Quantcast
Channel: India's beloved learning platform
Viewing all articles
Browse latest Browse all 4363

महान सुफी कवी और संत बाबा बुल्लेशाह के महान कोट्स, थॉट्स

$
0
0

Bulleh Shah Quotes in Hindi

१७ वी सदी के महान सुफी विचारक, कवी तथा पंजाबी भाषाद्वारा आत्मग्यान का प्रसार करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शक्सियत के तौर पर संत बुल्लेशाह का नाम बहोत परिचित और प्रभावी है, इनका जनम पंजाब मे हुआ था और लगभग पुरा जीवन वही बिता।

बुल्लेशाह  का पंजाबी साहित्य जगत मे खासा दबदबा रहा है,जिनके विचार और काव्य आम इन्सान को झकझोर कर रख देते है और खुद्के बारे मे सोचने मे मजबूर कर देते है। सुफी पंथ के प्रभाव के कारण इनके काव्य और विचारो मे जीवन जिने के सलीखे के साथ सर्वोच्च शक्ती से आम इन्सान कितना नजदीक और दूर है इन बातो का बडे सरल तरीके से ग्यान प्राप्त होता है।

ऐसेही बाबा बुल्लेशाह के कुछ सुप्रसिध्द कथन इस लेख मे कोट्स के माध्यम से आपको पढने को मिलेंगे, आशा है आपको इन्हे पढकर मजा भी आयेगा और जीवन सही ढंग से जिने के लिये सिख भी मिलेगी।

महान सुफी कवी और संत बाबा बुल्लेशाह के महान कोट्स, थॉट्स – Bulleh Shah Quotes in Hindi

Bulleh Shah Quotes in Hindi
Bulleh Shah Quotes in Hindi

“बर्तन खाली हो तो ये मत समझो की मांगने चला है ! हो सकता है सब कुछ बाट के आया हो।”

“बुल्ल्हा शौह दी मजलस बह के,
सभ करनी मेरी छुट्टी कुड़े,
मैनूं दस्सो पिया दा देस।”

Baba Bulleh Shah Quotes in Hindi

Baba Bulleh Shah Quotes in Hindi
Baba Bulleh Shah Quotes in Hindi

जिस तरह चाहे नचाले तेरे इशारो पे ऐ मालिक मुझे तेरे ही लिखे हुए अफ़साने की किरदार हु मै।”

“नमाज़ रोज़ा ओहनां की करना,
जिन्हां प्रेम सुराही लुट्टी कुड़े,
मैनूं दस्सो पिया दा देस।”

Bulleh Shah Shayari in Hindi

Bulleh Shah Shayari in Hindi
Bulleh Shah Shayari in Hindi

जिसे “मै” की हवा लगी उसे फिर ना दवा लगी न दुआ।”

“आपने ज्ञान की हजारों किताबें पढ़ी होगी, लेकिन क्या आपने कभी खुद को पढ़ने की कोशिश की है।”

Baba Bulleh Shah ki Shayari in Hindi

बाबा बुल्लेशाह का ग्यान और पंजाबी भाषा की खुबसुरती उनके कथन पढते ही दिल और दिमाग के बंद दरवाजे मानो खोल देते है, सुफी की विशेषता ही यही है के इन्सान परमात्मा मे पुरी तरह डूब कर उसके नाम सिमरन मे तल्लीन हो जाता है,फिर उसे ना किसी चीज का अफसोस होता है ना डर और ना चिंता।बुल्लेशाह के पंजाबी पद भजन के तौर पर खासे इस्तेमाल होते है जिसमे अलग ही मस्ती और मजा होता है, मानो बिना नशे के इन्सान परत्मात्मा की मस्ती मे झुमने लगता है।

लगभग सभी धर्मो के लोग बुल्लेशाह के विचारो और काव्य से प्रभावित है, और क्यो ना हो क्योंकी इनकी सभी रचना वास्तव से काफी मेल खाती है और हर एक के जीवन को मानो छु सी जाती है।

इनके कथन काफी सारगर्भित और असरदार होते है जैसे के , जिसमे अहम भाव यानी मै का भाव आया फिर उसे दवा और दुवा दोनो नही लगते ,मतलब जितना इन्सान सरल, निरअभिमानी होता है उतना ही वो परमात्मा के करीब होता है और आम जन का प्रिय होता है। इन्सान का पुरी तरह नियंता परमेश्वर होता है अन्य कोई नाही इसलिये बुल्लेशाह परमात्मा से कहते है, जैसी तेरी मर्जी वैसा हमे नचाले।

Baba Bulleh Shah ki Shayari in Hindi
Baba Bulleh Shah ki Shayari in Hindi

ज़हर वैख के पीता ते के पीता? इश्क़ सोच के कीता ते के कीता? दिल दे के, दिल लेन दी आस रखी? प्यार इहो जिया कीता, ते के कीता”

“बुल्ले नूं समझावण आइयां भैणां ते भरजाइयां मन लै बुल्लया, साडा कहना छड़ दे पल्ला राइयां आल नबी, औलाद अली नूं तूं क्यों लीकां लाइयां?”

