Poem on Independence in Hindi
दोस्तों, सबसे पहले तो आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। हम सब को पता हैं की 15 अगस्त को हम सब स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। ज्ञानीपण्डित पर आपनें 15 अगस्त पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध और 15 अगस्त पर सुविचार पढ़े हैं। ज्ञानीपण्डित के बहुत से फोल्लोवेर्स को 15 अगस्त पर कविताएँ – 15 August Poem चाहिए थी।
तो इसलियें आज हम स्वतंत्रता दिन के इस सुवर्ण मौके पर आपके लिए 15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day लाये हैं। ताकि आपका इस साल का स्वतंत्रता दिवस – Independence Day और भी खास हो जाये।
15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day 15 August
कई सालों तक गुलामी करने के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ था। तभी से हम सभी भारतवासी इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं।
आजादी के इस पर्व में लोग अपने-अपने तरीके से देश के प्रति अपनी भावनाओं का बखान करते हैं, तो कई लोग कविताओं के माध्यम से देश की स्वतंत्रता, एकता, अखंडता, विविधता को अपने भावों को प्रदर्शित करते हैं।
साथ ही इस मौके पर बेहद खूबसूरत ढंग से अपने देश के उन शूरवीरों के त्याग, बलिदान, संघर्ष और समर्पणों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें आज स्वतंत्रतापूर्ण, शांतिपूर्ण एवं खूबसूरत जीवन प्रदान किया है।
हम अपने इस आर्टिकल में राष्ट्रीयता और सद्भाव के इस पावन पर्व पर कुछ कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर आजादी का सुखद एहसास तो होगा ही, साथ ही सीना फक्र से चौड़ा हो जाएगा, और देशभक्ति की भावना जागृत होगी एवं अंग्रेजों के जुल्म और अत्याचारों को सोचकर खून खौल उठेगा एवं इन कविताओं में अपने वतन की खुशबु भी मिलेगी।
Poem on Independence Day – “मेरा देश”
प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
ऐसा सितारा मेरा देश।
चांदी सोना मेरा देश,
सफ़ल सलोना मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलोँ वाला मेरा देश।
आगे जाए मेरा देश,
नित नए मुस्काएं मेरा देश।
इतिहासों में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखायें मेरा देश।
15 August Poem – “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा”
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
– श्यामलाल गुप्त पार्षद
आजादी के इस पर्व पर हम सभी भारतीयों को एकजुट होकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने एवं अपने देश को भ्रष्टाचार, रिशवतखोरी, बलात्कार, हत्या, मर्डर आदि जघन्य अपराधों से स्वतंत्रता दिलवाने का संकल्प लेना चाहिए।
इसके साथ ही अपने देश से गरीबी, बेरोजगारी को मिटाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए एवं देश में लगातार बढ़ रहा आतंकवाद को खत्म करने के लिए शपथ लेनी चाहिए और अपने तिरंगे की आन-बान शान को बरकरार रखने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने चाहिए, तभी सही मायने में हम वतन पर मिटने वाले देश के वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजली दे सकेंगे।
Independence Day Poem – “आज़ादी”
भागी परतंत्रता,
आयी स्वतंत्रता,
दिखलायी वीरता,
वीरों की ललकार,
देशभक्त की पुँकार,
आगे बढ़े तरुणाई
भारत को सजायेंगे
रक्षक हम आज़ादी के
गौरव को बढ़ायेंगे
रह्स्त्र गीत गाएंगे,
तिरंगा लहरायेंगे
Poem on Independence Day – “ऐ मेरे प्यारे वतन”
ऐ मेरे प्यारे वतन,
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुरबान
तू ही मेरी आरजू़,
तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए
उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबाँ को
जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान
माँ का दिल बनके कभी
सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं-सी बेटी
बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुरबान
छोड़ कर तेरी ज़मीं को
दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना
तेरे ज़र्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुए उस
जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल कुरबान
– प्रेम धवन
15 अगस्त के दिन सभी लोग आजादी के जश्न में डूबे रहते हैं। चारों तरफ देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण होता है। देशभक्ति के गीत और राष्ट्रगान के सुर हमारे कानों को सुनाई देते हैं, जो कि हमारी रुह को सुकून पहुंचाने वाले और देशभक्ति की भावना को जागृत करने वाले होते हैं।
वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं कविताएं आजादी का सुखद एहसास तो करवाती ही हैं, इसके साथ ही हमारे देश के वीरों और स्वतंत्रता सेनियों के संघर्षों के उन डरावने पलों की याद दिलवाती हैं, जिनके बारे में सोचकर रुह कांप जाती है एवं देश के शूरवीरों के प्रति मन में और अधिक सम्मान प्रकट होता है।
क्योंकि आज उन्हीं की बदौलत हम आजाद भारत में सुकून से जी पा रहे हैं और चैन की सांस ले रहे हैं एवं यह सोचकर बेहद फक्र महसूस होता है कि हमने शूरवीरों की ऐसी धरती पर जन्म लिया है, जिन्होंने हमारे सुकून और स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया एवं हम सभी को इस आदर्श पर्व को मनाने का मौका दिया।
