Bihar
भारत जैसे महान और पवित्र देश में कई सारे राज्य है। हर राज्य की अपनी अपनी खूबी है। हर राज्य की अपनी अलग पहचान है। हर राज्य की भौगोलिक स्थिति भी एक दुसरे से भिन्न है। उसी तरह से बिहार राज्य की भौगोलिक स्थिति भी सबसे अलग है।
बिहार राज्य इतिहास – History Of Bihar
बिहार राज्य प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुन्दर है। केवल प्राकृतिक दृष्टि से ही नहीं बल्की अध्यात्मिक रूप से भी बिहार को काफी अहम स्थान भी है। प्रभु श्री राम की पत्नी माता सीता का जन्म भी बिहार में ही हुआ था। सीता माता इस बिहार राज्य की राजकुमारी थी।
बिहार राज्य इतिहास काफी समृद्ध हैं। बिहार के राज्य को सभी लोग मगध के नाम से जानते थे। मगध की जो राजधानी थी उसे पाटलिपुत्र कहा जाता था। भगवान महावीर की जन्म भूमि और कर्मभूमि भी बिहार ही हैं।
करीब ईसापूर्व 7 वी और 8 वी शताब्दी में बिहार में मगध और लिच्छवी शासक ने राज्य किया था। सत्ता, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में हजारों सालों तक बिहार एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा। विशेष रूप से गुप्त के शासनकाल में बिहार राज्य हर बात में एक समृद्ध राज्य बन चूका था सुवर्ण युग का आनंद ले रहा था।
विज्ञान, गणित, धर्म, खगोल विज्ञान और भारतीय दर्शन के क्षेत्र में बिहार राज्य ने काफी सफ़लता हासिल की थी। उस समय बिहार राज्य में चारो तरफ़ समृद्धि थी और हर जगह पर शांति प्रस्थापित थी। इसी वजह से इतिहासकार बिहार के इस काल को बहुत ही समृद्ध और सफल समय मानते है। इतिहास के कुछ मिले सबूतों के आधार कहा जाता है की एक बार मुहम्मद बिन बख्तर खिलजी ने बिहार पर हमला कर दिया था और कई सारे बुद्ध धर्म के लोगो की बड़े पैमाने पर हत्या कर दी थी। उसी हमले के दौरान नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्रसिद्ध विद्यापीठ नष्ट कर दिए गए थे।
उसके बाद बिहार में शेर शाह सूरी का शासन था और उसने इस प्रदेश में कई सारे प्रदेश का पुनर्निर्माण करवाया था।
वो ऐसा राजा था जिसने देश का सबसे लम्बा रास्ता बनवाया था। उसने जो आर्थिक सुधारना की थी उसके वजह से बिहार राज्य एक बार फिर समृद्ध हुआ था। अकबर ने भी उसी तरह से बिहार का विकास किया था। इन सभी बातो का उल्लेख वेद, पुराण और महाकाव्य में भी है।
प्रसिद्ध हिंदी महाकाव्य रामायण के लेखक ऋषि वाल्मीकि भी बिहार राज्य में रहते थे। यह राज्य वही स्थान है जहापर जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर, बौद्ध धर्मं के संस्थापक भगवान बुद्ध और सिख धर्म के संस्थापक गुरु गोविन्द सिंह को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
बिहार की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सुन्दरता और पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण बिहार की जमीन को एक विशेष महत्व मिल चूका है जिसके लिए बिहार के लोगो को बिहार पर काफी गर्व है। कला, साहित्य, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में बिहार को कोई तोड़ नहीं।
बिहार की जमीन से जुडी बहुत पुराणी कहानिया आजभी सुनायी जाती है। यह एक ऐसा राज्य है जहा से एक समय में पुरे देश को चलाया जाता था और आजूबाजू के देशो पर भी राज्य किया जाता था। कई सारे महान शासक इसी बिहार की पवित्र जमीन पर बड़े हुए थे। बिहार से जुडी बहुत सारी कहानिया है जिन्हें बताने के लिए शब्द भी कम पड़ जाते है।
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