई – Who Won The Battle of Haldighati

जून, 1576 में लड़ी गई हल्दीघाटी की यह लड़ाई सिर्फ 4 घंटे में ही खत्म हो गई थी। इस युद्ध में राजपूतों की सेना अपनी रणनीति के साथ युद्ध लड़ रही थी, और मुगलों की सेना पर भारी पड़ रही थी, जबकि मुगलों की सेना अपने भारी युद्ध शस्त्र और विशाल सेना के साथ युद्ध भूमि में राजपूतों का मुकाबला कर रही थी।

हालांकि, हल्दीघाटी की लड़ाई में अकबर और महाराणा प्रताप में किसकी जीत हुई, इसको लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत है।

हल्दीघाटी युद्ध के परिणाम – Result of Battle of Haldighati

भारतीय इतिहास की इस सबसे बड़ी लड़ाई के बाद मेवाड़, चित्तौड़, कुंभलगढ़, उदयपुर, गोगंडा आदि क्षेत्रों पर मुगल सम्राट अकबर ने अपना कब्जा कर लिया था। वहीं इस युद्ध के बाद राजपूतों की शक्ति कमजोर पड़ गई थी, क्योंकि ज्यादातर राजपूत राजाओं ने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली थी।

जिसके चलते उन्हें मुगलों के अनुसार काम करना पड़ता था, जबकि महाराणा प्रताप, हल्दीघाटी के युद्ध में रणभूमि से चले गए थे, लेकिन उन्होंने कभी अकबर की गुलामी स्वीकार नहीं की थी, और वे हिन्दुस्तान में फिर से राजपूताना कायम करने के प्रयास में जुटे रहे थे।

हल्दीघाटी के युद्द में जीत को लेकर सभी इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं, लेकिन कुछ इतिहासकारों के मुताबिक इतिहास की इस विशाल लड़ाई में न तो मुगल सम्राट अकबर की जीत हुई थी, और न ही मेवाड़ के शक्तिशाली शासक महाराणा प्रताप की हार हुई थी।

दरअसल, हल्दीघाटी की इस लड़ाई में एक तरफ जहां सम्राट अकबर के पास अपनी विशाल सेना थी, तो दूसरी तरफ महापराक्रमी योद्धा महाराणा प्रताप के पास शौर्य, साहस, पराक्रम, और वीरता की कोई कमी नहीं थी। वहीं इस युद्ध के बाद मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप की शौर्यता और साहस के चर्चे पूरे देश में होने लगे थे, तो वहीं मुगल सम्राट अकबर ने हल्दीघाटी की लड़ाई के बाद मुगल सम्राज्य का काफी विस्तार कर लिया था।

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