Baba Bulleh Shah ki Shayari

Baba Bulleh Shah ki Shayari
Baba Bulleh Shah ki Shayari

“रांझा रांझा करदी नी मैं आपे रांझा होई रांझा मैं विच, मैं रांझे विच, होर खयाल न कोई नी मैं कमली हां”

“इश्क हकीकी ने मुट्ठी कुड़े,
मैनूं दस्सो पिया दा देस।”

“कोई हिर कोई रांझा बना है, इश्क़ वे विच बुल्लेशाह हर कोई फरीर क्यों बना है.”

Baba Bulleh Shah Quotes

Baba bulleh Shah Quotes
Baba Bulleh Shah Quotes

“ना मस्जिद में ना मंदिर मे, ढूंढ अपने यार को अपने अंदर मे.”

माप्यां दे घर बाल इञाणी,
पीत लगा लुट्टी कुड़े,
मैनूं दस्सो पिया दा देस।

“मनतक मअने कन्नज़ कदूरी,
मैं पढ़ पढ़ इलम वगुच्ची कुड़े,
मैनूं दस्सो पिया दा देस।”

प्रेम के बारे मे बुल्लेशाह कहते है, सभी चीझे कबतक सोच सोच कर करेगे कुछ चीजे स्वाभाविक होती है तो उसमे क्या और कबतक सोचना। बुल्लेशाह पर उर्दू, सिंधी और अरबी भाषाओ का खासा प्रभाव था और इन भाषा के संतो का सानिध्य भी उन्हे हासिल हुआ था, बहोत से कार्यक्रमो मे तथा फिल्मी संगीत मे बुल्लेशाह के पंजाबी भजन के पद खासे इस्तेमाल होते दिखाई पडते है, एक आत्म्यग्यानी, तत्वज्ञानी के रूप मे बुल्लेशाह की शक्सियत उनके वचनो को पढकर प्रतीत होती है।

बाबा बुल्लेशाह कहते है परमात्मा ना ही मस्जिद मे मिलेगा ना ही मंदिर मे, सच्चा परमात्मा तो इन्सान के अंदर होता है, जरुरत है तो उसे खोजने की और उसपर इमान कायम करने की। सच माने तो ऐसे संतरूपी लोग आम इंसानो के लिये सच्चे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्त्रोत होते है, जिन्होने हर वक्त सकारात्मक दृष्टीकोन जगाने की सीख दी और पिढी दर पिढी यह विचार उनके साहित्य रचनाओ से जन मानस की चेतना जागरण कर रहे है।

हमे आशा और विश्वास है आपको ये सभी कोट्स पढकर काफी मजा आया होगा और एक अच्छी सीख भी मिली होगी, जरुरत है ऐसेही विचारो से सकारात्मकता हासिल कर उन्हे जीवन मे उतारने की, तभी आपका ‘मै’ हम बे बदलते देर नही लगेगी और आप सरल और निरअभिमानी बन पायेंगे।

The post महान सुफी कवी और संत बाबा बुल्लेशाह के महान कोट्स, थॉट्स appeared first on ज्ञानी पण्डित - ज्ञान की अनमोल धारा.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 4363

Trending Articles


हिन्दी कैलेंडर तिथि ,वार ,अंग्रेजी तारीख सहित - Calendar अक्टूबर,2015


तुमको हमारी उमर लग जाए - Tumko Hamari Umar Lag Jaaye (Lata Mangeshkar, Ayee...


शुभ दिन आयो - Shubh Din Aayo (Keerthi Sagathiya, Jyotica Tangri, Parmanu)


भारत के प्रमुख वाद्ययंत्र और उनके वादकों की सूची - List of Musical...


बिना छतरी का सेटअप बॉक्स कौन सा होता है?


बिहार : मुखिया से विधान सभा तक पहुंचे हैं रफीगंज के विधायक मो. नेहालउद्दीन


101+ Anmol Vachan in Hindi |सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक अनमोल वचन


मेरे ख्यालों की मलिका - Mere Khayalon Ki Malika (Abhijeet, Josh)


Miss You Status, Miss You Quotes In Hindi, Miss You Jaan Status


विश्व के प्रमुख देश और उनकी गुप्तचर संस्थाओं की सूची



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>