यह एक बेहतरीन अवसर होता है, जब हम देश के प्रति लेख, निबंध, कविताओं, भाषण आदि के माध्यम से अपनी भावनाओं को उजागर कर सकते हैं।
15 August Poem – “भारत देश हमारा प्यारा।”
भारत देश हमारा प्यारा।
सारे विश्व में हैं न्यारा।
अलग अलग हैं यहाँ रूप रंग।
पर सभी एक सुर में गाते।
झेंडा ऊँचा रहे हमारा।
हर परदेश की अलग जुबान।
पर मिठास की उनमे शान।
अनेकता में एकता पिरोकर।
सबने मिल जुल कर देश संवारा।
लगा रहा हैं भारत सारा।
‘हम सब एक हैं’ का नारा।
हमारा भारत देश अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और शानदार विरासत के लिए पहचाना जाता है, जिसकी पहचान विविधता में एकता है। हमारे देश में बहती नदियां, पवित्र झरने, विशालकाय पेड़, सुंदर बागान, प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी को अपनी तरफ आर्कषित करती है और यहीं ठहरने का संकेत देती है।
वहीं स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व हमें अपने देश की संस्कृति और सभ्यता को सुरक्षित रखने एवं देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने की याद दिलवाता है।
वहीं इस पर्व पर लिखी गईं कविताएं हम सभी भारतीयों को अपने देश की प्रगति और विकास के लिए अपने कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि हम अपने देश को एक उन्नत देश मना सकें और पूरी दुनिया में इसे सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बना सकें।
Poem on Independence Day – “सारे जहाँ से अच्छा”
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।
गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।
– मुहम्मद इक़बाल
Independence Day Poem – “ध्वजा वंदना”
नमो, नमो, नमो।
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो!
नमो नगाधिराज – शृंग की विहारिणी!
नमो अनंत सौख्य – शक्ति – शील – धारिणी!
प्रणय – प्रसारिणी, नमो अरिष्ट – वारिणी!
नमो मनुष्य की शुभेषणा – प्रचारिणी!
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो!
हम न किसी का चाहते तनिक अहित, अपकार।
प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।
सत्य न्याय के हेतु, फहर-फहर ओ केतु
हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु
पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!
तार-तार में हैं गुँथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!
दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।
सेवक सैन्य कठोर, हम चालीस करोड़
कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर
करते तव जय गान, वीर हुए बलिदान,
अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिंदुस्तान!
प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!
कई सालों तक अंग्रेजों के अत्याचारों के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था।
देश को गुलामी की परतंत्रता से स्वतंत्रता दिलवाने के लिए वैसे तो लाखों वीरों ने त्याग और बलिदान दिया था और अपने प्राणों की बाजी लगाई थी, वहीं उन नामों में से कुछ ऐसे नाम हैं, जो इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिख दिए गए हैं।
उनमें चन्द्र शेखर आजाद, सुखदेव, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, मंगल पांडे, नाना साहब, राजगुरु, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी समेत कई नाम शामिल हैं।
यह देश के कुछ ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और शूरवीर थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने का साहस भरा था और अपने आंदोलनों से अंग्रेजों की नींदें हराम कर दी थीं।
इसके साथ ही इन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने आंदोलनों, रचनाओं और क्रांतिकारी भाषणों के माध्यम से सभी भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए आह्रावन किया था एवं समस्त भारतवासियों के अंदर अपनी क्रांतिकारी विचारधारा से अंग्रेजों के खिलाफ नफरत पैदा कर दी थी जिसके बाद सभी ने एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और इस तरह हम सभी भारतीयों को आजाद भारत में रहने का यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।
वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं कविताएं हम सभी भारतीयों के अंदर देश के प्रति प्रेम, सम्मान, निष्ठा, सोहार्द आदि का भाव पैदा करती है एवं अपने देश के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलवाती है।
इसके साथ ही अपने वतन के लिए मर मिटने वाले शूरवीरों कुर्बानियों और शहादत को याद दिलवाती है। स्वतंत्रता दिवस पर लिखी गईं इस तरह की कविताएं देश के उन सैनिकों के लिए सम्मान पैदा करती है जो दिन और रात हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तत्पर रहते हैं।
इसके अलावा हमें अपनी स्वतंत्रता का सम्मान करना और इसकी रक्षा करना भी सिखाती है। इसलिए इस पर्व पर हम सभी भारतीयों को अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेनी चाहिए और देश को आगे बढाने के लिए सैदव प्रयत्नशील रहना चाहिए तभी हमारा देश सही मायने में उन्नति कर सकेगा।
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